FUN-MAZA-MASTI
पिकनिक का प्रोग्राम-8
अम्मी ने उसे अपने पास बिठाया और कहा- हमारी बेटी बहुत भोली है, साथ मिलकर रहना। वो उम्मीद से है उसका खयाल रखना।
जीनत बोली- “आंटी आप बेफिक्र हो जाइए। अब मैं हूँ ना इन दोनों की खबर लेने के लिए…” जीनत का वोही बिंदास अंदाज था।
अब्बू ने घूरकर देखा। तो जीनत सहम गयी।
जीनत- मेरा मतलब था की मैं दोनों का खयाल रखूँगी।
अब्बू बोले- “चलो यहाँ से। जेबा कोई दिक्कत हो तो हमें बताना…” और वो चले गये।
कुछ देर बाद जीनत के घर से कम से कम 6 लोग आए, अब्बू-अम्मी, भैया, भाभी छोटा भाई, भतीजा। जीनत सबके साथ ड्राइंग रूम में बैठी। जेबा शरबत लेकर आई। जीनत ने सबको घर के सारे कमरे घुमाए।
अम्मी ने पूछा- तेरा कमरा कौन सा है।
तो जीनत ने कहा- सभी कमरा मेरा है।
“फिर उसका…” अम्मी ने जेबा की तरफ इशारा करके पूछा।
तो जीनत बोली- अम्मी हमें अलग-अलग मत करो। तुम गहने देखो।
अम्मी गहने हाथ में लेकर तोलने लगीं। और पूछा- “असली सोने के हैं…”
जेबा मुश्कुराने लगी। यही सवाल तो जीनत कल रात कर रही थी। सच कहते हैं कहने वाले। माँ-बाप के गुण बच्चों में आते ही हैं।
अब्बू ने पूछा- दामाद जी कहाँ हैं।
तो जीनत ने कहा- वो काम पर गये हैं।
अब्बू ने पूछा- किस वक़्त आएंगे…”
जेबा बोली- वो दिन में नहीं आते।
जीनत बोली- फोन करो ना की मेरे अब्बू-अम्मी आए हैं। मुलाकात करके चलें जायें।
जेबा ने फोन लगाया दफ़्तर में किसी ने उठाया और जेबा ने मेसेज दिया की मलिक के आने पर उन्हें घर भेज दीजिएगा। मेहमान आए हैं।
दो बजे मैं घर आ गया। घर में घुसते ही साले साहब ने सलाम पेश किया। फिर मैंने अब्बू और अम्मी को सलाम किया। सबने मिलकर खाना खाया। जेबा सबकी खिदमत ऐसे कर रही थी जैसे अपने घर के लोग हों। मैं छोटे साले और भतीजे को कार में लेकर बाजार गया। उन्हें चाकलेट वगैरह खरीद कर दिया। फिर हम वापस आए तो सबने हमसे बिदा लिया।
अब्बू समझाने लगे- मेरी बेटी का खयाल रखना।
मैंने कहा- आपकी बेटी को मेरी नहीं, मुझे आपकी बेटी की जरूरत है। वो मेरा खयाल रखेगी। बहुत हिम्मत वाली है आपकी बेटी। उसने मुझे किडनैप करके शादी किया है।
सब हँसने लगे।
मैंने अपने ड्राइवर से कहा- “उन लोगों को घर पहुँचा आए…” वो लोग ज्यादा आमीर नहीं थे। छोटे से घर में रहते थे। बेटी का इतना बड़ा मकान, नौकर-चाकर देखकर खुशी से फूले नहीं समा रहे थे। जाते वक़्त भी मेरे घर को पलटकर देख रहे थे।
लेकिन जीनत को इन सबका कोई लालच नहीं था। उसे तो बस मेरा लण्ड चाहिए था। वो जेबा के सामने मुझसे लिपट गयी- इमरान मुझे आज दुनियां की सबसे बड़ी खुशी मिल गयी। मेरे अब्बू-अम्मी बहुत खुश होकर गये। जेबा ने उन्हें इतना खुश किया की वो मुतमईन हो गये। अब हमें इसे बरकरार रखना है। जेबा तुम मेरी किसी बात का बुरा मत मानना। मैं जरा मुँहफट हूँ ना। कभी-कभी बोलने के बाद सोचती हूँ, सोचकर नहीं बोलती। चलो खेलते हैं।
जेबा- बाजी अभी दिन है।
जीनत- तो क्या… हम तो घर के अंदर हैं।
मैंने कहा- मुझे अभी काम पे जाना है, रात में।
जीनत मेरे गले में बाहें डालकर बोली- आज तुम छुट्टी कर लो।
मैंने कहा- मैं मलिक हूँ नौकर नहीं। मेरे बगैर सब काम गड़बड़ कर देंगे। ठीक है कल हम तुम्हारे दफ़्तर जाएंगे। देखना है की तुम इतने पैसे कैसे कमाते हो। क्यों जेबा…”
जेबा बोली- मुझे नहीं देखना। मैं घर पर ही ठीक हूँ। आप चली जाना।
हमने रात में फिर चुदाई की, सिर्फ़ जीनत ने हिस्सा लिया। जेबा चुपचाप देखती रही और हँसती रही। दूसरे दिन जीनत भी मेरे साथ दफ़्तर जाने के लिए निकल पड़ी। उसने जेबा को भी बुलाया लेकिन उसने आने से इनकार कर दिया। जीनत दफ़्तर पहुँची तो सबने सलाम किया।
मैंने सबसे कहा- यह आपकी मालकिन हैं।
सब दबी जबान में फुसफुसाने लगे। मैंने नजर अंदाज किया लेकिन जीनत ने पूछ लिया- क्या खुसुर-फुसुर हो रही है। किसी ने उल्टा सीधा किया तो बहुत मारूँगी। तुम लोग मुझे जानते नहीं हो। इमरान किसी ने कुछ गड़बड़ किया तो मुझे बुला लेना, एक मिनट में ठीक कर दूँगी।
मैं अपने केबिन में उसे लेकर आया, ठंडा मँगवाया। फिर मैंने कहा- क्यों ना तुम रोज दफ़्तर आया करो।
जीनत बोली- मुझे मंजूर है। मैंने तुमसे शादी तुम्हारे साथ रहने के लिए ही तो किया है। ना की जेबा की तरह रात का इंतेजार करने को। यहाँ खेल सकते हैं…”
मैंने कहा- तुम भी ना बस कमाल करती हो। यह दफ़्तर है यहाँ काम करते हैं।
जीनत बोली- नहीं… काम अगर ना हुआ तो…”
मैं- “सोचेंगे…”
जीनत बोली- “लोग काम क्यों करते हैं…” फिर बोली- “मैंने सुना है शादी की बाद लोग हनीमून के लिए जाते हैं। हम कब जाएंगे…”
मैंने कहा- आपने ठीक सुना है। हनीमून के लिए वो लोग जाते हैं जो एक दूसरे से कभी खेले नहीं होते। हमने तो हनीमून शादी से पहले ही समुंदर किनारे मना लिया।
हम घर दोपहर में ही पहुँच गये। मुझे जीनत को झेलना मुश्किल हो रहा था, काम में दिल ही नहीं लग रहा था। वो कुछ देर में खेलने की बात कर रही थी। उसे छोड़कर कहीं जा भी नहीं पा रहा था। मेरे काम में बार-बार साइट पर जाना पड़ता है। जेबा ने खाना बनवा रखा था। हम खाना खाए और जल्दी आने का बोलकर मैं दफ़्तर आ गया।
रात में मैं दो ड्रेसेस लेकर घर आया। एक ही ड्रेस दोनों को पसंद आई। मुझे पहली बार दो बीवी रखने की उलझन से दो-चर होना पड़ा। उसका हाल भी जीनत ने ही निकाला, दोनों का नाम लिखकर कागज में डालो। जिसका तुम नाम उठाओगे, यह ड्रेस वोही लेगी। मुझे दूसरी तरफ चेहरा करके खड़ा होने को बोला। और दो कागज पे दो नाम लिखकर डाले। मैंने एक नाम उठाया। तो वो जेबा का था।
जीनत बोली- तू बड़ी लकी है रे।
***** *****
जेबा शर्माते हुए बोली- तभी तो पाँच में से पहले मैं इस घर में आई।
जीनत बोली- रात में ड्रेस पहनने का फायदा क्या है। तू रात में पहन लेना मैं दिन में पहन लूगी।
सब हँसने लगे। उसने अंजाने में एक रास्ता दिखा दिया था। सबलोग अगर मेरा ड्रेस तेरा ड्रेस ना करें और कभी वोही ड्रेस एक पहने फिर दूसरा। जीनत अपने कपड़े उतारने लगी।
जेबा बोली- बाजी आप खाना तो खा लीजिए।
जीनत- तू खाना लेके आ। मैंने आज रात कपड़ों को हाथ भी नहीं लगानी। और इमरान को भी नहीं लगाने देनी है। कहकर वो मेरे भी कपड़े उतारने लगी। उसके जेहन में अब भी पिकनिक जैसा ही माहौल बना हुआ था।
मैंने मना किया तो रूठते हुए बोली- हमारी दो दिन पहले शादी हुई है। हमें कपड़े नहीं पहनने चाहिए।
मैंने कहा- हम कुंवारे नहीं हैं हमें दुनियांदारी निभानी है।
जीनत ने कहा- मुझे भूख लगी है, मैं तुम्हें खाना चाहती हूँ।
मैं मान गया वो मुझे नंगा करके मेरे लण्ड को चूसने लगी, अंडों को सहलाने लगी। मेरा लण्ड उसकी नहीं सुन रहा था, खड़ा ही नहीं हो रहा था। क्योंकी मेरी ख्वाहिश नहीं थी।
मैंने कहा- यार जीनत मेरी नहीं तो मेरे लण्ड की मानो। अभी उसका दिल नहीं है। खाना खाकर बेड पर चलते हैं फिर खेलेंगे।
वो बुरा सा मुँह बनाकर उठी फिर कहा- “हम ऐसे ही नंगे खाना खाएंगे…”
मैंने कहा- ठीक है।
जेबा खाना लेकर आई हम डाइनिंग टेबल पर थे। वो हमें इस हाल में देखकर बोली- बाजी आप भी ना कमाल हैं। आप अब भी पिकनिक के मूड से निकली नहीं हैं।
जीनत बोली- इमरान चलो ना कहीं पिकनिक पे चलते हैं।
मैंने कहा- ठीक है, मैं काम दूसरों को बाँटकर प्रोग्राम बनाता हूँ।
जीनत- जल्दी करना… अपनी छातियों को पकड़कर हिलाते हुए बोली- “मेरी ढीली होने से पहले ही बना लेना…”
मैंने उसकी एक निपल चुटकी से मसलते हुए कहा- इतनी जल्दी ढीली नहीं होगी।
हमने खाना खा लिया और बेड पर चले गये। उसने जेबा के भी कपड़े उतरवाए, और मेरे लण्ड पर टूट पड़ी, चूसने लगी। लण्ड आहिस्ता-आहिस्ता खड़ा होने लगा। वो उसे पूरी तरह खड़ा होने दिए बिना चढ़ गयी। लण्ड बुर में जाने के बाद जल्दी-जल्दी खड़ा होने लगा।
वो मुझे अपनी चूचियां मसलने को बोली और कहा- इनसे दूध कब निकलेगा… चूसकर देखो सब कहते हैं शादी के बाद निकलता है।
जेबा बोली- बाजी शादी के बाद नहीं बच्चे के बाद निकलेगा।
जीनत- “चुप कर मुझसे ज्यादा जानती है…” उसने जेबा से कहा- तू इमरान के मुँह पे अपनी बुर रख। उसकी जीभ कब काम आएगी।
अब मेरे मुँह पर जेबा की बुर थी और लण्ड जीनत की बुर के अंदर। अब मुझे दो बीवियों का मजा आ रहा था। जिस तरह हर काम के फायदे और नुकसान होते हैं उसी तरह दो बीवियों के भी फायदे और नुकसान हैं। मर्द कभी रंडीबाजी कर ही नहीं सकता, चाहे बीवी प्रेगनेन्ट हो या मैके जाए।
कुछ देर बाद जीनत ने कहा- जेबा, हम दोनों घोड़ी बनते हैं और इमरान हमारी सवारी करेगा।
जेबा- “बाजी आप इमरान करेगा, ना कहा करो ना, अच्छा नहीं लगता। वो अब हमारे दोस्त नहीं शौहर हैं।
जीनत- तुम आप कहना, मैं तो उसे अपना दोस्त ही समझूंगी तुम-ताम ही करूँगी।
वो दोनों घोड़ी बनी थीं। मैं पहली बार दोनों की गाण्ड का मुआयना कर रहा था की किसकी अच्छी है… हर हाल में जेबा की जीनत से अच्छी थी, बड़ी थी, गोल थी, गोरी थी। मैं अंजाने में ही उसकी गाण्ड के सुराख में लण्ड डालने लगा। वो आ आ करने लगी।
जीनत ने उसे डाँटा- माँ बनने को जा रही है, चुदवाने से डरती है।
जेबा बोली- वो गाण्ड मार रहे हैं।
जीनत- तू ही तो शौहर-शौहर करती रहती है। शौहर को खुश नहीं कर सकती।
मैंने जेबा की गाण्ड से लण्ड निकाला और बुर में डाल दिया। और चोदने लगा। अब जेबा उम्म्मह… उम्म्मह… करने लगी। जीनत समझ रही थी की वो गाण्ड में ले रही है।
जीनत बोली- मेरी बुर में खुजली हो रही है।
मैंने जेबा से निकाला और जीनत की बुर में डाल दिया और बेदर्दी से चोदने लगा। पूरा पलंग हिल रहा था। मैंने बारी-बारी से दोनों को चोदा, और हम लिपटकर सो गये। दूसरे दिन जीनत फिर मेरे साथ दफ़्तर गयी। मैं उसे दफ़्तर में छोड़कर साइट पे गया।
वो सभी दफ़्तर के स्टाफ पर धौंस जमाती रही। उतने में एक ग्राहक आया, मैनेजर ने उससे डील करना चाहा तो जीनत ने उस ग्राहक से खुद डील किया। जो जमीन 10 लाख की थी उसे उसने 20 लाख का बताया। वो पार्टी उस जमीन को लेने के लिए इतना पागल थी की उसने 15 लाख में डील कर लिया। मैनेजर ने पेपर-वर्क कर दिए। मैंने जब आकर सुना तो बहुत ताज्जुब हुआ।
उसने कहा- दिस इस विमन पावर।
मैंने उससे कहा- “हम कल पिकनिक पे जाएंगे…” हम गोआ गये।
वहाँ का समुंदरी किनारा और विदेशियों का वाहियातपन देखकर जीनत मचलने लगी- इमरान हमारे लिए भी बिकिनी ले दो ना। हम भी अपना जलवा दिखना चाहते हैं।
जेबा बोली- मैं किसी को नहीं दिखाती।
जीनत एक बिकिनी दुकान पर गयी और दोनों के लिए बिकिनी लिया, मेरे लिए भी एक जोकी चड्डी ली। फिर उसी बिकिनी दुकान के चेंज-रूम में जाकर पहनकर बाहर आई। वाह क्या इंडियन माल थी…
फिर जेबा को खींचकर अंदर ले गयी और उसे भी बिकिनी में बाहर लाई। वावो… गजब ढा रही थीं दोनों।
मुझे भी चड्डी पहनाया और हम तीनों समुंदर में नहाने चले। जेबा का शरम से बुरा हाल था। जीनत उसे समझा रही थी- “तेरा बदन ऐसा हर वक़्त नहीं रहेगा। अभी कुछ लोगों को देखकर खुश होने दे। यहाँ हमें कौन पहचानेगा…”
हम जहाँ नहा रहे थे। वोहीं एक विदेशी जोड़ा भी नहा रहा था। दोनों लिपट-लिपटकर किस कर रहे थे। जीनत भी मुझसे लिपटकर किस करने लगी। फिर जेबा को धकेला। मैंने जेबा को भी किस किया। एक विदेशी लड़की के गले की डोरी खुल गयी, उसके चूचियां नंगी हो गयीं।
तो झट जीनत ने भी अपने चूचियों को नंगा कर दिया।
मैंने जीनत से कहा- क्या कर रही हो।
तो जीनत ने कहा- देखो उसने खोल दिया है।
एक विदेशी ने कहा- वाओ वाट आ ब्यूटीफुल बूबस।
जीनत ने फौरन कहा- थैंक योउ।
विदेशी ने पूछा- आर योउ मैरीड।
जीनत बोली- एस।
विदेशी- आस्क योर हसबैंड इफ ही वॉंट टु एक्सचेंज।
जीनत ने मुझसे कहा- “वो क्या एक्सचेंज करने को बोल रहा है…”
मैंने कहा- वो अपनी वाइफ को मुझे देगा मैं तुम्हें उसको दूँगा।
जीनत- “क्या बराबर के लिए…”
मैंने कहा- नहीं एक बार के लिए।
जीनत- तो हाँ कहो ना।
मैं- “क्या तुम मेरे इलावा किसी से…”
जीनत- तो क्या हुआ तुम्हें भी तो वो अपनी बीवी दे रहा है।
मुझे भी उसकी बीवी काफी सेक्सी लगी। पहली बार गोरी मेम को चोदने का मौका हाथ आ रहा था। मैं भी गोरी चमड़ी देखकर फिसल गया। मैंने हाँ कर दिया। हम सब हमारे सूट में आ गये। सबने कपड़े उतारे।
जेबा ने बिल्कुल इस खेल में हिस्सा ना लेने की कसम खा ली।
मैंने उसकी बीवी को बाहों में लिया, मेरे अंदर एक नया जोश पैदा हो रहा था। मैं उसे किस करने लगा। उधर जीनत को विदेशी किस कर रहा था। जीनत की आँखें बंद थीं। विदेशी लड़की किस्सिंग की माहिर थी। मुझ पर हावी हो रही थी। उसने ही कमान सभाल रखा था। जबरदस्त टाइट और बिल्कुल गोल चूचियां थीं उसकी, पिरी की तरह। पिरी की याद आते ही मैं उसे हार्ड किस करने लगा। अब मेरा लण्ड खड़ा होने लगा।
वो अपना दूध चुसाने लगी। निपल मसलने को बोली- स्क्वीज़ इट बास्टर्ड।
मैं जोर-जोर से दबाने लगा। उसकी गली से मैं गुस्से में आ गया और उसे नीचे बिठाया। उसने जैसे ही खड़े लण्ड को देखा तो अपने शौहर से कहा- सी, ही हैज़ आ ह्यूज काक।
उसने कहा- “हैव इट। सो युवर पुस्सी…”
अब वो जीनत की गाण्ड में चांटा मार रहा था। फिर उसने भी जीनत को नीचे बिठाया और अपना लण्ड उसके मुँह में घुसाकर चोदने लगा। उसका लण्ड मुझसे एक इंच बड़ा था। लेकिन थोड़ा पतला था।
मैंने उसे उठाकर पलंग के किनारे पर बिठा दिया। और पीछे धकेल दिया, वो बेड पर गिर गयी। मैं उसकी बुर चाटने लगा। चिकनी सफेद बुर पिरी से भी ज्यादा सफेद थी। मैं खड़ा हुआ और लण्ड उसकी बुर में घुसा दिया।
वो चीखी, शायद यह उनका स्टाइल है चोदने वाले को मजा देने का। फिर मैं धक्के देने लगा। और वो हर धक्के के साथ चीख रही थी। मुझे उसकी चीख अच्छी लग रही थी। इससे मर्द जीत का अहसास करता है।
अब जीनत को भी उसने लिटा दिया था। और बुर चाट रहा था।
मेरे हर धक्के पर वो चिल्ला रही थी आ आ।
अब जीनत की बुर में विदेशी ने लण्ड डाल दिया था, और चोदने लगा। जीनत दाँत भींचकर बेडशीट को पकड़ रही थी और उम्म्मह… उम्म्मह… उम्म्म्मम…
इस तरह की नशीली आवाज से मर्द गुस्से में आ जाता है उसे औरत को मजा लेते हुए देखने में तकलीफ होती है। वो तो उसपर हावी होना चाहता है। अगर उसके लण्ड से औरत मजा ले रही हो तो उसे लगता है की वो कमजोर है।
जीनत ऐसा दिखा रही थी की बड़ा मजा आ रहा है। होंठों पे मुश्कुराहट थी।
मैं गोरी को चोदता रहा। मुझे उसने अपने ऊपर खींच लिया और दूध चुसवाने लगी। मैं अब जबरदस्त धक्के मार रहा था। उसके पूरे बदन को हिला रहा था।
अब विदेशी भी स्पीड पकड़ चुका था।
तभी गोरी ने पानी छोड़ दिया आआअनन्नह… आन्न्न्नाहह…
मेरी नजर जीनत पर थी। अब वो भी पानी छोड़ रही थी। उम्म्म्मह… उम्म्मह…
अब मेरे और विदेशी के बीच टक्कर थी। हम दोनों धक्के मारते रहे और एक दूसरे को देखते रहे। फिर विदेशी ने लण्ड बाहर निकाल लिया और पिचकारी जीनत के बदन पर छोड़ने लगा।
मैंने और 5 मिनट बाद पानी छोड़ा और गोरी को अपने पानी से नहला दिया। गोरी ने मेरे लण्ड को पकड़ लिया और चूसने लगी, और लण्ड का मुआएना करते हुए कहा- “आर योउ मुस्लिम…”
मैंने कहा- एस।
तो उसने कहा- दैटस वाइ योउ अरे हविंग टू वाइव्स।
विदेशी ने मेरे पास आकर मेरे कंधे पर हाथ मरते हुए कहा- योउ वन। योउ कैन फक माई वाइफ अगेन।
गोरी मेरे लण्ड को चाटे जा रही थी।
विदेशी जीनत के पास गया और उसे अपना लण्ड दिखाया तो उसने मना कर दिया। वो अपनी बीवी के पास आ गया। उसने दोनों हाथों में दोनों के लण्ड पकड़ लिए, और बारी-बारी से दोनों के लण्ड चूसने लगी। कुछ देर के बाद दोनों के लण्ड खड़े थे।
विदेशी ने अपनी बीवी को मुझ पर सवार होने को कहा। उसकी बीवी मेरे लण्ड पर सवार हो गयी। विदेशी ने गोरी की गाण्ड के सुराख में अपना लण्ड घुसा दिया। और दोनों तरफ से लण्ड अंदर-बाहर होने लगे। कुछ देर बाद विदेशी ने अपनी बीवी से कहा- “लेट अस शो देम द डबल पेनीट्रेशन…”
विदेशी खुद चित लेट गया। गोरी उसके लण्ड पर उसके तरफ पीठ करके सवार हुई। यानी बुर में लण्ड लेकर चित होकर अपने शौहर की छाती पर लेट गयी। ऐसे की उसकी बुर ऊपर की ओर थी। जिसमें उसके शौहर का लण्ड घुसा हुआ था।
मुझे दोनों कहने लगे- फक मी देयर मैन… फक मी।
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पिकनिक का प्रोग्राम-8
अम्मी ने उसे अपने पास बिठाया और कहा- हमारी बेटी बहुत भोली है, साथ मिलकर रहना। वो उम्मीद से है उसका खयाल रखना।
जीनत बोली- “आंटी आप बेफिक्र हो जाइए। अब मैं हूँ ना इन दोनों की खबर लेने के लिए…” जीनत का वोही बिंदास अंदाज था।
अब्बू ने घूरकर देखा। तो जीनत सहम गयी।
जीनत- मेरा मतलब था की मैं दोनों का खयाल रखूँगी।
अब्बू बोले- “चलो यहाँ से। जेबा कोई दिक्कत हो तो हमें बताना…” और वो चले गये।
कुछ देर बाद जीनत के घर से कम से कम 6 लोग आए, अब्बू-अम्मी, भैया, भाभी छोटा भाई, भतीजा। जीनत सबके साथ ड्राइंग रूम में बैठी। जेबा शरबत लेकर आई। जीनत ने सबको घर के सारे कमरे घुमाए।
अम्मी ने पूछा- तेरा कमरा कौन सा है।
तो जीनत ने कहा- सभी कमरा मेरा है।
“फिर उसका…” अम्मी ने जेबा की तरफ इशारा करके पूछा।
तो जीनत बोली- अम्मी हमें अलग-अलग मत करो। तुम गहने देखो।
अम्मी गहने हाथ में लेकर तोलने लगीं। और पूछा- “असली सोने के हैं…”
जेबा मुश्कुराने लगी। यही सवाल तो जीनत कल रात कर रही थी। सच कहते हैं कहने वाले। माँ-बाप के गुण बच्चों में आते ही हैं।
अब्बू ने पूछा- दामाद जी कहाँ हैं।
तो जीनत ने कहा- वो काम पर गये हैं।
अब्बू ने पूछा- किस वक़्त आएंगे…”
जेबा बोली- वो दिन में नहीं आते।
जीनत बोली- फोन करो ना की मेरे अब्बू-अम्मी आए हैं। मुलाकात करके चलें जायें।
जेबा ने फोन लगाया दफ़्तर में किसी ने उठाया और जेबा ने मेसेज दिया की मलिक के आने पर उन्हें घर भेज दीजिएगा। मेहमान आए हैं।
दो बजे मैं घर आ गया। घर में घुसते ही साले साहब ने सलाम पेश किया। फिर मैंने अब्बू और अम्मी को सलाम किया। सबने मिलकर खाना खाया। जेबा सबकी खिदमत ऐसे कर रही थी जैसे अपने घर के लोग हों। मैं छोटे साले और भतीजे को कार में लेकर बाजार गया। उन्हें चाकलेट वगैरह खरीद कर दिया। फिर हम वापस आए तो सबने हमसे बिदा लिया।
अब्बू समझाने लगे- मेरी बेटी का खयाल रखना।
मैंने कहा- आपकी बेटी को मेरी नहीं, मुझे आपकी बेटी की जरूरत है। वो मेरा खयाल रखेगी। बहुत हिम्मत वाली है आपकी बेटी। उसने मुझे किडनैप करके शादी किया है।
सब हँसने लगे।
मैंने अपने ड्राइवर से कहा- “उन लोगों को घर पहुँचा आए…” वो लोग ज्यादा आमीर नहीं थे। छोटे से घर में रहते थे। बेटी का इतना बड़ा मकान, नौकर-चाकर देखकर खुशी से फूले नहीं समा रहे थे। जाते वक़्त भी मेरे घर को पलटकर देख रहे थे।
लेकिन जीनत को इन सबका कोई लालच नहीं था। उसे तो बस मेरा लण्ड चाहिए था। वो जेबा के सामने मुझसे लिपट गयी- इमरान मुझे आज दुनियां की सबसे बड़ी खुशी मिल गयी। मेरे अब्बू-अम्मी बहुत खुश होकर गये। जेबा ने उन्हें इतना खुश किया की वो मुतमईन हो गये। अब हमें इसे बरकरार रखना है। जेबा तुम मेरी किसी बात का बुरा मत मानना। मैं जरा मुँहफट हूँ ना। कभी-कभी बोलने के बाद सोचती हूँ, सोचकर नहीं बोलती। चलो खेलते हैं।
जेबा- बाजी अभी दिन है।
जीनत- तो क्या… हम तो घर के अंदर हैं।
मैंने कहा- मुझे अभी काम पे जाना है, रात में।
जीनत मेरे गले में बाहें डालकर बोली- आज तुम छुट्टी कर लो।
मैंने कहा- मैं मलिक हूँ नौकर नहीं। मेरे बगैर सब काम गड़बड़ कर देंगे। ठीक है कल हम तुम्हारे दफ़्तर जाएंगे। देखना है की तुम इतने पैसे कैसे कमाते हो। क्यों जेबा…”
जेबा बोली- मुझे नहीं देखना। मैं घर पर ही ठीक हूँ। आप चली जाना।
हमने रात में फिर चुदाई की, सिर्फ़ जीनत ने हिस्सा लिया। जेबा चुपचाप देखती रही और हँसती रही। दूसरे दिन जीनत भी मेरे साथ दफ़्तर जाने के लिए निकल पड़ी। उसने जेबा को भी बुलाया लेकिन उसने आने से इनकार कर दिया। जीनत दफ़्तर पहुँची तो सबने सलाम किया।
मैंने सबसे कहा- यह आपकी मालकिन हैं।
सब दबी जबान में फुसफुसाने लगे। मैंने नजर अंदाज किया लेकिन जीनत ने पूछ लिया- क्या खुसुर-फुसुर हो रही है। किसी ने उल्टा सीधा किया तो बहुत मारूँगी। तुम लोग मुझे जानते नहीं हो। इमरान किसी ने कुछ गड़बड़ किया तो मुझे बुला लेना, एक मिनट में ठीक कर दूँगी।
मैं अपने केबिन में उसे लेकर आया, ठंडा मँगवाया। फिर मैंने कहा- क्यों ना तुम रोज दफ़्तर आया करो।
जीनत बोली- मुझे मंजूर है। मैंने तुमसे शादी तुम्हारे साथ रहने के लिए ही तो किया है। ना की जेबा की तरह रात का इंतेजार करने को। यहाँ खेल सकते हैं…”
मैंने कहा- तुम भी ना बस कमाल करती हो। यह दफ़्तर है यहाँ काम करते हैं।
जीनत बोली- नहीं… काम अगर ना हुआ तो…”
मैं- “सोचेंगे…”
जीनत बोली- “लोग काम क्यों करते हैं…” फिर बोली- “मैंने सुना है शादी की बाद लोग हनीमून के लिए जाते हैं। हम कब जाएंगे…”
मैंने कहा- आपने ठीक सुना है। हनीमून के लिए वो लोग जाते हैं जो एक दूसरे से कभी खेले नहीं होते। हमने तो हनीमून शादी से पहले ही समुंदर किनारे मना लिया।
हम घर दोपहर में ही पहुँच गये। मुझे जीनत को झेलना मुश्किल हो रहा था, काम में दिल ही नहीं लग रहा था। वो कुछ देर में खेलने की बात कर रही थी। उसे छोड़कर कहीं जा भी नहीं पा रहा था। मेरे काम में बार-बार साइट पर जाना पड़ता है। जेबा ने खाना बनवा रखा था। हम खाना खाए और जल्दी आने का बोलकर मैं दफ़्तर आ गया।
रात में मैं दो ड्रेसेस लेकर घर आया। एक ही ड्रेस दोनों को पसंद आई। मुझे पहली बार दो बीवी रखने की उलझन से दो-चर होना पड़ा। उसका हाल भी जीनत ने ही निकाला, दोनों का नाम लिखकर कागज में डालो। जिसका तुम नाम उठाओगे, यह ड्रेस वोही लेगी। मुझे दूसरी तरफ चेहरा करके खड़ा होने को बोला। और दो कागज पे दो नाम लिखकर डाले। मैंने एक नाम उठाया। तो वो जेबा का था।
जीनत बोली- तू बड़ी लकी है रे।
***** *****
जेबा शर्माते हुए बोली- तभी तो पाँच में से पहले मैं इस घर में आई।
जीनत बोली- रात में ड्रेस पहनने का फायदा क्या है। तू रात में पहन लेना मैं दिन में पहन लूगी।
सब हँसने लगे। उसने अंजाने में एक रास्ता दिखा दिया था। सबलोग अगर मेरा ड्रेस तेरा ड्रेस ना करें और कभी वोही ड्रेस एक पहने फिर दूसरा। जीनत अपने कपड़े उतारने लगी।
जेबा बोली- बाजी आप खाना तो खा लीजिए।
जीनत- तू खाना लेके आ। मैंने आज रात कपड़ों को हाथ भी नहीं लगानी। और इमरान को भी नहीं लगाने देनी है। कहकर वो मेरे भी कपड़े उतारने लगी। उसके जेहन में अब भी पिकनिक जैसा ही माहौल बना हुआ था।
मैंने मना किया तो रूठते हुए बोली- हमारी दो दिन पहले शादी हुई है। हमें कपड़े नहीं पहनने चाहिए।
मैंने कहा- हम कुंवारे नहीं हैं हमें दुनियांदारी निभानी है।
जीनत ने कहा- मुझे भूख लगी है, मैं तुम्हें खाना चाहती हूँ।
मैं मान गया वो मुझे नंगा करके मेरे लण्ड को चूसने लगी, अंडों को सहलाने लगी। मेरा लण्ड उसकी नहीं सुन रहा था, खड़ा ही नहीं हो रहा था। क्योंकी मेरी ख्वाहिश नहीं थी।
मैंने कहा- यार जीनत मेरी नहीं तो मेरे लण्ड की मानो। अभी उसका दिल नहीं है। खाना खाकर बेड पर चलते हैं फिर खेलेंगे।
वो बुरा सा मुँह बनाकर उठी फिर कहा- “हम ऐसे ही नंगे खाना खाएंगे…”
मैंने कहा- ठीक है।
जेबा खाना लेकर आई हम डाइनिंग टेबल पर थे। वो हमें इस हाल में देखकर बोली- बाजी आप भी ना कमाल हैं। आप अब भी पिकनिक के मूड से निकली नहीं हैं।
जीनत बोली- इमरान चलो ना कहीं पिकनिक पे चलते हैं।
मैंने कहा- ठीक है, मैं काम दूसरों को बाँटकर प्रोग्राम बनाता हूँ।
जीनत- जल्दी करना… अपनी छातियों को पकड़कर हिलाते हुए बोली- “मेरी ढीली होने से पहले ही बना लेना…”
मैंने उसकी एक निपल चुटकी से मसलते हुए कहा- इतनी जल्दी ढीली नहीं होगी।
हमने खाना खा लिया और बेड पर चले गये। उसने जेबा के भी कपड़े उतरवाए, और मेरे लण्ड पर टूट पड़ी, चूसने लगी। लण्ड आहिस्ता-आहिस्ता खड़ा होने लगा। वो उसे पूरी तरह खड़ा होने दिए बिना चढ़ गयी। लण्ड बुर में जाने के बाद जल्दी-जल्दी खड़ा होने लगा।
वो मुझे अपनी चूचियां मसलने को बोली और कहा- इनसे दूध कब निकलेगा… चूसकर देखो सब कहते हैं शादी के बाद निकलता है।
जेबा बोली- बाजी शादी के बाद नहीं बच्चे के बाद निकलेगा।
जीनत- “चुप कर मुझसे ज्यादा जानती है…” उसने जेबा से कहा- तू इमरान के मुँह पे अपनी बुर रख। उसकी जीभ कब काम आएगी।
अब मेरे मुँह पर जेबा की बुर थी और लण्ड जीनत की बुर के अंदर। अब मुझे दो बीवियों का मजा आ रहा था। जिस तरह हर काम के फायदे और नुकसान होते हैं उसी तरह दो बीवियों के भी फायदे और नुकसान हैं। मर्द कभी रंडीबाजी कर ही नहीं सकता, चाहे बीवी प्रेगनेन्ट हो या मैके जाए।
कुछ देर बाद जीनत ने कहा- जेबा, हम दोनों घोड़ी बनते हैं और इमरान हमारी सवारी करेगा।
जेबा- “बाजी आप इमरान करेगा, ना कहा करो ना, अच्छा नहीं लगता। वो अब हमारे दोस्त नहीं शौहर हैं।
जीनत- तुम आप कहना, मैं तो उसे अपना दोस्त ही समझूंगी तुम-ताम ही करूँगी।
वो दोनों घोड़ी बनी थीं। मैं पहली बार दोनों की गाण्ड का मुआयना कर रहा था की किसकी अच्छी है… हर हाल में जेबा की जीनत से अच्छी थी, बड़ी थी, गोल थी, गोरी थी। मैं अंजाने में ही उसकी गाण्ड के सुराख में लण्ड डालने लगा। वो आ आ करने लगी।
जीनत ने उसे डाँटा- माँ बनने को जा रही है, चुदवाने से डरती है।
जेबा बोली- वो गाण्ड मार रहे हैं।
जीनत- तू ही तो शौहर-शौहर करती रहती है। शौहर को खुश नहीं कर सकती।
मैंने जेबा की गाण्ड से लण्ड निकाला और बुर में डाल दिया। और चोदने लगा। अब जेबा उम्म्मह… उम्म्मह… करने लगी। जीनत समझ रही थी की वो गाण्ड में ले रही है।
जीनत बोली- मेरी बुर में खुजली हो रही है।
मैंने जेबा से निकाला और जीनत की बुर में डाल दिया और बेदर्दी से चोदने लगा। पूरा पलंग हिल रहा था। मैंने बारी-बारी से दोनों को चोदा, और हम लिपटकर सो गये। दूसरे दिन जीनत फिर मेरे साथ दफ़्तर गयी। मैं उसे दफ़्तर में छोड़कर साइट पे गया।
वो सभी दफ़्तर के स्टाफ पर धौंस जमाती रही। उतने में एक ग्राहक आया, मैनेजर ने उससे डील करना चाहा तो जीनत ने उस ग्राहक से खुद डील किया। जो जमीन 10 लाख की थी उसे उसने 20 लाख का बताया। वो पार्टी उस जमीन को लेने के लिए इतना पागल थी की उसने 15 लाख में डील कर लिया। मैनेजर ने पेपर-वर्क कर दिए। मैंने जब आकर सुना तो बहुत ताज्जुब हुआ।
उसने कहा- दिस इस विमन पावर।
मैंने उससे कहा- “हम कल पिकनिक पे जाएंगे…” हम गोआ गये।
वहाँ का समुंदरी किनारा और विदेशियों का वाहियातपन देखकर जीनत मचलने लगी- इमरान हमारे लिए भी बिकिनी ले दो ना। हम भी अपना जलवा दिखना चाहते हैं।
जेबा बोली- मैं किसी को नहीं दिखाती।
जीनत एक बिकिनी दुकान पर गयी और दोनों के लिए बिकिनी लिया, मेरे लिए भी एक जोकी चड्डी ली। फिर उसी बिकिनी दुकान के चेंज-रूम में जाकर पहनकर बाहर आई। वाह क्या इंडियन माल थी…
फिर जेबा को खींचकर अंदर ले गयी और उसे भी बिकिनी में बाहर लाई। वावो… गजब ढा रही थीं दोनों।
मुझे भी चड्डी पहनाया और हम तीनों समुंदर में नहाने चले। जेबा का शरम से बुरा हाल था। जीनत उसे समझा रही थी- “तेरा बदन ऐसा हर वक़्त नहीं रहेगा। अभी कुछ लोगों को देखकर खुश होने दे। यहाँ हमें कौन पहचानेगा…”
हम जहाँ नहा रहे थे। वोहीं एक विदेशी जोड़ा भी नहा रहा था। दोनों लिपट-लिपटकर किस कर रहे थे। जीनत भी मुझसे लिपटकर किस करने लगी। फिर जेबा को धकेला। मैंने जेबा को भी किस किया। एक विदेशी लड़की के गले की डोरी खुल गयी, उसके चूचियां नंगी हो गयीं।
तो झट जीनत ने भी अपने चूचियों को नंगा कर दिया।
मैंने जीनत से कहा- क्या कर रही हो।
तो जीनत ने कहा- देखो उसने खोल दिया है।
एक विदेशी ने कहा- वाओ वाट आ ब्यूटीफुल बूबस।
जीनत ने फौरन कहा- थैंक योउ।
विदेशी ने पूछा- आर योउ मैरीड।
जीनत बोली- एस।
विदेशी- आस्क योर हसबैंड इफ ही वॉंट टु एक्सचेंज।
जीनत ने मुझसे कहा- “वो क्या एक्सचेंज करने को बोल रहा है…”
मैंने कहा- वो अपनी वाइफ को मुझे देगा मैं तुम्हें उसको दूँगा।
जीनत- “क्या बराबर के लिए…”
मैंने कहा- नहीं एक बार के लिए।
जीनत- तो हाँ कहो ना।
मैं- “क्या तुम मेरे इलावा किसी से…”
जीनत- तो क्या हुआ तुम्हें भी तो वो अपनी बीवी दे रहा है।
मुझे भी उसकी बीवी काफी सेक्सी लगी। पहली बार गोरी मेम को चोदने का मौका हाथ आ रहा था। मैं भी गोरी चमड़ी देखकर फिसल गया। मैंने हाँ कर दिया। हम सब हमारे सूट में आ गये। सबने कपड़े उतारे।
जेबा ने बिल्कुल इस खेल में हिस्सा ना लेने की कसम खा ली।
मैंने उसकी बीवी को बाहों में लिया, मेरे अंदर एक नया जोश पैदा हो रहा था। मैं उसे किस करने लगा। उधर जीनत को विदेशी किस कर रहा था। जीनत की आँखें बंद थीं। विदेशी लड़की किस्सिंग की माहिर थी। मुझ पर हावी हो रही थी। उसने ही कमान सभाल रखा था। जबरदस्त टाइट और बिल्कुल गोल चूचियां थीं उसकी, पिरी की तरह। पिरी की याद आते ही मैं उसे हार्ड किस करने लगा। अब मेरा लण्ड खड़ा होने लगा।
वो अपना दूध चुसाने लगी। निपल मसलने को बोली- स्क्वीज़ इट बास्टर्ड।
मैं जोर-जोर से दबाने लगा। उसकी गली से मैं गुस्से में आ गया और उसे नीचे बिठाया। उसने जैसे ही खड़े लण्ड को देखा तो अपने शौहर से कहा- सी, ही हैज़ आ ह्यूज काक।
उसने कहा- “हैव इट। सो युवर पुस्सी…”
अब वो जीनत की गाण्ड में चांटा मार रहा था। फिर उसने भी जीनत को नीचे बिठाया और अपना लण्ड उसके मुँह में घुसाकर चोदने लगा। उसका लण्ड मुझसे एक इंच बड़ा था। लेकिन थोड़ा पतला था।
मैंने उसे उठाकर पलंग के किनारे पर बिठा दिया। और पीछे धकेल दिया, वो बेड पर गिर गयी। मैं उसकी बुर चाटने लगा। चिकनी सफेद बुर पिरी से भी ज्यादा सफेद थी। मैं खड़ा हुआ और लण्ड उसकी बुर में घुसा दिया।
वो चीखी, शायद यह उनका स्टाइल है चोदने वाले को मजा देने का। फिर मैं धक्के देने लगा। और वो हर धक्के के साथ चीख रही थी। मुझे उसकी चीख अच्छी लग रही थी। इससे मर्द जीत का अहसास करता है।
अब जीनत को भी उसने लिटा दिया था। और बुर चाट रहा था।
मेरे हर धक्के पर वो चिल्ला रही थी आ आ।
अब जीनत की बुर में विदेशी ने लण्ड डाल दिया था, और चोदने लगा। जीनत दाँत भींचकर बेडशीट को पकड़ रही थी और उम्म्मह… उम्म्मह… उम्म्म्मम…
इस तरह की नशीली आवाज से मर्द गुस्से में आ जाता है उसे औरत को मजा लेते हुए देखने में तकलीफ होती है। वो तो उसपर हावी होना चाहता है। अगर उसके लण्ड से औरत मजा ले रही हो तो उसे लगता है की वो कमजोर है।
जीनत ऐसा दिखा रही थी की बड़ा मजा आ रहा है। होंठों पे मुश्कुराहट थी।
मैं गोरी को चोदता रहा। मुझे उसने अपने ऊपर खींच लिया और दूध चुसवाने लगी। मैं अब जबरदस्त धक्के मार रहा था। उसके पूरे बदन को हिला रहा था।
अब विदेशी भी स्पीड पकड़ चुका था।
तभी गोरी ने पानी छोड़ दिया आआअनन्नह… आन्न्न्नाहह…
मेरी नजर जीनत पर थी। अब वो भी पानी छोड़ रही थी। उम्म्म्मह… उम्म्मह…
अब मेरे और विदेशी के बीच टक्कर थी। हम दोनों धक्के मारते रहे और एक दूसरे को देखते रहे। फिर विदेशी ने लण्ड बाहर निकाल लिया और पिचकारी जीनत के बदन पर छोड़ने लगा।
मैंने और 5 मिनट बाद पानी छोड़ा और गोरी को अपने पानी से नहला दिया। गोरी ने मेरे लण्ड को पकड़ लिया और चूसने लगी, और लण्ड का मुआएना करते हुए कहा- “आर योउ मुस्लिम…”
मैंने कहा- एस।
तो उसने कहा- दैटस वाइ योउ अरे हविंग टू वाइव्स।
विदेशी ने मेरे पास आकर मेरे कंधे पर हाथ मरते हुए कहा- योउ वन। योउ कैन फक माई वाइफ अगेन।
गोरी मेरे लण्ड को चाटे जा रही थी।
विदेशी जीनत के पास गया और उसे अपना लण्ड दिखाया तो उसने मना कर दिया। वो अपनी बीवी के पास आ गया। उसने दोनों हाथों में दोनों के लण्ड पकड़ लिए, और बारी-बारी से दोनों के लण्ड चूसने लगी। कुछ देर के बाद दोनों के लण्ड खड़े थे।
विदेशी ने अपनी बीवी को मुझ पर सवार होने को कहा। उसकी बीवी मेरे लण्ड पर सवार हो गयी। विदेशी ने गोरी की गाण्ड के सुराख में अपना लण्ड घुसा दिया। और दोनों तरफ से लण्ड अंदर-बाहर होने लगे। कुछ देर बाद विदेशी ने अपनी बीवी से कहा- “लेट अस शो देम द डबल पेनीट्रेशन…”
विदेशी खुद चित लेट गया। गोरी उसके लण्ड पर उसके तरफ पीठ करके सवार हुई। यानी बुर में लण्ड लेकर चित होकर अपने शौहर की छाती पर लेट गयी। ऐसे की उसकी बुर ऊपर की ओर थी। जिसमें उसके शौहर का लण्ड घुसा हुआ था।
मुझे दोनों कहने लगे- फक मी देयर मैन… फक मी।
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