FUN-MAZA-MASTI
मिनी की कहानी पार्ट-2
गतान्क से आगे.................
राजू ने फिर से अपना लंड सीमी की चूत में घुसाना शुरू कर दिया. सीमी फिर से
चिल्लाने लगी. राजू का लंड अब तक सीमी की चूत में 5" तक घुस चुका था. राजू
बहुत ज़्यादा जोश में आ चुका था. उसने सीमी के चिल्लाने की कोई परवाह नहीं
की. उसने सीमी के दोनो पैरो को उसके कंधे के पास सटा दिया तो सीमी की चूत एक
दम उपर उठ गयी. उसने पूरी ताक़त लगाते हुए एक जोरदार धक्का लगा दिया तो
उसका लंड सीमी की चूत में 8" तक घुस गया. अब केवल 1" बाकी रह गया था.
उसने अपना पूरा लंड सीमी की चूत से बाहर खीचा और एक बहुत ही जोरदार धक्का
मारा. राजू का पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया. सीमी की चूत से
थोडा खून भी निकल आया था.
सीमी दर्द के मारे तड़पने लगी और उसकी टाँगें थर थर काँपने लगी. उसका
सारा बदन पसीने से नहा गया. इधर जोश के मारे मेरी चूत भी एक दम गीली
हो चुकी थी. राजू ने पूरा लंड सीमी की चूत में डालने के बाद ज़ोर ज़ोर से
धक्के लगाने शुरू कर दिए थे. सीमी अभी भी बहुत चिल्ला रही थी. 15-20
धक्कों के बाद जब सीमी की चूत कुच्छ ढीली हो गयी तो उसकी चीख कम हो
गयी. अब उसे भी कुच्छ कुच्छ मज़ा आने लगा था. राजू सीमी की चुदाई कर रहा
था और सीमी हिचकोले खा रही थी.
मैं सीमी की बगल में बैठी उसकी चुदाई देख रही थी. राजू धक्के लगता जा
रहा था. 5 मीं बाद सीमी ने मुझे ज़ोर से पकड़ लिया मैं समझ गयी की वो
झड़ने वाली है. उसके मूह से आवाज़ निकली दिदीईई... ..... मैं........
गइई..... ..... और वो झड़ने लगी. झड़ने के बाद जब सीमी की चूत गीली हो
गयी तो राजू का लंड आसानी से अंदर बाहर होने लगा. सीमी के झड़ने से राजू और
ज़्यादा जोश में आ गया. वो अब सीमी की बहुत ही तेज़ी के साथ चुदाई कर रहा
था. मुझे भी बहुत ज़्यादा जोश आ चुका था. मैने अपनी उंगली अपनी चूत के
अंदर डाल ली और अंदर बाहर करने लगी. राजू बड़े ध्यान से मुझे अपनी चूत के
अंदर उंगली डाल कर अंदर बाहर करता हुआ देख रहा था. उसने मेरे होठों को
चूम लिया. थोड़ी ही देर बाद मैं भी झाड़ गयी.
10 मीं और चुदवाने के बाद सीमी ने राजू को ज़ोर से अपनी बाहों में जाकड़ लिया
और उसके होठों को चूमने लगी. तभी सीमी फिर से झाड़ गयी. राजू अभी भी
सीमी को चोदे जा रहा था. उसकी साँसें बहुत तेज़ चल रही थी. उसका सारा
बदन पसीने से नहा चुका था लेकिन उसके स्पीड में कोई कमी नहीं आई थी.
सीमी ने भी अपना चूतड़ उठा उठा कर राजू का साथ देना शुरू कर दिया था.
15 मीं बाद राजू की स्पीड और तेज हो गयी तो मैं समझ गयी कि वो भी अब
झड़ने वाला है. उसने बहुत ही तेज तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए. सीमी भी
राजू को कस कर पकड़े हुए थी और उसके होठों को चूम रही थी. तभी राजू के
मूह ऊहह...... ... आहह...... .. की आवाज़ निकलने लगी और वो झड़ने लगा.
सीमी भी उसके साथ ही साथ फिर से झाड़ गयी. लंड का पूरा पानी निकल जाने के
बाद राजू ने अपना लंड सीमी की चूत से बाहर निकाला तो मैं अपने आप को रोक
नहीं पाई. मैने राजू का लंड पकड़ लिया और चाटने लगी. मैने राजू के लंड को
चॅट चट कर सॉफ कर दिया. मैने राजू से पूछा मज़ा आया. वो बोला हां
भाभी बहुत मज़ा आया.
थोड़ी देर तक आराम करने के बाद मैने राजू का लंड चाटना शुरू कर दिया.
जैसे ही राजू का लंड खड़ा होने लगा तो मैं सीमी की बगल में लेट गयी और
राजू से कहा अब तुम मेरी चूत भी चॅटो. वो मेरी चूत चाटने लगा. मैने उसका
लंड अपने मूह में ले लिया और चूसने लगी. मैं तो पहले ही झाड़ चुकी थी.
राजू से थोड़ी देर तक चूत चटवाने के बाद मैं फिर से झाड़ गयी तो राजू मेरी
चूत का पानी चाटने लगा. मैं उसका लंड चूस्ति रही.
10 मीं में ही राजू का लंड फिर से लोहे जैसा हो गया तो मैने कहा चलो अब
इसे मेरी भी चूत में पूरा डाल दो और खूब ज़ोर ज़ोर से मेरी चुदाई करो. मैं
भी सीमी की तरह खूब चिल्लाउन्गि लेकिन तुम रुकना मत. पूरा का पूरा लंड मेरी
चूत में घुसेड देना. राजू ने मेरी चूत की लिप्स को फैला कर अपने लंड का
सूपड़ा बीच में रख दिया और मेरी टाँगो को अपने कंधे पर रख लिया. उसके
लंड का सूपड़ा अपनी चूत पर महसूस करते ही मेरे सारे बदन में बिजली सी
दौड़ गयी. मेरे सारे बदन में सनसनी सी होने लगी. मैं आज पहली बार अपने
देवर के खूब मोटे और लंबे लंड से चुदवाने जा रही थी. जोश के मारे में
अपना चूतड़ उपर उठा दिया. जैसे ही मैने अपना चूतड़ उपर उठाया तो राजू ने एक
जोरदार धक्का मार दिया. मैं दर्द से चिल्ला उठी. इतना तेज धक्का तो उसने सीमी
की चुदाई करते समय नहीं लगाया था. उसका आधा लंड एक झटके से मेरी चूत
में घुस गया. लग रहा था कि किसी ने मेरी चूत में गरम गरम लोहा घुसेड
दिया हो. मेरी चूत से खून निकलने लगा. मैं दर्द से तड़पने लगी.
मैं अभी सँभाल भी नहीं पाई थी कि उसने एक बहुत ही जोरदार धक्का और लगा
दिया. मैं बहुत ज़ोर से चिल्लाई और दर्द के मारे तड़पने लगी. मेरे चेहरे पर
पसीना आ गया. मेरे आँसू निकल पड़े. राजू ने कहा आप तो रो रही हैं. मैने
कहा ये खुशी के आँसू हैं. तुम अपना बाकी का लंड भी मेरी चूत में डाल दो.
उसने फिर से एक जोरदार धक्का लगाया तो उसका पूरा लंड मेरी चूत में घुस
गया. मैं उसके दोनो बॉल्स अपनी चूत पर महसूस कर रही थी. दर्द के मारे मेरी
टाँगें थर थर कांप रही थी. मेरा सारा बदन पसीने से नहा गया था.
मैने राजू से कहा अब तुम मुझे इस दर्द से च्छुतकारा दिलाओ. वो बोला मैं कैसे
इस दर्द से आपको च्छुतकारा दिला सकता हूँ. मैने कहा अब तुम बहुत तेज़ी के
साथ ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाओ. थोड़ी देर में जब मेरी चूत कुच्छ ढीली हो
जाएगी तो मेरा दर्द कम हो जाएगा. राजू ने ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने शुरू कर
दिए. मैं दर्द से तड़पति रही.
20-25 धक्कों के बाद जब मेरी चूत कुच्छ ढीली हो गयी तो मेरा दर्द कम हो
गया. अब मुझे भी मज़ा आने लगा था. मैं इतने ज़्यादा जोश में थी कि जैसे ही
राजू ने 8-10 धक्के और लगाए तो मैं झाड़ गयी. अब मेरी चूत गीली हो गयी थी
और राजू का लंड अब मेरी चूत में आसानी से अंदर बाहर होने लगा था. राजू
बहुत तेज़ी के साथ मेरी चुदाई कर रहा था. सीमी मेरे बगल में बैठ कर
मुझे चुदवाते हुए देख रही थी. उसे फिर से जोश आने लगा था और वो अपनी
चूत में उंगली डाल कर अंदर बाहर कर रही थी. सीमी जोश के मारे एक हाथ से
मेरे बूब्स को मसल रही थी.
राजू बहुत तेज़ी से धक्के लगाता हुआ मेरी चुदाई कर रहा था. वो एक बार सीमी
को चोद चुका था इस लिए इस बार जल्दी झाड़ नहीं रहा था. उसने मुझे लगभग
50-55 मीं तक चोदा और फिर मेरी चूत में ही झाड़ गया. इस दौरान मैं भी 4
बार झाड़ चुकी थी. मुझे राजू से चुदवाने में बहुत मज़ा आया. ऐसा मज़ा
मुझे आज तक कभी नहीं मिला था. जब उसने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला
तो मैं उसका लंड चाटने लगी. मैने उसका लंड चाट चाट कर एक दम सॉफ कर
दिया.
मोहन के वापस आने तक मैने और सीमी ने राजू से तरह तरह के स्टाइल में
खूब चुदवाया. राजू को भी हम दोनो को चोदने में बहुत मज़ा आया. वो मेरी और
सीमी की चूत का दीवाना हो चुका था. कुच्छ दिन बाद सीमी चली गयी. मैं आज
भी जब मोहन ऑफीस चले जाते हैं तो राजू से मैं रोज ही एक बार ज़रूर
चुड़वाती हूँ तो दोस्तो कैसी लगी मिनी और सीमी की मस्त चुदाई आपका दोस्त
राज शर्मा
समाप्त
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मिनी की कहानी पार्ट-2
गतान्क से आगे.................
राजू ने फिर से अपना लंड सीमी की चूत में घुसाना शुरू कर दिया. सीमी फिर से
चिल्लाने लगी. राजू का लंड अब तक सीमी की चूत में 5" तक घुस चुका था. राजू
बहुत ज़्यादा जोश में आ चुका था. उसने सीमी के चिल्लाने की कोई परवाह नहीं
की. उसने सीमी के दोनो पैरो को उसके कंधे के पास सटा दिया तो सीमी की चूत एक
दम उपर उठ गयी. उसने पूरी ताक़त लगाते हुए एक जोरदार धक्का लगा दिया तो
उसका लंड सीमी की चूत में 8" तक घुस गया. अब केवल 1" बाकी रह गया था.
उसने अपना पूरा लंड सीमी की चूत से बाहर खीचा और एक बहुत ही जोरदार धक्का
मारा. राजू का पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया. सीमी की चूत से
थोडा खून भी निकल आया था.
सीमी दर्द के मारे तड़पने लगी और उसकी टाँगें थर थर काँपने लगी. उसका
सारा बदन पसीने से नहा गया. इधर जोश के मारे मेरी चूत भी एक दम गीली
हो चुकी थी. राजू ने पूरा लंड सीमी की चूत में डालने के बाद ज़ोर ज़ोर से
धक्के लगाने शुरू कर दिए थे. सीमी अभी भी बहुत चिल्ला रही थी. 15-20
धक्कों के बाद जब सीमी की चूत कुच्छ ढीली हो गयी तो उसकी चीख कम हो
गयी. अब उसे भी कुच्छ कुच्छ मज़ा आने लगा था. राजू सीमी की चुदाई कर रहा
था और सीमी हिचकोले खा रही थी.
मैं सीमी की बगल में बैठी उसकी चुदाई देख रही थी. राजू धक्के लगता जा
रहा था. 5 मीं बाद सीमी ने मुझे ज़ोर से पकड़ लिया मैं समझ गयी की वो
झड़ने वाली है. उसके मूह से आवाज़ निकली दिदीईई... ..... मैं........
गइई..... ..... और वो झड़ने लगी. झड़ने के बाद जब सीमी की चूत गीली हो
गयी तो राजू का लंड आसानी से अंदर बाहर होने लगा. सीमी के झड़ने से राजू और
ज़्यादा जोश में आ गया. वो अब सीमी की बहुत ही तेज़ी के साथ चुदाई कर रहा
था. मुझे भी बहुत ज़्यादा जोश आ चुका था. मैने अपनी उंगली अपनी चूत के
अंदर डाल ली और अंदर बाहर करने लगी. राजू बड़े ध्यान से मुझे अपनी चूत के
अंदर उंगली डाल कर अंदर बाहर करता हुआ देख रहा था. उसने मेरे होठों को
चूम लिया. थोड़ी ही देर बाद मैं भी झाड़ गयी.
10 मीं और चुदवाने के बाद सीमी ने राजू को ज़ोर से अपनी बाहों में जाकड़ लिया
और उसके होठों को चूमने लगी. तभी सीमी फिर से झाड़ गयी. राजू अभी भी
सीमी को चोदे जा रहा था. उसकी साँसें बहुत तेज़ चल रही थी. उसका सारा
बदन पसीने से नहा चुका था लेकिन उसके स्पीड में कोई कमी नहीं आई थी.
सीमी ने भी अपना चूतड़ उठा उठा कर राजू का साथ देना शुरू कर दिया था.
15 मीं बाद राजू की स्पीड और तेज हो गयी तो मैं समझ गयी कि वो भी अब
झड़ने वाला है. उसने बहुत ही तेज तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए. सीमी भी
राजू को कस कर पकड़े हुए थी और उसके होठों को चूम रही थी. तभी राजू के
मूह ऊहह...... ... आहह...... .. की आवाज़ निकलने लगी और वो झड़ने लगा.
सीमी भी उसके साथ ही साथ फिर से झाड़ गयी. लंड का पूरा पानी निकल जाने के
बाद राजू ने अपना लंड सीमी की चूत से बाहर निकाला तो मैं अपने आप को रोक
नहीं पाई. मैने राजू का लंड पकड़ लिया और चाटने लगी. मैने राजू के लंड को
चॅट चट कर सॉफ कर दिया. मैने राजू से पूछा मज़ा आया. वो बोला हां
भाभी बहुत मज़ा आया.
थोड़ी देर तक आराम करने के बाद मैने राजू का लंड चाटना शुरू कर दिया.
जैसे ही राजू का लंड खड़ा होने लगा तो मैं सीमी की बगल में लेट गयी और
राजू से कहा अब तुम मेरी चूत भी चॅटो. वो मेरी चूत चाटने लगा. मैने उसका
लंड अपने मूह में ले लिया और चूसने लगी. मैं तो पहले ही झाड़ चुकी थी.
राजू से थोड़ी देर तक चूत चटवाने के बाद मैं फिर से झाड़ गयी तो राजू मेरी
चूत का पानी चाटने लगा. मैं उसका लंड चूस्ति रही.
10 मीं में ही राजू का लंड फिर से लोहे जैसा हो गया तो मैने कहा चलो अब
इसे मेरी भी चूत में पूरा डाल दो और खूब ज़ोर ज़ोर से मेरी चुदाई करो. मैं
भी सीमी की तरह खूब चिल्लाउन्गि लेकिन तुम रुकना मत. पूरा का पूरा लंड मेरी
चूत में घुसेड देना. राजू ने मेरी चूत की लिप्स को फैला कर अपने लंड का
सूपड़ा बीच में रख दिया और मेरी टाँगो को अपने कंधे पर रख लिया. उसके
लंड का सूपड़ा अपनी चूत पर महसूस करते ही मेरे सारे बदन में बिजली सी
दौड़ गयी. मेरे सारे बदन में सनसनी सी होने लगी. मैं आज पहली बार अपने
देवर के खूब मोटे और लंबे लंड से चुदवाने जा रही थी. जोश के मारे में
अपना चूतड़ उपर उठा दिया. जैसे ही मैने अपना चूतड़ उपर उठाया तो राजू ने एक
जोरदार धक्का मार दिया. मैं दर्द से चिल्ला उठी. इतना तेज धक्का तो उसने सीमी
की चुदाई करते समय नहीं लगाया था. उसका आधा लंड एक झटके से मेरी चूत
में घुस गया. लग रहा था कि किसी ने मेरी चूत में गरम गरम लोहा घुसेड
दिया हो. मेरी चूत से खून निकलने लगा. मैं दर्द से तड़पने लगी.
मैं अभी सँभाल भी नहीं पाई थी कि उसने एक बहुत ही जोरदार धक्का और लगा
दिया. मैं बहुत ज़ोर से चिल्लाई और दर्द के मारे तड़पने लगी. मेरे चेहरे पर
पसीना आ गया. मेरे आँसू निकल पड़े. राजू ने कहा आप तो रो रही हैं. मैने
कहा ये खुशी के आँसू हैं. तुम अपना बाकी का लंड भी मेरी चूत में डाल दो.
उसने फिर से एक जोरदार धक्का लगाया तो उसका पूरा लंड मेरी चूत में घुस
गया. मैं उसके दोनो बॉल्स अपनी चूत पर महसूस कर रही थी. दर्द के मारे मेरी
टाँगें थर थर कांप रही थी. मेरा सारा बदन पसीने से नहा गया था.
मैने राजू से कहा अब तुम मुझे इस दर्द से च्छुतकारा दिलाओ. वो बोला मैं कैसे
इस दर्द से आपको च्छुतकारा दिला सकता हूँ. मैने कहा अब तुम बहुत तेज़ी के
साथ ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाओ. थोड़ी देर में जब मेरी चूत कुच्छ ढीली हो
जाएगी तो मेरा दर्द कम हो जाएगा. राजू ने ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने शुरू कर
दिए. मैं दर्द से तड़पति रही.
20-25 धक्कों के बाद जब मेरी चूत कुच्छ ढीली हो गयी तो मेरा दर्द कम हो
गया. अब मुझे भी मज़ा आने लगा था. मैं इतने ज़्यादा जोश में थी कि जैसे ही
राजू ने 8-10 धक्के और लगाए तो मैं झाड़ गयी. अब मेरी चूत गीली हो गयी थी
और राजू का लंड अब मेरी चूत में आसानी से अंदर बाहर होने लगा था. राजू
बहुत तेज़ी के साथ मेरी चुदाई कर रहा था. सीमी मेरे बगल में बैठ कर
मुझे चुदवाते हुए देख रही थी. उसे फिर से जोश आने लगा था और वो अपनी
चूत में उंगली डाल कर अंदर बाहर कर रही थी. सीमी जोश के मारे एक हाथ से
मेरे बूब्स को मसल रही थी.
राजू बहुत तेज़ी से धक्के लगाता हुआ मेरी चुदाई कर रहा था. वो एक बार सीमी
को चोद चुका था इस लिए इस बार जल्दी झाड़ नहीं रहा था. उसने मुझे लगभग
50-55 मीं तक चोदा और फिर मेरी चूत में ही झाड़ गया. इस दौरान मैं भी 4
बार झाड़ चुकी थी. मुझे राजू से चुदवाने में बहुत मज़ा आया. ऐसा मज़ा
मुझे आज तक कभी नहीं मिला था. जब उसने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला
तो मैं उसका लंड चाटने लगी. मैने उसका लंड चाट चाट कर एक दम सॉफ कर
दिया.
मोहन के वापस आने तक मैने और सीमी ने राजू से तरह तरह के स्टाइल में
खूब चुदवाया. राजू को भी हम दोनो को चोदने में बहुत मज़ा आया. वो मेरी और
सीमी की चूत का दीवाना हो चुका था. कुच्छ दिन बाद सीमी चली गयी. मैं आज
भी जब मोहन ऑफीस चले जाते हैं तो राजू से मैं रोज ही एक बार ज़रूर
चुड़वाती हूँ तो दोस्तो कैसी लगी मिनी और सीमी की मस्त चुदाई आपका दोस्त
राज शर्मा
समाप्त
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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