Friday, September 19, 2014

FUN-MAZA-MASTI सौतेला बाप--34

FUN-MAZA-MASTI

 सौतेला बाप--34

अब आगे
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 उसकी बात सुनकर दोनो सहेलियाँ मुस्कुरा उठी..पर काव्या ने उसको चूसना नही छोड़ा..बड़ी ही कठोर छातियाँ थी नितिन की, जिम जाने की वजह से, और उसके नन्हे-2 निप्पल बड़े ही आकर्षक लग रहे थे, इसलिए वो उन्हे चूसने का लालच नही छोड़ पाई..

फिर उसने दूसरे निप्पल को भी वैसे ही चूसा, चाटा और चबाया ..नितिन को भी मज़ा मिल रहा था, क्योंकि श्वेता (काव्या) ये सब पहली बार कर रही थी उसके साथ ...

अब काव्या ने धीरे -2 नीचे की तरफ सरकना शुरू कर दिया...नितिन का शरीर काँपने लगा..उसे हल्की-2 गुदगुदी भी हो रही थी...काव्या के पीछे खड़ी श्वेता फिर से बोली : "भाई, अपनी आँखे मत खोलना अभी...''

नितिन : "इतना मज़ा अगर तुम आँखे बंद करके दे सकती हो तो मैं क्यो खोलूँगा भला ....''

वो मस्ती के सागर मे लेटा हुआ गोते लगा रहा था.

और फिर काव्या के सामने रोड ब्रेकर की तरह उसका एब्स वाला पेट आया, जिसकी उँची नीची घाटियों मे जीभ चला कर उसने वहाँ का सारा नमक अपनी जीभ पर इकट्ठा कर लिया....और अपने होंठों से उसे बेतहाशा चूमने भी लगी..

अब तो नितिन की गांड हवा मे उठ गयी...ऐसा एहसास उसने आज तक नही लिया था.

और उपर उठने के साथ ही उसका लंड अपने पूरे साइज़ मे उभरकर काव्या के गालों से आ टकराया...काव्या के पूरे शरीर मे एक झटका सा लगा..उसकी सहेली के भाई का लंड उसके चेहरे पर दस्तक दे रहा था..उसने पहले भी कई बार नितिन को अपनी तरफ दूसरी नज़रों से घूरते हुए देखा था, और नितिन के लिए उसके दिल मे भी कुछ-2 होता था, पर आज वो सब सोचने का वक़्त नही था, नितिन बेचारे को पता भी नही था की वो जिसको अपनी आँखो ही आँखो से चोद देता था वो ही उसके शरीर को चूस रही है..

काव्या के चेहरे पर जैसे ही नितिन के लंड ने किस्स किया, वो उसके लंड की तरफ पलटी और अगले ही पल उसके प्यासे होंठों ने उसके लंड को पकड़कर ज़ोर-2 से चूसना शुरू कर दिया..ऐसा लग रहा था जैसे किसी प्यासे को ऐसी चीज़ मिल गयी है, जिसमे से चूसने के बाद पानी निकलता है..वो पागल सी होकर हुंकारने लगी और नितिन के लंड को ज़ोर-2 से चूसने लगी..

और उसके चूसने के अंदाज और हुंकार सुनकर नितिन को एक ही पल मे पता चल गया की उसके साथ क्या हो रहा है...और उसने अपनी आँखो पर बँधी अपनी बहन की ब्रा खोल दी..

और सामने उसको अपनी बहन बैठी हुई दिखी, जो अपनी चूत के अंदर उंगलियाँ डालकर बड़े ही हिंसक तरीके से अपनी सहेली को अपने ही भाई का लंड चूसते हुए देख रही थी..और जब नितिन ने अपनी टाँगो के बीच लेटी हुई काव्या के चेहरे को देखा तो उसे अपनी आँखो और किस्मत पर यकीन ही नही हुआ..वो काव्या थी...उसके सपनो की रानी, जिसके बारे मे सोच-सोचकर उसने ना जाने कितनी बार मूठ मारी थी और अब भी अपनी बहन को चोदते हुए वो आँखे बंद करके उसके बारे मे ही सोचता था..

वही काव्या अब उसके पैरों के बीच आधी नंगी होकर लेटी हुई थी और बड़े ही मज़े से आँखे बंद करके उसके लंड को आइस्क्रीम की तरहा चूस रही थी..उसकी मुम्मे नोकें देखकर उसके लंड ने जोरदार तरीके से सांस ली और वो और भी बड़ा हो गया

नितिन : "क्क्क कककक ..काव्या ......तुम ......ये सब कैसे .....''

उसकी आवाज़ सुनते ही काव्या ने आँखे खोल दी...वो जहाँ की तहाँ जम कर रह गयी....उसकी आँखे गोल होकर श्वेता की तरफ घूम गयी....पर उसने लंड नही निकाला अपने मुँह से...

श्वेता के मुँह से हँसी निकल गयी..

"हा हा हा ..... कैसा लगा मेरा सरप्राइज .....यही तो मैं दिखाने के लिए लाई थी, पर तुमने आँखे ही नही खोली...और थोड़े और मज़े लेने के लिए मैने ये आँखो पर बाँधने का नाटक किया, ताकि इसकी शरम कुछ कम हो जाए...और देख ज़रा इसको...कैसे मज़े ले-लेकर तुझे सक्क कर रही है...''

काव्या का चेहरा शर्म से लाल हो उठा...वो सोचने लगी की ना जाने नितिन उसके बारे मे क्या सोचेगा अब..


 श्वेता आगे बोली : "मैं जानती हू,तुम दोनो मन ही मन एक दूसरे को लाइक करते हो....और आज मौका मिलते ही मैने सोचा की क्यो ना तुम्हे मज़े लेने का मौका दिया जाए...''

फिर वो नितिन से बोली : "ये मेरे और तुम्हारे बारे मे सब कुछ जानती है...इन्फेक्ट इसने ही मुझे कई बार ऐसे आइडियास दिए जिसकी वजह से हम यहा तक पहुँचे है..''

उसने अपनी चूत और नितिन के लंड की तरफ इशारा करते हुए कहा.

नितिन की समझ मे सब आ चुका था...और इतनी देर से काव्या ही उसके लंड को चूस रही थी, ये जानकार अब तो उसके अंदर का खून और भी तेज़ी से दौड़ने लगा...उसे पक्का विश्वास हो गया की अब तो काव्या की चूत मिलकर ही रहेगी..

उसने काव्या से कहा : "रुक क्यो गयी अब....चालू रखो...जैसा तुम कर रही हो, मुझे काफ़ी अच्छा लग रहा है...''

अपनी कला की तारीफ सुनना सभी लड़कियो को पसंद आता है, काव्या ने भी शरमाते हुए अपने होंठ खोले और फिर से नितिन के बाहुबली को मुँह मे लेकर चूसने लगी..

''अहहsssssss ........ येस्स्स्स्स्स्स्स्सस्स काव्य्आअ ..... सकककककक मीssssssssssss ....''

नितिन के मुँह से अपना नाम सुनकर काव्या की चूत पूरी तरह से पनिया गयी...और अगले ही पल नितिन का हाथ सरक कर उसके छोटे-2 मुम्मो पर आया और उन्हे उसने ज़ोर से मसल दिया...

''उम्म्म्मममममममममम ........ सस्स्स्स्स्सस्स ....धीरे नितिन ....''

और इस बार काव्या के मुँह से अपना नाम सुनकर, और वो भी इतने सेक्सी तरीके से, नितिन भी उत्तेजना के पूरे शिखर पर पहुँच गया..

दोनो को ऐसे एक दूसरे से मज़े लेता देखकर श्वेता भी बीच मे कूद पड़ी...वो भी पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी...और उसने सीधा नितिन के लंड को अपने मुँह मे दबोचा और चूसने लगी...काव्या ने अपना चेहरा नीचे किया और उसकी बॉल्स को चूमने चाटने लगी...ऐसे एहसास की तो नितिन ने आज तक कल्पना भी नही की थी की एक साथ उसके लंड को दो-2 सेक्सी लड़कियाँ चूसेगी

वो दोनो के बालों को पकड़कर ज़ोर-2 से अपने लंड पर दबाने लगा...जैसे अपना लंड उन्हे खिला देना चाहता हो पूरा का पूरा..

''अहहहहहहहहहहहहहह ....... ओह माय गोड .......... एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स .....ऐसे ही करती रहो ....... ओह .....''

वो कभी काव्या के मुम्मे मसलता और कभी श्वेता के....कभी एक के बाल सहलाता और कभी दूसरी के...और वो दोनो भी प्यासी बिल्लियों की तरह उसके लंड और टट्टों के पीछे पड़ गयी थी...दोनो उसे ऐसे नोच रही थी मानो उसको खा ही जाएँगी...दोनो के नर्म होंठ और तेज दाँत उसको अलग ही दुनिया मे पहुँचा रहे थे..

अब नितिन से सब्र नही हुआ, उसने काव्या के बाल पकड़कर अपनी तरफ खींचा और अगले ही पल दोनो की छातियाँ एक दूसरे से मिल कर रग़ड़ खाने लगी और नितिन ने उसके गीले होंठों को अपने कब्ज़े मे लेकर ज़ोर-2 से चूसना शुरू कर दिया...

जैसा सोचा था ठीक वैसे ही थे उसके होंठ...नर्म और मीठे...वो उन्हे बब्बल गम की तरह चबाता रहा, उसके अंदर का रस पीता रहा, उसकी जीभ को चूसकर सुखाने की कोशिश करता रहा...और फिर कुछ देर मे जब उसे साँस लेने की ज़रूरत पड़ी तो ही उसने काव्या को अपने से अलग किया...

वो उसको प्यासी नज़रों से देखने लगा...उसने शरमाते हुए अपना चेहरा नीचे झुका लिया...उसके चेहरे के नीचे नज़र जाते ही नितिन ने उसके नन्हे आम देखे,जिन्हे चूसने के लिए वो कब से मरा जा रहा था..वो नीचे झुका और अपनी बाहें उसके चारों तरफ लपेटकर उसे अपनी तरफ खींचा और एक ही बार मे उसके पूरे स्तन को अपने मुँह मे भरकर निगल गया और उसे चूसने लगा..

नितिन के बालों को सहलाती हुई वो उसकी पकड़ मे आकर बिलख उठी...और अपने पूरे मुम्मे को उसके मुँह के अंदर जाता देखकर ज़ोर से चिल्लाई : "अहह ....... ओफफफफफफफफफफफ्फ़ ..... नहियीईईईईईईईईई .........बस करो ................. अहह .... सहन नही होता ................ अहह ''

पर उसको रुकने के लिए कहने के बावजूद वो अपनी ब्रेस्ट को उसके मुँह के और अंदर धकेलने मे लगी हुई थी...ऐसा एहसास तो उसने आज तक नही लिया था...नितिन की जीभ उसके निप्पल को सहला रही थी अंदर और उसके दाँत उसकी ब्रेस्ट को काट रहे थे...नितिन के दूसरे हाथ ने दूसरी ब्रेस्ट को पकड़कर उसके निप्पल खींचने शुरू कर दिए...वो तो पागल ही हो उठी...



 और नीचे की तरफ उसकी बहन श्वेता आराम से उसके लंड को चूसती हुई अपनी चूत को मसल रही थी..

नितिन के हाथ काव्या की चूत की तरफ बड़े...और उसी वक़्त काव्या को एक झटका सा लगा...वो एकदम से नितिन से अलग होकर खड़ी हो गयी..

नितिन : "क्या हुआ ...मैने कुछ ग़लत किया ...''

काव्या (धीरे से) : "नही नितिन .....पर ...मैं अभी इसके लिए तैयार नही हूँ ....''

नितिन की समझ मे कुछ नही आया...इतने करीब पहुँचकर वो कैसे मना कर सकती है चुदाई के लिए...वो तो कब से इस पल के लिए तड़प रहा था..पर वो उसपर ज़ोर डालकर कुछ नही करना चाहता था...अभी के लिए भी जो मिला था, वही काफ़ी था..और वो भी जानता था की अब वो ज़्यादा देर तक अपनी चूत को उससे बचा नही पाएगी..

श्वेता ने भी अपनी सहेली का साथ दिया : "हाँ नितिन, अभी वो सब रहने दो...बस उपर-2 से मज़ा लो...चुदाई के लिए तुम्हारी बहन हाजिर है....उसकी करो ..''

और इतना कहकर वो मुस्कुराती हुई उपर की तरफ आई और उसके होंठों को चूमती हुई सीधा उसके लंड पर बैठ गयी...

''अहह .......... येस्ससस्स ................ अंदर तक डालो ....''

नितिन ने उसके कूल्हे पकड़ कर अपना लंड उसकी चूत के अंदर तक एडजस्ट किया....और नीचे से धक्के मारने लगा..

काव्या को उनकी चुदाई देखकर ना जाने क्या हुआ की वो एकदम से नीचे झुकी और उसने नितिन की बॉल्स को अपने मुँह मे लेकर चूसना शुरू कर दिया...

एक नया एहसास फिर से पाकर नितिन तो बावला सा हो गया...और दुगनी तेज़ी से अपनी बहन को चोदने लगा..

और ऐसे ही झटके खाती हुई श्वेता जल्द ही झड़ने लगी...उसकी चूत का पानी फिसलकर बाहर तक आया जिसको काव्या ने अपनी जीभ से साफ़ कर दिया...और फिर नितिन के लंड ने भी जवाब दे दिया..और उसने अपने लंड बाहर खींचकर अपने हाथ से मसलना शुरू कर दिया..और फिर उसने अपने लंड से पानी की बौछारें निकालकर दोनो के चेहरे को भिगोना शुरू कर दिया...

ये पल वो कभी भी नही भूल सकता था..दोनो के सेक्सी चेहरे उसके गाड़े सफेद रस से भीगकर तर हो गये.

फिर काव्या ने अपनी सहेली की गीली चूत को भी अपनी लम्बी जीभ से चाटकर साफ़ किया

नितिन फिर से धम्म से अपने बिस्तर पर गिर गया..और काव्या का हाथ पकड़कर श्वेता अपने कमरे मे ले गयी...वो जानती थी की अब काव्या की परेशानी सुनने का वक़्त आ गया है..क्योंकि वो अपनी सहेली को ज़्यादा देर तक परेशान नही देख सकती थी.









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