FUN-MAZA-MASTI
विक्की युवा लड़का था जो अपने मा-बाप के साथ एक अच्छे शहर में रहता था।
उसके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी थी।
इकलौता होने के बावजूद वह ज्यादा जिद्दी नहीं था।
दिखने में वह अपने मा-बाप की तरह गोरा-चिट्टा था।
उसके पिता एक बिजनेसमैन थे।
मा एक गृहिणी थी।
शहर की एक अच्छी कालोनी में घर था।
सम्पन्न घर होने की वजह से विक्की* को अच्छे स्कूल में भेजा जाता था।
स्कूल के अलावा उसे उसी कालोनी में ट्यूशन पर भी भेजा जाता था।
ट्यूशन चलाने वाली उसकी कालोनी की एक महिला थी जिसका नाम मिनी था।
मिनी का पति दुबई में नौकरी करता था।
साल में एक बार ही घर आता था।
अकेली होने की वजह से वह ट्यूशन पढ़ाया करती थी।
इससे उसका वक्त कट जाया करता था।
ऐसे ही समय गुजर रहा था।
मिनी का दिन तो बच्चों को पढ़ाने में गुजर जाता था लेकिन रात में उसे बैचेनी होने लगती थी।
शरीरक सुख न मिलने से उसकी बैचेनी बढ़ने लगती।
जब पति घर आता तब तो समय कैसे कटता उसे पता ही नहीं चलता था।
लेकिन जब पति नौकरी पर होता तो उसे पति का साथ याद आता और उसकी योनि में खलबली मच जाती।
उसे समझ न आता कि योनि की खुजली कैसे शांत करे?
उसने कई उपाय आजमाए।
उंगली, बैंगन, गाजर।
पर लिंग के अनुभव के आगे इन चीजों का अनुभव बेकार लगता।
उसे समझ न आता क्या करें और क्या ना करे?
ऐसी ही उहापोह में उसकी रातें कटती।
एक दिन की बात है उसकी एक सहेली थी, जिसका नाम सरला था, उससे मिलने आई।
वह भी अच्छे घर से थी इसलिये उसके शोक भी अच्छे ही थे।
महंगे जेवर, मोबाईल, चूडि़या या झुमके।
उसने नया मोबाईल खरीदा था।
वह मिनी को नया मोबाईल दिखाने लगी।
मिनी भी उस मोबाईल को गौर से देख रही थी।
उसने सरला से पूछा – अरे, इसमें और नया दिखाने लायक क्या है?
सरला ने शरारती मुस्कान के साथ उसे कहा – धीरज रख बताती हूँ, इसमें खास क्या है?
और सरला ने मोबाईल में डली ब्लू फिल्मों की क्लिपिंग मिनी को दिखाना चालू किया।
एक के बाद एक फटाफट दिखाती गई।
मिनी का तो बुरा हाल होने लगा।
उसकी योनि में तेज खुजली होने लगी।
फिर एक क्लिप चालू हुई जिसमें एक मैडम और उसका स्टूडेंट क्लास में खड़े थे।
स्टूडेंट लड़का काफी छोटा लग रहा था।
मैडम उस स्टूडेंट के सामने घुटनों के बल बैठ गई और उसकी पैंट खोलकर उसका लिंग बाहर निकाल लिया।
अब मैडम लड़के के लिंग को लालीपाप की तरह चूसने लगी और लड़का सिस्कारियां लेते हुए मैडम का सिर पकड़कर अपना लिंग उसके मुँह में अन्दर बाहर करने लगा।
थोड़ी देर लिंग चूसने के बाद मैडम टेबल पर पैर फैलाकर बैठ गई।
अब लड़का मैडम की योनि चाटने लगा और मैडम सिस्कारियां लेने लगी।
थोड़ी देर बाद मैडम ने लड़के को पकड़ कर खड़ा कर दिया और लड़के ने अपना लिंग मैडम की योनि में डाला और अन्दर बाहर करने लगा।
मिनी की योनि से काम रस नदी की तरह बहने लगा।
अब लड़के ने मैडम को डागी स्टाईल में चोदना शुरू किया।
थोड़ी देर बाद दोनों झड़ गये और लड़का सिस्कारियां लेते हुए मैडम से चिपक गया और मैडम भी सिसकारी लेते हुए ठण्डी पड़ गई।
मिनी का हाल बहुत बुरा हो चुका था।
अब तो वो अपनी योनि में लिंग लेने के लिये तड़प् उठी।
लेकिन कर भी क्या सकती थी?
उसकी सहेली थोड़ी देर गपशप कर चली गई लेकिन मिनी की योनि में आग लगा गई।
थोड़ी देर बाद काल बेल बजी।
मिनी ने दरवाजा खोला तो विक्की अपना बैग लेकर सामने खड़ा था।
उसने विक्की को अन्दर बुला लिया और विक्की अन्दर जाकर सोफे पर बैठ गया।
विक्की को देखकर मिनी की आँखों के सामने टीचर और स्टूडेंट की फिल्म घूम गई।
अब मिनी को विक्की की जगह वही स्टूडेंट नजर आ रहा था।
उसका मन कर रहा था कि विक्की की पैंट खोलकर उसका लिंग अपनी योनि में घुसा ले और अपनी प्यास बुझा ले।
लेकिन छोटे से लड़के के साथ सेक्स करना बहुत ही मुश्किल काम था।
शायद वो सेक्स के बारे में जानता ना हो और ऐसी हरकत पर वह जाकर अपने घरवालों को बता दे तो बहुत बेईज्जती होगी।
अब मिनी के दिमाग में योजनाओं ने आना-जाना चालू कर दिया था।
मिनी रोज की तरह उसके पास बैठकर उसे पढ़ाने लगी।
आज वह विक्की से कुछ ज्यादा ही चिपक कर बैठी थी।
मिनी के दिमाग में एक आईडिया आया।
वह विक्की को कुछ सवाल देकर बोली – विक्की, ये सवाल हल करो जब तक मैं चेन्ज करके आती हूँ।
विक्की ने हाँ में सिर हिला दिया।
मिनी कमरे में गई और उसने सारे कपड़े निकाल दिये और गहरे गले का गाऊन पहन लिया।
उस गाऊन के गले में से उसकी घाटियों की दरार स्पष्ट दिखाई देने लगी थी।
थोड़ा सा झुकने पर अन्दर का सारा हाल साफ दिखाई देता था।
अब वो बाहर आकर फिर विक्की से चिपक कर बैठ गई और सवाल देखने लगी।
सवाल चैक करते-करते वो विक्की की तरफ थोड़ी घूम गई और थोड़ा झुक कर सवाल देखने लगी।
इस हरकत की वजह से विक्की को उसके गाऊन के अन्दर का सारा दृष्य दिखाई देने लगा।
मिनी ने धीरे से सिर उठाकर विक्की को देखा तो वो गाऊन के अन्दर हैरानी से देख रहा था और जैसे ही उसका मिनी की तरफ ध्यान गया तो वह सकपका गया।
मिनी ने उससे दिखावटी गुस्से से पूछ लिया – विक्की क्या देख रहे थे?
वह सकपकते हुए बोला – क.. क.. कुछ नहीं, मैडम।
मिनी बोली – मेरे गाऊन के अन्दर देख रहे थे ना? शरारती कहीं के।
अच्छा बताओ क्या दिखा?
वह शरमाते हुए बोला – वो मैडम, मुझे शरम आती है।
अरे इसमें शरमाने की क्या बात है?
तुम तो मेरे बहुत अच्छे दोस्त हो। तो फिर क्यों शरमाते हो?
वह बोला – आपके दूद्दू बहुत अच्छे हैं।
हाय राम! मैं तुझे पढ़ा रही हूँ और तू मेरे दूद्दू देख रहा है।
मिनी ने बनावटी गुस्से से कहा।
फिर मिनी ने सोचा अगर ज्यादा गुस्सा दिखाया तो ये बिदक जायेगा इसलिये मिनी ने उससे कहा – अच्छा चल बता, तूझे दूद्दू देखने में मज़ा आता है क्या?
तेरी और क्या-क्या इच्छा होती है दूद्दू देखकर?
उसने शरमाते हुए कहा – मैडम, मुझे इन्हें चूसने की इच्छा होती है।
मिनी ने कहा – क्या? चूसने की इच्छा होती है?
तो क्या मेरे दूद्दू भी चूसने की इच्छा है क्या तेरी?
वो कुछ नहीं बोला।
मिनी ने फिर कहा – अरे बता ना। मैं किसी को कुछ नहीं बताऊॅगी।
उसने हाँ में सिर हिला दिया।
मिनी ने गाऊन के बटन खोलकर अपना एक स्तन बाहर निकाला और उससे कहा – ले! एक बार चूस ले। मैं बुरा नहीं मानूंगी।
वो एकटक मिनी के स्तन की तरफ देखता रहा।
मिनी ने फिर कहा – अरे देख क्या रहा है? मैं सच में किसी से नहीं कहूँगी। चूस ले इसको।
वो शरमाते हुए मेरे करीब आया और अपने होंठ मिनी के मुँह से सिसकारी निकल पड़ी।
वो घबराकर मिनी से पूछने लगा – क्या हुआ मैडम? आपको दर्द हो रहा है?
मिनी पर वासना हावी हो रही थी। उसने कहा – कुछ नहीं रे। बस तू चूसता रह। और वह फिर से निप्पल को चूसने लगा।
मिनी ने वासना के आवेश में आकर उसका मुँह पकड़ कर ऊपर किया और उसके गुलाबी होंठों को अपने होठों में लेकर चूसने लगी।
वह गॅू गॅू की आवाज करने लगा। कुछ देर उसके होंठ चूसने के बाद मिनी ने जब उसे छोड़ा तो वह कहने लगा – मैडम, मुझे कुछ-कुछ हो रहा है।
मिनी का ध्यान उसकी चड्डी पर गया तो देखा उसके लिंग में तनाव आ गया था और उसकी चड्डी तम्बू बन गई थी।
मिनी ने उससे पूछा – तूझे कैसा लगा?
वह बोला – मैडम बहुत अच्छा लगा। पर मुझे अन्दर से कुछ अजीब सा भी लग रहा है।
मिनी ने कहा – तूझे प्यार करने की इच्छा हो रही है तभी अन्दर से ऐसा लग रहा है।
वह बोला – मैडम, ये प्यार कैसे करते है?
मिनी बोली – चल आज तूझे सिखाती हूँ कि प्यार कैसे करते हैं।
पर ये बात हम दोनों के बीच ही रहनी चाहिये।
किसी को भी पता ना चले।
उसने हाँ में सिर हिला दिया।
मिनी बोली – प्यार करने के लिये कपडों को हटाना पड़ता है।
यह सुनकर वो कुछ शरमा गया और आष्चर्य से मिनी को देखने लगा।
मिनी ने कहा – अरे, हैरान क्यों होता है। इसमें बहुत मजा आता है।
बोल करेगा मुझे प्यार?
उसने हाँ कहा।
फिर मिनी ने उसकी टीशर्ट उतार दी।
जब वह चड्डी उतारने लगी तो उसने मिनी का हाथ पकड़ लिया।
उसने कहा – अरे मैंने कहा ना शरमा मत।
यहाँ हम दोनों के अलावा कोई नही है और बाहर किसी को भी पता नहीं चलेगी।
कहकर मिनी ने जबरदस्ती उसकी चड्डी उतार दी।
अब वो सिर्फ अण्डरवियर में था।
फिर उसकी अण्डरवियर भी खींच कर उतार दी।
जैसे ही अण्डरवियर उतरी उसने अपने दोनों हाथों से अपने लिंग को ढॅक लिया।
मिनी ने हॅसते हुए उससे पूछा – अरे मुझसे शरमता क्यॅू है?
क्या तूझे मजे वाला प्यार नहीं करना है?
उसने कहा – हाँ करना है ना।
मिनी ने कहा – तो फिर तूझे शरमाना छोड़ना पड़ेगा तभी तूझे मजा आयेगा।
वो बोला – क्या आप भी कपड़े उतारोगे?
मिनी बोली – हाँ, मुझे भी कपड़े उतारने पड़ेंगे।
और फिर मिनी ने अपना गाऊन उतार दिया।
अब हम दोनों नंगे थे।
वो मिनी के नंगे बदन को बड़े गौर से देख रहा था।
जब उसका ध्यान मिनी की योनि की तरफ गया तौ वो हैरानी से उसे देखने लगा और बोला – मैडम, आपकी सूसू कहाँ गई?
मिनी ने हॅसते हुए कहा – अरे, लड़कियों की सूसू ऐसी ही होती है।
हाथ लगा कर देखना है?
उसने हाँ में सिर हिला दिया।
मिनी ने उसका हाथ पकड़ कर अपनी योनि पर रख दिया।
वह अपना हाथ मिनी की योनि पर फेरकर देखने लगा।
मिनी के पूरे बदन में वासना लहर दौड़ने लगी और उसकी आँखें बंद हो गई।
मिनी ने विक्की को खींचकर अपने से चिपका लिया और उसके होंठों को चूसने लगी।
इस दौरान वह पलंग पर लेट गई और विक्की उसके ऊपर लेट गया और दोनों की चूमा चाटी काफी देर चलती रही।
मिनी ने अपने दोनों पैर फैला लिये और विक्की को अपने पैरों के बीच कर लिया और एक हाथ से उसका लिंग पकड़ कर अपनी योनि के छेद पर टिका दिया।
अब मिनी ने अपने दोनों पैर उसके ऊपर कैची बनाकर उसे पैरों से धक्का दिया तो उसका लिंग मिनी की योनि में सनसनाता हुआ घुस गया और विक्की ने चूमना छोड़कर आह भरी।
मिनी ने रूककर पूछा – विक्की मजा आया?
उसने हाँ कहा।
मिनी बोली – मेरे निप्पल चूसो और अपनी सूसू को मेरी सूसू के अन्दर बाहर करो।
बहुत मजा आयेगा।
उसने एक निप्पल को चूसते हुए अपनी कमर को ऊपर-नीचे करके धक्के लगाना चालू किया।
मिनी भी अपनी कमर को ऊका-ऊचका कर उसका लिंग अपनी योनि में जड़ तक
ले रही थी और उसके मुँह से सिस्कारियां निकलती जा रही थीं।
विक्की को भी मजा आ रहा था और वह जोश में धक्के पर धक्के लगाता जा रहा था।
कुछ ही देर में विक्की ने कहा – मैडम, मुझे सू सू आ रहा है।
मिनी बोली – मेरे अन्दर ही कर दे और उसका मुँह पकड़ कर उसके होंठ जोरों से चूमने लगी।
अब मिनी भी झड़ने के करीब थी।
उसने विक्की की पीठ पर हाथ रखे और उसे अपनी ओर खींचने लगी।
चंद धक्कों के साथ दोनों सिस्कारियां भरकर झड़ने लगे और पस्त होकर चिपक कर ठण्डे हो गए।
कुछ देर दोनों ऐसे ही लेटे रहे।
विक्की का लिंग अभी भी मिनी की योनि के अन्दर ही था जो थोड़ी देर बाद सिकुड़ कर बाहर निकल गया।
मिनी ने धीरे से विक्की से पूछा – विक्की प्यार कैसा लगा?
विक्की ने कहा – मैडम मुझे बहुत मजा आया। क्या प्यार ऐसे ही करते है?
मिनी ने हाँ में सिर हिलाया। फिर विक्की मिनी के पास चिपक कर सो गया और मिनी को भी नींद लग गई।
मिनी की नींद खुली तो उसका ध्यान घड़ी की तरफ गया।
शाम के पांच बज रहे थे।
वो एकदम से उठी और फटाफट गाऊन पहना।
फिर विक्की को उठाया और किचन में चाय बनाने चली गई।
चाय बनाकर आई तब तक विक्की कपड़े पहन कर पलंग पर बैठा अपना बैग जमा रहा था।
मिनी ने टेबल पर चाय रखी और विक्की से बोली – आज मैंने तुम्हें जो प्यार करना सिखाया है उसे बाहर किसी को भी बताना नहीं।
ये राज हम दोनों के बीच ही रहेगा।
वो बोला – ठीक है मैडम। पर आप क्या रोज मुझे प्यार करेंगी?
मिनी ने उसके गालों पर पप्पी लगाते हुए कहा – हाँ मेरे राजा।
मैं तुम्हें रोज ऐसे ही प्यार करूगी।
वो खुश हो गया और चाय पी कर अपने घर चला गया।
अब मिनी की जिन्दगी बढि़या चल रही थी।
रोज विक्की पढ़ने आता और पढ़ाई के साथ प्यार का मजा लेता।
मैडम ने सिखाया प्यार का खेल
विक्की युवा लड़का था जो अपने मा-बाप के साथ एक अच्छे शहर में रहता था।
उसके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी थी।
इकलौता होने के बावजूद वह ज्यादा जिद्दी नहीं था।
दिखने में वह अपने मा-बाप की तरह गोरा-चिट्टा था।
उसके पिता एक बिजनेसमैन थे।
मा एक गृहिणी थी।
शहर की एक अच्छी कालोनी में घर था।
सम्पन्न घर होने की वजह से विक्की* को अच्छे स्कूल में भेजा जाता था।
स्कूल के अलावा उसे उसी कालोनी में ट्यूशन पर भी भेजा जाता था।
ट्यूशन चलाने वाली उसकी कालोनी की एक महिला थी जिसका नाम मिनी था।
मिनी का पति दुबई में नौकरी करता था।
साल में एक बार ही घर आता था।
अकेली होने की वजह से वह ट्यूशन पढ़ाया करती थी।
इससे उसका वक्त कट जाया करता था।
ऐसे ही समय गुजर रहा था।
मिनी का दिन तो बच्चों को पढ़ाने में गुजर जाता था लेकिन रात में उसे बैचेनी होने लगती थी।
शरीरक सुख न मिलने से उसकी बैचेनी बढ़ने लगती।
जब पति घर आता तब तो समय कैसे कटता उसे पता ही नहीं चलता था।
लेकिन जब पति नौकरी पर होता तो उसे पति का साथ याद आता और उसकी योनि में खलबली मच जाती।
उसे समझ न आता कि योनि की खुजली कैसे शांत करे?
उसने कई उपाय आजमाए।
उंगली, बैंगन, गाजर।
पर लिंग के अनुभव के आगे इन चीजों का अनुभव बेकार लगता।
उसे समझ न आता क्या करें और क्या ना करे?
ऐसी ही उहापोह में उसकी रातें कटती।
एक दिन की बात है उसकी एक सहेली थी, जिसका नाम सरला था, उससे मिलने आई।
वह भी अच्छे घर से थी इसलिये उसके शोक भी अच्छे ही थे।
महंगे जेवर, मोबाईल, चूडि़या या झुमके।
उसने नया मोबाईल खरीदा था।
वह मिनी को नया मोबाईल दिखाने लगी।
मिनी भी उस मोबाईल को गौर से देख रही थी।
उसने सरला से पूछा – अरे, इसमें और नया दिखाने लायक क्या है?
सरला ने शरारती मुस्कान के साथ उसे कहा – धीरज रख बताती हूँ, इसमें खास क्या है?
और सरला ने मोबाईल में डली ब्लू फिल्मों की क्लिपिंग मिनी को दिखाना चालू किया।
एक के बाद एक फटाफट दिखाती गई।
मिनी का तो बुरा हाल होने लगा।
उसकी योनि में तेज खुजली होने लगी।
फिर एक क्लिप चालू हुई जिसमें एक मैडम और उसका स्टूडेंट क्लास में खड़े थे।
स्टूडेंट लड़का काफी छोटा लग रहा था।
मैडम उस स्टूडेंट के सामने घुटनों के बल बैठ गई और उसकी पैंट खोलकर उसका लिंग बाहर निकाल लिया।
अब मैडम लड़के के लिंग को लालीपाप की तरह चूसने लगी और लड़का सिस्कारियां लेते हुए मैडम का सिर पकड़कर अपना लिंग उसके मुँह में अन्दर बाहर करने लगा।
थोड़ी देर लिंग चूसने के बाद मैडम टेबल पर पैर फैलाकर बैठ गई।
अब लड़का मैडम की योनि चाटने लगा और मैडम सिस्कारियां लेने लगी।
थोड़ी देर बाद मैडम ने लड़के को पकड़ कर खड़ा कर दिया और लड़के ने अपना लिंग मैडम की योनि में डाला और अन्दर बाहर करने लगा।
मिनी की योनि से काम रस नदी की तरह बहने लगा।
अब लड़के ने मैडम को डागी स्टाईल में चोदना शुरू किया।
थोड़ी देर बाद दोनों झड़ गये और लड़का सिस्कारियां लेते हुए मैडम से चिपक गया और मैडम भी सिसकारी लेते हुए ठण्डी पड़ गई।
मिनी का हाल बहुत बुरा हो चुका था।
अब तो वो अपनी योनि में लिंग लेने के लिये तड़प् उठी।
लेकिन कर भी क्या सकती थी?
उसकी सहेली थोड़ी देर गपशप कर चली गई लेकिन मिनी की योनि में आग लगा गई।
थोड़ी देर बाद काल बेल बजी।
मिनी ने दरवाजा खोला तो विक्की अपना बैग लेकर सामने खड़ा था।
उसने विक्की को अन्दर बुला लिया और विक्की अन्दर जाकर सोफे पर बैठ गया।
विक्की को देखकर मिनी की आँखों के सामने टीचर और स्टूडेंट की फिल्म घूम गई।
अब मिनी को विक्की की जगह वही स्टूडेंट नजर आ रहा था।
उसका मन कर रहा था कि विक्की की पैंट खोलकर उसका लिंग अपनी योनि में घुसा ले और अपनी प्यास बुझा ले।
लेकिन छोटे से लड़के के साथ सेक्स करना बहुत ही मुश्किल काम था।
शायद वो सेक्स के बारे में जानता ना हो और ऐसी हरकत पर वह जाकर अपने घरवालों को बता दे तो बहुत बेईज्जती होगी।
अब मिनी के दिमाग में योजनाओं ने आना-जाना चालू कर दिया था।
मिनी रोज की तरह उसके पास बैठकर उसे पढ़ाने लगी।
आज वह विक्की से कुछ ज्यादा ही चिपक कर बैठी थी।
मिनी के दिमाग में एक आईडिया आया।
वह विक्की को कुछ सवाल देकर बोली – विक्की, ये सवाल हल करो जब तक मैं चेन्ज करके आती हूँ।
विक्की ने हाँ में सिर हिला दिया।
मिनी कमरे में गई और उसने सारे कपड़े निकाल दिये और गहरे गले का गाऊन पहन लिया।
उस गाऊन के गले में से उसकी घाटियों की दरार स्पष्ट दिखाई देने लगी थी।
थोड़ा सा झुकने पर अन्दर का सारा हाल साफ दिखाई देता था।
अब वो बाहर आकर फिर विक्की से चिपक कर बैठ गई और सवाल देखने लगी।
सवाल चैक करते-करते वो विक्की की तरफ थोड़ी घूम गई और थोड़ा झुक कर सवाल देखने लगी।
इस हरकत की वजह से विक्की को उसके गाऊन के अन्दर का सारा दृष्य दिखाई देने लगा।
मिनी ने धीरे से सिर उठाकर विक्की को देखा तो वो गाऊन के अन्दर हैरानी से देख रहा था और जैसे ही उसका मिनी की तरफ ध्यान गया तो वह सकपका गया।
मिनी ने उससे दिखावटी गुस्से से पूछ लिया – विक्की क्या देख रहे थे?
वह सकपकते हुए बोला – क.. क.. कुछ नहीं, मैडम।
मिनी बोली – मेरे गाऊन के अन्दर देख रहे थे ना? शरारती कहीं के।
अच्छा बताओ क्या दिखा?
वह शरमाते हुए बोला – वो मैडम, मुझे शरम आती है।
अरे इसमें शरमाने की क्या बात है?
तुम तो मेरे बहुत अच्छे दोस्त हो। तो फिर क्यों शरमाते हो?
वह बोला – आपके दूद्दू बहुत अच्छे हैं।
हाय राम! मैं तुझे पढ़ा रही हूँ और तू मेरे दूद्दू देख रहा है।
मिनी ने बनावटी गुस्से से कहा।
फिर मिनी ने सोचा अगर ज्यादा गुस्सा दिखाया तो ये बिदक जायेगा इसलिये मिनी ने उससे कहा – अच्छा चल बता, तूझे दूद्दू देखने में मज़ा आता है क्या?
तेरी और क्या-क्या इच्छा होती है दूद्दू देखकर?
उसने शरमाते हुए कहा – मैडम, मुझे इन्हें चूसने की इच्छा होती है।
मिनी ने कहा – क्या? चूसने की इच्छा होती है?
तो क्या मेरे दूद्दू भी चूसने की इच्छा है क्या तेरी?
वो कुछ नहीं बोला।
मिनी ने फिर कहा – अरे बता ना। मैं किसी को कुछ नहीं बताऊॅगी।
उसने हाँ में सिर हिला दिया।
मिनी ने गाऊन के बटन खोलकर अपना एक स्तन बाहर निकाला और उससे कहा – ले! एक बार चूस ले। मैं बुरा नहीं मानूंगी।
वो एकटक मिनी के स्तन की तरफ देखता रहा।
मिनी ने फिर कहा – अरे देख क्या रहा है? मैं सच में किसी से नहीं कहूँगी। चूस ले इसको।
वो शरमाते हुए मेरे करीब आया और अपने होंठ मिनी के मुँह से सिसकारी निकल पड़ी।
वो घबराकर मिनी से पूछने लगा – क्या हुआ मैडम? आपको दर्द हो रहा है?
मिनी पर वासना हावी हो रही थी। उसने कहा – कुछ नहीं रे। बस तू चूसता रह। और वह फिर से निप्पल को चूसने लगा।
मिनी ने वासना के आवेश में आकर उसका मुँह पकड़ कर ऊपर किया और उसके गुलाबी होंठों को अपने होठों में लेकर चूसने लगी।
वह गॅू गॅू की आवाज करने लगा। कुछ देर उसके होंठ चूसने के बाद मिनी ने जब उसे छोड़ा तो वह कहने लगा – मैडम, मुझे कुछ-कुछ हो रहा है।
मिनी का ध्यान उसकी चड्डी पर गया तो देखा उसके लिंग में तनाव आ गया था और उसकी चड्डी तम्बू बन गई थी।
मिनी ने उससे पूछा – तूझे कैसा लगा?
वह बोला – मैडम बहुत अच्छा लगा। पर मुझे अन्दर से कुछ अजीब सा भी लग रहा है।
मिनी ने कहा – तूझे प्यार करने की इच्छा हो रही है तभी अन्दर से ऐसा लग रहा है।
वह बोला – मैडम, ये प्यार कैसे करते है?
मिनी बोली – चल आज तूझे सिखाती हूँ कि प्यार कैसे करते हैं।
पर ये बात हम दोनों के बीच ही रहनी चाहिये।
किसी को भी पता ना चले।
उसने हाँ में सिर हिला दिया।
मिनी बोली – प्यार करने के लिये कपडों को हटाना पड़ता है।
यह सुनकर वो कुछ शरमा गया और आष्चर्य से मिनी को देखने लगा।
मिनी ने कहा – अरे, हैरान क्यों होता है। इसमें बहुत मजा आता है।
बोल करेगा मुझे प्यार?
उसने हाँ कहा।
फिर मिनी ने उसकी टीशर्ट उतार दी।
जब वह चड्डी उतारने लगी तो उसने मिनी का हाथ पकड़ लिया।
उसने कहा – अरे मैंने कहा ना शरमा मत।
यहाँ हम दोनों के अलावा कोई नही है और बाहर किसी को भी पता नहीं चलेगी।
कहकर मिनी ने जबरदस्ती उसकी चड्डी उतार दी।
अब वो सिर्फ अण्डरवियर में था।
फिर उसकी अण्डरवियर भी खींच कर उतार दी।
जैसे ही अण्डरवियर उतरी उसने अपने दोनों हाथों से अपने लिंग को ढॅक लिया।
मिनी ने हॅसते हुए उससे पूछा – अरे मुझसे शरमता क्यॅू है?
क्या तूझे मजे वाला प्यार नहीं करना है?
उसने कहा – हाँ करना है ना।
मिनी ने कहा – तो फिर तूझे शरमाना छोड़ना पड़ेगा तभी तूझे मजा आयेगा।
वो बोला – क्या आप भी कपड़े उतारोगे?
मिनी बोली – हाँ, मुझे भी कपड़े उतारने पड़ेंगे।
और फिर मिनी ने अपना गाऊन उतार दिया।
अब हम दोनों नंगे थे।
वो मिनी के नंगे बदन को बड़े गौर से देख रहा था।
जब उसका ध्यान मिनी की योनि की तरफ गया तौ वो हैरानी से उसे देखने लगा और बोला – मैडम, आपकी सूसू कहाँ गई?
मिनी ने हॅसते हुए कहा – अरे, लड़कियों की सूसू ऐसी ही होती है।
हाथ लगा कर देखना है?
उसने हाँ में सिर हिला दिया।
मिनी ने उसका हाथ पकड़ कर अपनी योनि पर रख दिया।
वह अपना हाथ मिनी की योनि पर फेरकर देखने लगा।
मिनी के पूरे बदन में वासना लहर दौड़ने लगी और उसकी आँखें बंद हो गई।
मिनी ने विक्की को खींचकर अपने से चिपका लिया और उसके होंठों को चूसने लगी।
इस दौरान वह पलंग पर लेट गई और विक्की उसके ऊपर लेट गया और दोनों की चूमा चाटी काफी देर चलती रही।
मिनी ने अपने दोनों पैर फैला लिये और विक्की को अपने पैरों के बीच कर लिया और एक हाथ से उसका लिंग पकड़ कर अपनी योनि के छेद पर टिका दिया।
अब मिनी ने अपने दोनों पैर उसके ऊपर कैची बनाकर उसे पैरों से धक्का दिया तो उसका लिंग मिनी की योनि में सनसनाता हुआ घुस गया और विक्की ने चूमना छोड़कर आह भरी।
मिनी ने रूककर पूछा – विक्की मजा आया?
उसने हाँ कहा।
मिनी बोली – मेरे निप्पल चूसो और अपनी सूसू को मेरी सूसू के अन्दर बाहर करो।
बहुत मजा आयेगा।
उसने एक निप्पल को चूसते हुए अपनी कमर को ऊपर-नीचे करके धक्के लगाना चालू किया।
मिनी भी अपनी कमर को ऊका-ऊचका कर उसका लिंग अपनी योनि में जड़ तक
ले रही थी और उसके मुँह से सिस्कारियां निकलती जा रही थीं।
विक्की को भी मजा आ रहा था और वह जोश में धक्के पर धक्के लगाता जा रहा था।
कुछ ही देर में विक्की ने कहा – मैडम, मुझे सू सू आ रहा है।
मिनी बोली – मेरे अन्दर ही कर दे और उसका मुँह पकड़ कर उसके होंठ जोरों से चूमने लगी।
अब मिनी भी झड़ने के करीब थी।
उसने विक्की की पीठ पर हाथ रखे और उसे अपनी ओर खींचने लगी।
चंद धक्कों के साथ दोनों सिस्कारियां भरकर झड़ने लगे और पस्त होकर चिपक कर ठण्डे हो गए।
कुछ देर दोनों ऐसे ही लेटे रहे।
विक्की का लिंग अभी भी मिनी की योनि के अन्दर ही था जो थोड़ी देर बाद सिकुड़ कर बाहर निकल गया।
मिनी ने धीरे से विक्की से पूछा – विक्की प्यार कैसा लगा?
विक्की ने कहा – मैडम मुझे बहुत मजा आया। क्या प्यार ऐसे ही करते है?
मिनी ने हाँ में सिर हिलाया। फिर विक्की मिनी के पास चिपक कर सो गया और मिनी को भी नींद लग गई।
मिनी की नींद खुली तो उसका ध्यान घड़ी की तरफ गया।
शाम के पांच बज रहे थे।
वो एकदम से उठी और फटाफट गाऊन पहना।
फिर विक्की को उठाया और किचन में चाय बनाने चली गई।
चाय बनाकर आई तब तक विक्की कपड़े पहन कर पलंग पर बैठा अपना बैग जमा रहा था।
मिनी ने टेबल पर चाय रखी और विक्की से बोली – आज मैंने तुम्हें जो प्यार करना सिखाया है उसे बाहर किसी को भी बताना नहीं।
ये राज हम दोनों के बीच ही रहेगा।
वो बोला – ठीक है मैडम। पर आप क्या रोज मुझे प्यार करेंगी?
मिनी ने उसके गालों पर पप्पी लगाते हुए कहा – हाँ मेरे राजा।
मैं तुम्हें रोज ऐसे ही प्यार करूगी।
वो खुश हो गया और चाय पी कर अपने घर चला गया।
अब मिनी की जिन्दगी बढि़या चल रही थी।
रोज विक्की पढ़ने आता और पढ़ाई के साथ प्यार का मजा लेता।
No comments:
Post a Comment