FUN-MAZA-MASTI
पिकनिक का प्रोग्राम-6
फ्लैशबैक से वापस
पिरी ने एक दिन मुझसे कहा- “मैंने घर वालों से कह दिया है की मैं पहले तुम्हारे साथ हनीमून के लिए जाऊँगी फिर किसी से भी शादी कर लूँगी। किसी से भी जहाँ वो चाहें, वरना शादी के दिन मना कर दूँगी। घर वाले डरकर राजी हो गये हैं। हमें सटर्डे को जाना है। तुम अपने घर में कोई अच्छा सा बहाना बना लेना…”
मैं हिचकिचाते हुए राजी हो गया। गोआ में एक होटेल में हमारा कमरा बुक करवा दिया, पिरी के घर वालों ने। वो पिरी के पागलपन के सामने लाचार थे। हम दोनों गोआ पहुँच गये। रात में मस्ती की कमरे के अंदर। सुबह-सुबह समुंदर की तरफ चल दिए नहाने के लिए। पिरी ने बिकिनी पहन रखा था। ऊपर से दुपट्टा डाल लिया था। क्या लग रही थी बिकिनी में… खूबसूरत चेहरा, गोरा रंग, बड़ी-बड़ी चूचियां तनी हुई, गोल-गोल गाण्ड पीछे को उभरी हुई।
मैं उसके सामने बच्चा लग रहा था। खाशकर उसकी गाण्ड का साइज किसी को भी पागल कर देता। हम जिधर से भी गुजरते। मर्द घूम घूमकर उसे घूरते थे। जबकि उनके साथ औरतें थीं। वहाँ विदेशी भी थे। मैंने नजर दौड़ाया तो पूरे बीच में उससे ज्यादा खूबसूरत लड़की कोई नहीं थी, कम से कम मुझे नहीं दिखी। विदेशी भी उसके सामने फीके दिख रहे थे। उसे देखकर कुछ विदेशी काम्प्लीमेंटस भी दे गये “सो ब्यूटीफुल इंडियन” पिरी ने थैंक्स भी कह दिया।
वो इन सब बातों के लिए बिल्कुल तैयार होकर आई थी। हमने समुंदर में घंटो नाहया। हमने पानी में सबके सामने किस किया। मैंने उसकी चूचियां दबाईम चड्डी को साइड करके बुर में उंगली भी डाला। उसे किसी की परवाह नहीं थी। जब हम बुरी तरह थक गये तो अपने होटेल के कमरे में आए।
वो मुझसे लिपट गयी और कहा- आज मैं तुम्हारा रेप करना चाहती हूँ।
हम दोनों बिलकुल नंगे थे। और मुझे बेड पर धक्का दे दिया। और मुझ पर जंप कर दिया। वो मेरे सीने पर सवार हो गयी। मेरे दोनों हाथों को जैसे फिल्मों में औरतों को विलेन पकड़कर खोल देते हैं। फिर उसे किस करने की कोशिश करते हैं। उसी अंदाज में मेरे दोनों हाथ खोलके पकड़ लिए। और मेरे होंठों पर किस करने की कोशिश की।
मैंने भी अपना चेहरा घुमा लिया। उसके होंठ मेरे गाल पर पड़े। मैं खिलखिलाकर हँसने लगा।
उसने कहा- ये लड़के, सीधी तरह से मान जा वरना मुझे और भी पैंतरे आते हैं।
मैंने कहा- तुम्हें जो करना हो कर लो। लेकिन तुम अपने मकसद में कभी कामयाब नहीं होगी।
उसने पीछे हाथ लिया और मेरे अंडों को कसकर पकड़ लिया।
मैं बोला- “आ… अया… लगता है…”
उसने कहा- अब बोल सीधे-सीधे मुझे करने देगा या फोड़ दूं तेरे दोनों अंडे…”
मैं- अया… अया… कर लो जो मर्ज़ी।
वो बोली- “इतनी जल्दी हार मान गये…”
मैंने कहा- हार किसने मानी। खरबूजा अगर खुद छुरी पे गिरना चाहता है तो छुरी का क्या जाता है।
उसने कहा- खरबूजा तो जरूर कटेगा। लेकिन मेरे पास एक जूसर भी है। जिससे केले का जूस निकाला जाता है।
मैं उसकी बात पर हाहाहा हँसने लगा।
वो मुझ पर झुकी और मेरे होंठ पर इतनी जोर से कटा की खून निकल आए। वो बोली- आज मैं तेरा खून पी जाऊँगी। चोदने का बड़ा शौक है ना। आज मैं तुझे इसके लायक ही नहीं छोड़ूंगी…” फिर मेरे होंठ के खून को चाट-चाट कर साफ किया। फिर बोली- अगर तू मेरा नहीं हुआ तो किसी का नहीं हो सकता।
मैं अंदर तक सिहर गया। मेरे चेहरे से हँसी गएब हो गयी। मैं चकित रह गया। वो मेरे पूरे चेहरे को चाट रही थी। बुरी तरह आवाज़ें निकालकर उम्मह… छाप… आँह… छाप… मैं सहम गया था पता नहीं उसकी बातों में कितनी सच्चाई है, कितनी आक्टिंग। मैं कोई हरकत नहीं कर रहा था।
वो समझ गयी कुछ गड़बड़ है। उसने पूछा- “तुम इस तरह खामोश क्यों हो गये…”
मैंने कहा- तुम क्या-क्या बोल गयी, मेरी समझ में कुछ नहीं आया।
उसने मेरी आँखों में देखा जहाँ खौफ नजर आ गया। वो हँसने लगी- हाहाहा… तुम मेरी बातों से डर गये।
मैंने कहा- हाँ बुरी तरह।
वो हाहाहा हँसते हुए- कुछ मेरी आक्टिंग, पूरी हकीकत नहीं…
मैंने कहा- “यह आक्टिंग थी…”
उसने कहा- “और नहीं तो क्या… मैं तुम्हें नुकसान पहुँचाऊँगी, तुमने सोचा भी कैसे…” वो मुझे मारने लगी। तुम्हें नुकसान पहुँचने से पहले मैं अपनी जान ना दे दूँ…”
फिर हमने बड़े प्यार से चुदाई की फिर कपड़े बदलकर खाना खाया। रेस्ट करने के बाद 4:00 बजे बीच पर टहलने के लिए निकले। पिरी ने उस वक़्त सलवार-कमीज, सर में दुपट्टा लिए हुए थी। पानी पूरी खाये और जैसे ही फारिग हुए।
एक अधेड़ उम्र का आदमी मेरे पास आया। और मुझे पिरी से दूर लेजाकर मुझसे कहा- यह लड़की तुम्हारी गर्लफ्रेंड है।
मैंने कहा- “हाँ…”
उसने कहा- बहुत खूबसूरत है।
मैंने कहा- शुक्रिया।
उसने कहा- “एक बार के लिए दस हजार लोगे…”
मैंने कहा- मैं समझा नहीं।
उसने कहा- मेरे मालिक को यह लड़की बहुत पसंद आ गयी है।
मैंने कहा- तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है। भागो यहाँ से।
उसने कहा- प्लीज मुझ पर नाराज मत होइए, मैं नौकर हूँ। बीस ले लो।
मैंने झिड़कते हुए कहा- “जाओ यहाँ से। दुबारा कुछ कहा तो इतना मारूँगा की…”
उसने कहा- प्लीज़्ज़ पचास ले लो।
मैं तमाशा बनना नहीं चाहता था। मैं खूद ही उसके पास से चला आया।
पिरी मुझे गुस्से में देखकर पूछी- क्या बोल रहा था वो।
मैं- अरे छोड़ो ना, वो तुम्हें खरीदने को बोल रहा था। मैं हैरत में पड़ गया।
पिरी को गुस्सा आने के बजाए हँसने लगी। पूछा- कितना देगा।
मैंने कहा- पचास हजार देगा।
वो बोली- अरे वाह… मेरी बुर की कीमत पचास हजार।
इतने में वो आदमी हमरे पास मंडराने लगा बोला- एक लाख ले लो।
मैंने उसे फटकारते हुए कहा- तुम जाते हो की।
वो चला गया फिर कुछ देर में आ गया और बोला- दो लाख।
मैंने उसके कालर पकड़ लिए।
उसने हाथ जोड़ लिए और रोनी सी सूरत करके बोला- मेरी पूरी बात सुन लीजिए।
पिरी बोली- ठीक है, जरा भीड़ से अलग चलिए।
मैं मना करता रहा लेकिन पिरी बोली- बात सुनने में क्या हर्ज है।
मैंने कहा- मुझे मालूम है।
लेकिन पिरी ने बात काटते हुए कहा- मुझे जानना है की पूरी बात क्या है। ठीक है।
हम थोड़ी दूर आ गये तो वो बोला- बहन जी मेरे मलिक को आप पसंद आ गई हो।
पिरी ने चौंकने की आक्टिंग करते हुए कहा- क्या मतलब।
बहन जी नाराज मत होइए मेरी पूरी बात सुन लीजिए। फिर मुझे मार डालिए। मुझे तो आज मारना ही है। मुझे सिर्फ़ आप बचा सकती हैं।
पिरी ने कहा- बोलो।
मेरे मलिक को आप किसी भी कीमत पर चाहिए। वरना वो मुझे मार डालेगा। मैं दलाल नहीं हूँ और मेरे मलिक ने मुझसे ऐसा काम कभी नहीं कराया। लेकिन जब आप लोग नहा रहे थे उन्होंने आपको देख लिया, और बेइंतेहा पीने लगे और मुझे बुलाकर कहा की मुझे वो लड़की किसी भी कीमत पर चाहिए।
पिरी ने कहा- किसी भी कीमत का मतलब।
उस आदमी ने कहा- एक लाख, दो लाख, पांच लाख, दस लाख किसी भी कीमत पर।
पिरी को यह मजाक लगा उसने कह दिया- तो ठीक है तुम दस लाख लाओ। मैं तुम्हारी मदद करती हूँ।
उसने कहा- ठीक है, मैं 10 लाख के लिए बात करता हूँ। लेकिन जवान देने के बाद पलट नहीं सकते।
पिरी ने कहा- लेकिन इमरान मेरे साथ रहेंगे।
मैंने कहा- मैं तुम्हारे साथ क्या करूँगा रहकर। यह तुम क्या कर रही हो।
पिरी ने मेरे गाल पे चुटकी काटते हुए कहा- अरे उसके मलिक का नशा उतार जाएगी 10 लाख सुनकर।
मैंने कहा- “अगर मान गया तो…”
पिरी ने कहा- “थोड़ा नया अनुभव भी लो। कल जब मैं बराबर के लिए दूसरे की हो जाऊँगी तो क्या करोगे…” इसी से पता चल जाएगा। अभी से आदत डाल लो।
फिर उस सख्स ने कहा- मेडम एक साथ सभी नहीं मिलेंगे पहले 5 लाख फिर काम के बाद 5 लाख।
पिरी ने कहा- ठीक है, तुम पैसा हमारे होटेल के कमरे में लेकर आओ।
हम अपने होटेल चले आए वो मुझे चूमने लगी, मुझे मानने लगी और कहा- तुम नाराज हो गये। देखें तो सही एक साथ 10 लाख कैसा होता है।
मेरे भी दिल में 10 लाख एक साथ देखने की लालच जाग उठी थी। मैंने कहा- ठीक है तुम्हारी मर्ज़ी।
उसने मुँह फुलाते हुए कहा- तुम्हारा कुछ नहीं। मैं एक नौकर की मदद कर रही हूँ। कुछ बुराई के साथ कुछ अच्छा भी तो होगा।
इतने में वो सख्स आ गया और हमें एक बैग देकर कहा- मैं रात 8:00 बजे आऊँगा और आप लोगों को ले जाऊँगा।
इतने में वो सख्स आ गया और हमें एक बैग देकर कहा- मैं रात 8:00 बजे आऊँगा और आप लोगों को ले जाऊँगा।
फिर वो 8:00 बजे रात में आया। और हमको सामने वाले 5 स्टार होटेल में ले गया। हमें सीधे डाइनिंग हाल में ले गया। एक टेबल पर एक अरबी शेख बैठा था। उसने हमें खड़े होकर इसतेकबाल किया। हाल में हल्की रोशनी थी, सामने स्टेज पर दो बिल्कुल नंगी लड़कियां पोल डान्स कर रही थीं। अरबी ठीक से खड़ा भी नहीं हो पा रहा था। हम डान्स में मगन थे। हमने खाश कर मैंने ऐसा डान्स कभी नहीं देखा था। खाना लगाया गया, हम खाना खा रहे थे। अरबी पी रहा था। फिर खाना खत्म हुआ।
हम अरबी के रूम में आ गये। उसने इशारे से हम दोनों को प्यार करने को कहा।
हम अच्छे बच्चों की तरह किस करने लगे।
फिर उसने कहा कपड़े उतारो। हम एक दूसरे के कपड़े उतारने लगे। जब बिल्कुल नंगे हो गये तो वो खुद पलंग पर सीधा लेट गया। और पिरी से बोला उसके कपड़े उतारे। मैं जल कर रह गया। पिरी फौरन उसके पास गयी। और उसके कपड़े उतारने लगी। उसे पूरा नंगा कर दिया। उसका लण्ड मुझसे थोड़ा छोटा था। लेकिन मोटा था।
उसने कहा लण्ड चूसो पिरी लण्ड चूसने आगी। चाटने लगी। उसके अंडों को भी चाट डाला।
अब उसने कहा पिरी से की उसके लण्ड पर बैठ जाए। पिरी लण्ड पर बैठ गयी जब लण्ड पूरा उसकी बुर में घुस गया तो वो मेरी तरफ देखकर मुश्कुराने लगी।
अरबी ने उसकी दोनों चूचियां को पकड़ लिया और अपने और खींच लिया और चूचुकों चूसने लगा। और इशारे से मुझे पिरी की गाण्ड मारने का हुक्म दिया।
मैं खुश हुआ की चलो मुझे भी मौका मिल रहा है। मैं पिरी के गाण्ड में लण्ड घुसाने लगा। अब पिरी को जोश आने लगा, वो बुर के अंदर के लण्ड को भूलकर मेरे लण्ड का मजा लेने लगी। और जोर-जोर से कमर हिलाने लगी। इससे अरबी बड़ा खुश हुआ। मुझसे कहा बिस्तर पे लेटो, मैं लेट गया।
फिर उसने पिरी को मेरी तरफ पीठ करके मेरे लण्ड को अपनी गाण्ड में डालने को कहा। पिरी ने मेरे लण्ड को अपनी गाण्ड में घुसा लिया। फिर उसने पिरी को मेरे ऊपर लिटा दिया जिससे उसकी बुर सामने थी। अरबी ने अपना लण्ड पिरी की बुर में घुसाकर बुरी तरह चोदने लगा।
पिरी ने उउउम्म्म्ममह… उम्म्म्मह… करते हुए पानी छोड़ दिया।
अरबी ने हँसते हुए लण्ड को बाहर निकाला और पिरी की चूत चाटने लगा। फिर मेरा लण्ड गाण्ड से खींचकर बाहर निकाला और पिरी की बुर में अपने हाथ से घुसा दिया। हमारी समझ में कुछ नहीं आ रहा था। मुझसे कहा चोदो। मैं पिरी के बुर में चोदने लगा।
तभी उसका खतरनाक इरादा सामने आया। वो भी पिरी की बुर में अपना लण्ड घुसने की कोशिश करने लगा। इससे पहले की हम कुछ समझ पाते उसने लण्ड आधा घुसा दिया। हम मना करने लगे तो दोनों हाथ की पाँच पाँच उंगलियां दिखाकर धमकाने लगा 10 लाख दिया है। फिर उसने भी पिरी के बुर में अपना पूरा लण्ड घुसा दिया और आगे पीछे होने लगा।
मेरे लण्ड को तो दुगना मजा आ रहा था। बुर का भी उसके लण्ड के रगड़ने का भी। लेकिन मैं सोचने लगा की पिरी का क्या हाल होगा। एक बुर में दो लण्ड घुस भी सकता है। कभी सुना भी नहीं था, जो आज देख रहा था। पिरी तड़प रही थी मुझे उसपे गुस्सा आ रहा था।
कोई हमदर्दी नहीं थी। अरबी जबरदस्त चुदाई कर रहा था। पिरी की चूचियां को दबोच रखा था। फिर अंदर ही पानी छोड़ दिया। लेकिन लण्ड बाहर नहीं निकाला और पिरी पर गिर गया। मैं भी कुछ देर मैं झड़ गया। फिर कुछ देर में अरबी ने पिरी को हम दोनों के लण्ड को बारी-बारी से चूसने को कहा।
पिरी बड़ी महारत से यह काम कर रही थी। मैं दिल ही दिल में उसे गालियां दे रहा था- साली रंडी।
हमारा लण्ड पिरी की महारत के आगे सीधा खड़ा हो गया। फिर अरबी ने पिरी को सीधे लेटने को कहा और मुझे उसे चोदने को कहा। मैं सोच रहा था- साला पागल तो नहीं, इतने पैसे खर्च करके खुद ना मजा लेकर मुझसे चुदवा रहा है।
तभी अरबी मेरे पीछे आ गया और मेरी गाण्ड के छेद में अपना लण्ड रगड़ने लगा। मैं घबरा गया। मैंने पीछे मुड़कर देखा तो वो बड़ी-बड़ी आँखें निकालकर ऐसे देखा की मैं डर गया। उसने उस आदमी को बुलाया जिसने हमें उस तक लाया था, उससे कुछ अरबी में कहा।
वो आदमी कुछ देर में क्रीम लेकर आया। अरबी ने कुछ क्रीम मेरी गाण्ड के सुराख में लगाया और अपना लण्ड पेल दिया। मुझे तकलीफ तो हुई। लेकिन हम फँस चुके थे। वो पहले तो आहिस्ता आहिस्ता पेलने लगा फिर जैसे जुनून सवार हो गया।
मैं पिरी से लिपट गया। पिरी मेरे सर को सहला रही थी। कान में बोली- “नया मजा कैसा है…”
मैंने उसके कान पर काट लिया। मैंने कभी सोचा भी नहीं था की मेरी भी गाण्ड मारी जाएगी। अरबी मेरी गाण्ड से लण्ड पीछे लेता तो मैं भी पिरी की बुर से लण्ड बाहर लेता। फिर अरबी मेरी गाण्ड में धक्का देता तो साथ में मेरा लण्ड भी पिरी की बुर में घुस जाता।
अब मुझे भी इस नये खेल में मजा आने लगा था। फिर कुछ देर के लिए अरबी शायद थक कर रुक गया लेकिन मैं खुद पीछे होता और अरबी का लण्ड मेरी गाण्ड में घुस जाता और मैं धक्का पिरी की बुर में लगाता तो अरबी का लण्ड मेरी गाण्ड से बाहर हो जाता। वाह क्या ही मजेदार खेल था। मैं अपनी गाण्ड में लण्ड ले भी रहा था और पिरी की बुर में पेल भी रहा था।
दोस्तों कभी किसी दोस्त के साथ यह खेल खेलकर जरूर देखिएगा। अरबी ने पिरी को रात भर में पाँच बार चोदा। जब हम सुबह अपने होटेल में आए। तो साथ में वो सख्स भी आया। और पांच लाख और दे गया। हम अपने बेड पर लेटे हुए थे।
पिरी बोली- “नया कुछ सीखा, एक बुर में दो लण्ड कैसे डालते हैं…” पिरी बोल रही थी- “अपनी बीवी को भी कभी खिला देना। इमरान मजा आ गया तुम ना होते तो मैं कभी झेल नहीं पाती…” फिर मेरे चेहरे की ओर देखते हुए- “वूहह मेरी गाण्ड दुख रही है… अब पता चला चोदने में कितना मजा है और चुदवाने में कितना…”
मैं उसकी ओर लपका और उसे अपनी बाहों में ले लिया।
वो मेरी आँखों में देखते हुए बोली- “आज मेरा इरादा पूरा हो गया। मैंने सोच रखा था। की तुम्हारे इलावा अगर किसी को अपना बदन दूँगी तो बुर का बारह बजाकर दूँगी। आज बारह बज गया। आज मेरी बुर 8 इंच चौड़ी हो गयी…” फिर बड़ी इमोशनल अंदाज में कहा- “इमरान यह सारे रूपए तुम्हारे हैं। तुम चाहे इसे जिस तरह खर्च करना चाहो करो। लेकिन दो-तीन गरीब लड़कियों की शादी जरूर करवा देना…”
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पिकनिक का प्रोग्राम-6
फ्लैशबैक से वापस
पिरी ने एक दिन मुझसे कहा- “मैंने घर वालों से कह दिया है की मैं पहले तुम्हारे साथ हनीमून के लिए जाऊँगी फिर किसी से भी शादी कर लूँगी। किसी से भी जहाँ वो चाहें, वरना शादी के दिन मना कर दूँगी। घर वाले डरकर राजी हो गये हैं। हमें सटर्डे को जाना है। तुम अपने घर में कोई अच्छा सा बहाना बना लेना…”
मैं हिचकिचाते हुए राजी हो गया। गोआ में एक होटेल में हमारा कमरा बुक करवा दिया, पिरी के घर वालों ने। वो पिरी के पागलपन के सामने लाचार थे। हम दोनों गोआ पहुँच गये। रात में मस्ती की कमरे के अंदर। सुबह-सुबह समुंदर की तरफ चल दिए नहाने के लिए। पिरी ने बिकिनी पहन रखा था। ऊपर से दुपट्टा डाल लिया था। क्या लग रही थी बिकिनी में… खूबसूरत चेहरा, गोरा रंग, बड़ी-बड़ी चूचियां तनी हुई, गोल-गोल गाण्ड पीछे को उभरी हुई।
मैं उसके सामने बच्चा लग रहा था। खाशकर उसकी गाण्ड का साइज किसी को भी पागल कर देता। हम जिधर से भी गुजरते। मर्द घूम घूमकर उसे घूरते थे। जबकि उनके साथ औरतें थीं। वहाँ विदेशी भी थे। मैंने नजर दौड़ाया तो पूरे बीच में उससे ज्यादा खूबसूरत लड़की कोई नहीं थी, कम से कम मुझे नहीं दिखी। विदेशी भी उसके सामने फीके दिख रहे थे। उसे देखकर कुछ विदेशी काम्प्लीमेंटस भी दे गये “सो ब्यूटीफुल इंडियन” पिरी ने थैंक्स भी कह दिया।
वो इन सब बातों के लिए बिल्कुल तैयार होकर आई थी। हमने समुंदर में घंटो नाहया। हमने पानी में सबके सामने किस किया। मैंने उसकी चूचियां दबाईम चड्डी को साइड करके बुर में उंगली भी डाला। उसे किसी की परवाह नहीं थी। जब हम बुरी तरह थक गये तो अपने होटेल के कमरे में आए।
वो मुझसे लिपट गयी और कहा- आज मैं तुम्हारा रेप करना चाहती हूँ।
हम दोनों बिलकुल नंगे थे। और मुझे बेड पर धक्का दे दिया। और मुझ पर जंप कर दिया। वो मेरे सीने पर सवार हो गयी। मेरे दोनों हाथों को जैसे फिल्मों में औरतों को विलेन पकड़कर खोल देते हैं। फिर उसे किस करने की कोशिश करते हैं। उसी अंदाज में मेरे दोनों हाथ खोलके पकड़ लिए। और मेरे होंठों पर किस करने की कोशिश की।
मैंने भी अपना चेहरा घुमा लिया। उसके होंठ मेरे गाल पर पड़े। मैं खिलखिलाकर हँसने लगा।
उसने कहा- ये लड़के, सीधी तरह से मान जा वरना मुझे और भी पैंतरे आते हैं।
मैंने कहा- तुम्हें जो करना हो कर लो। लेकिन तुम अपने मकसद में कभी कामयाब नहीं होगी।
उसने पीछे हाथ लिया और मेरे अंडों को कसकर पकड़ लिया।
मैं बोला- “आ… अया… लगता है…”
उसने कहा- अब बोल सीधे-सीधे मुझे करने देगा या फोड़ दूं तेरे दोनों अंडे…”
मैं- अया… अया… कर लो जो मर्ज़ी।
वो बोली- “इतनी जल्दी हार मान गये…”
मैंने कहा- हार किसने मानी। खरबूजा अगर खुद छुरी पे गिरना चाहता है तो छुरी का क्या जाता है।
उसने कहा- खरबूजा तो जरूर कटेगा। लेकिन मेरे पास एक जूसर भी है। जिससे केले का जूस निकाला जाता है।
मैं उसकी बात पर हाहाहा हँसने लगा।
वो मुझ पर झुकी और मेरे होंठ पर इतनी जोर से कटा की खून निकल आए। वो बोली- आज मैं तेरा खून पी जाऊँगी। चोदने का बड़ा शौक है ना। आज मैं तुझे इसके लायक ही नहीं छोड़ूंगी…” फिर मेरे होंठ के खून को चाट-चाट कर साफ किया। फिर बोली- अगर तू मेरा नहीं हुआ तो किसी का नहीं हो सकता।
मैं अंदर तक सिहर गया। मेरे चेहरे से हँसी गएब हो गयी। मैं चकित रह गया। वो मेरे पूरे चेहरे को चाट रही थी। बुरी तरह आवाज़ें निकालकर उम्मह… छाप… आँह… छाप… मैं सहम गया था पता नहीं उसकी बातों में कितनी सच्चाई है, कितनी आक्टिंग। मैं कोई हरकत नहीं कर रहा था।
वो समझ गयी कुछ गड़बड़ है। उसने पूछा- “तुम इस तरह खामोश क्यों हो गये…”
मैंने कहा- तुम क्या-क्या बोल गयी, मेरी समझ में कुछ नहीं आया।
उसने मेरी आँखों में देखा जहाँ खौफ नजर आ गया। वो हँसने लगी- हाहाहा… तुम मेरी बातों से डर गये।
मैंने कहा- हाँ बुरी तरह।
वो हाहाहा हँसते हुए- कुछ मेरी आक्टिंग, पूरी हकीकत नहीं…
मैंने कहा- “यह आक्टिंग थी…”
उसने कहा- “और नहीं तो क्या… मैं तुम्हें नुकसान पहुँचाऊँगी, तुमने सोचा भी कैसे…” वो मुझे मारने लगी। तुम्हें नुकसान पहुँचने से पहले मैं अपनी जान ना दे दूँ…”
फिर हमने बड़े प्यार से चुदाई की फिर कपड़े बदलकर खाना खाया। रेस्ट करने के बाद 4:00 बजे बीच पर टहलने के लिए निकले। पिरी ने उस वक़्त सलवार-कमीज, सर में दुपट्टा लिए हुए थी। पानी पूरी खाये और जैसे ही फारिग हुए।
एक अधेड़ उम्र का आदमी मेरे पास आया। और मुझे पिरी से दूर लेजाकर मुझसे कहा- यह लड़की तुम्हारी गर्लफ्रेंड है।
मैंने कहा- “हाँ…”
उसने कहा- बहुत खूबसूरत है।
मैंने कहा- शुक्रिया।
उसने कहा- “एक बार के लिए दस हजार लोगे…”
मैंने कहा- मैं समझा नहीं।
उसने कहा- मेरे मालिक को यह लड़की बहुत पसंद आ गयी है।
मैंने कहा- तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है। भागो यहाँ से।
उसने कहा- प्लीज मुझ पर नाराज मत होइए, मैं नौकर हूँ। बीस ले लो।
मैंने झिड़कते हुए कहा- “जाओ यहाँ से। दुबारा कुछ कहा तो इतना मारूँगा की…”
उसने कहा- प्लीज़्ज़ पचास ले लो।
मैं तमाशा बनना नहीं चाहता था। मैं खूद ही उसके पास से चला आया।
पिरी मुझे गुस्से में देखकर पूछी- क्या बोल रहा था वो।
मैं- अरे छोड़ो ना, वो तुम्हें खरीदने को बोल रहा था। मैं हैरत में पड़ गया।
पिरी को गुस्सा आने के बजाए हँसने लगी। पूछा- कितना देगा।
मैंने कहा- पचास हजार देगा।
वो बोली- अरे वाह… मेरी बुर की कीमत पचास हजार।
इतने में वो आदमी हमरे पास मंडराने लगा बोला- एक लाख ले लो।
मैंने उसे फटकारते हुए कहा- तुम जाते हो की।
वो चला गया फिर कुछ देर में आ गया और बोला- दो लाख।
मैंने उसके कालर पकड़ लिए।
उसने हाथ जोड़ लिए और रोनी सी सूरत करके बोला- मेरी पूरी बात सुन लीजिए।
पिरी बोली- ठीक है, जरा भीड़ से अलग चलिए।
मैं मना करता रहा लेकिन पिरी बोली- बात सुनने में क्या हर्ज है।
मैंने कहा- मुझे मालूम है।
लेकिन पिरी ने बात काटते हुए कहा- मुझे जानना है की पूरी बात क्या है। ठीक है।
हम थोड़ी दूर आ गये तो वो बोला- बहन जी मेरे मलिक को आप पसंद आ गई हो।
पिरी ने चौंकने की आक्टिंग करते हुए कहा- क्या मतलब।
बहन जी नाराज मत होइए मेरी पूरी बात सुन लीजिए। फिर मुझे मार डालिए। मुझे तो आज मारना ही है। मुझे सिर्फ़ आप बचा सकती हैं।
पिरी ने कहा- बोलो।
मेरे मलिक को आप किसी भी कीमत पर चाहिए। वरना वो मुझे मार डालेगा। मैं दलाल नहीं हूँ और मेरे मलिक ने मुझसे ऐसा काम कभी नहीं कराया। लेकिन जब आप लोग नहा रहे थे उन्होंने आपको देख लिया, और बेइंतेहा पीने लगे और मुझे बुलाकर कहा की मुझे वो लड़की किसी भी कीमत पर चाहिए।
पिरी ने कहा- किसी भी कीमत का मतलब।
उस आदमी ने कहा- एक लाख, दो लाख, पांच लाख, दस लाख किसी भी कीमत पर।
पिरी को यह मजाक लगा उसने कह दिया- तो ठीक है तुम दस लाख लाओ। मैं तुम्हारी मदद करती हूँ।
उसने कहा- ठीक है, मैं 10 लाख के लिए बात करता हूँ। लेकिन जवान देने के बाद पलट नहीं सकते।
पिरी ने कहा- लेकिन इमरान मेरे साथ रहेंगे।
मैंने कहा- मैं तुम्हारे साथ क्या करूँगा रहकर। यह तुम क्या कर रही हो।
पिरी ने मेरे गाल पे चुटकी काटते हुए कहा- अरे उसके मलिक का नशा उतार जाएगी 10 लाख सुनकर।
मैंने कहा- “अगर मान गया तो…”
पिरी ने कहा- “थोड़ा नया अनुभव भी लो। कल जब मैं बराबर के लिए दूसरे की हो जाऊँगी तो क्या करोगे…” इसी से पता चल जाएगा। अभी से आदत डाल लो।
फिर उस सख्स ने कहा- मेडम एक साथ सभी नहीं मिलेंगे पहले 5 लाख फिर काम के बाद 5 लाख।
पिरी ने कहा- ठीक है, तुम पैसा हमारे होटेल के कमरे में लेकर आओ।
हम अपने होटेल चले आए वो मुझे चूमने लगी, मुझे मानने लगी और कहा- तुम नाराज हो गये। देखें तो सही एक साथ 10 लाख कैसा होता है।
मेरे भी दिल में 10 लाख एक साथ देखने की लालच जाग उठी थी। मैंने कहा- ठीक है तुम्हारी मर्ज़ी।
उसने मुँह फुलाते हुए कहा- तुम्हारा कुछ नहीं। मैं एक नौकर की मदद कर रही हूँ। कुछ बुराई के साथ कुछ अच्छा भी तो होगा।
इतने में वो सख्स आ गया और हमें एक बैग देकर कहा- मैं रात 8:00 बजे आऊँगा और आप लोगों को ले जाऊँगा।
इतने में वो सख्स आ गया और हमें एक बैग देकर कहा- मैं रात 8:00 बजे आऊँगा और आप लोगों को ले जाऊँगा।
फिर वो 8:00 बजे रात में आया। और हमको सामने वाले 5 स्टार होटेल में ले गया। हमें सीधे डाइनिंग हाल में ले गया। एक टेबल पर एक अरबी शेख बैठा था। उसने हमें खड़े होकर इसतेकबाल किया। हाल में हल्की रोशनी थी, सामने स्टेज पर दो बिल्कुल नंगी लड़कियां पोल डान्स कर रही थीं। अरबी ठीक से खड़ा भी नहीं हो पा रहा था। हम डान्स में मगन थे। हमने खाश कर मैंने ऐसा डान्स कभी नहीं देखा था। खाना लगाया गया, हम खाना खा रहे थे। अरबी पी रहा था। फिर खाना खत्म हुआ।
हम अरबी के रूम में आ गये। उसने इशारे से हम दोनों को प्यार करने को कहा।
हम अच्छे बच्चों की तरह किस करने लगे।
फिर उसने कहा कपड़े उतारो। हम एक दूसरे के कपड़े उतारने लगे। जब बिल्कुल नंगे हो गये तो वो खुद पलंग पर सीधा लेट गया। और पिरी से बोला उसके कपड़े उतारे। मैं जल कर रह गया। पिरी फौरन उसके पास गयी। और उसके कपड़े उतारने लगी। उसे पूरा नंगा कर दिया। उसका लण्ड मुझसे थोड़ा छोटा था। लेकिन मोटा था।
उसने कहा लण्ड चूसो पिरी लण्ड चूसने आगी। चाटने लगी। उसके अंडों को भी चाट डाला।
अब उसने कहा पिरी से की उसके लण्ड पर बैठ जाए। पिरी लण्ड पर बैठ गयी जब लण्ड पूरा उसकी बुर में घुस गया तो वो मेरी तरफ देखकर मुश्कुराने लगी।
अरबी ने उसकी दोनों चूचियां को पकड़ लिया और अपने और खींच लिया और चूचुकों चूसने लगा। और इशारे से मुझे पिरी की गाण्ड मारने का हुक्म दिया।
मैं खुश हुआ की चलो मुझे भी मौका मिल रहा है। मैं पिरी के गाण्ड में लण्ड घुसाने लगा। अब पिरी को जोश आने लगा, वो बुर के अंदर के लण्ड को भूलकर मेरे लण्ड का मजा लेने लगी। और जोर-जोर से कमर हिलाने लगी। इससे अरबी बड़ा खुश हुआ। मुझसे कहा बिस्तर पे लेटो, मैं लेट गया।
फिर उसने पिरी को मेरी तरफ पीठ करके मेरे लण्ड को अपनी गाण्ड में डालने को कहा। पिरी ने मेरे लण्ड को अपनी गाण्ड में घुसा लिया। फिर उसने पिरी को मेरे ऊपर लिटा दिया जिससे उसकी बुर सामने थी। अरबी ने अपना लण्ड पिरी की बुर में घुसाकर बुरी तरह चोदने लगा।
पिरी ने उउउम्म्म्ममह… उम्म्म्मह… करते हुए पानी छोड़ दिया।
अरबी ने हँसते हुए लण्ड को बाहर निकाला और पिरी की चूत चाटने लगा। फिर मेरा लण्ड गाण्ड से खींचकर बाहर निकाला और पिरी की बुर में अपने हाथ से घुसा दिया। हमारी समझ में कुछ नहीं आ रहा था। मुझसे कहा चोदो। मैं पिरी के बुर में चोदने लगा।
तभी उसका खतरनाक इरादा सामने आया। वो भी पिरी की बुर में अपना लण्ड घुसने की कोशिश करने लगा। इससे पहले की हम कुछ समझ पाते उसने लण्ड आधा घुसा दिया। हम मना करने लगे तो दोनों हाथ की पाँच पाँच उंगलियां दिखाकर धमकाने लगा 10 लाख दिया है। फिर उसने भी पिरी के बुर में अपना पूरा लण्ड घुसा दिया और आगे पीछे होने लगा।
मेरे लण्ड को तो दुगना मजा आ रहा था। बुर का भी उसके लण्ड के रगड़ने का भी। लेकिन मैं सोचने लगा की पिरी का क्या हाल होगा। एक बुर में दो लण्ड घुस भी सकता है। कभी सुना भी नहीं था, जो आज देख रहा था। पिरी तड़प रही थी मुझे उसपे गुस्सा आ रहा था।
कोई हमदर्दी नहीं थी। अरबी जबरदस्त चुदाई कर रहा था। पिरी की चूचियां को दबोच रखा था। फिर अंदर ही पानी छोड़ दिया। लेकिन लण्ड बाहर नहीं निकाला और पिरी पर गिर गया। मैं भी कुछ देर मैं झड़ गया। फिर कुछ देर में अरबी ने पिरी को हम दोनों के लण्ड को बारी-बारी से चूसने को कहा।
पिरी बड़ी महारत से यह काम कर रही थी। मैं दिल ही दिल में उसे गालियां दे रहा था- साली रंडी।
हमारा लण्ड पिरी की महारत के आगे सीधा खड़ा हो गया। फिर अरबी ने पिरी को सीधे लेटने को कहा और मुझे उसे चोदने को कहा। मैं सोच रहा था- साला पागल तो नहीं, इतने पैसे खर्च करके खुद ना मजा लेकर मुझसे चुदवा रहा है।
तभी अरबी मेरे पीछे आ गया और मेरी गाण्ड के छेद में अपना लण्ड रगड़ने लगा। मैं घबरा गया। मैंने पीछे मुड़कर देखा तो वो बड़ी-बड़ी आँखें निकालकर ऐसे देखा की मैं डर गया। उसने उस आदमी को बुलाया जिसने हमें उस तक लाया था, उससे कुछ अरबी में कहा।
वो आदमी कुछ देर में क्रीम लेकर आया। अरबी ने कुछ क्रीम मेरी गाण्ड के सुराख में लगाया और अपना लण्ड पेल दिया। मुझे तकलीफ तो हुई। लेकिन हम फँस चुके थे। वो पहले तो आहिस्ता आहिस्ता पेलने लगा फिर जैसे जुनून सवार हो गया।
मैं पिरी से लिपट गया। पिरी मेरे सर को सहला रही थी। कान में बोली- “नया मजा कैसा है…”
मैंने उसके कान पर काट लिया। मैंने कभी सोचा भी नहीं था की मेरी भी गाण्ड मारी जाएगी। अरबी मेरी गाण्ड से लण्ड पीछे लेता तो मैं भी पिरी की बुर से लण्ड बाहर लेता। फिर अरबी मेरी गाण्ड में धक्का देता तो साथ में मेरा लण्ड भी पिरी की बुर में घुस जाता।
अब मुझे भी इस नये खेल में मजा आने लगा था। फिर कुछ देर के लिए अरबी शायद थक कर रुक गया लेकिन मैं खुद पीछे होता और अरबी का लण्ड मेरी गाण्ड में घुस जाता और मैं धक्का पिरी की बुर में लगाता तो अरबी का लण्ड मेरी गाण्ड से बाहर हो जाता। वाह क्या ही मजेदार खेल था। मैं अपनी गाण्ड में लण्ड ले भी रहा था और पिरी की बुर में पेल भी रहा था।
दोस्तों कभी किसी दोस्त के साथ यह खेल खेलकर जरूर देखिएगा। अरबी ने पिरी को रात भर में पाँच बार चोदा। जब हम सुबह अपने होटेल में आए। तो साथ में वो सख्स भी आया। और पांच लाख और दे गया। हम अपने बेड पर लेटे हुए थे।
पिरी बोली- “नया कुछ सीखा, एक बुर में दो लण्ड कैसे डालते हैं…” पिरी बोल रही थी- “अपनी बीवी को भी कभी खिला देना। इमरान मजा आ गया तुम ना होते तो मैं कभी झेल नहीं पाती…” फिर मेरे चेहरे की ओर देखते हुए- “वूहह मेरी गाण्ड दुख रही है… अब पता चला चोदने में कितना मजा है और चुदवाने में कितना…”
मैं उसकी ओर लपका और उसे अपनी बाहों में ले लिया।
वो मेरी आँखों में देखते हुए बोली- “आज मेरा इरादा पूरा हो गया। मैंने सोच रखा था। की तुम्हारे इलावा अगर किसी को अपना बदन दूँगी तो बुर का बारह बजाकर दूँगी। आज बारह बज गया। आज मेरी बुर 8 इंच चौड़ी हो गयी…” फिर बड़ी इमोशनल अंदाज में कहा- “इमरान यह सारे रूपए तुम्हारे हैं। तुम चाहे इसे जिस तरह खर्च करना चाहो करो। लेकिन दो-तीन गरीब लड़कियों की शादी जरूर करवा देना…”
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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