FUN-MAZA-MASTI
पिकनिक का प्रोग्राम-9
मेरी समझ में पहले नहीं आया। फिर जब मुझे अरबी का यह फार्मूला पिरी के साथ याद आया तो उनके कहने पर मैं उसी बुर में अपना लण्ड घुसाने की कोशिश करने लगा। एक लण्ड पहले से ही था घुसाना मुश्किल था। दोनों हँस रहे थे और मुझे हौसला दे रहे थे।
पुश इट मैन… पुश इट।
मैंने जबरदस्ती उसी बुर में अपना लण्ड घुसा दिया।
जीनत पास आकर देखने लगी। फिर जेबा को भी बुला लिया। जीनत ने मुझसे कहा- धक्के मारो ना…
उसका शौहर लण्ड अंदर-बाहर किए जा रहा था। मैं भी धक्के मारने लगा। लण्ड बड़ी मुश्किल से अंदर-बाहर हो रहा था। अजीब नजारा था… मैं गोरी के बुर को दाद दिए बगैर नहीं रह पाया। कुछ देर की चुदाई के बाद गोरी ने पानी छोड़ा, फिर उसके शौहर ने, फिर मैंने।
गोरी की बुर से पानी का झरना बह रहा था। मैंने लण्ड निकाला। फिर गोरी के शौहर ने।
तो जीनत गोरी की बुर को देखने लगी। मैंने भी देखा बुर का मुँह खुला का खुला रह गया था।
जेबा ने मुँह में हाथ देकर- हाय तोबा… बुर में तो हाथ घुस जाएगा।
गोरे की नजर अब जेबा पर थी। वो उसे घूर रहा था। वो मेरी तरफ देखा तो मैंने इशारे से इजाजत दे दी। गोरे ने जेबा को पीछे से पकड़ लिया। और बगल से हाथ डालकर उसकी चूचियां पकड़ लिया। जेबा इस अचानक हमले के लिए तैयार नहीं थी, छतपटाने लगी।
गोरा उसकी चूचियां की चटनी बना रहा था। उसकी बीवी मुझसे आकर लिपट गयी। गोरे ने जेबा की ब्रा निकाल दी और निपल पकड़ ली। वो उसे मरोड़ रहा था।
जेबा बोली- इमरान बोलो ना छोड़ने को।
मैंने कहा- उसे छोड़ दो वो प्रिगनेन्ट है।
गोरा- ओके हाउ मंथ…
मैंने कहा- 2 मंत्स है।
गोरा- नो प्राब्लम फार दैट।
जेबा ने पीछे हाथ बढ़ाकर उसके बाल पकड़ लिए। तो गोरा गुस्से में आ गया उसने हिन्दी में कहा।– “हाथ नीचे, वरना मैं गर्दन पे काट लूँगा…”
जेबा डर गयी।
फिर उसने जेबा को उठाकर पलंग के किनारे पर बिठाया, पैंटी भी उतार दी और बुर चाटने लगा। फिर उसके निपल चूसने लगा। फिर अपने लण्ड पर थूक लगाकर जेबा के अंदर घुसा दिया और चोदने लगा। फिर उसने जेबा को गोद में उठा लिया और खड़ा हो गया और जेबा की गाण्ड में चांटे मारे।
जेबा समझ गयी वो क्या चाहता है। वो उसके गले में बाहें डालकर खुद ही ऊपर-नीचे होने लगी।
गोरे ने कहा- “दैटस राइट… डोंट स्टाप किस मी…”
जेबा ने फौरन उसके होंठ चूसते हुए ऊपर-नीचे होने लगी।
फिर गोरे ने मुझसे कहा- योउ प्लीज हेल्प मी, शी इस वेरी हेवी। कम फ्रॉम बिहाइंड।
मैं भी अब तैयार था। फौरन नजदीक गया और जेबा की गाण्ड का सुराख ढूँढ़कर लण्ड घुसा दिया। अब वो ऊपर-नीचे होती तो दोनों के लण्ड अंदर-बाहर होते। गोरा बीच-बीच में जेबा की गाण्ड पे चांटे मारता। तो जेबा स्पीड बढ़ा देती।
जेबा बोली- वो मुझे मार रहा है।
मैंने कहा- यह उनका स्टाइल है चोदने का। तुम मजा लो ना… घर पर दो लण्ड का मजा कभी ले पाओगी क्या…”
जेबा ने स्पीड बढ़ाई फिर ढीली हो गयी। यानी उसने पानी छोड़ दिया। गोरे ने मुझे धकेलकर एक दीवार पे लगा दिया और स्पीड बढ़ा दी। और आवाज निकाल-निकालकर बुर के अंदर पानी छोड़ने लगा। फिर खुद बेड पर जेबा को लिए लेट गया।
अब मेरी बारी थी। मैं अब पूरी स्पीड में जेबा की गाण्ड मार रहा था। फिर मैंने भी पानी छोड़ दिया। हम सब थक के चूर थे। गोरों ने कुछ देर बाद हमसे बिदा लिया।
ताज्जुब की बात थी की सबसे ज्यादा जेबा खुश थी। उसने मुझसे पूछा- तुम्हें बुरा नहीं लगा की गोरे ने हमको चोदा।
मैंने कहा- मैंने भी तो उसकी बीवी को चोदा है। हिसाब बराबर।
हम घर वापस आ गये जीनत बहुत खुश थी। उस गोरी की एक बुर में दो लण्ड देखकर।
उसी दिन पिरी का फोन आया। वो मुझे बुला रही थी। उसका शौहर मुझसे मिलना चाहता था। मैं बहुत परेशान था की क्या करूँ। जीनत ने मुझे से मेरी परेशानी की वजह पूछा, तो मैंने बता दिया। वो भी जिद करने लगी की मुझे भी उससे मिलना है, चलो ना।
मैंने कहा- “ठीक है, चलो…” और पिरी से मिलने को हम दोनों अपनी कार से निकल पड़े।
जेबा को बता दिया। शायद हमारा जाना उसे अच्छा नहीं लगा। लेकिन वो मुझे किसी काम के लिए रोकती टोकती नहीं थी। इस बार भी उसने मुझे नहीं रोका। हम दिन के 11:00 बजे पिरी के घर पहुँच गये। उसने हमें अंदर बुलाया। हम अंदर गये। उसका पति भी बाहर आया और हमसे हाथ मिलाकर अंदर ले गया। हम सब एक सोफे पे बैठे।
मैंने कहा- वावो पिरी… तू तो मोटी हो गयी है।
उसने कहा- सिर्फ़ पेट बढ़ा है।
मैंने कहा- इतना बड़ा पेट लगता है दो बच्चे हैं।
उसके पति ने कहा- हाथ लगा के देखो, चाहो तो कपड़े उतार के देखो।
मैं उसकीा मुँह ताकने लगा।
उसके पति ने कहा- क्या देख रहे हो… यह सब तुम्हारा ही तो किया धरा है।
पिरी बोली- यह क्या बक रहे हैं आप।
उसका पति- “तुम मुझे बेवकूफ समझी हो। मैं यूँही इनसे मिलने को बोल रहा था। इनका पाप इनके जिम्मे लगाना चाहता था…” यह कहकर उसने अपनी जेब से पिस्टल निकाल लिया- “चलो तीनों पलंग पर चढ़ो। चलो जल्दी करो।
हम डर गये। उसकी आँखों में खून सवार था। हाथ में पिस्टल था हम तीनों पलंग पर चढ़ गये। उसने कहा- अब पिरी की नाइटी उतारो, और उसके पेट को देखो… पहचानो यह तुम्हारे ही बच्चे हैं की नहीं।
मैं इस बेवकूफ की बातों पर हसूँ की रोऊँ समझ नहीं पा रहा था।
उसका पति बोला- इसे कैसे चोदते थे अब मेरे सामने चोदो। चलो जल्दी करो नहीं तो एक-एक को गोली मारकर ढेर कर दूँगा। होशयारी की तो अंजाम के जिम्मेदार तुम खुद होगे। जैसा मैं कहता हूँ वैसा करो। मैं सिर्फ़ तुम्हारी एक वीडियो बनाना चाहता हूँ। फिर तुम्हें इसके साथ घर से निकाल दूँगा। किसी को कोई चोट नहीं पहुँचाऊँगा।
मैंने कहा- उसे तकलीफ होगी। वो प्रेगनेन्ट है।
उसने कहा- “जरा होसियारी से चोदना। उसके पेट में तुम्हारी औलाद है। चलो जल्दी करो…” उसने पास ही रखा वीडियो कमरा उठा लिया। एक हाथ में कमरा दूसरे में गन।
जीनत ने कहा- कर लो ना। उसका पति कह रहा है।
मैंने जीनत के हाथ, जो मेरे पैंट की चैन खोलना चाहते थे, को झटक दिया और खुद चैन खोलकर लण्ड बाहर निकाला,और जीनत के सर को लण्ड पर झुका दिया। वो मेरे लण्ड को चूसने लगी। लण्ड खड़ा हुआ तो मैंने पिरी की बुर को ठीक से चाटा, अच्छी तरह चिकना किया और लण्ड घुसा दिया। पूरा नहीं।
पर उसके पति ने जोर दिया पूरा घुसाओ। कुछ नहीं होगा अभी टाइम है। पिरी रो रही थी सुबक-सुबक के। हमें मालूम ना था की ऐसा भी दिन देखना पड़ेगा। मैं आहिस्ता-आहिस्ता कमर हिला रहा था। मेरी नजर पूरी तरह उसके पति पे थी। मैं आधे घंटे तक चोदता रहा। लण्ड पिरी की बुर पाकर शायद पानी छोड़ना भूल गया था। तभी उसका पति थोड़ा करीब आ गया। क्लोजप लेने के लिए।
मैं उसपर कूद गया। वो सोफे पर गिरा उसके हाथ से कैमरा और पिस्टल दोनों छिटक गये। मैंने उसके चेहरे पर दो घूंसे जमाए। वो बेहोश हो गया। मैंने और जीनत ने पिरी को कपड़े पहनाए और उसके पति को रस्सी से बाँध दिया, और पोलिस को फोन किया।
पोलिस आई उसके साथ मीडिआ भी पहुँच गयी। हमने सारा वाकिया सुनाया। और पोलिस से बिनती की की यह वीडियो मीडिया को नहीं मिलनी चाहिए। फिर हम बाहर आए तो मीडिया ने घेर लिया। हमने कुछ बताया और कुछ छुपाया।
मैंने पिरी से पूछा- तुम कहाँ जाओगी।
उसने रोते हुए कहा- अपने घर ले चलो। मेरे घर वाले तुम्हारी कहानी जान गये हैं। वो मुझे ही दोष देंगे।
हम उसे अपने घर ले आए। उसे देखकर जेबा बिल्कुल चुप थी। क्योंकी जीनत से जेबा ज्यादा खूबसूरत थी। लेकिन पिरी से कम।
हमने पिरी को एक कमरे में ठहराया। हम तीनों दूसरे कमरे में सोए। और हममें गरमा-गरम बहस होने लगी। क्या पिरी को भी यहीं हर दिन के लिए रहना है… क्या मैं उससे भी शादी कर लूँ… जेबा सिर्फ़ यह कहती रही आपकी जो मर्ज़ी।
लेकिन जीनत उसके यहाँ रहने पर बहुत नाराज थी- “ठीक है मदद कर दी, लेकिन इसका मतलब थोड़े है की ज़िंदगी भर रखना भी पड़े। तो सोनम और कोमल को भी क्यों नहीं रख लेते। उन दोनों को भी तो तुमने चोदा है। वो भी तो तुम्हें चाहती हैं। सोनम तो मुझसे कह भी रही थी की जीनत मुझे भी तुम्हारे साथ रहना है…”
मैं पागल हुए जा रहा था। जेबा ने कहा- पहले पिरी से पूछ तो लो की वो क्या चाहती है।
हम सो गये। सबका मूड खराब था। सुबह उठते ही सब पिरी के कमरे में गये। उसकी खैरियत पूछी।
उसने ही सवाल कर दिया- तुम तीनों ने मुझे अकेला छोड़ दिया।
हम सबसे कोई जवाब नहीं बन पा रहा था।
उसने कहा- मैं पराई हूँ ना। तुम सब पति-पत्नी हो। नहीं…”
जेबा ने कहा- तुम ऐसा ना सोचो। हम सोच रहे थे क्या तुम्हारा यहाँ रहना ठीक होगा। तुम्हारे तो भाई भाभी हैं। उन्हें बुरा नहीं लगेगा…”
पिरी बोली- अच्छा तो यह बात है। मेरे दिल को बहुत बड़ा धक्का लगा है। इमरान की उम्मीद ना होती तो मैं सीधे खुदकुशी कर लेती। अब तुम लोग मुझे बताओ, भाई-भाभी की बात मत करो। तुम सहारा दोगे या खुदकुशी करने को बोलोगे।
मैंने कहा- पिरी तुम ऐसा सोचना भी मत। तुम यहीं रहोगी।
जीनत बोली- वो यहाँ नहीं रहेगी। तुम मदद करना चाहते हो तो उसे कोई मकान खरीद के दे दो, वरना।
मैंने कहा- “वरना क्या…”
उसने कहा- मैं यहाँ से चली जाऊँगी। नहीं… मैं खुदकुशी कर लूँगी।
मैंने कहा- शौक से चली जाओ।
जीनत रोती सी सूरत बनाकर बोली- क्या कहा चली जाऊँ… अब पिरी मिल गयी तो मैं चली जाऊँ।
मैंने कहा- हाँ चली जाओ। तुम जैसी छोटे दिल वालों के लिए इस घर में कोई जगह नहीं।
उसने कहा- चली जाऊँ कहने के लिए मुझे लाया था।
मैंने कहा- “नहीं… लेकिन…” फिर मैं जेबा की तरफ घूमकर पूछा- अच्छा जेबा तुम बताओ, तुम क्या चाहती हो।
जेबा बहुत चालक थी। उसने कहा- जो आपकी मर्ज़ी।
मैं- देखा पिरी को दो वोट मिल गये।
जीनत ने जेबा से कहा- “तू ना बिल्कुल बेवकूफ है। देखना बहुत पछताएगी। मैं चली जाऊँगी कह देती हूँ…” कहकर वो कमरे से बाहर निकलने को हुई।
तो मैंने कहा- रूको।
तो वो खुश हो गयी।
मैंने फिर कहा- चली जाना लेकिन एक हकीकत सुनती जाओ।
“बोलो…” उसने कहा।
मैंने कहा- यह जो मेरा बिज़नेस, मेरा मकान, मेरी कार देख रही हो ना। यह सब पिरी का दिया हुआ है।
पिरी बोली- इमरान मत बताओ ना सबको।
मैं- “पिरी तुम चुप रहो… ना बताया तो वो इसी तरह तुम्हें तंग करती रहेगी…” मैंने अरबी वाली सब बात दोनों को बता दी।
जीनत बोली- “इमरान तुम भी…”
मैंने कहा- हाँ मैं भी।
जीनत- सारी पिरी मुझे माफ कर दे। लेकिन तूने इमरान को भी मरवा दिया। यह ठीक नहीं किया।
सब हँसने लगे। अब सब कुछ ठीक हो चुका था। मैंने काजी को बुलाकर पिरी से भी निकाह कर लिया। अब मैं पिरी के कमरे में भी सोने लगा। लेकिन जीनत वहाँ भी मेरे साथ सोने आ जाती। यानी मैं जेबा के साथ सोऊँ तो भी जीनत साथ सोती। पिरी के साथ सोऊँ तो भी।
अब मेरी तीन बीवियां थीं। मेरी उमर अभी 17 साल भी नहीं हुई थी।
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पिकनिक का प्रोग्राम-9
मेरी समझ में पहले नहीं आया। फिर जब मुझे अरबी का यह फार्मूला पिरी के साथ याद आया तो उनके कहने पर मैं उसी बुर में अपना लण्ड घुसाने की कोशिश करने लगा। एक लण्ड पहले से ही था घुसाना मुश्किल था। दोनों हँस रहे थे और मुझे हौसला दे रहे थे।
पुश इट मैन… पुश इट।
मैंने जबरदस्ती उसी बुर में अपना लण्ड घुसा दिया।
जीनत पास आकर देखने लगी। फिर जेबा को भी बुला लिया। जीनत ने मुझसे कहा- धक्के मारो ना…
उसका शौहर लण्ड अंदर-बाहर किए जा रहा था। मैं भी धक्के मारने लगा। लण्ड बड़ी मुश्किल से अंदर-बाहर हो रहा था। अजीब नजारा था… मैं गोरी के बुर को दाद दिए बगैर नहीं रह पाया। कुछ देर की चुदाई के बाद गोरी ने पानी छोड़ा, फिर उसके शौहर ने, फिर मैंने।
गोरी की बुर से पानी का झरना बह रहा था। मैंने लण्ड निकाला। फिर गोरी के शौहर ने।
तो जीनत गोरी की बुर को देखने लगी। मैंने भी देखा बुर का मुँह खुला का खुला रह गया था।
जेबा ने मुँह में हाथ देकर- हाय तोबा… बुर में तो हाथ घुस जाएगा।
गोरे की नजर अब जेबा पर थी। वो उसे घूर रहा था। वो मेरी तरफ देखा तो मैंने इशारे से इजाजत दे दी। गोरे ने जेबा को पीछे से पकड़ लिया। और बगल से हाथ डालकर उसकी चूचियां पकड़ लिया। जेबा इस अचानक हमले के लिए तैयार नहीं थी, छतपटाने लगी।
गोरा उसकी चूचियां की चटनी बना रहा था। उसकी बीवी मुझसे आकर लिपट गयी। गोरे ने जेबा की ब्रा निकाल दी और निपल पकड़ ली। वो उसे मरोड़ रहा था।
जेबा बोली- इमरान बोलो ना छोड़ने को।
मैंने कहा- उसे छोड़ दो वो प्रिगनेन्ट है।
गोरा- ओके हाउ मंथ…
मैंने कहा- 2 मंत्स है।
गोरा- नो प्राब्लम फार दैट।
जेबा ने पीछे हाथ बढ़ाकर उसके बाल पकड़ लिए। तो गोरा गुस्से में आ गया उसने हिन्दी में कहा।– “हाथ नीचे, वरना मैं गर्दन पे काट लूँगा…”
जेबा डर गयी।
फिर उसने जेबा को उठाकर पलंग के किनारे पर बिठाया, पैंटी भी उतार दी और बुर चाटने लगा। फिर उसके निपल चूसने लगा। फिर अपने लण्ड पर थूक लगाकर जेबा के अंदर घुसा दिया और चोदने लगा। फिर उसने जेबा को गोद में उठा लिया और खड़ा हो गया और जेबा की गाण्ड में चांटे मारे।
जेबा समझ गयी वो क्या चाहता है। वो उसके गले में बाहें डालकर खुद ही ऊपर-नीचे होने लगी।
गोरे ने कहा- “दैटस राइट… डोंट स्टाप किस मी…”
जेबा ने फौरन उसके होंठ चूसते हुए ऊपर-नीचे होने लगी।
फिर गोरे ने मुझसे कहा- योउ प्लीज हेल्प मी, शी इस वेरी हेवी। कम फ्रॉम बिहाइंड।
मैं भी अब तैयार था। फौरन नजदीक गया और जेबा की गाण्ड का सुराख ढूँढ़कर लण्ड घुसा दिया। अब वो ऊपर-नीचे होती तो दोनों के लण्ड अंदर-बाहर होते। गोरा बीच-बीच में जेबा की गाण्ड पे चांटे मारता। तो जेबा स्पीड बढ़ा देती।
जेबा बोली- वो मुझे मार रहा है।
मैंने कहा- यह उनका स्टाइल है चोदने का। तुम मजा लो ना… घर पर दो लण्ड का मजा कभी ले पाओगी क्या…”
जेबा ने स्पीड बढ़ाई फिर ढीली हो गयी। यानी उसने पानी छोड़ दिया। गोरे ने मुझे धकेलकर एक दीवार पे लगा दिया और स्पीड बढ़ा दी। और आवाज निकाल-निकालकर बुर के अंदर पानी छोड़ने लगा। फिर खुद बेड पर जेबा को लिए लेट गया।
अब मेरी बारी थी। मैं अब पूरी स्पीड में जेबा की गाण्ड मार रहा था। फिर मैंने भी पानी छोड़ दिया। हम सब थक के चूर थे। गोरों ने कुछ देर बाद हमसे बिदा लिया।
ताज्जुब की बात थी की सबसे ज्यादा जेबा खुश थी। उसने मुझसे पूछा- तुम्हें बुरा नहीं लगा की गोरे ने हमको चोदा।
मैंने कहा- मैंने भी तो उसकी बीवी को चोदा है। हिसाब बराबर।
हम घर वापस आ गये जीनत बहुत खुश थी। उस गोरी की एक बुर में दो लण्ड देखकर।
उसी दिन पिरी का फोन आया। वो मुझे बुला रही थी। उसका शौहर मुझसे मिलना चाहता था। मैं बहुत परेशान था की क्या करूँ। जीनत ने मुझे से मेरी परेशानी की वजह पूछा, तो मैंने बता दिया। वो भी जिद करने लगी की मुझे भी उससे मिलना है, चलो ना।
मैंने कहा- “ठीक है, चलो…” और पिरी से मिलने को हम दोनों अपनी कार से निकल पड़े।
जेबा को बता दिया। शायद हमारा जाना उसे अच्छा नहीं लगा। लेकिन वो मुझे किसी काम के लिए रोकती टोकती नहीं थी। इस बार भी उसने मुझे नहीं रोका। हम दिन के 11:00 बजे पिरी के घर पहुँच गये। उसने हमें अंदर बुलाया। हम अंदर गये। उसका पति भी बाहर आया और हमसे हाथ मिलाकर अंदर ले गया। हम सब एक सोफे पे बैठे।
मैंने कहा- वावो पिरी… तू तो मोटी हो गयी है।
उसने कहा- सिर्फ़ पेट बढ़ा है।
मैंने कहा- इतना बड़ा पेट लगता है दो बच्चे हैं।
उसके पति ने कहा- हाथ लगा के देखो, चाहो तो कपड़े उतार के देखो।
मैं उसकीा मुँह ताकने लगा।
उसके पति ने कहा- क्या देख रहे हो… यह सब तुम्हारा ही तो किया धरा है।
पिरी बोली- यह क्या बक रहे हैं आप।
उसका पति- “तुम मुझे बेवकूफ समझी हो। मैं यूँही इनसे मिलने को बोल रहा था। इनका पाप इनके जिम्मे लगाना चाहता था…” यह कहकर उसने अपनी जेब से पिस्टल निकाल लिया- “चलो तीनों पलंग पर चढ़ो। चलो जल्दी करो।
हम डर गये। उसकी आँखों में खून सवार था। हाथ में पिस्टल था हम तीनों पलंग पर चढ़ गये। उसने कहा- अब पिरी की नाइटी उतारो, और उसके पेट को देखो… पहचानो यह तुम्हारे ही बच्चे हैं की नहीं।
मैं इस बेवकूफ की बातों पर हसूँ की रोऊँ समझ नहीं पा रहा था।
उसका पति बोला- इसे कैसे चोदते थे अब मेरे सामने चोदो। चलो जल्दी करो नहीं तो एक-एक को गोली मारकर ढेर कर दूँगा। होशयारी की तो अंजाम के जिम्मेदार तुम खुद होगे। जैसा मैं कहता हूँ वैसा करो। मैं सिर्फ़ तुम्हारी एक वीडियो बनाना चाहता हूँ। फिर तुम्हें इसके साथ घर से निकाल दूँगा। किसी को कोई चोट नहीं पहुँचाऊँगा।
मैंने कहा- उसे तकलीफ होगी। वो प्रेगनेन्ट है।
उसने कहा- “जरा होसियारी से चोदना। उसके पेट में तुम्हारी औलाद है। चलो जल्दी करो…” उसने पास ही रखा वीडियो कमरा उठा लिया। एक हाथ में कमरा दूसरे में गन।
जीनत ने कहा- कर लो ना। उसका पति कह रहा है।
मैंने जीनत के हाथ, जो मेरे पैंट की चैन खोलना चाहते थे, को झटक दिया और खुद चैन खोलकर लण्ड बाहर निकाला,और जीनत के सर को लण्ड पर झुका दिया। वो मेरे लण्ड को चूसने लगी। लण्ड खड़ा हुआ तो मैंने पिरी की बुर को ठीक से चाटा, अच्छी तरह चिकना किया और लण्ड घुसा दिया। पूरा नहीं।
पर उसके पति ने जोर दिया पूरा घुसाओ। कुछ नहीं होगा अभी टाइम है। पिरी रो रही थी सुबक-सुबक के। हमें मालूम ना था की ऐसा भी दिन देखना पड़ेगा। मैं आहिस्ता-आहिस्ता कमर हिला रहा था। मेरी नजर पूरी तरह उसके पति पे थी। मैं आधे घंटे तक चोदता रहा। लण्ड पिरी की बुर पाकर शायद पानी छोड़ना भूल गया था। तभी उसका पति थोड़ा करीब आ गया। क्लोजप लेने के लिए।
मैं उसपर कूद गया। वो सोफे पर गिरा उसके हाथ से कैमरा और पिस्टल दोनों छिटक गये। मैंने उसके चेहरे पर दो घूंसे जमाए। वो बेहोश हो गया। मैंने और जीनत ने पिरी को कपड़े पहनाए और उसके पति को रस्सी से बाँध दिया, और पोलिस को फोन किया।
पोलिस आई उसके साथ मीडिआ भी पहुँच गयी। हमने सारा वाकिया सुनाया। और पोलिस से बिनती की की यह वीडियो मीडिया को नहीं मिलनी चाहिए। फिर हम बाहर आए तो मीडिया ने घेर लिया। हमने कुछ बताया और कुछ छुपाया।
मैंने पिरी से पूछा- तुम कहाँ जाओगी।
उसने रोते हुए कहा- अपने घर ले चलो। मेरे घर वाले तुम्हारी कहानी जान गये हैं। वो मुझे ही दोष देंगे।
हम उसे अपने घर ले आए। उसे देखकर जेबा बिल्कुल चुप थी। क्योंकी जीनत से जेबा ज्यादा खूबसूरत थी। लेकिन पिरी से कम।
हमने पिरी को एक कमरे में ठहराया। हम तीनों दूसरे कमरे में सोए। और हममें गरमा-गरम बहस होने लगी। क्या पिरी को भी यहीं हर दिन के लिए रहना है… क्या मैं उससे भी शादी कर लूँ… जेबा सिर्फ़ यह कहती रही आपकी जो मर्ज़ी।
लेकिन जीनत उसके यहाँ रहने पर बहुत नाराज थी- “ठीक है मदद कर दी, लेकिन इसका मतलब थोड़े है की ज़िंदगी भर रखना भी पड़े। तो सोनम और कोमल को भी क्यों नहीं रख लेते। उन दोनों को भी तो तुमने चोदा है। वो भी तो तुम्हें चाहती हैं। सोनम तो मुझसे कह भी रही थी की जीनत मुझे भी तुम्हारे साथ रहना है…”
मैं पागल हुए जा रहा था। जेबा ने कहा- पहले पिरी से पूछ तो लो की वो क्या चाहती है।
हम सो गये। सबका मूड खराब था। सुबह उठते ही सब पिरी के कमरे में गये। उसकी खैरियत पूछी।
उसने ही सवाल कर दिया- तुम तीनों ने मुझे अकेला छोड़ दिया।
हम सबसे कोई जवाब नहीं बन पा रहा था।
उसने कहा- मैं पराई हूँ ना। तुम सब पति-पत्नी हो। नहीं…”
जेबा ने कहा- तुम ऐसा ना सोचो। हम सोच रहे थे क्या तुम्हारा यहाँ रहना ठीक होगा। तुम्हारे तो भाई भाभी हैं। उन्हें बुरा नहीं लगेगा…”
पिरी बोली- अच्छा तो यह बात है। मेरे दिल को बहुत बड़ा धक्का लगा है। इमरान की उम्मीद ना होती तो मैं सीधे खुदकुशी कर लेती। अब तुम लोग मुझे बताओ, भाई-भाभी की बात मत करो। तुम सहारा दोगे या खुदकुशी करने को बोलोगे।
मैंने कहा- पिरी तुम ऐसा सोचना भी मत। तुम यहीं रहोगी।
जीनत बोली- वो यहाँ नहीं रहेगी। तुम मदद करना चाहते हो तो उसे कोई मकान खरीद के दे दो, वरना।
मैंने कहा- “वरना क्या…”
उसने कहा- मैं यहाँ से चली जाऊँगी। नहीं… मैं खुदकुशी कर लूँगी।
मैंने कहा- शौक से चली जाओ।
जीनत रोती सी सूरत बनाकर बोली- क्या कहा चली जाऊँ… अब पिरी मिल गयी तो मैं चली जाऊँ।
मैंने कहा- हाँ चली जाओ। तुम जैसी छोटे दिल वालों के लिए इस घर में कोई जगह नहीं।
उसने कहा- चली जाऊँ कहने के लिए मुझे लाया था।
मैंने कहा- “नहीं… लेकिन…” फिर मैं जेबा की तरफ घूमकर पूछा- अच्छा जेबा तुम बताओ, तुम क्या चाहती हो।
जेबा बहुत चालक थी। उसने कहा- जो आपकी मर्ज़ी।
मैं- देखा पिरी को दो वोट मिल गये।
जीनत ने जेबा से कहा- “तू ना बिल्कुल बेवकूफ है। देखना बहुत पछताएगी। मैं चली जाऊँगी कह देती हूँ…” कहकर वो कमरे से बाहर निकलने को हुई।
तो मैंने कहा- रूको।
तो वो खुश हो गयी।
मैंने फिर कहा- चली जाना लेकिन एक हकीकत सुनती जाओ।
“बोलो…” उसने कहा।
मैंने कहा- यह जो मेरा बिज़नेस, मेरा मकान, मेरी कार देख रही हो ना। यह सब पिरी का दिया हुआ है।
पिरी बोली- इमरान मत बताओ ना सबको।
मैं- “पिरी तुम चुप रहो… ना बताया तो वो इसी तरह तुम्हें तंग करती रहेगी…” मैंने अरबी वाली सब बात दोनों को बता दी।
जीनत बोली- “इमरान तुम भी…”
मैंने कहा- हाँ मैं भी।
जीनत- सारी पिरी मुझे माफ कर दे। लेकिन तूने इमरान को भी मरवा दिया। यह ठीक नहीं किया।
सब हँसने लगे। अब सब कुछ ठीक हो चुका था। मैंने काजी को बुलाकर पिरी से भी निकाह कर लिया। अब मैं पिरी के कमरे में भी सोने लगा। लेकिन जीनत वहाँ भी मेरे साथ सोने आ जाती। यानी मैं जेबा के साथ सोऊँ तो भी जीनत साथ सोती। पिरी के साथ सोऊँ तो भी।
अब मेरी तीन बीवियां थीं। मेरी उमर अभी 17 साल भी नहीं हुई थी।
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