FUN-MAZA-MASTI
पापा प्लीज........16
रूपा की नींद दुबारा तब खुली जब उसरी मॉम की तेज आवाज उसके कानों में सीधी घुस गई... रूपा हड़बड़ा कर मॉम कहती हुई उठी और आँख मलती हुई गेट खोली...गेट खुलते ही मॉम अंदर आई और टेबल पर चाय रखती हुई बोलने लगी...
"देख तो कितना समय हो गया है... कहाँ के लोग ना जाने कहाँ चले गए...और एक तुम हो कि अब तक सो रही हो..."मॉम बेड को ठीक करती हुई बोली ताकि उसके पीछे रूपा फिर ना सो जाए...
रूपा ठुनकती हुई मॉम बोली और कुर्सी पर धम्म से बैठती चाय पीने लगी...चाय की चुस्की लेती हुई बोली,"पापा से पूछी..." रूपा कीबात सुनते ही मॉम बोली,"क्या...?"
मॉम की बात सुनते ही रूपा गुस्से जैसी शक्ल करती हुई बोली,"क्या मतलब... कल कितनी बार बोली थी कि मैं कनक के साथ पिक्स खिंचवाने जा रही हूँ... और कॉलेज की ब्यूटी कांटेस्ट में हिस्सा लेना चाहती हूँ... मॉम तुम भी ना... अब तुम अभी पूछो फोन से...भुलक्कड़ कहीं की..."
रूपा की बात सुनते ही मॉम मुस्कुराते हुए बोली,"गुस्सा करना ठीक नहीं बेबी... पापा को पता है कि तुम्हारे कॉलेज में ब्यूटी कांटेस्ट होने वाली है तो वो खुद ही हमें याद दिला दिए थे और कुछ पैसे भी रख दिए हैं.. "
मॉम की बात सुनते ही रूपा खुशी से चहकती हुई चाय वापस टेबल पर रखती हुई "सचऽ" कहती हुई खड़ी हुई और मॉम को गले से लगाती हुई जोर से भींचती हुई गोल गोल घुमती हुई "थैंक्यू मॉम...लव यू मॉम..." बोलने लगी...
मॉम रूपा को छोड़ने के लिए कहती रह गई पर रूपा के छोड़ने से पहले ही दोनों बेड से टकरा कर बेड पर धम्म से गिर पड़े... मॉम की आहहहऽ निकल पड़ी पर रूपा जोर हंसी जा रही थी...
"पागल कहीं की छोड़ मुझे... पता नहीं कब ये बचकानी हरकत से तू बाज आएगी..."मॉम रूपा को अपने ऊपर से हटाती हुई बोली... रूपा हटने की बजाए मॉम को और कसती हुई बोली,"मॉम, तुम मेरी मॉम से ज्यादा फ्रेंड हो ये तो जानती हो ना..."
रूपा की बात सुन मॉम मुस्कुराती हुई हाँ में सर हिला दी... रूपा आगे बोली,"..तो आज मैं बहुत खुश हूँ और इस खुशी में मार्निंग किस मेरी तरफ से..." रूपा की बात खत्म होते ही मॉम ओके कहती हुई हामी भर दी...
हामी भरते ही रूपा बिना कोई मौका गंवाए अपने होंठ मॉम के होंठो से सटाती हुई एक छोटी सी किस देती हुई गुड मॉर्निंग मॉम बोल हट गई... मॉम तो आश्चर्य से सिसक पड़ी...
आज तक मॉम गुड मॉर्निंग किस देती थी पर वो सब रूपा के गालों तक ही होती थी... और ये रोज की रूटिंग थी कि रूपा देर से उठती, फिर मॉम चाय देकर बेड सही करती और मॉर्निंग किस दे कर चली जाती...
पर आज रूपा पहली बार मॉर्निंग किस दी और वो भी होंठो पर... मॉम कुछ बोली नहीं क्योंकि रूपा नॉर्मल हो वापस चाय पीने लग गई... मॉम भी उठी और फ्रेश होने बोल बाहर चल दी...
रूपा भी गाना गुनगुनाती बाथरूम में घुस गई... रूपा की बेस्ट फ्रेंड कोई थी तो उसकी मॉम थी, ये सच थी... कनक तो दूसरी नम्बर पर आती थी और उसके बाद तो कोई दोस्त ही नहीं थी... घर में हर वक्त एक दूसरे को डाँट कर ही बात करती थी...
फ्रेश होने के बाद टॉवेल में बाहर आई और उस वक्त को बालों को सूखा रही थी.. तभी उसे कनक की याद आई और वो तुरंत कनक को फोन लगाई... कनक फोन नहीं रिसीव कर पाई क्योंकि वो भी बाथरूम में थी...
हाल चाल पूछ रूपा ने कनक की मम्मी को जल्दी भेजने की रिक्वेस्ट की... और फिर वो ड्रेस पहनने लगी... सफेद रंग की डिजाइनदार समीज सलवार पहनने के बाद तो रूपा किसी परी से कम नहीं लगती थी...
ये ड्रेस वो किसी खास मौके पर ही पहनती थी... औरों की बात तो दूर वो खुद ही आईने में देख शरमा जाती थी... रूपा जब तैयार हो बाहर नाश्ते के लिए किचन में गई तो उसकी मॉम की आँखें फटी की फटी रह गई... वो रूपा की ऐसी रूप आज पहली बार देख रही थी....
रूपा अपनी जवानी में पूरी तरह प्रवेश कर ली थी जिस वजह से उसकी बनावट कयामत ढ़ा रही थी... इससे पहले तोकहीं ना कहीं कमी जरूर आती कि कमर थोड़ी कम है या बूब्स छोटे हैं या फिर हिप्स मालूम बी नहीं पड़ रही...पर आज तो कहीं से भी चूक नहीं नजर आ रही थी....
खैर, मॉम को ऐसे अपनी तरफ देखती पा रूपा ने अपनी एक आँख दबा कर मुस्कुरा पड़ी... मॉम भी रूपा की इस अदा से घायल की आवाज में बोली,"हाय रूपा, प्लीज बाहर किसी को मत ऐसे मार डालना वरना वो बेचारा फिर होश में भी नहीं आएगा.. "
और मॉम ने हंसते हुए रूपा की नजर उतारती काला टीका रूपा के चेहरे पर लगा दी... रूपा शर्माए बिना ना रह सकी और रोनी आवाज में बोली,"मॉम, कनक आ जाएगी... जल्दी नाश्ता दे दो... मुझे कोई भी काम में लेट पसंद नहीं सो मैं सबसे पहले भाग भी नॉमिनेशन भी करना चाहती हूँ..."
"ओके बाबा., दे रही हूँ.." कहती हुई मॉम ने नाश्ता रूपा की तरफ बढ़ा दी... रूपा डाइनिंग टेबल पर आ नाश्ता करने लगी...नाश्ता करने के बाद उठी ही थी कि कनक आ पहुँची... कनक जींस और टीशर्ट पहनी थी...
कनक ऐसे भड़काउ कपड़े ही पहनती थी अक्सर... जिसमें उसकी हर अंग बाहर निकलने को बेताब रहती थी... और ऐसे अपने जिस्म की नुमाइश कर लड़कों को लट्टू करना उसकी तो फितरत बन गई थी अब...
ऱूपा उसे देख हल्की सी मुस्कान पास कर गुड मॉर्निंग बोली...कनक रूपा को जवाब दे आंटी गुड मार्निंग कहती हुई किचन की तरफ आवाज लगा दी... ऱूपा की मॉम भी कनक को गुड मॉर्निंग बोल बाहर निकली...मॉम कनक को देखते ही चिहुंकी पर वो भी कनक को ऐसे कपड़े देख तंग आ चुकी थी तो कुछ ना बोली...
फिर दोनों घर से निकली और रूपा अपनी स्कूटी निकाली... स्कूटी निकाल दोनों सड़कों पर तेज गति से निकल पड़ी मार्केट की तरफ... कुछ ही देर में दोनों मार्केट में पहुँच गई और एक फोटो स्टूडियो के पास जा रूकी...
सुबह की वजह से ज्यादा चहल पहल नहीं थी...दोनों इत्मीनान से स्कूटी पार्क की और स्टूडियो में घुस गई...स्टूडियो में पहुँचते ही दोनों हंस पड़ी... क्योंकि वहाँ कोई नहीं था...
कनक,"क्या यार, इतनी जल्दी आ गई कि यहाँ सब सो ही रहे हैं..." कनक की बात सुन रूपा हंसी और हल्की आवाज लगाई कि कोई है?
उसकी आवाज से अंदर कुछ हलचल हुई और अगले ही पल एक नौजवान लड़का बाहर निकला... वो इन दोनों हसीना को देखते ही पलक झपकना भूल गया और एकटक देखता रह गया...दोनों ताड़ गई कि औरों की तरह ये भी उसकी हुस्न का दिवाना हो गया...
"फोटो खिंचवानी है?अभी हो जाएगा..." उसे ऐसे देख कनक मुस्कुरा कर बोली जिससे वो लड़का हड़बड़ा कर "जी..जी..मैडम.."कहा... फिर वो जल्द ही तैयार हो अंदर चलने कहा...
फोटो लेने के दौरान कनक उसे ना जाने कितनी बातें पढ़ा दी कि फोटी ऐसी होनी चाहिए, वैसी होनी चाहिए, वगैरह वगैरह...वो लड़का बस जी...जी.. कहता रहा... कनक के बाद जब रूपा की बारी आई तो रूपा उसकी नजरों का सामना नहीं कर पा रही थी...
वो रूपा को ऐसे देख रहा था मानों नजरों से ही घायल कर देगा...और रूपा बचने की हर कोशिश कर रही थी... हालांकि वो लड़का कुछ बोल या कोई हरकत कर नहीं रहा था तो रूपा ऐसे कुछ कह नहीं पा रही थी...
खैर किसी तरह रूपा फोटो खिंचवाई और तेजी से बाहर निकल आई...कनक इस दौरान ताड़ गई कि ये तो रूपा पर कुछ ज्यादा ही दिवानगी दिखा रहा है... वो ज्यादा दिमाग लगाना ठीक नहीं समझी क्योंकि उसके साथ ये अक्सर होती है कि लड़के रूपा के चक्कर में ही उससे दोस्ती करते हैं पर मिलता कुछ नहीं...
हाँ रूपा के चक्कर में कनक की चाँदी जरूर हो जाती है... दो चार महीने तो आराम से तरह तरह के गिफ्ट, अच्छे अच्छे होटल में खाना, घूमना फिरना और मन हुई तो मस्ती भी...वो यही सोच मुस्कुरा कर बाहर निकली...
कनक बाहर निकलते ही उस लड़के से पूछी,"फोटो कब तक मिलेगी..?"
"आज शाम तक हो जाएगी..."उस लड़के ने जवाब देते हुए स्लिप देते हुए कहा...
रूपा पेमेंट के पैसे कनक के हाथों में दी... कनक पैसे उस लड़के को देते हुए पैड करने बोली... वो लड़का एक बारगी बोला कि मैम, यहाँ फोटो लेते वक्त ही पेमेंट कर दीजिएगा... जिस पर कनक हंसती हुई बोली,"पैड कर दीजिए वर्ना बाहर निकलते ही ये खर्च हो जाएंगे...बाद में बिना पैसे के आप थोड़े ही दोगे..."
कनक की बात सुन वो लड़का हंसता हुआ ओके बोला और स्लिप कनक के हाथों में पकड़ा दिया... स्लिप ले कनक शाम में आने को बोल निकल गई...बाहर निकलते ही वो दोनों हंस पड़ी पर बोली कुछ नहीं...रूपा स्कूटी निकाली और अचानक से उसकी नजर वापस स्टूडियो की तरफ गई जहाँ वो लड़का खड़ा उसकी तरफ ही देख रहा था...
रूपा गुस्से से नजर घुमा ली और स्कूटी पर बैठ गई...कनक के बैठती ही रूपा बोली,"शाला अभी तक देख ही रहा है..." रूपा की बात सुन कनक तेजी से पीछे मुड़ी तो उसकी नजर सीधी उसी लड़के से टकरा गई...
नजर मिलते ही कनक मुस्कुरा दी जिसे देख वो लड़का भी मुस्कुराए बिना ना रह सका और मुस्कुराते हुए बाय में हाथ हिला दिया... ये देखते ही कनक बोल पड़ी,"मुर्गा फंस गया रूपा...बस हलाल करने की देरी है..." कनक की बात सुन रूपा हल्की सी हंसी हंस चल दी...
कनक तब तक उसे देखती रही जब तक कि दोनों की नजरें ओझिल ना हो गई...दोनों हंसती हुई बातें करती हुई चलती हुई घर आ गई... घर आते ही मॉम दोनों को देख आश्चर्य से पूछ बैठी,"बड़ी जल्दी आ गई..."
"मॉम, बस स्टूडियो ही जानी थी तोक्या करती वहाँ रूक कर... "रूपा जवाब देती हुई कनक को बाहर चलने को बोली... कनक रूपा के पीछे पीछे छत पर चल दी... दोनों अक्सर घर पर होती तो यहीं एकांत में आ बातें करती थी...
छत पर पहुँचते ही कनक बोल पड़ी,"रूपा, स्टूडियो वाला तो तेरा बड़ा दिवाना था..." कनक की बात सुनते ही रूपा हंसती हुई बोली,"..तो उसकी दिवानगी उतार दो... जैसे औरों का उतारती हो.."
कनक,"अच्छा उसे तो शाम में जाउंगी तो देख लूंगी...फिलहाल कुछ ननवेज खाने की इच्छा हो रही है..." कनक की बात से रूपा चौंक गई कि ये सुबह सुबह क्या सोच रही है... वो कनक की तरफ घूम कर देखने लगी...
कनक तब तक अपना फोन निकाल नम्बर डायल कर मुस्कुराती हुई स्पीकर ऑन कर दी... कुछ ही पलों में फोन कट गई... रूपा अब समझ गई कि ये किस नॉनभेज की बात कर रही है...
तभी कनक की फोन बजी जिसे कनक तुरंत रिसीव करती हुई पुनः स्पीकर ऑन करती हुई हैलो बोली... उधर से किसी लड़के की आवाज सुन रूपा आवाज पहचानने की कोशिश करने लगी पर पहचान नहीं पाई तो इशारे में पूछी कौन है...
कनक धीरे से बोली,"तुम्हारा ही दिवाना था वो कॉलेज में सीनीयर लड़का... होटल वाला...याद आया..." रूपा को तुरंत याद आ गई वो मुस्कुरा कर हाँ बोल बात करने बोली...
कनक बात को आगे बढ़ाई,"हाय,क्या कर रहे हो?"
"क्या करूँगा यार, अभी सो के उठा हूँ..कल रात एक पार्टी में गया था..." उधर से आवाज आई..
कनक,"अच्छा, अकेले अकेले पार्टी..."
"अरे नहीं, दरअसल बर्थडे पार्टी थी तो वहाँ सिर्फ गिने चुने मेहमान ही आए थे...ऐसे में बिना बुलाए तुम्हें बुलाना ठीक नहीं लगा.." उसने कहा..
कनक,"ओके, कोई बात नहीं डियर...मैं यूँ ही बोल रही थी... अच्छा तुम कितनी देर में रेडी हो जाओगे.."
"कहाँ हो अभी तुम..."कनक की बात सुनते ही वो सवाल कर बैठा...
कनक,"वो क्या है ना कि रूपा अपने बी.एफ. से मिलने आई है तो मैं भी साथ आई थी... और यहाँ वो मुझे बाहर खड़ी कर खुद रूम में पैक हो गई है...शाली अंदर से ऐसी ऐसी आवाजें कर रही है ना कि मैं तड़प सी गई..."
कनक की बात सुनते ही रूपा तो गुस्से से भर गई और कनक को एक मुक्का लगा भी दी... कनक उसे शांत रहने का इशारा कर दी तो रूपा रूक गई...
"अच्छा हुआ कि तुम मुझे पहले ही बता दी वर्ना तुम तो जानती हो ना मैं कितना पागल था उसके लिए... अच्छा वो अभी क्या कर रही होगी..." उधर से बात सुन कनक मुस्कुरा पड़ी...
कनक,"रूको, कीहोल से देखने की कोशिश करती हूँ..." फिर कुछ देर कनक फोन की माइक बंद कर दी और रूपा को पूछी क्या बोलूँ... जिसे सुन रूपा कनक का गला दबाने लगी...
कनक हंसती हुई गला छुड़ाती हुई बोली,"यार ये यब सच थोड़े ही है...और तुम्हें तो बताई भी हूँ कि सबको बता देती हूँ कि तुम तीन बी.एफ. रखी हो..."
रूपा,"हाँ पर ये वाली बात क्यों बोल रही है... क्या सोचेगा वो कि कितनी बैड कैरेक्टर की है.."
कनक,"खाक सोचेगा, चल मजे ले के सुन कैसे ये बावला होता है...कहने से कोई बैड कैरेक्टर थोड़े ही होता है..."
कनक की बात सुनते ही रूपा शांत हो गई...
कनक,"ओह गॉड, पता है रूपा क्या कर रही है?"
कनक जोश भरी आवाज में जैसे ही पूछी वो लड़का तपाक से क्या क्या कहने लगा... जिसे सुन कनक बोली,"यार मुझे भी करने की तेज मन हो रही है..."
"लवड़ा मन हो रही है, पहले ये बता वो शाली रूपा क्या कर रही है तेरी मां की.....आह...आह...."अपने सांसों पर बमुश्किल वो कंट्रोल करता हुआ बोला...शायद वो कामोत्तजना से डोलमडोल हो रहा था...
उसकी आवाज पर कनक अपनी हंसी किसी तरह बंद कर सकी... फिर बोली,"जानू, कल पड़ोस में पिंकी की मम्मी ना एकदम लेटेस्ट एक पायल सेट और कान की छोटी झुमकी खरीदी है..."
"तेरी मां की ऐसी की तैसी बहनचोद... पहले ये बता ना शाली कि मादरचोद रूपा पूरी नंगी है तो कैसी लग रही है..."वो लड़का दांत पीसते हुए बोला...
उसकी बात सुन रूपा को गुस्सा भी आ रहा था पर वो इसे इग्नोर कर बस सुन रही थी... वो अंदर ही अंदर खुद को काफी गर्वान्वित महसूस कर रही थी कि मेरे नाम से ही सब अपना काम कर लेते हैं तो अगर सामने आ गई तो क्या होगा? हाय.....!
कनक,"अब फोन से कैसे बताऊं कि वो क्या कर रही है...एक काम करो तुम ना आधे घंटे में अपने उसी दोस्त के रूम पर पहुँचों... मैं वहीं आ कर बता दूँगी वो भी कर के...समझे जानू..."
वो लड़का ना चाहते हुए भी मन मसोस कर रह गया और किसी तरह हामी भर दिया...उसके हामी भरते ही कनक उसके फोन रखने से पहले ही बोली,"और हाँ जानू, ज्वेलरी दुकान से ना दोनों चीज लेते आना...प्लीजऽ"
"यार मुझे क्या पता कि कौन सी मॉडल नई आई है..."वो लड़का राजी हो गया आखिर इतने प्यार से जो बोल दी थी और साथ ही उसके खड़े लंड को शांति भी प्रदान करने वाली थी...
कनक,"अच्छा तो एक काम करते हैं... तुम ज्वेलरी शॉप पे मिलो...मैं वहीं मिल रही हूँ..ठीक है..." कनक की बात खत्म होते ही वो लड़का हाँ ठीक है कह फोन रख दिया...
फोन रखते ही कनक जोर से हँस पड़ी... उसे हंसते देख रूपा दांत पीसती हुई उसकी तरफ लपकी और उसकी गला पर हाथ रख दबाती हुई उसे टॉर्चर करने की कोशिश करने लगी...
कनक पीछे हटने लगी छूटने के लिए पर रूपा छोड़ने के बजाए उसके साथ ही पीछे हटती गई...अंततः कनक रूक गई...वो दीवाल के सहारे अटक गई थी... रूपा उसे आँखें दिखाती हुई बोल,"कुत्ती, आज तेरा गला दबा के मार दूँगी... कितना गंदा गंदा मेरे बारे में बोल रही थी..."
रूपा की बात सुन कनक अपने हाथ से रूपा की पकड़ थोड़ी ढ़ीली की...जब रूपा भी थोड़ी ढ़ीली की तो कनक बोली,"यार, वो बस यूँ ही थी...वैसे उतनी गंदी भी नहीं थी..."
कनक की बात से रूपा मुस्कुरा पड़ी... उसके हाथ अब कनक के हले से हट उसके दोनों कंधे पर आ गई थी...रूपा मुस्कुराती हुई बोली,"अच्छा तो अब तुम सिर्फ पायल लेने जाओगी या फिर ...." रूपा जान बूझ कर बात को अधूरी छोड़ दी...
रूपा की बात सुनते ही कनक की आँखों में खुशी की लपटें दौड़ गई...कनक मुस्कान बिखेड़ती हुई बोली,"रूपा बेबी, मैं तो पहले ही बता दी थी कि आज कुछ नॉन-वेज खाने की इच्छा हो रही है..."
"कमीनी, थोड़ी भी शर्म बचा के नहीं रखी है...बचा ले वरना शादी में पति को क्या देगी..."रूपा कनक के कंधों पर हल्की मुक्कों से वार करती हुई बोली जिससे कनक खिलखिलाकर हँस पड़ी...
कनक फिर बोली,"एक बात तो है कि वो जो भी कह रहा था सच ही कह रहा था... तेरे बारे में बात कर उसकी ये हालत हो गई तो जाहिर है मेरी भी कुछ बिगड़ी हुई होगी तो बरदाश्त नहीं कर पाती हूँ ना...यार तुम चीज ही गजब हो...मन तो होती है अभी रगड़ दूँ मैं ही..ही..ही...ही..."
कनक की बात सुन रूपा झेंप सी गई पर पल भर में ही संभलती हुई हंस पड़ी और अपने बाजू कनक के गर्दन के पीछ करती हुई बोली,"मुझे रगड़ेगी...अभी बताती हूँ तुझे..." रूपा कहने के साथ ही उस पर ना जाने कौन सा भूत सवार हुआ....
इतने दिनों से दोस्ती के बावजूद आज पहली बार रूपा ने अपने होंठ कनक के होंठों पर रख दिए...और ताबड़तोड़ लगी चूसने... कनक ये सोच भी नहीं पा रही थी कि क्या ये हकीकत है..? वो तो बेहोश सी हो गई थी रूपा की होंठो के नशीली रस से...
कुछ देर की स्मूच के बाद कनक थोड़ी होश में आई...तो वो अंदर ही अंदर काफी खुश हो गई और वो अब किस में साथ देते हुए वो भी रूपा के होंठ चूसने लगी...कनक के हाथ भी अब रूपा के गर्दन और पीठ पर पकड़ बांहों में भर ली थी...
दोनों अब एक दूसरे पर पूरे जोश से टूट पड़ी थी...ऱूपा के अंदर शायद सेक्स के कीड़े पनप पड़े थे..इसी वजह से रूपा खुद पर काबू नहीं पा सकी और कनक पर ही बिजली कड़का दी... कनक इतने रसीले और रसमयी होंठ को पा धन्य हो गई थी...
कनक पहले भी चाहती थी पर पहल नहीं कर पा रही थी क्योंकि कहीं रूपा बुरा मान गई तो वो अपनी बेस्ट फ्रेंड खो देगी... और वो इन फालतू बातों के लिए इस अनमोल चीज को खोना नहीं चाहती थी... और खास बात तो ये थी कि रूपा जैसी लड़की को वो गलत आदत नहीं दिलाना चाहती थी...
किस करते हुए रूपा कुछ सोची और अपने एक हाथ रूपा की पीठ से हटा ली और धीरे से रूपा की चुची पर जगह बना रख दी जो अब तक उसकी से दबी हुई थी...अपनी चुची पर कनक के स्पर्श पड़ते ही रूपा झट से उसके हाथ पकड़ बाहर कर दी....
"चुपचाप शांत रह वर्ना सच में मार दूंगी..."रूपा किस तोड़ मुस्काती हुई बोली और पुनः कनक के होंठ पर अपने होंठ चिपका दी...एक बार चूसने के बाद कनक इस बार हौले से किस तोड़ी और बोली...
कनक,"यार तुम खूबसूरत के साथ टेस्ट में भी बेस्ट हो...पहले मालूम होती तो कब का खा जाती..." कनक की बात सुन रूपा बोली,"नाटक मत कर...जैसी तुम हो वैसी ही मैं भी हूँ तो इसमें अलग क्या है..."
कनक,"नो, तुम कुछ और हो और मैं कुछ और... बट् रिअली, आई लव यू... यू आर ए बेस्ट फ्रेंड..." कनक की ऐसी बातों से रूपा भावुक सी हो गई और "लव यू टू कनक..." कहती हुई कनक के गले से लग गई...
दोनों किसी जोड़े की तरह चिपकी हुई थी...कुछ देर बाद रूपा नॉर्मल हो सीधी हुई और हंसती हुई बोली,"ओके तो अब तुम निकलेगी.."
कनक,"पागल हूँ क्या? गुलाब जामुन छोड़ के जलेबी खाने थोड़े ही जा सकती हूँ...अब तो यहीं तुम्हारे साथ रहूँगी... "
रूपा,"ओ हैलो मैडम,दिमाग को सही कर लो... इससे आगे कुछ सोच रही हो तो सोचना बंद करो... क्योंकि अब कुछ मिलने वाली नहीं है... वैसे जहाँ तक मैं जानती हूँ लड़कों के पास जलेबी नहीं, कुछ और होती है जिसकी टेस्ट सबसे बेस्ट होती है... तुम वो जाकर खाओ..."
कनक,"क्या यार, एक बार भी नहीं..." कनक की बात से रूपा साफ मुकर गई...मायूस हो कनक ओके बोल मुस्कुरा पड़ी...रूपा हंसती हुई कनक के साथ नीचे चल दी...नीचे आ रूपा कनक को बाय बोल विदा की और शाम में आने बोल दी...
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पापा प्लीज........16
रूपा की नींद दुबारा तब खुली जब उसरी मॉम की तेज आवाज उसके कानों में सीधी घुस गई... रूपा हड़बड़ा कर मॉम कहती हुई उठी और आँख मलती हुई गेट खोली...गेट खुलते ही मॉम अंदर आई और टेबल पर चाय रखती हुई बोलने लगी...
"देख तो कितना समय हो गया है... कहाँ के लोग ना जाने कहाँ चले गए...और एक तुम हो कि अब तक सो रही हो..."मॉम बेड को ठीक करती हुई बोली ताकि उसके पीछे रूपा फिर ना सो जाए...
रूपा ठुनकती हुई मॉम बोली और कुर्सी पर धम्म से बैठती चाय पीने लगी...चाय की चुस्की लेती हुई बोली,"पापा से पूछी..." रूपा कीबात सुनते ही मॉम बोली,"क्या...?"
मॉम की बात सुनते ही रूपा गुस्से जैसी शक्ल करती हुई बोली,"क्या मतलब... कल कितनी बार बोली थी कि मैं कनक के साथ पिक्स खिंचवाने जा रही हूँ... और कॉलेज की ब्यूटी कांटेस्ट में हिस्सा लेना चाहती हूँ... मॉम तुम भी ना... अब तुम अभी पूछो फोन से...भुलक्कड़ कहीं की..."
रूपा की बात सुनते ही मॉम मुस्कुराते हुए बोली,"गुस्सा करना ठीक नहीं बेबी... पापा को पता है कि तुम्हारे कॉलेज में ब्यूटी कांटेस्ट होने वाली है तो वो खुद ही हमें याद दिला दिए थे और कुछ पैसे भी रख दिए हैं.. "
मॉम की बात सुनते ही रूपा खुशी से चहकती हुई चाय वापस टेबल पर रखती हुई "सचऽ" कहती हुई खड़ी हुई और मॉम को गले से लगाती हुई जोर से भींचती हुई गोल गोल घुमती हुई "थैंक्यू मॉम...लव यू मॉम..." बोलने लगी...
मॉम रूपा को छोड़ने के लिए कहती रह गई पर रूपा के छोड़ने से पहले ही दोनों बेड से टकरा कर बेड पर धम्म से गिर पड़े... मॉम की आहहहऽ निकल पड़ी पर रूपा जोर हंसी जा रही थी...
"पागल कहीं की छोड़ मुझे... पता नहीं कब ये बचकानी हरकत से तू बाज आएगी..."मॉम रूपा को अपने ऊपर से हटाती हुई बोली... रूपा हटने की बजाए मॉम को और कसती हुई बोली,"मॉम, तुम मेरी मॉम से ज्यादा फ्रेंड हो ये तो जानती हो ना..."
रूपा की बात सुन मॉम मुस्कुराती हुई हाँ में सर हिला दी... रूपा आगे बोली,"..तो आज मैं बहुत खुश हूँ और इस खुशी में मार्निंग किस मेरी तरफ से..." रूपा की बात खत्म होते ही मॉम ओके कहती हुई हामी भर दी...
हामी भरते ही रूपा बिना कोई मौका गंवाए अपने होंठ मॉम के होंठो से सटाती हुई एक छोटी सी किस देती हुई गुड मॉर्निंग मॉम बोल हट गई... मॉम तो आश्चर्य से सिसक पड़ी...
आज तक मॉम गुड मॉर्निंग किस देती थी पर वो सब रूपा के गालों तक ही होती थी... और ये रोज की रूटिंग थी कि रूपा देर से उठती, फिर मॉम चाय देकर बेड सही करती और मॉर्निंग किस दे कर चली जाती...
पर आज रूपा पहली बार मॉर्निंग किस दी और वो भी होंठो पर... मॉम कुछ बोली नहीं क्योंकि रूपा नॉर्मल हो वापस चाय पीने लग गई... मॉम भी उठी और फ्रेश होने बोल बाहर चल दी...
रूपा भी गाना गुनगुनाती बाथरूम में घुस गई... रूपा की बेस्ट फ्रेंड कोई थी तो उसकी मॉम थी, ये सच थी... कनक तो दूसरी नम्बर पर आती थी और उसके बाद तो कोई दोस्त ही नहीं थी... घर में हर वक्त एक दूसरे को डाँट कर ही बात करती थी...
फ्रेश होने के बाद टॉवेल में बाहर आई और उस वक्त को बालों को सूखा रही थी.. तभी उसे कनक की याद आई और वो तुरंत कनक को फोन लगाई... कनक फोन नहीं रिसीव कर पाई क्योंकि वो भी बाथरूम में थी...
हाल चाल पूछ रूपा ने कनक की मम्मी को जल्दी भेजने की रिक्वेस्ट की... और फिर वो ड्रेस पहनने लगी... सफेद रंग की डिजाइनदार समीज सलवार पहनने के बाद तो रूपा किसी परी से कम नहीं लगती थी...
ये ड्रेस वो किसी खास मौके पर ही पहनती थी... औरों की बात तो दूर वो खुद ही आईने में देख शरमा जाती थी... रूपा जब तैयार हो बाहर नाश्ते के लिए किचन में गई तो उसकी मॉम की आँखें फटी की फटी रह गई... वो रूपा की ऐसी रूप आज पहली बार देख रही थी....
रूपा अपनी जवानी में पूरी तरह प्रवेश कर ली थी जिस वजह से उसकी बनावट कयामत ढ़ा रही थी... इससे पहले तोकहीं ना कहीं कमी जरूर आती कि कमर थोड़ी कम है या बूब्स छोटे हैं या फिर हिप्स मालूम बी नहीं पड़ रही...पर आज तो कहीं से भी चूक नहीं नजर आ रही थी....
खैर, मॉम को ऐसे अपनी तरफ देखती पा रूपा ने अपनी एक आँख दबा कर मुस्कुरा पड़ी... मॉम भी रूपा की इस अदा से घायल की आवाज में बोली,"हाय रूपा, प्लीज बाहर किसी को मत ऐसे मार डालना वरना वो बेचारा फिर होश में भी नहीं आएगा.. "
और मॉम ने हंसते हुए रूपा की नजर उतारती काला टीका रूपा के चेहरे पर लगा दी... रूपा शर्माए बिना ना रह सकी और रोनी आवाज में बोली,"मॉम, कनक आ जाएगी... जल्दी नाश्ता दे दो... मुझे कोई भी काम में लेट पसंद नहीं सो मैं सबसे पहले भाग भी नॉमिनेशन भी करना चाहती हूँ..."
"ओके बाबा., दे रही हूँ.." कहती हुई मॉम ने नाश्ता रूपा की तरफ बढ़ा दी... रूपा डाइनिंग टेबल पर आ नाश्ता करने लगी...नाश्ता करने के बाद उठी ही थी कि कनक आ पहुँची... कनक जींस और टीशर्ट पहनी थी...
कनक ऐसे भड़काउ कपड़े ही पहनती थी अक्सर... जिसमें उसकी हर अंग बाहर निकलने को बेताब रहती थी... और ऐसे अपने जिस्म की नुमाइश कर लड़कों को लट्टू करना उसकी तो फितरत बन गई थी अब...
ऱूपा उसे देख हल्की सी मुस्कान पास कर गुड मॉर्निंग बोली...कनक रूपा को जवाब दे आंटी गुड मार्निंग कहती हुई किचन की तरफ आवाज लगा दी... ऱूपा की मॉम भी कनक को गुड मॉर्निंग बोल बाहर निकली...मॉम कनक को देखते ही चिहुंकी पर वो भी कनक को ऐसे कपड़े देख तंग आ चुकी थी तो कुछ ना बोली...
फिर दोनों घर से निकली और रूपा अपनी स्कूटी निकाली... स्कूटी निकाल दोनों सड़कों पर तेज गति से निकल पड़ी मार्केट की तरफ... कुछ ही देर में दोनों मार्केट में पहुँच गई और एक फोटो स्टूडियो के पास जा रूकी...
सुबह की वजह से ज्यादा चहल पहल नहीं थी...दोनों इत्मीनान से स्कूटी पार्क की और स्टूडियो में घुस गई...स्टूडियो में पहुँचते ही दोनों हंस पड़ी... क्योंकि वहाँ कोई नहीं था...
कनक,"क्या यार, इतनी जल्दी आ गई कि यहाँ सब सो ही रहे हैं..." कनक की बात सुन रूपा हंसी और हल्की आवाज लगाई कि कोई है?
उसकी आवाज से अंदर कुछ हलचल हुई और अगले ही पल एक नौजवान लड़का बाहर निकला... वो इन दोनों हसीना को देखते ही पलक झपकना भूल गया और एकटक देखता रह गया...दोनों ताड़ गई कि औरों की तरह ये भी उसकी हुस्न का दिवाना हो गया...
"फोटो खिंचवानी है?अभी हो जाएगा..." उसे ऐसे देख कनक मुस्कुरा कर बोली जिससे वो लड़का हड़बड़ा कर "जी..जी..मैडम.."कहा... फिर वो जल्द ही तैयार हो अंदर चलने कहा...
फोटो लेने के दौरान कनक उसे ना जाने कितनी बातें पढ़ा दी कि फोटी ऐसी होनी चाहिए, वैसी होनी चाहिए, वगैरह वगैरह...वो लड़का बस जी...जी.. कहता रहा... कनक के बाद जब रूपा की बारी आई तो रूपा उसकी नजरों का सामना नहीं कर पा रही थी...
वो रूपा को ऐसे देख रहा था मानों नजरों से ही घायल कर देगा...और रूपा बचने की हर कोशिश कर रही थी... हालांकि वो लड़का कुछ बोल या कोई हरकत कर नहीं रहा था तो रूपा ऐसे कुछ कह नहीं पा रही थी...
खैर किसी तरह रूपा फोटो खिंचवाई और तेजी से बाहर निकल आई...कनक इस दौरान ताड़ गई कि ये तो रूपा पर कुछ ज्यादा ही दिवानगी दिखा रहा है... वो ज्यादा दिमाग लगाना ठीक नहीं समझी क्योंकि उसके साथ ये अक्सर होती है कि लड़के रूपा के चक्कर में ही उससे दोस्ती करते हैं पर मिलता कुछ नहीं...
हाँ रूपा के चक्कर में कनक की चाँदी जरूर हो जाती है... दो चार महीने तो आराम से तरह तरह के गिफ्ट, अच्छे अच्छे होटल में खाना, घूमना फिरना और मन हुई तो मस्ती भी...वो यही सोच मुस्कुरा कर बाहर निकली...
कनक बाहर निकलते ही उस लड़के से पूछी,"फोटो कब तक मिलेगी..?"
"आज शाम तक हो जाएगी..."उस लड़के ने जवाब देते हुए स्लिप देते हुए कहा...
रूपा पेमेंट के पैसे कनक के हाथों में दी... कनक पैसे उस लड़के को देते हुए पैड करने बोली... वो लड़का एक बारगी बोला कि मैम, यहाँ फोटो लेते वक्त ही पेमेंट कर दीजिएगा... जिस पर कनक हंसती हुई बोली,"पैड कर दीजिए वर्ना बाहर निकलते ही ये खर्च हो जाएंगे...बाद में बिना पैसे के आप थोड़े ही दोगे..."
कनक की बात सुन वो लड़का हंसता हुआ ओके बोला और स्लिप कनक के हाथों में पकड़ा दिया... स्लिप ले कनक शाम में आने को बोल निकल गई...बाहर निकलते ही वो दोनों हंस पड़ी पर बोली कुछ नहीं...रूपा स्कूटी निकाली और अचानक से उसकी नजर वापस स्टूडियो की तरफ गई जहाँ वो लड़का खड़ा उसकी तरफ ही देख रहा था...
रूपा गुस्से से नजर घुमा ली और स्कूटी पर बैठ गई...कनक के बैठती ही रूपा बोली,"शाला अभी तक देख ही रहा है..." रूपा की बात सुन कनक तेजी से पीछे मुड़ी तो उसकी नजर सीधी उसी लड़के से टकरा गई...
नजर मिलते ही कनक मुस्कुरा दी जिसे देख वो लड़का भी मुस्कुराए बिना ना रह सका और मुस्कुराते हुए बाय में हाथ हिला दिया... ये देखते ही कनक बोल पड़ी,"मुर्गा फंस गया रूपा...बस हलाल करने की देरी है..." कनक की बात सुन रूपा हल्की सी हंसी हंस चल दी...
कनक तब तक उसे देखती रही जब तक कि दोनों की नजरें ओझिल ना हो गई...दोनों हंसती हुई बातें करती हुई चलती हुई घर आ गई... घर आते ही मॉम दोनों को देख आश्चर्य से पूछ बैठी,"बड़ी जल्दी आ गई..."
"मॉम, बस स्टूडियो ही जानी थी तोक्या करती वहाँ रूक कर... "रूपा जवाब देती हुई कनक को बाहर चलने को बोली... कनक रूपा के पीछे पीछे छत पर चल दी... दोनों अक्सर घर पर होती तो यहीं एकांत में आ बातें करती थी...
छत पर पहुँचते ही कनक बोल पड़ी,"रूपा, स्टूडियो वाला तो तेरा बड़ा दिवाना था..." कनक की बात सुनते ही रूपा हंसती हुई बोली,"..तो उसकी दिवानगी उतार दो... जैसे औरों का उतारती हो.."
कनक,"अच्छा उसे तो शाम में जाउंगी तो देख लूंगी...फिलहाल कुछ ननवेज खाने की इच्छा हो रही है..." कनक की बात से रूपा चौंक गई कि ये सुबह सुबह क्या सोच रही है... वो कनक की तरफ घूम कर देखने लगी...
कनक तब तक अपना फोन निकाल नम्बर डायल कर मुस्कुराती हुई स्पीकर ऑन कर दी... कुछ ही पलों में फोन कट गई... रूपा अब समझ गई कि ये किस नॉनभेज की बात कर रही है...
तभी कनक की फोन बजी जिसे कनक तुरंत रिसीव करती हुई पुनः स्पीकर ऑन करती हुई हैलो बोली... उधर से किसी लड़के की आवाज सुन रूपा आवाज पहचानने की कोशिश करने लगी पर पहचान नहीं पाई तो इशारे में पूछी कौन है...
कनक धीरे से बोली,"तुम्हारा ही दिवाना था वो कॉलेज में सीनीयर लड़का... होटल वाला...याद आया..." रूपा को तुरंत याद आ गई वो मुस्कुरा कर हाँ बोल बात करने बोली...
कनक बात को आगे बढ़ाई,"हाय,क्या कर रहे हो?"
"क्या करूँगा यार, अभी सो के उठा हूँ..कल रात एक पार्टी में गया था..." उधर से आवाज आई..
कनक,"अच्छा, अकेले अकेले पार्टी..."
"अरे नहीं, दरअसल बर्थडे पार्टी थी तो वहाँ सिर्फ गिने चुने मेहमान ही आए थे...ऐसे में बिना बुलाए तुम्हें बुलाना ठीक नहीं लगा.." उसने कहा..
कनक,"ओके, कोई बात नहीं डियर...मैं यूँ ही बोल रही थी... अच्छा तुम कितनी देर में रेडी हो जाओगे.."
"कहाँ हो अभी तुम..."कनक की बात सुनते ही वो सवाल कर बैठा...
कनक,"वो क्या है ना कि रूपा अपने बी.एफ. से मिलने आई है तो मैं भी साथ आई थी... और यहाँ वो मुझे बाहर खड़ी कर खुद रूम में पैक हो गई है...शाली अंदर से ऐसी ऐसी आवाजें कर रही है ना कि मैं तड़प सी गई..."
कनक की बात सुनते ही रूपा तो गुस्से से भर गई और कनक को एक मुक्का लगा भी दी... कनक उसे शांत रहने का इशारा कर दी तो रूपा रूक गई...
"अच्छा हुआ कि तुम मुझे पहले ही बता दी वर्ना तुम तो जानती हो ना मैं कितना पागल था उसके लिए... अच्छा वो अभी क्या कर रही होगी..." उधर से बात सुन कनक मुस्कुरा पड़ी...
कनक,"रूको, कीहोल से देखने की कोशिश करती हूँ..." फिर कुछ देर कनक फोन की माइक बंद कर दी और रूपा को पूछी क्या बोलूँ... जिसे सुन रूपा कनक का गला दबाने लगी...
कनक हंसती हुई गला छुड़ाती हुई बोली,"यार ये यब सच थोड़े ही है...और तुम्हें तो बताई भी हूँ कि सबको बता देती हूँ कि तुम तीन बी.एफ. रखी हो..."
रूपा,"हाँ पर ये वाली बात क्यों बोल रही है... क्या सोचेगा वो कि कितनी बैड कैरेक्टर की है.."
कनक,"खाक सोचेगा, चल मजे ले के सुन कैसे ये बावला होता है...कहने से कोई बैड कैरेक्टर थोड़े ही होता है..."
कनक की बात सुनते ही रूपा शांत हो गई...
कनक,"ओह गॉड, पता है रूपा क्या कर रही है?"
कनक जोश भरी आवाज में जैसे ही पूछी वो लड़का तपाक से क्या क्या कहने लगा... जिसे सुन कनक बोली,"यार मुझे भी करने की तेज मन हो रही है..."
"लवड़ा मन हो रही है, पहले ये बता वो शाली रूपा क्या कर रही है तेरी मां की.....आह...आह...."अपने सांसों पर बमुश्किल वो कंट्रोल करता हुआ बोला...शायद वो कामोत्तजना से डोलमडोल हो रहा था...
उसकी आवाज पर कनक अपनी हंसी किसी तरह बंद कर सकी... फिर बोली,"जानू, कल पड़ोस में पिंकी की मम्मी ना एकदम लेटेस्ट एक पायल सेट और कान की छोटी झुमकी खरीदी है..."
"तेरी मां की ऐसी की तैसी बहनचोद... पहले ये बता ना शाली कि मादरचोद रूपा पूरी नंगी है तो कैसी लग रही है..."वो लड़का दांत पीसते हुए बोला...
उसकी बात सुन रूपा को गुस्सा भी आ रहा था पर वो इसे इग्नोर कर बस सुन रही थी... वो अंदर ही अंदर खुद को काफी गर्वान्वित महसूस कर रही थी कि मेरे नाम से ही सब अपना काम कर लेते हैं तो अगर सामने आ गई तो क्या होगा? हाय.....!
कनक,"अब फोन से कैसे बताऊं कि वो क्या कर रही है...एक काम करो तुम ना आधे घंटे में अपने उसी दोस्त के रूम पर पहुँचों... मैं वहीं आ कर बता दूँगी वो भी कर के...समझे जानू..."
वो लड़का ना चाहते हुए भी मन मसोस कर रह गया और किसी तरह हामी भर दिया...उसके हामी भरते ही कनक उसके फोन रखने से पहले ही बोली,"और हाँ जानू, ज्वेलरी दुकान से ना दोनों चीज लेते आना...प्लीजऽ"
"यार मुझे क्या पता कि कौन सी मॉडल नई आई है..."वो लड़का राजी हो गया आखिर इतने प्यार से जो बोल दी थी और साथ ही उसके खड़े लंड को शांति भी प्रदान करने वाली थी...
कनक,"अच्छा तो एक काम करते हैं... तुम ज्वेलरी शॉप पे मिलो...मैं वहीं मिल रही हूँ..ठीक है..." कनक की बात खत्म होते ही वो लड़का हाँ ठीक है कह फोन रख दिया...
फोन रखते ही कनक जोर से हँस पड़ी... उसे हंसते देख रूपा दांत पीसती हुई उसकी तरफ लपकी और उसकी गला पर हाथ रख दबाती हुई उसे टॉर्चर करने की कोशिश करने लगी...
कनक पीछे हटने लगी छूटने के लिए पर रूपा छोड़ने के बजाए उसके साथ ही पीछे हटती गई...अंततः कनक रूक गई...वो दीवाल के सहारे अटक गई थी... रूपा उसे आँखें दिखाती हुई बोल,"कुत्ती, आज तेरा गला दबा के मार दूँगी... कितना गंदा गंदा मेरे बारे में बोल रही थी..."
रूपा की बात सुन कनक अपने हाथ से रूपा की पकड़ थोड़ी ढ़ीली की...जब रूपा भी थोड़ी ढ़ीली की तो कनक बोली,"यार, वो बस यूँ ही थी...वैसे उतनी गंदी भी नहीं थी..."
कनक की बात से रूपा मुस्कुरा पड़ी... उसके हाथ अब कनक के हले से हट उसके दोनों कंधे पर आ गई थी...रूपा मुस्कुराती हुई बोली,"अच्छा तो अब तुम सिर्फ पायल लेने जाओगी या फिर ...." रूपा जान बूझ कर बात को अधूरी छोड़ दी...
रूपा की बात सुनते ही कनक की आँखों में खुशी की लपटें दौड़ गई...कनक मुस्कान बिखेड़ती हुई बोली,"रूपा बेबी, मैं तो पहले ही बता दी थी कि आज कुछ नॉन-वेज खाने की इच्छा हो रही है..."
"कमीनी, थोड़ी भी शर्म बचा के नहीं रखी है...बचा ले वरना शादी में पति को क्या देगी..."रूपा कनक के कंधों पर हल्की मुक्कों से वार करती हुई बोली जिससे कनक खिलखिलाकर हँस पड़ी...
कनक फिर बोली,"एक बात तो है कि वो जो भी कह रहा था सच ही कह रहा था... तेरे बारे में बात कर उसकी ये हालत हो गई तो जाहिर है मेरी भी कुछ बिगड़ी हुई होगी तो बरदाश्त नहीं कर पाती हूँ ना...यार तुम चीज ही गजब हो...मन तो होती है अभी रगड़ दूँ मैं ही..ही..ही...ही..."
कनक की बात सुन रूपा झेंप सी गई पर पल भर में ही संभलती हुई हंस पड़ी और अपने बाजू कनक के गर्दन के पीछ करती हुई बोली,"मुझे रगड़ेगी...अभी बताती हूँ तुझे..." रूपा कहने के साथ ही उस पर ना जाने कौन सा भूत सवार हुआ....
इतने दिनों से दोस्ती के बावजूद आज पहली बार रूपा ने अपने होंठ कनक के होंठों पर रख दिए...और ताबड़तोड़ लगी चूसने... कनक ये सोच भी नहीं पा रही थी कि क्या ये हकीकत है..? वो तो बेहोश सी हो गई थी रूपा की होंठो के नशीली रस से...
कुछ देर की स्मूच के बाद कनक थोड़ी होश में आई...तो वो अंदर ही अंदर काफी खुश हो गई और वो अब किस में साथ देते हुए वो भी रूपा के होंठ चूसने लगी...कनक के हाथ भी अब रूपा के गर्दन और पीठ पर पकड़ बांहों में भर ली थी...
दोनों अब एक दूसरे पर पूरे जोश से टूट पड़ी थी...ऱूपा के अंदर शायद सेक्स के कीड़े पनप पड़े थे..इसी वजह से रूपा खुद पर काबू नहीं पा सकी और कनक पर ही बिजली कड़का दी... कनक इतने रसीले और रसमयी होंठ को पा धन्य हो गई थी...
कनक पहले भी चाहती थी पर पहल नहीं कर पा रही थी क्योंकि कहीं रूपा बुरा मान गई तो वो अपनी बेस्ट फ्रेंड खो देगी... और वो इन फालतू बातों के लिए इस अनमोल चीज को खोना नहीं चाहती थी... और खास बात तो ये थी कि रूपा जैसी लड़की को वो गलत आदत नहीं दिलाना चाहती थी...
किस करते हुए रूपा कुछ सोची और अपने एक हाथ रूपा की पीठ से हटा ली और धीरे से रूपा की चुची पर जगह बना रख दी जो अब तक उसकी से दबी हुई थी...अपनी चुची पर कनक के स्पर्श पड़ते ही रूपा झट से उसके हाथ पकड़ बाहर कर दी....
"चुपचाप शांत रह वर्ना सच में मार दूंगी..."रूपा किस तोड़ मुस्काती हुई बोली और पुनः कनक के होंठ पर अपने होंठ चिपका दी...एक बार चूसने के बाद कनक इस बार हौले से किस तोड़ी और बोली...
कनक,"यार तुम खूबसूरत के साथ टेस्ट में भी बेस्ट हो...पहले मालूम होती तो कब का खा जाती..." कनक की बात सुन रूपा बोली,"नाटक मत कर...जैसी तुम हो वैसी ही मैं भी हूँ तो इसमें अलग क्या है..."
कनक,"नो, तुम कुछ और हो और मैं कुछ और... बट् रिअली, आई लव यू... यू आर ए बेस्ट फ्रेंड..." कनक की ऐसी बातों से रूपा भावुक सी हो गई और "लव यू टू कनक..." कहती हुई कनक के गले से लग गई...
दोनों किसी जोड़े की तरह चिपकी हुई थी...कुछ देर बाद रूपा नॉर्मल हो सीधी हुई और हंसती हुई बोली,"ओके तो अब तुम निकलेगी.."
कनक,"पागल हूँ क्या? गुलाब जामुन छोड़ के जलेबी खाने थोड़े ही जा सकती हूँ...अब तो यहीं तुम्हारे साथ रहूँगी... "
रूपा,"ओ हैलो मैडम,दिमाग को सही कर लो... इससे आगे कुछ सोच रही हो तो सोचना बंद करो... क्योंकि अब कुछ मिलने वाली नहीं है... वैसे जहाँ तक मैं जानती हूँ लड़कों के पास जलेबी नहीं, कुछ और होती है जिसकी टेस्ट सबसे बेस्ट होती है... तुम वो जाकर खाओ..."
कनक,"क्या यार, एक बार भी नहीं..." कनक की बात से रूपा साफ मुकर गई...मायूस हो कनक ओके बोल मुस्कुरा पड़ी...रूपा हंसती हुई कनक के साथ नीचे चल दी...नीचे आ रूपा कनक को बाय बोल विदा की और शाम में आने बोल दी...
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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