FUN-MAZA-MASTI
पापा प्लीज........27
कनक और तमाचा दोनों वापस निकल बाइक से घर की तरफ चल दिए... तमाचा रूपा के साथ हुए सीन को याद कर जोश में आहें भर रहा था अंदर ही अंदर... उसका लंड तो पैंट को फाड़ने पर उतारू हो चला था...
बाइक चलते ही कनक से बोल पड़ा,"ऐ, होटल चल रहा हूँ मैं... मेरे से सब्र नहीं हो रहा अब..."
कनक उसकी बात सुन थोड़ी सोच और गंभीर हो गई...वो कुछ देर पहले की सारी बात याद करने लगी...और वो भी अच्छी तरह समझ रही थी कि इसकी हालत कैसी हो गई होगी...आखिर उसरी भी पानी जो टपक चली थी...
पर समय की पाबंद थी इस वक्त तो ना चाहते हुए भी बोली,"प्लीज यार, सिर्फ आधे घंटे के लिए निकली थी और वैसे भी पांच मिनट ओवर हो गई है और घर पहुँचते-2..."
तमाचा,"वो सब मैं नहीं जानता...मुझे चाहिए तो चाहिए... मेरी हालत बहुत खराब है...अगर नहीं मिला तो पगला जाऊंगा..."तमाचा कनक की बात काट अपनी सफाई दे दी...
कनक,"मालूम है पर तुम ही बताओ...मम्मी को क्या जवाब दूंगी और अब पापा भी आ गए होंगे...कल सुबह जब कहोगे आ जाऊंगी.."
तमाचा,"शाली तो लंड क्यों खड़ा की...भोसड़ी जैसे हो पर इसको शांत कर नहीं तो यहीं सड़क पे चोद दूँगा..."
कनक तमाचा की बात पर कुछ चुप रही और फिर बोली,"चल पहले घर पहुँचती हूँ फिर कुछ सोचती हूँ..."
तमाचा,"बेवकूफ समझती है क्या...मादरचोद तू घर में घुस गई तो फिर वापस निकलेगी क्या? वो सब नहीं होगा...चल होटल या फिर तू बता कोई जगह..."
कनक उसकी बात से बेरूखी सुर में बरसी,"क्या यार...प्रॉमिश कह रही आऊंगी... बस एक बार मम्मी के सामने जाना जरूरी है... अगर नहीं आई तो कल मिलूंगी तो जो मर्जी कर लेना,मना नहीं करूंगी...प्लीज कम से कम ये बात मानो..."
तमाचा कनक से भली भाँति परिचित था तो वो बात मानने में ही ठीक समझा...बस अपनी प्रतिक्रिया बाइक की तेजी दिखाकर कनक को बता दिया... कनक हल्के से थैंक्स कहती हुई तमाचे से चिपक गई...
रात की वजह से सब अपने अपने घर में बंद थे...तमाचा सीधा कनक के घर के समीप बाइक रोका...कनक उतरी और "कॉल करती हूँ"कह तेजी से अंदर चल दी...
तमाचा भी बाइक से उतरा और वहीँ खड़ा रह इधर उधर देखने लगा... कोई पाँच मिनट में कनक एक बार फिर तमाचे के पास थी...कनक तमाचे का हाथ पकड़ी और अंदर कैम्पस में कर ली...
तमाचा ऐसे खुद को ले जाते देख कनक से धीमे स्वर में पूछा,"हे,मम्मी पापा नहीं है क्या..."
कनक उसे ले छत की तरफ सरपट भागती हुई बोली,"दोनों है, पापा आज ओवर पिए हुए हैं...कहीं पार्टी से आए हैं...मम्मी को बोल दी मुझे बदबू आ रही है... मैं छत पर हूँ...खाना बन जाए तो आवाज दे देना..."
तमाचा मामले को रिस्क में पड़ा देख बोल पड़ा,"अगर मम्मी आवाज ना दे छत पर आ गई तो..."
कनक,"नहीं आएगी...उनको सीढ़ी चढ़ने में प्रॉब्लम है...सांस फूलने लगती है...अब मुंह बंद करो और चलो जल्दी..."
तमाचा हल्के से मुस्कुराता हुआ कनक के साथ छत पर आ गया...खुले आसमान के नीचे... ऊपर पहुंचते ही कनक तमाचे से लिपट गई और अपने होंठ तमाचे के होंठ से सटा दी...
तमाचे भी कनक को कस के जकड़ता हुआ किस को डीप किस में तब्दील कर दिया...अपनी जीभ को कनक के अंदर दाखिल कर चलाने लगा...कनक भी तमाचे की जीभ को होंठो से दबा चुभलाती,चूसती,छोड़ती...
कुछ ही पलों में दोनों हाँफने लगे...किस टूट गई थी... समय ना गंवाते हुए तमाचा कनक की समीज पकड़ ऊपर करना शुरू कर दिया...कनक भी साथ दे दी और अगले ही पल वो सिर्फ ब्रॉ में थी...कनक हाथ पीछे कर बालों से पिन निकाल दी और सर को हिलाती हवा में ही सभी बालों को एडजस्ट कर ली...
तबतक तमाचा कनक की एक चुची पकड़ ब्रॉ के ऊपर से ही दूसरी चुची पर मुंह लगा दिया...कनक ये देखते ही तमाचे की पीठ पर एक चपत लगाती हुई बोली,"शाले, ब्रॉ गीली करेगा क्या...चल छोड़,खोल रही हूँ..."
कनक ब्रॉ की हुक खोल दी और तमाचा कनक की ब्रॉ पकड़ नीचे छोड़ दिया...तमाचा एक बार फिर नंगी चुची पर टूट पड़ा...अब वो पूरे ताव में था... पल भर में ही तोड़ मरोड़ कर कुचल सा दिया...कनक दर्द से बिफर पड़ी पर वो तमाचे के सर पकड़ और चूसने को कह रही थी...
तमाचा कनक की दोनों चुची निचोरने के बाद नीचे बढ़ने लगा और नाभि के पास पहुँच हल्की सी बाइट कर दी...कनक सिसक सी गई और तमाचे के बाल जोर से पकड़ और दबा दी...
जीभ से चुभला रस चूसने के बाद तमाचा खड़ा हुआ और अपना पैंट खोलने लगा...कुछ ही पल में काला नाग कनक के हाथ में थी...कनक उसे आगे पीछे करती घुटने के बल बैठ गई और अगले ही पल मुंह खोलती आधे से ज्यादा लंड घोंट गई...
तमाचे के पांव कनक की रसमयी मुख की गरमी पाते ही थड़थड़ा गया...वो अगले ही पल कनक के बालों को पकड़ झटके से अलग किया और कनक को वापस खड़ा कर दिया... कनक आश्चर्य से भर गई कि क्या हो गया इसे...
जवाब तुरंत मिल गया...तमाचा पीछे होता हुआ रेलिंग के सहारे जा टिका और अगले ही तेजी से कनक को बैठाया और अपना लंड कनक के मुँह में ठूँस दिया... कनक ऊबक सी गई और हिचकी लेने गई...औकात से ज्यादा जो अंदर चली गई थी...
पर तमाचा तो तमाचा ठहरा...उसे भला इन सब की क्या परवाह...वो दोनों हाथ से कनक के सर को दबोचा और लगा रौंदने... कनक गूँ-गूँ करती जा रही थी और दोनों हाथ से तमाचे के जांघों को दूर करने की कोशिश कर रही थी...
पर तमाचा तो पहले ही दीवाल से जा सटा था... जिससे कनक की प्रयास शत प्रतिशत विफल हो रही थी... तमाचे के मुख से वासना की आवाजें साफ सुनाई दे रही थी... वो खुले आसमान की तरफ मुंह कर आहें भर रहा था...
कनक की हालत बदतर होती जा रही थी... उसकी मुँह बिल्कुल बूर की तरह हो चली थी... जैसे बूर में लंड पेलते वक्त उससे पानी की धार बहती रहती है,ठीक उसी तरह उसके मुंह से ढ़ेर सारी लार,थूक बह रही थी...
तमाचा के लिए अब सब्र करना मुश्किल हो चला था... वो ऐन वक्त पर कल्टी मारा और अपना लंड कनक के मुंह से बाहर खींच लिया... कनक के गले से लंड निकलते ही वो खांसती हुई हांफ रही थी...
तमाचे एक पल भी रूकना नहीं चाहा और कनक को उसी अवस्था में जबरदस्ती खड़ा किया और उसकी सलवार खोलने लगा...कनक किसी तरह की विरोध करने की इच्छुक नहीं थी... तमाचे की दरिंदगी से वो कई बार परिचित थी...
तमाचा सलवार खोलने के तत्क्षण भींगी पेंटी को नीचे करता हुआ बोला,"मादरचोद, आज तेरी गांड मारूंगा... कभी मारने नहीं दी है..."
कनक आँखें दिखाती हुई बोली,"कमीने, आग बूर में लगाई है और मारोगे गांड़...चुपचाप आगे पेल...पीछे दर्द भी काफी होगी...पहली बार आठइंची पीछे नहीं लूंगी..."
तमाचा कनक को नंगी कर पीछे घुमा कर झुकाते हुए बोला,"रंडी चुपचाप ले ले...आराम से लूंगा... नहीं तो उठा के नीचे ले जाऊंगा और तेरे पियक्कड़ बाप के बगल में लिटा के चोदूँगा...समझी..."
कनक तमाचे की बात सुन लाल पीली सी आँख करती हुई बोली,"माधरचोद कहीं का... बाप का नाम मत लेना अभी से नहीं तो यहीं खून पी जाऊंगी..."
तमाचा कनक को कमर के ऊपर पूरी तरह झुका दिया जिससे कनक के दोनों हाथ जमीन पर टिक गए... तमाचे कनक को गुस्से में आते देख हल्के से मुस्काया और कनक की कमर को पकड़ अपना लंड उसकी बूर पर रगड़ते हुए बोला,"क्यों, डर लग रहा है क्या कि कहीं बाप नंगी देखा तो चोद ना दे..."
लंड अपनी बूर पर महसूस कर कनक सिसक पड़ी नीचे... सिसकती हुई कनक बोली,"कुत्ते, नंगी लड़की देख कौन रूकेगा...अब प्लीज डाल दो ना...मर रही हूँ...ऊफ्फ्फ्फ..."
तमाचा अब भी सुपाड़ा घिस रहा था...तमाचा कनक की बेसब्री देख कुछ रहम करता हुआ हल्का दबाव बनाता हुआ सुपाड़ा अंदर प्रविष्ट कर दिया... मोटा सुपाड़ा अंदर जाते ही कनक ईस्स्स्स्स्स कर पड़ी...
तमाचा कनक की कमर पर और पकड़ बना बोला,"तो कनक डॉर्लिंग, अभी बाप के पास ले चलूँ या बाद में..." कनक इस वक्त मछली की तरह मचल रही थी...वो जल्द से जल्द तृप्त होना चाहती थी...
कनक,"शाले, क्या बाप बाप लगा रखा है...अभी तू चोद बाद में जिसके पास कहेगा चलूंगी..." कनक गुस्से और वासना में पागल हो रही थी... जबकि तमाचे को ऐसे खेल में काफी आनंद आता था...
तमाचा ने हल्की हंसी हंसा और कमर को पकड़ करारा शॉट दे मारा... आठ इंची नाग दनदनाता हुआ कनक की बूर को भेदता छः इंच तक अंदर दाखिल हो गया... कनक की चीख निकलते निकलते बच गई या फिर कनक चीख को निकलने नहीं दी...
कनक थड़ थड़ कांपने लगी थी और दर्द से सुबकने लगी थी... वो छूटने की भरकस प्रयास कर रही थी पर तमाचे की नजबूत पकड़ एक इंच भी हिलने नहीं दे रहा था...वो बस सर को इधर उधर कर रह गई...
कुछ पल में जब कनक शांत हुई तो तमाचा बोला,"लगता है आजकल रंडी खाली खाली जा रही है...क्यों सच है ना?" कनक अभी भी दर्द महसूस कर रही थी...फिर भी बोली...
कनक,"हाँ अपने टाइप का कोई जल्दी मिलता नहीं है ना...सब चिपकू ही मिल रहे हैं और प्यार व्यार मैं कर नहीं सकती..."
तमाचा कनक की बात से खिलखिलाता हुआ अपना लंड सुपाड़ा छोड़ पूरा निकाल लिया और हमच के एक और शॉट मारा...अबकी बार पूरा आठ इंची कनक की बूर में उतर गया... कनक के मुख से एक भाप का गोला बाहर को निकल गई...जितनी जगह लंड लिया उतनी हवा बाहर...
तमाचे कनक की छटपटाहट देख बोला,"तेरी मां की चूत मारूँ शाली... पहले डाल डाल चिल्ला रही थी और जब डाला तो छटपटा क्यों रही हो..."
कनक लगभग रोते हुए सिसक के बोली,"शाले तेरा लंड रहता तब ना...तू तो गदहे वाला रखे हुए है तो फटेगी ही ना...प्लीज थोड़ा सा बाहर कर लो ना...ईस्स्स्स...ऊफ्फ्फ्फ..."
तमाचे अपने आदतन तपाक से जवाब दिया,"अपनी मां की बूर दिलवाएगी फिर निकालता हूँ..." कनक तो गुस्से से भर गई पर इस वक्त क्या कर सकती थी...बस दो चार गाली के सिवाए...
कुछ ही देर में कनक की दर्द काफी कम हो गई तो मंद मंद अपनी कमर नचाने लगी...तमाचा समझ गया कि अब सब ठीक है... वो अपने लंड को थोड़ा बाहर निकाला और फिर वापस...कनक के मुख से ओहह निकल गई...
पर अब तमाचा रूका नहीं...थोड़ा और बाहर और वापस जड़ तक...तमाचा धीरे धीरे पूरा लंड अंदर बाहर करने में लगा था...कनक हर एक शॉट पर ओहहह,उफ्फ्फ,आहहह कर रही थी...
कुछ ही पल में तमाचा पूरा लंड अंदर बाहर कर कनक की बजाने लगा...बीच बीच में थप्प थप्प चूतड़ भी बजा रहा था... कनक के बाल हर धक्के से छत की सतह को बटोर रही थी और चुची थिरक रही थी...
अचानक कनक चिल्लाती हुई बिफरी.. कनक,"वहाँ..आ...नहीँ...ई..ई...कुत्ते..ए..ए...निकाल उंगलीईई...बाहरऽरऽरऽ...."तमाचा अपनी एक उंगली गीली कर सीधा कनक की गांड़ में घुसेड़ दिया था जड़ तक...
पर तमाचे पर कोई असर नहीं... वो चुपचाप अपनी स्पीड बढ़ा कनक को चुप कर दिया और उंगली से गांड़ के अंदर कुरदने लगा...कभी वो उंगली को गोल गोल नचा छेद बड़ी करने में लगा था... कनक दोहरी मार से और तड़प गई...
कनक की सहनशक्ति जवाब देने लग गई...वो पल पल छूटने की कोशिश कर रही थी... वहीं तमाचा पूरे दमखम से पेले जा रहा था... अगले ही पल कनक चीत्कार करती हुई कांपने लग गई...
कनक की बूर से नदी बहने लगी जो छत को भिंगोने लगी...कनक बेहोश सी हो गई पर तमाचे पूरी ताकत से लगभग उठाए था... कनक झड़ रही थी साथ में तमाचा फच्च फच्च की आवाज से ठोके जा रहा था... कनक जब झड़ गई तो उसकी बूर तमाचे के लंड को पकड़ छोड़ कर रही थी...
तमाचा अभी नहीं झड़ा था... वो अब और तेजी से से फचाक-२ की ध्वनि उत्पन्न कर रहा था... कनक कुछ देर तक हाँफती रही फिर जब नॉर्मल हुई तो सर को घुमा कर तमाचे की तरफ की...
चांद की रोशनी में चेहरा तो स्पष्ट नहीं मालूम पड़ रही थी पर तमाचे को आभास जरूर हुई कि वो मेरी तरफ देख रही है...तमाचे धक्के को और तेज करते हुए बोला,"बोल मादरचोद, पेट से कर दूँ..."
कनक,"नहीं... बाहर गिराना..."कनक एक शब्दों में ही जवाब दे वापस सीधी हो गई... इस अवस्था में ज्यादा देर तक मुड़ नहीं सकती थी... तमाचा की रफ्तार और बढ़ गई...वो अब मंजिल की तरफ बढ़ रहा था...
अगले कुछ हिला कर शॉट मारने के बाद तमाचा अपना लंड तेजी से बाहर कर लिया...वो सिसकते हुए तेज गति से बोला,"जल्दी मुँह खोल भोसड़ी...."
कनक छूटते ही थोड़ी लड़खड़ाई पर जल्द ही संभलती हुई पलटी और घुटनों के बल तमाचे के पैर के पास बैठ मुंह खोल दी... तमाचे सट से लंड पेल दिया और बूर में पेलने की गति से ही पेलने लग गया...
दो चार धक्कों में ही तमाचा चीख पड़ा और लंड से रस बरसाने लगा...कनक की आँखें रस पाते ही स्वतः बंद हो गई और आनंद हो रस पान करने लगी... तमाचा झटके लेते हुए कनक के गले को तर कर रहा था...
तमाचा ढ़ेर सारा वीर्य छोड़ा जिसे कनक कई घूंटों में पी सकी... आखिर दिन से ही स्टॉक किए जो था... सारा रस निचोड़ने के बाद भी कनक नहीं हटी और मुरझाए लंड को चुभलाती बाकी बची रस को चाटने लगी...
तमाचा कनक की इस अदा से घायल सा हो गया और उसने अपने हाथों से कनक के गालों को सहलाते हुए बोला,"आहहह मेरी रानी...दिल खुशकर दी आज..."
कनक हल्की मुस्काती हुई आखिरी चुप्पे लगाई और लंड को छोड़ खड़ी होती हुई बोली,"शाले फिर भी कितना दर्द दिया...शर्म नहीं आती बोलते..."
तमाचा कुछ देर पहले की बात याद कर हंसते हुए बोला,"तुम हो ही इतनी गरम माल कि सब्र नहीं होता... " कनक तमाचे को बीच में ही चुप करती हुई बोली...
कनक,"चल अब जल्दी निकल... मम्मी अभी तक आवाज नहीं दी है,अब कभी भी दे सकती है..." कनक अपनी बात कहती हुई कपड़े पहनने लगी... तमाचे भी पैंट को ढ़ंग से पहन रहा था...
तमाचा,"हे, कल दिन में आना मेरे रूम पर...पिछवाड़ा लेना है..."
कनक उसकी बात सुन हंसती हुई बोली,"कतई नहीं...तुम बेरहम बन जाते हो...अगर फट गई तो घर कैसे आऊंगी..."
तमाचा,"आराम से करूँगा यार...क्रीम लगा के..."
कनक,"जरूरत नहीं..अब निकलो...बाकी बातें फोन पर करना..."कनक तमाचे को लगभग धकेलती हुई सीढ़ी की तरफ कर दी...
तमाचा हंसता हुआ "कल आना, इंतजार करूँगा मैं.." कहता हुआ नीचे बढ़ने लगा... कनक भी साथ आई... तमाचा को बाय कह कनक वापस रूम में घुस गई... तमाचा भी बाइक स्टॉर्ट किया और निकल पड़ा...
कनक अपने रूम में घुसते ही पहले तो बाथरूम गई... फिर फ्रेश होने के बाद निकली तो मम्मी खाने के लिए आवाज दे दी... कनक भी खाना खाने चल दी... खाना पीना होने के बाद कनक फोन निकाली और ऑडियो क्लिप सुनने लग गई...
जब कनक की समझ में नहीं आई तो उसने तमाचे को फोन घुमाई...तमाचा का फोन बिजी था... कनक कुछ देर वेट कर आवाज को हर किसी से मैच करवा रही थी मन ही मन, पर उसके जानकार व्यक्ति में से किसी की मैच नहीं हो रही थी...
कुछ ही पलों में तमाचा का फोन आ गया... कनक फुर्ती से रिसीव की और हैलो की... तमाचा हैलो सुनते ही बोलने लगा,"बहन की लौड़ी, एक घंटा पहले ही तो तेरी बूर फाड़ा था तो इतनी जल्दी फिर से कैसे खुजली मच रही है..."
कनक तमाचे की स्वभाव जानती थी...वो उसकी बात का जवाब एक छोटी हंसी के साथ दी और बोली,"ऑडियो सुना...?"
तमाचा,"हाँ सुना... पर अभी कुछ मालूम नहीं चला... शाला फोटो तो रंग बिरंगी है... साली रूपा तो देख के पनिया गई होगी यार..."
कनक,"हाँ, मुझे भी नहीं मालूम पड़ी... हे उसकी फेसबुक आईडी नहीं दी तुम्हें, चाहिए तो बोलो..."
तमाचा,"हाँ सजेस्ट कर देना...मैं एड तो हूँ ही...अभी उधर ही मिलते हैं चल..."
कनक,"हाँ ठीक है फिर...रूपा को भी बुलाती हूँ..."
तमाचा आश्चर्य से पूछा,"भोसड़ी रूपा तो नहीं थी ना पहले..."
कनक,"नहीं, आज ही आईडी बनाई है..."
तमाचा हामी भरता हुआ बोला,"हम्म्म्म...ग्रुप में लेना...वहीं चोदूँगा शाली को..."
कनक हंसती हुई बोली,"चोद लेना...चल बॉय..फेसबुक पर मिलती हूँ..."
तमाचा भी बॉय कह फोन रख दिया..
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पापा प्लीज........27
कनक और तमाचा दोनों वापस निकल बाइक से घर की तरफ चल दिए... तमाचा रूपा के साथ हुए सीन को याद कर जोश में आहें भर रहा था अंदर ही अंदर... उसका लंड तो पैंट को फाड़ने पर उतारू हो चला था...
बाइक चलते ही कनक से बोल पड़ा,"ऐ, होटल चल रहा हूँ मैं... मेरे से सब्र नहीं हो रहा अब..."
कनक उसकी बात सुन थोड़ी सोच और गंभीर हो गई...वो कुछ देर पहले की सारी बात याद करने लगी...और वो भी अच्छी तरह समझ रही थी कि इसकी हालत कैसी हो गई होगी...आखिर उसरी भी पानी जो टपक चली थी...
पर समय की पाबंद थी इस वक्त तो ना चाहते हुए भी बोली,"प्लीज यार, सिर्फ आधे घंटे के लिए निकली थी और वैसे भी पांच मिनट ओवर हो गई है और घर पहुँचते-2..."
तमाचा,"वो सब मैं नहीं जानता...मुझे चाहिए तो चाहिए... मेरी हालत बहुत खराब है...अगर नहीं मिला तो पगला जाऊंगा..."तमाचा कनक की बात काट अपनी सफाई दे दी...
कनक,"मालूम है पर तुम ही बताओ...मम्मी को क्या जवाब दूंगी और अब पापा भी आ गए होंगे...कल सुबह जब कहोगे आ जाऊंगी.."
तमाचा,"शाली तो लंड क्यों खड़ा की...भोसड़ी जैसे हो पर इसको शांत कर नहीं तो यहीं सड़क पे चोद दूँगा..."
कनक तमाचा की बात पर कुछ चुप रही और फिर बोली,"चल पहले घर पहुँचती हूँ फिर कुछ सोचती हूँ..."
तमाचा,"बेवकूफ समझती है क्या...मादरचोद तू घर में घुस गई तो फिर वापस निकलेगी क्या? वो सब नहीं होगा...चल होटल या फिर तू बता कोई जगह..."
कनक उसकी बात से बेरूखी सुर में बरसी,"क्या यार...प्रॉमिश कह रही आऊंगी... बस एक बार मम्मी के सामने जाना जरूरी है... अगर नहीं आई तो कल मिलूंगी तो जो मर्जी कर लेना,मना नहीं करूंगी...प्लीज कम से कम ये बात मानो..."
तमाचा कनक से भली भाँति परिचित था तो वो बात मानने में ही ठीक समझा...बस अपनी प्रतिक्रिया बाइक की तेजी दिखाकर कनक को बता दिया... कनक हल्के से थैंक्स कहती हुई तमाचे से चिपक गई...
रात की वजह से सब अपने अपने घर में बंद थे...तमाचा सीधा कनक के घर के समीप बाइक रोका...कनक उतरी और "कॉल करती हूँ"कह तेजी से अंदर चल दी...
तमाचा भी बाइक से उतरा और वहीँ खड़ा रह इधर उधर देखने लगा... कोई पाँच मिनट में कनक एक बार फिर तमाचे के पास थी...कनक तमाचे का हाथ पकड़ी और अंदर कैम्पस में कर ली...
तमाचा ऐसे खुद को ले जाते देख कनक से धीमे स्वर में पूछा,"हे,मम्मी पापा नहीं है क्या..."
कनक उसे ले छत की तरफ सरपट भागती हुई बोली,"दोनों है, पापा आज ओवर पिए हुए हैं...कहीं पार्टी से आए हैं...मम्मी को बोल दी मुझे बदबू आ रही है... मैं छत पर हूँ...खाना बन जाए तो आवाज दे देना..."
तमाचा मामले को रिस्क में पड़ा देख बोल पड़ा,"अगर मम्मी आवाज ना दे छत पर आ गई तो..."
कनक,"नहीं आएगी...उनको सीढ़ी चढ़ने में प्रॉब्लम है...सांस फूलने लगती है...अब मुंह बंद करो और चलो जल्दी..."
तमाचा हल्के से मुस्कुराता हुआ कनक के साथ छत पर आ गया...खुले आसमान के नीचे... ऊपर पहुंचते ही कनक तमाचे से लिपट गई और अपने होंठ तमाचे के होंठ से सटा दी...
तमाचे भी कनक को कस के जकड़ता हुआ किस को डीप किस में तब्दील कर दिया...अपनी जीभ को कनक के अंदर दाखिल कर चलाने लगा...कनक भी तमाचे की जीभ को होंठो से दबा चुभलाती,चूसती,छोड़ती...
कुछ ही पलों में दोनों हाँफने लगे...किस टूट गई थी... समय ना गंवाते हुए तमाचा कनक की समीज पकड़ ऊपर करना शुरू कर दिया...कनक भी साथ दे दी और अगले ही पल वो सिर्फ ब्रॉ में थी...कनक हाथ पीछे कर बालों से पिन निकाल दी और सर को हिलाती हवा में ही सभी बालों को एडजस्ट कर ली...
तबतक तमाचा कनक की एक चुची पकड़ ब्रॉ के ऊपर से ही दूसरी चुची पर मुंह लगा दिया...कनक ये देखते ही तमाचे की पीठ पर एक चपत लगाती हुई बोली,"शाले, ब्रॉ गीली करेगा क्या...चल छोड़,खोल रही हूँ..."
कनक ब्रॉ की हुक खोल दी और तमाचा कनक की ब्रॉ पकड़ नीचे छोड़ दिया...तमाचा एक बार फिर नंगी चुची पर टूट पड़ा...अब वो पूरे ताव में था... पल भर में ही तोड़ मरोड़ कर कुचल सा दिया...कनक दर्द से बिफर पड़ी पर वो तमाचे के सर पकड़ और चूसने को कह रही थी...
तमाचा कनक की दोनों चुची निचोरने के बाद नीचे बढ़ने लगा और नाभि के पास पहुँच हल्की सी बाइट कर दी...कनक सिसक सी गई और तमाचे के बाल जोर से पकड़ और दबा दी...
जीभ से चुभला रस चूसने के बाद तमाचा खड़ा हुआ और अपना पैंट खोलने लगा...कुछ ही पल में काला नाग कनक के हाथ में थी...कनक उसे आगे पीछे करती घुटने के बल बैठ गई और अगले ही पल मुंह खोलती आधे से ज्यादा लंड घोंट गई...
तमाचे के पांव कनक की रसमयी मुख की गरमी पाते ही थड़थड़ा गया...वो अगले ही पल कनक के बालों को पकड़ झटके से अलग किया और कनक को वापस खड़ा कर दिया... कनक आश्चर्य से भर गई कि क्या हो गया इसे...
जवाब तुरंत मिल गया...तमाचा पीछे होता हुआ रेलिंग के सहारे जा टिका और अगले ही तेजी से कनक को बैठाया और अपना लंड कनक के मुँह में ठूँस दिया... कनक ऊबक सी गई और हिचकी लेने गई...औकात से ज्यादा जो अंदर चली गई थी...
पर तमाचा तो तमाचा ठहरा...उसे भला इन सब की क्या परवाह...वो दोनों हाथ से कनक के सर को दबोचा और लगा रौंदने... कनक गूँ-गूँ करती जा रही थी और दोनों हाथ से तमाचे के जांघों को दूर करने की कोशिश कर रही थी...
पर तमाचा तो पहले ही दीवाल से जा सटा था... जिससे कनक की प्रयास शत प्रतिशत विफल हो रही थी... तमाचे के मुख से वासना की आवाजें साफ सुनाई दे रही थी... वो खुले आसमान की तरफ मुंह कर आहें भर रहा था...
कनक की हालत बदतर होती जा रही थी... उसकी मुँह बिल्कुल बूर की तरह हो चली थी... जैसे बूर में लंड पेलते वक्त उससे पानी की धार बहती रहती है,ठीक उसी तरह उसके मुंह से ढ़ेर सारी लार,थूक बह रही थी...
तमाचा के लिए अब सब्र करना मुश्किल हो चला था... वो ऐन वक्त पर कल्टी मारा और अपना लंड कनक के मुंह से बाहर खींच लिया... कनक के गले से लंड निकलते ही वो खांसती हुई हांफ रही थी...
तमाचे एक पल भी रूकना नहीं चाहा और कनक को उसी अवस्था में जबरदस्ती खड़ा किया और उसकी सलवार खोलने लगा...कनक किसी तरह की विरोध करने की इच्छुक नहीं थी... तमाचे की दरिंदगी से वो कई बार परिचित थी...
तमाचा सलवार खोलने के तत्क्षण भींगी पेंटी को नीचे करता हुआ बोला,"मादरचोद, आज तेरी गांड मारूंगा... कभी मारने नहीं दी है..."
कनक आँखें दिखाती हुई बोली,"कमीने, आग बूर में लगाई है और मारोगे गांड़...चुपचाप आगे पेल...पीछे दर्द भी काफी होगी...पहली बार आठइंची पीछे नहीं लूंगी..."
तमाचा कनक को नंगी कर पीछे घुमा कर झुकाते हुए बोला,"रंडी चुपचाप ले ले...आराम से लूंगा... नहीं तो उठा के नीचे ले जाऊंगा और तेरे पियक्कड़ बाप के बगल में लिटा के चोदूँगा...समझी..."
कनक तमाचे की बात सुन लाल पीली सी आँख करती हुई बोली,"माधरचोद कहीं का... बाप का नाम मत लेना अभी से नहीं तो यहीं खून पी जाऊंगी..."
तमाचा कनक को कमर के ऊपर पूरी तरह झुका दिया जिससे कनक के दोनों हाथ जमीन पर टिक गए... तमाचे कनक को गुस्से में आते देख हल्के से मुस्काया और कनक की कमर को पकड़ अपना लंड उसकी बूर पर रगड़ते हुए बोला,"क्यों, डर लग रहा है क्या कि कहीं बाप नंगी देखा तो चोद ना दे..."
लंड अपनी बूर पर महसूस कर कनक सिसक पड़ी नीचे... सिसकती हुई कनक बोली,"कुत्ते, नंगी लड़की देख कौन रूकेगा...अब प्लीज डाल दो ना...मर रही हूँ...ऊफ्फ्फ्फ..."
तमाचा अब भी सुपाड़ा घिस रहा था...तमाचा कनक की बेसब्री देख कुछ रहम करता हुआ हल्का दबाव बनाता हुआ सुपाड़ा अंदर प्रविष्ट कर दिया... मोटा सुपाड़ा अंदर जाते ही कनक ईस्स्स्स्स्स कर पड़ी...
तमाचा कनक की कमर पर और पकड़ बना बोला,"तो कनक डॉर्लिंग, अभी बाप के पास ले चलूँ या बाद में..." कनक इस वक्त मछली की तरह मचल रही थी...वो जल्द से जल्द तृप्त होना चाहती थी...
कनक,"शाले, क्या बाप बाप लगा रखा है...अभी तू चोद बाद में जिसके पास कहेगा चलूंगी..." कनक गुस्से और वासना में पागल हो रही थी... जबकि तमाचे को ऐसे खेल में काफी आनंद आता था...
तमाचा ने हल्की हंसी हंसा और कमर को पकड़ करारा शॉट दे मारा... आठ इंची नाग दनदनाता हुआ कनक की बूर को भेदता छः इंच तक अंदर दाखिल हो गया... कनक की चीख निकलते निकलते बच गई या फिर कनक चीख को निकलने नहीं दी...
कनक थड़ थड़ कांपने लगी थी और दर्द से सुबकने लगी थी... वो छूटने की भरकस प्रयास कर रही थी पर तमाचे की नजबूत पकड़ एक इंच भी हिलने नहीं दे रहा था...वो बस सर को इधर उधर कर रह गई...
कुछ पल में जब कनक शांत हुई तो तमाचा बोला,"लगता है आजकल रंडी खाली खाली जा रही है...क्यों सच है ना?" कनक अभी भी दर्द महसूस कर रही थी...फिर भी बोली...
कनक,"हाँ अपने टाइप का कोई जल्दी मिलता नहीं है ना...सब चिपकू ही मिल रहे हैं और प्यार व्यार मैं कर नहीं सकती..."
तमाचा कनक की बात से खिलखिलाता हुआ अपना लंड सुपाड़ा छोड़ पूरा निकाल लिया और हमच के एक और शॉट मारा...अबकी बार पूरा आठ इंची कनक की बूर में उतर गया... कनक के मुख से एक भाप का गोला बाहर को निकल गई...जितनी जगह लंड लिया उतनी हवा बाहर...
तमाचे कनक की छटपटाहट देख बोला,"तेरी मां की चूत मारूँ शाली... पहले डाल डाल चिल्ला रही थी और जब डाला तो छटपटा क्यों रही हो..."
कनक लगभग रोते हुए सिसक के बोली,"शाले तेरा लंड रहता तब ना...तू तो गदहे वाला रखे हुए है तो फटेगी ही ना...प्लीज थोड़ा सा बाहर कर लो ना...ईस्स्स्स...ऊफ्फ्फ्फ..."
तमाचे अपने आदतन तपाक से जवाब दिया,"अपनी मां की बूर दिलवाएगी फिर निकालता हूँ..." कनक तो गुस्से से भर गई पर इस वक्त क्या कर सकती थी...बस दो चार गाली के सिवाए...
कुछ ही देर में कनक की दर्द काफी कम हो गई तो मंद मंद अपनी कमर नचाने लगी...तमाचा समझ गया कि अब सब ठीक है... वो अपने लंड को थोड़ा बाहर निकाला और फिर वापस...कनक के मुख से ओहह निकल गई...
पर अब तमाचा रूका नहीं...थोड़ा और बाहर और वापस जड़ तक...तमाचा धीरे धीरे पूरा लंड अंदर बाहर करने में लगा था...कनक हर एक शॉट पर ओहहह,उफ्फ्फ,आहहह कर रही थी...
कुछ ही पल में तमाचा पूरा लंड अंदर बाहर कर कनक की बजाने लगा...बीच बीच में थप्प थप्प चूतड़ भी बजा रहा था... कनक के बाल हर धक्के से छत की सतह को बटोर रही थी और चुची थिरक रही थी...
अचानक कनक चिल्लाती हुई बिफरी.. कनक,"वहाँ..आ...नहीँ...ई..ई...कुत्ते..ए..ए...निकाल उंगलीईई...बाहरऽरऽरऽ...."तमाचा अपनी एक उंगली गीली कर सीधा कनक की गांड़ में घुसेड़ दिया था जड़ तक...
पर तमाचे पर कोई असर नहीं... वो चुपचाप अपनी स्पीड बढ़ा कनक को चुप कर दिया और उंगली से गांड़ के अंदर कुरदने लगा...कभी वो उंगली को गोल गोल नचा छेद बड़ी करने में लगा था... कनक दोहरी मार से और तड़प गई...
कनक की सहनशक्ति जवाब देने लग गई...वो पल पल छूटने की कोशिश कर रही थी... वहीं तमाचा पूरे दमखम से पेले जा रहा था... अगले ही पल कनक चीत्कार करती हुई कांपने लग गई...
कनक की बूर से नदी बहने लगी जो छत को भिंगोने लगी...कनक बेहोश सी हो गई पर तमाचे पूरी ताकत से लगभग उठाए था... कनक झड़ रही थी साथ में तमाचा फच्च फच्च की आवाज से ठोके जा रहा था... कनक जब झड़ गई तो उसकी बूर तमाचे के लंड को पकड़ छोड़ कर रही थी...
तमाचा अभी नहीं झड़ा था... वो अब और तेजी से से फचाक-२ की ध्वनि उत्पन्न कर रहा था... कनक कुछ देर तक हाँफती रही फिर जब नॉर्मल हुई तो सर को घुमा कर तमाचे की तरफ की...
चांद की रोशनी में चेहरा तो स्पष्ट नहीं मालूम पड़ रही थी पर तमाचे को आभास जरूर हुई कि वो मेरी तरफ देख रही है...तमाचे धक्के को और तेज करते हुए बोला,"बोल मादरचोद, पेट से कर दूँ..."
कनक,"नहीं... बाहर गिराना..."कनक एक शब्दों में ही जवाब दे वापस सीधी हो गई... इस अवस्था में ज्यादा देर तक मुड़ नहीं सकती थी... तमाचा की रफ्तार और बढ़ गई...वो अब मंजिल की तरफ बढ़ रहा था...
अगले कुछ हिला कर शॉट मारने के बाद तमाचा अपना लंड तेजी से बाहर कर लिया...वो सिसकते हुए तेज गति से बोला,"जल्दी मुँह खोल भोसड़ी...."
कनक छूटते ही थोड़ी लड़खड़ाई पर जल्द ही संभलती हुई पलटी और घुटनों के बल तमाचे के पैर के पास बैठ मुंह खोल दी... तमाचे सट से लंड पेल दिया और बूर में पेलने की गति से ही पेलने लग गया...
दो चार धक्कों में ही तमाचा चीख पड़ा और लंड से रस बरसाने लगा...कनक की आँखें रस पाते ही स्वतः बंद हो गई और आनंद हो रस पान करने लगी... तमाचा झटके लेते हुए कनक के गले को तर कर रहा था...
तमाचा ढ़ेर सारा वीर्य छोड़ा जिसे कनक कई घूंटों में पी सकी... आखिर दिन से ही स्टॉक किए जो था... सारा रस निचोड़ने के बाद भी कनक नहीं हटी और मुरझाए लंड को चुभलाती बाकी बची रस को चाटने लगी...
तमाचा कनक की इस अदा से घायल सा हो गया और उसने अपने हाथों से कनक के गालों को सहलाते हुए बोला,"आहहह मेरी रानी...दिल खुशकर दी आज..."
कनक हल्की मुस्काती हुई आखिरी चुप्पे लगाई और लंड को छोड़ खड़ी होती हुई बोली,"शाले फिर भी कितना दर्द दिया...शर्म नहीं आती बोलते..."
तमाचा कुछ देर पहले की बात याद कर हंसते हुए बोला,"तुम हो ही इतनी गरम माल कि सब्र नहीं होता... " कनक तमाचे को बीच में ही चुप करती हुई बोली...
कनक,"चल अब जल्दी निकल... मम्मी अभी तक आवाज नहीं दी है,अब कभी भी दे सकती है..." कनक अपनी बात कहती हुई कपड़े पहनने लगी... तमाचे भी पैंट को ढ़ंग से पहन रहा था...
तमाचा,"हे, कल दिन में आना मेरे रूम पर...पिछवाड़ा लेना है..."
कनक उसकी बात सुन हंसती हुई बोली,"कतई नहीं...तुम बेरहम बन जाते हो...अगर फट गई तो घर कैसे आऊंगी..."
तमाचा,"आराम से करूँगा यार...क्रीम लगा के..."
कनक,"जरूरत नहीं..अब निकलो...बाकी बातें फोन पर करना..."कनक तमाचे को लगभग धकेलती हुई सीढ़ी की तरफ कर दी...
तमाचा हंसता हुआ "कल आना, इंतजार करूँगा मैं.." कहता हुआ नीचे बढ़ने लगा... कनक भी साथ आई... तमाचा को बाय कह कनक वापस रूम में घुस गई... तमाचा भी बाइक स्टॉर्ट किया और निकल पड़ा...
कनक अपने रूम में घुसते ही पहले तो बाथरूम गई... फिर फ्रेश होने के बाद निकली तो मम्मी खाने के लिए आवाज दे दी... कनक भी खाना खाने चल दी... खाना पीना होने के बाद कनक फोन निकाली और ऑडियो क्लिप सुनने लग गई...
जब कनक की समझ में नहीं आई तो उसने तमाचे को फोन घुमाई...तमाचा का फोन बिजी था... कनक कुछ देर वेट कर आवाज को हर किसी से मैच करवा रही थी मन ही मन, पर उसके जानकार व्यक्ति में से किसी की मैच नहीं हो रही थी...
कुछ ही पलों में तमाचा का फोन आ गया... कनक फुर्ती से रिसीव की और हैलो की... तमाचा हैलो सुनते ही बोलने लगा,"बहन की लौड़ी, एक घंटा पहले ही तो तेरी बूर फाड़ा था तो इतनी जल्दी फिर से कैसे खुजली मच रही है..."
कनक तमाचे की स्वभाव जानती थी...वो उसकी बात का जवाब एक छोटी हंसी के साथ दी और बोली,"ऑडियो सुना...?"
तमाचा,"हाँ सुना... पर अभी कुछ मालूम नहीं चला... शाला फोटो तो रंग बिरंगी है... साली रूपा तो देख के पनिया गई होगी यार..."
कनक,"हाँ, मुझे भी नहीं मालूम पड़ी... हे उसकी फेसबुक आईडी नहीं दी तुम्हें, चाहिए तो बोलो..."
तमाचा,"हाँ सजेस्ट कर देना...मैं एड तो हूँ ही...अभी उधर ही मिलते हैं चल..."
कनक,"हाँ ठीक है फिर...रूपा को भी बुलाती हूँ..."
तमाचा आश्चर्य से पूछा,"भोसड़ी रूपा तो नहीं थी ना पहले..."
कनक,"नहीं, आज ही आईडी बनाई है..."
तमाचा हामी भरता हुआ बोला,"हम्म्म्म...ग्रुप में लेना...वहीं चोदूँगा शाली को..."
कनक हंसती हुई बोली,"चोद लेना...चल बॉय..फेसबुक पर मिलती हूँ..."
तमाचा भी बॉय कह फोन रख दिया..
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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