गतान्क से आगे............
यूँ ही फिर एक साल गुजर गया..इस बार ज़्यादा के दिनो में मयके गयी…मेरे
चचेरी बेहन की शादी थी…और भी सभी घर के लोग आए हुए थे..जो बाहर रहते थे
वो भी…मेरी चचेरी बेहन 2 भाई और दो बेहन हैं…बड़ी बेहन की पहले ही शादी
हो गयी थी और दोनो भाई उससे छ्होटे थे…बड़े का नाम विवेक था जो कि मेडिकल
कॉलेज.में पढ़ाई कर रहा था बॉमबे में और छ्होटा अभी स्कूल में पढ़ रहा
था..विवेक मुझसे 4 साल छ्होटा था…उसकी बात करते समय मुझे उसके बचपन की
याद आ गयी…तब मैं 18-19 की होगी और विवेक की उम्र तब 14-15 की रही
होगी….तब बचपन में बच्चो का थोड़ा टीवी और दोस्तो के चलते कुच्छ ग़लत
बातें सीखने लगते हैं…मुझे याद हैं जब हम सो जाते थे तब वो रात को 1 -2
बजे उठकर धीरे से मेरे पास आकर मेरे बदन को इधर उधर छुता था…पहले तो मैं
घबरा गयी पर बाद में जब जान गयी की वो विवेक हैं तो मैं नाटक करती जैसे
की अचानक जाग गयी हूँ और वो धीरे से भाग कर अपने बिस्तेर में दुबक
जाता…मैं ये नहीं कहूँगी की मुझे वो सब अच्छा नहीं लगता था पर आख़िर
रिस्ते भी कुच्छ होते हैं और मैं शायद बिलकूल शरीफ थी उस समय..मैं नींद
में होती तो वो धीरे धीरे कपड़ो के उपर से ही मेरे बूब्स को सहलाता और
मेरे स्कर्ट के नीचे घुटनो तक सहलाता था..मैं कुच्छ देर देखती वो क्या कर
रहा हैं पर फिर जैसे ही वो जाँघो के उपर हाथ ले जाता मैं जागने का नाटक
करती और वो भाग जाता…ये कुच्छ सालों तक चला था….अब तो जब हमने देखा वो
काफ़ी बड़ा और समझदार हो गया था…उसने मेरे पैर च्छुए और सब समाचार पूछा
और अपने कॉलेज की बात बताने लगा…
यूँ ही. 2-3 दिन बीत गये…शादी हो गयी थी और हम अपने रूम रज़ाई लेकर सोए
हुए थे..तब तक मेरा कोई बच्चा नहीं था…मैं नींद में थी की अचानक मेरी
नींद खुली मेरे सरीर पर कुच्छ फिसलते हुए महसूस किया…थोडा होश में आई तो
पता चला कोई बेड के पास खड़ा मेरे बूब्स पर हाथ फेर रहा हैं….मैं झटके से
उठने वाली थी कि मेरे दिमाग़ में ख्याल आया कि ये कहीं विवेक तो
नहीं…धीरे धीरे मूंदी पॅल्को से नाइट बल्ब की रोशनी में देखा तो वही
था…मुझे समझ में नहीं आया कि क्या करूँ…मैं चुप चाप थी…और उसका हाथ मेरे
नाइट ड्रेस के अंदर घुटनो तक सहला रहा था…और दूसरे हाथ को मेरे बूब्स पर
घुमा रहा था…एकदम वही आदत थी जो वो बचपन में किया करता था…लेकिन मैने ये
फील किया की आज़ उसके हाथों में कुच्छ बात थी ..तब कुच्छ नहीं होता था पर
अब उसके सहलाने से मेरे निपल कड़े होने लगे थे…और जांघों में कसाव होने
लगा था…शायद सुहागरात के बाद कोई मुझे ऐसे अब प्यार कर रहा था…मैं कुच्छ
कहने की हिम्मत नहीं कर पाई…सोचा देखूं क्या करता हैं..ज़्यादा आगे
बढ़ेगा तो रोक दूँगी उसे…..वो धीरे2 अपना हाथ मेरे जाँघो तक ले जाकर उसे
सहलाने लगा और अंदर हाथ डाल कर मेरे ब्रा पर से बूब्स को सहलाने लगा…उसे
लगा कि मैं गहरी नींद में हूँ और उसे भी ये सब अंग छूकर अब होश नहीं रहा
था की मैं जाग जाऊंगी तो क्या होगा…आख़िर वो भी अब एक जवान हो गया था…मैं
अपने आपको रोके रही रही…पर मेरी चूत गीली होती जा रही जब उसके हाथ ब्रा
के हुक खोल कर नंगे बूब्स को सहलाने लगे और फिर उसके हाथ बिन पॅंटी की
चूत पर पड़े..तो वो बिलकूल सब कुछ भूल कर मेरी चूत को ध्यान से पैरो को
अलग कर देखने लगा और फिर अचानक उसके होठ मेरे चूत पर जा टीके…मेरे होंठो
से सिसकारी निकल गयी…वो समझ गया की मैं जागी हूँ तो और निडर हो
गया..बोला.
"दीदी जब जागी हो तो आँखें खोलो ना और मेरे होंठो को किस कर दिया…पर मैं
फिर भी कुच्छ नहीं बोली पर पैरो को थोड़ा फिला दिया ताकि वो आराम से मेरी
चूत चाट ले अब मेरी कमर उपर उठने लगी थी….अचानक वो दूर हट गया…फिर वो आकर
मेरे पास अंदर रज़ाई में लेट गया…ह्म्म्म्मममम वो नंगा हो गया था…
उसका पूरा गरम जिस्म मेरे शरीर से टच हो रहा था और उसका नीचे वाला अंग भी
मेरी जेंघो से टच हो रहा था…मेरा मन हुआ उसे च्छुकर देखने का ….मैने उसके
उपर हाथ ऐसे रखा जैसे की नींद में रखा हो….अचानक उसका गरम मस्त लंड जो की
लगभग 4-5 ' का होगा मेरे हाथ में आ गया….अचानक मुझे संगीता के पति अजय के
लंड की याद आ गयी..कितनी मस्ती से वो संगीता को चोद रहे थे.
…मैने झटके से हाथ हटाना चाहा तो विवेक बोला दीदी सहलाओ ना..अच्छा लग रहा हैं….
मैं अब बनावटी गुस्सा दिखाते हुए बोली "विवेक ये सब क्या कर रहा हैं?मैं
तेरी बेहन हूँ,और तू अभी बच्चा हैं इस उम्र में ये सब क्या कर रहा हैं?"
"दीदी क्या आपको अच्छा नहीं लग रहा हैं..?मुझे अच्छा लगता हैं ऐसा करना…आपके साथ?"
"क्यों तेरे कॉलेज में कोई गर्ल फ्रेंड नहीं हैं ये सब करने के लिए….?"
"नहीं दीदी..मुझे तो बचपन से आप ही अच्छी लगती हो….आपके साथ ही ये सब
करना चाहता हूं…ग़लत मत समझना मैं तुम्हे बहुत प्यार करता हूँ..आप कहोगी
तो मैं कुच्छ नहीं करूँगा…पर क़िस्सी से कुच्छ कहना नहीं.."
पर मैं तो उतेज़ित हो चुकी थी और उसका लंड देख कर उस समय मैं सारा रिस्ता भूल गयी..
"मैं क़िस्सी से कुच्छ नहीं कहूँगी अगर इसे तू मुझे चाटने देगा?"
वो तो यही चाहता था…फिर उसके लंड को मूँह में लेकर चूसने लगी पूरा….मैं
मस्त होती जा रही थी ..
फिर उसका लंड भी अपने अंदर लिया तब भी वो बच्चो की तरह मेरी चुचियाँ पीता
रहा…बहुत मज़ा आया जब उसका पूरा लंड गीली चूत में गया….उसने फिर जमकर
चोदा…..पूरी रात मुझे चोद्ता रहा और शायद उसे मालूम नहीं था क़ी मुझे भी
पहली बार सेक्स में मज़ा आया था…
पर सुबह मैं बहुत पछता रही थी ग़लत किया ये सब…विवेक से दिन भर आँखें
नहीं मिला पाई…
पर फिर रात को जब वो आया तो अपने पर कंट्रोल नहीं हुआ…फिर जितनी देर वहाँ
रही उससे मस्ती में चुदवाया….
क्या मैने अपने पति को धोका दिया…?मैं यही सोचती रहती हूँ…और ये घुटन की
ज़िंदगी जीती हू…ये बच्चा भी पता नहीं अमित का हैं या विवेक का…
अब क्या करूँ…..आप लोग ही बताइए…विवेक कहता हैं कि वो पूरी ज़िंदगी मुझे
ऐसे सुख दे सकता हैं…पर ये मुमकिन नहीं मैं जानती हूँ…क्या अब मैं किसी
दूसरे आदमी से रिस्ता बनाऊँ सेक्स के लिए…?
आप लोग मुझे मेरी आपबीती पर कुच्छ कहना चाहे तो इस हिन्दी सेक्सी
कहानियाँ पर लिख भेजिए…अपनी राय या अगर आपको कुच्छ कहना हैं कि मैं ग़लत
थी या सही.... आपके इंतजार मे आपकी .........एक्स वाई जेड
दोस्तो मेरी इस दोस्त की कहानी आपको कैसी लगी ज़रूर बताना आपका दोस्त राज शर्मा
समाप्त
Kya Ye Dhokha Hai ?--3
gataank se aage............
Yoon hi phir ek saal gujar gaya..is baar zade ke dino mein mayke
gayi…mere chacheri behan ki shadi thi…aur bhi sabhi ghar ke log aaye
huye they..jo bahar rahte they wo bhi…meri chacheri behan 2 bhai aur
do behan hain…badi behan ki pahle hi sadi ho gayi thi aur dono bhai
usase chhote they…bade ka naam vivek tha jo ki medical colle.mein
padhai kar raha tha bombay mein aur chhota abhi school mein padh raha
tha..vivek mujhse 4 saal chhota tha…uski baat karte samay mujhe uske
bachpan ki yaad aa gayi…tab main 18-19 ki hogi aur vivek ki umra tab
14-15 ki rahi hogi….tab bachpan mein bachho ka thoda tv aur dosto ke
chalte kuchh galat batein sikhane lagte hain…mujhe yaad hain jab hum
so jaate they tab wo raat ko 1 -2 baje uthkar dheere se mere pass akar
mere badan ko idhar udhar chhuta tha…pahle to main ghabra gayi par bad
mein jab jaan gayi ki wo vivek hain to main natak karti jaise ki
achanak jaag gayi hoon aur wo dheere se bhag kar apne bister mein
dubak jata…main ye nahin kahungi ki mujhe wo sab achha nahin lagta tha
par akhir riste bhi kuchh hote hain aur main shayad bilkool sarif thi
us samay..main nind mein hoti to wo dheere dheere kapdo ke upar se hi
mere boobs ko sahlata aur mere skirt ke niche ghutno tak sahlata
tha..main kuchh der dekhti wo kya kar raha hain par phir jaise hi wo
jangho ke upar hath le jata main jagne ka natak karti aur wo bhag
jata…ye kuchh salon tak chala tha….ab to jab hamne dekha wo kaphi bada
aur samajhdar ho gaya tha…usne mere pair chhuye aur sab samachar
poocha aur apne coll ki baat batane laga…
Yoon hi. 2-3 din bit gaye…shadi ho gayi thi aur hum apne room rajai
lekar soye huye they..tab tak mera koi bachha nahin tha…main nind mein
thi ki achanak meri nind khuli mere sarir par kuchh phislte huye
mahsoos kiya…thoda hosh mein maayi to pata chala koi bed ke pass khada
mere boobs par hath pher raha hain….main jhatke se uthne wali thi ki
mere dimag mein khyal aaya ki ye kahin vivek to nahin…dheere dheere
moondi palko se night bulb ki roshni mein dekha to wahi tha…mujhe
samajh mein nahin aaya ki kya karoon…main chup chap thi…aur uska hath
mere night dress ke ander ghutno tak sahla raha tha…aur dusre hath ko
mere boobs par ghuma raha tha…ekdum wahi adat thi jo wo bachpan mein
kiya karta tha…lekin maine ye feel kiya ki aaz uski hathon mein kuchh
baat thi ..tab kuchh nahin hota tha par ab uske sahlane se mere nipple
kade hone lage they…aur janghon mein kasav hone laga tha…sayad
suhagrat ke baad koi mujhe aise ab pyar kar raha tha…main kuchh kahane
ki himmat nahin kar pai…socha dekhun kya karta hain..jyada aage
badhega to rok dungi use…..wo dheere2 apna hath mere jangho tak le
jakar use sahlane laga aur ander hath dal kar mere bra par se boobs ko
sahlane laga…use laga ki main gahri nind mein hoon aur use bhi ye sab
ang chhokar ab hosh nahin raha tha ki main jag jaoongi to kya
hoga…aakhir wo bhi ab ek jawan ho gaya tha…main apne apko roke rahi
rahi…par meri chut gilli hoti ja rahi jab uske hath bra ke huk khol
kar nange boobs ko sahlane lage aur phir uske hath bin panty ke chut
par pade..to wo bilkool sab khuchh bhul kar meri chut ko dhyan se
pairo ko alag kar dekhne laga aur phir achanak uske hoth mere chut par
ja tike…mere hotho se siskari nikal gayi…wo samajh gaya ki main jagi
hoon to aur nidar hogaya..bola.
"didi jab jagi ho to ankhein kholo na aur mere hotho ko kiss kar
diya…pr min phir bhi kuchh nahin boli par pairo ko thoda phila diya
taki wo aaram se meri chut chat le ab meri kamar upar uthane lagi
thi….achanak wo door hat gaya…phir wo aakar mere paas ander rajai mein
let gaya…hmmmmmmm wo nanga ho gaya tha…
Uska poora garam jism mere sasir se touch ho raha tha aur uska niche
wala ang bhi meri jhangho se touch ho raha tha…mera man hua use
chhukar dekhne ka ….maine uske upar hath aise rakha jaise ki nind mein
rakha ho….achanak uska garam mast lund jo ki lagbhag 4-5 ' ka hoga
mere hath mein aa gaya….achanak mujhe sangita ke pati ajay ke lund ki
yaad aa gayi..kitni masti se wo sangita ko chod rahe they.
…maine jhatke se hath hatana chaha to vivek bola didi sahlao na..achha
lag raha hain….
Main ab banavati gussa dikhate huye boli "vivek ye sab kya kar raha
hain?Main teri behan hoon,aur tu abhi bachha hain is umra mein ye sab
kya kar raha hain?"
"didi kya aapko achha nahin lag raha hain..?Mujhe achha lagta hain
aisa karna…aapke sath?"
"kyon tere college mein koi gf nahin hain ye sab karne ke liye….?"
"nahin didi..mujhe to bachpan se aap hi achhi lagti ho….aapke sath hi
ye sab karna chahta hoon…galat mat samjhna main tumhe bahut pyar karta
hoon..aap kahogi to main kuchh nahin karunga…par kissi se kuchh kahna
nahin.."
Par main to utejit ho chuki thi aur uska lund dekh kar us samay main
sara rista bhul gayi..
"main kissi se kuchh nahin kahungi agar ise tu mujhe chatne dega?"
Wo to yahi chahta tha…phir uske lund ko moonh mein lekar chusne lagi
poora….main mast hoti ja rahi thi ..
Phir uska lund bhi apne ander liya tab bhi wo bachho ki tarah meri
chuchiyan pita raha…bahut maza aaya jab uska poora lund gilli chut
mein gaya….usne phir jamkar choda…..poori raat mujhe chodta raha use
bhi aur shayad use maloom nahin tha ki mujhe bhi pahli baar sex mein
maza aaya tha…
Par subah main bahut pacchhta rahi thi galat kiya ye sab…vivek se din
bhar aankhein nahin mila payi…
Par phir raat ko jab wo aaya to apne par cantrol nahin hua…phir jitni
der wahan rahi usase masti mein chudwayi….
Kya maine apne pati ko dokha diya…?Main yahi sochti rahti hoon…aur ye
ghutan ki zindagi jiti hoo…ye bachha bhi pata nahin amit ka hain ya
vivek ka…
Ab kya karoon…..aap log hi batayiye…vivek kahta hain ki wo poori
zindagi mujhe aise sukh de sakta hain…par ye mumkin nahin main janti
hoon…kya ab main kiissi dusre aadmi se rista banaoon sex ke liye…?
Aap log mujhe meri aapbiti par kuchh kahna chahe to is mail par likh
bhejiye…apni raay ya agar aapko kuchh kahna hain ki main galat thi ya
sahi....
samaapt
Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion |
Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews
| Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance |
India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera |
Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical
| Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting |
Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry |
HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis
| Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad |
New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी
कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स |
सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स |
vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा |
सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी
सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी
सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such
| सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi |
कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult
kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई |
एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre
ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein |
चुटकले चुदाई के | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain |
चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी
चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा |
सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai |
payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग
कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk |
vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana
ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ |
कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का
तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ |
हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी |
हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट |
chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai
| sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai |
mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन,
यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग,
यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना,
aunty,stories,bhabhi,choot,chudai,nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic
stories,chudai,chudai ki,hindi stories,urdu stories,bhabi,choot,desi
stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi chudai,desi story,story
bhabhi,choot ki,chudai hindi,chudai kahani,chudai stories,bhabhi
stories,chudai story,maa chudai,desi bhabhi,desi chudai,hindi
bhabhi,aunty ki,aunty story,choot lund,chudai kahaniyan,aunty
chudai,bahan chudai,behan chudai,bhabhi ko,hindi story chudai,sali
chudai,urdu chudai,bhabhi ke,chudai ladki,chut chudai,desi kahani,beti
chudai,bhabhi choda,bhai chudai,chachi chudai,desi choot,hindi kahani
chudai,bhabhi ka,bhabi chudai,choot chudai,didi chudai,meri
chudai,bhabhi choot,bhabhi kahani,biwi chudai,choot stories, desi
chut,mast chudai,pehli chudai,bahen chudai,bhabhi boobs,bhabhi
chut,bhabhi ke sath,desi ladki,hindi aunty,ma chudai,mummy
chudai,nangi bhabhi,teacher chudai, bhabhi ne,bur chudai,choot
kahani,desi bhabi,desi randi,lund chudai,lund stories, bhabhi
bra,bhabhi doodh,choot story,chut stories,desi gaand,land choot,meri
choot,nangi desi,randi chudai,bhabhi chudai stories,desi mast,hindi
choot,mast stories,meri bhabhi,nangi chudai,suhagraat chudai,behan
choot,kutte chudai,mast bhabhi,nangi aunty,nangi choot,papa
chudai,desi phudi,gaand chudai,sali stories, aunty choot,bhabhi
gaand,bhabhi lund,chachi stories,chudai ka maza,mummy stories, aunty
doodh,aunty gaand,bhabhi ke saath,choda stories,choot urdu,choti
stories,desi aurat,desi doodh,desi maa,phudi stories,desi mami,doodh
stories,garam bhabhi,garam chudai,nangi stories,pyasi bhabhi,randi
bhabhi,bhai bhabhi,desi bhai,desi lun,gaand choot,garam aunty,aunty ke
sath,bhabhi chod,desi larki,desi mummy,gaand stories,apni
stories,bhabhi maa,choti bhabhi,desi chachi,desi choda,meri
aunty,randi choot,aunty ke saath,desi biwi,desi sali,randi
stories,chod stories,desi phuddi,pyasi aunty,desi
chod,choti,randi,bahan,indiansexstories,kahani,mujhe,chachi,garam,desipapa,doodhwali,jawani,ladki,pehli,suhagraat,choda,nangi,behan,doodh,gaand,suhaag
raat, aurat,chudi, phudi,larki,pyasi,bahen,saali,chodai,chodo,ke
saath,nangi ladki,behen,desipapa stories,phuddi,desifantasy,teacher
aunty,mami stories,mast aunty,choots,choti choot, garam choot,mari
choot,pakistani choot,pyasi choot,mast choot,saali stories,choot ka
maza,garam stories,,हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा
बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की
कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और
मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर
दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories
,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी
बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी ,kamuk
kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी ,घुसेड दिया
,raj-sharma-stories.blogspot.com ,कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है
,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला
,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास
बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग
,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स
,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ
मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन
,kamuk-kahaniyan.blogspot.com ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल
,कहानियाँ हिन्दी ,चूत ,जीजू ,kamuk kahaniyan ,स्कूल में मस्ती ,रसीले
होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो
,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी
,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे
लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों
के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி
,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा
,hindisexistori.blogspot.com ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी
,چوت ,
--
No comments:
Post a Comment