Saturday, March 26, 2011

हिंदी सेक्सी कहानियाँ गाँव वाली भौजी --3

हिंदी सेक्सी कहानियाँ
 गाँव वाली भौजी --3


गतान्क से आगे................

अब भौजी बोली लाला तू मर्द तो हे पर पूरा मर्द तो
तब मानु जब तेरी
मर्दानगी का टेस्ट हो जाए और इतना कह कर भौजी ने
मेरी पॅंट खोलनी
सुरू कर दी और मेरे अंडवर के अंदर अपना हाथ डाल
दिया मेरा लंड
तब तक खड़ा नही था पर भौजी के हाथ लगते ही
मुझे बड़ा अटपटा
लगा और मेने भौजी को रगड़ना और चूसना बंद कर
के अपने से अलग
करने लगा तो भौजी बोली तेरा पहल वान तो सोया है
इसे उठाना पड़ेगा
नही तो में तो सुखी ही रह जाउन्गि. इतना कह कर
भौजी ने मेरा
अंडरवेर नीचे करके मेरे लंड को अपने लिप्स से दबा
लिया मुझे दर्द
सा हो रहा था पर मज़ा भी आ रहा था फिर भौजी ने
मेरे लंड को
पूरा अपने मूह में ले लिया. और वह मेरे लंड को टोफ़ी
की तरह
चूसने लगी पर जैसे ही मुझे दर्द सा लगता वा रुक
जाती और फिर
सुरू हो जाती और थोड़ी देर में ही मेरा लंड एकदम
खंबे की तरह
खड़ा हो गया और भौजी ने अपना मूह अलग कर लिया और
बोली लल्ला अब
ये तैयार हो गया हे अब टाइम खराब मत कर और पेल दे
इसे मेरी
चूत में. में घबरा रहा था तब तक भौजी ने अपनी
सारी फोल्ड
करके बैलगाड़ी में बिच्छा दी और उस पर लेट गयी.

अब भौजी ने अपना पेटिकोट भी खोल दिया और मुझे
अपने उपेर खींच
लिया और बोली लाला डर मत तू बस पहले की तरह मेरे
चूचे
चूसने सुरू अकर दे मेने वैसा ही किया पर लंड कैसे
अंदर करूँ
इसका मुझे ना तो आइडेआ लग रहा था और ना ही मेरी
हिम्मत हो पा रही
थी कि कैसे लंड भोजी की चूत में डालू अब मुझे
शर्म तो नही आ
रही थी पर में अनाड़ी साबित हो रहा था. फिर भी
में भौजी की
थाइस के बीच उसकी चूत पर उंगली करने की कोशिश
करी और उपर
उसकी चूचियों, चूचों, आर्म्पाइट्स, पीठ, गले, लिप्स,
कमर और
नाभि पर एक एक कर चूमना, चाटना, काटना जारी रखा.
मेरे इस तरह
के आक्षन से भौजी बड़ी मस्त थी और मुझे भी मज़्ज़ा
आ रहा था पर
जब भी मुझे ये ख्याल आता कि कही कोई आ ना जाए तो
मेरी हालत
खराब हो जाती और भौजी परेशान हो जाती बिकॉज़
उसकी मस्ती में
पंगा होता था और वह बर्दाश्त नही कर पा रही थी.

भौजी की चूत के आस पास जब में उंगली की तो
भोजी तो मज़े में
आ गयी और वह खुश हो गयी और बोली अगर ऐसे अपनी
लुगाई को खुस
करेगा तो तेरी लुगाई क्या पड़ोस की लुगाई भी तुझसे
चुद्वने को
तरसेगी राज. लल्ला मज़ा आ गया अब बस एक बार अपने
कुंवारे लंड का
स्वाद करवा दे में तुझसे फिर कुच्छ नही माँगूंगी और
जब कहेगा और
जहाँ कहेगा तुझसे चुड़ाने चली आउन्गि. फिर भौजी
ने मेरे लंड को
पकड़ कर शायद अपनी चूत के उपेर ले लिया और उसको
वाहा पर दबाने
लगी और फिर भौजी ने एक ज़ोर का धक्का उपेर को दिया और
मुझे ऐसालगा कि मैं किसी छेद में फस गया और मेरा लंड
किसी गड्ढे में
धस गया. मेने भी एक और धक्का लगा दिया तो मेरा
लंड आक्च्युयली
भौजी की चूत के अंदर चला गया था. अब तो मुझे
उसे पेलने के
अलावा कुच्छ करना नही था. मेने अपना लंड भौजी की
चूत मे
धकेलना सुरू कर दिया तो भोजी तो पागल हो गयी और
बोली वाह मेरे
लल्ला मज़्ज़ा आ गया तेरे कुंवारे लंड ने मुझे
मालामाल कर दिया
कभी नही सोचा था कि ऐसी चुदाई का मज़्ज़ा भी ले
पाउन्गि.

पर राज तुझसे चुदवाने को मुझे बहुत मेहनत करनी
पढ़ी पर मुझे
मेरी मेहनत का फल मिल गया. अब वह बोलने की बजाय
मेरी तारह ही मुझे
चूमने और चाटने लगी और मेने भी और ताक़त से
भोजी की चुदाई
सुर कर दी. पर एक दो मिनिट के धक्कों के बाद ही
मेरे लंड के अंदर
गीला सा होने लगा और जैसे ही मेने इस बार धक्का
लगाया मेरे लंड
के अंदर से जैसे पेशाब पास होताहै ऐसे ही कुच्छ पास
होने लगा और
पूरी कोशिश के बाद भी में अपने आप को नही रोक
पाया और मेरे लंड
का सारा माल भौजी की चूत में चला गया और मेरा
लंड जैसे
मुनक्का बन कर सिकुड गया. भौजी को बढ़ी तक़लीफ़
हुई उनकी मस्ती
में बाधा आ गयी थी वह बोली अबे साले तू भी बीच
में ही झाड़
गया साली मेरी किस्मत ही ऐसी हे रात में साला मेरा
ख़सम मज़्ज़ा
खराब कर देता हे और दिन में आज़ तुझसे चुदवाइ
तो तू भी बीच
में ही लुढ़क गया. तुम मर्दों के बस की भी चुदाई
करना नही रहा
कोई जान ही नही अबे 5 मिनिट भी सबर नही कर
सकते. एक औरत के
आगे ढीले पढ़ जाते हो,

फिर भौजी खुद ही बोली में तुझसे क्यों यह कह रही
हूँ तू तो नया
हे फिर मेने ही तुझको तय्यार किया चल कोई बात
नही. पर राज कल
तुझे मेरी इच्च्छा पूरी करनी होगी नही तो सोच ले
में तेरे से कभी
बात नही करूँगी और अगर तूने कल मैदान मार लिया तो
फिर तो में
तुझसे जब, जहाँ और जैसे कहेगा चुदवाउ. मुझे
तो आज चुदाई का
चस्का लग गया था और आज नाकामयाब होने की खुन्नस
भी थी इसलिए
मेने कहा भौजी अब तुम कल जैसे कहोगी वैसे ही
करूँगा और कल
ऐसा नही होगा. इस दोरान भौजी अपनी मस्ती मिटाने के
लिए मुझे
चूमती चाट्ती रही और में भी चुदाई के अलावा
जैसे भी उनको
खुश कर सकता था उस तरह से उनके एक एक अंग पर
चुम्मा और
मसाज करता रहा. फिर थोड़ी देर के बाद जब भौजी
ने अलग होने को
कहा तो हम दोनो अलग हो गये और हमेने अपने अपने
कपड़े ठीक
करके पहन लिए और आगे के काम के लिए तय्यार हो
गये.
इसके बाद हम दोनो ने लकड़ियाँ गाड़ी में लोड कर ली
और गाड़ी तय्यार
करके वापस गाँव की तरफ निकल लिए. थोड़ा आगे आकर
हमे और लोग
मिल गये जिसमें मेरे कज़िन वगिरा भी थे तो उन
लोगों को सर्प्राइज़
हुवा कि हमने इतनी जल्दी कैसे पूरी गाड़ी लोड कर ली.
इस पर भौजी
ने मेरी खूब तारीफ करी कि मेने काफ़ी मदद करी और
दूर दूर से
लकड़ियाँ कलेक्ट कर के लाया. पर दोस्तो वह तो में
जानता था कि मेने
कैसे भौजी की मदद की थी. पर मुझे चुदाई में
उतना मज़ा नही
आया जितना अब भौजी को खुश देखकर आ रहा था.
दोस्तों मेरा तो
गाँव में आना कामयाब हो गया था कई फ़ायदे हुए थे
एक चुदाई का
फ्री एक्शप हो गया था, दो कोई खर्चा नही, नही तो
किसी लड़की को सेट
करने और चुद्वने के लिए तय्यार करने में साला काफ़ी
खर्चा हो
जाता और फिर साली उन रंडियों के नखरे भी सहने
पढ़े और अगर
जैसे भौजी के सामने फैल हो गया था वैसा हो जाए
तो साली मेरी
सबके सामने बेइज़्ज़ती भी कर देती.

यहाँ तो साला हर तरफ़ से मज़ा ही मज़ा था और फिर
एक एक्सपीरियेन्स
मेट्यूर्ड और मस्त चूत मिली थी चोदने को. शहर में
तो साली
गंदगी के अलावा कुच्छ नही और साला बिना किसी
प्रोटेक्षन के किया तो
लेने के देने भी पड़ जाते. फिर रास्ते में अब हमारी
उतनी बिंदास
बातें नही हुई बिकॉज़ पहले तो भौजी मुझे एग्ज़ाइट
करने के लिए
ऐसा कर रही थी अब तो उनका काम हो गया था. फिर भी
भौजी मुझे
रास्तें में समझाती रही कि कैसे कल को भौजी की
चुदाई करूँ
जिससे जल्दी से आज की तरह झाड़ ना जाउ. वह मुझे
यह अहसास कराती
रही कि उनको बड़ा मज़ा आय्या और वह खुस हैं.
भौजी अब मुझसे एक
बार फुल चुदाई का मज़्ज़ा लेना चाहती थी और में भी
जिंदगी की
पहली फुल चुदाई के लिए तय्यार हो रहा था. जब
मेने भौजी को
उनके घर पर छ्चोड़ा तो उनने मुझे पानी पीने के
बहाने कमरे में
बुलाया और मुझे पकड़ कर मेरा एक चुम्मा लिया तो
मेने भी बदले
में भौजी का चुम्मा लिया पर जैसे ही में मुड़ा उन्ने
मेरी पॅंट के
बाहर से मेरे लंड पर हाथ लगाते हुए कहा कल के
लिए इसे अभी से
तय्यार कर लो.

में जब घर पर आ गया तो आज में काफ़ी रिलॅक्स था
और अब मुझे
चुदाई के बारे में कोई घबराहट नही हो रही थी.
बस आज में
नेक्स्ट डे का इंतज़ार करने लगा और रात को टाइम से सो
गया और सोते
ही मुझे नींद आ गयी. मॉर्निंग में डेली रुटीन के
बाद फिर हम
जंगल की तरफ चल दिए और आज भी भौजी और में
साथ साथ गये
बिकॉज़ वो आज भी अकेली थी आज भौजी ने बताया कि
उसका पति कही
दूसरे गाँव गया हे और शाम को आएगा. फिर आज रास्ते
में जब मौका
लगा हम मस्ती करते हुए चलते रहे. पर आज में
भी भौजी को
छेड़ रहा था और आज तो में एक दो बार अकेले में
मौका देख के
भौजी के चूचे गाड़ी में ही खूब तसल्ली से दबाए
और एक दो बार
पप्पी ली. इससे भौजी को भी मज़्ज़ा आ रहा था
बिकॉज़ जब भी में
शांत होता तो भौजी भी मौका देख के मेरी थाइस और
पॅंट के बाहर
से मेरे लंड के उपेर हाथ मार लेती थी.


क्रमशः...........................


gataank se aage................


Ab bhouji boli lala too mard to hei per pura mard to
tab manu jab teri
mardangi ka test ho jaye aur itna kah kar bhouji ne
meri Pant kholani
suru kar di aur mere underwer ke ander apna haath daal
diya mera lund
tab tak khada nahi tha per Bhouji ke haath lagte hi
mujhe bada atpata
laga aur meine Bhouji ko ragadanaa aur choosna band kar
ke apne se alag
karne laga to bhouji boli tera pahal waan to soya hai
ise uthaana padega
nahi to mein to sukhi hi rah jaungi. Itna kah kar
bhauji ne mera
underwear neeche karke mere Lund ko apne lips se daba
liya mujhe dard
sa ho reha tha per maza bhi aa reha tha fir bhauji ne
mere Lund ko
pura apne muh mein le liya. Aur wah mere lund ko Tofee
ki tarah
choosne lagi per jaise hi mujhe dard sa lagta wah ruk
jati aur fir
suru ho jati aur thodi der mein hi mera lund ekdam
khambe ki tarah
khada ho gaya aur Bhouji ne apna muh alag kar liya aur
boli Lalla ab
ye taiyaar ho gaya he ab time kharaab mat kar aur pale de
ise meri
choot mein. Mein ghabra reha tha tab tak bouji ne apni
saree fold
karke Bailgadi mein bichha di aur uss per late gayi.

Ab bhauji ne apna petocoat bhi khol diya aur mujhe
apne uper kheench
liya aur boli Lala dar mat too bus pehle ki tarah mere
chooche
choosne suru akr de meine vaisa hi kiya per Lund kaise
ander karun
iska mujhe na to aidea lag reha tha aur na hi meri
himmat ho paa rehi
thi ki kaise Lund Bhoji ki choot mein daloo ab mujhe
sharm to nahi aa
rehi thi per mein anadi sabit ho reha tha. Fir bhi
mein bhauji ki
thighs ke beech uski choot per ungli karne ki koshish
kari au ruper
uski choochiyon, choochon, armpits, peeth, gale, lips,
kamar aur
nabhi per ek ek kar choomna, chatna, katna jari rakha.
Mere iss tarah
ke action se bhauji badi mast thi aur mujhe bhi mazza
aa reha tha per
jab bhi mujhe ye khyal aata ki kahi koi aa na jaye to
meri halat
kharab ho jaati aur bhauji pareshan ho jaati because
uski masti mein
panga hota tha aur wah bardasht nahi kar pa rehi thi.

bhauji ki choot ke aas pass jab mein ungli kee to
Bhoji to maze mein
aa gayi aur wah Khush ho gayi aur boli agar aise apni
lugai ko khus
karega to teri lugai kya pados ki Lugai bhi tujhse
chudwane ko
tarsegi Sanju. Lalla maza aa gaya ab bus ek baar apne
kunware lund ka
swad karwa de mein tujhse fir kuchh nahi mangungi aur
jab kahega aur
jahan kahega tujhse chuwane chali aaungi. Fir bhauji
ne mere lund ko
pakad kar shayad apni choot ke uper le liya aur usko
waha per dabne
lagi aur fir bhauji ne ek jor ka dhaka uper ko diya au
rmujhe aisa
laga ki mein kisi chhed mein fas gaya aur mera lund
kisi gaddhe mein
dhas gaya. Meine bhi ek au rdhaka laga diya to mera
lund actually
Bouji ki choot ke ander chala gaya tha. Ab to mujhe
use palne ke
alawa kuchh karna nahi tha. Meine apna Lund bhauji ki
chot per
dakelna suru kar diya to Bhoji to pagal ho gayi aur
boli wah mer
Lalla mazza aa gaya tere kunware Lund ne mujhe
malamaal kar diya
kabhi nahi socha tha ki aisi chudai ka mazza bhi le
paungi.

Per Sanju tujhse chudwane ko mujhe bahut mehant karni
padhi per mujhe
meri mehnat ka fal mil gaya. Ab wah bolne ki bajay
meri tarh hi mujhe
choomne aur chatne lagi aur meine bhi aur taqat se
Bhoji ki chudai
sur kar di. Per ek do minute ke dhakkon ke baad hi
mere Lund ke ander
gila sa hone laga aur jaise hi meine iss bar dhakka
lagaya mere Lund
ke ander se jaise urin paas hota aise hi kuchh paas
hone laga aur
puri koshish ke baad bhi mein apne aap ko nahi rok
paya aur mere Lund
ka sara maal bhauji ki choot mein chala gaya aur Mera
Lund jaise
Munakka ban kar sikud gaya. bhauji ko badhi taqleef
huyi unki masti
mein badha aa gayi thi wah boli abe sale too bhi beech
mein hi jhad
gaya sali meri Kismat hi aisi hei Raat mein sala mera
khasam mazza
kharab kar deta hei aur din mein aaz tujhse chudwayi
to too bhi beech
mein hi ludhak gaya. Tum mardon ke bas ki bhi chudai
karna nahi reha
koi jaan hi nahi abe 5 minute bhi sabar nahi kar
sakte. Ek aurat ke
aage dheele padh jaate ho,

Fir bhauji khud hi boli mein tujhse kyon yeh kah rehi
hun too to naya
hei fir meine hi tujhko tayyar kiya chal koi baat
nahi. Per Sanju Kal
tujhe meri ichchha puri karni hogi nahi to soch le
mein tere se kabhi
baat nahi karung aur agar tune kal maidan maar liya to
fir to mein
tujhse jab, jahan aur jaise kahega chudwaungi. Mujhe
to aaj chudai ka
chaska lag gaya tha aur aaj nakamyab hone ki khunnas
bhi thi isliye
meine kaha bhauji ab tum kal jaise kahogi vaise hi
karunga aur kal
aisa nahi hoga. Iss doran bhauji apni masti mitane ke
liye mujhe
choomti chaatti rehi aur mein bhi chudayi ke alawa
jaise bhi unko
khush kar sakta tha uss tarah se unke ek ek ang per
chumma aur
massage karta reha. Fir thodi der ke baad jab bhauji
ne alag hone ko
kaha to hum dono alag ho gaye aur hamene apne apne
clothes theek
karke pehan liye aur age ke kaam ke liye tayyar ho
gaye.
Iske baad ham dono ne Lakdiyan Gadi mein Load kar li
aur Gadi tayyar
karke wapas ganv ki taraf nikal liye. Thoda age aakar
hame aur log
mil gaye jismein mere cousin vagira bhi the to un
logon ko surprise
huwa ki hamne itni jaldi kaise puri gadi load kar lee.
Iss per bhauji
ne meri khoob tareef kari ki mein kafi madad kari aur
door door se
Lkdiyan collect kar ke laya. Per dosdon wah to mein
janta tha ki mein
kaise bhauji ki madad ki thi. Per mujhe chudayi mein
utna mazaa nahi
aaya jitna ab bhauji ko khush dekhkar aa reha tha.
Doston mera to
ganv mein aan kamyaab ho gaya tha kai fayde huye the
ek chudayi ka
free exp ho gaya tha, do koi kharcha nahi, nahi to
kisi ladki ko set
karne aur chudwane ke liye tayyar karne mein sala kafi
kharcha ho
jata aur fir sali un randiyon ke nakhre bhi sahne
padhe aur agar
jaise bhauji ke samne fail ho gaya tha vaisa ho jaye
to sali meri
sabke samne beijjati bhi kar deti.

Yahan to sala har tarf se mazza hi mazza tha aur fir
ek experience
matured aur mast choot mili thi chodne ko. Shahar mein
to sali
gandagi ke alawa kuchh nahi aur sala bina klisi
protection ke kiya to
lene ke dene bhi padh jate. Fir raste mein ab hamari
utni bindass
batein nahi huyi because pehle to bhauji mujhe excite
karne ke liye
aisa kar rehi thi ab to unka kaam ho gaya tha. Fir bhi
bhauji mujhe
rastein mein samjhati rehi ki kaise kal ko bhauji ki
chudai karun
jisse jaldi se aaj ki tarah jhad na jaun. Wah mujhe
yeh ahsas karti
rahi ki unko bada mazza aayya aur wah khus hein.
bhauji ab mujhse ek
baar full chudai ka mazza lena chahti thi aur mein bhi
jindagi ki
pehli full chudayi ke liye tayyar ho reha tha. Jab
meine Bouji ko
unke Ghar per chhoda to unne mujhe pani peene ke
bahane kamre mein
bulaya aur mujhe pakad kar mera ek chumma liya to
meine bhi badle
mein bhauji ka chumma liya per jaise hi mein muda unne
meri pant ke
bahar se mere lund per haath lagate huye kaha Kal ke
liye ise abhi se
tayyar kar lo.

Mein jab ghar per aa gaya to aaj mein kafi relax tha
aur ab mujhe
Chudayi ke bare mein koi ghabrahat nahi ho rehi thi.
Bus aaj mein
next day ka intzaar karne laga aur raat ko time se so
gaya aur sote
hi mujhe neend aa gayi. Morning mein daily routine ke
baad fir hum
jungle ki taraf chal diye aur aaj bhi bhauji aur mein
sath sath gaye
because woh aaj bhi akeli thi aaj bhauji ne bataya ki
uska pati kahi
dusre ganv gaya hei aur sham ko ayega. Fir aaj raste
mein jab mauka
laga ham masti karte huye chalte rehe. Per aaj mein
bhi bhauji ko
ched reha tha aur aaj to mein ek do bar akele mein
mauka dekh ke
bhauji ke chooche gadi mein hi khoob tasalli se dbaaye
aur ek do bar
puppy lee. Isse bhauji ko bhi mazza aa reha tha
because jab bhi mein
shant hota to Bouji bhi mouka dekh ke meri thighs aur
pant ke bahar
se mere Lund ke uper hath mar leti thi.


kramshah......................
.....


आपका दोस्त राज शर्मा
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
आपका दोस्त
राज शर्मा

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