Wednesday, March 9, 2011

Hindi sexi stories- मुंबई से भूसावल तक--2

मुंबई से भूसावल तक--2

गतान्क से आगे.......
"चल मेरी सुरभि जान, अब तू भी नंगी हो जा. जो जिस्म अब तक कपड़ो के उप्पर
से मसल रहा था उसे अब नंगा देखने का जी कर रहा है. तुझे ऐसा मज़ा दूँगा
कि तू दुनिया भूल जाएगी मेरी जान. चल सलवार कमीज़ उतार तेरी. " पूरी
रोशनी मैं परेश को नंगा देखके पह'ले तो सुरभि हक्का-बक्का रह गयी. उसका
मोटा लंड वह देखती ही रही. यही वह लंड था जो ट्रेन मैं चढ़ते वक़्त उसकी
गान्ड पे रगड़ रहा था. ज़िंदगी मैं पह'ली बार सुरभि असली मर्द का लंड देख
रही थी. वह लंड को देखने मैं इतनी खो गयी कि अचानक उसे परेश का हाथ अप'नी
कमर पे महसूस हुआ. परेश उसकी सलवार का नाडा खोल रहा था.

नाडा खोलके परेश ने उसकी सलवार नीचे खींची और उसे अपनी कमीज़ उतारने को
कहा. सुरभि ने धीरे से अपनी कमीज़ उठा के उसे निकाल दिया. लड़'की के सीने
पे वह छोटे कड़क स्तन देख परेश से रहा नहीं गया. सुरभि की कमर मैं हाथ
डालके उसे पास खींचते परेश बारी-बारी उसके स्तन चूमने लगा. स्तन चुम्के
फिर जीभ से उसे चाटने लगा. जब परेश सुरभि के निपल्स को चाटने लगा तो
सुरभि ज़ोरो से सिसकारिया भरते अपना सीना परेश के मुँह पे दबाने लगी.
अच्छे से सुरभि के निपल को चाट्के परेश उंगलियो से उनसे खेलते बोला,
"यह बता मेरी जान, नीचे तूने ब्रा क्यों नहीं पहनी?" शरम से परेश को
देखते सुरभि बोली,

"मैने मा को ब्रा देने के लिए बोला तो वह बोल रही थी कि अगले महीने से
ब्रा लाएँगे मेरे लिए. वह भी बोली की सुरभि अब तू इतनी बड़ी हो गयी है कि
तुम अब ब्रा पहना करो. " सुरभि के जिस्म पे अब सिर्फ़ ब्लॅक पॅंटी थी.
उसका पूरा जिस्म निहारते परेश वह जिस्म मसल्ते बोला,

"हां वह तो है, अब तेरा जिस्म पूरा भरने लगा है सुरभि. वैसे तेरी जैसी
कमसिन लड़'की को ब्रा नहीं पहनानी चाहिए. तुम ब्रा नहीं पहनोगि तो हम
जैसे मर्दों की नज़र तुमपे आएगी और हमारे से चुदवाने के बाद तुम्हारी
ज़िंदगी बनेगी. बेटी तुझे मैं ब्रा पॅंटी दूँगा. मेरा ब्रा पॅंटी का ही
धंधा है. आज रात तुझे जवानी का मज़ा दूँगा और फिर ब्रा पॅंटी दूँगा. वैसे
तेरी मा का नाम और उमर क्या है?" अपना जिस्म परेश के हाथो मसल'वाते सुरभि
बोली,

"मेरी मा का नाम विभा देवी है और वह 42 साल की है. परेश चाचा क्यों नहीं
पहनना चाहिए ब्रा हम लड़'कियों को? अब बोलते हो ब्रा पॅंटी नहीं पहननी
चाहिए हमें और फिर ब्रा पॅंटी देने की बात भी करते हो, वह क्यों?" परेश
ने सुरभि की चड्डी नीचे खींचते उसको पूरी नंगी किया. काली झांतों से भरी
गीली चूत देखके वह बड़ा खुश हुआ. उंगली से उसकी चूत सह'लाते उसने 2-3 बार
सुरभि की चूत चूम ली. फिर एक उंगली आहिस्ता से सुरभि की अनचुड़ी चूत मैं
घुसाते वह बोला,

"तेरी जैसी कमसिन लड़'की को तुम्हारी मा ब्रा पहनने नहीं देती जब तक कि
तुम्हारे स्तन बड़े नहीं होते. मेरे साम'ने बिना ब्रा पॅंटी के रह तू
बेटी, बस दुनिया के बाकी मर्दों के साम'ने ब्रा पॅंटी पहनने को बोल रहा
हूँ. बोल आजतक कोई मर्द खेला था क्या तुझसे सुरभि?" बेशरम होके अपनी कमर
परेश के मुँह के पास दबाते सुरभि बोली,

"नहीं, कोई नहीं खेला आज तक मेरे बदन के साथ तुम्हारे जैसा. तुम तो एक'दम
अच्छे हो परेश चाचा. " टाय्लेट मैं दोनों मदरजात नंगे थे. ट्रेन अब पूरी
रफ़्तार से चल रही थी. एंजिन ड्राइवर जैसे बार-बार हॉर्न बजा रहा था ठीक
वैसे ही परेश उसके स्तन दबा रहा था, मानो वह ट्रेन का हॉर्न हो. सुरभि भी
हवस से भरा अपना जिस्म उस अजनबी से मसल'वा रही थी. अच्छे से स्तन मसलके
परेश ने WC पे बैठके सुरभि को नीचे बैठके लंड उसके चहेरे पे घुमा के
होन्ठ पे रख दिया. सुरभि को बहुत शर्म आई जब परेश उसके मुँह पे अपना मोटा
लंड रगदके मुस्कुराते हुए उसके होन्ठ पे बार-बार घुमाने लगता है. उसे वह
किताब की पिक्चर याद आई जो उसकी सहेली ने दी थी जिसमे यह लॉडा चूसना
दिखाया था. अपना लंड सुरभि के होंठों पे रगड़ते और सुरभि के स्तन मसल्ते
परेश बोला,

"तुझे अच्च्छा लगा ना मेरा तेरे जिस्म से खेलना सुरभि? आज तुझे चोद के
मेरी रान्ड बनाउन्गा तुझे समझी? तुम्हारा परेश चाचा बहुत तबीयत वाला
आद'मी है. तुम्हारे जैसी कच्ची काली का खाश शौकीन है वह. चल मुँह खोल और
अपने परेश चाचा का लॉडा चूस. " सुरभि परेश के लंड को हाथ मैं लेके मसल्ते
बोली,

"हां परेश चाचा मुझे अच्च्छा लगा जब तुम मेरे जिस्म से खेलते हो. मुझे
नहीं मालूम मेरी सहेलिया भी किसी के साथ करती है या नहीं पर आज मैं
तुम्हारे साथ सब करूँगी. " इतना बोलके सुरभि मुँह खोले परेश का लंड चाटने
लगी. लॉड का चिकना रस उसे पह'ले कसेला तो लगा पर बिना कुच्छ बोले वा परेश
का लंड चाटने लगी. एक दो बार लंड चाट्के सुरभि ने लंड का सूपड़ा मुँह मैं
लिया और उसे चूसने लगी. जैसे ही सुरभि परेश का लंड चूसने लगी, टाय्लेट के
दरवाज़े पे क़िस्सी ने बाहर से दस्तक लगाई. एक दो बार दस्तक सुनके परेश
को बड़ा गुस्सा आया. सुरभि तो डर के मारे कुच्छ बोल ही नहीं पाई. अपना
नन्गपन च्छुपाने वह उठि और नीचे पड़ी कमीज़ उठाके पहनने लगी. परेश ने
उस'से कमीज़ ली और उसे चुप रहने बोला. फिर उसने पॅंट शर्ट पहनते सुरभि को
डोर के पिछे नंगी खड़ी करके आधा दरवाज़ा खोला. एक 20-22 साल का मर्द वहाँ
खड़ा था. ज़रा गुस्से से वह बोला,

"अरे भाई साहब, कितना समय ले रहे हो आप? मैं 15 मिनिट से खड़ा हूँ यहाँ.
" परेश का चहेरा गुस्से से लाल हो उठा. उस'ने उस आदमी को जलती नज़र से
देखके कहा,

"तेरी मा की चूत, मदेर्चोद हरामी लॉड, इस भीड़ मैं तुझे क्या मूत'ने की
पड़ी है? साले मैने पैसे देके रात भर के लिए यह टाय्लेट मेरी बेटी और
मेरे लिए बुक की है. फिर अगर तूने या किसी ने दस्तक दी तो बाहर आके गान्ड
मारूँगा उसकी. बहन्चोदो, इधर बैठ्ने को जगह नहीं और मूत'ने की पड़ी है
तुमको. और हां मूत'ना है हरामी तो जाके तेरी मा की चूत मैं मूत. " वह
आदमी और पॅसेज मैं बैठे बाकी पॅसेंजर परेश की गंदी गाली, उसका गुस्से से
लाल हुआ चहेरा और उँची आवाज़ मैं दी गयी धमकी से इतने डर गये की कोई
कुच्छ नहीं बोला. यह देखके पेशाब करने आया आदमी भी वहाँ से चला गया.

परेश को यकीन हुआ कि अगर कोई टाय्लेट इस्तेमाल करने आया भी तो बाहर के
लोग उसे परेश की धमकी बताके टाय्लेट पे दस्तक देने से रोकेंगे. सब लोगो
की तरफ एक बार गुस्से से देखके परेश ने दरवाज़ा बंद किया. वहाँ डोर के
पिछे सुरभि डर से नंगी ही खड़ी थी. फिर एक बार परेश का वह रूप देखके और
गालियाँ सुनके वह बहुत घबराई हुई थी. लेकिन एक ही पल मैं उस नंगी कमसिन
सुरभि को देखके परेश के चहेरा खिल गया और गुस्सा गायब हो गया.

नंगी सुरभि को बाँहों मैं लेके वह उस'का जिस्म मसल्ने लगा. थोडा समय
जिस्म मसल्ने से सुरभि भी डर भूल गयी और फिर उसके जिस्म मैं वासना भरने
लगी. सुरभि फिर जोश मैं आई तो वह खुद कमोड पे बैठ और सुरभि को नीचे बैठके
अपना लंड उसके मुँह मैं डाला. सुरभि अब ज़रा बराबर होके परेश का लंड
चूसने लगी. परेश आँखे बंद करके अपना लंड चूस्वाके मज़ा ले रहा था. एक हाथ
सुरभि की बालो मैं घूमाते दूसरे हाथ से सुरभि के निपल्स से खेलते,
हौले-हौले अपने लंड से सुरभि का मुँह चोद्ते बोला,

"आह ऐसे ही चूस्ति रहो, और मुँह खोल, मेरा लंड और अंदर लेके उसे चाट्के
चूस और मेरी गोतिया भी सह'ला जान, तुझे छिनाल बनाने मैं मज़ा आएगा. आज
तुझे खूब चोदुन्गा. अच्च्छा है ना मेरा लॉडा सुरभि?" परेश के मुँह से
छिनाल बनाने की बात सुनके सुरभि को खराब लगता है. वह परेश का लुन्ड मुहसे
निकालके उसे सह'लाते बोलती है,

"एक बात बताओ परेश चाचा, आप मुझे यह इतनी गंदी गालियाँ क्यों दे रहे हो?"
अपना लंड सुरभि के खुले मुँह मैं घुसाते परेश फिर उसके मम्मो से खेलते
बोला,

"क्योंकि तू मेरी रांड़ है. तेरी जैसी 3 कमसिन चूतो को मैने मेरी रान्ड
बनाया है सुरभि, तुझे अच्छा लगेगा ना मेरी रखैल बनके?" परेश चाचा से अपने
निपल्स सह'लाने से सुरभि को बड़ा अच्च्छा लगता है. वह ज़्यादा से ज़्यादा
लंड चूसने लगती है. जब परेश ज़रा ज़ोर्से निपल्स से खेलता था तब उसे दर्द
होता था और वह हल्की सी आवाज़ भी करती लेकिन फिर भी उसका मन नहीं हुआ की
परेश चाचा से दूर हो जाए. सुरभि एक गुलाम जैसे परेश का हर कहा मान रही
थी. परेश अपना लंड सुरभि के मुँह से निकालके उप्पर करते सुरभि का मुँह
अपनी गोटियो पे दबाता है. उन गोटियो की पसीने की बास सुरभि सूंघति है. वह
हल्के से गोतिया चाट्के बोलती है,

"चाचा अब वह 3 लड़'किया कहाँ है?" अपनी गोतिया सुरभि को चॅट'वाते परेश बोला,

"वह है मेरे शहर मैं और जब मैं बुलाता हूँ तो आती है. अभी एक दोस्त के
जनम दिन दिन पे उनमे से 2 लड़'कियो को मैने मेरे दोस्तो के साथ खूब चोदा
था. पूरे 2 दिन उनको चोदा और फिर पैसे भी दिए थे. तुझे भी बहुत पैसे
दूँगा, बनेगी ना तू मेरे इस लॉड की रांड़?" दोस्तो से चुदवाने की बात
सुनके सुरभि घबराते हुए बोली

"नहीं मुझे सिर्फ़ आपकी बनना है. आप जो भी कहेंगे मैं करूँगी चाचा. "
इतना बोलके सुरभि फिर बारी-बारी से परेश की गोतिया चूसने लगती है. इस
लड़'की के मुँह से वह बात सुनके परेश बड़ा खुश हुआ. झुकके सुरभि के निपल
से खेलते वह बोला,

"ठीक है जान तू सिर्फ़ मेरी रंडी बनेगी, मैं तुझे मेरी स्पेशल रखैल बनाके
रखूँगा पर अब तुझे अपने बदन पर किसी भी मर्द का हाथ नहीं लग'ने देना होगा
समझी? तू सिर्फ़ परेश की रखैल है समझी? आह ऐसे ही गोतिया चूस मेरी कमसिन
रंडी, आज तुझे जन्नत दूँगा. " परेश की गोतिया चूस्के सुरभि फिर उसका लंड
चूसना शुरू करते बोली,

"हां मैं क़िस्सी को भी अपना जिस्म टच नहीं करने दूँगी परेश चाचा." परेश
सुरभि को उठाके अपनी नंगी जाँघ पे बैठा उसके मम्मो से खेलने लगता है.
सुरभि को परेश का लंड अपनी नंगी जांघों मैं महसूस होता है. सुरभि का एक
मम्मा मसल्ते और दूसरा चाट्के परेश बोला,

"मेरा लंड इतना अच्च्छा चूसा है तूने तो अब उतनी ही तेरी चुदाई मस्त
करूँगा सुरभि रान्ड. आज तेरी चूत को चोद्के उसपे इस लॉड का ठप्पा लगा
दूँगा. " एक सेक्सी अंगड़ाई लेते सुरभि परेश का लंड अपने पैरो के बीच हाथ
डालके पकड़ते बोली,

"नहीं छ्छूने दूँगी मैं अपना जिस्म किसी को भी परेश चाचा क्योंकि अब मैं
सिर्फ़ आप की हूँ. पर परेश चाचा यह आप चोदने का क्या बोल रहे हो? अभी जो
हम कर रहे थे उसे क्या बोलते है फिर?"

बेटी जब मेरा यह लंड तेरी इस चूत (यहाँ परेश सुरभि की चूत मैं उंगली
घुसाता है) घुसके तेरी चूत का परदा फाऱ्के अंदर-बाहर होगा तब तेरी चुदाई
होगी. पह'ले तेरी चूत चोदुन्गा और फिर तेरी यह मस्त गान्ड मारके तुझे
मेरी रखैल बनाके रखूँगा बहन्चोद. हम तेरी जैसी कमसिन लड़'की को शादी के
पह'ले ही चोद्के सुहागरात का मज़ा देते है. अभी जो तूने मेरा लंड चूसा वह
तो सिर्फ़ खेल की शुरूवात थी, रांड़ अब तुझे चोदुन्गा तो देख'ना इतना
मज़ा आएगा, बोल सुरभि तू अब चुदेगि ना तेरे इस परेश चाचा से?" परेश सुरभि
का पूरा जिस्म मसल्ते यह गालियाँ इतने प्यार से दे रहा था कि सुरभि को
ज़रा भी बुरा नहीं लगा . सुरभि बल्कि मस्ती से परेश के साथ वह सब कर रही
थी जो परेश कह रहा था. परेश का मोटा लंड पकड़के अब सुरभि बोली,
क्रमशः...........


Mumbai se Bhusaaval Tak--2

gataank se aage.......
"Chal meri Surbhi jaan, ab tu bhi nangi ho jaa. Jo jism ab tak kapdo
ke uppar se masal raha tha use ab nanga dekhne ka jee kar raha hai.
Tujhe aisa maza dunga ki tu duniya bhool jayegi meri jaan. Chal salwar
kameez utaar teri. " Poori roshni main Paresh ko nanga dekhke pah'le
to Surbhi hakka-bakka rah gayee. usaka mota lunD wah dekhtee hi rahi.
yahee wah lunD tha jo train main chadhte waqt uski gaanD pe ragad raha
tha. Zindagi main pah'lee baar Surbhi asli mard ka lunD dekh rahi thi.
wah lunD ko dekhne main itni kho gayee ki achanak use Paresh ka haath
ap'nee kamar pe mehsus hua. Paresh uski salwar ka naada khol raha tha.

Naada kholke Paresh ne uski salwar niche kheenchi aur use apni kameez
utaarne ko kaha. Surbhi ne dhire se apni kameez uTha ke use nikaal
diya. laR'ki ke sine pe wah chhoTe kadak stan dekh Paresh se raha
naheen gaya. Surbhi ki kamar main haath Daalke use paas kheenchte
Paresh baari-baari uske stan chumne laga. stan chumke phir jeebh se
use chaaTne laga. Jab Paresh Surbhi ke nipples ko chaaTne laga to
Surbhi zoro se siskariya bharte apna seena Paresh ke munh pe dabane
lagi. achchhe se Surbhi ke nipple ko chaaTke Paresh ungliyo se unse
khelte bola,
"yah bata meri jaan, niche tune bra kyon naheen pahani?" Sharam se
Paresh ko dekhte Surbhi boli,

"Maine maa ko bra dene ke liye bola to wah bol rahi thi ki agle mahine
se bra layenge mere liye. wah bhi boli ki Surbhi ab tu itni badi ho
gayee hai ki tum ab bra pahana karo. " Surbhi ke jism pe ab sirf black
panty thi. usaka poora jism niharte Paresh wah jism masalte bola,

"Haan wah to hai, ab tera jism poora bharne laga hai Surbhi. Waise
teri jaisee kamsin laR'ki ko bra naheen pahanni chaahiye. Tum bra
naheen pahanogi to ham jaise mardon ki nazar tumpe aayegi aur hamaare
se chudwane ke baad tumhaaree zindagi banegi. beTee tujhe main bra
panty dunga. Mera bra panty ka hi dhanda hai. aaj raat tujhe jawani ka
maza dunga aur phir bra panty dunga. Waise teri maa ka naam aur umar
kya hai?" Apna jism Paresh ke haatho masal'waate Surbhi boli,

"Meri maa ka naam Vibha Devi hai aur wah 42 saal ki hai. Paresh Chacha
kyon naheen pahanna chahiye bra ham laR'kiyon ko? Ab bolte ho bra
panty naheen pahanni chaahiye hamen aur phir bra panty dene ki baat
bhi karte ho, wah kyon?" Paresh ne Surbhi ki chaddi niche kheenchte
usko pooree nangi kiya. Kalee jhaanTon se bhari gilee choot dekhke wah
bada khush hua. Ungli se uski choot sah'laate usne 2-3 baar Surbhi ki
choot chum li. Phir ek ungli aahista se Surbhi ki anchudi choot main
ghusate wah bola,

"Teri jaisee kamsin laR'ki ko tumhaaree maa bra pahanne naheen deti
jab tak ki tumhaare stan bade naheen hote. mere saam'ne bina bra panty
ke rah tu beTee, bas duniya ke baakee mardon ke saam'ne bra panty
pahanne ko bol raha hoon. Bol aajtak koi mard khela tha kya tujhse
Surbhi?" Besharam hoke apni kamar Paresh ke munh ke paas dabate Surbhi
boli,

"naheen, koi naheen khela aaj tak mere badan ke saath tumhaare jaisa.
Tum to ek'dam achchhe ho Paresh Chacha. " Toilet main donon maderjaat
nange the. Train ab poori raftar se chal rahi thi. Engine driver jaise
baar-baar horn baja raha tha Theek waise hi Paresh uske stan daba raha
tha, mano wah train ka horn ho. Surbhi bhi hawas se bhara apna jism us
ajnabi se masal'wa rahi thi. achchhe se stan masalke Paresh ne WC pe
baithke Surbhi ko niche baiThake lunD uske chehere pe ghumake honTh pe
rakh diya. Surbhi ko bahut sharm aayee jab Paresh uske munh pe apna
mota lunD ragadke muskuraate huye uske honTh pe baar-baar ghumane
lagta hai. Use wah kitab ki picture yaad aayee jo uski saheli ne di
thi jisme yah lauda choosna dikhaya tha. Apna lunD Surbhi ke honThon
pe ragadte aur Surbhi ke stan masalte Paresh bola,

"Tujhe achchha laga na mera tere jism se khelna Surbhi? aaj mujhse
chuda ke meri raanD banaunga tujhe samjhi? Tumhaara Paresh chaacha
bahut tabiyat waala aad'mee hai. Tumhaare jaisee kachchee kali ka
khaash shaukeen hai wah. chal munh khol aur apne Paresh Chacha ka
lauda choos. " Surbhi Paresh ke lunD ko haath main leke masalte boli,

"Haan Paresh Chacha mujhe achchha laga jub tum mere jism se khelte ho.
Mujhe naheen malum meri saheliya bhi kisi ke saath karti hai ya naheen
par aaj main tumhaare saath sab karungi. " Itna bolke Surbhi munh
khole Paresh ka lunD chaaTne lagi. laude ka chikna ras use pah'le
kaisa to laga par bina kuchh bole wah Paresh ka lunD chaaTne lagi. Ek
do baar lunD chaaTke Surbhi ne lunD ka supada munh main liya aur use
choosne lagi. Jaise hi Surbhi Paresh ka lunD choosne lagi, toilet ke
Darwaze pe kissi ne baahar se dastak lagai. Ek do baar dastak sunke
Paresh ko bada gussa aaya. Surbhi to Dar ke maare kuchh bol hi naheen
payee. Apna nangapan chhupaane wah uThi aur niche padi kameez uThake
pahanne lagi. Paresh ne us'se kameez li aur use chup rahne bola. Phir
usne pant shirt pahante Surbhi ko door ke pichhe nangi khadi karke
aadha Darwaza khola. Ek 20-22 saal ka mard wahan khada tha. Zara gusse
se wah bola,

"are Bhai sahab, kitna samay le rahe ho aap? main 15 minit se khada
hoon yahan. " Paresh ka chehera gusse se laal ho uTha. us'ne us aadmi
ko jalti nazar se dekhke kaha,

"Teri maa ki choot, maderchod harami laude, is bhid main tujhe kya
moot'ne ki padi hai? Saale maine paise deke raat bhar ke liye yah
toilet meri beTee aur mere liye book ki hai. Phir agar tune ya kisi ne
dastak di to baahar aake gaanD maarunga uski. bahanchodo, idhar
baiThne ko jaga naheen aur moot'ne ki padi hai tumko. Aur hi moot'na
hai harami to jake teri maa ki choot main moot. " wah aadmi aur
passage main baiThe baakee passenger Paresh ki gandi galli, uska gusse
se laal hua chehera aur unchee aawaaz main dee gayee dhamki se itne
Dar gaye ki koi kuchh naheen bola. yah dekhke peshaab karne aaya aadmi
bhi wahaan se chala gaya.

Paresh ko yakeen hua ki agar koi toilet istemaal karne aaya bhi to
baahar ke log use Paresh ki dhamki batake toilet pe dastak dene se
rokenge. Sab logo ki taraf ek baar gusse se dekhke Paresh ne Darwaza
band kiya. Wahan door ke pichhe Surbhi Dar se nangi hi khadi thi. Phir
ek baar Paresh ka wah roop dekhke aur gaaliyaan sunke wah bahut
ghabrai hui thi. Lekin ek hi pal main us nangi kamsin Surbhi ko dekhke
Paresh ke chehera khil gaya aur gussa gayab ho gaya.

Nangi Surbhi ko baanhon main leke wah us'ka jism masalne laga. Thoda
samay jism masalne se Surbhi bhi Dar bhool gayee aur phir uske jism
main vasana bharne lagi. Surbhi phir josh main aayee to wah khud
commode pe baiTha aur Surbhi ko niche baiThake apna lunD uske munh
main Daala. Surbhi ab zara baraabar hoke Paresh ka lunD choosne lagi.
Paresh aankhe band karke apna lunD chooswake maja le raha tha. Ek
haath Surbhi ki baalo main ghumate dusre haath se Surbhi ke nipples se
khelte, haule-haule apne lunD se Surbhi ka munh chodte bola,

"Ah aise hi choosti raho, aur munh khol, mera lunD aur andar leke use
chaaTke choos aur meri gotiya bhi sah'la jaan, tujhe chhinaal banane
main maza aayega. aaj tujhe khoob chodunga. achchha hai na mera lauda
Surbhi?" Paresh ke munh se chhinaal banane ki baat sunke Surbhi ko
kharab lagta hai. wah Paresh ka lunD muhse nikaalke use sah'laate
bolti hai,

"Ek baat batao Paresh Chacha, aap mujhe yah itni gandi gaaliyaan kyon
de rahe ho?" Apna lunD Surbhi ke khule munh main ghusate Paresh phir
uske mammo se khelte bola,

"Kyonki tu meri raand hai. Teri jaisee 3 kamsin chooton ko maine meri
raanD banaya hai Surbhi, tujhe achchha lagega na meri rakhail banke?"
Paresh Chacha se apne nipples sah'laane se Surbhi ko bada achchha
lagta hai. wah jyada se jyada lunD choosne lagti hai. Jab Paresh zara
zorse nipples se khelta tha tab use dard hota tha aur wah halkee see
aawaaz bhi karti lekin phir bhi uska man naheen hua ki Paresh Chacha
se door ho jaaye. Surbhi ek gulam jaise Paresh ka har kaha maan rahi
thi. Paresh apna lunD Surbhi ke munh se nikaalke uppar karte Surbhi ka
munh apni gotiyo pe dabata hai. Un gotiyo ki pasine kee bass Surbhi
soonghti hai. wah halke se gotiya chaaTke bolti hai,

"Chacha ab wah 3 laR'kiya kahaan hai?" Apni gotiya Surbhi ko
chaaT'waate Paresh bola,

"wah hai mere shehar main aur jab main bulata hoon to aati hai. Abhi
ek dost ke janam din pe unme se 2 laR'kiyo ko maine mere dosto ke
saath khoob choda tha. Poore 2 din unko choda aur phir paise bhi diye
the. Tujhe bhi bahut paise dunga, banegi na tu mere is laude ki
raand?" Dosto se chudwane ki baat sunke Surbhi ghabrate huye boli

"naheen mujhe sirf apki banna hai. aap jo bhi kahenge main karungi
Chacha. " Itna bolke Surbhi phir baari-baari se Paresh ki gotiya
choosne lagti hai. Is laR'ki ke munh se wah baat sunke Paresh bada
khush hua. Jhukke Surbhi ke nipple se khelte wah bola,

"Theek hai jaan tu sirf meri randi banegi, main tujhe meri special
rakhail banake rakhunga par ab tujhe apne badan par kisi bhi mard ka
haath naheen lag'ne dena hoga samjhi? Tu sirf Paresh ki rakhail hai
samjhi? aah aise hi gotiya choos meri kamsin randi, aaj tujhe jannat
dunga. " Paresh ki gotiya chooske Surbhi phir uska lunD choosna shuru
karte boli,

"Haan main kissi ko bhi apna jism touch naheen karne dungi Paresh
Chacha." Paresh Surbhi ko uThake apni nangi jaangh pe baiThake uske
mammo se khelne lagta hai. Surbhi ko Paresh ka lunD apni nangi
jaanghon main mehsoos hota hai. Surbhi ka ek mamma masalte aur dusra
chaaTke Paresh bola,

"Mera lunD itna achchha choosa hai tune to ab utni hi teri chudai mast
karunga Surbhi raanD. aaj teri choot ko chodke uspe is laude ka thappa
laga dunga. " Ek sexy angdai lete Surbhi Paresh ka lunD apne pairo ke
beech haath Daalke pakadte boli,

"naheen chhoone dungi main apna jism kisee ko bhi Paresh Chacha kyonki
ab main sirf aap ki hoon. par Paresh Chacha yah app chodne ka kya bol
rahe ho? Abhi jo ham kar rahe the use kya bolte hai phir?"

BeTee jab mera yah lunD teri is choot (yahan Paresh Surbhi ki choot
main ungli ghusata hai) ghuske teri choot ka parda phaaRke
andar-bahaar hoga tab teri chudai hogi. pah'le teri choot chodunga aur
phir teri yah mast gaanD maarke tujhe meri rakhail banake rakhunga
bahanchod. ham teri jaisee kamsin laR'ki ko shadi ke pah'le hi chodke
suhagraat ka maza dete hai. Abhi jo tune mera lunD choosa wah to sirf
khel ki shuruwaat thi, raand ab tujhe chodunga to dekh'na itna maza
aayega, bol Surbhi tu ab chudegi na tere is Paresh Chacha se?" Paresh
Surbhi ka poora jism masalte yah gaaliyaan itne pyar se de raha tha ki
Surbhi ko zara bhi bura naheen laga . Surbhi balki masti se Paresh ke
saath wah sab kar rahi thi jo Paresh kah raha tha. Paresh ka mota lunD
pakadke ab Surbhi boli,
kramashah...........


Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion |
Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews
| Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance |
India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera |
Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical
| Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting |
Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry |
HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis
| Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad |
New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी
कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स |
सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स |
vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा |
सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी
सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी
सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such
| सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi |
कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult
kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई |
एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre
ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein |
चुटकले चुदाई के | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain |
चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी
चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा |
सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai |
payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग
कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk |
vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana
ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ |
कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का
तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ |
हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी |
हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट |
chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai
| sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai |
mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन,
यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग,
यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना,
aunty,stories,bhabhi,choot,chudai,nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic
stories,chudai,chudai ki,hindi stories,urdu stories,bhabi,choot,desi
stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi chudai,desi story,story
bhabhi,choot ki,chudai hindi,chudai kahani,chudai stories,bhabhi
stories,chudai story,maa chudai,desi bhabhi,desi chudai,hindi
bhabhi,aunty ki,aunty story,choot lund,chudai kahaniyan,aunty
chudai,bahan chudai,behan chudai,bhabhi ko,hindi story chudai,sali
chudai,urdu chudai,bhabhi ke,chudai ladki,chut chudai,desi kahani,beti
chudai,bhabhi choda,bhai chudai,chachi chudai,desi choot,hindi kahani
chudai,bhabhi ka,bhabi chudai,choot chudai,didi chudai,meri
chudai,bhabhi choot,bhabhi kahani,biwi chudai,choot stories, desi
chut,mast chudai,pehli chudai,bahen chudai,bhabhi boobs,bhabhi
chut,bhabhi ke sath,desi ladki,hindi aunty,ma chudai,mummy
chudai,nangi bhabhi,teacher chudai, bhabhi ne,bur chudai,choot
kahani,desi bhabi,desi randi,lund chudai,lund stories, bhabhi
bra,bhabhi doodh,choot story,chut stories,desi gaand,land choot,meri
choot,nangi desi,randi chudai,bhabhi chudai stories,desi mast,hindi
choot,mast stories,meri bhabhi,nangi chudai,suhagraat chudai,behan
choot,kutte chudai,mast bhabhi,nangi aunty,nangi choot,papa
chudai,desi phudi,gaand chudai,sali stories, aunty choot,bhabhi
gaand,bhabhi lund,chachi stories,chudai ka maza,mummy stories, aunty
doodh,aunty gaand,bhabhi ke saath,choda stories,choot urdu,choti
stories,desi aurat,desi doodh,desi maa,phudi stories,desi mami,doodh
stories,garam bhabhi,garam chudai,nangi stories,pyasi bhabhi,randi
bhabhi,bhai bhabhi,desi bhai,desi lun,gaand choot,garam aunty,aunty ke
sath,bhabhi chod,desi larki,desi mummy,gaand stories,apni
stories,bhabhi maa,choti bhabhi,desi chachi,desi choda,meri
aunty,randi choot,aunty ke saath,desi biwi,desi sali,randi
stories,chod stories,desi phuddi,pyasi aunty,desi
chod,choti,randi,bahan,indiansexstories,kahani,mujhe,chachi,garam,desipapa,doodhwali,jawani,ladki,pehli,suhagraat,choda,nangi,behan,doodh,gaand,suhaag
raat, aurat,chudi, phudi,larki,pyasi,bahen,saali,chodai,chodo,ke
saath,nangi ladki,behen,desipapa stories,phuddi,desifantasy,teacher
aunty,mami stories,mast aunty,choots,choti choot, garam choot,mari
choot,pakistani choot,pyasi choot,mast choot,saali stories,choot ka
maza,garam stories,,हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा
बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की
कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और
मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर
दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories
,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी
बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी ,kamuk
kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी ,घुसेड दिया
,raj-sharma-stories.blogspot.com ,कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है
,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला
,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास
बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग
,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स
,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ
मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन
,kamuk-kahaniyan.blogspot.com ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल
,कहानियाँ हिन्दी ,चूत ,जीजू ,kamuk kahaniyan ,स्कूल में मस्ती ,रसीले
होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो
,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी
,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे
लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों
के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி
,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा
,hindisexistori.blogspot.com ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी
,چوت ,

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator