Thursday, March 17, 2011

शहर में आकर गाण्ड मराई

हिंदी सेक्सी कहानियाँ

शहर में आकर गाण्ड मराई

प्रेषक : प्रेम सिंह सिसोदिया
मैं गांव छोड़ कर कॉलेज की पढ़ाई करने के लिये शहर आ गया था। यहाँ शहर में
मैं अपने चाचा के साथ रहता था। उन्होंने मुझे बाहर सड़क की तरफ़ खुलता हुआ
एक कमरा दे दिया था। मेरी पढ़ाई यहाँ पर अच्छी चल रही थी। घर के सामने ही
एक पब्लिक पार्क भी था। मैं अक्सर शाम को उसी पार्क में जाकर बैठ जाता था
और मूंगफ़ली,चने आदि चबाता रहता था।
इन्हीं दिनों मुझे उसी पार्क में मेरी की क्लास का एक सहपाठी विनोद मिल
गया। वो बहुत ही हंसमुख और खुले विचारों वाला लड़का था। वो मुझे बहुत ही
पसन्द था। हमारा मिलना लगभग रोज ही होता था। उसके हाथ में अक्सर कोई
मेगज़ीन हुआ करती थी, वो उसे बहुत सम्हाल कर रखता था। मैंने आखिर एक दिन
विनोद से पूछ ही लिया कि वो मगज़ीन क्या है।
पहले तो वह टाल-मटोल करता रहा पर एक दिन उसने वो मगज़ीन मुझे थमा ही
दी,"ले देख ले, तेरे काम की नहीं है।"
मैंने ज्योंही उसे खोल कर देखा, उसके कुछ लड़कों की नंगी तस्वीरें मुझे
नजर आई। उन लड़कों के बड़े-बड़े लण्ड साफ़ दिख रहे थे। आगे के एक पेज में तो
एक लड़का अपना लण्ड दूसरे लड़के की गाण्ड में घुसाये हुये था। मेरे शरीर
में जैसे चींटियाँ सी रेंगने लगी।
"देख लिया? ला अब दे दे मुझे..."
"विनोद, आज रात के लिये मुझे दे दे इसे ! सुबह मैं खुद ही होस्टल में
पहुँचा दूंगा।"
"देख, सम्हाल कर रखना, कोई देख लेगा तो बवाल हो जायेगा !"
मैंने सर हिला कर हामी भर दी। विनोद के चेहरे पर एक चमक सी आ गई। जिसका
मतलब वो ही समझ सकता था।
अब तो वो मुझे रोज ही नई-नई मैगजीन लाकर दिया करता था। मुझे उसमें बस
लड़के की गाण्ड मराने की तस्वीर सबसे अच्छी लगती थी। मैं अक्सर ऐसे
ख्यालों में डूब जाता था कि जैसे कोई लड़का मेरी गाण्ड मार रहा है या मैं
उसकी गाण्ड मार रहा हूँ।
फिर धीरे धीरे ये ख्याल विनोद की सूरत में तबदील होने लगे। मेरा वीर्य
उत्तेजना में जाने कब निकल जाता था और मैं अपनी चड्डी गीली कर देता था।
एक दिन उसके हाथों में एक पुस्तक थी। वो जान करके उसे मेरे लिये ही लाया था।
हाँ, आजकल उसके व्यवहार में कुछ बदलाव सा आ गया था। वो मेरी जांघों पर
हाथ भी मारता था और हौले से उसे दबा भी देता था। मुझे उसके ऐसा करने से
रोमांच सा हो आता था। पर मुझे अब ये सब अच्छा लगता था।
वो पुस्तक मैंने घर जा कर पढी, वो एक लड़के की गाण्ड मराने की कहानी थी।
मुझे तो वो विनोद के रूप में ढलने लगा और लगा कि जैसे मैं ही विनोद की
गाण्ड मार रहा हूँ। मेरा वीर्य निकल जाने के बाद मैं वास्तविकता में लौट
आता था। पर कुछ ही दिनों में मुझे ऐसा लगने लगा कि मैं विनोद की सच में
एक दिन गाण्ड मार दूँ।
इन कहानी की पुस्तकों के बाद चला सीडी का दौर।
वो एक सीडी लेकर आया और कहने लगा- एक पिक्चर है अपने डीवीडी प्लेयर पर
मुझे दिखा दे !
वो जब सीडी देख रहा था तो उसके हाथ में एक और सीडी नजर आई।
पूछने पर उसने बताया कि वो तो एडल्ट मूवी है।
मैंने उसे देखने जिद की तो वो तुरन्त मान गया। मुझे लगा कि वो मुझे ही
दिखाने के लिये सीडी लाया था। वो एक ब्ल्यू फ़िल्म थी। उसमें भी लड़कों के
आपसी सहवास, गाण्ड मराने, लण्ड चूसने की कहानी थी। मेरी नजरें अनायास ही
विनोद पर उठ गई। वो अपना उत्तेजना में अपना लण्ड दबा रहा था। लण्ड तो
मेरा भी बहुत जोर मार रहा था। मुझे लगा कि विनोद को पटाने का यह अच्छा
मौका है, बहुत उत्तेजित भी है और उसे भी शान्त होने के कुछ चाहिये था।
मुझे क्या पता था कि यह सब कुछ मुझे पटाने के लिये ही था।
विनोद ने भी मुझे वासना की नजर से देखा, मैं झेंप सा गया।
"बहुत शरमाता है यार ! अब मर्द है तो लण्ड खड़ा तो होगा ही ना !"
"तेरा भी तो देख, क्या हाल हो रहा है?" कहते हुए मुझे कुछ शर्म सी आ गई।
"पर यार, मजा तो आ रहा है ना, वो देख साला क्या चिकना लड़का है, उसकी
गाण्ड तो देख !"
"हाँ यार, उसका लण्ड कैसे गाण्ड में घुस रहा है, विनोद ऐसे कितना मजा आता होगा?"
"मजा तो आता ही है, कैसे लण्ड माल उगल रहा है, मजा आता है तभी तो माल
बाहर आता है, प्रेम तेरे पास रम है ना?"
"हां, पर बर्फ़ नहीं है..."
"चाची से मांग ला, पी कर देखेंगे तो और मजा आयेगा।"
मैं चाची से बर्फ़ ले आया। हम दोनों धीरे-धीरे दारू पीते हुये फ़िल्म देखने
लगे। कुछ ही देर में हम दोनों पर नशा छाने लगा था। हम दोनों की टांगें
सामने की ओर फ़ैली हुई थी और लण्ड जबरदस्त तनाव में थे। मेरे हाथ धीरे
धीरे लण्ड पर फ़िसल रहे थे। मेरे तन में एक मीठी सी आग दहकने लग गई थी।
तभी विनोद ने देखा कि लोहा गरम है, वो मेरे पास सरक आया और उसने अपना हाथ
मेरी जांघ पर रख दिया।
मैंने उसे तिरछी नजरों से देखा, पर वो सामने फ़िल्म देख रहा था।
पर जैसे ही उसने मेरी जांघ को सहलाया, मेरे तन बदन में जैसे शोला सा भड़क
गया। लण्ड और तन्ना उठा। मैंने जान कर अपने लण्ड पर से अपना हाथ हटा
दिया, यह सोच कर कि विनोद मेरा लण्ड पकड़ने वाला है।
उसका हाथ पहले तो रुका, फिर धीरे से उसका हाथ मेरे लौड़े पर आ गया।
आह ! साले दबा दे जोर से ... ! मेरा मन चीत्कार कर उठा।
मुझे ज्यादा इन्तज़ार नहीं करना पड़ा। उसक हाथ मेरे लण्ड पर कसता चला गया।
उसने मुझे देखा,"तेरा लण्ड तो गजब कड़क हो रहा है, मेरा देख कितना बुरा हाल है !"
अब भला मुझे कैसी झिझक? मैंने उसके पजामे के ऊपर से उसका फ़ड़फ़ड़ाता हुआ
लण्ड पकड़ लिया। पजामे के उपर उसके लण्ड की मलाई से गीलापन उभर आया था।
मेरा दिल जोर से धड़कने लगा था। मेरा जिन्दगी में यह पहला अवसर था जब मैं
किसी यौन-क्रिया में सहभागी बन रहा था। पर मेरा दिल तो उस पर पहले से ही
था। मैं अपने सपनों को साकार होता देखना चाहता था। फ़िल्म में तो लड़कों को
गाण्ड चुदाते बहुत देखा था, अब शायद मौका मिल जाये तो यह मैं भी कर के
देखूँ।
"विनोद, तेरा तो बहुत जोरदार है रे ... ऊपर से गीला हो गया है !"
"ओह ! यार मुठ मार लेंगे और माल निकाल देंगे, बस मजा आ जायेगा !"
"अन्दर से निकाल कर दिखा ना..." मैंने झिझकते हुये कहा।
"दिखाना क्या है, खुद ही देख ले ... साले मजा आ जायेगा।"
मैंने मौका गंवाना उचित नहीं समझा और धीरे से उसके पजामे का एलास्टिक
खींच कर लण्ड को बाहर निकाल दिया।
उसका गोरा और लम्बा लण्ड वाकई मुझे अच्छा लगा। मुझे लगा कि उसके लण्ड पर
बैठ जाऊँ और अपनी गाण्ड में घुसा लूँ। उसका कोमल सा, पर कठोर लण्ड पकड़ने
पर मेरे दिल के तार झंनझना उठे। उसका हाथ भी मेरे पजामे में घुस चुका था।
उसने मेरा सुपारा खींच कर खोल दिया। लण्ड के मुख पर दो बून्दें बाहर निकल
आई थी। उसका सुपारा खोलने पर देखा तो वो पहले ही तर था।
तभी विनोद बहकता हुआ बोला,"वो देख यार, वैसा करते हैं, मैं तेरा रस भरा
लौड़ा चूस लेता हूँ, चल लेट जा।"
मेरे दिल की कली खिल उठी। शायद हम दोनों एक ही राह के राही थे। जो मेरे
मन में था, वो भी वही कर रहा था।
मैं वहीं लेट गया। विनोद ने मेरा लण्ड पकड़ कर हिलाया और अपने मुख में डाल
लिया। उसके चूसते ही मेरा मन पागल सा हो उठा। आनन्द क्या होता है, यह
मुझे अब मालूम हुआ। मेरे लण्ड को उसने रग़ड़ रगड़ कर खूब चूसा फिर वो मेरी
छाती पर सवार हो गया और अपना लण्ड मेरे मुख पर मारने लगा। मैंने उसका
इशारा समझा और अपना मुख खोल दिया। उसका बड़ा सा गर्म लौड़ा मेरे मुख में
घुस गया। मैंने स्वाद ले लेकर उसे चूसना आरम्भ कर दिया।
विनोद तो जैसे तड़प उठा,"प्रेम, अब उल्टा हो जा, मुझे तो तेरी गाण्ड मारनी
है, मादरचोद, पलटी मार, साले को चोद दूंगा।"
मेरे तन में एक ठण्डी सी लहर दौड़ गई। मेरी गाण्ड चोदने को कह रहा था वो।
भला कैसे मना करता ... मैंने इतने दिनों तक इसी के तो सपने देखे थे।
मैं जल्दी से पलट गया और गाण्ड उभार दी। अपनी टांगें फ़ैला दी। तभी विनोद
ने मेरे हेयर-ऑयल की कुछ बूंदें मेरी गाण्ड के छेद पर टपका दी और अपना
तनतनाता हुआ लण्ड छेद पर रख दिया। मैं अपनी सांस रोके गाण्ड चुदने का
इन्तज़ार करने लगा। तभी उसके नर्म सुपारे का दबाव मेरी गाण्ड के छेद पर बढ़
गया। मैंने अपनी गाण्ड का छेद ढीला कर दिया और उसका लण्ड फ़क की आवाज करता
हुआ अन्दर घुस पड़ा।
मेरे दिल को जैसे सुकून मिल गया। मेरे गाण्ड में लण्ड खाने की लालसा में
मुझे हुए उस हल्के दर्द का अहसास भी नहीं हुआ। वो मेरी पीठ से लिपट गया
और मेरे मुख को जहाँ-तहाँ चूमने लगा। उसका लण्ड का जोर मेरे चूतड़ों पर
था। लण्ड गहराई तक घुसा हुआ था। अब उसने धक्के लगाने आरम्भ किये तो मुझे
गाण्ड में एक मीठी सी जलन सुलग उठी। यह वासना की मिठास थी। मुझे बहुत मजा
आने लगा था।
मेरे मुख से अचानक कुछ शब्द फ़ूट पड़े,"विनोद, मजा आ रहा है यार, मार
गाण्ड, और जोर से मार दे !"
मेरी टांगें और खुलती चली गई, उसका लण्ड भी तेजी से मेरी गाण्ड में उतरने
लगा। वो भी जोर जोर मुझे गालियाँ दे रहा था,"साले की मां चोद दूंगा, बहुत
तड़पाया है मादरचोद ने, आज जा कर पटा है !"
"आह, साले भेनचोद, पटा तो तू है, मैं तो रोज तुझसे गाण्ड मराई के सपने
देखा करता था !"
"चोदू, तो पहले क्यों नहीं कहा, साले, तेरी तो बहन को चोदूँ, तेरी तो मैं
मस्त चोद देता। तुझे पता है मेरी गाण्ड भी चुदाने को कितनी मचल रही थी,
आज तो गाण्ड मरा कर ही जाऊंगा।"
"सच विनोद, तेरी गाण्ड मार कर मुझे बहुत मजा आयेगा, साली मस्त गाण्ड है तेरी !"
"आह, मेरा तो निकला ... ओह्ह्ह ... गया मैं तो..."
"निकाल दे यार, निकाल दे, फिर से गाण्ड मार लेना यार, चल लगा जोर !"
वो दबा कर मेरी गाण्ड मारने लगा और फिर एकाएक मेरी गाण्ड के अन्दर ही
सारा माल उगल दिया। उसकी गहरी गहरी सांसें मेरे गले पर लग रही थी। कुछ ही
पलों में वो सामान्य स्थिति में आ गया था।
"मादरचोद, बाहर निकालता ना, कहीं मैं गर्भवता हो गया तो...!" फिर जोर से
दोनों ही हंस पड़े।
"अब तेरी गाण्ड का मजा तो ले लूँ ! चल बन जा घोड़ी, लण्ड सीधा घुसेड़
दूंगा।" मैंने उत्तेजना में कहा।
वो जल्दी से घोड़ी बन गया और अपने चूतड़ मेरे सम्मुख उघाड़ दिये। साले की
चिकनी गाण्ड देख कर मेरा लण्ड फ़ुफ़कारने लगा। मैंने उसकी चूतड़ों की दरार
के बीच प्यारे से छेद में लण्ड को सेट करके जोर लगा कर लण्ड को अन्दर
घुसेड़ दिया।
वो दर्द से चीख उठा।
मुझे भी उसकी कसी हुई गाण्ड से लण्ड में जलन सी हुई।
"मादरचोद, धीरे कर, वो तेल तो लगा ले !"
"ओह हाँ यार, मैं तो भूल ही गया था जोश में..." मैंने अपना हेयर-ऑयल
निकाल कर छेद में भर दिया। अपना लण्ड भी चिकना कर लिया।
"हाँ अब धीरे से चोद दे...!" विनोद बोला।
इस बार मेरा लौड़ा आसानी से उसकी गाण्ड में घुसता चला गया। मुझे लण्ड में
एक जोरदार मीठा सा मजा आ गया। मैंने लण्ड थोड़ा सा बाहर निकाल कर फिर से
धक्का मारा। मुझे बहुत आनन्द आने लगा। अब विनोद को भी मजा आ रहा था। मेरा
लण्ड घोड़ी बने विनोद की गाण्ड को मस्ती चोद रहा था।
उसका लण्ड नीचे से तन्नाने लगा था। मैंने उसका लण्ड भी कस कर पकड़ लिया और
कभी उसकी मुठ मारता तो कभी उसकी गाण्ड मारता। उसका लण्ड फ़ूलता चला गया।
मैं भी पीछे से अपनी कमर चला कर उसे चोद रहा था। मुझे इतनी सुन्दर
अनुभूति कभी नही हुई थी। मेरा तन अब मीठी कसक से अकड़ने लगा था, मेरा तन
जैसे बेचैन होने लगा था, मुझे मालूम हो गया था कि मेरा वीर्य निकलने वाला
है, मैंने थोड़ा झुक कर उसके फ़ूले हुये लण्ड को रगड़ कर मुठ मारा और उसका
वीर्य जमीन पर तीर की भांति छूट पड़ा। इधर मेरी सहन शक्ति भी जवाब देने लग
गई थी। मैंने अपना लण्ड बाहर निकाला और निकालते निकालते ही मेरे लौड़े ने
फ़व्वारा छोड़ दिया।
मैं हांफ़ उठा... सांसें तेज हो गई थी। वीर्य तो जैसे बाहर निकलता ही जा रहा था।
आह्ह्ह ... इतना सारा माल ... इतना तो कभी नहीं निकला था। मैं खल्लास हो
कर खड़ा हो गया और अपने लण्ड को साफ़ करने लगा। उसकी पीठ और चूतड़ों पर गिरे
वीर्य को कपड़े से साफ़ कर दिया। विनोद उठा और मेरा हाथ पकड़ कर स्नानागार
में ले आया। हम दोनों ने भली भांति स्नान किया और तरोताज़ा होकर बाहर आकर
कपड़े बदल लिये।
अब तो यह कार्यक्रम हमारा अक्सर होने लगा। हमें एक दूसरे के प्रति आसक्ति
हो गई थी। ऐसा लगने लगा था कि हम एक दूसरे के पूरक हो चुके थे। हम दोनों
अब पति-पत्नी की तरह से चुदाई करते थे। हाँ ! अब पति कौन था और पत्नी कौन
थी, थोड़ा संशय जरूर था ...
प्रेम सिंह सिसोदिया

Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion |
Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews
| Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance |
India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera |
Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical
| Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting |
Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry |
HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis
| Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad |
New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी
कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स |
सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स |
vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा |
सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी
सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी
सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such
| सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi |
कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult
kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई |
एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre
ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein |
चुटकले चुदाई के | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain |
चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी
चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा |
सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai |
payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग
कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk |
vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana
ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ |
कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का
तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ |
हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी |
हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट |
chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai
| sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai |
mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन,
यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग,
यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना,
aunty,stories,bhabhi,choot,chudai,nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic
stories,chudai,chudai ki,hindi stories,urdu stories,bhabi,choot,desi
stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi chudai,desi story,story
bhabhi,choot ki,chudai hindi,chudai kahani,chudai stories,bhabhi
stories,chudai story,maa chudai,desi bhabhi,desi chudai,hindi
bhabhi,aunty ki,aunty story,choot lund,chudai kahaniyan,aunty
chudai,bahan chudai,behan chudai,bhabhi ko,hindi story chudai,sali
chudai,urdu chudai,bhabhi ke,chudai ladki,chut chudai,desi kahani,beti
chudai,bhabhi choda,bhai chudai,chachi chudai,desi choot,hindi kahani
chudai,bhabhi ka,bhabi chudai,choot chudai,didi chudai,meri
chudai,bhabhi choot,bhabhi kahani,biwi chudai,choot stories, desi
chut,mast chudai,pehli chudai,bahen chudai,bhabhi boobs,bhabhi
chut,bhabhi ke sath,desi ladki,hindi aunty,ma chudai,mummy
chudai,nangi bhabhi,teacher chudai, bhabhi ne,bur chudai,choot
kahani,desi bhabi,desi randi,lund chudai,lund stories, bhabhi
bra,bhabhi doodh,choot story,chut stories,desi gaand,land choot,meri
choot,nangi desi,randi chudai,bhabhi chudai stories,desi mast,hindi
choot,mast stories,meri bhabhi,nangi chudai,suhagraat chudai,behan
choot,kutte chudai,mast bhabhi,nangi aunty,nangi choot,papa
chudai,desi phudi,gaand chudai,sali stories, aunty choot,bhabhi
gaand,bhabhi lund,chachi stories,chudai ka maza,mummy stories, aunty
doodh,aunty gaand,bhabhi ke saath,choda stories,choot urdu,choti
stories,desi aurat,desi doodh,desi maa,phudi stories,desi mami,doodh
stories,garam bhabhi,garam chudai,nangi stories,pyasi bhabhi,randi
bhabhi,bhai bhabhi,desi bhai,desi lun,gaand choot,garam aunty,aunty ke
sath,bhabhi chod,desi larki,desi mummy,gaand stories,apni
stories,bhabhi maa,choti bhabhi,desi chachi,desi choda,meri
aunty,randi choot,aunty ke saath,desi biwi,desi sali,randi
stories,chod stories,desi phuddi,pyasi aunty,desi
chod,choti,randi,bahan,indiansexstories,kahani,mujhe,chachi,garam,desipapa,doodhwali,jawani,ladki,pehli,suhagraat,choda,nangi,behan,doodh,gaand,suhaag
raat, aurat,chudi, phudi,larki,pyasi,bahen,saali,chodai,chodo,ke
saath,nangi ladki,behen,desipapa stories,phuddi,desifantasy,teacher
aunty,mami stories,mast aunty,choots,choti choot, garam choot,mari
choot,pakistani choot,pyasi choot,mast choot,saali stories,choot ka
maza,garam stories,,हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा
बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की
कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और
मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर
दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories
,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी
बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी ,kamuk
kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी ,घुसेड दिया
,raj-sharma-stories.blogspot.com ,कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है
,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला
,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास
बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग
,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स
,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ
मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन
,kamuk-kahaniyan.blogspot.com ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल
,कहानियाँ हिन्दी ,चूत ,जीजू ,kamuk kahaniyan ,स्कूल में मस्ती ,रसीले
होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो
,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी
,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे
लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों
के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி
,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा
,hindisexistori.blogspot.com ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी
,چوت ,

--

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator