गतान्क से आगे............
पर कुच्छ नहीं…बस अपने आपको पूरी तरह उनके हवाले कर दिया था…उन्होने धीरे
से मुझे लिटा दिया और फिर खुद बगल में लेट कर फिर मेरे होंठो को चूमने
लगे…इस बार मैं भी हिम्मत कर उनके होंठो को धीरे से अपने होठों के बीच
दबाने लगी…उफ़फ्फ़ क्या मस्ती थी उनके होठों को चूसने में,,,,वो मुझे किस
करता देख पूरी तरह उतेज़ित हो गये..मेरे हाथ उनकी पीठ पर फिर से कस गये
थे.और उनके होठ मेरे होंठो में..
बहुत देर तह हम यूँ ही किस करते रहे फिर उन्होने धीरे धीरे होठों से नीचे
किस करना शुरू कर दिया…मेरी गर्दन फिर उसके नीचे उनके हाथ उपर से ही मेरे
गोलाईयो पर पड़े,मैं अंदर तक हिल गयी …आख़िर मेरे इस अंग पर पहली बार
किसी का हाथ पड़ा था….उनके हाथ धीरे धीरे वहीं चोली के उपर ही घूमने
लगे..मेरा गला सूखा जा रहा था…वैसे तो अब मैं अपने आपको उन्हे पूरी तरह
सौप चुकी थी.वो क्या कर रहे थे ये सिर्फ़ मुझे एहसास हो रहा था…उन्होने
चोली धीरे से खोल दी थी और उनके हाथ मेरी ब्रा से बाहर निकले हुए दूधिया
गोलाइयों को सहला रहे थे और अपने होंठो से किस भी करना शुरू कर दिया
था,मेरे हाथ उनके सरीरपर बस इधर उधर फिसल रहे थे..मेरी आँखें बंद हो चुकी
थी….
तभी उन्होने ब्रा का भी हुक खोल दिया और धीरे से हाथ पेट को सहलाते हुए
ब्रा के अंदर घुसा दिया…उफफफ्फ़ क्या एहसास था मेरे होंठो से एक सिसकारी
निकल गयी..उन्होने ब्रा हटाकर नीचे फेक दिया ..अब मेरी दोनो अनचुई
कुँवारी चुचियाँ जो की उनका हाथ लगते ही बिलकूल तन गयी थी ,निपल टाइट
होकर खड़े हो गये थे…वो गोरी चुचियाँ देखकर अमित भी पागल हो उठे थे,…कोई
भीपागल हो जाता इन गोरी तनी हुई कुँवारी चुचियों को देखकर….वो एक निपल
हाथों के बीच लेकर मसल्ने लगे और दूसरे के पास अपना चेहरा ले गये…उनकी
गरम साँसे मेरी चुचियों को च्छुने लगी….एक हाथ की उनकी उंगली धीरे धीरे
मेरे निपल के चारो तरफ घेरा सा बना कर सहला रही थी…मुझमे अभी तक सिर्फ़
प्यार था…पर उनकी साँसों का अहसास अपने चुचियों के पास पाकर एक दम मेरे
अंदर वासना का तूफान अंगड़ाई लेने लगा…
मेरे हाथ अपने आप उनके सर के बालों पर चले गये और धीरे धीरे उनके सर को
अपनी चुचियों की तरफ दबाने लगे…अमित मेरे हाथ का इशारा समझ कर मेरे निपल
को अपने होंठो के बीच दबा लिया…
अहह उफफफफफफफफफफफफफ्फ़ मेरे मूँह से ज़ोर की सिसकारी निकल गयी…मैने उनका
सर ज़ोर से अपनी चुचियों पर दबा दिया…वो मेरे निपल को अब चूसने लगे…..मैं
उनके सर को चुचियों पर दबा कर रखी हुई थी और वो एक एक कर दोनो चुचियाँ
बारी बारी से चूसने लगे बच्चे के जैसे…उनके हाथ रेंगते हुए मेरे पेट और
नाभि को सहला रहे थे..बहुत देर तक वो मेरे चुचियों को पीते और सहलाते
रहे….मेरा तो जी चाह रहा था की वो यूँ ही पूरी रात पीते रहे…..सच कहूँ तो
उस समय नहीं लगा पर आज़ याद आता हैं कि उतने देर में मैं दो बार झाड़
चुकी थी……
अब वो चुचियों पर किस करते पेट पर और मेरे नाभि पर अपनी जीभ घुमा कर
चाटने लगे….जब उनकी जीभ मेरे लहंगे के नाडे पर पाहूंची तो वो उसे अपने
दांतो से खोलने का प्रयास करने लगे…मैं चिहुक उठी..वो मेरे उस अंग को
छूने जा रहे थे जिसे मैने 21 साल से उनके लिए ही बचा कर रखा था…एक पल को
तो मेरे सामने देखी हुई गंदी फिल्म याद आ गयी …कि क्या वो भी मेरे साथ
ऐसा ही करने जा रहे हैं…मेरे हाथ उनके अपने लहंगे के नाडे पर चले गये थे
ताकि वो खोल ना सके…उनका एक हाथ पहले ही मेरे पैरो को सहलाते हुए घुटनो
तक लहंगे को उपर कर चुका था…..वो दांतो से अब भी नाडे को खोलने में लगे
हुए थे…मैने सोचा आख़िर ये सब उन्ही का तो हैं ..जब वो ये सब करना चाह
रहे हैं तो मैं क्यों रोकू….ये ख्याल मन में आते ही मेरे हाथ नाडे पर
ढीले पड़ गये और डोर खुल गयी…वो दांतो से धीरे धीरे खिचते हुए नीचे तक ले
गये…पर जैसे ही मैने कमर उठा कर उसे निकालने में सहयोग दिया ….वो भौचके
रह गये….दरअसल मैने नीचे कुच्छ भी नहीं पहना था..मैं कभी पहनती भी नहीं
थी…लह्न्गा घुटनो से नीचे जा चुका था…..मैं पहली बार क़िस्सी के सामने
नंगी हो चुकी थी….सरं से मैने अपना चेहरा तकिये में च्छूपा लिया था…अमित
तो मेरी गोरी जंघे और उनके बीच में मेरे छ्होटे से उस अंग को देखकर पागल
हो उठे…और अचानक मेरी जांघों को घुटनो से लेकर चूमते हुए कमर की तरफ
बढ़ने लगे …..मैं मदहोश होकर सिसकारियाँ ले रही थी….वो कमर के पास आकर
रूके और अपना एक हाथ मेरे सटे हुए जाँघो के बीच डाल दिया…..मैने उनका हाथ
जांघों के बीच भींच लिया ताकि उनका हाथ मेरी बुर तक पहुँच ना सके….पर वो
धीरे मेरे चुचियों को सहलाते हुए उन्हे पीने लगे ..मैं मदहोश हो गयी और
मेरी जंघे अपने आप ढीली पड़ गयी..
और उनकी उंगलियाँ मेरी पूरी तरह भीग चुकी बुर के चारो तरफ घूमने लगी और
फिर जब छेद को टच किया तो मेरी कमर उपर उठी और मेरे मूँह से ओह आमित्तत्त
की सिसकारी निकल गयी…अब पता चला कि क़िस्सी दूसरे की उंगली में कितना
मज़ा हैं…मैं तो अपनी उंगली से कई बार च्छुई थी पर ऐसा एहसास पहली बार
हुवा था…उन्होने धीरे अपनी उंगली अंदर घुसाइ…मुझे दर्द हुवा क्योंकि उनकी
उनकी उंगली मुझसे मोटी थी…पर जब उसे अंदर बाहर करने लगे तो मज़ा आने
लगा….साथ ही वो मेरी चुचियों को चूस्ते जा रहे थे और अपनी उंगली तेज़ी से
अंदर बाहर करते जा रहे थे…बहुत देर तक यूँ ही करते रहे जब तक कि मेरी
कमरने झटके खाकर पानी नहीछोड़ दिया….फिर वो नीचे की तरफ गये और मेरी
जांघों को फैलाकर नाइट बल्ब की रोशनी में मेरी चूत को ध्यान से देखा…मैं
तो निढाल पड़ गयी थी…इतनी देर में मैं तीन बार झाड़ चुकी थी…..
कुच्छ देर बाद वो मेरी जाँघो को दोनो तरफ फैलाकर बीच में अपने होंठो को
घुमाने लगे…अपनी बर पर उनके होंठो के स्पर्श ने मुझे फिर उतेज़ित करना
शुरू कर दिया….ये सब मैने बीएफ में देखा था पर ये नहीं सोचा था की मेरा
पति भी ऐसा करेगा….मैने तो मदहोश होकर उनके सर को अपनी जांघों के बीच दबा
लिया….वो अब मेरी बुर पर जीभ घूमाकर उसे चाटने लगे थे…मैने सोचा मेरा
निकला हुआ पानी क्या उनको गंदा नहीं लग रहा हैं…..पर वो तो उसे चूम चूम
कर चाटते जा रहे थे…यूँ ही वो आधे घंटे तक चाटते रहे…मैं सेक्स में अब
पूरी तरह घुस चुकी थी…कमर धीरे धीरे उच्छल रही थी ….और फिर एक ऐसा पॉइंट
आया जब मैं पूरी तरह थक कर शांत हो गयी ..मेरी बुर ने एक बार फिर पानी
छोड़ा था…..मैं बूरी तरह थक चुकी थी….पर अमित तो मेरी बुर को अपने होंठो
से बिलकूल साफ कर चमका रहे थे…फिर वो उपर आ कर मेरे पास लेट गये…और धीरे
धीरे अपनी उंगली मेरे निपल के चारो ओर सहलाने लगे…
मैने भी साइड में मुँह कर उनके शर्ट के बटनो को खोल दिया ..उन्होने शर्ट
उतार दी…उनका चौड़ा सीना देख कर मॉडेल्स की याद आ गयी…बिलकूल हार्ड चौड़ा
सीना था…मैं उसपे अपने होठ से किस करने लगी और अपना चेहरा उनके सीने पर
रगड़ने लगी…फिर उनके पेट पर नाभि पर किस करने लगी…तभी उन्होने अपना बेल्ट
खोला…..मैने उनका इशारा समझ कर धीरे से उनके पैंट का हूंक खोल दिया …मेरे
हाथ काँप रहे थे….उन्होने अपनी पैंट उतार फेंकी…..अब मेरी जंघे उनकी नंगी
जांघों से और मेरी चुचियाँ उनके सीने से सॅट गये पूरा नंगा बदन दोनो का
चिपक गया…दोनो का बदन बिलकूल गरम….अचानक मुझे अपनी जांघों के बीच कुच्छ
चूबता हुआ महसूवस हुआ…मैं सिहर गयी…शायद उनका अंग था जो कि खड़ा हो गया
थाअंडरवेर में और उपर से ही चुभ रहा था..मैने एक पल सोचा आख़िर कैसा होगा
इनका अंग….
हम एक दूसरे से चिपके हुए थे की अमित ने मेरा हाथ पकड़ कर अपने अंडरवेर
पर रख दिया…उफ़फ्फ़ वहाँ तो उनका अंग खड़ा होकर बाहर निकलने को मचल रहा
था…उपर से ही वो बड़ा लग रहा था…मैने पहले उपर से टटोला उनके अंग को
…शायद बहुत बड़ा था….मैने झट से उनका अंडरवेर नीचे खिच्छ दिया..
उफफफफफफफफफफफ्फ़ मेरे हाथ में एक जैसे मोटा डंडा आ गया हो…बिलकूल डंडे की
तरह हार्ड और इतना मोटा की हाथ में नहीं आ रहा था…मुझसे रहा नहीं
गया..मैने धीरे से चेहरा नीचे से उपर उठा कर देखी तो जैसे साँप सूंघ
गया….पर सोचा की मेरा जीवन धन्य हो गया…मुझे सब कुच्छ के साथ साथ वो मिल
गया जो शायद क़िस्सी इंडियन औरत को नहीं मिलता होगा…कोई 1फुट लंबा और
बहुत ही मोटा लंड था ,बिलकूल डंडे की तरह खड़ा लाल क्लर का ,मैने हाथ से
धीरे से उसका उपरी मूँह खोला तो अंग्रेज़ो के लंड जैसा बिलकूल गुलाबी
बड़ा सा सूपड़ा….उफफफफ्फ़ मैं तो देख कर अंदर अंदर ही खुश होकर पागल हो
गयी…..शायद क़िस्सी बीएफ में भी इतना मस्त लंड नहीं देखा होगा…अब मैं
पूरी तरह सेक्स के आगोश में समा चुकी थी…
मैं पूरा सरीर सहलाते हुए धीरे धीरे उनके कमर और फिर जेंघो को किस करते
हुए हाथ में पकड़े लंड को जो की अब मैं धीरे धीरे सहलाते हुए बहुत बड़ा
कर चुकी थी…उसपर अपने होठ रख दिए और फिर अपने होंठो के बीच लेने की कोशिश
करने लगी….पर वो बहुत मोटा था बड़ी मुश्किल से सूपड़ा मूँह में आया तो
उसे चूसने लगी और फिर लंड को जीभ से चाटने लगी,उनके अंडकोष पर भी जीभ
फिराने लगी….मैने देखा लंड तो हार्ड होता जा रहा था पर अमित के चेहरे पर
कोई खास असर नहीं पड़ा था, वो मेरी चूत में उंगली किए जा रहे थे….कुच्छ
देर यूँ ही दोनो चूस्ते चाटते रहे एक दूसरे का अंग फिर अमित मेरी जाँघो
के बीच आ गये…..मेरी तो साँस रुक गयी थी जब पहली बार क़िस्सी लंड का मेरी
चूत के साथ टच हुआ…मैं मस्ती में भर गयी….वो अपना सूपड़ा मेरे चूत में
घुसाने लगे….अहह बहुत तेज़ असहनीय दर्द हुआ….मेरे मूँह से चीख निकल
गयी….मैने उनका लंड झटक दिया…
सारा सेक्स का नशा काफूर हो गया..मैने इसके बारे में तो सोचा ही नहीं था
कि ये लंड घुसेगा कैसे मेरी चूत में….फिर अमित मेरे पास आकर मेरी चुचियों
पर किस करते हुए समझाने लगे कि पहले पहल.
दर्द होता हैं….कुच्छ देर यूँ ही लेट कर वो फिर घुसाने की कोशिस करने
लगे. पर उतना बड़ा गधे के जैसा लंड अंदर घुसे कैसे,मेरी तो दर्द के मारे
जान निकली जा रही….उन्होने थूक लगाकर लंड पर एक झटका मारा,मेरी जान निकल
गयी और थोड़ा लंड अंदर गया…मैं चीखती रही और वो धीरे 2 घंटे तक घुसाते
रहे…क़िस्सी तरह लगभग आधा घुसा और मेरी जाँघो बीच लगा कि क़िस्सी ने चीर
दिया हो..मैं दर्द में चीखती रही और वो धीरे धीरे धक्का मारते रहे.मैं
यही सोच रही थी कुच्छ देर की बात हैं फिर मुझे भी अच्छा लगने लगेगा….पर
वो मारते जा रहे थे…मेरा दर्द और बढ़ता ही जा रहा था…जबकि मेरी चूत में
उनका आधा ही लंड जा रहा था….मुझसे अब बर्दास्त नहीं हो रहा था,जी चाह रहा
था की उन्हे धक्का दे दूँ..तभी वो गहरी सांस छोड़ते हुए मुझपे ढेर हो
गये….मेरे अंदर एक ठंडा ठंडा कुकछ निकला..मेरे जान में जान तब आई जब उनका
लंड सिकुड गया और उन्होने बाहर निकाल लिया….मेरी चूत पर फोड़े जैसा दर्द
हो रहा था,…मुझपर से शादी और सेक्स का सारा नशा उतर गया था और मैं दर्द
में तड़प रही थी….उठकर देखा पूरी चादर ब्लड से लाल हो गयी….मैं क़िस्सी
तरह लंगड़ाते हुए उठी और बाथरूम में जाकर उसे धोया…वहाँ मेरे आँखों से
आँसू निकल गये..क्या यही सुहागरात होती हैं..कुच्छ देर रोकर फिर समझाया
अपने आपको कि सबके साथ पहली बार ऐसा होता हैं..बाद में मुझे भी मज़ा आने
लगेगा..वापस आई तो पति महराज़ नींद में सो रहे थे…मैं भी सो गयी…
यूँ ही दिन निकलते गये पर सब कुच्छ वैसे ही चलता रहा…रोज़ रात को वो
घुसाने की कोशिस करते और मैं दर्द में तड़पति रहती…वो क़िस्सी तरह आधा
घुसाकर खुद मज़ा लेकर सो जाते…अब तो 2 3 हफ्ते बाद मुझे सेक्स के नाम से
डर लगने लगा….मेरा सारा लंबे लंड का शौक उतर गया. मैं अब तो रात होने से
डरने लगी.
कुच्छ महीने बाद एक बार संगीता का भी फोन आया दोपहर को जब वो ऑफीस में
थे….मैं उसकी आवाज़ सुनते ही रो पड़ी..वो चुप कराकर पुच्छने लगी क्यों
शादी के बाद खूब मस्ती हो रही हैं ना.बता ना तेरी सेक्स लाइफ कैसी गुजर
रही हैं…मैने उसे सब कुच्छ बता दिया…संगीता बिस्वास ही नहीं कर रही थी कि
क़िस्सी इंडियन का अंग इतना बड़ा हो सकता हैं,उसने पूछा तूने नापा हैं
कितना बड़ा हैं..मैने कहा वो काले हब्सियों का जितना बड़ा बीएफ में देखते
थे उतना ही बड़ा हैं..संगीता गंभीर हो गयी थी…ये तो सच में तेरे साथ बहुत
बूरा हुआ..कोई इंडियन औरत इतना बड़ा लंड नहीं ले सकती…तेरी तो ज़िंदगी
बर्बाद हो गयी…मैने उसे कहा तू ही तो कहती थी कि बड़े लंड में बहुत मज़ा
आता हैं…संगीता ने समझाया कि अरे वो तो बीएफ देखने में अच्छा लगता हैसोच
कर और बात कर पर सच ये हैं कि इंडियन आदमी और औरत के अंग छ्होटे होते
हैं…मेरे पति का तो 5-6'होगा पर कभी कभी मुझे उसीमे दर्द हो जाता हैं पर
उससे मज़ा बहुत आता हैं…फिर एक दिन संगीता के कहने पर मैने अमित से पूच्छ
लिया कि आपका अंग तो बहुत बड़ा और जानदार हैं,क़िस्सी का शायद इतना बड़ा
नहीं होता होगा…आपका कैसे इतना बड़ा हैं?उन्होने मुझे उस दिन एक राज़ की
बात बताई…कि…
जब वो छ्होटे थे12-13 साल के तभी से वो बुआ के पास सोते और वो बुआ भी उस
समय जवान थी वो अमित का अंग तभी से मसल मसल कर बड़ा करती थी….उसे मूँह
में लेती थी और उसे चुस्ती रहती थी..फिर वही दोनो घर में थे और कोई नहीं
था,इसलिए उसकी बुआ कभी भी नहलाने से पहले उसकी लंड तेलसे मालिस करती थी
रोज़…ऐसा करने से उसका लंड बड़ा और बहुत ही कड़ा हो गया 16 -17 साल की
उम्र में ही,..पर बुआ ने उसे नहीं चोदा और हमेशा उसे मालिश करती और मूँह
में लेकर चुस्ती…शायद इसीके चलते उनके लंड से क़िस्सी औरत के होंठो के
स्पर्श का कोई खास असर नहीं होता था क्योंकि वो 12 साल की उम्र से एक औरत
उसे चुस्ती रही हैं…उन्होने बताया कि उन्होने और लड़को की तरह कभी मूठ
नहीं मारी…या मारने का कभी मन ही नहीं किया…मैं समझ गयी कि उनका लंड एक
तरह से सिर्फ़ सुन्न अंग हैं उसमे वो जान नहीं हैं जो आम लड़को के अंग
में होती हैं…मैं अपने भाग्य को कोसने लगी कि क्या ज़िंदगी ने मुझसे खेल
खेला…यूँ दिन बीतते गये…..ऐसे ही…अब तो मैं सेक्स ही कतराने लगी थी…
फिर एक बार गर्मियों में संगीता के बुलाने पर उसके यहाँ अपने पति के साथ
गयी 2 दिन के लिए..
वहाँ संगीता ने चुपके से मुझे दिन में वो वीडियो दिखाया जिसमे उसके पति
और वो मस्ती से सेक्स कर रहे थे…वो देख कर कई दिनो के बाद मेरे मन सेक्स
जगा था…उसमे उसके पति जिनका लंड सचमूच मेरे पति से आधा था…पर जब संगीता
उसे मूँह में लेकर चूस रही थी तो उनके चेहरे को देखकर बहुत मज़ा आरहा
था…वो सिसकारिया भी लेने लगते वैसे ही वो संगीता की चूत चाटते और दोनो
मस्ती मे डॉग पोज़िशन और फिर कभी खड़े होकर ,आपस में बात करते हुए मज़े
से सेक्स कर रहे थे…मैं देख कर.
पागल हो गयी थी उनके सेक्स को….मेरी भी इच्छा होने लगी कि काश कोई छ्होटा
लंड मुझे भी ऐसे ही मज़े देकर चोद्ता…संगीता मुझे चिकोटी काटकर बोली कि
मेरे पति पर नज़र मत लगाना. मैं फिर उसे मारने दौड़ पड़ी थी…ये मेरे समझ
में आ गया था कि उनके सेक्स की जो पिक्चर थी वही असली सेक्स हैं और वो
बीएफ सब फालतू की मज़े लेने वाली चीज़े हैं… दोस्तो कहानी अभी बाकी है
आगे की कहानी अगले पार्ट मे पढ़िए आपका दोस्त राज शर्मा
क्रमशः..............
Kya Ye Dhokha Hai ?--2
gataank se aage............
Par kuchh nahin…bas apne aapko poori tarah unke hawale kar diya
tha…unhone dheere se mujhe lita diya aur phir khud bagal mein let kar
phir mere hotho ko chumne lage…is baar maine bhi himmat kar unke hotho
ko dheere se apne hothon ke bich dabane lagi…ufff kya masti thi unke
hothon ko chusne mein,,,,wo mujhe kiss karta dekh poori tarah utejit
ho gaye..mere hath unki pith par phir se kas gaye they.aur unke hoth
mere hoth mein..
Bahut der tah hum yoon hi kiss karte rahe phir unhone dheere dheere
hothon se niche kiss karna surru kar diya…meri gardan phir uske niche
unke hath upar se hi mere golaiyon par pade,main ander tak hil gayi
…akhir mere is ang par pahli bar kissi ka hath pada tha….unke hath
dheere dheere wahin choli ke upar hi ghumne lage..mera gala sukha ja
raha tha…waise to ab main apne apko unhe poori tarah saup chuki thi.wo
kya kar rahe they ye sirf mujhe ehsas ho raha tha…unhone choli dheere
se khol di thi aur unke hath meri bra se bahar nikle huye dudhiya
golayiyon ko sahla rahe the aur apne hotho se kiss bhi karna shuru kar
diya tha,mere hath unke sarir bas idhar udhar fisal rahe they..meri
aankhein band ho chuki thi….
Tabhi unhone bra ka bhi huk khol diya aur dheere se hath pet ko
sahlate huye bra ke ander ghusa diya…uffff kya ehsas tha mera hotho se
ek siskari nikal gayi..unhone bra hatakar niche phek diya ..ab mere
dono anchhuye kuwanri chuchiyan jo ki unka hath lagte hi bilkool tan
gayi thi ,nipple tight hokar khade ho gaye they…wo gori chuchiyan
dekhkar amit bhi pagal ho uthe they,…koi bhi ho jata in gori tani hui
kunwari chuchiyon ko dekhkar….wo ek nipple hathon ke bich lekar
masalne lage aur dusare ke pass apna chehra le gaye…unki garam sanse
meri chuchiyon ko chhune lagi….ek hath ki unki ungali dheere dheere
mere nipple ke charo taraf ghera sa bana kar sahala rahi thi…mujhme
abhi tak sirf pyar tha…par unki sanson ka ahsas apne chuchiyon ke pass
pakar ek dam mere ander wasna ka tufan angdai lene laga…
Mere hath apne aap unke sar ke balon par chale gaye aur dheere dheere
unke sar ko apni chuchiyon ki taraf dabane lage…amit mere hath ka
isara samajh kar mere nipple ko apne hotho ke bich daba liya…
Ahhhhhhhh uffffffffffffff mere moonh se jor ki siskari nikal
gayi…maine unka sar jor se apni chuchiyon par daba diya…wo mere nipple
ko ab chusne lage…..main Unke sar ko chuchiyon par daba kar rakhi hui
thi aur wo ek ek kar dono chuchiyan bari bari se chusne lage bachhe ke
jaise…unke hath rengte huye mere pet aur nabhi ko sahla rahe
the..bahut der tak wo mere chuchiyon ko pite aur sahlate rahe….mera to
ji chah raha tha ki wo yoon hi poori raat pite rahe…..sach kahoon to
us samay nahin laga par aaz yad aata hain ki utne der mein main do
baar jhad chuki thi……
Ab wo chuchiyon pko kiss karte pet par aur mere nabhi par apna jibh
ghuma kar chatne lage….jab unki jibh mere lahnge ke dor par pahoonchi
to wo use apne daton se kholne ka prayas karne lage…main chihuk
uthi..wo mere us aang ko chuune ja rahe they jise maine 21 saal se
unke liye hi bacha kar rakha tha…ek pal ko to mere samne dekhi hui
gandi film yaad aa gayi …ki kya wo bhi mere sath aisa hi karne ja rahe
hain…mere hath unke apne lahnge ki dor par chale gaye they taki wo
khol na sake…unka ek hath pahle hi mere paron ko sahalate huye ghutno
tak lahnge ko upar kar chuka tha…..wo daton se ab bhi dor ko kholne
mein lage huye they…maine socha aakhir ye sab unhi ka to hain ..jab wo
ye sab karna chah rahe hain to main kyon roku….ye khyal man mein aate
hi mere hath dor par dhile pad gaye aur dor khul gayi…wo daton se
dheere dheere khichte huye niche tak le gaye…par jaise hi maine kamar
utha kar use nikalne mein sahyog diya ….wo bhauchake rah gaye….Darasal
maine niche kuchh bhi nahin pahna tha..main kabhi pahanati bhi nahin
thi…lahnga ghuton se niche ja chuka tha…..main pahli baar kissi ke
samne nangi ho chuki thi….sarm se maine apna chehra takiye mein chhupa
liya tha…amit to meri gori janghe aur unke bichh mein mere chhote se
us ang ko dekhakar pagal ho uthe…aur achanak mere janghon ko ghutno se
lekar chumte huye kamar ki taraf badhne lage …..main madhosh hokar
siskariyan le rahi thi….wo kamar ke pas aakar rooke aur apna ek hath
mere sate huye jangho ke bich daal diya…..maine unka hath janghon ke
bich bhinch liya taki unka hath meri boor tak pahunch na sake….par wo
dheere mere chuchiyon ko sahlate huye unhe pine lage ..main madhosh ho
gayi aur meri janghe apne aap dheeli pad gayi..
Aur unki ungaliyan mere poori tarah bhig chut boor ke charo taraf
ghumne lage aur phir jab chhed ko touch kiya to meri kamar upar uthi
aur mere moonh se ohhhhhhh aamitttt ki siskari nikal gayi…ab pata
chala ki kissi dusre ke ungali mein kitna maza hain…main to apni
ungali se kai bar chhui thi par aisa ehsas pahli baar huwa tha…unhone
dheere apni ungali ander ghusai…mujhe dard huwa kyonki unki unki
ungali mujhse moti thi…par jab use ander bahar karne lage to maza aane
laga….sath hi wo meri chuchiyon ko chuste ja rahe they aur apni ungali
tezi se ander bahar karte ja rahe they…bahut der tak yoon hi karte
rahe jab tak ki meri kamar jhatke khakar pani chhor di….phir wo niche
ki taraf gaye aur mere janghon ko phailakar night bulb ki roshni mein
meri chut ko dhyan se dekha…main to nidhal pad gayi thi…itni der mein
mera tin baar jhad chuki thi…..
Kuchh der bad wo meri jangho ko dono taraf phailakar bich mein apne
hotho ko ghumane lage…apni boor par unke hotho ke sparsh ne mujhe phir
utejit karna shuru kar diya….ye sab maine bf mein dekha tha par ye
nahin socha tha ki mera pati bhi aisa karega….main to madhosh hokar
unke sar ko apni janghon ke bich daba li….wo ab meri boor par jibh
ghumakar use chatne lage they…maine socha mera nikla hua pani kya unko
ganda nahin lag raha hain…..par wo to use chum chum kar chatate ja
rahe they…yoon hi wo aadhe gante tak chate rahe…main sex mein ab poori
tarah ghus chuki thi…kamar dheere dheere uchhal rahi thi ….aur phir ek
aiasa point aaya jab main poori tarah thak kar shant ho gayi ..meri
booor ne ek baar phir pani chhora tha…..main boori tarah thak chuki
thi….par amit to mere boor ko apne hotho se bilkool saph kar chamka
rahe they…phir wo upar aa kar mere paas let gaye…aur dheeere dheere
apni ungali mere nipple ke charo oor sahalne lage…
Maine bhi side mein mud kar unke shirt ke botton khol di ..unhone
shirt utar di…unka chauda sina dekh kar models ki yaad aa gayi…bilkool
hard chouda sina tha…main uspe apne hoth se kiss karne lagi aur apna
chehra unke sine par ragdane lagi…phir unke pet par nabhi par kiss
karne lagi…tabhi unhone apna belt khola…..main unka ishara samajh kar
dhere se unke paint ka hoonk khol di …mere hath kaanp rahe
they….unhone apni paint utar phenki…..ab meri janghe unki nangi
janghon se aur meri chuchiyan unke sine se sat gaye poora nanga badan
dono ka chipak gaya…dono ka badan bilkool garam….achanak mujhe apni
janghon ke bhich kuchh chubta hua mahsooos hua…main sihar gayi…shayad
unka ang tha jo ki khada ho gaya underwear mein aur upar se hi chubh
raha tha..maine ek pal socha aakhir kaisa hoga inka aang….
Hum ek dusre se chipke huye the ki amit ne mera hath pakad kar apne
underwear par rakh diya…ufff wahan to unka ang khada hokar bahar
nikalne ko machal raha tha…upar se hi wo bada lag raha tha…maine pahle
upar se tatola unke ang ko …shayad bahut bada tha….maine jhat se unka
underwear niche khichh diya..
Uffffffffffff mere hath mein ek jaise mota danda aa gaya ho…bilkool
dande ki tarah hard aur itna mota ki hath mein nahin aa raha
tha…mujhse raha nahin gaya..maine dheere se chehra niche se upar utha
kar dekhi to jaise sanp sungh gaya….par socha ki mera jiwan dhany ho
gaya…mujhe sab kuchh ke sath sath wo mil gaya jo shayad kissi indian
aurat ko nahin milta hoga…koi 1foot lmba aur baht hi mota lund tha
,bilkool dande ki tarah khada lal colur ka ,maine hath se dheere se
uska upri moonh khola to angrejo ke lund jaisa bilkool gulabi bada sa
supada….ufffff main to dekh kar ander ander hi khush hokar pagal ho
gayi…..shayad kissi bf mein bhi itna mast lund nahin dekha hoga…ab
main poori tarah sex ki aagosh mein sama chuki thi…
Main pura sarir sahlate huye dheere dheere unke kamar aur phir jhangho
ko kiss karate huye hath mein pakade lund ko jo ki ab main dheere
dheere sahlate huye bahut bada kar chuki thi…uspar apne hoth rakh diye
aur phir apne hotho ke bich lene ki koshish karne lagi….par wo bahut
mota tha badi mushkil se supada moonh mein aaya to use chusne lagi aur
phir lund ko jibh se chatne lagi,unke andkosh par bhi jibh phirane
lagi….maine dekha lund to hard hota ja raha tha par amit ke chehre par
koi khas asar nahin pada tha, wo meri chut mein ungali kiye ja rahe
they….kuchh der yoon hi dono chuste chatate rahe ek dusre ka ang phir
amit meri jangho ke bich aa gaye…..meri to saans ruk gayi thi jab
pahli baar kissi lund ka mere chut ke sath touch hua…main masti mein
bhar gayi….wo apna supada mere chut mein ghusane lage….ahhhhhhh bahut
tez asahniy dard hua….mere moonh se chikh nikal gayi….maine unka lund
jhatak diya…
Sara sex ka nasha kafur ho gaya..maine iske bare mein to socha hi
nahin tha ki ye lund ghusega kaise mere chut mein….phir amit mere pass
aakar mere chuchiyon par kiss karte huye samjhane lage ki pahle pahal.
Dard hota hain….kuchh der yoon hi let kar wo phir ghusane ki koshis
karne lage. Par utna bada gadhe ke jaisa lund ander guse kaise,meri to
dard ke mare jaan nikli jaa rahi….unhone thuk lagakar lund par ek
jhatka mara,meri jaan nikal gayi aur thoda lund ander gaya…main
chikhti rahi aur wo dheere 2 ghante tak ghusate rahe…kissi tarah
lagbhag aadha ghusa aur meri jhanghe lagi ki kissi ne chir diya
ho..main dard mein chikhti rahi aur wo dheere dheere dhakka marte
rahe.main yahi soch rahi thi kuchh der ki baat hain phir mujhr bhi
achha lagne lagega….par wo marte ja rahe they…mera dard aur badhta hi
ja raha tha…jabki mere chut mein unka aadha hi lund ja raha
tha….mujhse ab bardast nahin ho raha tha,ji chah raha tha ki unhe
dhhaka de doon..tabhi wo gahri sans chhorte huye mujhpe dher ho
gaye….mere ander ek thanda thanda kucch nikla..mere jan mein jaan tab
aayi jab unka lund sikud gaya aur unhone bahar nikal liya….meri chut
par phode jaisa dard ho raha tha,…mujhpar se shadi aur sex ka sara
nasha utar gaya tha aur main dard mein tadap rahi thi….uthakar dekha
poori chadar blood se lal ho gayi….main kissi tarah langdate huye uthi
aur bathroom mein jakar use dhoya…wahan mere ankhon se ansoo nikal
gaye..kya yahi suhagrat hota hain..kuchh der rokar phir samjhaya apne
apko ki sabke sath pahli bar aisa hota hain..bad mein mujhe bhi maza
aane lagega..wapas aayi to pati maharaz nind mein so rahe they…main
bhi so gayi…
Yoon hi din niklte gaye par sab kuchh waise hi chalta raha…roz raat ko
wo ghusane ki koshis karte aur main dard mein tadpati rahti…wo kissi
tarah aadha ghusakar khud maza lekar so jate…ab to 2 3 hafte baad
mujhe sex ke naam se dar lagne laga….mera sara lambe lund ka shauk
utar gaya. Main ab to raat hone se darne lagi.
Kuchh mahine baad ek baar sangita ka bhi phone aaya dophar ko jab wo
office mein they….main uski awaz sunte hi ro padi..wo chup karakar
puchhne lagi kyon shadi ke baad khub masti ho rahi hain na.bata na
teri sex life kaisi gujar rahi hain…maine use sab kuchh bata
diya…sangita biswas hi nahin kar rahi thi ki kissi indian ka ang itna
bada ho sakta hain,usne poochaa tune napa hain kitna bada hain..maine
kahan wo kale habsiyon ka jitna bada bf mein dekhte they utna hi bada
hain..sangita gambhir ho gayi thi…ye to sach mein tere sath bahut
boora hua..koi indian aurat itna bada lund nahin le sakti…teri to
zindagi barbad ho gayi…maine use kaha tu hi to kahti thi ki bade lund
mein bahut maza aata hain…sangita ne samjhaya ki are wo to bf dekhne
mein achha lagta soch kar aur bat kar par sach ye hain ki indian aadmi
aur aurat ke ang chhote hote hain…mere pati ka to 5-6'hoga par kabhi
kabhi mujhe usime dard ho jata hain par usase maza bahut aata
hain…phir ek din sangita ke kahne par maine amit se poochh liya ki
aapka ang to bahut bada wo jandar hain,kissi ka shayad itna bada nahin
hota hoga…aapka kiase itna bada hain?Unhone mujhe us din ek raaz ki
baat batai…ki…
Jab wo chhote they12-13 saal ke tabhi se wo bua ke pass sote aur wo
bua bhi us samay jawan thi wo amit ka ang tabhi se masal masal kar
bada karti thi….use moonh mein leti thi aur use chusti rahti thi..phir
wahi dono ghar mein they aur koi nahin tha,isliye uski bua kabhi bhi
nahalane se pahle uska lundtel se malis karti thi roz…aisa karne se
uska lund bada aur bahut hi kada ho gaya 16 -17 sal ki umra mein
hi,..par bua ne use nahin chhoda aur hamesha use malish karti aur
moonh mein lekar chusti…shayad isike chalte unke lund se kissi aurat
ke hoth ka sparsh ka koi khas asar nahin hota tha kyonki wo 12 saal ki
umra se ek aurat use chusti rahi hain…unhone bataya ki unhone aur
ladko ki tarah kabhi muth nahin mari…ya marne ka kabhi man hi nahin
kiya…main samajh gayi ki unka lund ek tarah se sirf suunn ang hain
usme wo jaan nahin hain jo aam ladko ke ang mein hoti hain…main apne
bhagya ko kosne lagi ki kya zindagi ne mujhse khel khela…yoon din
bitate gaye…..aise hi…ab to main sex hi katrane lagi dheerreee…
Phir ek baar garmiyon mein sangita ke bulane paar uske yahan apne pati
ke sath gayi 2 din ke liye..
Wahan sangita ne chupke se mujhe din mein wo vedio dikhaya jisme uske
pati aur wo masti se sex kar rahe they…wo dekh kar main kai dino ke
baad mere man sex jaga tha…usme uske pati jinka lund sachmooch mere
pati se adha tha…par jab sangita use moonhh mein lekar chus rahi thi
to unke chehre ko dekhakar bahut maza aaraaha tha…wo siskariya bhi
lene lagte waise hi wo sangita ki chut chatate aur dono masti dog
position aur phir kabhi khade hokar ,apas mein baat karte huye maze se
sex kar rahe the…main dekh kar.
Pagal ho gayi thi unke sex ko….meri bhi ichha hone lagi ki kash koi
chhota lund mujhe bhi aise hi maze dekar chodta…sangita mujhe chikoti
katkar boli ki mere pati par nazar mat lagana. Main phir use marne
daud padi thi…ye mere samajh mein aa gaya tha ki unke sex ki jo pic
thi wahi asli sex hain aur wo bf sab faltu ki maze lene wali chize
hain…
kramashah..............
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