Thursday, March 17, 2011

हिंदी सेक्सी कहानियाँ दो सहेलियाँ--2

हिंदी सेक्सी कहानियाँ

दो सहेलियाँ--2
गतान्क से आगे....
' राजीव तुम तो अकल से बिल्कुल पैदल हो. मेरी सहेली यहाँ
हनिमून मनाने आई है और हनिमून अपने दुलहा राजा के साथ ही
मनाया जाता है, और वो दूल्हा राजा तुम हो. मैं उस के हनिमून की
खुशी में मनाली आई हूँ, समझे.'
' तो फिर तुझे अलग कमरा लेने की क्या ज़रूरत थी हमारे कमरे
में ही रुक जाती और हमे हनिमून मनाते हुए देख कर खुश होती,
दूसरे कमरे में से तो तुझे कुच्छ दिखाई नहीं दे रहा होगा.'
' अब अगर तुम ने देखने की बात की है तो बता दूं मैने
तुम्हारा एक एक सीन देखा है और वो भी इन आँखो से. तुम पूच्छो
गे कैसे तो अनिता कच्ची खिलाड़ी नहीं टाय्लेट के दरवाज़े में एक
सुराख पहले ही कर दिया गया था और उसी में से मैने सब कुच्छ
देखा है.'
' ओह ओह इस काम के लिए दरवाज़े में सुराख करवाया और उस पर
खरच किया. होटेल में अलग से कमरा लिया उस का किराया दिया. मुझे
कह देती में तुझे अपने कमरे में अपने ही बेड पर लिटा लेता और
तुझे डोर से देखने के लिए इतनी मेहनत ना करनी पड़ती ना
खरच.'
' मेहनत से किया काम और उस पर किया खरच जो लुफ्त देता है
वो माल मुफ़त में नहीं मिलता.'
' हमे सुहागरात मनाते देख तेरा दिल तो किया होगा के मुझे भी
वो सब मिले जो सुनीता को मिल रहा है.'
' ज़रूर किया था और हम ने कभी कोई काम अकेले किया भी नहीं,
लेकिन हमारे में जलन नहीं है हम इक दिल दो शरीर है, इक जान
हैं हम.'
' अरे मेरी जान को तुम अभी भी अपनी जान कहोगी तो ठीक नहीं होगा.'
' चलो जो हो गया अब तुम अपना कमरा खाली कर के इस कमरे में
आ जाओ आज हमे नज़दीक से देखना और मैं भी देखु गा के तुम्हे
जलन होती है या दिल में कुच्छ कुच्छ.'
अनिता ने कमरा तो चाहे खाली नहीं किया लेकिन राजीव की बात
मान कर उनके कमरे में उन के साथ ही सो गयी. वो एक साइड में
और सुनीता बीच में लेट गयी सुनीता के साथ एक और राजीव लेट
गया. राजीव ने कहा ' अनिता अगर इज़ाज़त हो तो हम अपना काम शुरू
करें.'
' मुझे क्या एतराज़ है मुझे तो तुम ने अपने साथ लिटाया ही
इसलिए है के मैं नज़दीक से देख सकूँ के तुम क्या और कैसे करते
हो.'
राजीव ने सुनीता के होटो को चूमना और चूसना शुरू कर दिया
और फिर उस का गाउन उतार कर नंगा कर दिया. होंठ चूसते हुए उसने
मम्मों को हाथ से मरोड़ना शुरू किया तो मैं ना जाने अपने आप को
कैसे रोक पा रही थी मैने एक अंगड़ाई ली तो राजीव ने कहा '
क्यो अनिता कुच्छ दिल कर रहा है.'
अनिता ने कहा ' तुम अपना काम करते रहो मैं देख रही हूँ'
राजीव सुनीता के उपर आ गया और उसने अपना लंड मुझे दिखाते
हुए कहा ' अनिता देख ले यह लंड अब तेरे सहेली की चूत में जाने
वाला है और अंदर से तो दिखाई देगा नहीं.'
अनिता ने कहा ' तुम सुनीता की चूत में डालो गे तो मुझे अंदर भी
दिखाई देगा क्यो के मैने पहले ही कहा है कि एक जान हैं हम.'
' इसका मतलब है के अगर मेरा लंड तेरी चूत में जाएगा तो मज़ा
सुनीता को आए गा.'
' मुझ से क्या सुनीता से ही पूच्छ लो.'
' क्यो सुनीता ठीक कह रही है अनिता.'
' डाल कर देखो उसकी चूत में. मैं तो पहले ही समझ गयी
थी के तुम्हारा दिल आज उसपर आ गया है जो उसे अपने कमरे में
अपने साथ सोने के लिए कह रहे हो.'
' राजीव ने लंड सुनीता की चूत में डालते हुए कहा पहले
तेरे उपर चढ़ा हूँ तेरी चुदाई करने के बाद अनिता की करूँगा.'
राजीव ने सुनीता की चुदाई करते हुए अनिता के मम्मों को पकड़ लिया
और कहने लगा ' अरे मम्मे भी एक जैसे हैं इसका मतलब चूत भी
एक जैसी ही होगी.'
' चूत और मम्मे और लंड तो सभी लगभग एक जैसे होते हैं
थोड़ा बहुत फरक़ होता होगा.' सुनीता ने कहा.
' तुझे कैसे पता क्या तूने किसी और का लंड लिया है या देखा है.'
' लंड नहीं लिया तो क्या जब आदमी के बाकी अंग एक जैसे होते
है तो लंड भी तो शरीर का एक अंग है. गधे का लंड तो सब ने
देखा होगा वो सब गधो का एक जैसा होता है तो आदमियो का भी एक
जैसा होता होगा. तुमने क्या चुदाई करनी किसी से सीखी थी जो
करनी आ गयी है.'
अनिता बोली ' तुम तो ऐसे लड़ने लगे जैसे छ्होटे बच्चे लड़ते
हैं वो भी भाई बेहन.'
' अच्छा हमे भाई बेहन बना दिया और तू भी तो मेरी बेहन लगी
तुझे अपने भाई से चुदाई करवाते हुए शरम नहीं आए गी.'
' जब मैं कर्वाउन्गि तब ना.'
' तो क्या तू अपनी सहेली को चुदते हुए देखने के लिए इस
कमरे में वो भी इस पलंग पर लेटी है.'
' तुमने ही तो कहा था के नज़दीक से देख दूर से साफ नज़र नहीं
आ रहा होगा.'
' मैने तो इस लिए कहा था के कल तू मेरे बिस्तर पर खुद ही आ
कर मेरे से अपनी चूत में मेरा लंड ले चुकी थी तो मैने सोचा के
जब तू और तेरी सहेली को कोई एतराज़ नहीं तो फिर मुझे क्या
एतराज़ है, इसलिए मैने तुझे अपने साथ पलंग पर आने के लिए
कहा था अब तेरी सहेली की चुदाई हो चुकी है तूने भी करवानी है
तो अपने कपड़े जलदी से उतार दे मेरा लंड तैयार खड़ा है ऐसा ना हो
के तू देर कर दे और यह फिर तेरी सहेली की चूत में चला जाए.'
मैने देखा लंड तन कर खड़ा हो गया था मैने उसे हाथ में लिया
और फिर अपने मुँह में डाल कर चूसने लगी. राजीव अनिता के
मम्मों को चूसने लगा. अनिता काफ़ी देर से सुनीता की चुदाई देख कर
गरम हो चुकी थी उसने कहा अब मम्मों को ही चूसते रहोगे के चूत
को भी अपना लंड दोगे.' राजीव ने अनिता की चूत में लंड डाल दिया
और झटके मारने लगा. नीचे से अनिता भी उच्छल उच्छल कर पूरे
लंड को अपनी चूत में लेने की कोशिश कर रही थी. सुनीता देख
रही थी और कहने लगी ' राजीव तुम्हे कैसे पता लगा के रात में
अनिता तुमहरे पास आई थी और उस ने चुदाई करवाई थी.'
' तुमने क्या समझा था के मेरे लंड को अपनी चूत जिस का यह एक
बार स्वाद चख चुका था को दूसरी चूत का पता नहीं लगेगा.'
' चलो अच्छा हुया तुम्हे बताने की ज़रूरत नहीं पड़ी लेकिन अब यह
सोच लो के अगर तुमने अनिता को अपना लंड दिया है तो मैं अनिता के
पति का लंड लूँगी. हम दोनो ने आज तक कोई काम भी इकट्ठे
किया है इसलिए हमारी दोनो सहेलिओं का वायदा था के हम लंड
भी इकट्ठे लेंगी और तूने आज हमारी बात रख ली है तो वायदा कर के
तुझे कोई एतराज़ नहीं होगा.'
' जब मैने अनिता की चूत ली है तो इसका पति तेरी चूत लेगा तो
मुझे क्या एतराज़ होगा. बलके मैं भी अनिता की चूत में लंड
डालूं गा और तेरी चूत में अनिता का पति लंड डाले गा वो भी मेरे
सामने. लेकिन मेरे ख़याल में तो जब मैं अनिता को भी वो सब दे
रहा हूँ जो इसे अपने पति से मिलने वाला है तो इसे शादी करवाने की
क्या ज़रूरत है. मैं दोनो की ज़रूरत पूरी कर सकता हूँ जैसे कल
और आज की है'
' शादी करवाने से दो फ़ायदे होंगे एक तो अगर मैं प्रेगञेन्ट होती
हूँ तो किसी को कोई एतराज़ नहीं होगा और दूसरे तुम अकेले कब तक
हम दोनो की चुदाई करते रहोगे. वैसे तुम्हारी बातों से लगता है
के तुम्हे जलन होने लगी'
' मुझे क्यो जलन होगी जब तुम दोनो को जलन नहीं हो रही, लेकिन
क्या यह ज़रूरी है के इसका पति भी इस बात के लिए राज़ी हो
जाएगा.'
' वो हम पर छ्चोड़ दो जब तुम्हे राज़ी कर लिया है तो उसे भी इसी
तरह कर लेंगे.'
कुच्छ महीनो बाद अनिता की शादी हो गयी. अनिता के साथ सुनीता
ने भी उसके हनिमून पर जाने का प्रोग्राम बना लिया. प्रोग्राम भी
मनाली का ही बनाया गया और ठहरने के लिए होटेल और कमरे भी वो
ही चुने जिस में पहले सुनीता और अनिता का हनिमून इकट्ठे ही हुया
था. रात को सुनीता और अनिता ने अपने कमरे बदले और एक दूसरे
के पति के साथ हनिमून मनाया. अनिता के पति को शक भी नही
हुया. अगले दिन सुनीता ने अनिता से पूचछा 'कौन सा लंड ज़्यादा अच्छा
लगा तो अनिता ने कहा 'तूने भी तो दोनो का स्वाद लिया है तू बता.'
सुनीता कहने लगी मुझे तो दोनो एक जैसे लगे कोई ज़्यादा फरक़
नहीं लगा और चोदने में भी दोनो एक जैसे ही है' ' मुझे भी
दोनो एक जैसे लगे' अनिता ने कहा. राजीव ने संजीव (अनिता का पति)
से चाय पीते हुए कहा ' संजीव तुमने इस से पहले कभी चुदाई
का मज़ा लिया है. सच सच बताना, च्छुपाना कुच्छ भी नही.' संजीव
ने कहा ' एक बार पड़ोस में एक औरत रहती थी उससे. मैं तो तब
छ्होटा था उसी ने मुझे यह सिखाया था.' ' तो उसके बाद क्या उसने
तुझ से चुदाई करवानी छ्चोड़ दी या तूने ही छ्चोड़ दिया.' नहीं कयी
बार की अब तुम बतायो के तुमने कभी किसी और औरत का मज़ा लिया' '
हाँ लिया तो है लेकिन शादी के बाद वो भी दो सहेलिया थी और उन्होने
अपनी मरज़ी से मेरे से चुदाई करवाई थी.'
' तो क्या अब भी वो तुम से चुदाई करवाती है'
' हां करवाती है और वो भी एक साथ क्या तुम चाहते हो के
अनिता की कोई सहेली तुम से चुदाई करवाए और वो भी अनिता के
सामने.'
' यह कैसे हो सकता है, कोई भी पत्नी अपने पति से किसी
औरत को चुदते हुए नहीं देख सकती और ना कोई पति अपनी पत्नी
को किसी और से चुदते हुए देख सकता है. क्या तुम अपनी पत्नी को
किसी और से अपने सामने चुदते हुए देख सकते हो.'
' क्यो नहीं जब मैं अपनी पत्नी के सामने उसके सहेली को चोद
सकता हू तो वो क्यो नहीं मेरे सामने किसी और से चुदवा सकती.
अब अगर तुम ने किसी औरत को शादी से पहले चोदा है तो तुम्हे भी
अनिता को किसी और से चुदाई करवाने में कोई एतराज़ नहीं होना
चाहिए. तुझे पता है आज कल कयी क्लब ऐसे बने है जहाँ पति
पत्नी बदल कर चुदाई करते है.'
' सुना तो मैने भी है ऐसे क्लब के बारे में लेकिन गया कभी
नहीं, क्या तुम कभी गये हो.'
' नहीं मुझे क्लब में जाने की क्या ज़रूरत है क्यो ना आज रात
हम यह काम इस होटेल को क्लब समझ कर करें.'
' अनिता और सुनीता मान जाएँगी'
' पहले तू बता के तू राज़ी है.'
' ठीक है तुम राज़ी सुनीता और अनिता राज़ी तो फिर मुझे का एतराज़ है.'
रात में राजीव ने सुनीता को संजीव के कमरे में भेज दिया और
अनिता उसके कमरे में आ गयी. रात को बदल बदल कर 4 बार
चुदाई का दौर चला. दो बार सुनीता ने राजीव का लंड लिया और दो
बार संजीव का और ऐसे ही दो बार अनिता ने राजीव का और दो बार
संजीव का लंड लिया. सुबह चाय पर चारों इकट्ठे हुए तो राजीव ने
पूछा ' रात का प्रोग्राम सब को कैसा लगा.' सब ने इकट्ठे ही कहा
बहुत अच्छा लेकिन अगर यह एक ही कमरे में होता तो ज़यादा अच्छा
होता. राजीव ने कहा ' ठीक है आज हम चारों एक ही कमरे में एक
दूसरी की बीवी को चोदे गे और अपनी को चुदते देखें गे' अनिता ने
कहा ' और इस मुकाबले में जो जीता उस मैं एक गरम गरम चुम्मा
दूँगी.' सुनीता ने कहा ' दूसरे नंबर वाले को मैं अपनी चूत का
रस पिलाउ गी.' रात में बीवी बदलो प्रोग्राम चला और होटेल से
वापस आने के बाद भी चलता रहता है. इस तरह दो सहेलिओं ने
अपने वायदे को निभाया और उनके पति ने उनका साथ दिया.
कैसी लगी मेरी यह कहानी ईमेल करें - :
समाप्त

Do Saheliyaan--2
gataank se aage....
' Rajeev tum to akal se bilkul paidal ho. meri saheli yahan
honeymoon manane aayee hei aur honeymoon apane dulaha raja ke saath hi
manaya jata hei, aur voh dullah raja tum ho. main us ke honeymoon ki
khushi mein manali aaayee hun, samajhe.'
' to phir tujhe alag kamara lene ki kaya jarurt thi hamare kamare
mein hi ruk jati aur humein honeymoon manate huye dekh kar khush hoti,
doosare kamare mein se to tujhe kuchh dikhayee nahin de raha hoga.'
' ab agar tum ne dekhane ki baat ki hei to bata doon maine
tumahara eik eik seen dekha hei aur voh bhi in aankho se. tum poochho
ge kaise to anita kachi khiladai nahin toilet ke darwaze mein eik
surakh pehale hi kar diya gaya tha aur usi mein se maine sab kuchh
dekha hei.'
' oh oh is kaam ke liye darwaze mein surakh karwaya aur us par
kharach kiya. hotel mein alag se kamara liya us ka kiraya diya. mujhe
keh deti mein tujhe apane kamare mein apane hi bed par lita leta aur
tujhe door se dekhane ke liye itani mehanat na karani padati na
kharach.'
' mehanat se kiya kaam aur us par kiya kharach jo llutf deta hei
voh maale mufat mein nahin milata.'
' humein suhagraat manate dekh tera dil to kiya hoga ke mujhe bhi
voh sab mile jo sunita ko mil raha hei.'
' jaroor kiya tha aur hum ne kabhi koyee kaam akele kiya bhi nahin,
lekin humare mein jalan nahin hei hum ik dil do shareer hein, ik jaan
hein hum.'
' are meri jaan ko tum abhi bhi apani jaan kahogi to theek nahin hoga.'
' chalo jo ho gaya ab tum apana kamara khali kar ke is kamare mein
aa jayo aaj humein nazdeek se dekhana aur main bhi dekhu ga ke tumeh
jalan hoti hei ya dil mein kuchh kuchh.'
anita ne kamara to chahe khali nahin kiya lekin rajeev ki baat
maan kar unke kamare mein un ke saath hi so gayee. voh eik side mein
aur sunita beech mein leit gayee sunita ke saath eik aur rajeev leit
gaya. rajeev ne kaha ' anita agar izazat ho to hum apana kaam shuru
karein.'
' mujhe kaya eitraz hei mujhe to tum ne apane saath litaya hi
isliye hei ke main nazdeek se dekh sakun ke tum kaya aur kaise karate
ho.'
rajeev ne sunita ke hoton ko choomana aur choosana shuru kar diya
aur phir us ka gown utar kar nanga kar diya. hount choosate huye usne
mammon ko haath se marodana shuru kiya to main na jane apane aap ko
kaise rok paa rahi thie maine eik angdayee lee to rajeev ne kaha '
kayon anita kuchh dil kar raha hei.'
anita ne kaha ' tum apana kaam karate raho main dekh rahi hun'
rajeev sunita ke upar aa gaya aur usne apana lund mujhe dikhate
huye kaha ' anita dekh le yeh lund ab tere saheli ki choot mein jane
wala hei aur ander se to dikhayee dega nahin.'
anita ne kaha ' tum sunita ki choot mein daalo ge to mujhe ander bhi
dikhayee dega kayon ke maine pehale hi kaha hei ki eik jaan hein hum.'
' iska matalab hei ke agar mera lund teri choot mein jayega to maza
sunita ko aaye ga.'
' mujh se kaya sunita se hi poochh lo.'
' kayon sunita theek keh rahi hein anita.'
' daal kar dekho uski choot mein. main to pehale hi samajh gayee
thie ke tumahra dil aaj uspar aa gaya hei jo use apane kamare mein
apane saath sone ke liye keh rahe ho.'
' rajeev ne lund sunita ki choot mein daalate huye kaha pehale
tere upar chada hun teri chudayee karane ke baad anita ki karunga.'
rajeev ne sunita ki chudayee karate huye anita ke mammon ko pakad liya
aur kehane laga ' are mamme bhi eik jaise hein iska matlab choot bhi
eik jaisi hi hogi.'
' choot aur mammen aur lund to sabhi lugbhug eik jaise hote hein
thoda bahut faraq hota hoga.' sunita ne kaha.
' tujhe kaise pata kaya tune kisi aur ka lund liya hei ya dekha hei.'
' lund nahin liya to kaya jab aadami ke baki ang eik jaise hote
hein to lund bhi to shareer ka eik ang hei. gadhe ka lund to sab ne
dekha hoga voh sab gadho ka eik jaisa hota hei to aadamion ka bhi eik
jaisa hota hoga. tumne kaya chudayee karani kisi se seekhi thi jo
karani aa gayee hei.'
anita boli ' tum to aise ladane lage jaise chhote bache ladate
hein voh bhi bhai behan.'
' achha humein bhai behan bana diya aur tu bhi to meri behan lagi
tujhe apane bhai se chudayee karwate huye sharam nahin aaye gi.'
' jab main karwayun gi tab na.'
' to kaya tu apani saheli ko chudate huye dekhane ke liye is
kamare mein voh bhi is palang par leite hei.'
' tumne hi to kaha tha ke nazdeek se dekh door se saaf nazar nahin
aa raha hoga.'
' maine to is liye kaha tha ke kal tu mere bistar par khud hi aa
kar mere se apani choot mein mera lund le chuki thi to maine soacha ke
jab tu aur teri saheli ko koyee eitraz nahin to phir mujhe kaya
eitaraz hei, isliye maine tujhe apane saath palang par aane ke liye
kaha tha ab teri saheli ki chudayee ho chuki hei tune bhi karwani hei
to apane kapade jaladi se utar de mera lund tayar khada hei aisa na ho
ke tu der kar de aur yeh phir teri saheli ki choot mein chala jaye.'
maine dekha lund tun kar khada ho gaya tha maine use haath mein liya
aur phir apane munh mein daal kar choosane lagi. rajeev anita ke
mammon ko choosane laga. anita kafi der se sunita ki chudayee dekh kar
garam ho chuki thie usne kaha ab mammon ko hi choosate rahoge ke choot
ko bhi apana lund doge.' rajeev ne anita ki choot mein lund daal diya
aur jhatake maarne laga. neeche se anita bhi uchhal uchhal kar poore
lund ko apani choot mein lene ki koshish kar rahi thie. sunita dekh
rahi thie aur kehane lagi ' rajeev tumeh kaise pata laga ke raat mein
anita tumahre paas aayee thi aur us ne chudayee karwayee thi.'
' tumne kaya samjha tha ke mere lund ko apani choot jis ka yeh eik
bar sawad chakh chuka tha ko doosari choot ka pata nahin lagega.'
' chalo achha huya tumeh batane ki jarurat nahin padi lekin ab yeh
soach lo ke agar tumne anita ko apana lund diya hei to mein anita ke
pati ka lund nahin loongi. hum dono ne aaj tak koyee kaam bhi ikale
nahin kiya hei isliye hamari dono sahelion ka vayada tha ke hum lund
bhi ikathe lengi aur tune aaj humari baat rakh li hei to vayada kar ke
tujhe koyee eitaraz nahin hoga.'
' jab maine anita ki choot li hei to iska pati teri choot lega to
mujhe kaya eitaraz hoga. balke main bhi anita ki choot mein lund
daalun ga aur teri choot mein anita ka pati lund daale ga voh bhi mere
samane. lekin mere khayal mein to jab main anita ko bhi voh sab de
raha hun jo ise apane pati se milane wala hei to ise shadi karwane ki
kaya jarurat hei. main dono ki jarurat poori kar sakata hun jaise kal
aur aaj ki hei'
' shadi karwane se do phayede honge eik to agar main pregnent hoti
hun to kisi ko koyee eitaraz nahin hoga aur doosare tum akele kab tak
hum dono ki chudayee karte rahoge. vaise tumahri baaton se lagata hei
ke tumeh jalan hone lagi'
' mujhe kayon jalan hogi jab tum dono ko jalan nahin ho rahi, lekin
kaya yeh jaroori hei ke iska pati bhi is baat ke liye raazi ho
jayega.'
' voh hum par chhod do jab tumeh raazi kar liya hei to use bhi isi
tarah kar lenge.'
Kuchh maheeno baad anita ki shadi ho gayee. anita ke saath sunita
ne bhi uske honeymoon par jane ka programme bana liya. programme bhi
manali ka hi banaya gaya aur theharne ke liye hotel aur kamare bhi voh
hi chune jis mein pehale sunita aur anita ka honeymoon eikathe hi huya
tha. raat ko sunita aur anita ne apane kamare badale aur eik doosare
ke pati ke saath honeymoon manaya. anita ke pati ko shak bhi nahi
huya. agale din sunita ne anita se poochha 'kaun sa lund jayada achha
laga to anita ne kaha 'tune bhi to dono ka sawad liya hei tu bata.'
sunita kehane lagi mujhe to dono eik jaise lage koyee jayada faraq
nahin laga aur chodane mein bhi dono eik jaise hi hein' ' mujhe bhi
dono eik jaise lage' anita ne kaha. rajeev ne sanjeev (anita ka pati)
se chaye peete huye kaha ' sanjeev tumne is se pehale kabhi chudayee
ka maza liya hei. sach sach batana, chhupana kuchh bhi nahi.' sanjeev
ne kaha ' eik baar pados mein eik aurat rahati thi usse. main to tab
chhota tha usi ne mujhe yeh sikhaya tha.' ' to uske baad kaya usne
tujh se chudayee karwani chhod di ya tune hi chhod diya.' nahin kayee
baar ki ab tum batayo ke tumne kabhi kisi aur aurat ka maza liya' '
han liya to hei lekin shadi ke baad voh bhi do sahelian thi aur unhone
apani maraze se mere se chudayee karwayee thi.'
' to kaya ab bhi voh tum se chudayee karwati hein'
' haan karwati hein aur voh bhi eik saath kaya tum chahate ho ke
anita ki koyee saheli tum se chudayee karwaye aur voh bhi anita ke
samane.'
' yeh kaise ho sakata hei, koyee bhi patani apane pati se kisi
aurat ko chudate huye nahin dekh sakati aur na koyee pati apani patani
ko kisi aur se chudate huye dekh sakata hei. kaya tum apani patani ko
kisi aur se apane samane chudate huye dekh sakate ho.'
' kayon nahin jab main apani patani ke samane uske saheli ko chod
sakata hu to voh kayon nahin mere samane kisi aur se chudawa sakati.
ab agar tum ne kisi aurat ko shadi se pehale choda hei to tumeh bhi
anita ko kisi aur se chudayee karwane mein koyee eitaraz nahin hona
chahiye. tujhe pata hei aaj kal kayee club aise bane hien jahan pati
patani badal kar chudayee karate hien.'
' suna to maine bhi hei aise club ke baare mein lekin gaya kabhi
nahin, kaya tum kabhi gaye ho.'
' nahin mujhe club mein jane ki kaya jarurat hei kayon na aaj raat
hum yeh kaam is hotel ko club samajh kar karen.'
' anita aur sunita maan jayengi'
' pehale tu bata ke tu raazi hei.'
' theek hei tum raazi sunita aur anita razi to phir mujhe kaya eitaraz hei.'
raat mein rajeev ne sunita ko sanjeev ke kamare mein bhej diya aur
anita uske kamare mein aa gayee. raat ko badal badal kar 4 baar
chudayee ka daur chala. do baar sunita ne rajeev ka lund liya aur do
baar sanjeev ka aur aise hi do baar anita ne rajeev ka aur do baar
sanjeev ka lund liya. subah chaye par charon ikaathe huye to rajeev ne
poochha ' raat ka programme sab ko kaisa laga.' sab ne ikathe hi kaha
bahut achha lekin agar yeh eik hi kamare mein hota to jayada achha
hota. rajeev ne kaha ' theek hei aaj hum charon eik hi kamare mein eik
doosari ki biwi ko choden ge aur apani ko chudate dekhen ge' anita ne
kaha ' aur is mukabale mein jo jeeta us main eik garam garam chumma
doongi.' suknita ne kaha ' doosare number wale ko main apani choot ka
ras pilayun gi.' raat mein biwi badalo programme chala aur hotel se
vapas aane ke baad bhi chalata rehata hei. is tarah do sahelion ne
apane vayede ko nibhaya aur unke pati ne unka saath diya.
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samaapt


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