FUN-MAZA-MASTI
पिकनिक का प्रोग्राम-5
पिरी बोली- इमरान, पिछले 6 महीने में तुम्हारा लण्ड तरह-तरह की बुर का पानी पीकर अब और तगड़ा हो चुका है। मेरे खयाल से भाभी को जोड़कर 6 लड़कियां होगीं, या इसके इलावा भी कोई है…”
मैंने कहा- तुम लोगों ने मेरा करेक्टर तो बर्बाद कर ही दिया है। अब तो मुझे जो भी औरत दिखती है उसे चोदने को दिल करता है।
पिरी- “इसका मतलब हमारे इलावा भी…”
मैंने कहा- सिर्फ़ एक।
पिरी- बताओ वो कौन है।
मैं- मेरी मामी।
मामी कि दास्तान
पिरी- “कैसे किया पूरा डीटेल बताओ…” अब वो जोश में आ चुकी थी और जोर-जोर कमर हिला रही थी।
मैंने कहा- “मैं अपने मामा के घर गया था। देखा मामी अकेली हैं। उनकी पाँच साल की एक बेटी है। मामी बड़ी सेक्सी हैं। मेरी नीयत खराब हो गयी। मैंने शाम तक रुकने का फैसला कर लिया। सब जानकारी ले ली। बेटी 1:00 बजे स्कूल से आएगी फिर 3:00 बजे ट्यूशन के लिए चली जाएगी। मामा रात को 10:00 बजे घर आएंगे। हमने रूबी के स्कूल से आने के बाद खाना खाया और उनके बेडरूम में खेलने लगे।
मेरी नीयत की वजह से मेरा लण्ड फूलने लगा था। मैं मामी को दिखाकर अंजन बनते हुए लण्ड को बार-बार अड्जस्ट कर रहा था। 3:00 बजे रूबी ट्यूशन के लिए निकली और मुझसे कहा उसके आने तक रुकूं। उसके जाने के बाद बेड पर आकर लेट गया और लण्ड को जरा सा सहलाकर सख़्त किया। और जरा तिरछा करके लेट गया इस तरह की लण्ड का उभार पैंट के ऊपर से साफ दिखने लगा। मैंने आँख बंद कर लिया, मैं इंतेजार करने लगा। मामी रूबी को दरवाजे पर छोड़कर शायद बाथरूम गयीं। फिर वो कमरे में आ गयीं। मैंने सोने का आक्टिंग किया। मामी अंदर आकर मेरे पास आई, कुछ देर सन्नाटा रहा।
फिर उन्होंने हाथ मेरे माथे पर फेरते हुए कहा- इमरान, सो गये क्या।
मैंने कोई जवाब नहीं दिया। फिर उनका कांपता हुआ एक हाथ मेरे लण्ड पर गया। मैंने दम साध लिया। वो उसे कपड़े के ऊपर से सहलाने लगीं। लण्ड फौरन खड़ा हो गया। अब पैंट फाड़ने को तैयार था। मामी ने चैन खोला और लण्ड को चड्डी के अंदर से खींचना चाहा। लेकिन मेरे खड़े लण्ड को पैंट का हुक खोले बिना बाहर निकालना मुश्किल था। उन्होंने हुक खोल डाला और लण्ड को बाहर निकाल लिया। और झट से उसपर मुँह लगा दिया और चूसने लगीं। एक मिनट बाद मैंने आँखे खोल दी और देखने लगा। उन्हें होश नहीं था वो पागलों की तरह चूस रही थीं।
मैंने कहा- “मामी…”
उनकी हालत देखने वाली थी। मुँह के अंदर लण्ड था, मेरी तरफ नजरें उठी और शर्म से मुँह मेरी गोद में गाड़ दिए। फिर उठीं और भागने लगीं। मैंने दौड़कर पीछे से पकड़ लिया। मेरा लण्ड उनकी गाण्ड पर दबा हुआ था। मैंने कहा- “मामी प्लीज चूसो ना। बहुत मजा आ रहा था…” मैं लगातार प्लीज प्लीज कर रहा था।
आखिर मामी बोली- अच्छा करती हूँ। किसी को कहोगे तो नहीं।
मैंने कहा- “नहीं करोगी तो कह दूँगा अम्मी से। करोगी तो नहीं कहता…” फिर मैं आकर बेड पर चित लेट गया, लण्ड आसमान की तरफ सर उठाए खड़ा था।
मामी अब मजे ले लेकर बिना डरे चूसने लगीं। कुछ देर बाद मैंने उनकी एक छाती को छूने की कोशिश की तो उन्होंने ने डाँटा- यह क्या कर रहे हो।
मैंने कहा- “आप मेरे सामान से खेल रही हो। मैंने भी आपके सामान से खेलना है…” और उनकी एक छाती को पकड़ लिया और दबाने लगा। दूसरी छाती तक मेरा हाथ नहीं जा रहा था। मैंने उन्हें खींचकर अपनी छाती पर लिटा लिया और पलट गया। अब वो मेरे नीचे थीं। मैं ब्लाउज़ के बटन खोलने लगा।
मामी माना करने लगीं।
मैंने कहा- “मामी, मत रोको… मैं नहीं रुक सकता। मैंने दोस्तों से सुना है की लण्ड खड़ा हो जाए तो लड़की का दूध चूसते हैं…”
मामी फिर भी रोकती रहीं।
तो मुझे कहना पड़ा- “मामी आपने मेरा लण्ड चूसना शुरू किया था। यह बात मैं अम्मी से ना बताऊँ तो आप मेरे लण्ड को पहले जैसा नरम कर दीजिए। और नहीं तो मुझे जो करना है करने दीजिए…”
मामी को मेरा इरादा पता चल गया वो ढीली पड़ गयी। मैंने मौका देखा और ब्लाउज़ के बटन खोल दिए। और चूचियां चूसने लगा। मैं बोला- मामी, आपका दूध बहुत मीठा है। मामी सर एक तरफ किए नाराजगी की आक्टिंग कर रही थीं। मैं लण्ड को उनकी बुर पर रगड़ रहा था, जिससे उन्हें तकलीफ हो रही थी। उन्होंने खुद ही टाँगों को खोल दिए। ताकि लण्ड उनकी टाँगों के बीच में रहे।
मैं मामी की साड़ी उठाने लगा तो मामी फिर एतेराज करने लगीं।
मैंने कहा- मामी मुझे मालूम है अगर दूध चूसने पर लण्ड नरम ना हो तो बुर में घुसते ही दो मिनट में नरम हो जाएगा। बोलो, रूबी के आने से पहले खेल खतम करना है की नहीं।
मामी चुप रही।
मैंने झट उनकी टाँगों के बीच बैठकर साड़ी नाभि के ऊपर उठा दिया। वो टाँगों को जोड़ने की कोशिश करने लगीं। लेकिन मैं बीच में बैठा था फिर उन्होंने अपना एक हाथ बुर पर रख दिया, आँखें बंद थीं, मैंने उनका हाथ हटाया और मुँह लगाकर बुर को चाटने लगा।
मामी ने आँखें खोल दी और कहा- “इमरान तुम यह काम पहले कर चुके हो ना…”
मैंने कहा- नहीं मामी, दोस्तों से सुना है।
मामी- ऐसा हो ही नहीं सकता।
मैं अब उनकी बातों का जवाब ना देकर बुर के अंदर जबान घुसाने लगा और कहा- “मामी आपकी बुर लाजवाब है…” फिर मैं बैठा और लण्ड मामी की बुर के मुँह में रखा।
मामी ने फिर एतेराज किया। बोली- “इमरान, यह तो मत करो ना। बहुत गुनाह होगा…”
मैंने कहा- आप जो लण्ड चूस रही थीं वो क्या सवाब का काम था…” कहकर मैंने लण्ड पर दबाओ डाला और लण्ड घुसता चला गया। एक बच्ची की माँ होने के बावजूद उनकी बुर काफी टाइट थी। मुझे मालूम था उन्हें बड़े प्यार से चोदना है। मैंने वैसा ही किया। पूरा लण्ड अंदर ना घुसाकर अंदर-बाहर करने लगा। मामी ने आँखें बंद कर ली। मैं उनके ऊपर झुक गया और दूध चूसते हुए आहिस्ता-आहिस्ता कमर हिला रहा था।
मामी बोली- इमरान जल्दी-जल्दी मारो, जल्दी खतम करो। रूबी आ जाएगी।
मैंने कहा- आपको तकलीफ होगी। इसलिए आहिस्ता कर रहा था।
मामी बोली- मैं कोई कुँवारी बच्ची हूँ की तकलीफ होगी। बच्चा जन चुकी हूँ। मेरी परवाह मत कर, बस जल्दी खतम कर नहीं तो कोई आ जाएगा।
मैंने स्पीड बढ़ाई, दो मिनट बाद मैं पूरी ताकत से चोद रहा था। मामी तड़प रही थी, वो अब अपना असली रंग दिखा रही थी। मेरे सर को अपनी छाती पर दबा रही थी। दाँत भींच रही थीं, बोली- “राजा चोदो राजा बड़ा मजा आ रहा है…”
मैंने कहा- यह राजा कौन है…”
मामी बोली- मैं रूबी के पापा को राजा कहती हूँ।
मैं- “मामी मजा आ रहा है ना…”
मामी बोली- पूछ मत, बस चोदता रह।
मैंने पूछा- “मामी, मामा से भी इसी तरह मजा आता है…”
मामी बोली- “तोबा करो, उनका पतला छोटा सा और तेरा इतना बड़ा, इतना मोटा। बड़ा मजा आ रहा है…”
इतने में किसी ने दरवाजा खतखटाया।
मामी झट से मुझे एक तरफ धकेलकर बोली- रूबी आ गईं। बाथरूम भागो अपना लण्ड लेकर।
मैं बाथरूम भागा, वो दरवाजा की तरफ। कुछ देर में मामी बाथरूम का दरवाजा खटखटा रही थी- इमरान, दरवाजा खोलो।
मैंने दरवाजा खोल दिया। वो आकर मुझसे लिपट गयी। मेरे लण्ड को पकड़ लिया और सहलाने लगीं, एक टांग उठाकर कमोड पर रख दिया और साड़ी उठाकर बोली- लण्ड बुर में डालो।
मैंने बुर में लण्ड घुसा दिया और खड़े-खड़े चोदने लगा। इस पोजिशन में पहली बार चोद रहा था।
मामी बोली- तुम्हारे मामा के दफ़्तर का पेवन था। कहने आया था की मामा दो दिन के लिए काम से बाहर गये हैं। दो दिन बाद घर आएंगे। रूबी को आने में अभी 15 मिनट देर है, तब तक तुम चोदो मुझे। आज रात तुम ठहर जाओ। कल जाना। रात में जी भरके चोदना…”
5 मिनट बाद मामी का बदन अकड़ने लगा- “उम्म्मह… आअहह… उम्म्म्ममह… आआहह… उनकी बुर ने पानी छोड़ना शुरू किया उम्म्मह… वो मुझसे लिपट गयी, बुर मेरे लण्ड पर दबाती जा रही थीं। उम्म्म्ममह… आआहह… उनकी बदन में लहरें उठ रही थीं। उउउम्म्म्ममह… आआहह…
मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा था।
“आअहह… इमरान, बाप रे बाप… कितना पानी निकला है आज। उंह…” वो मुझे चूमने लगीं। मेरे गाल होंठ चूम-चूम के भर डाला। फिर बोली- “इमरान, आज जितना पानी मेरी बुर ने कभी नहीं छोड़ा था। मुझे लग रहा था मेरे बदन का सारा पानी निचुड़कर निकल रहा है। पानी निकलने का शुख भी क्या शुख है… उंह…” फिर चूमा और बोली- “मजा आ गया। बड़ा मजा है रे तेरे लण्ड में…”
अब मैं भी क्लाइमक्स की ओर बढ़ रहा था, मेरी बाहें उनकी कमर के गिर्द जकड़ती जा रही थीं। वो समझती थीं की उन्होंने अपने आपको मेरे हवाले कर दिया था और मेरे सर के बालों पे हाथ फेर रही थीं। मैं घुटने मोड़ करके नीचे से ऊपर की ओर धक्के दे रहा था, जबरदस्त धक्के। फिर मैं भी मामी की बुर के अंदर पिचकारी मारने लगा।
मैंने भी आवाज़ें निकालकर पानी छोड़ा- “हूओंम्म… हूओंम्म… हूंम्म…” इस तरह 7-8 पिचकारी मारी होगी। फिर लड़खड़ा कर खड़ा हुआ। और उनकी कमर छोड़ दी।
मामी मेरे सर पे हाथ फेर कर फिर होंठ चूमकर बोली- मेरा बच्चा, कितना दिल लगाकर चोदता है।
तभी दरवाजा पे किसी ने दस्तक दी।
तभी दरवाजा पे किसी ने दस्तक दी।
मामी बोली- “लगता है की रूबी आ गयी।
मुझे भी लग रहा था। जैसे ही मेरी पकड़ ढीली हुई मामी भागी। दरवाजा खोला तो रूबी थी।
रूबी बोली- “कितना टाइम लगाती हो दरवाजा खोलने में।
मामी- मैं बाथरूम में थी।
रूबी- “भैया हैं…”
मामी बोली- “हाँ… मैं निकली वो बाथरूम में घुसा…” मामी ने रूबी से कहा- “तुम्हारे पापा दो दिन के लिए बाहर गये हैं। मैं इमरान से बोल रही हूँ की रुक जाए। वो नहीं मान रहा। तुम कहो तो शायद मान जाए…”
रूबी जिद करने लगी।
मैंने कहा- अम्मी इंतेजार करेंगी।
मामी ने कहा- हम बाजार चलेंगे पी॰सी॰ओ॰ फोन से काल कर देंगे।
फिर हमारा बाजार और पार्क जाने का प्रोग्राम बना। हम पार्क गये। वहाँ रूबी ने मेरे साथ खूब खेला। मामी को जब भी मौका मिलता, पूछती- “तुमने कहाँ से सीखा। कितनी लड़कियों को अब तक चोद चुके हो…”
मैं टालता रहा। फिर हमने बाहर ही खाना खाया और घर आते ही रूबी सोने चली गई और मुझे उसके पास सोने को जिद करने लगी। मामी ने समझाकर मुझे ड्राइंग रूम में सुलाया। कुछ ही देर में मामी नाइटी पहनकर मेरे कमरे में आ गईं। आते ही रूम का दरवाजा अंदर से बंद किया। और मेरे ऊपर चढ़ गयीं। उनपर मेरे लण्ड ने जादू कर दिया था।
मामी- “इमरान, बताओ ना इतना अच्छा चोदना कैसे सीखा…”
मैंने पिकनिक का सारा वाकिया बता दिया।
मामी बोली- “चार-चार लड़कियों को तीन तीन बार चोदे वो भी एक दिन में… मुझे आज रात कितनी बार चोद सकोगे…”
मैंने कहा- “तीन बार तो जरूर…”
मामी- “ठीक है तीन बार तुम्हारी तरफ से एक बार मेरी तरफ से 4 बार…” मामी ने अपना नाइटी उतार फेंका और कहा- “अब देख लो…”
मैंने कहा- नाइट बल्ब में कुछ दिखता है क्या।
उन्होंने कहा- ठीक है, ट्यूब जला लो।
मैं उठा और ट्यूब जला दिया। मामी चित पड़ी थीं। हाथ फैलाये टांगें फैलाये। यानी सारी खूबसूरती एक साथ दिखाती हुईं। उनके चेहरे पे मुश्कुराहट थी, यानी उन्हें अपने हुश्न पर नाज था। वो सच में खूबसूरत थीं। मैंने अपने सारे कपड़े उतारे और उनके पैर पकड़के पलंग के किनारे पे खींच लिया। ऐसा की उनकी कमर पलंग के किनारे पे थी। उनकि टाँगों को उन्हें पकड़ा दिया और खुद बैठकर बुर को चाटने लगा। बुर की गहराई तक जबान डालकर चाटने लगा। मामी की दोनों टाँगें छत की तरफ उठी हुई थी। मेरा लण्ड अब और बाहर रहने के लिए राजी नहीं था।
उधर मामी कह रही थी- इमरान, मुझे लण्ड दो जबान नहीं। लण्ड डालो इमरान तुम्हारी जबान भी अच्छी है। लेकिन लण्ड की बात कुछ और है।
मैं भी तैयार था लण्ड बुर में घुसा दिया और शुरू से ही स्पीड बढ़ा दी।
मामी किसी शायर के शेर पे दाद देने जैसा बोल रही थीं- “वाह इमरान वाह… मजा आ गया। मुझे एक शादीशुदा अच्छी तरह चुदी हुई औरत बना दो। सब मुझसे कहते हैं तू चुदती है की नहीं। एक बच्चे की माँ बन गयी लेकिन तेरा बदन तो कुँवारियों जैसा है, गाण्ड फैली नहीं, छाती टाइट की टाइट है। आज सब कुछ ढीला कर दो। जी भरके चोदो…”
मैं ठाप पे ठाप लगा रहा। मैं पलंग के नीचे खड़ा होकर मार रहा था। फिर मैंने मामी से कहा- मामी मेरी कमर पर पैर लपेटिए। और उन्हें खींच कर उठाया और उन्हें अपनी बाहें मेरे गले में डालने को कहा। मैंने उन्हें उठा लिया अब वो मेरे गले में झूल रही थी।
मेरा लण्ड उनकी बुर के अंदर था। मैं उनकी गाण्ड के नीचे हाथ देकर ऊपर-नीचे करने लगा। मामी प्यार से मेरा मुँह चूम रही थी। मामी ने कहा- “मेरा बच्चा मुझे गोद में ले रहा है। कितना प्यारा बच्चा है। इमरान, तुमने मेरा दिल खुश कर दिया।
मैंने शरारत से कहा- मैं सेवा तो आपकी बुर की कर रहा हूँ। दिल कैसे खुश हो गया।
मामी ने कहा- गलती हो गयी बाबा। तुमने मेरी बुर को खुश कर दिया। और कितने पैंतरे जानते हो।
मैंने कहा- मामी यह तो अभी-अभी दिमाग में आया।
उनके ना चाहते भी उनकी पीठ एक दीवार से टकरा गयी। मैंने उन्हें दीवार से सटा दिया। कुछ वजन हल्का लगा। मैं उन्हें उसी तरह दीवार पे सटाकर धक्के मारने लगा। अब धक्के मारना ज्यादा आसान हो गया। और जोरदार पड़ने लगा।
मामी बोली- दीवार गिराने का इरादा है क्या…
मैंने कहा- “नहीं… आपकी गाण्ड को फैलाना है, आप चाहती हैं ना…” मैंने उन्हें दीवार से अलग किया और फिर जोर से दीवार में धक्का दिया, पीछे से दीवार का धक्का सामने से मेरा धक्का।
चार पाँच धक्के के बाद मामी बोली- “आह्ह… इमरान, ऐसे नहीं। ऐसे तो तकलीफ होती है। नीचे घोड़ी बनाके पीछे से चोदते हैं। तभी गाण्ड फैलती है…” दोनों अब तक पशीने से तरबतर थे। पंखा चल तो रहा था लेकिन बदन जल रहा था।
इतने में मामी मुझसे चिपक गयीं- “उउउन्ममम्ममम… उउउम्म्मह… की आवाज के साथ बुर से पानी छोड़ने लगी। मैं भी थक गया था, उन्हें लेकर नीचे फर्श पर चित लेट गया। वो मेरे ऊपर थीं, लण्ड उनकी बुर के अंदर था। वो हाथ से मेरे पशीने पोंछने लगीं, मुझे प्यार करने लगीं।
मामी- “इमरान, मेरा बच्चा कितना खुशी देगा रे मुझे। ले दुधू पी…” कहकर मेरे होंठ में चूचुकों को सटा दिया।
मैं चूचुकों को चूसने लगा, फिर शरारत से कहा- मामी, दुधू नहीं निकल रहा।
मामी बोली- “घूंसे मार, जैसे बकरी का दूध दुहते हैं। वेसे ही दुह…”
मैं दोनों छातियों हल्के-हल्के घूंसे मारने लगा फिर दुहने लगा।
मामी बोल रही थी- “अब चूचुकों को खींच, जैसे बकरी के खींचे जाते हैं…”
मैं वेसे ही खींचने लगा। मुझे पता था ऐसे में मामी को तकलीफ होगी। उनके चेहरे से तकलीफ जाहिर भी थी। वो कमर को गोल-गोल घुमा रही थी लण्ड पर।
मामी- “इमरान, तुझे तकलीफ तो नहीं हो रही है ना। मैं अपना सब कुछ ढीला करवाना चाहती हूँ। चुदी हुई दिखना चाहती हूँ। और सुन किसी से बोलना मत। इस बेहतरीन चुदाई से मैं तेरा बच्चा इसी बुर से पैदा करना चाहती हूँ। बिल्कुल तेरे जैसा बेटा। तेरे मामा अब एक और बच्चा के लिए कह रहे हैं। हम एक साल से किसी एहतियात के बिना चुदाई कर रहे हैं लेकिन अभी तक बच्चा नही ठहरा। मेरी एक सहेली है ना शादी के वक़्त पतली थी। शादी के दो साल बाद दो बच्चों की माँ बन गयी, और चालीस इंच कमर। मैंने पूछा तो उसने बताया की उसका शौहर रोजाना दो बार कूटता है। एक बार आगे से एक बार पीछे से। ऐसे गाण्ड मटका कर चलती है जैसे अभी-अभी चुदवा कर आई है…”
मैं लगातार उनका दूध दुह रहा था। अचानक मुझे लगा मेरे गाल पर एक बूँद पानी का गिरा। मैंने गौर किया तो चूचुकों के मुँह पर सफेद पानी टपक रहा। था मैंने चूचुकों को मुँह में लिया तो वाह… क्या मीठा दूध था… मैंने मामी को बताया तो उन्हें भी ताज्जुब हुआ।
मामी- “वाह इमरान, तू तो पत्थर से भी रस निकाल सकता है रे। निचोड़ डाल सारा रस इससे, अब तेरे सिवा कोई पीने वाला नहीं। मुझे तो लगने लगा है तेरे मामा अब मुझे चोदने से डरने लगें हैं। मुझे एक बार और माँ बनना है, एक लड़के को जनम देना है…” वो अब गाण्ड उछल-उछल के मुझे चोद रही थी।
मेरा बदन अकड़ने लगा मैंने उनकी कमर को पकड़ लिया और उन्हें उठा-उठाकर अपने लण्ड पर धक्के मारने लगा। फिर मेरे लण्ड ने मामी की बुर के अंदर उल्टी करना शुरू कर दिया। फिर सब कुछ थम सा गया। मामी मेरे ऊपर लेटी हुई थी, लण्ड उनकी बुर के अंदर ही था।
मामी बोली- अबकी बार मैं गधी बनूँगी, तुम गधे की तरह चोदना।
मैंने पूछा- गधा ही क्यों…
मामी बोली- क्योंकी गधे का लण्ड दुनियां में सबसे लंबा होता है। एक हाथ से भी लंबा।
मैंने पूछा- “आपने देखा है…”
उन्होंने कहा- हाँ… उसी ने तो 15 साल की उम्र में चुदने के लिए मजबूर किया था।
मैंने कहा- “वो कैसे…”
हमारे गॉव में एक आदमी ने गधे पाले हुये थे, तीन गधी एक गधा। एक बार स्कूल से आते वक़्त एक तालाब के पास मैं और मेरी एक सहेली पेशाब करने बैठीं थीं की उस गधे ने हमारे सामने अपना लण्ड खड़ा कर लिया। पहले हम समझ नहीं पाए की यह क्या है… लेकिन जब वो हमारे बिल्कुल सामने गधी पर चढ़ गया। और उसका लण्ड गधी की चूत में घुस गया। तो हमारी समझ में सब कुछ आ गया की क्या हो रहा है। हम दम साधे देखते रहे।
गधा 4-5 मिनट तक गधी पर चढ़ा रहा। फिर उतर गया। उसका लण्ड बाहर आ गया, लण्ड से रस टपक रहा था। फिर आहिस्ता-आहिस्ता लण्ड सिकुड़ता चला गया और पूरा खोल के अंदर समा गया। तब हम दोनों की साँस चली। हम दोनों के मुँह से निकला- “इतना लंबा… पूरा अंदर चला गया था…”
हम खिलखिलाती हुई उठीं और घर चलने लगी। रास्ते भर सिर्फ़ उसी की बात होती रही।
कहानी ज़ारी है… …
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पिरी- “कैसे किया पूरा डीटेल बताओ…” अब वो जोश में आ चुकी थी और जोर-जोर कमर हिला रही थी।
मैंने कहा- “मैं अपने मामा के घर गया था। देखा मामी अकेली हैं। उनकी पाँच साल की एक बेटी है। मामी बड़ी सेक्सी हैं। मेरी नीयत खराब हो गयी। मैंने शाम तक रुकने का फैसला कर लिया। सब जानकारी ले ली। बेटी 1:00 बजे स्कूल से आएगी फिर 3:00 बजे ट्यूशन के लिए चली जाएगी। मामा रात को 10:00 बजे घर आएंगे। हमने रूबी के स्कूल से आने के बाद खाना खाया और उनके बेडरूम में खेलने लगे।
मेरी नीयत की वजह से मेरा लण्ड फूलने लगा था। मैं मामी को दिखाकर अंजन बनते हुए लण्ड को बार-बार अड्जस्ट कर रहा था। 3:00 बजे रूबी ट्यूशन के लिए निकली और मुझसे कहा उसके आने तक रुकूं। उसके जाने के बाद बेड पर आकर लेट गया और लण्ड को जरा सा सहलाकर सख़्त किया। और जरा तिरछा करके लेट गया इस तरह की लण्ड का उभार पैंट के ऊपर से साफ दिखने लगा। मैंने आँख बंद कर लिया, मैं इंतेजार करने लगा। मामी रूबी को दरवाजे पर छोड़कर शायद बाथरूम गयीं। फिर वो कमरे में आ गयीं। मैंने सोने का आक्टिंग किया। मामी अंदर आकर मेरे पास आई, कुछ देर सन्नाटा रहा।
फिर उन्होंने हाथ मेरे माथे पर फेरते हुए कहा- इमरान, सो गये क्या।
मैंने कोई जवाब नहीं दिया। फिर उनका कांपता हुआ एक हाथ मेरे लण्ड पर गया। मैंने दम साध लिया। वो उसे कपड़े के ऊपर से सहलाने लगीं। लण्ड फौरन खड़ा हो गया। अब पैंट फाड़ने को तैयार था। मामी ने चैन खोला और लण्ड को चड्डी के अंदर से खींचना चाहा। लेकिन मेरे खड़े लण्ड को पैंट का हुक खोले बिना बाहर निकालना मुश्किल था। उन्होंने हुक खोल डाला और लण्ड को बाहर निकाल लिया। और झट से उसपर मुँह लगा दिया और चूसने लगीं। एक मिनट बाद मैंने आँखे खोल दी और देखने लगा। उन्हें होश नहीं था वो पागलों की तरह चूस रही थीं।
मैंने कहा- “मामी…”
उनकी हालत देखने वाली थी। मुँह के अंदर लण्ड था, मेरी तरफ नजरें उठी और शर्म से मुँह मेरी गोद में गाड़ दिए। फिर उठीं और भागने लगीं। मैंने दौड़कर पीछे से पकड़ लिया। मेरा लण्ड उनकी गाण्ड पर दबा हुआ था। मैंने कहा- “मामी प्लीज चूसो ना। बहुत मजा आ रहा था…” मैं लगातार प्लीज प्लीज कर रहा था।
आखिर मामी बोली- अच्छा करती हूँ। किसी को कहोगे तो नहीं।
मैंने कहा- “नहीं करोगी तो कह दूँगा अम्मी से। करोगी तो नहीं कहता…” फिर मैं आकर बेड पर चित लेट गया, लण्ड आसमान की तरफ सर उठाए खड़ा था।
मामी अब मजे ले लेकर बिना डरे चूसने लगीं। कुछ देर बाद मैंने उनकी एक छाती को छूने की कोशिश की तो उन्होंने ने डाँटा- यह क्या कर रहे हो।
मैंने कहा- “आप मेरे सामान से खेल रही हो। मैंने भी आपके सामान से खेलना है…” और उनकी एक छाती को पकड़ लिया और दबाने लगा। दूसरी छाती तक मेरा हाथ नहीं जा रहा था। मैंने उन्हें खींचकर अपनी छाती पर लिटा लिया और पलट गया। अब वो मेरे नीचे थीं। मैं ब्लाउज़ के बटन खोलने लगा।
मामी माना करने लगीं।
मैंने कहा- “मामी, मत रोको… मैं नहीं रुक सकता। मैंने दोस्तों से सुना है की लण्ड खड़ा हो जाए तो लड़की का दूध चूसते हैं…”
मामी फिर भी रोकती रहीं।
तो मुझे कहना पड़ा- “मामी आपने मेरा लण्ड चूसना शुरू किया था। यह बात मैं अम्मी से ना बताऊँ तो आप मेरे लण्ड को पहले जैसा नरम कर दीजिए। और नहीं तो मुझे जो करना है करने दीजिए…”
मामी को मेरा इरादा पता चल गया वो ढीली पड़ गयी। मैंने मौका देखा और ब्लाउज़ के बटन खोल दिए। और चूचियां चूसने लगा। मैं बोला- मामी, आपका दूध बहुत मीठा है। मामी सर एक तरफ किए नाराजगी की आक्टिंग कर रही थीं। मैं लण्ड को उनकी बुर पर रगड़ रहा था, जिससे उन्हें तकलीफ हो रही थी। उन्होंने खुद ही टाँगों को खोल दिए। ताकि लण्ड उनकी टाँगों के बीच में रहे।
मैं मामी की साड़ी उठाने लगा तो मामी फिर एतेराज करने लगीं।
मैंने कहा- मामी मुझे मालूम है अगर दूध चूसने पर लण्ड नरम ना हो तो बुर में घुसते ही दो मिनट में नरम हो जाएगा। बोलो, रूबी के आने से पहले खेल खतम करना है की नहीं।
मामी चुप रही।
मैंने झट उनकी टाँगों के बीच बैठकर साड़ी नाभि के ऊपर उठा दिया। वो टाँगों को जोड़ने की कोशिश करने लगीं। लेकिन मैं बीच में बैठा था फिर उन्होंने अपना एक हाथ बुर पर रख दिया, आँखें बंद थीं, मैंने उनका हाथ हटाया और मुँह लगाकर बुर को चाटने लगा।
मामी ने आँखें खोल दी और कहा- “इमरान तुम यह काम पहले कर चुके हो ना…”
मैंने कहा- नहीं मामी, दोस्तों से सुना है।
मामी- ऐसा हो ही नहीं सकता।
मैं अब उनकी बातों का जवाब ना देकर बुर के अंदर जबान घुसाने लगा और कहा- “मामी आपकी बुर लाजवाब है…” फिर मैं बैठा और लण्ड मामी की बुर के मुँह में रखा।
मामी ने फिर एतेराज किया। बोली- “इमरान, यह तो मत करो ना। बहुत गुनाह होगा…”
मैंने कहा- आप जो लण्ड चूस रही थीं वो क्या सवाब का काम था…” कहकर मैंने लण्ड पर दबाओ डाला और लण्ड घुसता चला गया। एक बच्ची की माँ होने के बावजूद उनकी बुर काफी टाइट थी। मुझे मालूम था उन्हें बड़े प्यार से चोदना है। मैंने वैसा ही किया। पूरा लण्ड अंदर ना घुसाकर अंदर-बाहर करने लगा। मामी ने आँखें बंद कर ली। मैं उनके ऊपर झुक गया और दूध चूसते हुए आहिस्ता-आहिस्ता कमर हिला रहा था।
मामी बोली- इमरान जल्दी-जल्दी मारो, जल्दी खतम करो। रूबी आ जाएगी।
मैंने कहा- आपको तकलीफ होगी। इसलिए आहिस्ता कर रहा था।
मामी बोली- मैं कोई कुँवारी बच्ची हूँ की तकलीफ होगी। बच्चा जन चुकी हूँ। मेरी परवाह मत कर, बस जल्दी खतम कर नहीं तो कोई आ जाएगा।
मैंने स्पीड बढ़ाई, दो मिनट बाद मैं पूरी ताकत से चोद रहा था। मामी तड़प रही थी, वो अब अपना असली रंग दिखा रही थी। मेरे सर को अपनी छाती पर दबा रही थी। दाँत भींच रही थीं, बोली- “राजा चोदो राजा बड़ा मजा आ रहा है…”
मैंने कहा- यह राजा कौन है…”
मामी बोली- मैं रूबी के पापा को राजा कहती हूँ।
मैं- “मामी मजा आ रहा है ना…”
मामी बोली- पूछ मत, बस चोदता रह।
मैंने पूछा- “मामी, मामा से भी इसी तरह मजा आता है…”
मामी बोली- “तोबा करो, उनका पतला छोटा सा और तेरा इतना बड़ा, इतना मोटा। बड़ा मजा आ रहा है…”
इतने में किसी ने दरवाजा खतखटाया।
मामी झट से मुझे एक तरफ धकेलकर बोली- रूबी आ गईं। बाथरूम भागो अपना लण्ड लेकर।
मैं बाथरूम भागा, वो दरवाजा की तरफ। कुछ देर में मामी बाथरूम का दरवाजा खटखटा रही थी- इमरान, दरवाजा खोलो।
मैंने दरवाजा खोल दिया। वो आकर मुझसे लिपट गयी। मेरे लण्ड को पकड़ लिया और सहलाने लगीं, एक टांग उठाकर कमोड पर रख दिया और साड़ी उठाकर बोली- लण्ड बुर में डालो।
मैंने बुर में लण्ड घुसा दिया और खड़े-खड़े चोदने लगा। इस पोजिशन में पहली बार चोद रहा था।
मामी बोली- तुम्हारे मामा के दफ़्तर का पेवन था। कहने आया था की मामा दो दिन के लिए काम से बाहर गये हैं। दो दिन बाद घर आएंगे। रूबी को आने में अभी 15 मिनट देर है, तब तक तुम चोदो मुझे। आज रात तुम ठहर जाओ। कल जाना। रात में जी भरके चोदना…”
5 मिनट बाद मामी का बदन अकड़ने लगा- “उम्म्मह… आअहह… उम्म्म्ममह… आआहह… उनकी बुर ने पानी छोड़ना शुरू किया उम्म्मह… वो मुझसे लिपट गयी, बुर मेरे लण्ड पर दबाती जा रही थीं। उम्म्म्ममह… आआहह… उनकी बदन में लहरें उठ रही थीं। उउउम्म्म्ममह… आआहह…
मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा था।
“आअहह… इमरान, बाप रे बाप… कितना पानी निकला है आज। उंह…” वो मुझे चूमने लगीं। मेरे गाल होंठ चूम-चूम के भर डाला। फिर बोली- “इमरान, आज जितना पानी मेरी बुर ने कभी नहीं छोड़ा था। मुझे लग रहा था मेरे बदन का सारा पानी निचुड़कर निकल रहा है। पानी निकलने का शुख भी क्या शुख है… उंह…” फिर चूमा और बोली- “मजा आ गया। बड़ा मजा है रे तेरे लण्ड में…”
अब मैं भी क्लाइमक्स की ओर बढ़ रहा था, मेरी बाहें उनकी कमर के गिर्द जकड़ती जा रही थीं। वो समझती थीं की उन्होंने अपने आपको मेरे हवाले कर दिया था और मेरे सर के बालों पे हाथ फेर रही थीं। मैं घुटने मोड़ करके नीचे से ऊपर की ओर धक्के दे रहा था, जबरदस्त धक्के। फिर मैं भी मामी की बुर के अंदर पिचकारी मारने लगा।
मैंने भी आवाज़ें निकालकर पानी छोड़ा- “हूओंम्म… हूओंम्म… हूंम्म…” इस तरह 7-8 पिचकारी मारी होगी। फिर लड़खड़ा कर खड़ा हुआ। और उनकी कमर छोड़ दी।
मामी मेरे सर पे हाथ फेर कर फिर होंठ चूमकर बोली- मेरा बच्चा, कितना दिल लगाकर चोदता है।
तभी दरवाजा पे किसी ने दस्तक दी।
तभी दरवाजा पे किसी ने दस्तक दी।
मामी बोली- “लगता है की रूबी आ गयी।
मुझे भी लग रहा था। जैसे ही मेरी पकड़ ढीली हुई मामी भागी। दरवाजा खोला तो रूबी थी।
रूबी बोली- “कितना टाइम लगाती हो दरवाजा खोलने में।
मामी- मैं बाथरूम में थी।
रूबी- “भैया हैं…”
मामी बोली- “हाँ… मैं निकली वो बाथरूम में घुसा…” मामी ने रूबी से कहा- “तुम्हारे पापा दो दिन के लिए बाहर गये हैं। मैं इमरान से बोल रही हूँ की रुक जाए। वो नहीं मान रहा। तुम कहो तो शायद मान जाए…”
रूबी जिद करने लगी।
मैंने कहा- अम्मी इंतेजार करेंगी।
मामी ने कहा- हम बाजार चलेंगे पी॰सी॰ओ॰ फोन से काल कर देंगे।
फिर हमारा बाजार और पार्क जाने का प्रोग्राम बना। हम पार्क गये। वहाँ रूबी ने मेरे साथ खूब खेला। मामी को जब भी मौका मिलता, पूछती- “तुमने कहाँ से सीखा। कितनी लड़कियों को अब तक चोद चुके हो…”
मैं टालता रहा। फिर हमने बाहर ही खाना खाया और घर आते ही रूबी सोने चली गई और मुझे उसके पास सोने को जिद करने लगी। मामी ने समझाकर मुझे ड्राइंग रूम में सुलाया। कुछ ही देर में मामी नाइटी पहनकर मेरे कमरे में आ गईं। आते ही रूम का दरवाजा अंदर से बंद किया। और मेरे ऊपर चढ़ गयीं। उनपर मेरे लण्ड ने जादू कर दिया था।
मामी- “इमरान, बताओ ना इतना अच्छा चोदना कैसे सीखा…”
मैंने पिकनिक का सारा वाकिया बता दिया।
मामी बोली- “चार-चार लड़कियों को तीन तीन बार चोदे वो भी एक दिन में… मुझे आज रात कितनी बार चोद सकोगे…”
मैंने कहा- “तीन बार तो जरूर…”
मामी- “ठीक है तीन बार तुम्हारी तरफ से एक बार मेरी तरफ से 4 बार…” मामी ने अपना नाइटी उतार फेंका और कहा- “अब देख लो…”
मैंने कहा- नाइट बल्ब में कुछ दिखता है क्या।
उन्होंने कहा- ठीक है, ट्यूब जला लो।
मैं उठा और ट्यूब जला दिया। मामी चित पड़ी थीं। हाथ फैलाये टांगें फैलाये। यानी सारी खूबसूरती एक साथ दिखाती हुईं। उनके चेहरे पे मुश्कुराहट थी, यानी उन्हें अपने हुश्न पर नाज था। वो सच में खूबसूरत थीं। मैंने अपने सारे कपड़े उतारे और उनके पैर पकड़के पलंग के किनारे पे खींच लिया। ऐसा की उनकी कमर पलंग के किनारे पे थी। उनकि टाँगों को उन्हें पकड़ा दिया और खुद बैठकर बुर को चाटने लगा। बुर की गहराई तक जबान डालकर चाटने लगा। मामी की दोनों टाँगें छत की तरफ उठी हुई थी। मेरा लण्ड अब और बाहर रहने के लिए राजी नहीं था।
उधर मामी कह रही थी- इमरान, मुझे लण्ड दो जबान नहीं। लण्ड डालो इमरान तुम्हारी जबान भी अच्छी है। लेकिन लण्ड की बात कुछ और है।
मैं भी तैयार था लण्ड बुर में घुसा दिया और शुरू से ही स्पीड बढ़ा दी।
मामी किसी शायर के शेर पे दाद देने जैसा बोल रही थीं- “वाह इमरान वाह… मजा आ गया। मुझे एक शादीशुदा अच्छी तरह चुदी हुई औरत बना दो। सब मुझसे कहते हैं तू चुदती है की नहीं। एक बच्चे की माँ बन गयी लेकिन तेरा बदन तो कुँवारियों जैसा है, गाण्ड फैली नहीं, छाती टाइट की टाइट है। आज सब कुछ ढीला कर दो। जी भरके चोदो…”
मैं ठाप पे ठाप लगा रहा। मैं पलंग के नीचे खड़ा होकर मार रहा था। फिर मैंने मामी से कहा- मामी मेरी कमर पर पैर लपेटिए। और उन्हें खींच कर उठाया और उन्हें अपनी बाहें मेरे गले में डालने को कहा। मैंने उन्हें उठा लिया अब वो मेरे गले में झूल रही थी।
मेरा लण्ड उनकी बुर के अंदर था। मैं उनकी गाण्ड के नीचे हाथ देकर ऊपर-नीचे करने लगा। मामी प्यार से मेरा मुँह चूम रही थी। मामी ने कहा- “मेरा बच्चा मुझे गोद में ले रहा है। कितना प्यारा बच्चा है। इमरान, तुमने मेरा दिल खुश कर दिया।
मैंने शरारत से कहा- मैं सेवा तो आपकी बुर की कर रहा हूँ। दिल कैसे खुश हो गया।
मामी ने कहा- गलती हो गयी बाबा। तुमने मेरी बुर को खुश कर दिया। और कितने पैंतरे जानते हो।
मैंने कहा- मामी यह तो अभी-अभी दिमाग में आया।
उनके ना चाहते भी उनकी पीठ एक दीवार से टकरा गयी। मैंने उन्हें दीवार से सटा दिया। कुछ वजन हल्का लगा। मैं उन्हें उसी तरह दीवार पे सटाकर धक्के मारने लगा। अब धक्के मारना ज्यादा आसान हो गया। और जोरदार पड़ने लगा।
मामी बोली- दीवार गिराने का इरादा है क्या…
मैंने कहा- “नहीं… आपकी गाण्ड को फैलाना है, आप चाहती हैं ना…” मैंने उन्हें दीवार से अलग किया और फिर जोर से दीवार में धक्का दिया, पीछे से दीवार का धक्का सामने से मेरा धक्का।
चार पाँच धक्के के बाद मामी बोली- “आह्ह… इमरान, ऐसे नहीं। ऐसे तो तकलीफ होती है। नीचे घोड़ी बनाके पीछे से चोदते हैं। तभी गाण्ड फैलती है…” दोनों अब तक पशीने से तरबतर थे। पंखा चल तो रहा था लेकिन बदन जल रहा था।
इतने में मामी मुझसे चिपक गयीं- “उउउन्ममम्ममम… उउउम्म्मह… की आवाज के साथ बुर से पानी छोड़ने लगी। मैं भी थक गया था, उन्हें लेकर नीचे फर्श पर चित लेट गया। वो मेरे ऊपर थीं, लण्ड उनकी बुर के अंदर था। वो हाथ से मेरे पशीने पोंछने लगीं, मुझे प्यार करने लगीं।
मामी- “इमरान, मेरा बच्चा कितना खुशी देगा रे मुझे। ले दुधू पी…” कहकर मेरे होंठ में चूचुकों को सटा दिया।
मैं चूचुकों को चूसने लगा, फिर शरारत से कहा- मामी, दुधू नहीं निकल रहा।
मामी बोली- “घूंसे मार, जैसे बकरी का दूध दुहते हैं। वेसे ही दुह…”
मैं दोनों छातियों हल्के-हल्के घूंसे मारने लगा फिर दुहने लगा।
मामी बोल रही थी- “अब चूचुकों को खींच, जैसे बकरी के खींचे जाते हैं…”
मैं वेसे ही खींचने लगा। मुझे पता था ऐसे में मामी को तकलीफ होगी। उनके चेहरे से तकलीफ जाहिर भी थी। वो कमर को गोल-गोल घुमा रही थी लण्ड पर।
मामी- “इमरान, तुझे तकलीफ तो नहीं हो रही है ना। मैं अपना सब कुछ ढीला करवाना चाहती हूँ। चुदी हुई दिखना चाहती हूँ। और सुन किसी से बोलना मत। इस बेहतरीन चुदाई से मैं तेरा बच्चा इसी बुर से पैदा करना चाहती हूँ। बिल्कुल तेरे जैसा बेटा। तेरे मामा अब एक और बच्चा के लिए कह रहे हैं। हम एक साल से किसी एहतियात के बिना चुदाई कर रहे हैं लेकिन अभी तक बच्चा नही ठहरा। मेरी एक सहेली है ना शादी के वक़्त पतली थी। शादी के दो साल बाद दो बच्चों की माँ बन गयी, और चालीस इंच कमर। मैंने पूछा तो उसने बताया की उसका शौहर रोजाना दो बार कूटता है। एक बार आगे से एक बार पीछे से। ऐसे गाण्ड मटका कर चलती है जैसे अभी-अभी चुदवा कर आई है…”
मैं लगातार उनका दूध दुह रहा था। अचानक मुझे लगा मेरे गाल पर एक बूँद पानी का गिरा। मैंने गौर किया तो चूचुकों के मुँह पर सफेद पानी टपक रहा। था मैंने चूचुकों को मुँह में लिया तो वाह… क्या मीठा दूध था… मैंने मामी को बताया तो उन्हें भी ताज्जुब हुआ।
मामी- “वाह इमरान, तू तो पत्थर से भी रस निकाल सकता है रे। निचोड़ डाल सारा रस इससे, अब तेरे सिवा कोई पीने वाला नहीं। मुझे तो लगने लगा है तेरे मामा अब मुझे चोदने से डरने लगें हैं। मुझे एक बार और माँ बनना है, एक लड़के को जनम देना है…” वो अब गाण्ड उछल-उछल के मुझे चोद रही थी।
मेरा बदन अकड़ने लगा मैंने उनकी कमर को पकड़ लिया और उन्हें उठा-उठाकर अपने लण्ड पर धक्के मारने लगा। फिर मेरे लण्ड ने मामी की बुर के अंदर उल्टी करना शुरू कर दिया। फिर सब कुछ थम सा गया। मामी मेरे ऊपर लेटी हुई थी, लण्ड उनकी बुर के अंदर ही था।
मामी बोली- अबकी बार मैं गधी बनूँगी, तुम गधे की तरह चोदना।
मैंने पूछा- गधा ही क्यों…
मामी बोली- क्योंकी गधे का लण्ड दुनियां में सबसे लंबा होता है। एक हाथ से भी लंबा।
मैंने पूछा- “आपने देखा है…”
उन्होंने कहा- हाँ… उसी ने तो 15 साल की उम्र में चुदने के लिए मजबूर किया था।
मैंने कहा- “वो कैसे…”
हमारे गॉव में एक आदमी ने गधे पाले हुये थे, तीन गधी एक गधा। एक बार स्कूल से आते वक़्त एक तालाब के पास मैं और मेरी एक सहेली पेशाब करने बैठीं थीं की उस गधे ने हमारे सामने अपना लण्ड खड़ा कर लिया। पहले हम समझ नहीं पाए की यह क्या है… लेकिन जब वो हमारे बिल्कुल सामने गधी पर चढ़ गया। और उसका लण्ड गधी की चूत में घुस गया। तो हमारी समझ में सब कुछ आ गया की क्या हो रहा है। हम दम साधे देखते रहे।
गधा 4-5 मिनट तक गधी पर चढ़ा रहा। फिर उतर गया। उसका लण्ड बाहर आ गया, लण्ड से रस टपक रहा था। फिर आहिस्ता-आहिस्ता लण्ड सिकुड़ता चला गया और पूरा खोल के अंदर समा गया। तब हम दोनों की साँस चली। हम दोनों के मुँह से निकला- “इतना लंबा… पूरा अंदर चला गया था…”
हम खिलखिलाती हुई उठीं और घर चलने लगी। रास्ते भर सिर्फ़ उसी की बात होती रही।
कहानी ज़ारी है… …
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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