FUN-MAZA-MASTI
होली के बहाने चुदाई का मज़ा
इसी
होली वाले दिन मैं घर से निकला, अपनी बाईक ली और चल पड़ा
होली खेलने बैकवर्ड क्लास वाले लोगों की कालोनी में !वहां पहुँच बाईक लगाई एक तरफ़
और एक चालीस साल के करीब के एक बंदे के पास जा खड़ा हुआ। उसने भांग पी हुई थी। उस वक़्त
मेरे चेहरे पर रंग नहीं लगा था, मैंने जेब से रंग का पैकट निकाल
कर खोला और उसके पास जा कर उस पर रंग डाल दिया और होली मुबारक कहा ! उसने पास पड़ी
पानी की बाल्टी मेरे ऊपर पलट दी और मेरे कपड़े मेरे जिस्म से चिपक गए। उसकी नज़र
मेरे चूचों पर चली गई। वो हैरान सा हुआ- इतनी कोमल वो भी लड़की जैसी ?फिर उसकी नजर मेरी गांड पर गई- गोलमोल सी गांड !ऊपर से उसने
भांग पी रखी थी। मेरा निशाना सही लगा, वो मेरी तरफ आया, वो रंग लगाने के बहाने मेरा मुआयना करने आया था।मुझे मालूम था
! उसने पहले मेरे चेहरे पर रंग लगाया और फिर जानबूझ कर मेरी गांड दबा दी। मैंने
कुछ नहीं कहा। होली मुबारक ! होली मुबारक ! कर रंग लगाते हुए उसने जफ्फी डाल हाथ
डाल गांड पर रंग लगाने के बहाने लोअर के अन्दर हाथ ले जा कर मेरी गांड दबाई। विरोध
के बजाये मेरे मुँह से हल्की सी सिसकी निकली लड़की जैसी ! उसने भाम्प लिया कि मैं
जहाज हूँ, गांडू हूँ, बोला- चल मेरे साथ पास में क्वाटर में रहता हूँ। वहाँ से रंग
लेकर आते हैं ! मैं जान गया कि मेरा काम बन गया। वो मुझे अपनी एक झुग्गी में लेकर
गया। वहाँ सच में रंग पड़ा भी हुआ था। उसने पहले मुझे रंग लगाया, फिर दुबारा मेरे ऊपर पानी डाल दिया और बोला- यार तेरे चूचे
मस्त हैं ! मैंने हंस कर कहा- अच्छा जी ? बोला- सच्ची ! और गांड भी !
यार बस एक बार दबाने दे ! सिर्फ ५ मिनट ! मैं उसकी तरफ गया- क्या करोगे दबा कर
इनको ? बोला- बस यार, मुझे कुछ कुछ होता जा रहा है, एक
बार, सिर्फ एक बार अपनी टी-शर्ट उतार और
लोअर भी, बस तेरी गांड, तेरे मम्मे देखने हैं ! मैंने सोचा कि इन्टरनेट पर तो आराम से
वेबकैम पर उतार के दिखाता हूँ क्यूँ ना इसकी मुराद पूरी कर दूँ, लेकिन मैंने जानबूझ कर नखरा दिखाया- छोड़ यार ! चल होली खेलने
जाते हैं ! बहनचोद ! गांडू ! कमीने, भाव खाता है ? तुझे देख कर ही जांच लिया था कि तू गांडू है ! ऊपर से तेरे
लड़की जैसे मम्मे और गांड देख यकीन हो गया था ! बस पहल नहीं कर पा रहा था। चल यार, पहले बाहर जाकर होली खेल लें, फिर
दिखा दूंगा ! बोला- चल ठीक है ! मुझे लेकर वो अपने दोस्त के घर गया। वहाँ उसको रंग
लगाया। वो दारु की बोतल लेकर आया, तीन पेग बनाये। मैंने मना
किया, वो बोले- होली है ! दोस्त एक लगा ले
हम वहाँ बीस मिनट रुके और तीन
पेग पी लिए। मुझे नशा होने लगा क्यूँकि मैं कभी-कभी ही पीता हूँ। एक बार तो मुझे
लगा कि वो अपने दोस्त के घर ही मेरी गांड, मम्मे दबायेगा लेकिन उसने वहाँ
कुछ किया ही नहीं, बस वो मुझे पिलाने लाया था ताकि मैं
उसकी इच्छा पूरी कर दूँ। चल चलते हैं ! उसके साथ उसके घर गया, वहाँ अभी तक कोई नहीं आया था। उसने कहा- चल बैठ ! मैं आया ! उसने
अपना पजामा खोला, मेरे सामने ही शर्ट उतारी, किल्ली पर टांग दी। उसका कच्छा उभरा हुआ था। उसे देख मुझे कुछ
होने लगा और मेरी नज़र बार बार उसके लौड़े पर जा रही थी। मैं उठा और पहले लोअर उतारा, मैं फ्रेंची पहनता हूँ जिससे गाण्ड का चीरा दिखे, उसकी नज़र मेरी गाण्ड पर टिक गई। मैंने अपनी टी-शर्ट भी उतार
दी। मेरे मम्मे देख वो पागल सा होने लगा- तुझे लड़की होना चाहिए था मेरे गांडू !
साले ! मैं आगे बढ़ा और अपनी बाहें उसके गले में डाल दी। उह यार चिकने ! मैं उसकी
मर्दानी छाती पर उसके बालों में हाथ फेरने लगा, वो मेरी गांड
दबाने में लगा था साथ में मेरा चुचूक मुँह में लेकर चूस रहा था।अह ! मुझे भी मस्ती
चढ़ने लगी, छाने लगी, रुका न गया तो हाथ उसके कच्छे में घुसा दिया। क्या लौड़ा था दोस्तो
! साढ़े आठ इंच के करीब लंबा और काफी मोटा था ! मेरी गांड पानी छोड़ने लगी, बिना समय गंवाये मैं घुटनों के बल गिर गया और एक पल में पूरा लौड़ा, जो आधा सा सोया हुआ था, मुँह में ले
लिया। वो हैरान रह गया, बेचारे का अब तक किसी ने
चूसा नहीं था, बोला- हम जैसे गरीब लोगों का कौन
चूसता है ? उसका काला लौड़ा मेरे गुलाबी होंठों
में कितना आकर्षक लग रहा था। वो मेरे बालों में हाथ फेरता रहा और मैं मुठ मार मार
कर चूसता जा रहा था। जब लौड़ा पूरा खड़ा हो गया तो चूसना मुश्किल होता जा रहा था, मुश्किल से उसका टोपा ही चूसा जा रहा था। मैं लम्बी जुबान
निकाल उसका चाटने लगा। वो बोला- मैं छूटने वाला हूँ ! मुँह में निकाल दूँ? नहीं ! मैं मुँह से निकाल तेज़ तेज़ उसकी मुठ मरने लगा और
उसकी पिचकारी अपने चेहरे पर डलवा ली, कुछ अपने मम्मों पर ! उसके
लौड़े से मैं उसके माल से चेहरे की मालिश करने लगा, थोड़ा
बहुत चाट कर उसका लौड़ा साफ़ कर दिया। वो बोला- कभी चुसवाया नहीं था इसलिए जल्दी
छूट गया ! उसने मुझे कस कर अपने जिस्म से चिपका लिया। कोई बात नहीं ! खड़ा करना
आता है मुझे ! कुछ पल हम वैसे ही लेटे रहे, वो मेरे चुचूक
चुटकी से मसलने लगा। मैं पहले ही गर्म था, दोस्तो क्या मजा आ रहा था ?
वो बोला- कभी चुसवाया नहीं था इसलिए जल्दी छूट गया ! उसने मुझे कस कर अपने जिस्म
से चिपका लिया। कोई बात नहीं ! खड़ा करना आता है मुझे !
कुछ
पल हम वैसे ही लेटे रहे, वो मेरे चुचूक चुटकी से
मसलने लगा। मैं पहले ही गर्म था, दोस्तो क्या मजा आ रहा था
लेकिन अभी जिसके लिए में उसके पास आया था मेरा वो मकसद नहीं पूरा हुआ था, मतलब अभी मेरी प्यासी गांड की, हाँ प्यासी
गांड की प्यास कहाँ बुझी थी ! लेकिन मुझे उसके लौड़े से पूरी उम्मीद थी वो दोबारा
खड़ा होगा। दोस्तो, मैं ऐसे लोगों से गांड इसलिए मरवाता
हूँ कि ये किसी से कहते नहीं, मजदूरी करते हैं तो शरीर
सख्त होते हैं, बिना किसी पावर दवाई के इनके लौड़े
अपने दम पर खड़े होते हैं। इसलिए वैसा ही हुआ, मैंने कुछ देर
उसको पुचकारा सहलाया, बोला- तू तो मेरा दस बार
खड़ा कर लेगा, यह सुख तो मुझे किसी ने नहीं दिया, हमारी औरतें तो अँधेरे में साड़ी ऊपर करके ही घुसवा लेती हैं, पानी छूटा ! बस ख़त्म काम ! मैं हूँ ही ऐसी राजा ! मुझे से
शादी कर लो ! पूरा स्त्री-धर्म निभाउंगी, रोज़ रात को नंगी होकर तेरे
नीचे लेटा करुँगी, तेरे लिए एक कमसिन औरत बन जाउंगी ! हाँ, बहुत मजा दिया करुँगी। भोसड़ा तेरे नाम कर दूंगी। मेरी ऐसी
बातों से उसका खड़ा हो गया- साली है ही औरत ! देख, कैसे
खड़ा हो गया ! ऐसा लौड़ा पाकर यहाँ छुपा बैठा है ? अमीर
घर की औरतों को खुश करके पैसा कमाया कर ! मैंने चूस-चूस उसका सुपारा लाल कर दिया
जैसे वो फिर पूरे आकार में आया, चूसना मुश्किल होने लगा। चलो, अब मुझे ठंडा करो ! डालो मेरे राजा ! बोला- कुछ देर तेरी गांड
को चाटना है ! कितनी गोरी चिट्टी है ! वो जुबान से मेरी गांड छेड़ने लगा मेरे
कूल्हे खुद ऊपर होने लगे, मैंने कहा- मेरे लोअर में
कंडोम पड़ा है, निकाल लो ! मैंने उस पे कंडोम चढ़ा
दिया। बोला- कैसे चुदोगे? अपने नीचे लिटा कर चोद ! मजा
आएगा ! जिस्म से जिस्म की रगड़ होगी, मेरे मम्मे तेरी मर्दाना
छाती से घिसेंगे, क्या नज़ारा होगा ! मैंने उसके लौड़े
को चूसते वक़्त थूक लगा लगा कर ऊँगली गांड में डाल खुली कर ली थी। उसने ऊपर रख दबाव
डाला, लौड़ा घुसता चला गया चीरता हुआ लौड़ा
मेरी गांड में घुसने लगा, तीखा दर्द हुआ। मैंने उसी
दर्द को मजा बना लिया और सब भूल कर चुदाई का मजा लेने लगा। अपना ध्यान दर्द से हटा
लिया। आप यह कहानी अंतर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं। इतने में उसने अपना पूरा
लौड़ा घुसा दिया। काफी बड़ा लौड़ा था उसका लेकिन जल्दी कंडोम की चिकनाई और गांड की
लेस से लौड़ा गीला हो हो जाने लगा तो मैं खुद ठोकने को बोलने लगा था- अह अह और और
अह अह और और अह आहा ! बोला- मजा आता है? हाँ, बहुत आता है ! लौड़ा पसंद आया, ज़ालिम
हो !!! तेरी झुग्गी में बसने का इरादा है मेरा ! बस जा साली ! यह ले ! यह ले ! यह
ले ! और तेज़ ! तेज़ और तेज़ ! होली मुबारक हो ! अश अश उई उई करके चुदने लगा मैं !
उसकी स्पीड बढ़ी, मैं समझ गया कि झड़ने वाला है ! उसने
कंडोम उतारा, घुसा दिया, दो तीन झटकों में जब उसका निकलने लगा तो उसने पूरा पानी मुझे सीधा
कर मेरे मुँह पर, छाती पर निकाला और मुझे चूमने लगा।
तभी पीछे से किसी की आवाज़ सुनी- वाह वाह भाई ! अकेला-अकेला गांडू पेल रहा है ? दारु हमारे साथ पीकर आये और नज़ारे यहाँ अकेले अकेले लूटने
में लगे हो ? साले हम भी होली मुबारक करेंगे !
नहीं, आप तो तीन लोग हो ! मैं नहीं करवा सकता
! मुझे जाना है ! तेरी माँ की चूत, जाएगा ? जाकर दिखा साले ! गला काट कर फेंक दूंगा ! पहले ही इसका बहुत
मोटा था, अब तीन बन्दे कैसे भुक्त पाऊंगा ! कल
कर लेना ! भागा थोड़े जा रहा हूँ ! नहीं हमें अभी मजा दे !
और तेज़ ! तेज़ और तेज़ ! होली मुबारक हो ! अश अश उई उई करके चुदने लगा
मैं ! उसकी स्पीड बढ़ी, मैं समझ गया कि झड़ने वाला
है ! उसने कंडोम उतारा, घुसा दिया, दो तीन झटकों में जब उसका निकलने लगा तो उसने पूरा पानी मुझे सीधा
कर मेरे मुँह पर, छाती पर निकाला और मुझे चूमने लगा।
तभी पीछे से किसी की आवाज़ सुनी- वाह वाह भाई ! अकेला-अकेला गांडू पेल रहा है ? दारु हमारे साथ पीकर आये और नज़ारे यहाँ अकेले अकेले लूटने
में लगे हो ? साले हम भी होली मुबारक करेंगे !
नहीं, आप तो तीन लोग हो ! मैं नहीं करवा सकता
!मुझे जाना है ! तेरी माँ की चूत, जाएगा ? जाकर दिखा साले ! गला काट कर फेंक दूंगा ! पहले ही इसका बहुत
मोटा था, अब तीन बन्दे कैसे भुक्त पाऊंगा ! कल
कर लेना ! भागा थोड़े जा रहा हूँ ! नहीं हमें अभी मजा दे ! नहीं, आप तो तीन लोग हो ! देखो बहुत टीस उठ रही हैं ! प्यार से करेंगे
! चल कपडे पहन ले ! अपने घर ले चलते हैं ! मुझे साथ लेकर एक घर में ले गए, छोटा सा घर था। पहले उन्होनें दो दो पेग लगाये, मुझे भी पिलाए, मुझे नंगा कर दिया। तीनों
मेरे जिस्म से खेलने लगे, एक मेरा एक चुचूक चूस रहा था, दूसरा दूसरा चुचूक चूस रहा था, एक
मेरी नाभि चूम रहा था, उसको मेरे सपाट पेट पर चिकनी
नाभि चाटने में न जाने कितना मजा आ रहा था। तीनों ने अपने आप को नीचे से नंगे किया, मेरी पहले फटने लगी क्योंकि तीनों के लौड़े इतने बड़े थे- काले
लौड़े भयंकर लौड़े ! उसके जितने बड़े लौड़े थे उनके ! मैं नशे में था, एक पैग और लिया और खेलने लगा, मजे
लेने लगा उनके लौड़ों से ! वैसे मुझे मजा भी आने लगा, तीन के लौड़े कभी एक का मुँह में लेता, फिर दूसरा, फिर तीसरा ! घुटनों के बल
नीचे बैठा हुआ था। तुम लोगों के लौड़े इतने बड़े कैसे होते हैं ? मेहनत करते हैं साले ! तेरे ऊपर भी देखना कितनी मेहनत करेंगे
! बोल अलग सा मजा दें तुझे ? वो कैसा ? जानता है यह घर किसका है? एक रंडी का !
मस्ती करेगा ! कभी ऐसा नहीं किया होगा तूने ! तभी एक औरत अंदर आई, पूरा जुगाड़ था, मुझे बोली- साले, तुझसे जलन होने लगी है ! तुमने तो मेरे आशिकों को मुझसे छीन
लिया है ! तुझे क्या मजा आता है यह सब करवा कर ?मैंने
कहा- तुझे क्या मजा आता है ? वही मुझे आता है ! तो लौड़ा
कटवा दे ना ! मिलकर धंधा किया करेंगी ! वो कैसे होगा? रोज़ जीरा चबाया कर पानी के साथ ! तेरे मम्मे बड़े हो जायेंगे
! फिर किसी से ओपरेशन करवा लेना !वो हंसने लगी, उसने अपनी
कमीज़ उतार दी फिर सलवार भी !मैं लौड़े चूसता हुआ उसको देखने लगा। उसके बड़े-बड़े
मम्मे थे। खुद पकड़ अपने चुचूक में से दूध सा निकालने लगी, चड्डी उतार चूत सहलाने लगी। काफी बाल थे उसकी चूत पर ! तभी एक
ने मुझे कहा- साले घोड़ी बन जा ! मुझे घोड़ी बनाया, मेरे
सामने आकर वो खड़ी हुई, पीछे से लौड़ा घुसने लगा।
हाय धीरे से करो ! उस औरत ने मेरा सर पकड़ा, ज़बरदस्ती मेरे
होंठ अपनी झांटों वाली चूत पर रख दिए। पहले अजीब लगा, फिर मैं उसकी चूत चाटने लगा। साले ! जो कहती हूँ, करता जा ! मेरा घर है जहाँ होली मनाने आया है ! अबसे तू मेरे
साथ धंधा किया करेगा ! बोल करेगा ? जोर से मेरे बाल खींचे ! हाँ
! जोर जोर से चाट ! वरना तेरा पूरा सर गंजा कर चूत में घुसवा लूंगी ! मुझे सच में
बहुत बहुत मजा आ रहा था। यह चीज़ मेरे साथ अब तक नहीं हुई थी। औरत के सामने अलग
मजा था। दोनों भी सामने खड़े हो गए, पीछे से लौड़ा घुसे जा रहा
था। मैं कभी चूत चाटता, कभी लौड़े चूसता। इतने में
उसका पानी निकल गया तो दूसरे ने कंडोम लगाया और घुसा दिया। वो सामने बैठ गई और
अपने मम्मे चुसवाने लगी। मैं उसके मम्मे पकड़ पकड़ दबाने लगा, मुझे मजा आने लगा। वो नीचे सरक गई। मैं घोड़ी बना हुआ था
लौड़ा लिए हुए ! मेरा लौड़ा नीचे लटक रहा था, भैंस के थन
जैसे उसने मेरा लौड़ा अपने मुँह में लिया और चूसने लगी। मुझे कितना मजा आया, बता नहीं सकता।मेरा लौड़ा खड़ा हो गया। इतने में मेरी कसी
गांड में दूसरे का भी काम तमाम हो गया। अब वो औरत मेरे सामने घोड़ी बन गई। मैंने
उसकी चूत में लौड़ा घुसाया। आप बोली- रगड़ ! मैं झटके लगाने लगा, पीछे से तीसरा मेरी गांड मार रहा था। मैंने उसकी खूब ठोंकी, इधर मेरा पानी निकला, औरत भी झड़ने लगी और मेरा
आशिक भी झड़ने लगा। तीनों का पानी निकल गया। वो तीनों चले गए। उस औरत ने मुझे
दोबारा तैयार किया। उसने मेरी गांड चाटी और फिर मैंने उसको उस पर लेट कर चोदा।
दोस्तो, क्या बताऊँ, आपके सनी को नया तजुर्बा मिला। सभी दोस्त चैट पर पूछ्ते हैं
कि तूने लड़की की ली या नहीं ? मैंने किसी से नहीं कहा
क्यूंकि यह मेरा आप सब के लिए सस्पेंस था। उम्मीद है सबने मुठ मार ली होगी।
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होली के बहाने चुदाई का मज़ा
इसी
होली वाले दिन मैं घर से निकला, अपनी बाईक ली और चल पड़ा
होली खेलने बैकवर्ड क्लास वाले लोगों की कालोनी में !वहां पहुँच बाईक लगाई एक तरफ़
और एक चालीस साल के करीब के एक बंदे के पास जा खड़ा हुआ। उसने भांग पी हुई थी। उस वक़्त
मेरे चेहरे पर रंग नहीं लगा था, मैंने जेब से रंग का पैकट निकाल
कर खोला और उसके पास जा कर उस पर रंग डाल दिया और होली मुबारक कहा ! उसने पास पड़ी
पानी की बाल्टी मेरे ऊपर पलट दी और मेरे कपड़े मेरे जिस्म से चिपक गए। उसकी नज़र
मेरे चूचों पर चली गई। वो हैरान सा हुआ- इतनी कोमल वो भी लड़की जैसी ?फिर उसकी नजर मेरी गांड पर गई- गोलमोल सी गांड !ऊपर से उसने
भांग पी रखी थी। मेरा निशाना सही लगा, वो मेरी तरफ आया, वो रंग लगाने के बहाने मेरा मुआयना करने आया था।मुझे मालूम था
! उसने पहले मेरे चेहरे पर रंग लगाया और फिर जानबूझ कर मेरी गांड दबा दी। मैंने
कुछ नहीं कहा। होली मुबारक ! होली मुबारक ! कर रंग लगाते हुए उसने जफ्फी डाल हाथ
डाल गांड पर रंग लगाने के बहाने लोअर के अन्दर हाथ ले जा कर मेरी गांड दबाई। विरोध
के बजाये मेरे मुँह से हल्की सी सिसकी निकली लड़की जैसी ! उसने भाम्प लिया कि मैं
जहाज हूँ, गांडू हूँ, बोला- चल मेरे साथ पास में क्वाटर में रहता हूँ। वहाँ से रंग
लेकर आते हैं ! मैं जान गया कि मेरा काम बन गया। वो मुझे अपनी एक झुग्गी में लेकर
गया। वहाँ सच में रंग पड़ा भी हुआ था। उसने पहले मुझे रंग लगाया, फिर दुबारा मेरे ऊपर पानी डाल दिया और बोला- यार तेरे चूचे
मस्त हैं ! मैंने हंस कर कहा- अच्छा जी ? बोला- सच्ची ! और गांड भी !
यार बस एक बार दबाने दे ! सिर्फ ५ मिनट ! मैं उसकी तरफ गया- क्या करोगे दबा कर
इनको ? बोला- बस यार, मुझे कुछ कुछ होता जा रहा है, एक
बार, सिर्फ एक बार अपनी टी-शर्ट उतार और
लोअर भी, बस तेरी गांड, तेरे मम्मे देखने हैं ! मैंने सोचा कि इन्टरनेट पर तो आराम से
वेबकैम पर उतार के दिखाता हूँ क्यूँ ना इसकी मुराद पूरी कर दूँ, लेकिन मैंने जानबूझ कर नखरा दिखाया- छोड़ यार ! चल होली खेलने
जाते हैं ! बहनचोद ! गांडू ! कमीने, भाव खाता है ? तुझे देख कर ही जांच लिया था कि तू गांडू है ! ऊपर से तेरे
लड़की जैसे मम्मे और गांड देख यकीन हो गया था ! बस पहल नहीं कर पा रहा था। चल यार, पहले बाहर जाकर होली खेल लें, फिर
दिखा दूंगा ! बोला- चल ठीक है ! मुझे लेकर वो अपने दोस्त के घर गया। वहाँ उसको रंग
लगाया। वो दारु की बोतल लेकर आया, तीन पेग बनाये। मैंने मना
किया, वो बोले- होली है ! दोस्त एक लगा ले
हम वहाँ बीस मिनट रुके और तीन
पेग पी लिए। मुझे नशा होने लगा क्यूँकि मैं कभी-कभी ही पीता हूँ। एक बार तो मुझे
लगा कि वो अपने दोस्त के घर ही मेरी गांड, मम्मे दबायेगा लेकिन उसने वहाँ
कुछ किया ही नहीं, बस वो मुझे पिलाने लाया था ताकि मैं
उसकी इच्छा पूरी कर दूँ। चल चलते हैं ! उसके साथ उसके घर गया, वहाँ अभी तक कोई नहीं आया था। उसने कहा- चल बैठ ! मैं आया ! उसने
अपना पजामा खोला, मेरे सामने ही शर्ट उतारी, किल्ली पर टांग दी। उसका कच्छा उभरा हुआ था। उसे देख मुझे कुछ
होने लगा और मेरी नज़र बार बार उसके लौड़े पर जा रही थी। मैं उठा और पहले लोअर उतारा, मैं फ्रेंची पहनता हूँ जिससे गाण्ड का चीरा दिखे, उसकी नज़र मेरी गाण्ड पर टिक गई। मैंने अपनी टी-शर्ट भी उतार
दी। मेरे मम्मे देख वो पागल सा होने लगा- तुझे लड़की होना चाहिए था मेरे गांडू !
साले ! मैं आगे बढ़ा और अपनी बाहें उसके गले में डाल दी। उह यार चिकने ! मैं उसकी
मर्दानी छाती पर उसके बालों में हाथ फेरने लगा, वो मेरी गांड
दबाने में लगा था साथ में मेरा चुचूक मुँह में लेकर चूस रहा था।अह ! मुझे भी मस्ती
चढ़ने लगी, छाने लगी, रुका न गया तो हाथ उसके कच्छे में घुसा दिया। क्या लौड़ा था दोस्तो
! साढ़े आठ इंच के करीब लंबा और काफी मोटा था ! मेरी गांड पानी छोड़ने लगी, बिना समय गंवाये मैं घुटनों के बल गिर गया और एक पल में पूरा लौड़ा, जो आधा सा सोया हुआ था, मुँह में ले
लिया। वो हैरान रह गया, बेचारे का अब तक किसी ने
चूसा नहीं था, बोला- हम जैसे गरीब लोगों का कौन
चूसता है ? उसका काला लौड़ा मेरे गुलाबी होंठों
में कितना आकर्षक लग रहा था। वो मेरे बालों में हाथ फेरता रहा और मैं मुठ मार मार
कर चूसता जा रहा था। जब लौड़ा पूरा खड़ा हो गया तो चूसना मुश्किल होता जा रहा था, मुश्किल से उसका टोपा ही चूसा जा रहा था। मैं लम्बी जुबान
निकाल उसका चाटने लगा। वो बोला- मैं छूटने वाला हूँ ! मुँह में निकाल दूँ? नहीं ! मैं मुँह से निकाल तेज़ तेज़ उसकी मुठ मरने लगा और
उसकी पिचकारी अपने चेहरे पर डलवा ली, कुछ अपने मम्मों पर ! उसके
लौड़े से मैं उसके माल से चेहरे की मालिश करने लगा, थोड़ा
बहुत चाट कर उसका लौड़ा साफ़ कर दिया। वो बोला- कभी चुसवाया नहीं था इसलिए जल्दी
छूट गया ! उसने मुझे कस कर अपने जिस्म से चिपका लिया। कोई बात नहीं ! खड़ा करना
आता है मुझे ! कुछ पल हम वैसे ही लेटे रहे, वो मेरे चुचूक
चुटकी से मसलने लगा। मैं पहले ही गर्म था, दोस्तो क्या मजा आ रहा था ?
वो बोला- कभी चुसवाया नहीं था इसलिए जल्दी छूट गया ! उसने मुझे कस कर अपने जिस्म
से चिपका लिया। कोई बात नहीं ! खड़ा करना आता है मुझे !
कुछ
पल हम वैसे ही लेटे रहे, वो मेरे चुचूक चुटकी से
मसलने लगा। मैं पहले ही गर्म था, दोस्तो क्या मजा आ रहा था
लेकिन अभी जिसके लिए में उसके पास आया था मेरा वो मकसद नहीं पूरा हुआ था, मतलब अभी मेरी प्यासी गांड की, हाँ प्यासी
गांड की प्यास कहाँ बुझी थी ! लेकिन मुझे उसके लौड़े से पूरी उम्मीद थी वो दोबारा
खड़ा होगा। दोस्तो, मैं ऐसे लोगों से गांड इसलिए मरवाता
हूँ कि ये किसी से कहते नहीं, मजदूरी करते हैं तो शरीर
सख्त होते हैं, बिना किसी पावर दवाई के इनके लौड़े
अपने दम पर खड़े होते हैं। इसलिए वैसा ही हुआ, मैंने कुछ देर
उसको पुचकारा सहलाया, बोला- तू तो मेरा दस बार
खड़ा कर लेगा, यह सुख तो मुझे किसी ने नहीं दिया, हमारी औरतें तो अँधेरे में साड़ी ऊपर करके ही घुसवा लेती हैं, पानी छूटा ! बस ख़त्म काम ! मैं हूँ ही ऐसी राजा ! मुझे से
शादी कर लो ! पूरा स्त्री-धर्म निभाउंगी, रोज़ रात को नंगी होकर तेरे
नीचे लेटा करुँगी, तेरे लिए एक कमसिन औरत बन जाउंगी ! हाँ, बहुत मजा दिया करुँगी। भोसड़ा तेरे नाम कर दूंगी। मेरी ऐसी
बातों से उसका खड़ा हो गया- साली है ही औरत ! देख, कैसे
खड़ा हो गया ! ऐसा लौड़ा पाकर यहाँ छुपा बैठा है ? अमीर
घर की औरतों को खुश करके पैसा कमाया कर ! मैंने चूस-चूस उसका सुपारा लाल कर दिया
जैसे वो फिर पूरे आकार में आया, चूसना मुश्किल होने लगा। चलो, अब मुझे ठंडा करो ! डालो मेरे राजा ! बोला- कुछ देर तेरी गांड
को चाटना है ! कितनी गोरी चिट्टी है ! वो जुबान से मेरी गांड छेड़ने लगा मेरे
कूल्हे खुद ऊपर होने लगे, मैंने कहा- मेरे लोअर में
कंडोम पड़ा है, निकाल लो ! मैंने उस पे कंडोम चढ़ा
दिया। बोला- कैसे चुदोगे? अपने नीचे लिटा कर चोद ! मजा
आएगा ! जिस्म से जिस्म की रगड़ होगी, मेरे मम्मे तेरी मर्दाना
छाती से घिसेंगे, क्या नज़ारा होगा ! मैंने उसके लौड़े
को चूसते वक़्त थूक लगा लगा कर ऊँगली गांड में डाल खुली कर ली थी। उसने ऊपर रख दबाव
डाला, लौड़ा घुसता चला गया चीरता हुआ लौड़ा
मेरी गांड में घुसने लगा, तीखा दर्द हुआ। मैंने उसी
दर्द को मजा बना लिया और सब भूल कर चुदाई का मजा लेने लगा। अपना ध्यान दर्द से हटा
लिया। आप यह कहानी अंतर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं। इतने में उसने अपना पूरा
लौड़ा घुसा दिया। काफी बड़ा लौड़ा था उसका लेकिन जल्दी कंडोम की चिकनाई और गांड की
लेस से लौड़ा गीला हो हो जाने लगा तो मैं खुद ठोकने को बोलने लगा था- अह अह और और
अह अह और और अह आहा ! बोला- मजा आता है? हाँ, बहुत आता है ! लौड़ा पसंद आया, ज़ालिम
हो !!! तेरी झुग्गी में बसने का इरादा है मेरा ! बस जा साली ! यह ले ! यह ले ! यह
ले ! और तेज़ ! तेज़ और तेज़ ! होली मुबारक हो ! अश अश उई उई करके चुदने लगा मैं !
उसकी स्पीड बढ़ी, मैं समझ गया कि झड़ने वाला है ! उसने
कंडोम उतारा, घुसा दिया, दो तीन झटकों में जब उसका निकलने लगा तो उसने पूरा पानी मुझे सीधा
कर मेरे मुँह पर, छाती पर निकाला और मुझे चूमने लगा।
तभी पीछे से किसी की आवाज़ सुनी- वाह वाह भाई ! अकेला-अकेला गांडू पेल रहा है ? दारु हमारे साथ पीकर आये और नज़ारे यहाँ अकेले अकेले लूटने
में लगे हो ? साले हम भी होली मुबारक करेंगे !
नहीं, आप तो तीन लोग हो ! मैं नहीं करवा सकता
! मुझे जाना है ! तेरी माँ की चूत, जाएगा ? जाकर दिखा साले ! गला काट कर फेंक दूंगा ! पहले ही इसका बहुत
मोटा था, अब तीन बन्दे कैसे भुक्त पाऊंगा ! कल
कर लेना ! भागा थोड़े जा रहा हूँ ! नहीं हमें अभी मजा दे !
और तेज़ ! तेज़ और तेज़ ! होली मुबारक हो ! अश अश उई उई करके चुदने लगा
मैं ! उसकी स्पीड बढ़ी, मैं समझ गया कि झड़ने वाला
है ! उसने कंडोम उतारा, घुसा दिया, दो तीन झटकों में जब उसका निकलने लगा तो उसने पूरा पानी मुझे सीधा
कर मेरे मुँह पर, छाती पर निकाला और मुझे चूमने लगा।
तभी पीछे से किसी की आवाज़ सुनी- वाह वाह भाई ! अकेला-अकेला गांडू पेल रहा है ? दारु हमारे साथ पीकर आये और नज़ारे यहाँ अकेले अकेले लूटने
में लगे हो ? साले हम भी होली मुबारक करेंगे !
नहीं, आप तो तीन लोग हो ! मैं नहीं करवा सकता
!मुझे जाना है ! तेरी माँ की चूत, जाएगा ? जाकर दिखा साले ! गला काट कर फेंक दूंगा ! पहले ही इसका बहुत
मोटा था, अब तीन बन्दे कैसे भुक्त पाऊंगा ! कल
कर लेना ! भागा थोड़े जा रहा हूँ ! नहीं हमें अभी मजा दे ! नहीं, आप तो तीन लोग हो ! देखो बहुत टीस उठ रही हैं ! प्यार से करेंगे
! चल कपडे पहन ले ! अपने घर ले चलते हैं ! मुझे साथ लेकर एक घर में ले गए, छोटा सा घर था। पहले उन्होनें दो दो पेग लगाये, मुझे भी पिलाए, मुझे नंगा कर दिया। तीनों
मेरे जिस्म से खेलने लगे, एक मेरा एक चुचूक चूस रहा था, दूसरा दूसरा चुचूक चूस रहा था, एक
मेरी नाभि चूम रहा था, उसको मेरे सपाट पेट पर चिकनी
नाभि चाटने में न जाने कितना मजा आ रहा था। तीनों ने अपने आप को नीचे से नंगे किया, मेरी पहले फटने लगी क्योंकि तीनों के लौड़े इतने बड़े थे- काले
लौड़े भयंकर लौड़े ! उसके जितने बड़े लौड़े थे उनके ! मैं नशे में था, एक पैग और लिया और खेलने लगा, मजे
लेने लगा उनके लौड़ों से ! वैसे मुझे मजा भी आने लगा, तीन के लौड़े कभी एक का मुँह में लेता, फिर दूसरा, फिर तीसरा ! घुटनों के बल
नीचे बैठा हुआ था। तुम लोगों के लौड़े इतने बड़े कैसे होते हैं ? मेहनत करते हैं साले ! तेरे ऊपर भी देखना कितनी मेहनत करेंगे
! बोल अलग सा मजा दें तुझे ? वो कैसा ? जानता है यह घर किसका है? एक रंडी का !
मस्ती करेगा ! कभी ऐसा नहीं किया होगा तूने ! तभी एक औरत अंदर आई, पूरा जुगाड़ था, मुझे बोली- साले, तुझसे जलन होने लगी है ! तुमने तो मेरे आशिकों को मुझसे छीन
लिया है ! तुझे क्या मजा आता है यह सब करवा कर ?मैंने
कहा- तुझे क्या मजा आता है ? वही मुझे आता है ! तो लौड़ा
कटवा दे ना ! मिलकर धंधा किया करेंगी ! वो कैसे होगा? रोज़ जीरा चबाया कर पानी के साथ ! तेरे मम्मे बड़े हो जायेंगे
! फिर किसी से ओपरेशन करवा लेना !वो हंसने लगी, उसने अपनी
कमीज़ उतार दी फिर सलवार भी !मैं लौड़े चूसता हुआ उसको देखने लगा। उसके बड़े-बड़े
मम्मे थे। खुद पकड़ अपने चुचूक में से दूध सा निकालने लगी, चड्डी उतार चूत सहलाने लगी। काफी बाल थे उसकी चूत पर ! तभी एक
ने मुझे कहा- साले घोड़ी बन जा ! मुझे घोड़ी बनाया, मेरे
सामने आकर वो खड़ी हुई, पीछे से लौड़ा घुसने लगा।
हाय धीरे से करो ! उस औरत ने मेरा सर पकड़ा, ज़बरदस्ती मेरे
होंठ अपनी झांटों वाली चूत पर रख दिए। पहले अजीब लगा, फिर मैं उसकी चूत चाटने लगा। साले ! जो कहती हूँ, करता जा ! मेरा घर है जहाँ होली मनाने आया है ! अबसे तू मेरे
साथ धंधा किया करेगा ! बोल करेगा ? जोर से मेरे बाल खींचे ! हाँ
! जोर जोर से चाट ! वरना तेरा पूरा सर गंजा कर चूत में घुसवा लूंगी ! मुझे सच में
बहुत बहुत मजा आ रहा था। यह चीज़ मेरे साथ अब तक नहीं हुई थी। औरत के सामने अलग
मजा था। दोनों भी सामने खड़े हो गए, पीछे से लौड़ा घुसे जा रहा
था। मैं कभी चूत चाटता, कभी लौड़े चूसता। इतने में
उसका पानी निकल गया तो दूसरे ने कंडोम लगाया और घुसा दिया। वो सामने बैठ गई और
अपने मम्मे चुसवाने लगी। मैं उसके मम्मे पकड़ पकड़ दबाने लगा, मुझे मजा आने लगा। वो नीचे सरक गई। मैं घोड़ी बना हुआ था
लौड़ा लिए हुए ! मेरा लौड़ा नीचे लटक रहा था, भैंस के थन
जैसे उसने मेरा लौड़ा अपने मुँह में लिया और चूसने लगी। मुझे कितना मजा आया, बता नहीं सकता।मेरा लौड़ा खड़ा हो गया। इतने में मेरी कसी
गांड में दूसरे का भी काम तमाम हो गया। अब वो औरत मेरे सामने घोड़ी बन गई। मैंने
उसकी चूत में लौड़ा घुसाया। आप बोली- रगड़ ! मैं झटके लगाने लगा, पीछे से तीसरा मेरी गांड मार रहा था। मैंने उसकी खूब ठोंकी, इधर मेरा पानी निकला, औरत भी झड़ने लगी और मेरा
आशिक भी झड़ने लगा। तीनों का पानी निकल गया। वो तीनों चले गए। उस औरत ने मुझे
दोबारा तैयार किया। उसने मेरी गांड चाटी और फिर मैंने उसको उस पर लेट कर चोदा।
दोस्तो, क्या बताऊँ, आपके सनी को नया तजुर्बा मिला। सभी दोस्त चैट पर पूछ्ते हैं
कि तूने लड़की की ली या नहीं ? मैंने किसी से नहीं कहा
क्यूंकि यह मेरा आप सब के लिए सस्पेंस था। उम्मीद है सबने मुठ मार ली होगी।
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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