Wednesday, December 17, 2014

FUN-MAZA-MASTI मैं एक रंडी बुन चुकी हूँ--5

FUN-MAZA-MASTI
 मैं एक रंडी बुन चुकी हूँ--5

 मैंने आहिस्ता-आहिस्ता अपने सारे कपड़े उतार दिए और नंगी हो गई। जिश्म पे एक धज्जी भी नहीं थी। सन्नो के कहने पे मैं टांगें फैलाकर बिस्तर पे लेट गई। दोनों औरतों के सामने नंगी होने का मेरा पहला मोका था। शरम बहुत आ रही थी, लेकिन क्या करती। मेरी टांगें फैली हुई थीं और मेरी टांगों के बीच में रानी आकर बैठ गई। और मेरी चूत को देखने लगी। गुलाबी होंठों थोड़े से खुले हुये थे, और उनमें हल्का सी गीलापन था। रानी ने मेरी चूत पर अपनी उंगली से हल्का सा सहलाया। मेरे मुँह से आअह्ह… की हल्की सी आवाज निकल गई। जबकि रानी और सन्नो के चेहरों पे हल्की सी मुश्कुराहट आ गई।
सन्नो- ये तो पक्की रंडी है। हाथ लगाने से ही सिसकने लगी है। जब लण्ड जाएगा तो फिर पता नहीं क्या होगा? और दोनों हँसने लगी।
तभी रानी ने उठकर जल्दी से अपने कपड़े उतार दिए और मेरी तरफ देखकर कहने लगी- “बड़े अरसे बाद एक गरम और खूबसूरत लड़की मिली है। आज तो जी भरके इससे खेलूँगी…”
कपड़े उतरने के बाद वो मेरे ऊपर लेट गई। हमारे जिश्म एक दूसरे से मिले हुये थे लेकिन बिल्कुल नंगे। अजीब सी हालत थी मेरी क्योंकि एक नंगी लड़की से इस तरह लिपटना अजीब लग रहा था। आज तक ऐसा मेरे साथ कभी नहीं हुआ था। मेरी आँखें भारी सी होने लगी। मैं उसकी तरफ देख नहीं पा रही थी।
तभी रानी की बिनती की सी नशीली आवाज आई- “आँखें खोलो नाअ…”
मैंने आँखें खोल के उसकी तरफ देखा। उसने आहिस्ता-आहिस्ता अपने होंठों को मेरी तरफ बढ़ाना शुरू किया। और कुछ ही सेकंड में मेरे और उसके होंठों आपस में मिल गए। उसके मुलायम-मुलायम होंठ चूसने में अजीब सा मजा रहा था। वो भी भरपूर एंजाय कर रही थी। ये मजा आज तक मुझे भावना के साथ भी महसूस नहीं हुआ था क्योंकि ये अनुभवी थी। आहिस्ता-आहिस्ता रानी मेरी चूचियों को सहलाने लगी। मेरी चूत ने भी उसी रफ़्तार से पानी छोड़ना शुरू कर दिया।
मैं उसकी किस्सिंग का भरपूर जवाब ले रही थी। मेरी मदहोशी बढ़ने लगी। मैंने उसकी कमर को सहलाना शुरू कर दिया था। मेरे हाथ उसकी मुलायम कमर पे फिसलते जा रहे थे। वो भी बड़े खूबसूरती से मेरे होंठ चूस रही थी जैसे उनमें से कोई शहद निकल रहा हो।
आहिस्ता-आहिस्ता उसने मेरे होंठों से अपने होंठ अलग किए और मेरे गर्दन को चूमना शुरू किया। उउफफफ्फ़… क्या अजीब सेन्सेशन थी। मेरे मुँह से आआआह्ह ऊऊओह की आवाजें निकलने लगीं जो कि मेरे कंट्रोल में नहीं थी। साथ ही साथ वो अपनी चूचियों को हल्के-हल्के मेरे जिश्म पे मसल रही थी। टाइट निपल्स मेरे पेट पे चुभ रहे थे। पहली बार ये सब मेरे साथ हो रहा था। मैं खुद-बा-खुद उससे लिपट रही थी। मेरे हाथ अब उसकी कमर को सहला रहे थे।
रानी अब मेरी चूचियां को सहला रही थी, बोली- क्या खूबसूरत चूचियां हैं तेरी… दिल करता है चबा जाऊँ।
मैं हल्का सा मुश्कुरा दी। उसने अब मेरी चूचियों की गोलाई पर अपनी जबान को घुमाना शुरू कर दिया लेकिन मेरे निपल्स को नहीं छुआ या चाटा। मेरा दिल कर रहा था कि वो फौरन इनको अपने मुँह में ले-ले। लेकिन वो जालिम बनी बस गोलाई में अपनी जुबान घुमाए जा रही थी। मुझसे अब बर्दाश्त नहीं हुआ तो मैं उसका सिर अपने निपल्स की तरफ धकेलने लगी।
लेकिन वो जैसे मेरी परवाह ही नहीं कर रही थी।
मैं सिसकी- “प्लीज़्ज़ चूसो ना… सिर्फ तड़पाओ नहीं… आआअह्ह… उउफफफ्फ़… प्लीज़्ज़ मेरी निपलस्स को म्मूऊ में लो न्ना…”
उसने मुश्कुराते हुये मेरी बायीं चूची के निपल को मुँह में ले लिया और बुरी तरह दबाने और चूसने लगी। मेरे मुँह से ऊऊओह… आआआह्ह… ऊऊऊओह… उउम्म्म्मम… की आवाजें निकल रही थीं और मैं उसका सिर अपनी चूचियों पर दबा रही थी।
तभी सन्नो-बाई ने मेरे दूसरे निपल्स को मुँह में लेकर उसी तरह से चूसना और भंभोरना शुरू कर दिया और जोर-जोर से नोच रही थी। वो नोच ही तो रही थी, कभी दांतों में पकड़कर खींचती, कभी जोर-जोर से दबाती, कभी दोनों हाथों में एक चूची पकड़कर मसल डालती। मुझे बड़ी तकलीफ होने लगी, साथ ही साथ अजीब सा मजा भी आ रहा था।
चूत पूरी गीली हो रही थी। 5 मिनट में ही मेरी चूचियां लाल लाल हो गईं और दुखने लगी थीं। लेकिन वो दोनों तो जैसे जालिम बनी हुई थीं। मेरे मुँह से- “आआअह्ह… ईई… उउइईई… प्लीज़्ज़… धीरे… उउफफ्फ़… ऊऊऊह्ह… की आवाजें निकल रही थीं लेकिन वो मेरी बात पे ध्यान दिए बगैर अपने काम में मगन थीं।
तकरीबन 10 मिनट बाद उन्होंने मेरी चूचियों को छोड़ा तो मेरी जान में जान आई। और मैं तेज-तेज सांसें लेती अपनी चूचियों को सहलाने लगी। इतनी बुरी तरह से दोनों ने मेरी चूचियों को नोचा था कि वो जैसे छिल गई थीं। गोरी-गोरी चूचियां अब लाल हो गई थीं। तभी उसने मेरी चूत में अपनी दो उंगलियां डाल दी और तेज स्पीड के साथ अंदर-बाहर करने लगी।
मैं ऊऊह्ह… आआआह्ह… नहींई… करती हुई छटपटा रही थी लेकिन कुछ हासिल नहीं हो रहा था।
मैंने जैसे ही हाथ आगे करके रानी का हाथ पकड़ना चाहा। तभी सन्नो ने मेरे हाथ पकड़ लिए। रानी कम से कम एक सेकेंड में 3 बार मेरी चूत में उंगली अंदर-बाहर कर रही थी। मेरी चूत ने दो मिनट में ही पानी छोड़ दिया। लेकिन वो फिर भी अपनी मस्ती में लगी हुई थी। मैं जैसे साँप की तरह टेबल पे लोट रही थी और अपने आपको उनसे छुड़ाने के लिए मचल रही थी लेकिन वो नहीं मान रहे थे।
तभी रानी अचानक रुक गई और मुझे छोड़ दिया। मैं बुरी तरह से हाँफ रही थी। अब मैं अपनी सांसों को कंट्रोल करने लगी। रानी मेरे ऊपर 69 की आसन में आकर लेट गई। उसकी चूत मेरे मुँह के ठीक ऊपर थी। चूत जरा गहरे रंग की थी शायद ज्यादा चुदवाने की वजह से। मुझे उसमें से अजीब सी महक आ रही थी। मेरा जी मितलाने लगा।
सन्नो ने मुझसे कहा- चाट इसको।
मैं ना में सिर हिलाने लगी।


तभी रानी मेरे मुँह पर बैठ गई, और मेरे मुँह पर अपनी चूत को रगड़ने लगी। मेरी साँस जैसे बंद होने लगी। वो अपनी चूत मेरी ठोड़ी से लेकर माथे तक बार-बार रगड़ रही थी। करीब दो मिनट तक ये सारा अमल चलता रहा फिर वो रुक गई।
उसका काफी सारा पानी मेरे मुँह पे लगा हुआ था। और मैं जोर-जोर से सांसें ले रही थी। अबकी बार सन्नो ने मुझे रानी की चूत चाटने का कहा तो मैंने हाँ में सिर हिला दिया। उसके कहने पर मैं अपनी जबान बाहर निकालकर आहिस्ता-आहिस्ता उसकी चूत के लबों को चाटने लगी। उसमें से लेसदार पानी निकल रहा था। जिसकी अजीब सी महक और अजीब सा टेस्ट था।
तभी रानी ने मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया। मुझे मजा आने लगा। चूत में अजीब सी हलचल हो रही थी। तभी उसने अपनी जबान मेरी चूत में डाल दी। ये क्लियर साइन था कि मैं भी वैसे ही करूं। मैंने अपनी जबान नोकीली करके उसकी चूत में धकेल दिया। अंदर मुझे बहुत गरम महसूस हुई। ऐसे लग रहा था कि जैसे मेरी जबान किसी भट्टी में चली गई हो।
मैं अपनी जबान उसकी चूत के अंदर-बाहर करने लगी। वो भी कुछ कम जुल्म नहीं कर रही थी मेरी चूत पर। तेजी से छाप-छाप शड़प-शड़प करते मेरी चूत को चाट रही थी जैसे कुत्ता तेल में से कोई चीज चाटता है। साथ-साथ मेरी चूत के दाने को भी रगड़ कर रही थी।
मैंने भी उसकी चूत के दाने को रगड़ना शुरू कर दिया। तभी मेरे जेहन में एक शरारत आई। मैंने अपने सीधे हाथ की दो उंगलियां उसकी चूत में पेल दीं। उसने मेरी चूत से मुँह हटाकर फौरन आह्ह भरी। उसको भी बहुत मजा आया था। मैंने उसका सिर दोनों टांगों से दबा दिया जो इस बात का इशारा था कि वो मेरी चूत को फिर से चाटे।
उसने मेरी बात को समझते हुये तेजी से चूत चाटनी शुरू कर दी। मैंने रानी की चूत का दाना सहलाते हुये उसकी चूत को चूसा जैसे अंदर से कोई चीज चूस करके बाहर निकालते हैं कि तभी वो झड़ गई और उसकी टांगें काँपने लगीं। जबकी दूसरी तरफ मैंने भी उसके मुँह में पानी छोड़ दिया। हम दोनों कुछ देर ऐसी आसन में रहे। फिर वो मेरी तरफ सीधी हो गई और मेरे होंठों को चूसने चाटने लगी।
मैं उसके मुँह में अपने रस्स को महसूस कर सकती थी। काफी देर बाद वो मुझसे अलग हुई और मेरी आँखों में देखने लगी।
रानी- क्या मजेदार चीज है तू… तूने पहले कभी लेज़्बीयन किया है?
मैंने नहीं में अपना सिर हिला दिया।
रानी- तो फिर इतना सब तुझे कैसे पता?
मैंने कहा कि मुझे नहीं पता बस खुद-बा-खुद करती गई तुम्हें देखकर।
वो मुश्कुराने लगी और कहा कि आज से हम दोनों पक्की सहेलियां। मैं और तू… क्यों क्या खयाल है?
और मैं शर्मा कर हँस दी। मेरी नजर सन्नो-बाई की तरफ गई तो उसने मुश्कुरा के मुझे देखा और प्यार से माथा सहलाते हुये बोली- “तू बड़ी गरम लड़की है। सही मानो में जबरदस्त रंडी बनेगी और ग्राहक तेरे साथ बहुत खुश रहेंगे।
रानी कहकहा लगाते हुये- “ये सही मानो में मेरे नक़्श-ए-कदम पर चल रही है। बड़ी मजेदार है ये। दिल करता है कि इसको खा जाऊँ… हाह्हह्हह्हहाहा…”
सन्नो-बाई- चल अब तेरा आज के दिन का दूसरा सबक शुरू होता है। देखते हैं कि तू कितना लंबा चुदवा सकती है?
मैं उसकी तरफ सवालिया निगाहों से देखने लगी।
सन्नो-बाई मेरी आँखों में छुपे सवाल को भाँप गई और बोली- फिकर ना कर। एक वक्त में एक ही चोदेगा। फर्क़ सिर्फ़ इतना होगा की तेरी जबरदस्त चुदाई होगी।
मैंने जरा राहत की साँस ली। क्योंकि एक बार तो मैं डर गई कि ये मेरा गैंगबैंग ही ना कर दें।
सन्नो- तेरी नथ अभी कुछ दिनों पहले खुली है। बड़ी टाइट है तेरी चूत। और तू खूबसूरत भी है। इसलिए अभी के लिए तेरा रेट ₹5000 होगा। जिसमें से तू 10% यानी ₹500 हमें देगी हर चुदाई के। लेकिन तेरा ये धंधा कल से शुरू होगा। आज तेरा टेस्ट करना है हमारे आदमियो ने कि कितना दम है तेरे अंदर। ठीक है?
मैं चुप करके उसको देखती रही। उसने जाकर दरवाजा खोल दिया। मैंने इधर उधर हाथ मारा लेकिन कोई चादर नहीं मिली जिससे मैं खुद को ढांप सकूँ। मेरे कपड़े दूर सोफे पर थे। तभी अंदर एक आदमी आ गया जिसकी हाइट आलमोस्ट 5 फीट थी। ये उन्हीं 5 आदमियो में से एक था।
सन्नो-बाई- चलो अपना कम शुरू करो।
वो आदमी चुपचाप मेरे पास आ गया और अपने कपड़े उतारकर नंगा हो गया। उसका लण्ड पहले से ही खड़ा था जो कि आलमोस्ट 6 इंच लंबा और काफी मोटा था। वो आकर मेरी टांगों के बीच बैठ गया। और मेरी चूत से लण्ड लगाकर एक जोर का धक्का मारा।


 उसका आधा लण्ड अंदर गया था और मेरे मुँह से चीख निकल गई। और मैंने उसके पेट पर हाथ रखकर उसको रोकना चाहा। उसने मेरे हाथों को पकड़कर बिस्तर पे रखा और दूसरा करारा धक्का मारा। उसका पूरा लण्ड मेरी चूत में चला गया। मेरे मुँह से चीखें निकलने लगीं और आँखों से आँसू बह रहे थे। मुझे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था। क्योंकि अब तक सिर्फ़ दो बार चुदाई हुई थी मेरी और वो भी कामीचाचा ने अच्छी तरह तेल लगाकर चोदा था। लेकिन इसने तो थूक लगाकर अपने लण्ड को चिकना भी नहीं किया था और सीधा मेरी चूत में पेल दिया। पूरा लण्ड अंदर डालकर वो थोड़ी देर रुक गया।

5 मिनट बाद मेरा दर्द बिल्कुल खतम हो गया तो मैंने अपनी कमर उठाकर उसको चोदने का इशारा दिया।

उसने जोर-जोर से धक्के लगाने शुरू कर दिए। वो किसी दीवाने की तरह मुझे चोद रहा था कि जैसे उसको कभी कोई चूत ना मिली हो।

मैं 25 मिनट में 3 बार झड़ गई। एक तरह से चुदाई करवाने की वजह से मुझे भी अब थोड़ी दिक्कत होने लगी। वो ये बात समझ गया और उस आदमी ने मुझे उठाकर अपने ऊपर बिठा लिया। और कमर उठा-उठाकर धक्के मारने लगा। अब तक उसने एक लफ्ज़ भी नहीं बोला था। सिर्फ़ मुझे चोद रहा था। इसलिए उसका नाम मुझे पता नहीं चल सका था।

मैं आआअह्ह… ऊऊऊऊओह… उउम्म्म्मम… करती चुदाई का मजा ले रही थी।

कमरे में रानी और सन्नो-बाई बैठी मेरी चुदाई बड़े शौक से देख रही थीं। अब मैं उन सबको भूल गई थी। मेरी आवाजों पर भी मुझे कंट्रोल नहीं था। बस मजा ही मजा सवार था। मेरे जेहन को जैसे उन्होंने बंद कर दिया था। मैं चुपचाप उसका साथ दे रही थी। जो अभी भी उसी स्पीड से लगा हुआ था। पूरे 10 मिनट उसने मुझे इसी तरह चोदा। फिर मुझे डागी स्टाइल में कर दिया।

मेरी कमर को पकड़कर कस के धक्का मारा तो मुझे ऐसे लगा जैसे किसी ने मेरी चूत को चीर दिया हो। मेरी फिर से दर्द के मारे चीख निकल गई। लेकिन वो नहीं रुका। मुझे मजबूती से पकड़ते हुये उसने चुदाई जारी रखी। मैं 5 मिनट चिल्लाती रही और उसको स्पीड कम करने का कहती रही कि मैं अड्जस्ट हो जाऊँ। लेकिन वो किसी तूफान मेल की तरह लगा हुआ था।

आखिर मुझे आदत हो गई। और मैं फिर से उउम्म्म्मम… आआअह्ह… उउफफफ्फ़… म्*म्म्मम… आआअह्ह… करके चिल्लाने लगी। डागी स्टाइल में मैंने कुल 15 मिनट चुदाई करवाई। लेकिन अभी तक वो झड़ा नहीं था। आखिर सन्नो-बाई के कहने पर वो हटकर कपड़े पहनकर बाहर चला गया। और मैं बिस्तर पे गिरी हुई तेज सांसें ले रही थी। मैं इस चुदाई में 4 बार झड़ी।

मुझे रानी ने पानी पिलाया। तब कहीं जाकर 5 मिनट बाद मेरे होश बहाल हुये। मैंने हैरत से उनसे पूछा- ये अभी तक झड़ा ही नहीं और मेरा हाल खराब करके चला गया?

सन्नो-बाई हँसने लगी- हाह्हह्हह्हह्हहाहा… और कहा कि इन सबको हमने दवाई खिलाई हैं जिससे ये दो घंटे से पहले नहीं झड़ेंगे। तू टेंशन ना ले। आज तेरी चूत बिल्कुल खुल जाएगी। और आइन्दा तू किसी का भी लण्ड बड़ी आसानी से बिना तकलीफ के झेल लेगी।

मैं- इसका नाम क्या है?

सन्नो-बाई- क्यों क्या हुआ?

मैं- वैसे ही जब से आया एक लफ्ज़ भी नहीं बोला और मुझे इतनी बुरी तरह से रगड़ के चला गया।
सन्नो-बाई- मेरी जान बाकी सब भी इसी तरह से तुझे चोदेंगे, और एक लफ्ज़ भी अपने मुँह से नहीं निकालेंगे। क्योंकि ये सब गूंगे हैं। इन सबकी जबानें कटी हुई हैं। हमने इनको इसी कम के लिए रखा हुआ है। और हम तुझे इनके नाम कभी भी नहीं बतायेंगे।




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