FUN-MAZA-MASTI
अलग-अलग बिस्तर पे
हाई दोस्तों, ये बात उन दिनों की हे जब में ११ में पड़ता था और ११ के परीक्षा दे चूका था | मेरे घर वाले शहर से बाहर गए हुए थे घूमने के लिए | उन्होंने मुझे भी ले जाना चाह था पर मुझे हल्की हल्की बुखार थी जिसके कारण में नही जा पाया | उस वक्त में अपने आप को कोस्टा था की मुझे बुखार यु हुआ क्यों हुआ, घर वालो के साथ घूमने जाना था मुझे | पर बाद में मुझे पता चला की भागवान जो करते हे अच्छे के लिए ही करते हे | उनके जाने के बाद, दूसरे दिन मेरे पड़ोस में एक आमिर परिवार रहते थे, उनकी एक अकेली बेटी थी और आमिर होने के कारण उस लड़की का उठने बैठने का ढंग ही कुछ अलग था | उसके घर वालो को भी किसी की शादी में जाना था पर वो किसी कारण उसको भी नही ले जा पाए और मेरे घर पे छोड़ के चले गए |
जाने से पहले उसकी माँ ने मुझे बहुत सारे हिदायत दी, जेसे की घर का ख्याल रखना, स्नेह का ख्याल रखना, घर को अच्छे से बंद कर के सोना, एक कमरे पे पर अलग अलग बिस्तर पे सोना | मेने सारी बातें मान ली बस एक को छोड़ के वो बिस्तर वाली |स्नेह का कद करीब ५’६” होगा, रंग तो गोरा था गांड उसकी ३८ होगी और चुचे वो तो सबसे कमाल के थे वो करीब ३४ होगा | उस दिन का दिन तो गुजर गया जेसे ठेस और आब आई रात जो सबसे हसीं होती हे | रात को खाना खा लेने के बाद हम दोनों सोने की तैयारी करने लग गए | उस दिन उसका मुड भी बहुत बदला बदला सा था | मैं दरवाजा बंद करने चला गया और फिर जब वापस आ रहा था तब देखा की सामने रस्ते में स्नेह कड़ी थी में आगे बड़ा और जेसे ही उसके पास पंहुचा बिजली चली गयी | हम दोनों एक दूसरे के बहुत करीब थे, मेरा लंड तो टन चूका था तब तक, अगर बिजली होती तो उसे पक्का दिख जाता पर बिजली नही थी तो नही दिखा | हम दों अब इतने करीब थे की थोडा सा कोई भी हिल रहा तह तो हम दोनों एक दूसरे को छु जा रहे थे |
इतने में हम दोनों को क्या हुआ पता नहीं हम दोनों इन एक दूसरे को किस करने लग गए | वो भी साथ दे रही थी और में भी लगा हुआ था | शायद आज आग दोनों तरफ बराबर की लगी हुई थी | हम दोनों एक दूसरे को करीब दस मिनट तक चुमते रहे और एक दूसरे के जिस्म पे हाथ फेरते रहे और प्यार भरा मज़ा लिया |हम दोनों फिर अलग हुए और फिर कमरे की तरफ आने लग गए, इसी बिच उसने मुझे फिरसे एक किस किया और किस करते करते ही बिजली आ गयी और फिर वो शर्मा के वहा से भाग गयी | मैं कमरे में आ गया और बत्ती बंद कर दी और उस वक्त स्नेह आईने के सामने थी और अपने आप को दख रही थी | मेने बत्ती बंद कर के कमरे को अँधेरा कर दिया पर बाहर से अंदर हल्की फुलकी रौशनी आ रही थी | मेने उसे अपने बाहों में भर लिया और उसे चूमने लगा | उसने स्कर्ट पहनी हुई थी, और मेने हाफ पेंट, मेने अपनी टांगो को उसके टांगो से चिपका दिया और वो मेरे अंदर सिमट गयी और मुझे कसने लग गयी | हम दोनों अब एक दूसरे के जिस्म पे हाथ फेर रहे थे और में अपने टांगो को उसके पेरो पे रगड रहा था | मेने उसे फिर बिस्तर पे लेटा दिया और उसके उपर लेट गया और उसे चूमने और उसके नरम नरम होठो को चूसने लगा |
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, स्नेह को कितना मज़ा आ रहा था वो तो नही पता पर मुझे उसके होठ चूसने में काफी मज़ा आ रहा था | उसके बाद में सने के बाजू में एट गया और उसे चूमने लगा, उसने अपना एक हाथ निचे की तरफ किया और मेरे लंड को पकड़ लिया और उसे होले होले मसल रही थी | उसके चुने से मेरे लंड जेसे मानो अभी मेरी चड्डी फाड़ के बाहर आ जायेगा ऐसा लग रहा था |मैं फिर खड़ा हुआ और मेने अपने सारे कपड़े उतार दिए और फिर उसने भी अपने कपडे उतार दिए | हम दोनों कुछ ही पालो में एक दम नंगे हो चुके थे | मेने फिरसे उसे लेटा दिया और फिर उसके उपर चड गया और उसके पुरे जिस्म को चूमने और चाटने लग | मेने फिरसे उसके होठो को करीब दस मिनट तक चूस और फिर चुमते चुमते उसकी चुत के पास आ गया | मुझे उस वक्त शर्म सी आ रही थी क्युकी उसकी चुत एक दम चिकनी थी पर मेरे लंड पे बाल थे | मैं फिर उसकी चिकनी चुत पे मुह रख दिया और उसके चुत को चाटने लगा, उसके चुत से लगातर कुछ पनी जेसा निकल रहा था जिसे मेने चाट चाट के साफ़ कर दिया था, उसका वो पानी मुझे फ़िल्टर के पानी से भी जादा मस्त लगा | उसके मु से अब सिसकिय निकलना शुरू हो चूका था और वो सिसकिय पे सिसकिय भरे जा रही थी अह्ह्ह ह्म्म्म उफ्फ्फ्फ्फ़ हम बहुत अच्छा लग रहा हे और कर और कर ह्म्म्म और कर राजा, मेरे प्यारे राजा और कर | में सोचा ये साला राजा कोन हे, मेरा नाम तो समीर हे, कही राजा कोई और लड़का तो नही जो इसे पेलता हो |में उसके गुलाबी चुचो को धीरे धीरे चूसता रहा और दूसरे हाथ से उसके दूसरे चुचो को मसलता रहा |
वो फिर एक दम से उठ गयी और मुझे धकेल दी और मुझे लेटा दी और फिर मेरे लंड को पकड़ कर उसे चूसने लग गयी | में तो उस वक्त स्वर्ग पे था, क्या मज़ा आ रहा था मुझे | में और कुछ पल उसे चूसने देता तो मैं पक्का झड जाता इसीलिए मेने उसे रोक दिया और उसे लेटा के उसकी चुत चूसने लगा | मेने अब उसकी चुत को कस कस के चूसने लगा और वो थोड़े देर में उसने अपनी चुत से तेज पानी छोड़ दिया | मैं उसकी चुत का पनी पी गया, उसके बाद मेने उसके होठो को चूसना शुरू कर दिया और फिर एक ऊँगली लेके उसकी चुत में डालना लगा और अपनी ऊँगली उसकी चुत में घुमाने लग गया | थोड़े देर के बाद वो पागल सी होने लग गयी और कस कस के बोलने लगी की और नही होता मुझे.डाल दो अपना लंड मेरी चुत में फाड़ दो इसे आज बहुत परेशां करती हे ये मुझे |मेने फिर अपना लंड लिया और उसकी चुत पे टिका दिया, उसकी चुत एक दम कसी हुई थी | मेने फिर क्रीम की डिब्बी ली और उसके चुत पे और अपने लंड पे लगा लिया और धीरे धीरे धक्का लगाने लग गया | उसकी चुत से हल्का हल्का खून आने लग गया पर मेने कुछ किया नही वरना वो डर जाती, इसीलिए मेने कुछ न कहते हुए धीरे धीरे धक्का लगये रखा | वो दर्द से कराहने लग गयी थी और रो रही थी, वो जोर से चिल्लाने लगी थी आआआया माँ मर गयी रुक जाया प्लीज़ अपना लंड निकाल ले बहुत दर्द हो रहा हे निकाल्ल्ल्ल्ल्ल आपने लंड को उईई माँ मर गयी |
वो अब फुट फुट के रोने लग गयी थी, मेने उसके होठो पे अपना होठ रख दिया और उसे चूमने लग गया और निचे धीरे धीरे लंड हिलाए रखा और करीब दस मिनट बाद वो शांत हो गयी तब मेने थोड़ी गति बड़ा दी | अब उसके चेहरे पे कुछ रहत थ और फिर वो अब लंड के झटको के मज़े लेने लग गयी और अब वो उफ़ अह्हह्ह ह्ह्ह्ह्ह्ह करने लग गयी थी | अब वो अपनी गांड को भी उठाने लग गयी थी और मेरे लंड को जल्दी से जल्दी अपनी चुत में लेने लग गयी थी |अब उसने अपने टांगो को मेरे कमर पे बंद दिया और मुझे अपनी तरफ कसने लग गयी थी | वो अब जोर जोर से अह्हह्ह उफ्फ्फ हा ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह करने लगी थी और मुझे अपनी तरफ कसते ही जा रही थी | फिर वो बोली की उसे अजीब सा लग रहा हे चुत में शायद कुछ निकलने वाला हे, मेने फिर और गति बड़ा दी और वो फिर एक दम से अपनी चुत से पानी छोड़ दी और मेरे लंड को गीला कर दिया | उसके चुत के रस के कारण अब चुत से पच पच की आवाज़ आने लग गयी और मेरी पूरी झाट गीली हो गयी | वो अब ढीली हो चुकी थी पर में शोट पे शोट दिए जा रहा था और वो चुप चाप लेती हुई थी और फिर कुछ देर के बाद में भी झड गया उसी की चुत में | मैं भी ढीला हो चूका था और फिर उसी के उपर लेट गया और सारी रात पड़ा रहा उसी के चुत में लंड डाल के |उसके बाद मेने सुबह सुबह मेरे घर वालो के आने से पहले उसकी गांड की भी ली वो में आपको अगली कहानी में बताऊंगा |
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अलग-अलग बिस्तर पे
हाई दोस्तों, ये बात उन दिनों की हे जब में ११ में पड़ता था और ११ के परीक्षा दे चूका था | मेरे घर वाले शहर से बाहर गए हुए थे घूमने के लिए | उन्होंने मुझे भी ले जाना चाह था पर मुझे हल्की हल्की बुखार थी जिसके कारण में नही जा पाया | उस वक्त में अपने आप को कोस्टा था की मुझे बुखार यु हुआ क्यों हुआ, घर वालो के साथ घूमने जाना था मुझे | पर बाद में मुझे पता चला की भागवान जो करते हे अच्छे के लिए ही करते हे | उनके जाने के बाद, दूसरे दिन मेरे पड़ोस में एक आमिर परिवार रहते थे, उनकी एक अकेली बेटी थी और आमिर होने के कारण उस लड़की का उठने बैठने का ढंग ही कुछ अलग था | उसके घर वालो को भी किसी की शादी में जाना था पर वो किसी कारण उसको भी नही ले जा पाए और मेरे घर पे छोड़ के चले गए |
जाने से पहले उसकी माँ ने मुझे बहुत सारे हिदायत दी, जेसे की घर का ख्याल रखना, स्नेह का ख्याल रखना, घर को अच्छे से बंद कर के सोना, एक कमरे पे पर अलग अलग बिस्तर पे सोना | मेने सारी बातें मान ली बस एक को छोड़ के वो बिस्तर वाली |स्नेह का कद करीब ५’६” होगा, रंग तो गोरा था गांड उसकी ३८ होगी और चुचे वो तो सबसे कमाल के थे वो करीब ३४ होगा | उस दिन का दिन तो गुजर गया जेसे ठेस और आब आई रात जो सबसे हसीं होती हे | रात को खाना खा लेने के बाद हम दोनों सोने की तैयारी करने लग गए | उस दिन उसका मुड भी बहुत बदला बदला सा था | मैं दरवाजा बंद करने चला गया और फिर जब वापस आ रहा था तब देखा की सामने रस्ते में स्नेह कड़ी थी में आगे बड़ा और जेसे ही उसके पास पंहुचा बिजली चली गयी | हम दोनों एक दूसरे के बहुत करीब थे, मेरा लंड तो टन चूका था तब तक, अगर बिजली होती तो उसे पक्का दिख जाता पर बिजली नही थी तो नही दिखा | हम दों अब इतने करीब थे की थोडा सा कोई भी हिल रहा तह तो हम दोनों एक दूसरे को छु जा रहे थे |
इतने में हम दोनों को क्या हुआ पता नहीं हम दोनों इन एक दूसरे को किस करने लग गए | वो भी साथ दे रही थी और में भी लगा हुआ था | शायद आज आग दोनों तरफ बराबर की लगी हुई थी | हम दोनों एक दूसरे को करीब दस मिनट तक चुमते रहे और एक दूसरे के जिस्म पे हाथ फेरते रहे और प्यार भरा मज़ा लिया |हम दोनों फिर अलग हुए और फिर कमरे की तरफ आने लग गए, इसी बिच उसने मुझे फिरसे एक किस किया और किस करते करते ही बिजली आ गयी और फिर वो शर्मा के वहा से भाग गयी | मैं कमरे में आ गया और बत्ती बंद कर दी और उस वक्त स्नेह आईने के सामने थी और अपने आप को दख रही थी | मेने बत्ती बंद कर के कमरे को अँधेरा कर दिया पर बाहर से अंदर हल्की फुलकी रौशनी आ रही थी | मेने उसे अपने बाहों में भर लिया और उसे चूमने लगा | उसने स्कर्ट पहनी हुई थी, और मेने हाफ पेंट, मेने अपनी टांगो को उसके टांगो से चिपका दिया और वो मेरे अंदर सिमट गयी और मुझे कसने लग गयी | हम दोनों अब एक दूसरे के जिस्म पे हाथ फेर रहे थे और में अपने टांगो को उसके पेरो पे रगड रहा था | मेने उसे फिर बिस्तर पे लेटा दिया और उसके उपर लेट गया और उसे चूमने और उसके नरम नरम होठो को चूसने लगा |
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, स्नेह को कितना मज़ा आ रहा था वो तो नही पता पर मुझे उसके होठ चूसने में काफी मज़ा आ रहा था | उसके बाद में सने के बाजू में एट गया और उसे चूमने लगा, उसने अपना एक हाथ निचे की तरफ किया और मेरे लंड को पकड़ लिया और उसे होले होले मसल रही थी | उसके चुने से मेरे लंड जेसे मानो अभी मेरी चड्डी फाड़ के बाहर आ जायेगा ऐसा लग रहा था |मैं फिर खड़ा हुआ और मेने अपने सारे कपड़े उतार दिए और फिर उसने भी अपने कपडे उतार दिए | हम दोनों कुछ ही पालो में एक दम नंगे हो चुके थे | मेने फिरसे उसे लेटा दिया और फिर उसके उपर चड गया और उसके पुरे जिस्म को चूमने और चाटने लग | मेने फिरसे उसके होठो को करीब दस मिनट तक चूस और फिर चुमते चुमते उसकी चुत के पास आ गया | मुझे उस वक्त शर्म सी आ रही थी क्युकी उसकी चुत एक दम चिकनी थी पर मेरे लंड पे बाल थे | मैं फिर उसकी चिकनी चुत पे मुह रख दिया और उसके चुत को चाटने लगा, उसके चुत से लगातर कुछ पनी जेसा निकल रहा था जिसे मेने चाट चाट के साफ़ कर दिया था, उसका वो पानी मुझे फ़िल्टर के पानी से भी जादा मस्त लगा | उसके मु से अब सिसकिय निकलना शुरू हो चूका था और वो सिसकिय पे सिसकिय भरे जा रही थी अह्ह्ह ह्म्म्म उफ्फ्फ्फ्फ़ हम बहुत अच्छा लग रहा हे और कर और कर ह्म्म्म और कर राजा, मेरे प्यारे राजा और कर | में सोचा ये साला राजा कोन हे, मेरा नाम तो समीर हे, कही राजा कोई और लड़का तो नही जो इसे पेलता हो |में उसके गुलाबी चुचो को धीरे धीरे चूसता रहा और दूसरे हाथ से उसके दूसरे चुचो को मसलता रहा |
वो फिर एक दम से उठ गयी और मुझे धकेल दी और मुझे लेटा दी और फिर मेरे लंड को पकड़ कर उसे चूसने लग गयी | में तो उस वक्त स्वर्ग पे था, क्या मज़ा आ रहा था मुझे | में और कुछ पल उसे चूसने देता तो मैं पक्का झड जाता इसीलिए मेने उसे रोक दिया और उसे लेटा के उसकी चुत चूसने लगा | मेने अब उसकी चुत को कस कस के चूसने लगा और वो थोड़े देर में उसने अपनी चुत से तेज पानी छोड़ दिया | मैं उसकी चुत का पनी पी गया, उसके बाद मेने उसके होठो को चूसना शुरू कर दिया और फिर एक ऊँगली लेके उसकी चुत में डालना लगा और अपनी ऊँगली उसकी चुत में घुमाने लग गया | थोड़े देर के बाद वो पागल सी होने लग गयी और कस कस के बोलने लगी की और नही होता मुझे.डाल दो अपना लंड मेरी चुत में फाड़ दो इसे आज बहुत परेशां करती हे ये मुझे |मेने फिर अपना लंड लिया और उसकी चुत पे टिका दिया, उसकी चुत एक दम कसी हुई थी | मेने फिर क्रीम की डिब्बी ली और उसके चुत पे और अपने लंड पे लगा लिया और धीरे धीरे धक्का लगाने लग गया | उसकी चुत से हल्का हल्का खून आने लग गया पर मेने कुछ किया नही वरना वो डर जाती, इसीलिए मेने कुछ न कहते हुए धीरे धीरे धक्का लगये रखा | वो दर्द से कराहने लग गयी थी और रो रही थी, वो जोर से चिल्लाने लगी थी आआआया माँ मर गयी रुक जाया प्लीज़ अपना लंड निकाल ले बहुत दर्द हो रहा हे निकाल्ल्ल्ल्ल्ल आपने लंड को उईई माँ मर गयी |
वो अब फुट फुट के रोने लग गयी थी, मेने उसके होठो पे अपना होठ रख दिया और उसे चूमने लग गया और निचे धीरे धीरे लंड हिलाए रखा और करीब दस मिनट बाद वो शांत हो गयी तब मेने थोड़ी गति बड़ा दी | अब उसके चेहरे पे कुछ रहत थ और फिर वो अब लंड के झटको के मज़े लेने लग गयी और अब वो उफ़ अह्हह्ह ह्ह्ह्ह्ह्ह करने लग गयी थी | अब वो अपनी गांड को भी उठाने लग गयी थी और मेरे लंड को जल्दी से जल्दी अपनी चुत में लेने लग गयी थी |अब उसने अपने टांगो को मेरे कमर पे बंद दिया और मुझे अपनी तरफ कसने लग गयी थी | वो अब जोर जोर से अह्हह्ह उफ्फ्फ हा ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह करने लगी थी और मुझे अपनी तरफ कसते ही जा रही थी | फिर वो बोली की उसे अजीब सा लग रहा हे चुत में शायद कुछ निकलने वाला हे, मेने फिर और गति बड़ा दी और वो फिर एक दम से अपनी चुत से पानी छोड़ दी और मेरे लंड को गीला कर दिया | उसके चुत के रस के कारण अब चुत से पच पच की आवाज़ आने लग गयी और मेरी पूरी झाट गीली हो गयी | वो अब ढीली हो चुकी थी पर में शोट पे शोट दिए जा रहा था और वो चुप चाप लेती हुई थी और फिर कुछ देर के बाद में भी झड गया उसी की चुत में | मैं भी ढीला हो चूका था और फिर उसी के उपर लेट गया और सारी रात पड़ा रहा उसी के चुत में लंड डाल के |उसके बाद मेने सुबह सुबह मेरे घर वालो के आने से पहले उसकी गांड की भी ली वो में आपको अगली कहानी में बताऊंगा |
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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