FUN-MAZA-MASTI
प्यार की खुजली-5
?आप कितनी सीधी और सरल हैं.? कहते हुए रमेश ने अपनी दोनो बाहें उसकी पीठ
पर रख दी. उसके उत्तेजित लंड की गर्मी ने कमला को बहाल कर दिया था. लेकिन
उसने अपने आप को रोका.? चलो अब मैं खाना बना लूँ? कहते हुए उसने खुद को
छुड़ाया और ब्लाउस पहेन्ने लगी.
?आप अभी भी कितनी जवान लगती हैं? रमेश उसके मम्मे घूरते हुए बोला. ?आप
मेरी इतनी तरीफ्फ मत करो वरना नीता परेशान हो जाएगी? मुस्कुराते हुए कमला
ने अपना ब्लाउस खींचा और बटन लगाए.
?नीता को क्या प्राब्लम होगी इस से? आप तो उसकी मा हैं? कहते हुए रमेश
फिर उसकी कमर पे हाथ रख कर खड़ा हो गया. कमला खुश हो गई रमेश की उत्तेजना
देख कर. ?आप नही समझेंगे एक औरत को.? कहते हुए उसने खुद को अलग किया और
सारी पहेन्ने लगी. जब वो सारी अपने पेटिकोट मे डालती तो पेटिकोट नीचे
खिसकता और रमेश तरसता उसका जिस्म देखने को.
कमला हैरान थी कि रमेश कितनी बेशर्मी से उसके शरीर को घूर रहा था?.
?चलिए अब पिक्चर ख़तम हो गई? इठलाते हुए कमला ने उसकी तरफ देखा और किचन
मे चली गई. ?पिक्चर ख़तम हो गई?...? ये सुन कर रमेश सोच मे पड़ गया??
कमला की मुस्कुराहट से रमेश परेशान हो गया. हर थोड़ी देर मे किचन मे जाता
और किसी बहाने उसके कूल्हे का स्पर्श ले लेता. कमला भी मुस्कुरकर उसके
स्पर्श का जवाब देती. ?आप बैठो, मैं खाना लगाती हूँ? कहकर कमला ने उससे
बाहर भेजा.
जब कमला खाना परोसने आई तब रमेश के लंड के छक्के छूट गये. कमला ने अपना
पेटिकोट बहुत नीचे खींच लिया था. शायद अपनी चूत की फाँक से आधा इंच ही
उपर.
अपनी सारी उसने इस तरह अपने कंधे पर डाल दी थी की उसके दोनो मम्मे उसके
टाइट ब्लाउस मे से सॉफ दिख रहे थे.
उसके ब्लाउस और पेटिकोट के बीच से उसकी कोमल त्वचा चमक रही थी. रमेश का
लंड उबलने लगा?
?चलो पिक्चर शुरू? कहते हुए कमला उसे खाना परोसने लगी. जब वो झुकती तो
उसके लटकते हुए मम्मे देख कर रमेश पसीने पसीने हो जाता. कमला भी बार बार
अपने मम्मे देखती और फिर रमेश की तरफ. रमेश तो ये भूल ही गया था कि कमला
उससे देख रही होगी. वो तो कमला के शरीर के हर अंग को बेशर्मी से घूर रहा
था.
?साथ खाते हैं? कहकर रमेश ने उसका हाथ पकड़ लिया.?ठीक है? कहते हुए कमला
उसकी पास वाली कुर्सी पर बैठ गई. रमेश ने पहले से ही कुर्सी खींच कर अपनी
कुर्सी से सटा ली थी.
अब कमला और रमेश की जांघें चिपकी हुई थी और दोनो खाना खाने लगे. रमेश ने
अपना बाया हाथ उसकी कमर पे रख दिया. कमला मुस्कुराते हुए बोली ?नीता को
भी ऐसे ही पकड़ कर खाते हो क्या आप??. रमेश ने अपना हाथ उपर किया और उसके
बूबे पे उंगलियों से दबाव डाल दिया और बोला ?नही लेकिन आपके साथ ऐसे ही
अच्च्छा लगता है. कल की बात याद है ना??. ?बहुत शरारती हो आप. मैं तो
समझी आप सीधे हो? कहते हुए कमला ने अपने शरीर को थोड़ा अड्जस्ट किया ताकि
रमेश की उंगलियाँ उसके मम्मे को ठीक से सहला सके.
रमेश के हाथ मे जैसे ही उसका मम्मा आया उसने दबाव बढ़ा दिया ?मैं दिखता
हूँ उतना सीधा भी नही.? कहते हुए उसने एक नीवाला कमला के मुँह मे डाल
दिया.
?पागल हो !? कहते हुए कमला मुस्कुरा दी और खाना खाने लगी. रमेश उसका बूब
पकड़े रहा और ख़ाता रहा. जब खाना हो गया तो रमेश ने उसकी जाँघ पे हाथ रख
दिया. उसकी उंगलियाँ उसकी जांघों के बीच मे थी. कमला उत्तेजित हो गई.
?बच्चे आते होंगे? कह कर वो खड़ी हुई.
अब रमेश की हिम्मत बढ़ चुकी थी. उसने उसके कुल्हों पर हथेली रखी और
बोला?जब आएँगे तब आएँगे, आप तो बैठो ना.? अपनी गांद पर रमेश के हाथ का
दबाव पा कर कमला का शरीर कांप उठा.
उसने मूड कर अपने हाथों मे उसका चेहरा ले लिया और अपनी नाभि के पास खींच
कर बोली?आप हाथ धो लो फिर हम साथ पिक्चर बनाएँगे? रमेश ने अपने होंठ उसकी
नाभि से चिपका दिए पर कमला रुकी नही और किचन मे चली गई.
आओ ना मा? कहते हुए रमेश ने कमला को बुलाया. कमला आई और अपनी सारी उतारने
लगी?बड़ी गर्मी है?. रमेश का लंड टाइट हो गया उसका टाइट पेटिकोट देख कर.
पेटिकोट चूत से शायद ही कुच्छ उपर था. पूरा नंगा पेट और छ्होटे से ब्लाउस
मे से उभरे हुए उसके बूबे देख कर रमेश का मुँह खुला ही रह गया. वो उतनी
ही बेशर्मी से उसके यौवन को निहार रहा था जितनी बेशर्मी से कमला अपनी
सारी उतार कर किचन मे गई.
रमेश किचन मे उसके पिछे गया. वो सींक पे खड़ी बर्तन धो रही थी. उसकी उभरी
हुई गांद मे सिमटी हुई पॅंटी उसके पेटिकोट से छ्लक रही थी. उसका नंगी पीठ
जैसे रमेश को इन्वाइट कर रही थी.
?आप मेरे साथ पिक्चर कब बनाओगी? काम से फ़ुर्सत कहाँ है आपको?? कहते हुए
रमेश ने उसके पेट पे हाथ फेरा और उसकी गांद पे अपना लंड चिपका दिया.
?थोडा सब्र करो, सब्र का फल मीठा होता है? कहते हुए कमला थोड़ा झुकी
बर्तन धोने का बहाना करते हुए और उसके लंड पे अपनी गांद का दबाव बढ़ा
दिया.
रमेश वासना की आग मे जल रहा था. कमला की ये हरकत देख कर उसका सब्र का
बाँध टूट गया. उसका एक हाथ सीधा उसके पेटिकोट के अंदर उसकी चूत पे चला
गया और दूसरा पंजा उसके मम्मे पर. जो हाथ उसके पेटिकोट मे गया था उसकी
उंगलियों को सीधा उसकी चूत की फाँक का स्पर्श मिला और एक उंगली फाँक मे
चली गई.
?ये किधर हाथ डाल दिया? कहते हुए कमला ने उसका हाथ खींचा. रमेश डर गया और
अपना हाथ बाहर निकाल लिया. अब उसने अपना हाथ उसकी नाभि और पेटिकोट के बीच
सहलाना शुरू कर दिया. दूसरा हाथ अभी भी उसके मम्मे दबा रहा था ?उपर के
लिए तो आपको कोई ऑब्जेक्षन नही है ना? कहते हुए रमेश उसकी गर्दन पे किस
करने लगा.
रमेश के गीले होठों का स्पर्श गर्दन पर पड़ते ही कमला सिहर गई. रमेश उसके
मम्मे दबा दबा कर उसकी गर्दन चूमने लगा. कमला ने काम बंद कर दिया और सींक
पकड़ कर खड़ी हो गई. सिर्फ़ अपनी गांद पिछे करके खड़ी रही. उसने रमेश पे
सब छ्चोड़ दिया.
धीरे धीरे रमेश का हाथ उसकी जाँघ पर आ गया और पेटिकोट के उपर से उसकी
फूली हुई चूत को मसल्ने लगा. ?अब बस भी करो ना.? कहते हुए कमला ने उसके
हाथों पर अपने हाथ रख दिए.
?आप जैसी कोमल और कामुक मा पा कर तो कोई भी बेटा बेकाबू हो जाएगा? कहते
हुए रमेश उसके टाइट ब्लाउस मे हाथ घुसाने लगा. उसकी निपल का स्पर्श पाते
ही रमेश अपना लंड उसकी गांद पे चोदने की मुद्रा मे हिलने लगा. कमला उसका
साथ देती रही. उसकी भी पॅंटी गीली हो चुकी थी. कुछ देर के आक्रमण के बाद
रमेश के लंड से पानी छूट गया और निढाल होकर वो उसके शारीर से लिपट गया.
तभी घंटी बजी. ?आप किस्मेट वाले हो. पिक्चर के एंड मे ये लोग आए? कहते
हुए कमला मूड गई. ?अभी तो ट्रेलर था. पिक्चर बाकी है.? कहते हुए रमेश ने
उसके होंठ चूम लिए और उसकी चूत को अपने पंजों मे पकड़ कर दबा दिया. ?जाओ
दरवाज़ा खोलो. मैं कपड़े पेहेन्ति हूँ.? कहते हुए कमला अपने कपड़े लेकर
चली गई.
उधर जीतू और नीता ने रास्ते भर मे एक दूसरे की अनगिनत पप्पियाँ ली और
जीतू ने हर उस जगह पर नीता को दबाया जहाँ दबा सकता था. नीता पूरी गरम हो
गई थी जीतू के इस बर्ताव से.
जीतू खाना खा कर बाहर चला गया. कमला घर मे झाड़ू लगाने लगी. रमेश नहा कर
टवल लप्पेट कर बाहर आकर बैठ गया और उसके लटकते आम देख कर अपना लंड पकड़
रहा था. कमला ने नोटीस किया रमेश का हाल और उससे तड़पाने के लिए अपना
पल्लू पूरा खिसका दिया.
कमला ने जब रमेश को अपना लंड दबाते हुए देखा तो उसकी गर्मी भी बढ़ गई.
उसने मुस्कुराते हुए अपना पेटिकोट अपनी जाँघ के उपर खींच लिया और बैठ कर
झाड़ू लगाने लगी. अब रमेश उसकी टाँगों और वक्ष को देख रहा था और तड़प रहा
था. कमला भी उसके कड़क लंड को देख कर अंदर दहक रही थी.
?मैं नहा कर आती हूँ? कहते हुए नीता अपने कमरे मे चली गई. जैसे ही नीता
बाथरूम मे गई रमेश कमला के सामने खड़ा हो गया. कमला घुटनों के बल बैठी थी
और झाड़ू लगा रही थी. रमेश ने उसका सर पकड़ा और अपने तने हुए लॉड से उसका
मुँह चिपका दिया.अपने आप को छुड़ाने की कोशिश मे रमेश का टवल नीचे गिर गया. उसकी फ्रेंचिए
मे से उसका कड़क गरम लंड देख कर कमला निढाल हो गई. वो आक्टिंग कर रही थी
छुड़ाने की पर अपने होंठ उसके लंड से हटा नही पा रही थी.
उसके हाथ रमेश की पॅंटी मे चले गये और उसकी गांद पकड़ ली. अपनी गांद पर
उसके कोमल पंजों का स्पर्श होते ही रमेश और उत्तेजित हो गया. उसने कमला
का मुँह और दबाया अपने लंड पे.
कमला किसी तरह बोली ?रूको ना? और धीरे से उसके लंड पे अपने होंठ रख दिए.
अंडरवेर के उपर से ही उसके लंड को वो अपने दातों से हल्के हल्के काटने
लगी. रमेश तो जैसे स्वर्ग भोग रहा था. काफ़ी देर तक कमला उसके लंड को
चूमती रही और रमेश मज़े लेता रहा.
जब वो उत्तेजना की चरम सीमा पर पहुँचने वाला था उसने अपना लंड बाहर खींच
लिया. कमला ने अपना सर उपर उठाए बिना उसके लंड को पकड़ लिया और उसकी लाल
टोपी को चूम लिया.
तभी बाथरूम खुलने की आवाज़ आई. कमला ने झट उसका टवल उठाया और बाहर निकले
उसके लंड को पकड़ा और अपने रूम की तरफ खींच कर ले गई. रमेश पालतू कुत्ते
की तरह चल दिया. अंदर पहुँच कर कमला ने उसका लंड चूसना शुरू कर दिया.
तभी नीता के कमरे से आवाज़ आई ?रमेश !? और कमला ने उसके लंड को छ्चोड़
दिया. रमेश ने टवल लपेटा और नीता के पास भागा.
अंदर नीता को देख कर तो रमेश का लंड और पागला गया. नीता पेटिकोट पहेन कर
शीशे के सामने खड़ी थी और उसकी ब्रा उसके वक्ष पर लटक रही थी. हुक्स
लगाने के लिए उसने रमेश को बुलाया था.
रमेश ने दरवाज़ा बंद किया और सीधा जाकर अपना खड़ा लंड उसकी गांद पे चिपका
दिया. नीता उसके कड़क लंड का दबाव मिलते ही गरमा गई. ?आप तो पूरी तैयारी
मे हैं? कहते हुए नीता ने अपनी ब्रा उतार दी.
रमेश ने झट अपना टवल निकाला और अंडरवेर उतार दी. नीता का पेटिकोट उपर
उठाया और उसे झुका दिया. नीता को पता भी नही चला कब रमेश का डंडा उसके
बिल मे घुस गया और उसकी फुददी को फाड़ने लगा. आज तो रमेश जैसे हवस की आग
मे पागल हो गया था.
नीता के गांद के छेद को देख कर उसकी आग और बढ़ गई. उसने छेद मे उंगली डाल
दी. नीता को तो ऐसे ही मज़ा आता था. कुच्छ ना बोली. मन ही मन खुश हुई
रमेश के इस नये अंदाज़ से.
अचानक रमेश ने अपना लंड बाहर निकाल लिया. ?क्या हुआ?? कहते हुए नीता ने
शीशे मे उसे देखा. ?यहाँ डाल रहा हूँ.? कहते हुए रमेश मुस्कुरा दिया.
नीता ने एक शरारती मुस्कान दी और बोली ?मैं तो पूरी आपकी हूँ. जो करना है
करो??.
रमेश ने कोशिश की पर डाल ना पाया. नीता समझ गई. उसने सामने रखी वॅसलीन की
शीशी उठाई और मूड कर उसके लंड पे प्यार से लगाने लगी. ?अब मेरे छेद मे भी
लगा दो और घुसा दो.? मुस्कुराते हुए नीता उल्टी हो गई.
रमेश ने उसके च्छेद के आसपास और तोड़ा अंदर लगाया और अपना लंड डाल दिया.
किसी तरह वो अंदर घुस गया और रमेश का लंड उसके छ्होटे छेद के दबाव से और
कड़क और उत्तेजित हो गया.
फिर रमेश ने उसकी जो गांद मारी नीता बहाल हो गई. पहली बार किसी लंड को
गांद मे डलवाया था. अब उसे समझ आया उंगली मे और लंड मे क्या फरक है?
उधर कमला की चूत प्यासी रह गई थी. उसने अपने कपड़े उतारे और नंगी हो कर
बिस्तर पर लेट गई और उंगली डाल कर खुद को शांत किया.
दोपहर को आराम करने के बाद नीता पड़ोस मे अपनी सहेली से मिलने चली गई.
रमेश दरवाज़ा बंद करके सीधा कमला के कमरे मे घुसा.
कमला बेडशीट ओढ़ कर लेटी हुई थी. ?मुझे पता था आप सीधा यहाँ आएँगे? कहते
हुए कमला मुस्कुराइ. ?क्यों ऐसा क्यूँ लगा आप को?? कहते हुए रमेश ने अपने
कपड़े उतार दिए और उसके पास बिस्तर पे बैठ गया. चदडार जिस तरह कमला के
शरीर से चिपकी हुई थी रमेश को डाउट आया कि कमला नीचे नंगी है. उसका लंड
ये सोच कर ही डोलने लगा.
आप भी जानते हैं और मैं भी. आप तो मेरे जमाई हैं वरना अंदर भी नही आने
देती.? कहते हुए कमला मुस्कुराइ. रमेश धीरे से उसके पास लेट गया. ?कितना
अंदर नही आने देती?? कहते हुए अपने दाहिने पंजे से उसके गाल सहलाने लगा
और राइट हाथ से अपनी अंडरवेर उतार कर फेंक दी.
?पूरा? और ऐसे ही वो मुस्कुराती रही. रमेश का हाथ अब उसकी गर्दन से होता
हुआ उसके वक्ष पे आ गया. वो समझ गया उसकी सास नंगी है. उसने उसका निपल
पकड़ लिया और दबा दिया. तभी कमला का ध्यान गया की रमेश पूरा नंगा हो
चुक्का था.
?उ? ऐसे मत दबाओ. ये कोई काटने की चीज़ नही है और आप तो पूरे नंगे हो
गये?. ये सुनते ही रमेश बोला?पता है ये चूसने की चीज़ है? और उसका पूरा
मम्मा पकड़ कर सहलाने लगा. ?सब जानते हो फिर ऐसी हरकत क्यों करते हो??
कमला उसके पंजों के दबाव के मज़े लेने लगी थी.
आप रोक देती हो हर बार? कहते हुए रमेश ने एक टाँग उसकी टाँग पे रख दी और
उसके होठों को चूमने लगा. ?क्या करूँ, हमारा रिश्ता ही कुच्छ ऐसा है?
कहते हुए कमला
ने उसे चूमना शुरू कर दिया. दोनो एक दूसरे के होंठ गरम करते रहे. दोनो
नंगे थे पर चादर बीच मे थी. रमेश उपर नंगा दिख रहा था और कमला का शरीर
ढका हुआ था.
कमला ज़्यादा गरम थी इस वक़्त. उसने रमेश को धकेला और उसके उपर लेट गई.
अब भी चादर बीच मे थी पर कमला नंगी दिख रही थी और रमेश का शरीर चादर के
नीचे आ गया था.
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प्यार की खुजली-5
?आप कितनी सीधी और सरल हैं.? कहते हुए रमेश ने अपनी दोनो बाहें उसकी पीठ
पर रख दी. उसके उत्तेजित लंड की गर्मी ने कमला को बहाल कर दिया था. लेकिन
उसने अपने आप को रोका.? चलो अब मैं खाना बना लूँ? कहते हुए उसने खुद को
छुड़ाया और ब्लाउस पहेन्ने लगी.
?आप अभी भी कितनी जवान लगती हैं? रमेश उसके मम्मे घूरते हुए बोला. ?आप
मेरी इतनी तरीफ्फ मत करो वरना नीता परेशान हो जाएगी? मुस्कुराते हुए कमला
ने अपना ब्लाउस खींचा और बटन लगाए.
?नीता को क्या प्राब्लम होगी इस से? आप तो उसकी मा हैं? कहते हुए रमेश
फिर उसकी कमर पे हाथ रख कर खड़ा हो गया. कमला खुश हो गई रमेश की उत्तेजना
देख कर. ?आप नही समझेंगे एक औरत को.? कहते हुए उसने खुद को अलग किया और
सारी पहेन्ने लगी. जब वो सारी अपने पेटिकोट मे डालती तो पेटिकोट नीचे
खिसकता और रमेश तरसता उसका जिस्म देखने को.
कमला हैरान थी कि रमेश कितनी बेशर्मी से उसके शरीर को घूर रहा था?.
?चलिए अब पिक्चर ख़तम हो गई? इठलाते हुए कमला ने उसकी तरफ देखा और किचन
मे चली गई. ?पिक्चर ख़तम हो गई?...? ये सुन कर रमेश सोच मे पड़ गया??
कमला की मुस्कुराहट से रमेश परेशान हो गया. हर थोड़ी देर मे किचन मे जाता
और किसी बहाने उसके कूल्हे का स्पर्श ले लेता. कमला भी मुस्कुरकर उसके
स्पर्श का जवाब देती. ?आप बैठो, मैं खाना लगाती हूँ? कहकर कमला ने उससे
बाहर भेजा.
जब कमला खाना परोसने आई तब रमेश के लंड के छक्के छूट गये. कमला ने अपना
पेटिकोट बहुत नीचे खींच लिया था. शायद अपनी चूत की फाँक से आधा इंच ही
उपर.
अपनी सारी उसने इस तरह अपने कंधे पर डाल दी थी की उसके दोनो मम्मे उसके
टाइट ब्लाउस मे से सॉफ दिख रहे थे.
उसके ब्लाउस और पेटिकोट के बीच से उसकी कोमल त्वचा चमक रही थी. रमेश का
लंड उबलने लगा?
?चलो पिक्चर शुरू? कहते हुए कमला उसे खाना परोसने लगी. जब वो झुकती तो
उसके लटकते हुए मम्मे देख कर रमेश पसीने पसीने हो जाता. कमला भी बार बार
अपने मम्मे देखती और फिर रमेश की तरफ. रमेश तो ये भूल ही गया था कि कमला
उससे देख रही होगी. वो तो कमला के शरीर के हर अंग को बेशर्मी से घूर रहा
था.
?साथ खाते हैं? कहकर रमेश ने उसका हाथ पकड़ लिया.?ठीक है? कहते हुए कमला
उसकी पास वाली कुर्सी पर बैठ गई. रमेश ने पहले से ही कुर्सी खींच कर अपनी
कुर्सी से सटा ली थी.
अब कमला और रमेश की जांघें चिपकी हुई थी और दोनो खाना खाने लगे. रमेश ने
अपना बाया हाथ उसकी कमर पे रख दिया. कमला मुस्कुराते हुए बोली ?नीता को
भी ऐसे ही पकड़ कर खाते हो क्या आप??. रमेश ने अपना हाथ उपर किया और उसके
बूबे पे उंगलियों से दबाव डाल दिया और बोला ?नही लेकिन आपके साथ ऐसे ही
अच्च्छा लगता है. कल की बात याद है ना??. ?बहुत शरारती हो आप. मैं तो
समझी आप सीधे हो? कहते हुए कमला ने अपने शरीर को थोड़ा अड्जस्ट किया ताकि
रमेश की उंगलियाँ उसके मम्मे को ठीक से सहला सके.
रमेश के हाथ मे जैसे ही उसका मम्मा आया उसने दबाव बढ़ा दिया ?मैं दिखता
हूँ उतना सीधा भी नही.? कहते हुए उसने एक नीवाला कमला के मुँह मे डाल
दिया.
?पागल हो !? कहते हुए कमला मुस्कुरा दी और खाना खाने लगी. रमेश उसका बूब
पकड़े रहा और ख़ाता रहा. जब खाना हो गया तो रमेश ने उसकी जाँघ पे हाथ रख
दिया. उसकी उंगलियाँ उसकी जांघों के बीच मे थी. कमला उत्तेजित हो गई.
?बच्चे आते होंगे? कह कर वो खड़ी हुई.
अब रमेश की हिम्मत बढ़ चुकी थी. उसने उसके कुल्हों पर हथेली रखी और
बोला?जब आएँगे तब आएँगे, आप तो बैठो ना.? अपनी गांद पर रमेश के हाथ का
दबाव पा कर कमला का शरीर कांप उठा.
उसने मूड कर अपने हाथों मे उसका चेहरा ले लिया और अपनी नाभि के पास खींच
कर बोली?आप हाथ धो लो फिर हम साथ पिक्चर बनाएँगे? रमेश ने अपने होंठ उसकी
नाभि से चिपका दिए पर कमला रुकी नही और किचन मे चली गई.
आओ ना मा? कहते हुए रमेश ने कमला को बुलाया. कमला आई और अपनी सारी उतारने
लगी?बड़ी गर्मी है?. रमेश का लंड टाइट हो गया उसका टाइट पेटिकोट देख कर.
पेटिकोट चूत से शायद ही कुच्छ उपर था. पूरा नंगा पेट और छ्होटे से ब्लाउस
मे से उभरे हुए उसके बूबे देख कर रमेश का मुँह खुला ही रह गया. वो उतनी
ही बेशर्मी से उसके यौवन को निहार रहा था जितनी बेशर्मी से कमला अपनी
सारी उतार कर किचन मे गई.
रमेश किचन मे उसके पिछे गया. वो सींक पे खड़ी बर्तन धो रही थी. उसकी उभरी
हुई गांद मे सिमटी हुई पॅंटी उसके पेटिकोट से छ्लक रही थी. उसका नंगी पीठ
जैसे रमेश को इन्वाइट कर रही थी.
?आप मेरे साथ पिक्चर कब बनाओगी? काम से फ़ुर्सत कहाँ है आपको?? कहते हुए
रमेश ने उसके पेट पे हाथ फेरा और उसकी गांद पे अपना लंड चिपका दिया.
?थोडा सब्र करो, सब्र का फल मीठा होता है? कहते हुए कमला थोड़ा झुकी
बर्तन धोने का बहाना करते हुए और उसके लंड पे अपनी गांद का दबाव बढ़ा
दिया.
रमेश वासना की आग मे जल रहा था. कमला की ये हरकत देख कर उसका सब्र का
बाँध टूट गया. उसका एक हाथ सीधा उसके पेटिकोट के अंदर उसकी चूत पे चला
गया और दूसरा पंजा उसके मम्मे पर. जो हाथ उसके पेटिकोट मे गया था उसकी
उंगलियों को सीधा उसकी चूत की फाँक का स्पर्श मिला और एक उंगली फाँक मे
चली गई.
?ये किधर हाथ डाल दिया? कहते हुए कमला ने उसका हाथ खींचा. रमेश डर गया और
अपना हाथ बाहर निकाल लिया. अब उसने अपना हाथ उसकी नाभि और पेटिकोट के बीच
सहलाना शुरू कर दिया. दूसरा हाथ अभी भी उसके मम्मे दबा रहा था ?उपर के
लिए तो आपको कोई ऑब्जेक्षन नही है ना? कहते हुए रमेश उसकी गर्दन पे किस
करने लगा.
रमेश के गीले होठों का स्पर्श गर्दन पर पड़ते ही कमला सिहर गई. रमेश उसके
मम्मे दबा दबा कर उसकी गर्दन चूमने लगा. कमला ने काम बंद कर दिया और सींक
पकड़ कर खड़ी हो गई. सिर्फ़ अपनी गांद पिछे करके खड़ी रही. उसने रमेश पे
सब छ्चोड़ दिया.
धीरे धीरे रमेश का हाथ उसकी जाँघ पर आ गया और पेटिकोट के उपर से उसकी
फूली हुई चूत को मसल्ने लगा. ?अब बस भी करो ना.? कहते हुए कमला ने उसके
हाथों पर अपने हाथ रख दिए.
?आप जैसी कोमल और कामुक मा पा कर तो कोई भी बेटा बेकाबू हो जाएगा? कहते
हुए रमेश उसके टाइट ब्लाउस मे हाथ घुसाने लगा. उसकी निपल का स्पर्श पाते
ही रमेश अपना लंड उसकी गांद पे चोदने की मुद्रा मे हिलने लगा. कमला उसका
साथ देती रही. उसकी भी पॅंटी गीली हो चुकी थी. कुछ देर के आक्रमण के बाद
रमेश के लंड से पानी छूट गया और निढाल होकर वो उसके शारीर से लिपट गया.
तभी घंटी बजी. ?आप किस्मेट वाले हो. पिक्चर के एंड मे ये लोग आए? कहते
हुए कमला मूड गई. ?अभी तो ट्रेलर था. पिक्चर बाकी है.? कहते हुए रमेश ने
उसके होंठ चूम लिए और उसकी चूत को अपने पंजों मे पकड़ कर दबा दिया. ?जाओ
दरवाज़ा खोलो. मैं कपड़े पेहेन्ति हूँ.? कहते हुए कमला अपने कपड़े लेकर
चली गई.
उधर जीतू और नीता ने रास्ते भर मे एक दूसरे की अनगिनत पप्पियाँ ली और
जीतू ने हर उस जगह पर नीता को दबाया जहाँ दबा सकता था. नीता पूरी गरम हो
गई थी जीतू के इस बर्ताव से.
जीतू खाना खा कर बाहर चला गया. कमला घर मे झाड़ू लगाने लगी. रमेश नहा कर
टवल लप्पेट कर बाहर आकर बैठ गया और उसके लटकते आम देख कर अपना लंड पकड़
रहा था. कमला ने नोटीस किया रमेश का हाल और उससे तड़पाने के लिए अपना
पल्लू पूरा खिसका दिया.
कमला ने जब रमेश को अपना लंड दबाते हुए देखा तो उसकी गर्मी भी बढ़ गई.
उसने मुस्कुराते हुए अपना पेटिकोट अपनी जाँघ के उपर खींच लिया और बैठ कर
झाड़ू लगाने लगी. अब रमेश उसकी टाँगों और वक्ष को देख रहा था और तड़प रहा
था. कमला भी उसके कड़क लंड को देख कर अंदर दहक रही थी.
?मैं नहा कर आती हूँ? कहते हुए नीता अपने कमरे मे चली गई. जैसे ही नीता
बाथरूम मे गई रमेश कमला के सामने खड़ा हो गया. कमला घुटनों के बल बैठी थी
और झाड़ू लगा रही थी. रमेश ने उसका सर पकड़ा और अपने तने हुए लॉड से उसका
मुँह चिपका दिया.अपने आप को छुड़ाने की कोशिश मे रमेश का टवल नीचे गिर गया. उसकी फ्रेंचिए
मे से उसका कड़क गरम लंड देख कर कमला निढाल हो गई. वो आक्टिंग कर रही थी
छुड़ाने की पर अपने होंठ उसके लंड से हटा नही पा रही थी.
उसके हाथ रमेश की पॅंटी मे चले गये और उसकी गांद पकड़ ली. अपनी गांद पर
उसके कोमल पंजों का स्पर्श होते ही रमेश और उत्तेजित हो गया. उसने कमला
का मुँह और दबाया अपने लंड पे.
कमला किसी तरह बोली ?रूको ना? और धीरे से उसके लंड पे अपने होंठ रख दिए.
अंडरवेर के उपर से ही उसके लंड को वो अपने दातों से हल्के हल्के काटने
लगी. रमेश तो जैसे स्वर्ग भोग रहा था. काफ़ी देर तक कमला उसके लंड को
चूमती रही और रमेश मज़े लेता रहा.
जब वो उत्तेजना की चरम सीमा पर पहुँचने वाला था उसने अपना लंड बाहर खींच
लिया. कमला ने अपना सर उपर उठाए बिना उसके लंड को पकड़ लिया और उसकी लाल
टोपी को चूम लिया.
तभी बाथरूम खुलने की आवाज़ आई. कमला ने झट उसका टवल उठाया और बाहर निकले
उसके लंड को पकड़ा और अपने रूम की तरफ खींच कर ले गई. रमेश पालतू कुत्ते
की तरह चल दिया. अंदर पहुँच कर कमला ने उसका लंड चूसना शुरू कर दिया.
तभी नीता के कमरे से आवाज़ आई ?रमेश !? और कमला ने उसके लंड को छ्चोड़
दिया. रमेश ने टवल लपेटा और नीता के पास भागा.
अंदर नीता को देख कर तो रमेश का लंड और पागला गया. नीता पेटिकोट पहेन कर
शीशे के सामने खड़ी थी और उसकी ब्रा उसके वक्ष पर लटक रही थी. हुक्स
लगाने के लिए उसने रमेश को बुलाया था.
रमेश ने दरवाज़ा बंद किया और सीधा जाकर अपना खड़ा लंड उसकी गांद पे चिपका
दिया. नीता उसके कड़क लंड का दबाव मिलते ही गरमा गई. ?आप तो पूरी तैयारी
मे हैं? कहते हुए नीता ने अपनी ब्रा उतार दी.
रमेश ने झट अपना टवल निकाला और अंडरवेर उतार दी. नीता का पेटिकोट उपर
उठाया और उसे झुका दिया. नीता को पता भी नही चला कब रमेश का डंडा उसके
बिल मे घुस गया और उसकी फुददी को फाड़ने लगा. आज तो रमेश जैसे हवस की आग
मे पागल हो गया था.
नीता के गांद के छेद को देख कर उसकी आग और बढ़ गई. उसने छेद मे उंगली डाल
दी. नीता को तो ऐसे ही मज़ा आता था. कुच्छ ना बोली. मन ही मन खुश हुई
रमेश के इस नये अंदाज़ से.
अचानक रमेश ने अपना लंड बाहर निकाल लिया. ?क्या हुआ?? कहते हुए नीता ने
शीशे मे उसे देखा. ?यहाँ डाल रहा हूँ.? कहते हुए रमेश मुस्कुरा दिया.
नीता ने एक शरारती मुस्कान दी और बोली ?मैं तो पूरी आपकी हूँ. जो करना है
करो??.
रमेश ने कोशिश की पर डाल ना पाया. नीता समझ गई. उसने सामने रखी वॅसलीन की
शीशी उठाई और मूड कर उसके लंड पे प्यार से लगाने लगी. ?अब मेरे छेद मे भी
लगा दो और घुसा दो.? मुस्कुराते हुए नीता उल्टी हो गई.
रमेश ने उसके च्छेद के आसपास और तोड़ा अंदर लगाया और अपना लंड डाल दिया.
किसी तरह वो अंदर घुस गया और रमेश का लंड उसके छ्होटे छेद के दबाव से और
कड़क और उत्तेजित हो गया.
फिर रमेश ने उसकी जो गांद मारी नीता बहाल हो गई. पहली बार किसी लंड को
गांद मे डलवाया था. अब उसे समझ आया उंगली मे और लंड मे क्या फरक है?
उधर कमला की चूत प्यासी रह गई थी. उसने अपने कपड़े उतारे और नंगी हो कर
बिस्तर पर लेट गई और उंगली डाल कर खुद को शांत किया.
दोपहर को आराम करने के बाद नीता पड़ोस मे अपनी सहेली से मिलने चली गई.
रमेश दरवाज़ा बंद करके सीधा कमला के कमरे मे घुसा.
कमला बेडशीट ओढ़ कर लेटी हुई थी. ?मुझे पता था आप सीधा यहाँ आएँगे? कहते
हुए कमला मुस्कुराइ. ?क्यों ऐसा क्यूँ लगा आप को?? कहते हुए रमेश ने अपने
कपड़े उतार दिए और उसके पास बिस्तर पे बैठ गया. चदडार जिस तरह कमला के
शरीर से चिपकी हुई थी रमेश को डाउट आया कि कमला नीचे नंगी है. उसका लंड
ये सोच कर ही डोलने लगा.
आप भी जानते हैं और मैं भी. आप तो मेरे जमाई हैं वरना अंदर भी नही आने
देती.? कहते हुए कमला मुस्कुराइ. रमेश धीरे से उसके पास लेट गया. ?कितना
अंदर नही आने देती?? कहते हुए अपने दाहिने पंजे से उसके गाल सहलाने लगा
और राइट हाथ से अपनी अंडरवेर उतार कर फेंक दी.
?पूरा? और ऐसे ही वो मुस्कुराती रही. रमेश का हाथ अब उसकी गर्दन से होता
हुआ उसके वक्ष पे आ गया. वो समझ गया उसकी सास नंगी है. उसने उसका निपल
पकड़ लिया और दबा दिया. तभी कमला का ध्यान गया की रमेश पूरा नंगा हो
चुक्का था.
?उ? ऐसे मत दबाओ. ये कोई काटने की चीज़ नही है और आप तो पूरे नंगे हो
गये?. ये सुनते ही रमेश बोला?पता है ये चूसने की चीज़ है? और उसका पूरा
मम्मा पकड़ कर सहलाने लगा. ?सब जानते हो फिर ऐसी हरकत क्यों करते हो??
कमला उसके पंजों के दबाव के मज़े लेने लगी थी.
आप रोक देती हो हर बार? कहते हुए रमेश ने एक टाँग उसकी टाँग पे रख दी और
उसके होठों को चूमने लगा. ?क्या करूँ, हमारा रिश्ता ही कुच्छ ऐसा है?
कहते हुए कमला
ने उसे चूमना शुरू कर दिया. दोनो एक दूसरे के होंठ गरम करते रहे. दोनो
नंगे थे पर चादर बीच मे थी. रमेश उपर नंगा दिख रहा था और कमला का शरीर
ढका हुआ था.
कमला ज़्यादा गरम थी इस वक़्त. उसने रमेश को धकेला और उसके उपर लेट गई.
अब भी चादर बीच मे थी पर कमला नंगी दिख रही थी और रमेश का शरीर चादर के
नीचे आ गया था.
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