Wednesday, September 24, 2014

FUN-MAZA-MASTI ऑफिस का प्यार घरपे ख़तम हुआ

FUN-MAZA-MASTI

 ऑफिस का प्यार घरपे ख़तम हुआ

दोस्तों,

ये कहानी तबकी हे जब मैं काम के चक्कर मै फरीदाबाद गया हुआ था | वेसे तो आपको पता ही हें की सब कहते हें की मै स्मार्ट दीखता हूँ इसी कारण मुझसे लडकिया जल्दी उठ जाती हें | ख़ैर जो भी हो, आज मैं आपको मेरे साथ फरीदाबाद मै क्या हुआ वो आपको बताता हूँ, जो की पहले की तरह इस बार भी आप सबको पसंद आएगी | मुझे जहा काम करना था वह मेरे साथ एक और लड़की काम करती थी जिसकी बराबर उम्र कितनी हें वो तो मुझे भी नई पता चला पर मेरे जितनी ही थी शायद उसकी | दिखने मै काफी सुंदर और एक दम गोरी थी वो | कोई भी देखेगा उसे तो यही सोचेगा की मिल जाये एक बार, उसके बाद जाने न दूँ | यह ख्याल सबके मन मै आएगा अगर कोई उसे देख ले तो | उसके जिस्म मै सबसे खास चीज जो थी वो थी उसकी गांड, जो उसके जिस्म से एक दम अलग होकर बहार को आते थे | उसकी फिगर कुछ ३६ २६ ३८ होना चाहिए | मै उसे जितने बार देखता था, वो भी मुझे उतने बार देखते हुए दिख जताई थी |



एक दिन वो मुझसे कुछ पूछने आई काम के चक्कर मै और फिर बताओ बताओ मै उसने मुझसे पूछा की तुम मुझे इतना क्यों देखते हो, मेने भी कह दिया तुम चीज़ ही हो एसी की बिना देखे रहा नहीं जाता | वो इतना उस्न्ने के मुस्कुरा के चली गयी, और उसदिन से जब भी उसे कुछ समय मिलता मेरे पास कुर्सी लेके आके बैठ जतिओर मुझसे बातें करने लग जाती | यह देख के वह के कई लोगो को मुझसे जलन होने लग गयी थी | एक दिन वो मुझे बोली की तुम्हे पता हें कल सपने मैं मेने क्या देखा ?, मैंने कहा न नहीं पता तुम ही बताओ की कल क्या देखा ? वो बोली कल सपने मैं तुम आये थे और फिर आके मेरे साथ बहुत अजीब अजीब काम किये | मैं चोक के बोला ऐसा क्या कर दिया मेने तुम्हारे सपने मै आके, और वेसे सपना तुम देखी थी पक्का तुमने ही मुझसे करवाया होगा | फिर वो हसने लगी और बोली हाँ यह बात भी सही हें, फिर वो मुझसे मेरा घर का पता पूछी मेने उसे बताया और बोला की चलो अज मेरे घर, साथ मिलके कुछ बातें हो जाये | वो बोली की ठीक हें चलेंगे |



फिर हम काम ख़तम करके साथ मै निकले वो मेरी बाइक के पीछे बैठ गयी और फिर हम मेरे घर की तरफ चल दिए | कुछ देर के बाद हम घर पहुच गये मेने ताला खोला और फिर उम अंदर आ गए और फिर मेने दरवाज़ा बंद कर दिया | मुझे लगा की दरवाज़ा बंद करने से वो कुछ बोलेगी पर कुछ नही बोली वो | मेने उसके लिया चाय बनाई और फिर हम साथ मिलके चाय पिए और फिर यहाँ वह की बातें करने लगे, मेरा मन भी तो और मुझे लग रहा था की उसका भी मन था की कुछ और बात करे एन फालतू बातों को छोड़ के, पर शुरू नही हो पा रही थी | फिर मेने सोचा की ऐसे सोचता रहा तो कुछ नही मिलेगा सो मेने उसे कहा की मुझसे प्यार करती हो क्या ? मेने यह ऐसे ही झटके पूछा और उसके मुह से भी झट से हाँ निकल पड़ा | फिर हम दोनों एक दुसरे को अजीब नजरो से देखने लगे फिर मैं अचानक उठ गया और उससे चाय का कप माँगा रखने के लिए तो वो उठी और मुझसे चाय का कप लेके रखने के लिए जाने लगी तो मेने उससे पीछे से पकड़ के रोका और उसके हाथ से कप लेके बाजु मै रख दिया और उसे गले लगा लिया | वो मुझे कुछ नही बोली और मुझसे चिपके रही, मेरा हाथ धीरे धीरे उसके कंधो से होते हुए उसके कमर पे आके रुक गया और फिर उसके पिछवाड़े पे आ गया जिसपे मै धीरे धीरे हाथ घुमाने लग गया | मै उसके पिछवाड़े मै कुछ देर हाथ घुमाता रहा और वो मुझसे धीरे धीरे और कस के चिपकती गयी |



मै उसे उसी हाल मै बिस्तर के पास ले गया और और बिस्तर के सामने उसे खड़े खड़े ही यहाँ वह चूमने लगा, वो बस अपना सर यहाँ वह हिला हिला के मुझे चूमने के लिए जगह दे रही थी और मै उसे चूमे जा रहा था | फिर अंत मै मैं उसके होठो पे अपने होठ रख दिया और उसके होठो को चूसने लगा और वो भी कुछ पलो बाद मेरे होठो को चूमने लगी | इसी तरह हम दोनों एक दुसरे मै बुरी तरह खो गये एक दुसरे मैं | मैंने उसे धीरे से बिस्तर पे लेता दिया और वो चुप से लेट के अपने आँखे बंद कर ली, और मुझे अपने उपर आने का हल्का सा न के बराबर इशारा दिया बस मै समझ गया की उसे अब मेरी बहुत जरुरत हें | मैं भी उसके आराम से लेट गया और उसके गालो से चुमते हुए धीरे धीरे उसको होठो पे आ गया और उसके रसीले होठो को चूसने लगा | वो अब सिसकिय भरने लगी और मेरे सर पे हाथ फेरने लगी उर मै उसके रसीले होठो को और चूसने लगा | मैं उसके होतो से अब खिसकता हुआ उसके गले पे आया और उसके गले को चूमने लगा और फिर उसके चूचो पे आ गया उसके सूट के उपरसे ही उन्हें चूम रहा था और वो साप की तरह बिस्तर पे रेंगने लगी थी | मैं फिरसे उसके होठो को चूसने लगा और अपने दोनों हाथो से उसके चूचो को दबाने लगा और वो अपने सर को यहाँ वह घुमा रही थी और जेसे ही मेरे होठ से उसके होठ अलग हो जाता वो फिर झट से मेरे होठो को पकड़ लेटी अपने होठ से |



मैं उसे इसी तरह काफी देर तक चूमता रहा और उसके हाथ मेरे पीठ पे थे और फिर धीरे धीरे मेरे शर्ट के अंदर घुस गये और फिर मेरे नंगे पीठ पे वो अपना हाथ फेरने लगी | मेने अब सोचा की इसके कपडे हटा देना चाहए सो मेने उसे उठाया और फिर उसके कुरते को उपर की तरफ उठाने लगा तो उसने खुद ही अपना कुरता हटा दिया और फिरसे मुझसे झट से लिपट गयी | उसने अंदर काले रंग का ब्रा पहना हुआ था और जब वो मुझसे लिपटी तो उसके जिस्म की गर्माहट मुझे महसूस हुई जिससे मेरा लंड अंदर ही उछालने लग गया | उसके चुचे एक दम ताने हुए थे और ब्रा से बहार आने को बेताब थे | एमने उसे फरसे लेता दिया और उसके चूचो मै मुह रगड़ने लग गया और उसके चूचो को काटने और चूमने लग गया | मैं उसके चूचो को चूमने के बाद दोनों हाथो से उसके चूचो को दोनों तरफ से धक्केलता और और कस कस के दबाने लग जाता | बिच बिच मै मैं उसके होठो को कभी चूसता |



मैं फिर उठ गया और अपनी शर्ट उतार दी, रोर फिर उसके ब्रा का हुक भी खोल दिया जिस्के कारण उसके दोनों चुचे अब एक दम आज़ाद हो चुके थे | उसके एक दम गोरे गोरे कचे और उसपे भूरे रंग के निप्पल मेरे आँखों के सामने कमाल कर रहे थे | उसे दख के मेरा लंड अंदर ही अंदर फटा जा रहा था | मैं देर न करते हुए उसके चूचो पे टूट पड़ा और उसके निप्पलो को चूसने लगा और उसपे जीभ भी फेरता बिच बिच मै | उसकी सिसकिय अब कस कस के तेज होने लग गयी थी | उसने अपनी उंगलिया मेरे बालो मै फसा दी और मेरे बालो को नोचने लग गयी | मैं फिर भी अपने काम मै लगा रहा और उसके चूचो को मसलता चूसता जीभ फेरता सब कुछ करता रहता | कुछ देर के बाद मैंने अपना एक हाथ धीरे से निचे की तरफ सरकाया और उसके चुत के उपर हाथ फेरने लगा और दूसरी तरफ उसके चूचो को चूसता रहता | कुछ देर मेने महसूस किया की उसकी चुत गीली हो चुकी हें, सो मेने उसे उसके निचे का कपडा उतारने को कहा और वो झट से उतार दी और फिर मेरे सामने सिर्फ अब वो पैंटी मै लेटी रही | वो लेटने के बाद मेरे पेंट की तरफ दखने लगी सो मै समझ गया की उसे मेरी पेंट पसंद नही आ रही सो मेने उसे उतार दिया अब मै उसके सामने सिर्फ अपनी चड्डी मै था | मैं फिर उसक एतांगो के बिच बैठ गया और उसकी चुत के उपर मुह रख दिया पैंटी के उपर से ही और और उसे चूमने लगा, वो फिरसे मेरे सर को पकडली और मेरे सर को चुत मै दबाने लग गयी | मैं उसकी चुत को पैंटी के उपरसे ही चूमता और काटता |



मैं फिरसे खड़ा हो गया और मेने अपनी चड्डी उतार दी और उसकी पैंटी भी | उसकी चुत पे हल्के फुल्के बाल थे, यूँ कह सकते हें की नहीं थे | मैं उसकी चुत दखने लगा और वो मेरे लंड को दखने लग गयी | मैं फिर से उसके उपर लेट गया और उसके रसीले होठो को चुसना शुरू कर दिया और फिर चूसते चूसते उसके निप्पलो को चुसना शुरू कर दिया | फिर कुछ देर निप्पलो को चूसने के साथ साथ मै उसकी चुत पे ऊँगली भी घुमाता रहा, जिससे की वो एक बार झड़ चुकी थी | मै लगा रहा जब तक वो फिरसे गर्म नही हुई, गर्म होने के बाद मैं उसके निप्पलो को चुसना छोड़ दिया और उसकी चुत की तरफ आ गया | मैंने उसकी चुत की पंखडियो को अलग किया और अंदर वाले हिस्से पे जीभ फेरने लगा जिससे उसके जिस्म मै बिजली सी दोड पड़ी और बिस्तर पे रेंगने लगी |मैं अब उसकी चुत की छेद पे घुमाने लग गया अपनी जीभ को | उसकी चुत देख के लगा की एक दम कुंवारी हें, मैं उसकी पूरी चुत को मुह मै लेके चूसने लगा और वो बिस्तर पे पागल सी होने लगी थी और कस के बोलने लगी की समीर कुछ करो, यह तुमने क्या कर दिया मुझसे रहा नहीं जा रहा कुछ करो, मेरी चुत पे कुछ करते रहो जोर जोर से अह्ह्ह्हह्ह उफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ आआआ ह्म्मम्म्म्मम्म्म्म करो और और जोर जोर से चुसो मेरी चुत को ह्म्म्मम्म्म्मा आआआआअ uffffffffff ऐईईईईईइ स्स्सस्स्स्सस्स्स करो करो और करो ऐसे ही करते रहो |



मैं खड़ा हुआ और वो मुझे घूरने लगी और गुस्से मै पूछा की खड़े क्यों हो गये करते हो जो कर रहे थे | आज तुम्हे पुरे दिन यही करना होगा वरना मै तुमसे बात नही करूंगी | मं हस के कहा चिंता मत करो, अभी मै जो करूंगा वो इसे भी जादा अच्छा और सुख देने वाला होगा | वो फिर खुश हो गयी और बोली की फिर जल्दी करो | मैंने अपना लंड लिया और उसकी चुत पे रख दिया, वो एक पल के लिए डॉ गयी और बली की इससे क्या करोगे, मुझे ये नहीं चाहिए तुम्हारी नाजुक जीभ काफी थी इसे हटाओ मुझे ये नही चहिये | मैं बोला दो मं रुको उसके बाद बोलना की यह चाहिए या फिर जीभ | वो बोली की करो करो जो करना हें जल्दी करो | मैं अपने लंड को उसकी चुत पे रगड़ने लगा और थोदर देर तक रगड़ते रहा | मुझे डॉ था की दर्द मै वो कस के न चिल्ला दे, सो मै झट से तेल ले आया और अपने लंड पे और उसकी चुत पे लगा दिया | मैं फिरसे रगड़ने लगा और फिर झुक के उसके होठो को चूसने लगा, और फिर उसके निप्पलो को भी चूसा और वो फिरसे गर्म होने लग गयी | इसी दोरान मै उसके होठो को चूसने लगा और निचे से कस के धक्का दिया और उसने उस धक्के के बदले मेरे पीठ पे अपने नाखुद गाड दिए | अब न वो चिल्ला सकती थी और न मैं | हम दोनों ने अपने दर्द सह लिए और मैं फिर वही रुक गया और उस्केहोठो को चूसने लगा, और फिर उसके चूचो को | जब उसका दर्द कुछ कम हुआ सो मैं फिरसे उसके होठो को चूमने लगा और इफ्र मेने अपना लंड फिरसे अंदर धक्का दिया, वो मुझे अब पीठ पे कस कस के घुसे मरने लगी पर मेने उसके होठो को नही छोड़ा वरना वो चीख के सब को जमा कर लेती वहा पे |



मैं अब फिरसे रुक गया और उसके दर्द कम होने का इंतज़ार किया और फिर से धक्का मारा जब दर्द कम हुआ | मेरा लंड अभी तक आधा ही घुसा था और वो दर्द से छात्पता रही थी और मुझे भी काफी बुरा लग रहा था की इतनी कच्ची कली को इतने बार दर्द दे रहा हूँ | इस बार मै लंड को वही रोका नहीं पर बहार की तरफ खीचने लगा और वो कुछ हल्का महसूस कर रही थी की मेने इफ्रसे एक झटका दिया लंड का और मेरा लंड पूरा तो नही पर जादा अंदर चला गया था और अब मै उसके दर्द को न दखते हुए लं द्फिरसे बहार लेने लगा और फिर अंदर करने लगा | अब भी उसे दर्द हो रहा ता पर मुझे उसके दरद को नज़र अंदाज़ करना था और मै वही करता रहा और अपने लंड को अंदर बहार करता रहा | काफी देर के बाद उसके छेरेह पे हल्कापन दिखाई पड़ा और तब जाके मुझे भी कुछ शांति मिली | मैं फिर भी अपनी गति पे रहा और करता रहा और वो धीरे धीरे मेरे लंड का मज़ा लेने लगी और मै उसे दख के अपने दिल को शांति देता रहा | कुछ देर बाद मुझे भी मज़ा आने लग गया | मेने उसकी चुत की तरफ देखा तो वो झड़ चुकी थी, पर मै रुका नही और लगा रहा | वो कुछ देर बड फिरसे गरम हो गयी और उसने अब अपनी दोनों टांगो को मेरे पिछवाड़े मै बंद दिया और मुझे अपनी तरफ कसने लगी | मेने अब अपनी गति और बड़ा दी और कस कस के धक्के देने लगा और पूरा कमरा फच फच की आवाज़ से गूंजने लगी और कुछ पलो बाद उसकी कराहने की आवाजों से | वो hmmmmmmmmmmm अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह की आवाज़े निकालने लगी और फिर कहने लगी समीर तुम सच मै कमाल के लड़के हो......... करो ह्म्म्मम्म्म्मम्म और करो करते रहो साड़ी रात यही करते र्हूऊऊओ तुम सच मै कितने अच्छे ओ |



मैं फिर अपनी गति बनाये रखा और कुछ देर बाद अपने लंड को झट से निकाल दिया और जमीन पे अपना पानी गिरा दिया | वो इतनी प्यारी लडकी थी की उसके जिस्म को गन्दा करना मुझे अच्छा नही लगा इसीलिए ज़मीं पे गिरा दिया | वो अब ढीली पड़ी हुई थी, और मै उसके बाजू मै लेट गया और उसे चूमने लगा, वो भी मुझे चूमने लगी और फिर कुछ देर के बड हमने फिरसे एक नया खेल शुरू किया |



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