Saturday, March 26, 2011

हिंदी सेक्सी कहानियाँ बुर में लंड.

हिंदी सेक्सी कहानियाँ

बुर में लंड.

में 35 साल का मस्त जवान हूँ और मेरा लंड चोदने के लिए
तड़प्ता रहता है. बीवी को चोद चोद कर ये कुछ नया खोज रहा था.
हमारे घर में पार्ट-टाइम नौकरानिया काम करती हैं. लेकिन कोई
भी सुंदर नहीं थी. बीवी बड़ी होशियार थी. सब काली कलूटी और
भद्दी भद्दी चुन चुन कर रखती थी. जानती थी ना कि मेरे मियाँ
को चूत का बड़ा शौक है. आख़िर में जब कोई नहीं मिली तो एक को
रखना ही पड़ा - जो की 19-20 साल की मस्त जवान कुँवारी लड़की थी.
सावला रंग था और क्या जोवन. सुंदर ऐसी की देख कर ही लंड खरा
हो जाए. मम्मे ऐसे गोल गोल और निकलते हुए की ब्लाउस में समाए ही
नहीं. बस में मौके की तलाश में था क्यों की चोदने के लिए
एकदम मस्त चीज़ थी. सोच सोच कर मैने कई बार मूठ मारा. बहुत
ज़ोर से तम्माना थी कब मौका मिले और कब में इसकी बुर में अपना
लंड घुसा दूँ. वो भी पैनी निगाहों से मुझे देखती रहती थी.
और में उसके बदन को चोरी चोरी से नापता रहता था. मन मन में
कई बार उसे नंगा कर दिया. उसकी गुलाबी चूत के बारे मे कई बार सोच सोच
कर मेरा लंड गीला हो जाता था और खरा हो कर फड़फदा रहा होता.
हाथ मचलते रहता कब उसकी गोल गोल चुचियों को दबाऊं. एक बार
चाय लेते समय जब मैने उसे छुआ तो मानो करेंट सा लग गया और
वो शरमाते हुए खिलखिला पड़ी और भाग गयी. मैने कहा मौका
आने दे, रानी तुझे तो खूब चोदुन्गा. लंड तेरी चिकनी बुर मे डाल
कर भूल जाउन्गा. चुचि को चूस चूस कर प्यसस बुझाऊँगा और
दबा दबा कर मज़े लूँगा. होठों को तो खा ही जाऊँगा. रानी उसका
प्यारा सा नाम था.

कहते हैं उसके घर में देर है पर अंधेर नहीं. एक दिन बीवी ने
कहा मैं मैके जा रही हूँ, रानी आएगी तो घर का काम करवा
लेना. रविवार का दिन था. बच्चे भी बीवी के साथ चले गये. और
मेरे लंड महाराज तो उछल गये. मौका चूकने वाला नहीं था. लेकिन
शूरू कैसे करे. कही चिल्लाने लगी तो ? गुस्सा हो गयी तो ?
दोस्तों, तुम यह जान लो कि लड़कियाँ कितना ही शरमाये लेकिन दिल में
उनकी इच्छा रहती है कि कोई उन्हे छेड़े और चोदे. मैने रानी को
बुलाया और उसे देखते हुए कहा - "रानी, तुम कपड़े इतने कम क्यों
पहनती हो ?" वो बोली "क्यूँ साहब, क्या कम है ?" मैने जवाब
दिया, "देखो, ब्लाउस के नीचे कोई चोली नहीं है. सब दिखता है.
लड़के छेड़ेंगे तुझे." वो बोली, "बाबूजी, इतने पैसे कहाँ कि चोली
खरीद सकूँ. आप दिलवायोगे." मैने कहा, "दिलवा तो में दूँगा.
लेकिन पहले बता कि क्या आज तक किसी ने तुझे छेड़ा है." उसने जवाब
दिया, "नहीं साहब." मैने कहा, "इसका मतलब तू एकदम कुँवारी है."

"जी साहब."

"अगर में कहूँ कि तू मुझे बहुत अच्छी लगती है, तो तू नाराज़ तो
नहीं होगी." "नाराज़ क्यू हूँगी साहब. आप तो बहुत अच्छे हो." बस
यही उसका सिग्नल था मेरे लिए. मैने हिम्मत रख कर पूछा, " अगर
मैं तुम्हे थोड़ा प्यार करूँ तो तुम्हे बुरा तो नहीं लगेगा." अपने
पैर की उंगलियों को वो ज़मीन पर मसल्ति हुई बोली, "आप तो बड़े वो
हो साहब." मैने आगे बढ़ते हुए कहा, "अच्छा अपनी आखें बंद कर
ले और अभी खोलना नहीं." उसने आखें बंद की और हल्के से मूह उपर
की तरफ कर दिया. मैने कहा-बेटा लोहा गरम है, मार दे हथोडा.
आहिस्ता से पहले मैने उसके गालों को अपने हाथों में लिया और फिर
रख दिए अपने होठ उसके होठों पर. हाए क्या ग़ज़ब की लड़की थी.
क्या टेस्ट था. दुनिया की कोई भी शराब उसका मुक़ाबला नहीं कर
सकती थी. ऐसा नशा छाया की सब्र के सारे बाँध टूट गये. मेरे
होठों ने कस कर उसके होठों को चूसा और चूस्ते ही रहे. मेरे
दोनो हाथों ने ज़ोर से उसके बदन को दबोच लिया. मेरी जीब उसकी जीब
का टेस्ट लेने लगी. इस दौरान उसने कुछ नहीं कहा. बस मज़ा लेती
रही. अचानक उसने आखें खोली और बोली, "साहब, बस, कोई देख
लेगा." मैने कहा, "रानी, अब तो मत रोको मुझे. सिर्फ़ एक बार." "एक
बार, क्या साहब ?"

मैने उसके कान पे पास जा कर कहा, "चुदवाएगी ? एक बार बुर में
लंड घुस्वाएगी ? देख मना मत करना. कितनी सुंदर है तू. " यह
कह कर मेने उसे कस कर पकड़ लिया और दाहिने हाथ से उसकी बाई
चुचि को दबाने लगा. मूह से मैं उसके गालों पर, गले पर, होठों
पर, और हर जगह पर चूमने लगा पागलो की तरह. क्या चुचि थी,
मानो सख़्त संतरे. दबाओ तो चिटक चिटक जाए. उफ़, मलाई थी पूरी
की पूरी.

रानी ने जवाब दिया, "साहब, मैने यह सब कभी नहीं किया. मुझे
शर्म आ रही है."

उखरी साँसों से मैने कहा, "हाई मेरी जान रानी, बस इतना बता,
अच्छा लगा या नहीं. मज़ा आ रहा है कि नहीं ? मेरा तो लंड बेताब
है जाने मन. और मत तडपा."

"साहब, जो करना है जल्दी करो, कोई आ जाएगा तो ?"

बस मैने उसके फूल जैसे बदन को उठाया और बिस्तर पर ले गया और
लिटा दिया. कस कर चूमते हुए मैने उसके कपड़ों को उतारा. फिर अपने
कपड़ों को जल्दी से निकाला. 7" लंबा मेरा लंड फड़फदते हुए बाहर
निकला. देख कर उसकी आखें बड़ी हो गयी. बोली "हाई यह क्या है?
यह तो बहुत बड़ा है. "

"पकड़ ले इसे मेरी जान." कहते हुए मैने उसके हाथ को अपने लंड
पर रख दिया. उसके बदन को पहली बार नंगा देख कर तो लंड ज़ोर
से उछलने लगा. चुचि ऐसे मस्त थे की पूछो मत. चूत पर बाल
इतने अच्छे लग रहे थे कि मेरे हाथ उसकी तरफ बढ़ ही गये. क्या
गरम चूत थी. उंगली आहिस्ता से अंदर घुसाइ. रस बह रहा था और
उसकी बुर गीली हो गयी थी. गुलाबी गुलाबी बुर को उंगलियों से अलग
किया, और मैने अपना लंड आहिस्ता से घुसाया. हाथ उसकी चुचियों
को मसल रहे थे. मूह से उसके होठों को में चूस रहा था.

"आ, साहब, आहिस्ता, लग रहा है."

"रानी मज़ा आ रहा है ?"

"साहब, जल्दी करिए ना जो भी करना है."

"हाई मेरी जान, बोल क्या करूँ ?"

"डालिए ना. कुछ करिए ना."

"रानी, बोल क्या करूँ." कहते हुए मैने लंड को थोड़ा और घुसाया.

"अपना यह डाल दीजिए. " "बोल ना, कहा डालूं मेरी जान, क्या
डालूं." "आप ही बोलिए ना साहब, आप अच्छा बोलते हैं." "अच्छा,
यह मेरा लंड तेरी चिकनी और प्यारी बुर में घुस गया. और अब ये
तुझे चोदेगा." "चोदो ना, साहब." उसके मूह से सुन कर तो लंड
और भी मस्त हो गया. "हाई रानी, क्या बुर है तेरी, क्या चुचि है
तेरी. कहाँ छुपा कर रखा था इतने दिन. पहले क्यों नहीं चुदवाया."

"साहब, आपका भी लंड बहुत मज़ेदार है. बस चोद दीजिए जल्दी
से." और उसने अपने चूतर उपर कर लिए.

अब मैने उसकी दाहिनी चुचि को मूह मे लिया और चूसने लगा. एक
हाथ से दूसरी चुचि को दबाते हुए, मसल्ते हुए, में उछल उछल
कर ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा. जन्नत का मज़ा आ रहा था. ऐसा लग
रहा था बस चोद्ता ही रहूं, चोद्ता ही रहूं इस प्यारी प्यारी चूत
को. मेरा लंड ज़ोर ज़ोर से उसके गुलाबी गीली गरम गरम बुर को चोद
रहा था.

"हाई, रानी चुद रही है ना. बोल मेरी जान, बोल."

"हां साहब, चुद रही हू. बहुत मज़ा आ रहा है. साहब आप बहुत
अच्छा चोद्ते हैं. साहब, यह मेरी बुर आपके लंड के लिए ही बनी
है. है ना साहब. साहब, चुचि ज़ोर से दबाइए. साहब, ऊऊओ, मज़ा
आ गया, ऊऊहह." अचानक, हम दोनो साथ साथ ही झड़े. मैने
अपना सारा रस उसकी प्यारी प्यारी बुर में घोल दिया. है क्या बुर थी.
क्या लड़की थी. गरम गरम हलवा. नहीं उससे भी ज़्यादा टेस्टी. मैने
पूछा, "रानी , तेरा महीना कब हुआ था री ?" शरमाते हुए
बोली, "परसों ही ख़तम हुआ. आप बड़े वो हैं. यह भी कोई पूछता
है." बाहों में भर कर होठों को चूमते, चुचियों को दबाते हुए
मैने कहा, "मेरी जान, चुदवाते चुदवाते सब सीख जाएगी." एकदम
सेफ था. प्रेग्नेंट होने का कोई चान्स नहीं था अभी. दोस्तों, कह
नहीं सकता, दूसरी बार जब उसे चोदा, तो पहली बार से ज़्यादा मज़ा
आया. क्यों की लंड भी देर से झारा. चूत उसकी गीली थी. चूतर
उच्छल उच्छल कर चुदवा रही थी साली. उसकी चुचियों को तो मसल
मसल कर और चूस चूस कर निचोड़ ही दिया मैने. जाने फिर कब
मौका मिले. आज इसकी बुर चूस ही लो. बुर का स्वाद तो इतना मज़ेदार
था की कोई भी शराब में ऐसा नशा नहीं. चोदते समय तो मैने
उसके होठों को खा ही लिया. "यह मज़ा ले मेरे लंड का मेरी जान.
तेरी बुर में मेरा लंड - इसी को चुदाई कहते है रानी. कहाँ छुपा
रखी थी यह चूत जानी." कहते हुए में बस चोद रहा था और
मज़ा लूट रहा था. "चोद दीजिए साहब, चोद दीजिए. मेरी बुर को
चोद दीजिए." कह कह कर चुदवा रही थी मेरी रानी. दोस्तों. चुदाई
तो ख़तम हुई लेकिन मन नहीं भरा. दबोचते हुए मैने
कहा, "रानी , मौका निकाल कर चुदवाती रहना. तेरी बुर का दीवाना
है यह लंड. मालामाल कर दूँगा जाने मन." यह कह कर मैने उसे
500 रुपए दिए और चूमते हुए मसल्ते हुए रुखसत किया. दोस्तो कैसी लगी
ये मस्त कहानी आपका दोस्त राज शर्मा
समाप्त
एंड


Bur Mein Lund.

Mein 35 saal ka mast jawaan hoon aur mera lund chodne ke liye
tadapta rehta hai. Biwi ko chod chod kar ye kuch naya khoj raha tha.
Hamare ghar mein part-time naukraniyan kaam karti hain. Lekin koi
bhi sundar nahin thi. Biwi badi hoshiyar thi. Sab kali kalutti aur
bhaddi bhaddi chun chun kar rakhti thi. Janti thi na ki mere miyan
ko choot ka bada shauk hai. Akhir mein jab koi nahin mili to ek ko
rakhna hi pada - jo ki 19-20 saal ki mast jawan kunwari ladki thi.
Sawla rang tha aur kya jowan. Sundar aisi ki dekh kar hi lund khara
ho jai. Mamme aise gol gol aur nikalte hue ki blouse mein samai hi
nahin. Bus mein mauke ki talash mein tha kyon ki chodne ke liya
ekdum mast cheez thi. Soch soch kar maine kai bar muth mara. Bahut
zor se tammana thi kab mauka mile aur kab mein iske bur mein apna
lund ghusa doon. Who bhi paini nigahon se mujhe dekhti rehti thi.
Aur mein uske badan ko chori chori se napta rehta tha. Mun mun mein
kai bar use nanga kar diya. Uski gulabi choot ko kai bar soch soch
kar mera lund gila ho jata tha aur khara ho kar phadphada raha hota.
Hath machalte rehta kab uski gol gol chuchiyon ko dabaoon. Ek baar
chaye lete samay jab maine use chua to mano current sa lag gaya aur
who sharmate hue khilkhila padi aur bhag gayee. Maine kaha mauka
aane de, Raani tujhe to khub chodunga. Lund teri chikni bur min daal
kar bhul jayoonga. Chuchi ko choos choos kar pyass bujhaoonga aur
daba daba kar maze loonga. Hothon ko to kha hi jaaoonga. Raani uska
pyara sa naam tha.

Kehte hain uske ghar mein der hai par andher nahin. Ek din biwi ne
kaha main maike ja rahi hoon, Raani aayegi to ghar ka kaam karwa
lena. Ravivar ka din tha. Bacchhe bhi biwi ke saath chale gaye. Aur
mere lund maharaj to uchal gaye. Mauka chookne wala nahin tha. Lekin
shooru kaise kare. Kahi chillane lagi to ? Gussa ho gayee to ?
Doston, tum yeh jaan lo ki ladkiyan kitna hi sharmaye lekin dil mein
unki iccha rehti hai ki koi unhe chede aur chode. Maine Raani ko
bulaya aur use dekhte hue kaha - "Raani, tum kapde itne kum kyon
pahanti ho ?" Who boli "kyoon sahab, kya kum hai ?" Maine jawab
diya, "Dekho, blouse ke niche koi choli nahin hai. Sab dikhta hai.
Ladke chedenge tujhe." Woh boli, "babuji, itne paise kahan ki choli
kharid sakoon. Aap dilwayoge." Maine kaha, "dilwa to mein dunga.
Lekin pehle bata ki kya aaj tak kisi ne tujhe cheda hai." Usne jawab
diya, "nahin sahab." Maine kaha, "iska matlab tu ekdum kunwari hai."

"Ji Sahab."

"Agar mein kahoon ki tu mujhe bahut acchhi lagti hai, to tu naraz to
nahin hogi." "Naraz kyu hungi Sahab. Aap to bahut acchhe ho." Bus
yahi uska signal tha mere liye. Maine himmat rakh kar pucha, " Agar
main tumhe thoda pyar karoon to tumhe bura to nahin lagega." Apne
pair ki ungliyon ko woh zamin par masalti hui boli, "Aap to bare woh
ho Sahab." Maine aage badhte hue kaha, "Accha apni aakhen band kar
le aur abhi kholna nahin." Usne aakhen band ki aur halke se muh upar
ki taraf kar diya. Maine kaha-beta loha garam hai, maar de hathoda.
Aahista se pahle maine uske galon ko apne hathon mein liya aur phir
rakh diye apne hoth uske hothon par. Haye kya gazab ki ladki thi.
Kya taste tha. Duniya ki koi bhi sharaab uska muqabla nahin kar
sakti thi. Aisa nasha chaaya ki sabra ke sare baandh toot gaye. Mere
hothon ne kas kar uske hothon ko choosa aur chooste hi rahe. Mere
dono hathon ne zor se uske badan ko doboch liya. Meri jeeb uski jeeb
ki taste lene lagi. Is doauran usne kuch nahin kaha. Bus maza leti
rahi. Achanak usne aakhen kholi aur boli, "sahabji, bus, koi dekh
lega." Maina kaha, "raani, ab to mat roko mujhe. Sirf ek bar." "Ek
baar, kya sahab ?"

Maine uske kaan pe paas ja kar kaha, "chudwayegi ? Ek baar bur mein
lund ghuswayegi ? Dekh mana mat karna. Kitni sundar hai tu. " Yeh
kah kur meine use kas kar pakad liya aur dahine haath se uski bayee
chuchi ko dabena laga. Muh se main uske galon par, gale par, hothon
par, aur har jagah par chumne laga pagolon ki tarah. Kya chuchi thi,
mano sakth santre. Dabao to chitak chitak jaye. Uf, malai thi puri
ki puri.

Raani ne jawab diya, "sahabji, maine yeh sab kabhi nahin kiya. Mujhe
sharm aa rahi hai."

Ukhri sanson se maine kaha, "hai meri jaan Raani, Bus itna bata,
acchha laga ya nahin. Maza aa raha hai ki nahin ? Mera to lund betab
hai jane man. Aur mat tadpa."

"Sahabji, jo karna hai jaldi karo, koi aa jayega to ?"

Bus maine uske phul jaise badan ko uthaya aur bistar par le gaya aur
lita diya. Kas kar chumte hue maine uske kapdon ko utara. Phir apne
kapdon ko jaldi se nikala. 7" lamba mera lund phadphadate hue bahar
nikla. Dekh kar uski aakhen badi ho gayee. Boli "hai yeh kya hai?
Yeh to bahut bada hai. "

"Pakad le ise meri jaan." Kahte hue maine uske haath ko apne lund
par rakh diya. Uske badan ko pehli baar nanga dekh kar to lund zor
se uchalne laga. Chuchi aise mast the ki pucho mat. Choot par baal
itne acchee lag rahe the ki mere haath uski taraf badh hi gaye. Kya
garam choot thi. Ungli aahista se andar ghusai. Ras bah raha tha aur
uski bur gili ho gayee thi. Gulabi gulabi bur ko ungliyon se alag
kiya, aur maine apna lund aahista se ghusaya. Haath uski chuchiyon
ko masal rahe the. Muh se uske hothon ko mein choos raha tha.

"Aah, sahabji, aahista, lag raha hai."

"Raani maza aa raha hai ?"

"Sahabji, jaldi kariye na jo bhi karna hai."

"Hai meri jaan, bol kya karoon ?"

"Daaliye na. Kuch kariye na."

"Raani, bol kya karoon." Kahte hue maine lund ko thoda aur ghusaya.

"Apna yeh daal dijiye. " "Bol na, kaha daloon meri jaan, kya
daloon." "Aap hi boliye na sahabji, aap acchaa bolte hain." "Acchha,
yeh mera lund teri chikni aur pyari bur mein ghus gaya. Aur ab ye
tujhe chodega." "Chodiye na, sahabji." Uske muh se sun kar to lund
aur bhi mast ho gaya. "Hai Raani, kya bur hai teri, kya chuchi hai
teri. Kahan chupa kar rakha tha itne din. Pehle kyon nahin chudwaya."

"Sahabji, aapka bhi lund bahut mazedar hai. Bus chod dijiye jaldi
se." Aur usne apne chutar upar kar liye.

Ab maine uski dahini chuchi ko muh me liya aur choosne laga. Ek
haath se doosri chuchi ko dabate hue, masalte hue, mein uchal uchal
kar zor zor se chodne laga. Jannat ka maza aa raha tha. Aisa lag
raha tha bus chodta hi rahun, chodta hi rahun is pyari pyari choot
ko. Mera lund zor zor se uske gulabi gili garam garam bur ko chod
raha tha.

"Hai, Raani chud raha hai na. Bol meri jaan, bol."

"Haan sahab, chud raha hai. Bahut maza aa raha hai. Sahab aap bahut
acchha chodte hain. Sahab, yeh meri bur aapke lund ke liye hi bani
hai. Hai na sahab. Sahab, chuchi zor se dabaiye. Sahab, oooooh, maza
aa gaya, oooohhhh." Achanak, hum dono saath saath hi jhare. Maine
apna sara rus uski pyare pyare bur mein ghol diya. Hai kya bur thi.
Kya ladki thi. Garam garam halwa. Nahin usse bhi jyada tasty. Maine
pucha, "Raani , tera mahina kab hua tha ri ?" Sharmate hue
boli, "Parson hi khatam hua. Aap bade woh hain. Yeh bhi koi puchta
hai." Bahon mein bhar kar hothon ko chumte, chuchiyon ko dabate hue
maine kaha, "Meri jaan, Chudwate chudwate sab seekh jayegi." Ekdum
safe tha. Pregnant hone ka koi chance nahin tha abhi. Doston, kah
nahin sakta, doosri baar jab use choda, to pehli baar se jyada maza
aaya. Kyon ki lund bhi der se jhara. Choot uski gili thi. Chutar
uchhal uchhal kar chudwa rahi thi sali. Uski chuchiyon ko to masal
masal kar aur choos choos kar nichod hi diya maine. Jane phir kab
mauka mile. Aaj iska bur choos hi lo. Bur ka swad to itna mazedar
tha ki koi bhi sharaab mein aisa nasha nahin. Chodte samay to maine
uske hothon ko kha hi liya. "Yeh maza le mere lund ka meri jaan.
Teri bur mein mera lund - isi ko chudai kehte hai Raani. Kahan chupa
rakha tha yeh choot jaani." Kehte hue mein bus chod raha tha aur
maza loot raha tha. "Chod dijiye sahabji, Chod dijiye. Meri bur ko
chod dijiye." Kah kah kar chudwa rahi thi meri Raani. Doston. Chudai
to khatam hui lekin man nahin bhara. Dabochte hue maine
kaha, "Raani , mauka nikal kar chudwati rehna. Teri bur ka diwana
hai yeh lund. Maalamal kar doonga jaane man." Yeh kah kar maine use
500 rupaiye diye aur chumte hue masalte hue rukhsat kiya.

End

--
..............raj.....................


Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion |
Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews
| Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance |
India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera |
Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical
| Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting |
Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry |
HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis
| Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad |
New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी
कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स |
सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स |
vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा |
सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी
सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी
सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such
| सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi |
कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult
kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई |
एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre
ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein |
चुटकले चुदाई के | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain |
चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी
चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा |
सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai |
payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग
कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk |
vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana
ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ |
कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का
तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ |
हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी |
हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट |
chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai
| sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai |
mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन,
यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग,
यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना,
aunty,stories,bhabhi,choot,chudai,nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic
stories,chudai,chudai ki,hindi stories,urdu stories,bhabi,choot,desi
stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi chudai,desi story,story
bhabhi,choot ki,chudai hindi,chudai kahani,chudai stories,bhabhi
stories,chudai story,maa chudai,desi bhabhi,desi chudai,hindi
bhabhi,aunty ki,aunty story,choot lund,chudai kahaniyan,aunty
chudai,bahan chudai,behan chudai,bhabhi ko,hindi story chudai,sali
chudai,urdu chudai,bhabhi ke,chudai ladki,chut chudai,desi kahani,beti
chudai,bhabhi choda,bhai chudai,chachi chudai,desi choot,hindi kahani
chudai,bhabhi ka,bhabi chudai,choot chudai,didi chudai,meri
chudai,bhabhi choot,bhabhi kahani,biwi chudai,choot stories, desi
chut,mast chudai,pehli chudai,bahen chudai,bhabhi boobs,bhabhi
chut,bhabhi ke sath,desi ladki,hindi aunty,ma chudai,mummy
chudai,nangi bhabhi,teacher chudai, bhabhi ne,bur chudai,choot
kahani,desi bhabi,desi randi,lund chudai,lund stories, bhabhi
bra,bhabhi doodh,choot story,chut stories,desi gaand,land choot,meri
choot,nangi desi,randi chudai,bhabhi chudai stories,desi mast,hindi
choot,mast stories,meri bhabhi,nangi chudai,suhagraat chudai,behan
choot,kutte chudai,mast bhabhi,nangi aunty,nangi choot,papa
chudai,desi phudi,gaand chudai,sali stories, aunty choot,bhabhi
gaand,bhabhi lund,chachi stories,chudai ka maza,mummy stories, aunty
doodh,aunty gaand,bhabhi ke saath,choda stories,choot urdu,choti
stories,desi aurat,desi doodh,desi maa,phudi stories,desi mami,doodh
stories,garam bhabhi,garam chudai,nangi stories,pyasi bhabhi,randi
bhabhi,bhai bhabhi,desi bhai,desi lun,gaand choot,garam aunty,aunty ke
sath,bhabhi chod,desi larki,desi mummy,gaand stories,apni
stories,bhabhi maa,choti bhabhi,desi chachi,desi choda,meri
aunty,randi choot,aunty ke saath,desi biwi,desi sali,randi
stories,chod stories,desi phuddi,pyasi aunty,desi
chod,choti,randi,bahan,indiansexstories,kahani,mujhe,chachi,garam,desipapa,doodhwali,jawani,ladki,pehli,suhagraat,choda,nangi,behan,doodh,gaand,suhaag
raat, aurat,chudi, phudi,larki,pyasi,bahen,saali,chodai,chodo,ke
saath,nangi ladki,behen,desipapa stories,phuddi,desifantasy,teacher
aunty,mami stories,mast aunty,choots,choti choot, garam choot,mari
choot,pakistani choot,pyasi choot,mast choot,saali stories,choot ka
maza,garam stories,,हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा
बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की
कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और
मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर
दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories
,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी
बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी ,kamuk
kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी ,घुसेड दिया
,raj-sharma-stories.blogspot.com ,कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है
,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला
,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास
बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग
,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स
,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ
मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन
,kamuk-kahaniyan.blogspot.com ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल
,कहानियाँ हिन्दी ,चूत ,जीजू ,kamuk kahaniyan ,स्कूल में मस्ती ,रसीले
होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो
,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी
,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे
लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों
के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி
,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा
,hindisexistori.blogspot.com ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी
,چوت ,

--

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator