FUN-MAZA-MASTI
मेरा नाम समर है ओर मेरी पत्नी का नाम सीमा. हमारी शादी को 16 साल हो चुके है मगर चुदाई मे अभी भी उतनी ही गर्मी है जो शादी के टाइम पर थी. इस का कारण है हमारा एक दूसरे के लिये प्यार ओर इज़्ज़त. शादी के वक़्त मेरी उमर 24 ओर सीमा की 22 साल थी. सीमा बिल्कुल भोली ओर कुवारी थी पर मैं शादी के पहले 5 लड़कियों को चोद चुका था पर. 5 लड़कियों को चोदने का एक फायदा यह हुआ था की मुझे समझ आ गयी थी की तुम अगर लड़की को प्यार ओर इज़्ज़त दोगे तो वो तुम्हारे लिए कुछ भी करने को तैयार होगी.
जैसे कि सब को पता है Indian शादी मे रात को कितनी देर हो जाती है. अगर उसके के बाद तुम यह सोच कर “कि आज तो मेरी सुहाग रात है ओर बीवी की चुदाई मेरा हक़ है” जा कर बीवी पे चढ़ जाओ तो उसमे कोई बहादुरी या समझदारी नही है. सुहागरात को मैने सीमा को प्यार से अपनी बाहों मे ले कर कहा “आज बहुत थक गयी हो ना” तो उसने शरमाते हुए सिर हिला के हामी भरी. मैने कहा “तो आज आराम करते है ओर जो आज रात को करना था वो कल करलेंगे”. सीमा को यह सुन कर बहुत हैरानी हुई ओर वो बोली “सच! तुम मेरे लिए कल तक का इंतज़ार करोगे”. मैंने कहा इस मैं हैरान होने की क्या बात है. सुहाग रात जितनी मेरे लिए मायने रखती है उतनी ही तुम्हारे लिए भी तो रखती है. मैं चाहता हूँ की तुम्हारी सुहाग रात की याद तुम्हारे लिए भी उतनी ही खूबसूरत हो जितनी मेरे लिए. यह सुन कर उसने मुझे ज़ोर से अपनी बाहों मे भर लिया ओर कहा “ओह समर तुम्हे बिल्कुल भी अंदाज़ा नही है कि तुम्हारे लिए मेरे दिल मे कितनी इज़्ज़त ओर प्यार बढ़ गया है. I Love you sooooo soooooo much”. ओर यह कह कर वो मेरी बाहों मे सिमॅट गयी. हम एक दूसरे की बाहों मे बातें करते करते ना जाने कब सो गये पता ही नही चला. अगले दिन सुबह सब लोग हमे देख कर मुस्करा रहे थे पर हमने किसी पर कोई ध्यान नही दिया. दोपहर कि फ्लाइट से हम दोनो अपने honeymoon के लिए रवाना हो गये. होटेल मे पहुँच कर हम लोगों ने चेंज किया ओर घूमने निकल गये. रात को सीमा ने मुझ से कहा “मुझ को सुहाग रात के बारे मैं पता तो है पर मैं आज तक किसी लड़के के साथ नही गयी हूँ.” मैंने कहा कि “तुम बिकुल भी चिंता ना करो. बस अगर कोई चीज़ ठीक ना लगे तो मुसझे बोल देना” ओर उसने सिर हिला कर हामी भर दी.
हम दोनो होटेल के शानदार डबल बेड पे लेट कर बाते कर रहे थे जब सीमा ने बताया कि चाहे वह बिलकुल कुवांरी है, पर शादी के २ महीने पहले से उसने डॉक्टर से सलह कर के बर्थ कंट्रोल कि पिल्स लेना शुरू कर दिया था. मैंने पूछा “सीमा तुम्हे पता है कि लड़के ओर लड़की के अंगो क्यो क्या कहते हैं. सीमा ने कहा “क्यों नही. लड़की की vagina होती है ओर लड़को का penis”. मैं हस पड़ा ओर बोला हिन्दी मे क्या कहते हैं. वो शर्मा गयी ओर बोली “धत!” मेरे ज़ोर देने पर बोली “लड़की की चूत ओर लड़के का लंड”. फिर मैंने पूछा की breasts को क्या कहते है तो बोली “छातियां”. मैंने कहा हां पर इन सब के कई नाम हैं. लंड को लौड़ा, चूत को फुददी, छातियों को चूचियाँ ओर म्मे भी कहते है. फिर मैंने कहा “तुम ने कभी किसी लड़के का लंड देखा है” तो उसने शर्मा के कहा नही. मैं यह सुन के हल्के से हस दिया ओर उसे अपने ओर भी करीब खींच लिया. उस की ठोड़ी से सिर थोड़ा ऊँचा कर के हल्के से उस के गुलाबी होट्टों को अपने होट्टों मैं ले लिया ओर उसने अपनी आंखे बंद कर ली. मैंने कहा “आँखे खोलो ओर बताओ कि क्या अच्छा लगा” ओर उसने आहिस्ते से कहा “हाँ”. उसके गुलाबी गालों का रंग उसके गुलाबी होटों से मिल रहा था ओर उसका गोरा बदन गुलाबी nighty मे कहर ढा रहा था. मैंने उस की आँखो मे देखते हुए उस की nighty की डोरी खोल दी ओर उसके हसीन म्मे कमरे की रोशनी मे जगमगा उठे. उसने nighty के नीचे bra नही पहनी थी सिर्फ़ गुलाबी रंग की panty पहन रखी थी. मैंने अपना एक हाथ उसके एक म्मे पर रख दिया ओर एकदम से उस के जिस्म मे हुई झुरझुरी को महसूस किया. फिर मैंने कहा अब तुम्हारी बारी है मुझे kiss करने की. उसने धीरे से मेरा नीचे का होंट अपने होटों मे ले कर हल्के से चूसना शूरू कर दिया.
मैंने आहिस्ते से उस के दोनो म्मे nighty मे से बाहर निकाल दिए ओर धीरे से उसके nipples को सहलाने लगा जिस से उसके nipples सख़्त हो कर खड़े हो गये. सीमा के म्मे एक दम सख़्त ओर सीधे खड़े थे कोई झोल या ढीलापन नही था. मेरा लंड तन कर खड़ा था पर मैंने अपना सारा ध्यान सीमा को आहिस्ता आहिस्ता गर्म करने मे लगाया था ताकि उसे ऐसा मज़ा आए की वी पहली चुदाई को हमेशा याद रखे. मैं सीमा के होठों को चूमते हुए उस के गालों से होता हुआ उसके कानो तक अपना मुँह ले गया ओर उसके कान की लो को धीरे से अपने होठों मे ले कर जीभ से हल्के से मसलने लगा. आप को शायद मालूम हो की चूत के दाने (clitoris) ओर म्मो के nipples की तरह कानो की लो भी बहुत sensitive होती है. चुंबन उसके कानो की लो का ले रहा था पर पानी उसके चूत छोड़ रही थी क्यो की अबतक मेरा दूसरा हाथ सीमा की दोनो टाँगो के बीच मे पहुँच चुका था. उस की गुलाबी panty जो की एक thong था (thong सिर्फ़ चूत को थोड़ा सा ढक्ता है पीछे से एक पतली सी डोरी चूतरो की दरार मे से जाती है तो ऐसा लगता है की चूतर बिल्कुल नंगे हैं) ओर उसकी नाज़ुक चूत को ढकने मे बिल्कुल ही नाकामयाब था. मेरे होंट अपना काम कर रहे थे ओर मेरे हाथ बता रहे थे की सीमा की चूत कितनी गीली हो रही थी. मैने धीरे धीरे अपने होट उसके कान से नीचे लाने शूरू किए ओर उसकी गर्दन से होते हुए नीचे उसकी चुचियों तक पहुँचे ओर फिर उसके nipples को चूसते हुए नीचे पेट तक पहुँच गये. सीमा का पूरा बदन हल्के से कांप रहा था ओर मुँह से हल्की हल्की सिसकारियों के बीच “ओह जानू, आह जानू” की आवाज़े निकल रही थी.
उसके गीली panty से मुझे इतना पता चल चुका था की उसने चूत के बाल कटे तो थे मगर बिल्कुल साफ नही थे. पेट से नीचे आते आते मेरा मुँह अब उसके चूत तक आ पहुँचा था. मैंने धीरे से उसके चूतर उठा कर उसकी panty भी उतार दी. सीमा खूबसूरत थी यह तो ज़ाहिर था मगर उसका बदन ऐसा होगा मुझे भी तभी पता चला. बदन क्या था जेसे सोने का बना था. उसका एक एक अंग जेसे खुदा ने खुद तराशा था. गोरा रंग, सख्त चुचीयाँ, गुलाबी चूत करीने से तराशी हुई काली झांटो के बीच मे से झाँक रही थी. मैं तो बस पागल हुआ जा रहा था. सीमा के सामने वो 5 लड़किया जिन्हे मैं अब तक चोद चुका था मिल कर भी मुकाबला नही कर सकती थी. सीमा की साँस अब काफ़ी तेज हो चुकी थी. मैंने अपना मुँह ओर नीचे लेजा कर उसकी चूत पर रख दिया ओर अपनी जीभ से उसकी चूत के दोनो होंट खोल दिए. जीभ को थोड़ा सा उसकी चूत मैं डाला तो सीमा तड़प उठी. मैं अपनी जीभ से कभी उसकी चूत के दाने को सहला रहा था ओर कभी उसकी चूत के अंदर बाहर कर रहा था. सीमा की सिसकारियाँ तेज हो रही थी ओर वो बार बार “ओह जानू ओ जानू यह क्या कर दिया मेरे तो सारे जिस्म मे आग लगी हुई है.” कह रही थी ओर अपने चूतर उठा उठा कर मेरे मुँह पे लगा रही थी.
मैंने अपना मुँह उसकी चूत से हटा कर अपनी बीच की उंगली थोड़ी सी उसकी चूत मैं डाल दी ओर अपना मुँह उसके कान के पास ला कर कहा, “रानी, क्योंकि आज तुम्हारे लिए पहली बार है तो जब मेरा लंड तुम्हारी चूत मैं जाएगा तो थोड़ा दर्द होगा. तुम्हारे दर्द को कम करने के लिए मैंने तुम्हे इतना गरम किया है की तुम्हारी चूत पानी पानी हो रही है. पर फिर भी अगर तुम्हे दर्द ज़्यादा हो तो एक दम से बोल देना मैं अपना लॅंड बाहर निकल लूँगा. तो क्या लॅंड लेने को तयार हो?” सीमा की हालत खराब हो रही थी. वो बोली “हाँ जानू मेरे पूरे बदन मे ओर खास कर के मेरी चूत मे जेसे आग लगी हुई है. अगर लॅंड डालने से ये आग बुझ जाएगी तो मैं दर्द बर्दाश्त कर लूँगी. बस तुम अपना लॅंड डाल दो अब मेरी चूत मैं.” मैंने अपनी उंगली उसकी चूत से निकाली, सीमा की चूतड़ो के नीचे तकिया रखा ओर उस की टाँगो के बीच मे बैठ कर अपने लॅंड को सीमा की चूत के मुँह पे रख दिया ओर हल्का सा दबाव डाला. लॅंड का सुपाड़ा चूत मे घुस गया. मैंने सीमा का चेहरा अपने हाथो मैं ले कर पूछा “कुछ महसूस हुआ” तो उसने सिर हिला कर कहा की हाँ अंदर गया है.
मैंने पूछा की दर्द हो रहा हा तो उसने कहा नही अभी नही. मैंने लॅंड को थोड़ा ओर धक्का दिया तो लॅंड ओर अंदर तो गया पर उसे थोड़ी रुकावट महसूस हुई. मैं समझ गया की लॅंड सीमा की चूत की झिल्ली तक आ पहुँचा था. मैने सीमा को कहा की अगला धक्का तुम्हारी झिल्ली को तोड़ेगा ओर दर्द होगा. सीमा ने अपने आप को दर्द के लिए तयार कर लिया ओर मैने अपने लॅंड को थोड़ा ओर धक्का लगाया ओर वो झिल्ली को तोड़ कर चूत मे ओर आगे घुस गया. सीमा के मुँह से हल्की सी दर्द की सिसकारी निकली जिसे उसने अपने होटों को दांतो मैं दबा कर सहन कर लिया. लेकिन साथ ही साथ अपनी चूत को भी सिकोड लिया जिस से मेरे लॅंड पर चूत का दबाव ओर बड़ गया ओर मुझे लगा की मैं जन्नत मैं पहुँच गया हूँ.
कुछ सेकेंड्स तक हम दोनो ऐसे ही लेट कर पडे रहे. फिर सीमा का दर्द कम होना शूरू हो गया तो उसने अपनी टाँगे ओर चूत का दबाव कम किया. मैने एक बार फिर सीमा से पूछा “तुम ठीक हो या लॅंड बाहर निकाल दूं.” सीमा ने कहा “नही अब ठीक है. लॅंड अंदर ही रहने दो” मैने धीरे धीरे लॅंड के धक्के लगाने शूरू कर दिए. हर धक्के के साथ लॅंड ओर भी आसानी के साथ चूत के अंदर बाहर होने लगा. सीमा को भी अब मज़ा आने लगा था. मैने उसे कहा की जब मैं नीचे धक्का लगाता हूँ तो उस वक़्त तुम अपने चूतड़ो को उठा कर उपर की तरफ़ धक्का दो. इससे लॅंड पूरा चूत की गहराई तक जाएगा तो उसने हामी भर दी. उसके बाद तो जेसे हमारा ताल मेल जम गया. मैं उपर से लॅंड को धक्का मारता था ओर सीमा नीचे से चूत को. हर धक्के के साथ सीमा की मदहोशी बढ़ती ही जा रही थी.
उसके मुंह से तरह तरह की आवाजे निकल रही थी. उसकी बाँहों ने मुझे जकड रखा था और उसकी उँगलियों के नाखून मेरी पीठ मैं घुसे जा रहे थे. मेरे धक्को की रफ़्तार बढ़ती जा रही थी और सीमा बार बार कह रही थी “जानू जानू यह मुझे क्या हो रहा है” और अपनी टाँगे और ऊपर उठा रही थी. मैंने उसकी टाँगे अपने कंधो पर रख ली और और उसे थोड़ा और करीब खींच लिया. मेरा लंड जैसे पिस्टन बन गया था. सीमा कि गीली चूत में से लंड बिलकुल एक पिस्टन की तरह ही अंदर बाहर हो रहा था. सीमा का जिस्म एकदम से ऐसे कांपा और उसने मुझे इतनी जोर से जकड़ा की मैं समझ गया की उसका पानी झड़ गया है.
कुछ ही सेकण्ड्स के बाद मेरे लॅंड ने भी अपना फवारा छोड़ दिया और हम दोनों पसीने से तर एक दूसरे की बाहों में लिपटे यूँही पड़े रहे. थोड़ी देर यूँही लेटे रहने के बाद हमें बिस्तर कुछ गीला सा लगा. देखा तो सीमा की चूत के पानी से जिसमे थोड़ा सा लाल खून भी नजर आ रहा था बिस्तर गीला हो गया था. मैंने कहा कि हाउसकीपिंग को फ़ोन कर के चादर बदलवा लेते हैं तो सीमा बोली ” बुद्धू हो क्या! हाउसकीपिंग वाले क्या समझेगें.” मैंने कहा कि “यही के हम ने अभी अभी जम के चुदाई की है” सीमा ने शर्मा के कहा “धत बदमाश कंही के” और बाथरूम से २ तोलिये ला कर गीली जगह पर बिछा दिए और मेरी बाँहों में सिमट कर लेट गयी.
मैंने पूछा कि उसे कैसा लगा. दर्द हुआ था क्या. तो सीमा ने कहा नहीं बहुत मामूली सा दर्द हुआ था और मुझे होटों पर किस कर के बोली थैंक यू. मैंने कहा वह किस लिए तो बोली मुझे इतने प्यार से और आराम से चोदने के लिए. मेरी एक सहेली ने बताया था कि उस के पति ने सुहागरात को इतनी जोर से चोदा था कि वो दर्द से चिल्ला रही थी पर उसके पति को कोई परवाह ही नहीं थी. वह तो सिर्फ अपनी भूख मिटा रहा था.
सच्ची कहूँ तो मेरे दिल मैं भी थोड़ा सा डर था कि अगर तुम भी वैसे निकले तो. पर तुमने पहली रात से ही मेरा दिल जीत लीया. अगर कोई कसर रह गई थी तो आज तुमने जिस पेशेंस के साथ मुझे तय्यार किया तो वह भी सब दूर हो गयी. “हम तो जनाब आप के गुलाम हो गए हैं.” सीमा ने हँसते हुए कहा. मैंने प्यार से सीमा को एक हल्का सा चुम्बन दिया और कहा “हम भी आप के गुलाम हो गए हैं. पर क्या आप हमारे लिए एक काम करोगी” सीमा ने कहा “बिलकुल जो बोलोगे” मैंने कहा कि तुम अपनी चूत के बाल छोटे तो करती हो पर क्या तुम इन्हे बिलकुल ही साफ़ कर सकती हो. मुझे बिकुल साफ चूत बहुत अच्छी लगती हा. “बस इतनी सी बात. समझ लो हो गया” और मेरी बाहों मैं और भी सिमट गयी और हम दोनों यूं ही एक दुसरे कि बाहों मैं लिपटे हुए सो गए.
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शादी के बाद का स्वाद
मेरा नाम समर है ओर मेरी पत्नी का नाम सीमा. हमारी शादी को 16 साल हो चुके है मगर चुदाई मे अभी भी उतनी ही गर्मी है जो शादी के टाइम पर थी. इस का कारण है हमारा एक दूसरे के लिये प्यार ओर इज़्ज़त. शादी के वक़्त मेरी उमर 24 ओर सीमा की 22 साल थी. सीमा बिल्कुल भोली ओर कुवारी थी पर मैं शादी के पहले 5 लड़कियों को चोद चुका था पर. 5 लड़कियों को चोदने का एक फायदा यह हुआ था की मुझे समझ आ गयी थी की तुम अगर लड़की को प्यार ओर इज़्ज़त दोगे तो वो तुम्हारे लिए कुछ भी करने को तैयार होगी.
जैसे कि सब को पता है Indian शादी मे रात को कितनी देर हो जाती है. अगर उसके के बाद तुम यह सोच कर “कि आज तो मेरी सुहाग रात है ओर बीवी की चुदाई मेरा हक़ है” जा कर बीवी पे चढ़ जाओ तो उसमे कोई बहादुरी या समझदारी नही है. सुहागरात को मैने सीमा को प्यार से अपनी बाहों मे ले कर कहा “आज बहुत थक गयी हो ना” तो उसने शरमाते हुए सिर हिला के हामी भरी. मैने कहा “तो आज आराम करते है ओर जो आज रात को करना था वो कल करलेंगे”. सीमा को यह सुन कर बहुत हैरानी हुई ओर वो बोली “सच! तुम मेरे लिए कल तक का इंतज़ार करोगे”. मैंने कहा इस मैं हैरान होने की क्या बात है. सुहाग रात जितनी मेरे लिए मायने रखती है उतनी ही तुम्हारे लिए भी तो रखती है. मैं चाहता हूँ की तुम्हारी सुहाग रात की याद तुम्हारे लिए भी उतनी ही खूबसूरत हो जितनी मेरे लिए. यह सुन कर उसने मुझे ज़ोर से अपनी बाहों मे भर लिया ओर कहा “ओह समर तुम्हे बिल्कुल भी अंदाज़ा नही है कि तुम्हारे लिए मेरे दिल मे कितनी इज़्ज़त ओर प्यार बढ़ गया है. I Love you sooooo soooooo much”. ओर यह कह कर वो मेरी बाहों मे सिमॅट गयी. हम एक दूसरे की बाहों मे बातें करते करते ना जाने कब सो गये पता ही नही चला. अगले दिन सुबह सब लोग हमे देख कर मुस्करा रहे थे पर हमने किसी पर कोई ध्यान नही दिया. दोपहर कि फ्लाइट से हम दोनो अपने honeymoon के लिए रवाना हो गये. होटेल मे पहुँच कर हम लोगों ने चेंज किया ओर घूमने निकल गये. रात को सीमा ने मुझ से कहा “मुझ को सुहाग रात के बारे मैं पता तो है पर मैं आज तक किसी लड़के के साथ नही गयी हूँ.” मैंने कहा कि “तुम बिकुल भी चिंता ना करो. बस अगर कोई चीज़ ठीक ना लगे तो मुसझे बोल देना” ओर उसने सिर हिला कर हामी भर दी.
हम दोनो होटेल के शानदार डबल बेड पे लेट कर बाते कर रहे थे जब सीमा ने बताया कि चाहे वह बिलकुल कुवांरी है, पर शादी के २ महीने पहले से उसने डॉक्टर से सलह कर के बर्थ कंट्रोल कि पिल्स लेना शुरू कर दिया था. मैंने पूछा “सीमा तुम्हे पता है कि लड़के ओर लड़की के अंगो क्यो क्या कहते हैं. सीमा ने कहा “क्यों नही. लड़की की vagina होती है ओर लड़को का penis”. मैं हस पड़ा ओर बोला हिन्दी मे क्या कहते हैं. वो शर्मा गयी ओर बोली “धत!” मेरे ज़ोर देने पर बोली “लड़की की चूत ओर लड़के का लंड”. फिर मैंने पूछा की breasts को क्या कहते है तो बोली “छातियां”. मैंने कहा हां पर इन सब के कई नाम हैं. लंड को लौड़ा, चूत को फुददी, छातियों को चूचियाँ ओर म्मे भी कहते है. फिर मैंने कहा “तुम ने कभी किसी लड़के का लंड देखा है” तो उसने शर्मा के कहा नही. मैं यह सुन के हल्के से हस दिया ओर उसे अपने ओर भी करीब खींच लिया. उस की ठोड़ी से सिर थोड़ा ऊँचा कर के हल्के से उस के गुलाबी होट्टों को अपने होट्टों मैं ले लिया ओर उसने अपनी आंखे बंद कर ली. मैंने कहा “आँखे खोलो ओर बताओ कि क्या अच्छा लगा” ओर उसने आहिस्ते से कहा “हाँ”. उसके गुलाबी गालों का रंग उसके गुलाबी होटों से मिल रहा था ओर उसका गोरा बदन गुलाबी nighty मे कहर ढा रहा था. मैंने उस की आँखो मे देखते हुए उस की nighty की डोरी खोल दी ओर उसके हसीन म्मे कमरे की रोशनी मे जगमगा उठे. उसने nighty के नीचे bra नही पहनी थी सिर्फ़ गुलाबी रंग की panty पहन रखी थी. मैंने अपना एक हाथ उसके एक म्मे पर रख दिया ओर एकदम से उस के जिस्म मे हुई झुरझुरी को महसूस किया. फिर मैंने कहा अब तुम्हारी बारी है मुझे kiss करने की. उसने धीरे से मेरा नीचे का होंट अपने होटों मे ले कर हल्के से चूसना शूरू कर दिया.
मैंने आहिस्ते से उस के दोनो म्मे nighty मे से बाहर निकाल दिए ओर धीरे से उसके nipples को सहलाने लगा जिस से उसके nipples सख़्त हो कर खड़े हो गये. सीमा के म्मे एक दम सख़्त ओर सीधे खड़े थे कोई झोल या ढीलापन नही था. मेरा लंड तन कर खड़ा था पर मैंने अपना सारा ध्यान सीमा को आहिस्ता आहिस्ता गर्म करने मे लगाया था ताकि उसे ऐसा मज़ा आए की वी पहली चुदाई को हमेशा याद रखे. मैं सीमा के होठों को चूमते हुए उस के गालों से होता हुआ उसके कानो तक अपना मुँह ले गया ओर उसके कान की लो को धीरे से अपने होठों मे ले कर जीभ से हल्के से मसलने लगा. आप को शायद मालूम हो की चूत के दाने (clitoris) ओर म्मो के nipples की तरह कानो की लो भी बहुत sensitive होती है. चुंबन उसके कानो की लो का ले रहा था पर पानी उसके चूत छोड़ रही थी क्यो की अबतक मेरा दूसरा हाथ सीमा की दोनो टाँगो के बीच मे पहुँच चुका था. उस की गुलाबी panty जो की एक thong था (thong सिर्फ़ चूत को थोड़ा सा ढक्ता है पीछे से एक पतली सी डोरी चूतरो की दरार मे से जाती है तो ऐसा लगता है की चूतर बिल्कुल नंगे हैं) ओर उसकी नाज़ुक चूत को ढकने मे बिल्कुल ही नाकामयाब था. मेरे होंट अपना काम कर रहे थे ओर मेरे हाथ बता रहे थे की सीमा की चूत कितनी गीली हो रही थी. मैने धीरे धीरे अपने होट उसके कान से नीचे लाने शूरू किए ओर उसकी गर्दन से होते हुए नीचे उसकी चुचियों तक पहुँचे ओर फिर उसके nipples को चूसते हुए नीचे पेट तक पहुँच गये. सीमा का पूरा बदन हल्के से कांप रहा था ओर मुँह से हल्की हल्की सिसकारियों के बीच “ओह जानू, आह जानू” की आवाज़े निकल रही थी.
उसके गीली panty से मुझे इतना पता चल चुका था की उसने चूत के बाल कटे तो थे मगर बिल्कुल साफ नही थे. पेट से नीचे आते आते मेरा मुँह अब उसके चूत तक आ पहुँचा था. मैंने धीरे से उसके चूतर उठा कर उसकी panty भी उतार दी. सीमा खूबसूरत थी यह तो ज़ाहिर था मगर उसका बदन ऐसा होगा मुझे भी तभी पता चला. बदन क्या था जेसे सोने का बना था. उसका एक एक अंग जेसे खुदा ने खुद तराशा था. गोरा रंग, सख्त चुचीयाँ, गुलाबी चूत करीने से तराशी हुई काली झांटो के बीच मे से झाँक रही थी. मैं तो बस पागल हुआ जा रहा था. सीमा के सामने वो 5 लड़किया जिन्हे मैं अब तक चोद चुका था मिल कर भी मुकाबला नही कर सकती थी. सीमा की साँस अब काफ़ी तेज हो चुकी थी. मैंने अपना मुँह ओर नीचे लेजा कर उसकी चूत पर रख दिया ओर अपनी जीभ से उसकी चूत के दोनो होंट खोल दिए. जीभ को थोड़ा सा उसकी चूत मैं डाला तो सीमा तड़प उठी. मैं अपनी जीभ से कभी उसकी चूत के दाने को सहला रहा था ओर कभी उसकी चूत के अंदर बाहर कर रहा था. सीमा की सिसकारियाँ तेज हो रही थी ओर वो बार बार “ओह जानू ओ जानू यह क्या कर दिया मेरे तो सारे जिस्म मे आग लगी हुई है.” कह रही थी ओर अपने चूतर उठा उठा कर मेरे मुँह पे लगा रही थी.
मैंने अपना मुँह उसकी चूत से हटा कर अपनी बीच की उंगली थोड़ी सी उसकी चूत मैं डाल दी ओर अपना मुँह उसके कान के पास ला कर कहा, “रानी, क्योंकि आज तुम्हारे लिए पहली बार है तो जब मेरा लंड तुम्हारी चूत मैं जाएगा तो थोड़ा दर्द होगा. तुम्हारे दर्द को कम करने के लिए मैंने तुम्हे इतना गरम किया है की तुम्हारी चूत पानी पानी हो रही है. पर फिर भी अगर तुम्हे दर्द ज़्यादा हो तो एक दम से बोल देना मैं अपना लॅंड बाहर निकल लूँगा. तो क्या लॅंड लेने को तयार हो?” सीमा की हालत खराब हो रही थी. वो बोली “हाँ जानू मेरे पूरे बदन मे ओर खास कर के मेरी चूत मे जेसे आग लगी हुई है. अगर लॅंड डालने से ये आग बुझ जाएगी तो मैं दर्द बर्दाश्त कर लूँगी. बस तुम अपना लॅंड डाल दो अब मेरी चूत मैं.” मैंने अपनी उंगली उसकी चूत से निकाली, सीमा की चूतड़ो के नीचे तकिया रखा ओर उस की टाँगो के बीच मे बैठ कर अपने लॅंड को सीमा की चूत के मुँह पे रख दिया ओर हल्का सा दबाव डाला. लॅंड का सुपाड़ा चूत मे घुस गया. मैंने सीमा का चेहरा अपने हाथो मैं ले कर पूछा “कुछ महसूस हुआ” तो उसने सिर हिला कर कहा की हाँ अंदर गया है.
मैंने पूछा की दर्द हो रहा हा तो उसने कहा नही अभी नही. मैंने लॅंड को थोड़ा ओर धक्का दिया तो लॅंड ओर अंदर तो गया पर उसे थोड़ी रुकावट महसूस हुई. मैं समझ गया की लॅंड सीमा की चूत की झिल्ली तक आ पहुँचा था. मैने सीमा को कहा की अगला धक्का तुम्हारी झिल्ली को तोड़ेगा ओर दर्द होगा. सीमा ने अपने आप को दर्द के लिए तयार कर लिया ओर मैने अपने लॅंड को थोड़ा ओर धक्का लगाया ओर वो झिल्ली को तोड़ कर चूत मे ओर आगे घुस गया. सीमा के मुँह से हल्की सी दर्द की सिसकारी निकली जिसे उसने अपने होटों को दांतो मैं दबा कर सहन कर लिया. लेकिन साथ ही साथ अपनी चूत को भी सिकोड लिया जिस से मेरे लॅंड पर चूत का दबाव ओर बड़ गया ओर मुझे लगा की मैं जन्नत मैं पहुँच गया हूँ.
कुछ सेकेंड्स तक हम दोनो ऐसे ही लेट कर पडे रहे. फिर सीमा का दर्द कम होना शूरू हो गया तो उसने अपनी टाँगे ओर चूत का दबाव कम किया. मैने एक बार फिर सीमा से पूछा “तुम ठीक हो या लॅंड बाहर निकाल दूं.” सीमा ने कहा “नही अब ठीक है. लॅंड अंदर ही रहने दो” मैने धीरे धीरे लॅंड के धक्के लगाने शूरू कर दिए. हर धक्के के साथ लॅंड ओर भी आसानी के साथ चूत के अंदर बाहर होने लगा. सीमा को भी अब मज़ा आने लगा था. मैने उसे कहा की जब मैं नीचे धक्का लगाता हूँ तो उस वक़्त तुम अपने चूतड़ो को उठा कर उपर की तरफ़ धक्का दो. इससे लॅंड पूरा चूत की गहराई तक जाएगा तो उसने हामी भर दी. उसके बाद तो जेसे हमारा ताल मेल जम गया. मैं उपर से लॅंड को धक्का मारता था ओर सीमा नीचे से चूत को. हर धक्के के साथ सीमा की मदहोशी बढ़ती ही जा रही थी.
उसके मुंह से तरह तरह की आवाजे निकल रही थी. उसकी बाँहों ने मुझे जकड रखा था और उसकी उँगलियों के नाखून मेरी पीठ मैं घुसे जा रहे थे. मेरे धक्को की रफ़्तार बढ़ती जा रही थी और सीमा बार बार कह रही थी “जानू जानू यह मुझे क्या हो रहा है” और अपनी टाँगे और ऊपर उठा रही थी. मैंने उसकी टाँगे अपने कंधो पर रख ली और और उसे थोड़ा और करीब खींच लिया. मेरा लंड जैसे पिस्टन बन गया था. सीमा कि गीली चूत में से लंड बिलकुल एक पिस्टन की तरह ही अंदर बाहर हो रहा था. सीमा का जिस्म एकदम से ऐसे कांपा और उसने मुझे इतनी जोर से जकड़ा की मैं समझ गया की उसका पानी झड़ गया है.
कुछ ही सेकण्ड्स के बाद मेरे लॅंड ने भी अपना फवारा छोड़ दिया और हम दोनों पसीने से तर एक दूसरे की बाहों में लिपटे यूँही पड़े रहे. थोड़ी देर यूँही लेटे रहने के बाद हमें बिस्तर कुछ गीला सा लगा. देखा तो सीमा की चूत के पानी से जिसमे थोड़ा सा लाल खून भी नजर आ रहा था बिस्तर गीला हो गया था. मैंने कहा कि हाउसकीपिंग को फ़ोन कर के चादर बदलवा लेते हैं तो सीमा बोली ” बुद्धू हो क्या! हाउसकीपिंग वाले क्या समझेगें.” मैंने कहा कि “यही के हम ने अभी अभी जम के चुदाई की है” सीमा ने शर्मा के कहा “धत बदमाश कंही के” और बाथरूम से २ तोलिये ला कर गीली जगह पर बिछा दिए और मेरी बाँहों में सिमट कर लेट गयी.
मैंने पूछा कि उसे कैसा लगा. दर्द हुआ था क्या. तो सीमा ने कहा नहीं बहुत मामूली सा दर्द हुआ था और मुझे होटों पर किस कर के बोली थैंक यू. मैंने कहा वह किस लिए तो बोली मुझे इतने प्यार से और आराम से चोदने के लिए. मेरी एक सहेली ने बताया था कि उस के पति ने सुहागरात को इतनी जोर से चोदा था कि वो दर्द से चिल्ला रही थी पर उसके पति को कोई परवाह ही नहीं थी. वह तो सिर्फ अपनी भूख मिटा रहा था.
सच्ची कहूँ तो मेरे दिल मैं भी थोड़ा सा डर था कि अगर तुम भी वैसे निकले तो. पर तुमने पहली रात से ही मेरा दिल जीत लीया. अगर कोई कसर रह गई थी तो आज तुमने जिस पेशेंस के साथ मुझे तय्यार किया तो वह भी सब दूर हो गयी. “हम तो जनाब आप के गुलाम हो गए हैं.” सीमा ने हँसते हुए कहा. मैंने प्यार से सीमा को एक हल्का सा चुम्बन दिया और कहा “हम भी आप के गुलाम हो गए हैं. पर क्या आप हमारे लिए एक काम करोगी” सीमा ने कहा “बिलकुल जो बोलोगे” मैंने कहा कि तुम अपनी चूत के बाल छोटे तो करती हो पर क्या तुम इन्हे बिलकुल ही साफ़ कर सकती हो. मुझे बिकुल साफ चूत बहुत अच्छी लगती हा. “बस इतनी सी बात. समझ लो हो गया” और मेरी बाहों मैं और भी सिमट गयी और हम दोनों यूं ही एक दुसरे कि बाहों मैं लिपटे हुए सो गए.
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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