Wednesday, March 9, 2011

Hindi sexi stories- मुंबई से भूसावल तक--4

मुंबई से भूसावल तक--4

गतान्क से आगे.......
"आ उम्म आ उम्म ओह्ह चाचा उम्म, मेरी मा मेरी जैसी सुन्दर है चाचा, तुम
उसको भी चोद लेना उम्म आहह. वह बड़ी सेक्सी है और मुझे अच्च्छा लगेगा अगर
आपने उसे चोदा तो. अफ चाचा चोद्ते रहो मुझे, मुझे बहुत मज़ा आ रहा है. "
अब दोनों रिलॅक्स होके चुदाई का मज़ा ले रहे थे. सुरभि को अपनी पह'ली
चुदाई का सही मज़ा दे रहा था परेश और उसे खुशी थी कि इस कमसिन अनचुदी चूत
को उसने खोला था. बराबर धक्के मारते वह बोला,

"तेरी मा तेरे जैसी सुंदर है तो उसे ज़रूर चोदुन्गा, मुझे तो नयी-नयी चूत
चोदने का बड़ा शौक है. तेरी मा को तेरे जैसे चोद्के खूब मस्ती दूँगा मैं.
मज़ा आ रहा है ना छिनाल? देख लिया ना तूने मेरा लंड चूत मैं? क्यों घबरा
रही थी छिनाल? चल मस्ती से चुद'वा रंडी. " सुरभि नीचे हाथ डालके अपनी चूत
मैं घुसते निकालते परेश का लंड महसूस करते बोलती है,

"आहह अफ चाचा, मज़ा आ रहा है आप'के मोटे लंड से. बहुत दर्द दिया पह'ले पर
अब उसे ज़्यादा मज़ा दे रहा है आपका लंड. चाचा आप मेरी मा को घर मैं आके
चोद लेना, वह दिन भर घर मैं रहती है. जैसा आपने मुझे पटाया वैसे ही मा को
पटाओ. उम्म ओह्ह चाचा और चोदो मुझे मेरी चूत को ज़ोर्से चोद्ते रहो. "
सुरभि बेचारी को पता भी नहीं था कि वह इस मर्द को उसकी मा को चोदने बुला
रही थी मतलब क्या कर रही थी. इस कच्ची उमर मैं अच्छे बुरे का ख़याल भी
नहीं था उसे. उसको यह भी पता नहीं था कि कोई भी शादी शुदा औरत क़िस्सी
गैर मर्द के साथ चुदति नहीं. परेश सुरभि की इस मासूमियत को समझ गया और इस
बात पे खुश होते उसकी पीठ चूमते बोला,

"तू मेरी सबसे अच्छि रांड़ है, साली मदरचोड़ तू तेरी मा को मुझसे चुदवाने
तैयार हुई. सुरभि तेरे जैसी रांड़ हो तो मज़ा आएगा. मैं ज़रूर तेरी मा को
चोदुन्गा तेरे घर आके मेरी छिनाल. तू जो इतना मस्त है तो तेरी मा भी मस्त
होगी. मुझे पता है इतने मोटे लंड से पह'ली चुदाई करते वक़्त दर्द होता है
पर जान अब तो तुझे भी मज़ा आ रहा है ना? चूत मैं लंड लेने के बाद अच्च्छा
लग रहा है ना? सुरभि अब झड़ने के बाद तेरी गान्ड मारूँगा छिनाल. तुझे
मेरी ख़ास्स रंडी बनाउन्गा, तुझे बहुत पैसे दूँगा और तेरे जिस्म से खूब
खेलूँगा. " परेश सुरभि के स्तन बेरहमी से नोचते, निपल खींचते चोद रहा था.
वह सुरभि को जितना ज़्यादा दर्द दे रहा था उतनी ही सुरभि ज़्यादा गर्म
होके सिसकारिया भरते चुदवा रही थी. सुरभि आहे भरते दिल खोलके चुड़वाते
बोली,

"परेश चाचा उम्म बहुत अच्च्छा लग रहा है. मेरी मा को भी ज़रूर चोदना आप.
उस'के लिए मैं खुद आपको मेरे घर ले चलूंगी. उम्म बहुत अच्च्छा लग रहा है
और चोदो मुझे उम्म. चाचा मुझे लगता है कुच्छ निकलने वाला है मेरी चूत से.
लगता है मैं फिर मूतनेवाली हूँ चाचा. " परेश समझा कि सुरभि अब झऱ्ने वाली
है.

वह सुरभि को कस्के पकड़ कर और ज़ोर्से उसे चोदने लगा. अब सुरभि की गीली
चूत की चुदाई से फकच्छ-फकच्छ की आवाज़ आ रही थी. सुरभि बड़ी ज़ोर्से आहे
और सिसकारिया भर रही थी. परेश भी उसका जिस्म नोचते, मसल्ते चोद रहा था.
वह भी अब झरनेवाला था. सुरभि की चूत फुल गयी थी उसकी हालत परेश के मोटे
लंड ने बहुत खराब कर दी थी. पर इतना होने के बाद भी सुरभि जी भरके चुद'वा
रही थी. जब सुरभि की चूत ने पानी छोड़ तो वह सिहर गयी और अपना जिस्म
जकड़ते बोली,

"आहह चाचा देखो मेरा मूत निकला. मुझे अजीब लग रहा है चाचा. मुझे कस्के
पाकड़ो चाचा, बड़ा अच्च्छा लग रहा है, उम्म आहह चाचा. " जैसे सुरभि की
चूत ने पानी छोड़ा परेश भी सुरभि की चूत मैं आख़िरी धक्को की बरसात करते
बोला,

"मेरी रंडी जान, तूने अभी पेशाब नहीं किया, अब तेरी चूत ने पह'ली चुदाई
का पानी छोड़ा है. तुझे चोद्के मेरा लॉडा भी झऱ्ने वाला है. मदरचोड़
रंडी, तेरी चूत की पह'ली चुदाई का पानी तेरी चूत मैं ही डालूँगा आह यह ले
छीन्नाल, मादीर्रकचोड़ड़ काँमस्सिईन्न रांन्दड़ ले मीर्रा पान्नी. "
सुरभि की कमसिन चूत मैं परेश का लंड आँखरी बार टाइट होके जैसे झऱ्ने लगता
है, परेश सुरभि को कस्के पकड़के स्तन दबाता है. लंड के धक्के चूत मैं
देके वह अपना पानी सुरभि की चूत मैं डालते बोलता है,

"आ ले मीरीई चुट्त मेरी काँमस्सिईन रांन्दड़. मज़्ज़ा आया साल्लीी तुझे
चोद्के सुरभि. ले मेरे लॉड का पानी ले तेरी चूत मैं. " परेश के लंड का
गरम पानी का अहसास सुरभि को अपनी चूत मैं होता है और वह अपने दोनों हाथ
पिछे करके परेश को अपने बदन से और सटाती है. झऱ्ने के बाद थोड़ा समय
दोनों वैसे ही खड़े रहते है. सुरभि का जिस्म प्यार से मसल्ते परेश अपना
लंड सुरभि की चूत से बाहर निकालता है. उस'के लंड पे सुरभि की कमसिन चूत
के पानी के साथ ज़रा सा खून भी लगा है.

जब दोनों की साँसे नॉर्मल होती है, परेश ने सुरभि की चड्डी से पह'ले
प्यार से सुरभि की चूत सॉफ करके फिर अपना लंड सॉफ किया. चड्डी साइड मैं
रख कर वह फिर कमोड पे बैठ्के नंगी सुरभि को अपने गोद मैं बैठाता है.
सुरभि अब शर्मा रही थी. हवस की प्यास बुझने के बाद उसे अब इस अंजान मर्द
के साम'ने नंगी रहने में कैसा तो लग रहा था. उस'ने नीचे पड़ी कमीज़ उठाके
अपने सीने पे रखी. परेश उसकी बात समझा और प्यार से सुरभि को चूमते बोला,

"बोल सुरभि, अच्च्छा लगा ना मुझसे चुदवा के और मेरी रंडी बनके तुझे
छिनाल? बोल मेरी रांड़ बनके कैसा लग रहा है?" और ज़्यादा शरमाते सुरभि
बोली,

"ऊऊम्म चाचा बहुत अच्च्छा लग रहा है इतना मज़ा कभी नहीं मिला. " सुरभि की
बात सुनके परेश उसे बाँहों मैं भरके प्यार से 1-2 बार चुमके ज़रा आराम
करने लगता है.

ट्रेन अपनी रफ़्तार से चल रही थी. रात का वक़्त था, इसलिए बुगी मैं सब
शांत था. सब पॅसेंजर्स जहाँ थे और जिस हाल मैं थे या तो सो रहे थे या
सोने की कोशिश कर रहे थे. ट्रेन की इस रफ़्तार मैं बुगी के टाय्लेट मैं
एक हवस का तूफान आके गया इसका क़िस्सी को पता भी नहीं था. ज़िंदगी मैं
पह'ली बार अपनी चूत मैं लंड लेके सुरभि ने अपना कुवरापान समाप्त किया था.
लेट्रीन के फ्लोर पे वह अपने नंगे जिस्म पे सिर्फ़ कमीज़ ऊढाके परेश की
जाँघ पे सिर रखके लेटी थी. चुदाई के बाद की थकान अब ज़रा कम हुई थी.

परेश हल्के-हल्के सुरभि की पीठ सह'लाके उस'से बातें करने लगा. सुरभि की
नंगी पीठ को परेश का नंगा लंड महसूस होता है. पह'ली चुदाई के बाद सुरभि
भी फ्री हुई थी, उसे अब शरम नहीं महसूस हो रही थी. वह भी परेश से सॅट'के
बैठ्के उसकी नंगी टाँगें सह'लाने लगी. परेश सुरभि को कस्के अपने बदन से
सट उसके स्तन हौले-हौले मसल्ने लगता है. काली झांतों से भरी सुरभि की चूत
सह'लाके दूसरे हाथ से उसके स्तन मसल्ते परेश बोला,

"यह बता बेटी तुझे चुदाई का मज़ा आया. " सुरभि आधी टर्न होते परेश के
सीने पे सिर रखते बोली,

"हां चाचा, बहुत मज़ा आया आपके साथ. इतना मज़ा कभी नहीं मिला था मुझे. "
सुरभि के निपल्स हल्के से मसल्ते परेश बोला,

"सुरभि तेरे घर मैं कौन है और?"

"मैं, डॅडी और मम्मी है घर मे. मैं अकेली औलाद हूँ और कोई नहीं है चाचा. "

"बेटी तेरे मा बाप क्या करते हैं?"

"डॅडी सॉफ्टवेर इंजिनियर है और मम्मी हाउसवाइफ है, घर मैं ही रहती है.
डॅडी को टूर पे जाना पड़ता है महीने मैं 8-10 दिन, इसलिए मम्मी कोई जॉब
नहीं करती. "

"ओह अच्च्छा, सुरभि, अभी जब तुझे चोद रहा था तब तू बोली की तेरी मा को भी
चोदू, क्या सच्च मैं तू चाहती है कि मैं तेरी मा को चोदू?तू यह भी बोली
की तेरी मा मस्त सेक्सी औरत है, सुरभि मुझे तेरी मा जैसी औरतो को चोदने
मैं बड़ा मज़ा आता है. वह एक्सपीरियेन्स्ड औरत है इसलिए और ही मस्ती से
चुड़वति होगी. " सुरभि अब शर्मा गयी. चुदाई के जोश मे वह कुच्छ भी बोली
होगी पर अब वह चुप थी. परेश ने 2-3 बार उसके जिस्म को मसल्ते यह बात पुछि
तो वह बोली,

"चाचा वह मैं गर्मी मे कुच्छ भी बोल गयी पर मेरा वैसा कुच्छ मतलब नहीं
था. अब वह अगर आपसे मिलके कुच्छ करना चाहे तो मैं कुच्छ बोल नहीं सकती.
यह बात सच्च है कि वह अच्छि दिखती है और हमेशा अच्छे कपड़े पहनती है पर
वह यह सब करेगी यह मुझे नहीं पता. " परेश सोचने लगा कि अगर वह सुरभि की
मा को चोदना चाहता है तो सुरभि को ही पटाना पड़ेगा. सुरभि को इतना गर्म
करना होगा कि वह उसे पूरी मदद करे अपनी मा को परेश के नीचे सुलाने में.
परेश ने नंगी सुरभि को अपनी जाँघ पे बैठाते अपना लंड उसके हाथ मे देते
कहा,

"सुरभि बेटी अब यह जो मेरा लंड तू सह'ला रही है वैसे लंड के लिए कोई भी
औरत अपनी टाँग फैलाती है. तेरी यह अच्छि किस्मत है कि तेरी पह'ली चुदाई
ऐसे तगड़े लॉड से हुई. मुझे यकीन है कि भले तेरी मा तेरे बाप से आज तक
चुदी है लेकिन मेरा यह लॉडा देखके उसका मन ज़रूर होगा मेरे लंड से
चुद'वाने में. बेटी, क्या तू नहीं चाहती कि जिस लॉड ने तुझे इतना मज़ा
दिया वह तेरी मा चूसे और उसे अपनी चूत में ले?क्या तू नहीं चाहती कि मैं
इस लंड से तेरी मा को भी चोद्के उसे भी खूब मस्ती दूँ?क्या तुझे नहीं
लगता कि मेरा लंड देखके तेरी मा की चूत भी गीली नहीं होगी. क्या तू नहीं
चाहती कि तेरी मस्त मा को नंगी करके, उसके जिस्म से खेलते, उसके स्तन
मसल्ते, चूमते और चूस्के मैं तेरी मा से मेरा लंड चूस्वाके पह'ले उसकी
चूत और फिर गान्ड मारु?" इस बात का सुरभि के कमसिन दिल पे बहुत असर हुआ.
वह सोचने लगी की इस लंड से अगर उसकी मा चुद'वाने लगी तो उसे कितना मज़ा
मिलेगा.

वैसे उसे यह सोचके शर्म भी आ रही थी कि परेश चाचा उसकी मा के बारे मैं
इतना गंदा ओपन्ली उसे बोल रहे थे. लेकिन पह'ली बार लंड लेने के बाद सुरभि
अच्छे-बुरे के बारे मैं सोचना जैसे भूल गयी थी. अभी भी चाचा का लंड
सह'लाते सह'लाते उसकी चूत गर्म होने लगी. परेश सुरभि के मन मैं चल रही
खलबली को समझा और उसे और बेकरार करने के लिए अब उसकी चूत और मम्मो से
मस्ती करने लगा. धीरे-धीरे सुरभि का जिस्म फिर गर्म होने लगा. वह परेश के
लंड को सह'लाते बोली,

"चाचा मुझे कुच्छ समझ मैं नहीं आता कि क्या करू. मैं तो अब चाहती हूँ कि
आप मा के साथ यह सब करो पर डरती हूँ की कहीं मा ने बखेरा खड़ा कर दिया या
कोई गड़बड़ होगी तो क्या होगा. मैं तो चाहती हूँ कि आपने जो कहा वह आप
करो मा के साथ पर मैं इसमे आपकी क्या मदद करू?" बात बनती देख परेश सुरभि
के निपल्स चूस्ते बोला,

"तुझे मेरी मदद कैसे करनी है वह मैं बताउन्गा तुझे रानी, तू यह बता तेरी
मा का हर्दिन मूड कैसा होता है. "

"जब डॅडी टूर पे जाते हैं तो मा गुम्सूम रहती है और जब डॅडी आ जाते हैं
तो बड़ी खुश होती है. वह वैसे तो सुबह जल्दी उठ जाती है लेकिन डॅडी के
टूर से आने के बाद के 2-3 दिन आराम से उठ'ती है. "

"ओह मतलब, तेरा बाप टूर से आने के बाद 2-3 रात तेरी मा को खूब चोद्ता
होगा. इस बात से यह तो समझा कि तेरी मा अभी भी चुदवाती है तेरे बाप से.
यह बता सुरभि बेटी, तेरा बाप अब कहाँ है? घर पे है या टूर पे गया है?"

"चाचा डॅडी तो 3 दिन पह'ले टूर पे गये हैं, अगर वह होते तो मुझे लेने
आनेवाले थे पर उनको जाना पड़ा इसलिए मैं अकेली आ रही थी. डॅडी अब 4 दिन
के बाद आएँगे. " इस बात पे खुश होते परेश ने जी भरके सुरभि के स्तन
मसल्ते एक निपल चूस्ते कहा,

"वाह यह तो बहुत अच्छि बात है. बेटी अब तू कल घर जाएगी तो तेरी मा से
मेरी बहुत तारीफ कर, मेरी एक'दम अच्छि इमेज बना उनके साम'ने. मा को यह भी
कह'ना कि तेरे पिछे कुच्छ आवारा लड़'के पड़ गये थे और परेश चाचा ने ही
तुझे उन आवारा लड़'कों से बचाया था. मैं कल शाम को तेरे घर आउन्गा, तू
तेरी मा को बोल की तूने मुझे चाय पे बुलाया है. हम दोनों को एक दूसरे से
मिलाने के बाद तू कोई बहाना करके घर से निकल जाना तो फिर मैं तेरी मा को
पटाउंगा. तू साम'ने रहेगी तो तेरी मा को पटा नहीं सकूँगा. तू जब जाएगी तो
1-2 घंटे वापस मत आना जिससे उसे मैं आराम से पटा सकु. इतनी मदद को करेगी
ना मेरी बेटी? बेटी तू इतनी मदद तो करेगी ना तेरे परेश चाचा की जिससे वह
तेरी मा को भी इस लॉड से चोद सके?" सुरभि अब फिर गर्म हो रही थी. परेश ने
फिर से इस कमसिन लड़'की को बहकाया था. वह परेश को चूमते हुए बोली,

"हां चाचा मैं ज़रूर आपकी मदद करूँगी. मैं भी अब चाहती हूँ कि आप मा को
इस लंड से वैसे ही मज़ा दो जो आपने मुझे दिया है. आपने जैसा बोला मैं
वैसा करके आप'को पूरी मदद दूँगी जिससे आप मा को पटा सके. " सुरभि की
रज़ामंदी से खुश होके परेश ने सुरभि को उठाके कमोड पे बैठाया. फिर उसकी
टांगे खोलके उस'की नंगी चूत सह'लाते 2-3 बार चूमा. फिर उंगलियो से सुरभि
की चूत खोलके परेश ने उसकी चूत चाट्के जीभ उसकी चूत मैं डाल दी. सुरभि की
ज़िंदगी मैं पह'ली बार कोई उसकी चूत चाट रहा था. सुरभि ने परेश का सिर
पकड़के कहा,
"चाचा यह क्या कर रहे हैं आप? मुझे बहुत गुदगुदी हो रही थी चाटने से. "
चूत मैं जीभ घुसाके अच्छे से उसे चाट्के परेश बोला,

"बेटी तूने मेरा लंड चूसा था, अब मैं तेरी यह चूत चाटूंगा. तेरी इस कमसिन
चूत को मैं जीभ से चोद्के तेरा पानी पीना चाहता हूँ मेरी बेटी. " सुरभि
की कमर को पकड़के अपने मुँह पे दबाते परेश चूत चाटने लगा. सुरभि ने भी
उसका सिर अपनी चुतपे दबाते, उसके बालो में हाथ घुमाना शुरू किया. वह
सिसकारिया भरते अपनी छूट चाट्वाने लगी. वह एक हाथ से अपने स्तन मसल रही
थी और दूसरे हाथ से परेश का सिर चूत पे दबा रही थी. परेश आज ही उसे चुदाई
मैं माहिर बना देना चाहता था. 10-15 मिनिट चूत चाटने के बाद जब सुरभि
झऱ्ने लगी तो उसने परेश का सिर अपनी टाँगो मैं दबाते अपने स्तन मसल्ते
पानी छोड़ा. इस कमसिन चूत का पानी परेश बड़ी खुशी-खुशी चाटने लगा. पूरा
पानी चाटने के बाद भी वह सुरभि की चूत चाट ही रहा था. फिर परेश ने सुरभि
को नीचे सुलाके एक बार उसकी चूत को फिर चोदा. पह'ली बार सुरभि कुतिया
बनके चुदी थी और दूसरी बात एक औरत बनके.

पूरी रात भर परेश ने सुरभि को सोने नहीं दिया. सुरभि के जिस्म से खेलते
अपना लंड उस'से सहल'वाके और चूस्वाके वह सुरभि का मज़ा ले रहा था. सुरभि
भी बेशरम होके परेश की हर बात मान रही थी. सुबह तक परेश ने 3 बार सुरभि
को चोदा. जब स्टेशन आने का समय हुआ तो परेश सुरभि को कपड़े पहननेको बोला.
टाय्लेट की ज़मीन पे पड़ी सलवार कमीज़ की हालत तो एक'दम खराब हो गई थी.
यह देखके सुरभि ने सूटकेस से दूसरी सलवार कमीज़ निकालके पहनी और अपना
हुलिया ठीक किया. जैसे स्टेशन आया परेश ने टाय्लेट का डोर खोला और जल्दी
से सुरभि को लेके ट्रेन से उतर गया. कल के प्रोग्राम की अच्छी तरह से
सेटिंग करने के बाद, सुरभि से उसके घर का अड्रेस लेके परेश ने उसे एक
रिक्कशे मैं बैठाया और खुद अपने रास्ते निकल गया. परेश ने सुरभि की मा को
कैसे चोदा ये कहानी फिर कभी आपका दोस्त राज शर्मा

समाप्त

Mumbai se Bhusaaval Tak--4

gataank se aage.......
"aah umm ahh umm ohh Chaachaa umm, meri maa meri jaisee sunder hai
Chacha, tum usko bhi chod lena umm ahh. wah badi sexy hai aur mujhe
achchha lagega agar aapne use choda to. Uff Chacha chodte raho mujhe,
mujhe bahut maza aa raha hai. " Ab donon relax hoke chudai ka maza le
rahe the. Surbhi ko apni pah'lee chudai ka sahi maza de raha tha
Paresh aur use khushi thi ki is kamsin unchudi choot ko usne khola
tha. Barabar dhakke maarte wah bola,

"Teri maa tere jaisee sundar hai to use zaroor chodunga, mujhe to
nayee-nayee choot chodne ka bada shouk hai. Teri maa ko tere jaise
chodke khoob masti dunga main. maza aa raha hai na chhinaal? Dekh liya
na tune mera lunD choot main? kyon ghabra rahi thi chhinaal? Chal
masti se chud'wa randi. " Surbhi niche haath Daalke apni choot main
ghuste nikalte Paresh ka lunD mehsus karte bolti hai,

"Ahh uff Chacha, maza aa raha hai aap'ke mote lunD se. Bahut dard diya
pah'le par ab use jyada maza de raha hai aapka lunD. Chacha aap meri
maa ko ghar main aake chod lena, wah din bhar ghar main rahti hai.
Jaisa aapne mujhe paTaya waise hi maa ko paTao. Umm ohh Chacha aur
chodo mujhe meri choot ko zorse chodte raho. " Surbhi bechari ko pata
bhi naheen tha ki wah is mard ko uski maa ko chodne bula rahi thi
matlab kya kar rahi thi. Is kacchi umar main achchhe bure ka khayal
bhi naheen tha use. usako yah bhi pata naheen tha ki koi bhi shadi
shuda aurat kissi gair mard ke saath chudati naheen. Paresh Surbhi ki
is masumiyat ko samajh gaya aur is baat pe khush hote uski peeth
chumte bola,

"Tu meri sabse achchhi raand hai, saali maderchod tu teri maa ko
mujhse chudwane taiyaar hui. Surbhi tere jaisee raand ho to maza
aayega. main zaroor teri maa ko chodunga tere ghar aake meri chhinaal.
Tu jo itna mast hai to teri maa bhi mast hogi. Mujhe pata hai itne
mote lunD se pah'li chudai karte waqt dard hota hai par jaan ab to
tujhe bhi maza aa raha hai na? choot main lunD lene ke baad achchha
lag raha hai na? Surbhi ab jhadne ke baad teri gaanD maarunga
chhinaal. Tujhe meri khass randi banaunga, tujhe bahut paise dunga aur
tere jism se khoob khelunga. " Paresh Surbhi ke stan berahmi se
nochte, nipple kheenchte chod raha tha. wah Surbhi ko jitna jyada dard
de raha tha utni hi Surbhi jyada garm hoke siskariya bharte chudwa
rahi thi. Surbhi aahe bharte dil kholke chudwaate boli,

"Paresh Chacha umm bahut achchha lag raha hai. Meri maa ko bhi jarur
chodna aap. us'ke liye main khud apko mere ghar le chalungi. Umm bahut
achchha lag raha hai aur chodo mujhe umm. Chacha mujhe lagta hai kuchh
nikalne waala hai meri choot se. Lagta hai main phir mutnewali hoon
Chacha. " Paresh samjha ki Surbhi ab jhaRnewali hai.

wah Surbhi ko kaske pakad kar aur zorse use chodne laga. Ab Surbhi ki
gilee choot ki chudai se facchh-facchh ki aawaaz aa rahi thi. Surbhi
badi zorse aahe aur siskariya bhar rahi thi. Paresh bhi uska jism
nochte, masalte chod raha tha. wah bhi ab jhaRnewala tha. Surbhi ki
choot full gayee thi uski halat Paresh ke mote lunD ne bahut kharab
kar di thi. Par itna hone ke baad bhi Surbhi jee bharke chud'wa rahi
thi. Jab Surbhi ki choot ne paani chhoRa to wah sihar gayee aur apna
jism jakadte boli,

"Ahh Chaacchaa dekho mera moot nikla. Mujhe ajeebb lag raha hai
Chacha. Mujhe kaske pakdo Chacha, bada achchha lag raha hai, umm ahh
Chaacha. " Jaise Surbhi ki choot ne paani chhoRa Paresh bhi Surbhi ki
choot main aankhri dhakko ki barsaat karte bola,

"Meri randi jaan, tune abhi peshaab naheen ki, ab teri choot ne
pah'lee chudai ka paani chhoRa hai. Tujhe chodke mera lauda bhi jhaRne
waala hai. Maderchod randi, teri choot ki pah'lee chudaai ka paanee
teri choot main hi Daalunga aah yehh lee chhiinnaal, maadeerrcchodd
kaammssiinn raanndd le meerraa paannii. " Surbhi ki kamsin choot main
Paresh ka lunD aankhri baar tight hoke jaise jhaRne lagta hai, Paresh
Surbhi ko kaske pakadke stan dabata hai. lunD ke dhakke choot main
deke wah apna paani Surbhi ki choot main Daalte bolta hai,

"aah le meerii chutt merii kaammssiin raanndd. Mazzaa aayaa saallii
tujhe chodke Surbhi. Le mere laude ka paanee le teri choot main. "
Paresh ke lunD ka garam paani ka ahsaas Surbhi ko apni choot main hota
hai aur wah apne donon haath pichhe karke Paresh ko apne badan se aur
satati hai. jhaRne ke baad thoda samay donon waise hi khade rahte hai.
Surbhi ka jism pyar se masalte Paresh apna lunD Surbhi ki choot se
baahar nikaalta hai. us'ke lunD pe Surbhi ki kamsin choot ke paanee ke
saath zara sa khoon bhi laga hai.

Jab donon ki saanse normal hoti hai, Paresh ne Surbhi ki chaddi se
pah'le pyar se Surbhi ki choot saaf karke phir apna lunD saaf kiya.
chaddi side main rakh kar wah phir commode pe baiThke nangi Surbhi ko
apne god main baiThata hai. Surbhi ab sharma rahee thi. Hawas ki pyas
bujhne ke baad use ab is anjaan mard ke saam'ne nangi rahne men kaisa
to lag raha tha. us'ne niche padi kameez uThake apne sine pe rakhi.
Paresh uski baat samjha aur pyar se Surbhi ko chumte bola,

"Bol Surbhi, achchha laga na mujhse chudwake aur meri randi banke
tujhe chhinaal? Bol meri raand banke kaisa lag raha hai?" Aur jyada
sharmate Surbhi boli,

"UUmm chacha bahut achchha lag raha hai itna maja kabhi naheen mila. "
Surbhi ki baat sunke Paresh use baanhon main bharke pyaar se 1-2 baar
chumke zara aaraam karne lagata hai.

Train apni raftar se chal rahi thi. Raat ka waqt tha, isliye bogie
main sab shant tha. Sab passengers jahan the aur jis haal main the ya
to so rahe the ya sone ki koshish kar rahe the. Train ki is raftar
main bogie ke toilet main ek hawas ka toofan aake gaya iska kissi ko
pata bhi naheen tha. Zindagi main pah'lee baar apni choot main lunD
leke Surbhi ne apna kuwarapaan samapt kiya tha. Latrine ke floor pe
wah apne nange jism pe sirf kameez oodhke Paresh ki jaangh pe sir
rakhke leti thi. Chudai ke baad ki thakan ab zara kam hui thi.

Paresh halke-halke Surbhi ki peeTh sah'lake us'se baaten karne laga.
Surbhi ki nangi peeTh ko Paresh ka nanga lunD mehsus hota hai. pah'lee
chudaai ke baad Surbhi bhi free hui thi, use ab sharam naheen mehsus
ho rahi thi. Yah mast kahaanee aap yahoo groups; deshiromance men paDh
rahe hain. wah bhi Paresh se saT'ke baiThke uski nangi Taangen
sah'laane lagi. Paresh Surbhi ko kaske apne badan se saTa uske stan
haule-haule masalne lagta hai. Kaalee jhaanTon se bhari Surbhi ki
choot sah'lake dusre haath se uske stan masalte Paresh bola,

"yah bata beTee tujhe chudai ka maza aaya. " Surbhi aadhi turn hote
Paresh ke sine pe sir rakhte boli,

"Haan Chacha, bahut maza aaya aapke saath. Itna maza kabhi naheen mila
tha mujhe. " Surbhi ke nipples halke se masalte Paresh bola,

"Surbhi tere ghar main kaun hai aur?"

"main, daddy aur mummy hai ghar main. main akeli aulad hoon aur koi
naheen hai Chacha. "

"beTee tere maa baap kya karte hain?"

"Daddy software engineer hai aur mummy housewife hai, ghar main hi
rahti hai. Daddy ko tour pe jana padta hai mahine main 8-10 din,
isliye mummy koi job naheen karti. "

"Oh achchha, Surbhi, abhi jab tujhe chod raha tha tab tu boli ki teri
maa ko bhi chodoon, kya sachch main tu chahati hai ki main teri maa ko
chodoon?Tu yah bhi boli ki teri maa mast sexy aurat hai, Surbhi mujhe
teri maa jaisee aurato ko chodne main bada maza aata hai. wah
experienced aurat hai isliye aur hi masti se chudwati hogi. " Surbhi
ab sharma gayee. Chudai ke josh main wah kuchh bhi boli hogi par ab
wah chup thi. Paresh ne 2-3 baar uske jism ko masalte yah baat puchhi
to wah boli,

"Chacha wah main garmi main kuchh bhi bol gayee par mera waisa kuchh
matlab naheen tha. Ab wah agar aapse milke kuchh karna chaahe to main
kuchh bol naheen sakti. yah baat sachch hai ki wah achchhi dikhti hai
aur hamesha achchhe kapde pahanti hai par wah yah sab karegi yah mujhe
naheen pata. " Paresh sochne laga ki agar wah Surbhi ki maa ko chodna
chahata hai to Surbhi ko hi paTaana padega. Surbhi ko itna garm karna
hoga ki wah use poori madad kare apnee maa ko Paresh ke niche sulane
men. Paresh ne nangi Surbhi ko apni jaangh pe baiThate apna lunD uske
haath main dete kaha,

"Surbhi beTee ab yah jo mera lunD tu sah'la rahi hai waise lunD ke
liye koi bhi aurat apni Taang failati hai. Teri yah achchhi kismat hai
ki teri pah'li chudai aise tagde laude se hui. Mujhe yakeen hai ki
bhale teri maa tere baap se aaj tak chudi hai lekin mera yah lauda
dekhke uska man zaroor hoga mere lunD se chud'wane men. beTee, kya tu
naheen chahati ki jis laude ne tujhe itna maza diya wah teri maa
choose aur use apni choot men le?Kya tu naheen chahati ki main is lunD
se teri maa ko bhi chodke use bhi khoob masti doon?Kya tujhe naheen
lagta ki mera lunD dekhke teri maa ki choot bhi gilee naheen hogi. Kya
tu naheen chahati ki teri mast maa ko nangi karke, uske jism se
khelte, uske stan masalte, chumte aur chooske main teri maa se mera
lunD chooswake pah'le uski choot aur phir gaanD maaru?" Is baat ka
Surbhi ke kamsin dil pe bahut asar hua. wah sochne lagi ki is lunD se
agar uski maa chud'wane lagi to use kitna maza milega.

Waise use yah sochke sharm bhi aa rahee thi ki Paresh Chacha uskee maa
ke baare main itna gaanda openly use bol rahe the. Lekin pah'lee baar
lunD lene ke baad Surbhi achchhe-bure ke baare main sochna jaise bhool
gayee thi. Abhi bhi Chacha ka lunD sah'laate sah'laate uski choot garm
hone lagi. Paresh Surbhi ke man main chal rahi khalbali ko samjha aur
use aur bekarar karne ke liye ab uski choot aur mammo se masti karne
laga. Dhire-dhire Surbhi ka jism phir garm hone laga. wah Paresh ke
lunD ko sah'laate boli,

"Chacha mujhe kuchh samajh main naheen aata ki kya karu. main to ab
chahati hoon ki aap maa ke saath yah sab karo par Darti hoon ki kaheen
maa ne bakheRa khaRa kar diya ya koi gadbad hogi to kya hoga. main to
chahati hoon ki aapne jo kaha wah aap karo maa ke saath par main isme
aapki kya madad karu?" Baat banti dekh Paresh Surbhi ke nipples
chooste bola,

"Tujhe meri madad kaise karni hai wah main bataunga tujhe rani, tu yah
bata teri maa ka hardin mood kaisa hota hai. "

"Jab daddy tour pe jate hain to maa gumsoom rahti hai aur jab daddy aa
jate hain to badi khush hoti hai. wah waise to subah jaldi uTh jaatee
hai lekin daddy tour se aaneke baad ke 2-3 din aaraam se uTh'tee hai.
"

"Oh matlab, tera baap tour se aane ke baad 2-3 raat teri maa ko khoob
chodta hoga. Is baat se yah to samjha ki teri maa abhi bhi chudwati
hai tere baap se. yah bata Surbhi beTee, tera baap ab kahaan hai? Ghar
pe hai ya tour pe gaya hai?"

"Chacha daddy to 3 din pah'le tour pe gaye hain, agar wah hote to
mujhe lene aanewale the par unko jana pada isliye main akeli aa rahi
thi. Daddy ab 4 din ke baad aayenge. " Is baat pe khush hote Paresh ne
jee bharke Surbhi ke stan masalte ek nipple chooste kaha,

"Wah yah to bahut achchhi baat hai. beTee ab tu kal ghar jayegi to
teri maa se meri bahut tarif kar, meri ek'dam achchhi image bana unke
saam'ne. Maa ko yah bhee kah'na ki tere pichhe kuchh aawaara laR'ke
paR gaye the aur Paresh chaacha ne hee tujhe un aawaara laR'kon se
bachaaya tha. main kal shaam ko tere ghar aaunga, tu teri maa ko bol
ki tune mujhe chaay pe bulaya hai. ham donon ko ek dusre se milaane ke
baad tu koi bahaana karke ghar se nikal jaa to phir main teri maa ko
paTaunga. Tu saam'ne rahegi to teri maa ko paTa naheen sakunga. Tu jab
jayegi to 1-2 ghante wapas mat aa jisse use main aaraam se paTa saku.
Itni madad ko karegi na meri beTee? beTee tu itni madad to karegi na
tere Paresh Chacha ki jisse wah teri maa ko bhi is laude se chod
sake?" Surbhi ab phir garm ho rahee thi. Paresh ne phir se is kamsin
laR'ki ko behkaya tha. wah Paresh ko chumte kahee,

"Haan Chacha main zaroor aapki madad karungi. main bhi ab chahati hoon
ki aap maa ko is lunD se waise hi maza do jo aapne mujhe diya hai.
aapne jaisa bola main waisa karke aap'ko poori madad dungi jisse aap
maa ko paTa sake. " Surbhi ki razamandi se khush hoke Paresh ne Surbhi
ko uThake commode pe baiThaaya. Phir uskee Taange kholke us'kee nangi
choot sah'laate 2-3 baar chuma. Phir ungliyo se Surbhi ki choot kholke
Paresh ne uski choot chaaTke jeebh uski choot main daal di. Surbhi ki
zindagi main pah'lee baar koi uski choot chaaT raha tha. Surbhi ne
Paresh ka sir pakadke kaha,
"Chacha yah kya kar rahe hain aap? Mujhe bahut gudgudi ho rahi thi
chaaTne se. " choot main jeebh ghuske achchhe se use chaaTke Paresh
bola,

"beTee tune mera lunD choosa tha, ab main teri yah choot chaaTunga.
Teri is kamsin choot ko main jeebh se chodke tera paanee pina chahata
hoon meri beTee. " Surbhi ki kamar ko pakadke apne munh pe dabate
Paresh choot chaaTne laga. Surbhi ne bhi uska sir apni chutpe dabate,
uske baalo men haath ghuamana shuru kiya. wah siskariya bharte apni
choot chaaTwaane lagi. Wah ek haath se apne stan masal rahee thee aur
dusre haath se Paresh ka sir choot pe daba rahee thee. Paresh aaj hi
use chudai main mahir bana dena chahata tha. 10-15 minit choot chaaTne
ke baad jab Surbhi jhaRne lagi to usne Paresh ka sir apni Taango main
dabate apne stan masalte paani chhoRa. Is kamsin choot ka paanee
Paresh badi khushi-khushi chaaTne laga. Poora paanee chaaTne ke baad
bhi wah Surbhi ki choot chaaT hi raha tha. Phir Paresh ne Surbhi ko
niche sulaake ek baar uski choot ko phir choda. pah'lee baar Surbhi
kuttiya banke chudi thi aur dusri baat ek aurat banke.

Poori raat bhar Paresh ne Surbhi ko sone naheen diya. Surbhi ke jism
se khelte apna lunD us'se sahal'waake aur chooswake wah Surbhi ka maza
le raha tha. Surbhi bhi besharam hoke Paresh ki har baat maan rahi
thi. Subah tak Paresh ne 3 baar Surbhi ko choda. Jab station aane ka
samay hua to Paresh Surbhi ko kapde pahanne bola. Toilet ki zameen pe
padi salwar kameez ki haalat to ek'dam kharab ho gai thi. yah dekhke
Surbhi ne suitcase se dusri salwar kameez nikaalke pahanee aur apna
huliya Theek kiya. Jaise station aaya Paresh ne toilet ka door khola
aur jaldi se Surbhi ko leke train se utar gaya. Kal ke program ki
achchhee tarah se seetting karne ke baad, Surbhi se uske ghar ka
address leke Paresh ne use ek rickshaw main baiThaya aur khud apne
raaste nikal gaya.

samaapt


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