Sunday, September 14, 2014

FUN-MAZA-MASTI मामा की बेटी हेमा

FUN-MAZA-MASTI

मामा की बेटी हेमा


दोस्तो मेरा नाम किटी है।   दोस्तों मेरी आज की कहानी मेरी लाईफ की सच्ची कहानी है। दोस्तों मेरी उम्र 22 और में बेंगलोर मे रहता हूँ और में एक प्राइवेट कंपनी मे काम करता हूँ। मेरे माता पिता गावं मे रहते है। मेरी हाईट करीब 6 फीट है और में दिखने मे बहुत अच्छा लगता हूँ और में एक अच्छे ख़ासे लंड का मालिक भी हूँ। दोस्तों मेरी ये कहानी मेरे मामा की बेटी हेमा और मेरी है।
दोस्तों अब में आपको सबसे पहले हेमा के बारे मे बताता हूँ। दोस्तों उसकी उम्र 24 साल की है और वो एक शादीशुदा लड़की है, उसका फिगर 36-26-38 है और उसकी हाईट 5.6 फिट और दिखने मे बहुत सुंदर है। में जब कभी भी बातों बातों मे उसे छूता और तभी मेरा लंड खड़ा हो जाता था, में हमेशा उसके गदराये हुए बदन के बारे मे ही सोच सोच कर दीवाना हो गया था और हमेशा उसे चोदने के मौके की तलाश मे रहता था। अब चलो कहानी पर आते है।
हेमा जब 18 साल की थी, तब मेरा अपना एक साल डिग्री लेने के लिये पढ़ाई करने मे गुजरा था। उसी समय से में उसे चाहने लगा था। एक बार वो हमारे गावं भी आई थी और तभी मैंने उसे प्रपोज़ किया था और वो मान गयी थी। में बहुत खुश हुआ और दूसरे ही दिन वो उसकी माँ के साथ उनके गावं चली गई, बाद मे फोन पर बातचीत हो रही थी। लेकिन हम को अकेले मे मिलने का मौका ही नहीं मिल रहा था। में दो तीन बार उनके गावं भी गया था, लेकिन सिर्फ उस समय सिवाए ‘किस’ के कुछ काम नहीं बन पाया था। तभी एक दिन उसने मुझे मेरे नंबर पर कॉल किया था और उसने मुझसे कहा कि कल वो शॉपिंग की वजह से सिटी जा रही है, जो उनके गावं से दस किलोमीटर दूरी पर है। अगर तुम भी सिटी आ सकते हो तो हम अकेले मे मिल सकते है। अब में भी इसी मौके की तलाश मे था और मैंने उसे हाँ कर दी थी। अब दूसरे ही दिन मैंने कॉलेज बंक किया और सिटी चला गया और वो मुझे सिटी के मेंन बस स्टॉप पर मिली थी और वहाँ पर हम दोनों ने कुछ बातचीत की और बाद में हम दोनो शॉपिंग के लिए निकल पड़े थे। बहुत देर कपड़े देखने के बाद उसने कुछ कपड़े खरीदे और एक चूड़ी का सेट भी लिया और बाद मे हम एक होटल मे गये और वहाँ पर हमने खाना खाया और उसके बाद मैंने उससे पूछा कि क्या हम कोई फिल्म देखने चले? और उसने हाँ कह दी और फिर हम दोनो फिल्म देखने गये, कोई नये हीरो की फिल्म चल रही थी और थियेटर मे बहुत कम लोग थे। मैंने बालकनी के दो टिकिट लिये और अब हम थियेटर के अंदर चले गये थे।
अब बालकनी के लास्ट यानी कि सब से ऊपर वाली लाइन पर जाकर हम दोनों बैठ गये थे। अब कुछ देर बाद फिल्म स्टार्ट हुई साथ साथ मे थियेटर के अंदर कि लाइट्स भी ऑफ हुई थी। अब फिल्म स्टार्ट होने के पांच दस मिनट के बाद मैंने उसके कंधे पर हाथ रख दिया और अब वो मेरी तरफ घूम कर एक मदहोश करने वाली स्माइल दे रही थी, अब मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसे मेरे और पास खींच लिया था और अब उसके गुलाबी होंठो पर मैंने अपने होंठ रख दिये और उसे किस करने लगा था और अब वो भी मेरा साथ देने लगी थी। करीब तीन चार मिनट के बाद मैंने अपने होठो को उसके होठो से अलग किया और उसके लेफ्ट गाल पर एक चुम्मा लिया था और अब वो मुस्कुराने के साथ साथ शरमा भी रही थी। अब में थोड़ी देर के बाद मेरा सीधा हाथ उसके कंधे पर से सीधा उसकी जिन्स के अंदर डालने की कोशिश करने लगा था। लेकिन उसने मुझे मना किया, तभी मैंने हाथ हटाया और कंधे से वापस उसके टॉप में डाला अब फिर से वो पहले कि तरह मना करने लगी और कुछ देर के बाद वो चुप हो गई और अब मैंने अपने हाथ को सीधा उसके टॉप के अंदर डाल दिया था और उसके बड़े बड़े बूब्स पर घुमाने लगा था। वाह क्या बूब्स थे, यारों इतने सॉफ्ट थे कि मुझे लगा कि कोई मख्खन से भी मुलायम चीज को हाथ में पकड़ा है और वो फिलिंग से मेरा लंड गरम होकर खड़ा होने लगा था। थोड़ी देर वैसे ही रहने के बाद में उसके बूब्स को दबाने लगा था, उसके बूब्स बहुत बड़ी साइज़ के थे, इतने बड़े कि में उन्हें अपने एक हाथ से आराम से नहीं पकड़ सकता था। अब में उसके बूब्स को मसलते मसलते बूब्स की निप्पल को मेरी दोनो उंगलियों से पकड़ कर खींचने लगा, लेकिन अब वो बहुत जोर से साँसे लेने लगी थी और उसके बूब्स का निप्पल हार्ड हो गया था।
अब मुझे उसके बूब्स दबाने मे बहुत मज़ा आ रहा था और मन कर रहा था कि अभी इस वक्त उसके टॉप को निकाल कर उसके बूब्स को बहुत जोर से चूसूं लेकिन क्या करता थियेटर था इसकी वजह से मैंने अपने पर कंट्रोल कर लिया था। उसके राईट बूब्स को मसलने के बाद में उसके लेफ्ट बूब्स को मसलने और दबाने लगा था। अब दबाते दबाते मैंने उसकी निप्पल को थोड़ा जोर से खींच लिया तो अब उसके मुहं से ज़ोर से आह्ह्ह जैसी आवाज निकल गई थी और वो मुझसे कहने लगी कि इतनी ज़ोर से मत खींचा करो और तभी मैंने कहा की ठीक है।
अब थोड़ी देर के बाद में उसकी चूचियों से खेलने के बाद थियेटर मे लाइट्स ऑन हो गई थी और फिल्म का इंटरवेल हो गया था। अब मैंने बहार जाकर एक कोल्डड्रिंक ली और खाने के लिए कुछ स्नेक्स भी लिये थे और अब में अंदर चला आया था और हम स्नेक्स ख़ाकर कोल्डड्रिंक पीने लगे थे और फिर थोड़ी देर बाद ही फिल्म फिर से चालू हो गई और लाइट्स ऑफ हो गई थी और साथ मे हमारा खेल भी फिर से शुरू हो गया था। इस बार मैंने कुछ और ही प्लान बनाया था।
अब मैंने कोल्डड्रिंक की बॉटल से थोड़ा ड्रिंक मेरे मुहं मे लिया और उसे मेरे पास खींच कर उसके मुहं को खोल कर मेरे मुहं से उसके मुहं को फिक्स किया और मेरे मुहं से उसके मुहं मे कोल्डड्रिंक डाल दी और वो मेरे मुहं से आए हुए ड्रिंक को पी गई और अब हम फ्रेंच किस करने लगे थे। अब थोड़ी देर के बाद हम अलग हुए, अलग होने के बाद मैंने उसकी बाएँ जाँघ पर मेरा दाएँ हाथ रख दिया था और फिर धीरे धीरे मेरे हाथ को उसकी चूत की तरफ लेकर गया और जींस के ऊपर से ही उसकी चूत पर मैंने अपना हाथ रख दिया था। अब वो अचानक मेरी तरफ देखने लगी और में भी उसको ही देखता रहा और वो शरमाती रही और अब उसने अपने चहरे को दूसरी तरफ घुमा लिया था। मुझे भी यही चाहिए था और अब मैंने उसकी जींस का बटन खोल दिया और धीरे से मेरे दाएँ हाथ को उसकी जींस और पेंटी के अंदर डाल दिया था। अब उसकी नंगी चूत पर मैंने अपना हाथ रख दिया था, तभी मुझे ऐसा लगा कि जैसे उसकी चूत बहुत गर्म हो चुकी हो लेकिन क्या चूत है, उसकी चूत क्लीन शेव की हुई थी, बहुत गरम थी और पानी भी छोड़ रही थी वो बहुत गीली हो चुकी थी।
अब में धीरे से उसके लिप्स को ओपन करके मेरे होठो को रख कर उसके होठो को रब करने लगा और अब उसके मुहं से आहह आअहह जैसे आवाज़ आने लगी थी। अब फिर से में मेरी उंगली को उसकी चूत के अंदर घुसाने लगा था। लेकिन अब उसने मना कर दिया था। अब मैंने बहुत कोशिश की और कुछ देर बाद भी वो नहीं मानी, अब उसे हर्ट करना भी मुझे पसंद नहीं था इसलिए में भी चुप हो गया। लेकिन मैंने अब भी उसकी क्लीन चूत को रब करना जारी रखा और अब तीन चार मिनट के बाद उसकी बॉडी अकड़ने लगी थी और वो मेरे हाथ मे ही झड़ गई और झड़ने के बाद उसकी बॉडी नॉर्मल हो गई थी। उसके चूत से निकला हुआ पानी मेरी उंगलियो पर लगा हुआ था। अब उसकी जींस से मैंने मेरा हाथ निकाल लिया था और मेरी उंगलियों को एक एक करके में अपने मुहं मे लेकर उसकी चूत का पानी को टेस्ट करने लगा था। चूत का टेस्ट थोड़ा थोड़ा नमकीन था। लेकिन मुझे बहुत अच्छा लगा था। अब मैंने उसको देखकर स्माइल दी और वो शरमा गई। अब मैंने उसे अपने पास खींच कर उसके लिप्स पर किस किया था और फिर मैंने उसके बाएँ हाथ को पकड़ कर मेरे लंड पर रख लिया था।
अब मेरा लंड पहले से भी ज्यादा ही हार्ड हो गया था, अब उसका हाथ लंड पर लगते ही मेरा लंड लोहे जैसा हार्ड हो गया था, अब थोड़ी देर तक वो मेरे लंड पर हाथ रखकर चुपचाप बैठी थी, अब में अपने हाथ से उसके हाथ को अपने लंड के ऊपर ही दबाने लगा था और उसके हाथ को अपने लंड से रगड़ने लगा था। अब मुझे पता नहीं कि उसे क्या हुआ है।
उसने मेरे हाथ से उसका हाथ छुड़ा लिया और अब वो अपने हाथ को मेरी पेंट की ज़िप के ऊपर रखकर मेरी पेंट की ज़िप खोलने लगी थी और अब पूरी ज़िप खोलने के बाद उसने उसका दुपट्टा मेरी पेंट पर डाल कर दुपट्टे के नीचे से उसके दाएँ हाथ को मेरी पेंट की ज़िप के अंदर डाल कर मेरा फंफनते हुए लंड को बाहर निकाल कर उसने अपने हाथ मे पकड़ लिया और कहने लगी कि ये तो बहुत ही बड़ा है, मैंने पूछा क्यूँ? तुमने आज तक क्या किसी का लंड नहीं देखा था, तभी वो बोली नहीं मैंने सिर्फ़ छोटे बच्चो का लंड देखा है और एक दो बार फिल्म मे देखा है, लेकिन ये पहली बार है जब मैंने एक मर्द का लंड इतने पास से देखा और मैंने हाथ से भी पकड़ा है।
अब यह कह कर उसने मेरे लंड को उसके मुट्ठी मे पकड़ कर ऊपर नीचे करने लगी थी और मुझे बहुत मज़ा आने लगा था। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहें है। अब मुझे लगा कि में तीसरे आसमान का सैर कर रहा हूँ, अब थोड़ी देर के बाद मैंने उसे रुकने को कहा वो पूछने लगी कि क्यों? तभी मैंने कहा कि तुम ऐसे ही हिलाती रहोगी तो मेरा पूरा वीर्य निकल जाएगा। तभी उसने झटके से मेरी पेंट के ऊपर से दुपट्टा हटा कर मेरे लंड को एक किस कर दिया था, अब फिर उसने मेरे लंड को मुहं मे लिया और चूसने लगी थी।
तभी में तो चौंक गया था, लेकिन मैंने उससे ये रिक्वेस्ट नहीं किया था, अब थोड़ी देर के बाद मेरे लंड ने वीर्य छोड़ दिया था और उसने मेरे लंड के वीर्य को पी लिया और अब लंड को अपने मुहं से साफ करके उठ गई थी, अब मुझे बहुत ख़ुशी हुई थी और मैंने अपने लंड को मेरी पेंट के अंदर डाल लिया था और उससे पूछने लगा था।
में : तुम्हे लंड का टेस्ट कैसा लगा?
हेमा : बहुत अच्छा था।
में : अब बताओ कि चूत के अंदर लंड को कब लोगी?
हेमा : क्या अंदर, कहाँ अंदर, में नहीं समझी कि तुम क्या बोल रहे हो?
में : मेरे लंड को तुम्हारी चूत के अंदर कब लोगी?
हेमा : चूत क्या होती है।
में : जो कि तुम्हारी पेंटी के अंदर एक छोटा सा छेद है वो तुम्हारी चूत है।
हेमा : सीधे सीधे कहो कि तुम्हे सेक्स करना है।
में : जी हाँ मुझे सेक्स करना है तुम्हारे साथ अब बोलो कब और कहाँ।
हेमा : जब तुम कहो जहाँ तुम कहो।
में : ठीक है में तुम्हे बता दूंगा तुम तैयार रहना अपनी चूत मे लंड डलवाने के लिये।
अब हम फिल्म देखने लगे थोड़ी ही देर मे फिल्म खत्म हो गई थी और हम बाहर आए एक जूस सेंटर मे जाकर जूस पिया और फिर बस स्टॉप की तरफ चल पड़े थे। उसे उसके गावं की बस मे बिठाकर कर में भी हमारे गावं को आ गया था। अब सोचने लगा था कि में कब उसे चोदूंगा। कुछ दिन बाद मुझे पता चला कि उसके घर वाले उसकी शादी करने की सोच रहे है। तब में उसके गावं मे गया और हमारे रिलेटिव्स मुझसे कहने लगे कि तू ही उससे शादी कर ले। लेकिन मेरा एजुकेशन अभी कंप्लीट नहीं हुआ था, इसलिए मैंने कहा कि अभी में शादी नहीं कर सकता हूँ। अब उसके घरवालों ने उसकी शादी दूसरे के साथ कर दी थी। हेमा शादी होने के बाद बेंगलोर चली गई, में बहुत खुश हो गया था और फिर मेरा एजुकेशन कंप्लीट होने के बाद में जॉब पे चला गया, लास्ट इयर में जॉब के सिलसिले मे बेंगलोर आया था और मुझे बंगलोर मे एक नया जॉब मिल गया। अब में हेमा के घर का पता करके उसके घर गया उसको चोदने के लिए।
जब पहली बार उसके घर गया, तब उसी ने मुझे फोन करके अपने घर का पता बताया था और मुझे कहा था कि तुम मेरे कहे हुए समय पर आना अब में उसके घर गया अब देखा कि उसके घर पर कोई भी नहीं है। अब उसने मुझे बताया कि उसके पति की बाहर नौकरी है और वो दो तीन महीनों के लिये बाहर चले जाते है और में यहाँ पर अकेली रहती हूँ। मेरी सास और ससुर जी भी आज ही गावं चले गये है अब वो तीन चार दिन बाद आएगे।
और तभी मैंने भी उसे पकड़ा और उसे बेड पर लिटा दिया और उसके बूब्स को चेक करने लगा था। रियली मुझे उसमे बहुत मज़ा आ रहा था। अब वो ऐसे सिसक रही थी कि जैसे उसके मुहं में किसी ने तेज मिर्च डाल दी हो,
मेरे सिर को पकड़ कर अपने बूब्स पर दबा रही थी। ज़ोर से चूसो इन्हे डियर आज तक सिर्फ़ तुम्हारे लिए ही बचा के रखे थे, आज इनको अपना मालिक मिल गया है और मैं कोई 20-25 मिनट तक उन्हें चूसता और चाटता रहा और उसके बाद में नीचे की तरफ उसके पेट की तरफ चाटने लगा था। अब वो सिसकारियां लेती रही और उसने मुझे ऊपर खींच लिया और किस करने लगी मैंने बोला डियर क्या हुआ तो वो कुछ नहीं बोली और बस किस करती रही।
मैंने अपना हाथ उसकी साड़ी के नाडे में डाल कर नाडा खोलने ही वाला था कि उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे बोलने तक का मौका भी नहीं दिया और किस ही करती रही। तभी मैंने अपना हाथ दुबारा उसके बूब्स पर रख दिया और उन्हे दबाने लगा था, अब वो भी अब गरम हो गई थी। अब मैंने अपना हाथ दोबारा उसके नाडे पर रख दिया और इस बार उसने मेरे हाथ पर हाथ तो रख दिया लेकिन मेरा हाथ वहाँ से हटाया नहीं और मैंने उसके नाडे मे हाथ डाल दिया और उसका नाडा खोल दिया और उसकी साड़ी को थोड़ा सा नीचे कर दिया था और उसकी चूत पर पेंटी के ऊपर से ही हाथ फेरने लगा था।
जब मैंने उसकी चूत पर हाथ लगाया तो पता चला की उसकी चूत बहूत ज़्यादा गीली हो गई थी और पेंटी भी अब तो वो उस समय पागल ही हो गई थी और मेरे बालो को नोचने लगी और मुझसे बोलने लगी कि ओह डियर ये क्या कर रहे हो तुम और मैंने अपने पैरो से उसकी साड़ी को नीचे कर दिया था और अपने हाथो को उसकी कोमल कोमल टांगो पर फेरने लगा था। अब दोस्तों मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, उसके गोरे गोर पैर को टच करने मे।
अब मैं उसके ऊपर आ गया था और उसके बूब्स को सक करने लगा था और नीचे की तरफ से उसके पेट नाभि और कुछ देर बाद में उसकी चूत पर आ गया था और अब मैंने उसकी पेंटी नीचे कर दी और उसकी साफ और गोरी चूत को देखकर मेरा दिमाग़ खराब हो गया था और में चूत को चाटने लग गया था और वो मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगी थी। अब मैंने मुहं हटा दिया और उसकी चूत को चाटने लगा था, उसकी चूत का स्वाद बहुत अच्छा था। वो मुझे हटने को कहने लगी लेकिन मैं फिर भी चाटता रहा और अब वो झड़ने लगी थी और उसने मेरे सर को ज़ोर से पकड़ लिया और उसे अपनी चूत पर दबाने लगी और थोड़ी देर के बाद वो झड़ गई और उसका सारा पानी मेरे मुहं मे आ गया और में उसे पी गया।
अब मैंने उसकी चूत से मुहं हटाया और ऊपर होकर उसको किस करने लगा। लेकिन दोस्तों मैंने अभी तक अपनी पेंट नहीं उतारी थी। फिर किस करते करते उसने मेरी पेंट की बेल्ट भी खोल दी और जल्दी से मेरी पेंट को नीचे करने लगी थी। मेरी पेंट को नीचे करके मेरे लंड को अपने हाथ मे पकड़ लिया और उसे ऊपर नीचे करने लगी। अब मेरा तो बहूत ही बुरा हाल था, मेरा तो ऐसा हाल था की मैं अभी झड़ जाऊँगा लेकिन पता नहीं कैसे मैंने अपने ऊपर कंट्रोल किया हुआ था। लेकिन पांच मिनट के बाद में भी झड़ने लगा और मैंने अपना सारा वीर्य उसके हाथ पर गिर गया।
अब उसने अपने हाथ चादर से साफ किए और बोली कि तुम बहुत गंदे हो मैंने उसे बोला कि कोई बात नहीं ये तो सब तो होता है और हम दोनो हंसने लगे और अब में दोबारा उसे किस करने लगा था और उसके बूब्स को दबाने लगा था और बूब्स को चूसने लगा था। अब वो दोबारा गरम होने लगी थी और अब वो मेरे सिर को अपने बूब्स पर दबाने लगी।
मैंने उसे पूछा क्या में तुम्हे अभी चोद सकता हूँ। तो वो बोली में अब तक सिर्फ तुम्हारे लिये ही बिना चुदी हूँ और तुम चोदने के लिये पूछ रहे हो। मैंने अब ज़्यादा देर ना करते हुए अपने लंड को उसकी चूत पर रख दिया और में धीरे धीरे धक्के मारने लगा, लेकिन आप सब लोग जानते हैं कि एक बिना चुदी चूत मे लंड बहुत जोर लगाने पर ही घुसता है और चुदाई मे थोड़ी मेहनत तो करनी ही पड़ती है।
अब मेरा लंड भी उसकी चूत से फिसल कर नीचे जा रहा था। लेकिन हम दोनों की हालत बहुत खराब थी। हमे बहुत दर्द हो रहा था। मैंने अपने हाथो से अपने लंड को पकड़ा और उसकी चूत पर टिकाया और एक धक्का दिया तो मेरे लंड का बस मुहं उसकी चूत में घुसा था और बाकी लंड बाहर था। लेकिन थोड़ा लंड चूत के अंदर जाने से ही उसके आँखों मे आंसू आ गये थे और मैंने तभी लंड बाहर निकाल लिया था और बोला क्या तुम्हे बहुत ज़्यादा दर्द हो रहा है। तभी वो बड़े प्यार से मेरी तरफ देख कर बोली कि आज से मैं तुम्हारी हूँ, अब तुम जैसे चाहो मेरी चूत फाड़ो मैं तुम्हे मना नहीं करूँगी।
अब मैंने उससे थोड़ा तेल माँगा तो उसने तेल लाकर दिया। मैंने तेल लेकर अपने हाथ में लिया और अपने लंड पर और थोड़ा उसकी चूत पर लगाया और दोबारा से अपने लंड को उसकी चूत पर रखा और धीरे से एक धक्का मारा और अब मेरे लंड का मुहं उसकी चूत में चला गया था और वो अपने होंठो को अपने दांतों के बीच में दबाने लगी थी। अब मुझे पूरा विश्वास हो रहा था कि अब उसे फिर से दर्द हो रहा है। लेकिन मैंने अपने लंड को और ज़ोर लगा कर दबाया और अब कम से कम आधा अंदर चला गया था और उसकी चूत से खून भी निकलने लगा था और उसके मुहं से चीख निकल गई, लेकिन अब उसने लंड को चूत से बाहर निकालने के लिए नहीं बोला था और में उसे किस करने लगा और उसके बूब्स को मसलने लगा था और वो नीचे चुपचाप पड़ी रही और में उसके बूब्स को मसलता रहा और थोड़ी देर बाद वो मुझे थोड़ी नॉर्मल सी लगी तो मैं धीरे धीरे लंड को आगे पीछे करने लगा और उसे अभी भी तोड़ा तोड़ा दर्द हो रहा था। तभी मैंने उसे पूछा कि क्या अभी भी ज्यादा दर्द हो रहा है तभी वो बोली ज्यादा नहीं और मैं धीरे धीरे लंड को आगे पीछे कर रहा था और थोड़ी देर बाद मैंने एक ज़ोर का धक्का मार कर अपना पूरा का पूरा लंड अंदर कर दिया और अब उसकी आँखो से आंसू निकलने लगे थे और अब उसने अपनी आँखे बंद कर ली थी।
में उसके ऊपर ऐसे ही पड़ा रहा और उसे किस करता रहा और थोड़ी देर के बाद वो बोली कि आज तुमने मुझे पुरी तरह से औरत बना दिया है, में तुम्हारा ये अहसान जिंदगी भर नहीं भूलूंगी। अब मैंने उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए और उसे ज़ोर से अपनी बाहों मे जकड़ कर किस करने लगा था। में अब उसे धीरे धीरे चोद भी रहा था और वो भी मुझे किस कर रही थी।
अब उसे भी मज़ा आ रहा था वो भी अपने चूतड़ उठा उठा कर मेरा साथ दे रही थी। ओह चोदो मुझे चोदो आज फाड़ दो मेरी चूत मैं तुम्हारी हूँ। मुझे अपने में समा लो मैं मर जाऊंगी और उसका शरीर अकड़ने लगा था और अब मैंने भी अपनी स्पीड बड़ा दी और मैं उसे तेज तेज धक्को से चोदने लगा था और वो उसी समय झड़ गई और अब थोड़ी देर के बाद में भी झड़ गया था और मैंने अपनी स्पीड बड़ा दी और उसको बोला डियर मेरा वीर्य निकलने वाला है। तुम बताओ क्या करूं अब, तो वो बोली जहाँ तुम्हारा दिल करे वहीं पर निकाल दो, तभी मैंने अपना वीर्य तेज और गहरे धक्को के साथ उसकी चूत मे ही छोड़ दिया और में उसके ऊपर ही गिर गया और उसे किस करने लगा था। अब करीब दस मिनट वैसे ही उसके ऊपर ही पड़े रहने के बाद में उसके ऊपर से उतरा और साइड मे लेट गया था। अब मैंने उसकी चूत को देखा जो कि खून से लाल हुई पड़ी थी। लेकिन उसके चेहरे पर फ़िक्र वाली कोई बात ही नहीं थी, लेकिन उसने उसे ऐसे अनदेखा किया जैसे कुछ हुआ ही नहीं था। लेकिन मैंने भी ज़्यादा सवाल नहीं किए इस बारे में। फिर हम दोनो बाथरूम गये और नहाकर बाहर आए और बेड पर ही लेट गये और थोड़ी देर किस करने के बाद मेरा लंड दोबारा से खड़ा होने लगा था। तभी उसने लंड को हाथ मे पकड़ कर कहा इस लंड का तो दिल अभी भी नहीं भरा मेरी चूत की सील तोड़ दी फिर भी क्या दोबारा जाना चाहते हो चूत के अंदर और वो लंड को सहलाने लगी थी। अब थोड़ी देर के बाद उसने लंड को मुहं में लिया और चूसने लगी और चूसकर लंड दोबारा खड़ा कर दिया था। अब उस रात मैंने उसके साथ दो बार और सेक्स किया और उठकर सुबह जल्दी ही अपने घर को चला गया और मैंने इस बीच उसकी कई बार चुदाई की ।।







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