Wednesday, December 17, 2014

FUN-MAZA-MASTI माँ बेटी को एक बेड में

FUN-MAZA-MASTI


माँ बेटी को एक बेड में


अनूप नाम हैं मेरा और कोलेज के लड़के मुझे प्लेबॉय और राऊडी राठोड कह के बुलाते हैं. मेरे दो शौक हैं; पहला देसी सेक्स और दूसरा घूमना. होश संभाला तब से ही मेरे ऊपर चुतो की बरसात रही हैं जैसे. मेरा पहला देसी सेक्स संजना चाची के साथ हुआ थी; जो मेरी सगी चाची हैं. संजना चाची ने मुझे चुदाई के वो दाव सिखाएं हैं जो कोई पैसे ले के भी नहीं सिखाता. संजना चाची की चूत चोदने से शरु हुई मेरी देसी सेक्स की गाथा एक गुत्थी के साथ आगे बढती गई हैं. वैसे मेरा लंड तो कोई भी चूत को देख के खड़ा हो जाता हैं लेकिन मुझे मच्योर आंटियों के साथ सेक्स करने में बड़ा मजा आता हैं. पता नहीं क्यूँ टाईट काने से ज्यादा प्लेज़र मुझे वो ढीले भोसडी और बम भोसड़ीयों में आता हैं. यह देसी सेक्स कहानी लता आंटी और उसकी बिटिया मुनमुन की हैं. लता दीदी मेरी गर्लफ्रेंड हैं.

 

अब लता दीदी को कैसे पटाया और कैसे उसने मुझे अपनी चूत पहले देसी सेक्स में दी; वो कहानी तो नार्मल हैं. मैं आप को जो कहानी बताने जा रहा हूँ उसमे आप को बहुत ही मजा आयेंगा. तो उस शाम की बात हैं जब लता दीदी ने मुझे अपने घर पे बुलाया चूत मरवाने के लिए. यह आंटियों में एक अच्छी बात होती हैं; जिसका लंड पसंद आ जाएँ उसकी गुलाम हो जाती हैं जैसे. लता आंटी भी ऐसी ही थी. लेकिन उसे यह पता नहीं था की उसकी बेटी मुनमुन मेरे क्लास में ही पढ़ती हैं और मैं कितने दिन से उसके फ्रेंड सर्कल में भी था. लता आंटी अगर यह जान लेती की मैंने उसकी बेटी मुनमुन की भी चुदाई की हैं तो वो आश्चर्य से पागल ही हो जाती. लता आंटी की चुंचिया दबाते हुए मैंने उसकी चूत चोदनी चालू कर दी. पर मन में मुनमुन की चूत के भी दीदार हो रहे थे; उसके साथ किये हुए देसी सेक्स के द्रश्य सामने आ रहे थे. लता आंटी की चुदाई ख़तम होते ही मैंने कपडे पहने और मैं निकल गया. लता आंटी को आश्चर्य और शोक हुआ होंगा क्यूंकि इसके पहले मैंने उसे आफ्टर प्ले का मजा दिए बिना कभी भी जगह नहीं छोड़ी थी. मेरे बिल्डिंग से निचे उतरते ही उसका फोन आया.
मैं, “हल्लो..बोलो आंटी.”
लता आंटी, “कुछ गलती हुई मुझ से क्या? आज से पहले ऐसे तो नहीं भागे तुम.”
मैं, “नहीं आंटी ऐसा कुछ नहीं हैं. बस कुछ याद आ गया मुझे इसलिए.”
लता आंटी, “मुझे भी बताओ की देसी सेक्स से जरुरी बात तुम्हारे लिए आखिर कौन सी हैं.”
लता आंटी जानती थी की मैं चूत के लिए सबकुछ छोड़ सकता था. इसलिए उसके आगे बहस करना बेकार था. उसे पता  नहीं था की मैं नौटंकी कर रहा था; लेकिन मेरी नौटंकी को वो सच ही समझ बैठी थी. मैंने अपने पत्ते फेंकने चालू किये.
मैं, “नहीं आंटी, आप नहीं समझेंगी, रहने दे.”
लता आंटी, “तुम्हे मेरी कसम हैं अगर नहीं बताया तो.”
मैं, “आंटी मैं आप की बेटी मुनमुन को चोदना चाहता हूँ.”

 

लता आंटी की गांड से गू निकल गया शायद. 20 सेकण्ड तक तो सांस की भी आवाज नहीं आई. लेकिन जैसे की मैंने बताया की यह आंटियां जिस से देसी सेक्स करती हैं उसके लिए कुछ भी करने के लिए रेडी होती हैं; और यही सोच के तो मैंने यह प्लानिंग किया था. मुनमुन और लता आंटी को अलग अलग तो पहले ही चोद चूका था मैं. बस एक मन की इच्छा थी की इन दोनों माँ बेटी को एक ही बिस्तर में ले जा के दोनों को चोदूं. वैसे लता आंटी किसी भी सूरत में अपनी बेटी की माँ नहीं लगती थी. 36 के करीब थी लता आंटी, और डिवोर्सड थी इसलिए मेरे झांसे में आ गई थी. फिर लता आंटी की आवाज आई, “अरे ऐसे थोड़ी हो सकता हैं. वो मेरी बेटी हैं. और मैं कैसे उसके साथ आउंगी.”
मैंने आंटी को कहा, “आंटी आप को आना भी उसके साथ हैं और उसे बतायेंगी भी आप ही.”
लता आंटी हंसने लगी, “अरे पागल हो गए हो क्या तुम.?”
मैंने फोन काट दिया. और उसके बाद लता आंटी की 10-12 रिंग को बजने ही दी. बाद में मैंने फोन उठाया, लता आंटी हथियार डाल चुकी थी. वो बोली, “ठीक हैं चलो तुम कहते हो तो मैं मान लेती हूँ इसका प्रयत्न करने के लिए. लेकिन तुम मुझे यह बताओ की मैं यह करुँगी कैसे.”
मैंने फोन पे ही लता आंटी को समझा दिया की इसे अंजाम कैसे दे सकते हैं. लता आंटी मेरी बातें सुन के थोड़ी आस्वस्त लगी अब.
जैसे मैंने लता आंटी को समझाया था; उस दिन के बाद वो मुनमुन के सामने ढीले और भडकाऊ कपड़ो में आनेजाने लगी. मुनमुन भी दूध तो नहीं पीती थी; 18 साल की थी और 18 लौड़े लेने की शक्तिमान थी वो भी. लता आंटी को मैंने बताया था की मुनमुन को अपने चुंचे दिखाओ और गांड को जरा उसके सामने और मटकाओ. लता आंटी को साथ में मैंने यह भी कहा की घर में वो पेंटी ना पहने जिस से उसकी सलवार उसकी गांड में फंसती रहे और मुनमुन उसे देखती रहें. देसी सेक्स की प्यासी आंटी मुझे नहीं छोड़ना चाहती थी इसलिए उसने यह सभी करना चालू कर दिया.
फिर दूसरा राउंड शरु हुआ मेरे और लता आंटी के प्लानिंग का. मैंने लता आंटी को बोला की वो अपने रूम के दरवाजे को खुला रख के हस्तमैथुन और डिल्डो प्ले करें. लता आंटी ने यह भी करना चालू कर दिया. उसने मुझे यह भी बताया की मुनमुन उसे ऐसा करते हुए एक दो बार देख भी चुकी थी. अब मैंने लता आंटी को हमारे देसी सेक्स की प्लानिंग का अंतिम दाव अजमाने को कहा. जिस में लता आंटी अपनी बेटी को अपनी देसी सेक्स की प्यास के बारे में बताने वाली थी. लता आंटी थोडा डर रही थी; लेकिन मैंने उसे बताया की सब सेट हैं उसे जरा भी घबराने की जरुरत नहीं हैं. मेरी हिम्मत देने के बाद रात में लता आंटी पतली नाईटी पहने के मुनमुन के कमरे में चली गई…..
मुनमुन अपनी माँ को इस हालत में देख के चौंकी क्यूंकि इसके पहले मुनमुन के कमरे में ऐसे गई नहीं थी. मुनमुन उस वक्त पोर्न मैगज़ीन पढ़ रही थी. उसने माँ को देख के फट से मैगज़ीन को बेड पर की रजाई के निचे डाल दिया. लता आंटी वहाँ बैठी और मुनमुन से बाते करने लगी. बातों बातों में वो अपने देसी सेक्स के लिए जुजते हुए चुंचे बार बार दिखा रही थी. मैंने लता आंटी को कहा था की अंदर कोई ब्रा पहने बिना मुनमुन के पास जाना ताकि मुनमुन उसके उभरे हुए स्तन को देख के कुछ उत्तेजित हो जाएँ.
लता आंटी ने मुनमुन से कहा, “मुनमुन मैं तुमसे एक बात करने आई हूँ. अगर तुम कहो तो?”
मुनमुन, “हाँ बोलियें क्या हुआ मम्मी.”
लता आंटी, “मुनमुन काफी दिनों से मैं सोच रही थी यह तुम्हे बताने के लिए लेकिन जबान नहीं खुल पा रही थी. तुम्हे तो पता ही हैं की तुम्हारे पिता के जाने के बाद मैं बहुत अकेली पड़ गई हूँ. मुझे भी देसी सेक्स की प्यास रहती हैं. वैसे ऑफर्स तो बहुत आई हैं लेकिन मैं तुम्हारी राय जानना चाहती थी. क्या मैं शादी करूँ तो तुम्हे कोई एतराज हैं?”
मुनमुन चौंक सी गई क्यूंकि उसे कतई भी अंदाजा नहीं था की उसकी माँ के मुहं से वो देसी सेक्स सुनेगी कभी. उसकी चूत भी सलवटें लेने लगी. उसने अपनी माँ के कंधे पे हाथ रखा और बोली, “आई अंडरस्टेंड, आप को जो ठीक लगता हैं वो करो.”

 

लता आंटी, “पर उसमे मुझे दो समस्याएँ आ रही हैं. पहली की शादी होने के बाद तुम्हारें लिए लड़का ढूंढने में दिक्कत होगीं. और दूसरी और अहम बात यह हैं की तुम्हारे डेड के परिवार वाले मुझे जायदाद से बर्खास्त कर सकते हैं इस शादी का मौका ले के.”
मुनमुन बोली, “तो फिर क्या सोचा हैं आप ने?”
लता आंटी, “मैं सोच रही थी अफेर करने के बारें में.”
मुनमुन समझ गई की उसकी माँ चुदना चाहती हैं. और उसने सोचा की उसमे कोई हरज भी नहीं थी क्यूंकि जब उसकी चूत के अंदर खुजली आ सकती हैं तो उसकी माँ की चूत के अंदर देसी सेक्स की तड़प हो उसमे कुछ बुरा नहीं हैं. मुनमुन अपनी माँ के सामने देख रही थी. लता आंटी मेरा पढ़ाया हुआ तोता था. उसने मुनमुन से कहा, “तेरे ध्यान में तेरा कोई बॉयफ्रेंड हैं जो इसके लिए रेडी हो…!”
मुनमुन ने एक पल के लिए तो सोचा ही होंगा की कैसे माँ हैं पहले देसी सेक्स की प्यास बताती हैं और फिर चुदना भी उसकी बेटी के बॉयफ्रेंड से ही चाहती हैं. मुनमुन 2 मिनिट के लिए सोचने लगी. अगले ही दिन मैंने मुनमुन की चूत चोदते हुए उसे कहा था की मुझे बड़ी उम्र वाली स्त्रियों के साथ संभोग करने में बहुत ही मजा आता हैं.  मुनमुन अभी मेरा नाम सजेस करे उसके पहले ही लता आंटी बोली, “वैसे अनूप ठीक लगता हैं मुझे. उसकी आँखों में मेरे लिए कुछ अलग भाव देखें हैं मैंने पहले भी.”
और मुनमुन समझ गई की मैंने लता आंटी को पटाया हैं. लेकिन उसे यह पता नहीं था की उसके पहले मैंने उसकी माँ को चोदा था; और लता आंटी के अंदर उस से ज्यादा देसी सेक्स भरा पड़ा था. मुनमुन कैसे अपनी माँ को बताती की यह वही अनूप हैं जो उसे भी देसी सेक्स का मजा देता हैं. लेकिन मुनमुन को पता नहीं था की मैं उसकी माँ की चूत भी तो चोद चूका था. मुनमुन ने अपने मोबाइल को निकाल के मुझे फोन किया.
मुनमुन: हल्लो अनूप कहाँ हो डियर.
मैं: बस बैठा हु घर पे.
मुनमुन: मेरी एक दोस्त हैं तुम पे फ़िदा हैं.
मैं: तो क्या हरज हैं ले आओ मेरे पास; उसको और फ़िदा करने पे मजबूर कर देंगे.
मुनमुन: तुम मेरे घर आ जाओ अभी.
मैं: क्यों सब ठीक तो हैं ना.
मुनमुन: बस तुम आ जाओ फिर बात करते हैं हम लोग.

 

मैंने बाइक निकाली और मुनमुन के घर में आ गया. घर आते ही मैंने देखा की मुनमुन अंदर सोफे पे बैठी थी और उसके पीछे उसकी माँ खड़ी थी. मैंने जानबूझ के शराफत का चोला पहना था; क्यूंकि मुनमुन को शक हुआ तो वो थ्रीसम के लिए कतई राजी नहीं होनेवाली थी. मैंने सोफे में बैठा और लता आंटी किचन में गई चाय बनाने के लिए. मुनमुन मेरे करीब आई और बोली, “अनूप  बड़ी उलझन हैं. मेरी माँ तुम से चुदवाना चाहती हैं. उसे देसी सेक्स की सनक चढ़ी हैं. प्लीज़ उसके साथ सेक्स कर लो एकबार.”
मैंने अपनी गर्दन खुजाते हुए कहा, “अरे क्या बात कर रही हैं मुनमुन ऐसा कैसे हो सकता हैं. मुझे डर लगता हैं.”
मुनमुन, “अरे तब तो बड़ा कह रहा था की मुझे बड़ी उम्र की औरतो के साथ देसी सेक्स करने में बड़ा मजा आता हैं.”
मैं, “अरे मुझे थोड़ी पता था की तेरी माँ ही चोदनी पड़ेंगी.”
मुनमुन,”प्लीज़ अनूप, कोई और चोदे उस से अच्छा तुम ही चोद दो.”
मैंने कहा, “ठीक हैं लेकिन तुझे भी ज्वाइन करना पड़ेंगा हम दोनों के साथ.”
मुनमुन की चूत फट गई, “अरे बाप रे, मोम के साथ थ्रीसम. पागल हैं क्या.”
मैं, “देख ले मेरी कंडिशन ही यह हैं समझ ले.”
मुनमुन, “ठीक हैं तू स्टार्ट कर मैं फिर आती हूँ.”
मुनमुन चाय पीने के बाद बोली, “अनूप मैं आई जरा 10-15 मिनिट में.”
उसके जाते ही लता आंटी मेरे पास आई और धीरे से बोली, “क्या हुआ अनूप सेटिंग हुआ की नहीं.”
मैंने उसकी चुंचिया मसलते हुए कहा, “सब सेट हैं वो थोड़ी देर में हमें ज्वाइन करेंगी. तब तक तुम अपने कपडे उतारो और मेरा लंड चूसो.” लता आंटी तो देसी सेक्स के लिए तो कभी भी तैयार ही रहती थी. उसने फट से अपने हाथों से मेरे लंड को पकड़ा और पेंट उतारने लगी. मुझे पता था की मुनमुन सिर्फ जगह छोड़ के गई थी; और वो जरुर कुछ देर में वापस आके यह द्रश्य देखने वाली थी.  लता आंटी ने मेरे सुपाड़े को अपने मुहं में लिया और वो लग गई मस्त लंड चुसाई में…..!
लता आंटी ने होंठ मेरे लौड़े के ऊपर सही तरह चल रहे थे. वो चपचप कर के लौड़े और उसके निचे के बोल्स को मस्त चाट रही थी. मैंने अपनी आँखे बंध की और शर्ट के बटन खोलने लगा. लता आंटी ने भी अपने कपड़ो को खोलना चालू कर दिया. थोड़ी देर में ही उसने मुझे नंगा किया और खुद भी नंगी हो गई. 5 मिनिट मस्त लंड चूसा और फिर मुझे अब लंड के ऊपर देसी सेक्स की मस्ती आ गई थी. मैंने लता आंटी का मुहं अपने लंड के ऊपर से हटाया. लता आंटी ने अपनी चूत के ऊपर ऊँगली रखी और वो उसे अंदर लेने लगी. मैं निचे लेट गया और आंटी को अपने ऊपर आने के लिए इशारा कर दिया. लता आंटी ने अपने हाथ में थोडा थूंक लिया और मेरे लौड़े पे मल दिया. देसी सेक्स की असली मजा इन छोटी छोटी बातों में ही हैं, और लता आंटी तू देसी सेक्स की मूरत हैं. उसने अपब जैसे की गियर पकड़ रही हो वैसे मेरे लंड को पकड़ा और उसे अपनी चूत के छेद में रख दिया. और बिना किसी ताकीद के वो सीधे ही मेरे लंड के ऊपर बैठ गई. उईई माँ…बड़ा कड़ा हैं आज तो तेरा लंड अनूप…. लता आंटी के मुहं से आश्चर्य निकल गया. आंटी को पता नहीं था की माँ बेटी से देसी सेक्स के प्लान की वजह से मैं एक गोली वायेग्रा की दूध के साथ पी के आया था.
लता आंटी अपने बड़े बड़े को चुंचे उछाल रहा थी और मैं निचे से उसकी चूत के अंदर अपने लौड़े को डाल रहा था. लता आंटी की सेक्सी गांड के छेद पे मेरी नजर थी. वैसे मेरी सफ़र तो उस छेद में भी हो चुकी थी; लेकिन आज मैं सिर्फ चूत के साथ देसी सेक्स पे कोंसन्त्रेट कर रहा था. तभी लता आंटी की नजर खिड़की से अंदर ताक रही अपनी बेटी मुनमुन के ऊपर पड़ी. वो बोली, “अंदर आजा मुनमुन. अनूप के साथ तू भी मजे ले ले थोड़े.”
मुनमुन को तो आना ही था जैसे मैंने उसे बताया था. उसकी चूत भी शायद मुझे देख के ही देसी सेक्स के लिए तड़प उठती थी. मुनमुन अंदर आई और उसकी माँ के पास खड़ी हो गई. बड़ा रोचक द्रश्य था जब लता आंटी अपनी खुद की बेटी मुनमुन के कपडें उतार रही थी. उसने फट से उसकी पेंट और टी-शर्ट को उतारा. शायद पहली बार मुनमुन अपनी माँ के सामने पेंटी और ब्रा में खड़ी हुई थी. मुनमुन की गांड मेरी तरफ थी. मैंने अपने हाथ से उसकी पेंटी को साइड में की और उसके गांड के छेद को देखने लगा. मुनमुन को जैसे की गुदगुदी होने लगी क्यूंकि वो फट से हट गई. लेकिन मैंने उसे अपनी तरफ खिंच लिया और अपने हाथ की थूंक वाला कर के उसकी चूत के छेद के ऊपर रख दिया. देसी सेक्स का नशा मुनमुन की चूत में भी चिकनाहट बन के बह रहा था. शायद वो अपनी माँ की चुदाई देख के उत्तेजित हो गई थी. मैंने ऊँगली को उसकी चूत के अंदर डाली और अंदर बहार करने लगा. मुनमुन अपने हाथो से अपने देसी चुंचो को पकड़ के मसलने लगी. उसके भारी भरखम चुंचे उसके हाथो में बड़ी मुश्किल से फिट आ रहे थे. मुन्मुम की चूत को अपनी ऊँगली से मस्त चोदने के बाद मैंने उसे अपनी तरफ और भी खिंचा. मुनमुन ने अपनी पेंटी को खिंच के गांड के ऊपर चढ़ा दिया. उसकी चूत का छेद अब मस्त खुल गया था.

माँ चुदवाये बिटिया चूसवाए

और उसने अपनी खारी चूत को मेरे मुहं के ऊपर ला के रख दिया. मैं समझ गया की अपनी चूत का रस मेरे मुहं में निकालना चाहती थी यह चुदक्कड़ लौंडिया. मैंने अपना मुहं खोला और मुनमुन अपनी चूत को मेरे मुहं के ऊपर रख के बैठ गई. उधर कला आंटी अपने चुंचे पकड़ के अब बहुत जोर जोर से मेरे ऊपर उछल रही थी. आह आह की आवाजें उसके मुहं से निकल रही थी और उसकी गांड मेरे जांघो के साथ टकरा के ठप ठप के साथ टक्कर ले रही थी. लता आंटी के मुहं से बड़ी सेक्सी आवाजें आ रही थी. मुनमुन भी अपनी चूत को मेरे मुहं के ऊपर रगड़ रही थी और मुझे और जोर से अपनी चूत चाटने को आह्वान करती जा रही थी.  हम तीनो ही असीम देसी सेक्स के रंग में रंग चुके थे. मुनमुन की चूत का खारा पानी मुझे और भी उत्तेजित कर रहा था और ऊपर से लता आंटी की कामुक आवाजें और उसकी वो लंड के ऊपर जम्प करने की स्टाइल. मुझे तो पोर्नस्टार रोक्को से भी ज्यादा मजे आ रहे थे इन दो माँ बेटी को देसी सेक्स का सुख देते हुए. और साथ में कुछ सुख अपने लिए भी बटोरने में.
अब मुनमुन भी अपनी माँ की चुदाई देख और अपनी चूत चटवा के बहुत हाई हो चुकी थी. उसे अपने भोसड़े के बारे में भी तो सोचना था. उसे भी लगाने थे मेरे लौड़े के ऊपर झटके. मैंने लता आंटी के कमर को पकड़ के उसे हटाया और अपने लंड की उसकी चूत से बहार निकाला. अब उसकी बेटी की देसी सेक्स के मजे लेने की बारी थी. मुनमुन ने अपनी पेंटी को उतारा और चूत के ऊपर थूंक वाली ऊँगली मलने लगी. लता आंटी अपनी चूत खुजाते हुए मेरे पास आई और अपनी चूत को मेरे मुहं के पास रख दिया…!





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