FUN-MAZA-MASTI
रामू का लंड मेरी चूत में था और वो धक्को के ऊपर धक्के लगा रहा था. मैंने अपने दोनों हाथ पीछे रखे थे अपनी गांड पर और अपने कुल्हें खोल दिए थे ताकि उसका मोटा लंड मेरी चूत में समा सकें. रामू हांफने लगा था क्यूंकि उसकी उम्र अब ४० के करीब की थी. उसके दोनों हाथ मेरी गांड पर ही थे और वो मेरी गांड को आगे पीछे कर के जोर जोर से धक्के ठोक रहा था. और तभी मेरे जीवन का सब से बड़ा झटका लगा. खिड़की के ऊपर नजर पड़ते ही मुझे वो छेद दिखा जिसमे मेरे ससुर जी के चश्मों की फ्रेम चमक रही थी. ससुर जी मुझे नौकर से चुद्वाते हुए खिड़की से छिप के देख रहे थे. मेरे दिल में एक धक्का लगा और डर की वजह से मेरी गांड ही फट गई.
अरे मैं आप लोगों को अपना परिचय देना तो भूल ही गई. मेरा नाम ट्विंकल शर्मा हैं और मैं दिल्ली की रहनेवाली हूँ. मेरी शादी केप्टन अजय के साथ हुई हैं. मेरे डेड और ससुर आर्मी में साथ में थे और उन दोनों ने बचपन से ही मेरी शादी अजय के साथ तय की थी. मैं भी अजय से बहुत प्यार करती हूँ लेकिन उसकी दड्यूटी ने मेरी सेक्स जिन्दगी को तहसनहस कर दिया था. वो ९ महीने सरहद पर और तिन महीने मेरे करीब होता था. ना चाहते हुए भी मैंने घर के नौकर रामू को अपनी चुदाई के लिए रेडी कर रखा था. रामू मुझ से १० साल बड़ा हैं लेकिन कमाल का चुदाई रसिक हैं. अब वापस अभी की घटना पर आते हैं!
ससुर जी ने भी देख लिया की मैं उन्हें देख चुकी थी. दरवाजे को लात मार के उन्होंने रामू को आवाज दी, रामू दरवाजा खोल वरना तेरी गांड को गोलियों से भुन के रख दूंगा!
बाप रे यह डायलोग सुन के तो मैं और भी डर गई. रामू ने अपनी लंगोट और पेंट पहनी तब तक तो ससुर ने दरवाजे को १० लातें मार दी थी.
रामू ने दरवाजा खोला और सामने ससुर जी बन्दुक ले के खड़े हुए थे.
बेन्चोद हमारे घर की बहु बेटी पर नजर डालता हैं.
साहब जी, ऐसा नहीं हैं…रामू ने दोनों हाथ जोड़े हुए थे और दोनों हाथ के साथ साथ उसका पूरा बदन कांप रहा था. हाथ में बन्दुक देख के उसकी भी मेरी तरह फट के हाथ में आ चुकी थी!
साले मैं तुम दोनों को १० मिनिट से देख रहा था!
बीबी जी के कहने पर ही मैं मजबूर हुआ था. मैंने बीबी जी को बहुत बार कहा की यह सब उचित नहीं हैं लेकिन वो नहीं मानती हैं!
तो बीबी जी की चूत में गोली मार के मुहं से निकालूँगा.
ट्विंकल यह सच हैं क्या?
मैंने रामू की और देखा, वो अभी भी कांप रहा था. उसके बदन को देख के मैं ससुर की और देखा. लेकिन मैं कुछ नहीं बोली.
जवाब दो मुझे वरना दोनों को भुन दूंगा.
ससुर जी एक औरत की प्यास आप समजते हो? ८ महीने से अजय ड्यूटी पर हैं, क्या मैं अपनी प्यास को बुझाने के लिए कुछ नहीं कर सकती? रामू काका को मैंने ही मजबूर किया था मेरे साथ सोने के लिए.
बहु, बकवास बंध करो! क्या सभी आर्मी वालो की बीवियां ऐसा करती हैं. तुम्हारे अकेले के पति तो आर्मी में नहीं हैं. मैंने भी आर्मी में अपनी जिन्दगी निकाली हैं तुम्हारे बाबु जी की तरह.
तो आप को यह भी पता होंगा की मेरी माँ मेरे डेड को २० साल पहले ही छोड़ चुकी हैं. और माता जी को तो पेरालिसिस था इसलिए उन्हें बिना सहवास के जीवन की आदत थी.
बहु, तुम बदतमीजी कर रही हो मेरे सामने.
बाबु जी यह बदतमीजी नहीं हकीकत हैं. अगर आप को अपनी घर की इज्जत इतनी ही प्यारी हैं तो अजय को नौकरी छुडवा दें या फिर ममुझे आजादी दे दे.
आज मैं तेरी चूत का सारा रस निकलवा देता हूँ रुक बेन्चोद!
ससुर जी मेरे ऊपर आप खा गए थे. उन्होंने बन्दुक रामू की और तानी और बोले, इधर आ बे भोसड़ी के. ये ले जा पड़ोस के मेडिकल से दो विगोरा टेबलेट ले के आ.
रामू ससुर जी के पास गया और उनके हाथ से पैसे ले लिए. मैं समझ गई की अब ससुर जी रामू को गोली खिला के मुझे चोदने के लिए कहेंगे. लेकिन मैं समझ नहीं पा रही थी की यह कैसी सजा! इसमें तो मुझे ऊपर से मजा आनेवाली थी की रामू का लंड टाईट रहेगा लगातार.
मैं इसी सब ख्यालो में थी की रामू आ गया. उसने गोली ससुर को दी. ससुर ने जी कहा, जा दो ग्लास दूध ले आ.
मैं सोच रही थी की क्या अब यह बूढ़ा मुझे घुंघट ओढने के लिए कहेगा! रामू दो ग्लास ले के आया. ससुर ने एक टेबलेट उसे निकाल के दी और कहा, ये ले खा के गोली दूध के साथ. रामू ने गोली खाई और वो मेरी और देखने लगा. ससुर ने मुझे कहा, आज तुझे ऐसी चुद्वाऊंगा की तू लंड से त्रस्त हो जायेगी. रामू की और देख के ससुर जी ने कहा, चल चोद इसे.
रामू का लंड विगोरा खाने के बाद भी खड़ा नही हो रहा था. उसने मुश्किल से उसे हिला हिला के टाईट किया. लेकिन कुछ देर में ही टेबलेट की असर दिखने लगी थी. अब लंड में धीरे धीरे कडापन दिखने लगा था. रामू मेरे ऊपर चढ़ने के लिए रेडी था लेकिन ससुर जी बोले, ऐसे नहीं मादरचोद, तू निचे लेट और इसे ऊपर ले!
रामू निचे लेटा और मैं ऊपर आ गई. ससुर जी वही खड़े थे. रामू का लंड मेरी चूत में आ गया और वो मुझे पकड के अपने बदन को झटके देने लगा था. तभी मेरी गांड के उपर किसी धातु का स्पर्श हुआ. मैंने चौंक के पीछे देखा तो ससुर ने बन्दुक की दोनाली को मेरी गुदा के ऊपर रख दिया था. वो जोर से झटका लगा के बन्दुक को मेरी गांड में घुसाने का प्रयास कर रहे थे. लेकिन मेरी गांड इतनी भी ढीली थोड़ी थी की बन्दुक घुसवा लूँ. ससुर जी ने दो तिन व्यर्थ प्रयत्न किये और फिर थक के बन्दुक को हटा लिया. रामू मेरी चूत में हौले हौले ठोकन जारी रखे हुए था.
तभी मैंने देखा की ससुर जी ने विगोरा की गोली खाई और ऊपर दूध पी लिया. मेरे पेट में गुदगुदी हो रही थी की क्या आज ससुर जी भी मुझे चोदेंगे?
ससुर ने पांच मिनिट तक गोली के असर को होने दिया आर फिर वो मेरे ऊपर झुके. उन्होंने मेरी गांड में थूंक लगाया और बोले, आज तुझे आर्मी स्टाइल में सेक्स का मजा दूंगा रंडी साली!
मैंने पीछे मूड के कहा. दे मैं भी देखूं की तेरे लान में कोई दम हैं भी या ऐसे ही मेजर साहब बना हुआ था.
ससुर ने मेरी गांड पर जोर से एक तमाचा लगाया और बोला, भोसड़ी वाली खोल अपने कुल्हे!
मैंने हाथ पीछे किया और अपनी गांड को चौड़ा कर दिया. ससुर जी ने फिर से गांड में थूंक दिया और फिर अपने लोडे को छेद पर रख के बिना किसी फॉरप्ले के एक ही झटके में आधा लंड मेरी गांड में घुसा दिया. दर्द के मारे मेरी जान ही निकल गई. मैं छटपटा उठी और ससुर ने मुझे गर्दन से दबोच लिया.
फिर वो ऊपर की और उठे और रामू को देख के बोले, रामू चोद ईद मादरचोद को. तू इसे पेशाब करवा दे और मैं इसका गू निकाल दूंगा. और फिर ससुर जी ने दोनों हाथ से मेरी चुंचियां पकड के ऐसे दबाया जैसे कोई पक्के आम को रस निकालने के लिए गुन्दता हैं. मेरी छाती में दर्द हो रहा था लेकिन मैं भी बड़ी चुदासी हुई थी. ससुर जी का लोडा जोर जोर से गांड के अंदर बहार हो रहा था और रामू चूत की छावनी संभाले हुए था. ससुर बिना रुके हुए अपना लोडा जोर जोर से मेरी गांड में ठोकते ही जा रहे थे. रामू भी थक थक की आवाज से चूत पेले जा रहा था.
१० मिनिट मैं ऐसे ही सेंडविच बन के ठुकती रही लेकिन दोनों में से एक बूढा भी खाली होने का नाम नहीं ले रहा था. मेरे बदन में बहुत पसीना हो रहा था और अब तो छेद भी दुखने लगे थे. ससुर जी ने अपनी थकान को मिटाने के लिए गांड में लोडा पार्क किया और वो मेरे ऊपर लेट गए. लेकिन उन्होंने बेचारे रामू को रुकने नहीं दिया. जैसे ही वो स्लो होता ससुर गालियाँ दे के उसे ठोकने के लिए कहते थे. मेरी गांड का छेद पूरा लाल हो गया था और उसके अन्दर हल्का हल्का दर्द भी हो रहा था.
अब की ससुर ने और थूंक लगा के और भी जोर जोर से झटके लगाना चालु किया. वो अपना पूरा वजन मेरे ऊपर डाल के मेरी गांड को फाड़ रहे थे. ५ मिनिट गांड पेलने के बाद उन्होंने अपना वीर्य मेरी गांड में ही निकाल दिया. एक एक बूंद झाड़ने के बाद वो लंड निकाल के खड़े हुए.
बन्दुक हाथ में लेते हुए उन्होंने रामू को कहा, छोड़ चूत को और आजा पीछे तू भी!
रामू ने लंड चूत से निकाला और व मेरे पीछे आ गया. मेरे घुटनों को मोड़ के रामू ने मुझे सही तरह घोड़ी बना दिया. और अब वो पीछे से मेरी गांड को पेलने लगा. उसका लंड तो ससुर जी से भी मोटा था इसलिए गांड और भी दुःख रही थी.
उसने मुझे १० मिनिट तक गांड में चोदा और फिर वो भी झड़ गया. ससुर जी ने मेरी चिकनी गांड में बन्दुक डाली और बोले, बहु अब हम तुम्हारी गांड रोज ऐसे ही मारेंगे जब तक तुम सुधरने का वादा नहीं कर लेती.
एक पल के लिए मैंने सोचा की यह बूढा मुझे सजा दे रहा हैं या बुढापे में अपने लिए चूत और गांड का जुगाड़ कर रहा हैं!
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ससुर और नौकर ने गांड मारी
रामू का लंड मेरी चूत में था और वो धक्को के ऊपर धक्के लगा रहा था. मैंने अपने दोनों हाथ पीछे रखे थे अपनी गांड पर और अपने कुल्हें खोल दिए थे ताकि उसका मोटा लंड मेरी चूत में समा सकें. रामू हांफने लगा था क्यूंकि उसकी उम्र अब ४० के करीब की थी. उसके दोनों हाथ मेरी गांड पर ही थे और वो मेरी गांड को आगे पीछे कर के जोर जोर से धक्के ठोक रहा था. और तभी मेरे जीवन का सब से बड़ा झटका लगा. खिड़की के ऊपर नजर पड़ते ही मुझे वो छेद दिखा जिसमे मेरे ससुर जी के चश्मों की फ्रेम चमक रही थी. ससुर जी मुझे नौकर से चुद्वाते हुए खिड़की से छिप के देख रहे थे. मेरे दिल में एक धक्का लगा और डर की वजह से मेरी गांड ही फट गई.
अरे मैं आप लोगों को अपना परिचय देना तो भूल ही गई. मेरा नाम ट्विंकल शर्मा हैं और मैं दिल्ली की रहनेवाली हूँ. मेरी शादी केप्टन अजय के साथ हुई हैं. मेरे डेड और ससुर आर्मी में साथ में थे और उन दोनों ने बचपन से ही मेरी शादी अजय के साथ तय की थी. मैं भी अजय से बहुत प्यार करती हूँ लेकिन उसकी दड्यूटी ने मेरी सेक्स जिन्दगी को तहसनहस कर दिया था. वो ९ महीने सरहद पर और तिन महीने मेरे करीब होता था. ना चाहते हुए भी मैंने घर के नौकर रामू को अपनी चुदाई के लिए रेडी कर रखा था. रामू मुझ से १० साल बड़ा हैं लेकिन कमाल का चुदाई रसिक हैं. अब वापस अभी की घटना पर आते हैं!
ससुर जी ने भी देख लिया की मैं उन्हें देख चुकी थी. दरवाजे को लात मार के उन्होंने रामू को आवाज दी, रामू दरवाजा खोल वरना तेरी गांड को गोलियों से भुन के रख दूंगा!
बाप रे यह डायलोग सुन के तो मैं और भी डर गई. रामू ने अपनी लंगोट और पेंट पहनी तब तक तो ससुर ने दरवाजे को १० लातें मार दी थी.
रामू ने दरवाजा खोला और सामने ससुर जी बन्दुक ले के खड़े हुए थे.
बेन्चोद हमारे घर की बहु बेटी पर नजर डालता हैं.
साहब जी, ऐसा नहीं हैं…रामू ने दोनों हाथ जोड़े हुए थे और दोनों हाथ के साथ साथ उसका पूरा बदन कांप रहा था. हाथ में बन्दुक देख के उसकी भी मेरी तरह फट के हाथ में आ चुकी थी!
साले मैं तुम दोनों को १० मिनिट से देख रहा था!
बीबी जी के कहने पर ही मैं मजबूर हुआ था. मैंने बीबी जी को बहुत बार कहा की यह सब उचित नहीं हैं लेकिन वो नहीं मानती हैं!
तो बीबी जी की चूत में गोली मार के मुहं से निकालूँगा.
ट्विंकल यह सच हैं क्या?
मैंने रामू की और देखा, वो अभी भी कांप रहा था. उसके बदन को देख के मैं ससुर की और देखा. लेकिन मैं कुछ नहीं बोली.
जवाब दो मुझे वरना दोनों को भुन दूंगा.
ससुर जी एक औरत की प्यास आप समजते हो? ८ महीने से अजय ड्यूटी पर हैं, क्या मैं अपनी प्यास को बुझाने के लिए कुछ नहीं कर सकती? रामू काका को मैंने ही मजबूर किया था मेरे साथ सोने के लिए.
बहु, बकवास बंध करो! क्या सभी आर्मी वालो की बीवियां ऐसा करती हैं. तुम्हारे अकेले के पति तो आर्मी में नहीं हैं. मैंने भी आर्मी में अपनी जिन्दगी निकाली हैं तुम्हारे बाबु जी की तरह.
तो आप को यह भी पता होंगा की मेरी माँ मेरे डेड को २० साल पहले ही छोड़ चुकी हैं. और माता जी को तो पेरालिसिस था इसलिए उन्हें बिना सहवास के जीवन की आदत थी.
बहु, तुम बदतमीजी कर रही हो मेरे सामने.
बाबु जी यह बदतमीजी नहीं हकीकत हैं. अगर आप को अपनी घर की इज्जत इतनी ही प्यारी हैं तो अजय को नौकरी छुडवा दें या फिर ममुझे आजादी दे दे.
आज मैं तेरी चूत का सारा रस निकलवा देता हूँ रुक बेन्चोद!
ससुर जी मेरे ऊपर आप खा गए थे. उन्होंने बन्दुक रामू की और तानी और बोले, इधर आ बे भोसड़ी के. ये ले जा पड़ोस के मेडिकल से दो विगोरा टेबलेट ले के आ.
रामू ससुर जी के पास गया और उनके हाथ से पैसे ले लिए. मैं समझ गई की अब ससुर जी रामू को गोली खिला के मुझे चोदने के लिए कहेंगे. लेकिन मैं समझ नहीं पा रही थी की यह कैसी सजा! इसमें तो मुझे ऊपर से मजा आनेवाली थी की रामू का लंड टाईट रहेगा लगातार.
मैं इसी सब ख्यालो में थी की रामू आ गया. उसने गोली ससुर को दी. ससुर ने जी कहा, जा दो ग्लास दूध ले आ.
मैं सोच रही थी की क्या अब यह बूढ़ा मुझे घुंघट ओढने के लिए कहेगा! रामू दो ग्लास ले के आया. ससुर ने एक टेबलेट उसे निकाल के दी और कहा, ये ले खा के गोली दूध के साथ. रामू ने गोली खाई और वो मेरी और देखने लगा. ससुर ने मुझे कहा, आज तुझे ऐसी चुद्वाऊंगा की तू लंड से त्रस्त हो जायेगी. रामू की और देख के ससुर जी ने कहा, चल चोद इसे.
रामू का लंड विगोरा खाने के बाद भी खड़ा नही हो रहा था. उसने मुश्किल से उसे हिला हिला के टाईट किया. लेकिन कुछ देर में ही टेबलेट की असर दिखने लगी थी. अब लंड में धीरे धीरे कडापन दिखने लगा था. रामू मेरे ऊपर चढ़ने के लिए रेडी था लेकिन ससुर जी बोले, ऐसे नहीं मादरचोद, तू निचे लेट और इसे ऊपर ले!
रामू निचे लेटा और मैं ऊपर आ गई. ससुर जी वही खड़े थे. रामू का लंड मेरी चूत में आ गया और वो मुझे पकड के अपने बदन को झटके देने लगा था. तभी मेरी गांड के उपर किसी धातु का स्पर्श हुआ. मैंने चौंक के पीछे देखा तो ससुर ने बन्दुक की दोनाली को मेरी गुदा के ऊपर रख दिया था. वो जोर से झटका लगा के बन्दुक को मेरी गांड में घुसाने का प्रयास कर रहे थे. लेकिन मेरी गांड इतनी भी ढीली थोड़ी थी की बन्दुक घुसवा लूँ. ससुर जी ने दो तिन व्यर्थ प्रयत्न किये और फिर थक के बन्दुक को हटा लिया. रामू मेरी चूत में हौले हौले ठोकन जारी रखे हुए था.
तभी मैंने देखा की ससुर जी ने विगोरा की गोली खाई और ऊपर दूध पी लिया. मेरे पेट में गुदगुदी हो रही थी की क्या आज ससुर जी भी मुझे चोदेंगे?
ससुर ने पांच मिनिट तक गोली के असर को होने दिया आर फिर वो मेरे ऊपर झुके. उन्होंने मेरी गांड में थूंक लगाया और बोले, आज तुझे आर्मी स्टाइल में सेक्स का मजा दूंगा रंडी साली!
मैंने पीछे मूड के कहा. दे मैं भी देखूं की तेरे लान में कोई दम हैं भी या ऐसे ही मेजर साहब बना हुआ था.
ससुर ने मेरी गांड पर जोर से एक तमाचा लगाया और बोला, भोसड़ी वाली खोल अपने कुल्हे!
मैंने हाथ पीछे किया और अपनी गांड को चौड़ा कर दिया. ससुर जी ने फिर से गांड में थूंक दिया और फिर अपने लोडे को छेद पर रख के बिना किसी फॉरप्ले के एक ही झटके में आधा लंड मेरी गांड में घुसा दिया. दर्द के मारे मेरी जान ही निकल गई. मैं छटपटा उठी और ससुर ने मुझे गर्दन से दबोच लिया.
फिर वो ऊपर की और उठे और रामू को देख के बोले, रामू चोद ईद मादरचोद को. तू इसे पेशाब करवा दे और मैं इसका गू निकाल दूंगा. और फिर ससुर जी ने दोनों हाथ से मेरी चुंचियां पकड के ऐसे दबाया जैसे कोई पक्के आम को रस निकालने के लिए गुन्दता हैं. मेरी छाती में दर्द हो रहा था लेकिन मैं भी बड़ी चुदासी हुई थी. ससुर जी का लोडा जोर जोर से गांड के अंदर बहार हो रहा था और रामू चूत की छावनी संभाले हुए था. ससुर बिना रुके हुए अपना लोडा जोर जोर से मेरी गांड में ठोकते ही जा रहे थे. रामू भी थक थक की आवाज से चूत पेले जा रहा था.
१० मिनिट मैं ऐसे ही सेंडविच बन के ठुकती रही लेकिन दोनों में से एक बूढा भी खाली होने का नाम नहीं ले रहा था. मेरे बदन में बहुत पसीना हो रहा था और अब तो छेद भी दुखने लगे थे. ससुर जी ने अपनी थकान को मिटाने के लिए गांड में लोडा पार्क किया और वो मेरे ऊपर लेट गए. लेकिन उन्होंने बेचारे रामू को रुकने नहीं दिया. जैसे ही वो स्लो होता ससुर गालियाँ दे के उसे ठोकने के लिए कहते थे. मेरी गांड का छेद पूरा लाल हो गया था और उसके अन्दर हल्का हल्का दर्द भी हो रहा था.
अब की ससुर ने और थूंक लगा के और भी जोर जोर से झटके लगाना चालु किया. वो अपना पूरा वजन मेरे ऊपर डाल के मेरी गांड को फाड़ रहे थे. ५ मिनिट गांड पेलने के बाद उन्होंने अपना वीर्य मेरी गांड में ही निकाल दिया. एक एक बूंद झाड़ने के बाद वो लंड निकाल के खड़े हुए.
बन्दुक हाथ में लेते हुए उन्होंने रामू को कहा, छोड़ चूत को और आजा पीछे तू भी!
रामू ने लंड चूत से निकाला और व मेरे पीछे आ गया. मेरे घुटनों को मोड़ के रामू ने मुझे सही तरह घोड़ी बना दिया. और अब वो पीछे से मेरी गांड को पेलने लगा. उसका लंड तो ससुर जी से भी मोटा था इसलिए गांड और भी दुःख रही थी.
उसने मुझे १० मिनिट तक गांड में चोदा और फिर वो भी झड़ गया. ससुर जी ने मेरी चिकनी गांड में बन्दुक डाली और बोले, बहु अब हम तुम्हारी गांड रोज ऐसे ही मारेंगे जब तक तुम सुधरने का वादा नहीं कर लेती.
एक पल के लिए मैंने सोचा की यह बूढा मुझे सजा दे रहा हैं या बुढापे में अपने लिए चूत और गांड का जुगाड़ कर रहा हैं!
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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