FUN-MAZA-MASTI
दुनिया गोल
ये दुनिया गोल हें ये तो हम सब जानते हें | और मुझे भी गोल चीजे काफी पसंद हे खास कर की लडकियो की गोल गोल बड़ी गांड | में लडकियो के बड़ी गांड का इतना बड़ा दीवाना हु की क्या बताऊँ आप लोगो को | इसी गांड के चक्कर में मुझे अपने काम वाली आंटी की भी गांड लेनी पड़ी | अब कुछ नही से कुछ अच्छा वाली बात हो गई थी तो क्या करता | तो हुआ यु की मेरे घर में जो आंटी काम करने आती थी उनके दो बच्चे थे एक दम छोटे छोटे बच्चे थे और उनका पति पता नही कहा काम करता था, हर हफ्ते अलग अलग जगह काम करता था | एक दिन शाम को खेल के जब में आ रहा था तो उनके घर को जा रहा था ये बोलने की रात को मत आना, हम बहार जा रहे थे |
जब में उनके घर की तरफ बड़ा तो मुझे सिसकिय की आवाजे आ रही थी | में खिड़की के बगल में खड़ा हुआ तो आंटी की कराहने की आवाज़े सुने पड़ी और में जब उनके बातो को ध्यन से सुनना तो मुझे अंदाजा हुआ की अंकल आंटी की गांड मार रहे हे | मन तो कर रहा था की वही मुठ मार लू, पर दिमाग में एक तरकीब आई और में वहा से चला गया और घर में पेट दर्द का नाटक करने लग गया | घर वालो ने मुझे घर पे ही छोड़ के जाने लगे और चले गए और कुछ किचन से खा लेने को कहा | अब मुझे पता था की मेरे पास तिन घंटा खाली हे और में ख़ुशी से पगल हो गया था |
जब आंटी का पति पिने के लिए चला गया तो आंटी घर पे आ गयी काम करने | आई तो पूछी की सब कहा हे तो मेने कहा की बहार गये हे दस बजे के बाद ही आयेंगे और में टावल लपेट के बाथरूम जाने लगा और नहाने लगा फिर मेने आंटी को आवाज़ लगाया की साबुन नही हे साबुन देना टेबल पर रखा हे तो वो मुझे लाके देने लगी तो मेने झट से दरवाजा खोल दिया और एक दम उनके सामने साफ़ आ गया, उनका मुह खुल गया एक दम से और कुछ बोले बिना वहा से किचन को चली गई | में नहा के टावल लपेटा बिना चड्डी के अंदर और किचन में चला गया | जेसे ही गया आंटी पीछे मुड़ी और बोली खाने में क्या खाओगे, मेने कहा जो भी आप प्यर से बनाओगे वोही खाऊंगा | आंटी कुछ बोली नही और काम करने लग गई, मेने फिर उन्हें कहा की मोम ने आपको बताने के लिए कहा था और मापके घर भी गया था पर बिना बताये वापस आ गया |
वो पूछी क्यों नही बताया तो मेने कहा की आप और अंकल काफी बीजी थे इसीलिए, वो मुझे देखने लगी और फिर मेने अपना काम शुरू कर दिया उन्हें पीछे से पकड़ लिया और यहाँ वहा पीठ पे चूमने लग गया | वो बोली क्या कर रहे हो छोडो, में नही छोड़ा बल्कि लगा रहा और कहा की अंकल आपको क्या मजा देते होंगे मैं आपको दूंगा अलसी मजा | मेने उनके पेट पे हाथ फेरने लगा और कमर को कस कस के दबाने लग गया वो धीरे धीरे मुद में आ रही थी | मेने उनके हाथ से बर्तन हटा दिया और उनको अपनी तरफ घुमा लिया और उनके छाती पे मुह फेरने लगा, अब वो बिलकुल भी नही रोक रही थी मुझे | में उन्हें कमरे में ले गया और उनके उपर लेट गया और उनके गले में गालो में और उनकी छाती को मसले जा रहा था |
वो अब बिस्तर पे अपने आप को रगड़ने लगी तो मेने अपना टावल खोल दिया और उनकी साडी भी उतार दी और उन्हें सिर्फ पेटीकोट और ब्लाउस में रहने दिया और फिर उनके ब्लाउस के उपर से ही उनके चुचे दबाने लग गया और एक चुचे बहार निकाल के चूसने लग गया | मेरा लंड उनके जिस्म से रगद रगद के और भी गर्म और कडक हो रहा था | मेने उनके जिस्म से ब्लाउस भी उतार दिया और एक दम अपने सामने नंगा कर दिया, उनके चूत पे बाल थे जादा नही पर थे और अजीब सी महक भी आ रही थी | में उनके निप्पल को मुह में लेके चूसने लग गया और दुसरे को मसलने लगा, कुछ देर करने के बाद उनके मुह से सिसकिय निकलने लगी अह्ह्ह्हह्ह हम्म्म्म और में धीरे धीरे चूत तक आ गया मेने बालो को एक तरफ किया और उनकी चूत के बिच में जीभ दाल के चाटने लगा तो वो एक दम से कसमसा उठी |
मेने उनके टांगो को उपर किया और बरी बारी से चूत और गांड को चाटने लगा और वो एक दम से मेरे मुह में झड़ गई पर में लगा रहा चाटने में तो वो हसने लगी बोली गुदगुदी हो रहा हे | मेने फिर उनके मुह में अपना लंड दे दिया और वो मस्त में चूसने लग गयी | में तो उस वक़्त जो मजा उठा रहा था वो मुझे ही पता हे | करीब पांच मिनट में मैं उनके मुह में झड़ गया और फिर वो मेरे लंड को एक दम चूस चूस के और चाट के साफ़ कर दी और मेरा सारा मुठ पि गई | में फिर वहा से हटा और उनकी चूत को फिर से चाटने लगा और फिर अपनी दो ऊँगली उनकी चूत में दल के आगे पीछे करने लगा तो वो साप की तरह बिस्तर पे हिलने लगी |
मेने फिर ऊँगली निकाल दी और अपना लंड सटा के अंदर धक्का दे दिया और फिर कस कस के आगे पीछे करने लगा तो वो जोर जोर से कराहने लगी अह्ह्ह्ह उईईईई माआआ अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह वो किये जा रही थी और में शोट दिए जा रहा था, करीब दस मिनट में मैं उनकी चूत में झड़ गया पर वो नही झड़ी | में कुछ देर उनके चुच्चे चूसा और फिर उन्हें घोड़ी बना के उनकी बड़ी गांड पे लंड टिका दिया और धक्का देने लगा, मेने थोडा थूक भी लगाया और फिर कस के अंदर धकेल दिया वो एक दम से चीख पड़ी और बोली तुम्हारा लंड थोडा मोटा हे उनके लंड से |
मेने कहा अब चिंता मत करो इसकी आदत पद जाएगी फिर वो खुद ही आगे पीछे करने लगी और में एक हाथ से उनकी चूत मसल रहा था | बिच बिच में मैं धक्के लगता तो वो खुद अपना चूत मसलती | पन्द्रह मिनट यही चला और फिर में उनके बड़ी गांड में ही झड़ गया और वो भी झड़ गई | में फिर उनके उपर ही सो गया और आधे घंटे के बाद उनकी चूत को फिरसे रगडा और अब ये तो हर हफ्ते की बात हो गई |
दुनिया गोल
ये दुनिया गोल हें ये तो हम सब जानते हें | और मुझे भी गोल चीजे काफी पसंद हे खास कर की लडकियो की गोल गोल बड़ी गांड | में लडकियो के बड़ी गांड का इतना बड़ा दीवाना हु की क्या बताऊँ आप लोगो को | इसी गांड के चक्कर में मुझे अपने काम वाली आंटी की भी गांड लेनी पड़ी | अब कुछ नही से कुछ अच्छा वाली बात हो गई थी तो क्या करता | तो हुआ यु की मेरे घर में जो आंटी काम करने आती थी उनके दो बच्चे थे एक दम छोटे छोटे बच्चे थे और उनका पति पता नही कहा काम करता था, हर हफ्ते अलग अलग जगह काम करता था | एक दिन शाम को खेल के जब में आ रहा था तो उनके घर को जा रहा था ये बोलने की रात को मत आना, हम बहार जा रहे थे |
जब में उनके घर की तरफ बड़ा तो मुझे सिसकिय की आवाजे आ रही थी | में खिड़की के बगल में खड़ा हुआ तो आंटी की कराहने की आवाज़े सुने पड़ी और में जब उनके बातो को ध्यन से सुनना तो मुझे अंदाजा हुआ की अंकल आंटी की गांड मार रहे हे | मन तो कर रहा था की वही मुठ मार लू, पर दिमाग में एक तरकीब आई और में वहा से चला गया और घर में पेट दर्द का नाटक करने लग गया | घर वालो ने मुझे घर पे ही छोड़ के जाने लगे और चले गए और कुछ किचन से खा लेने को कहा | अब मुझे पता था की मेरे पास तिन घंटा खाली हे और में ख़ुशी से पगल हो गया था |
जब आंटी का पति पिने के लिए चला गया तो आंटी घर पे आ गयी काम करने | आई तो पूछी की सब कहा हे तो मेने कहा की बहार गये हे दस बजे के बाद ही आयेंगे और में टावल लपेट के बाथरूम जाने लगा और नहाने लगा फिर मेने आंटी को आवाज़ लगाया की साबुन नही हे साबुन देना टेबल पर रखा हे तो वो मुझे लाके देने लगी तो मेने झट से दरवाजा खोल दिया और एक दम उनके सामने साफ़ आ गया, उनका मुह खुल गया एक दम से और कुछ बोले बिना वहा से किचन को चली गई | में नहा के टावल लपेटा बिना चड्डी के अंदर और किचन में चला गया | जेसे ही गया आंटी पीछे मुड़ी और बोली खाने में क्या खाओगे, मेने कहा जो भी आप प्यर से बनाओगे वोही खाऊंगा | आंटी कुछ बोली नही और काम करने लग गई, मेने फिर उन्हें कहा की मोम ने आपको बताने के लिए कहा था और मापके घर भी गया था पर बिना बताये वापस आ गया |
वो पूछी क्यों नही बताया तो मेने कहा की आप और अंकल काफी बीजी थे इसीलिए, वो मुझे देखने लगी और फिर मेने अपना काम शुरू कर दिया उन्हें पीछे से पकड़ लिया और यहाँ वहा पीठ पे चूमने लग गया | वो बोली क्या कर रहे हो छोडो, में नही छोड़ा बल्कि लगा रहा और कहा की अंकल आपको क्या मजा देते होंगे मैं आपको दूंगा अलसी मजा | मेने उनके पेट पे हाथ फेरने लगा और कमर को कस कस के दबाने लग गया वो धीरे धीरे मुद में आ रही थी | मेने उनके हाथ से बर्तन हटा दिया और उनको अपनी तरफ घुमा लिया और उनके छाती पे मुह फेरने लगा, अब वो बिलकुल भी नही रोक रही थी मुझे | में उन्हें कमरे में ले गया और उनके उपर लेट गया और उनके गले में गालो में और उनकी छाती को मसले जा रहा था |
वो अब बिस्तर पे अपने आप को रगड़ने लगी तो मेने अपना टावल खोल दिया और उनकी साडी भी उतार दी और उन्हें सिर्फ पेटीकोट और ब्लाउस में रहने दिया और फिर उनके ब्लाउस के उपर से ही उनके चुचे दबाने लग गया और एक चुचे बहार निकाल के चूसने लग गया | मेरा लंड उनके जिस्म से रगद रगद के और भी गर्म और कडक हो रहा था | मेने उनके जिस्म से ब्लाउस भी उतार दिया और एक दम अपने सामने नंगा कर दिया, उनके चूत पे बाल थे जादा नही पर थे और अजीब सी महक भी आ रही थी | में उनके निप्पल को मुह में लेके चूसने लग गया और दुसरे को मसलने लगा, कुछ देर करने के बाद उनके मुह से सिसकिय निकलने लगी अह्ह्ह्हह्ह हम्म्म्म और में धीरे धीरे चूत तक आ गया मेने बालो को एक तरफ किया और उनकी चूत के बिच में जीभ दाल के चाटने लगा तो वो एक दम से कसमसा उठी |
मेने उनके टांगो को उपर किया और बरी बारी से चूत और गांड को चाटने लगा और वो एक दम से मेरे मुह में झड़ गई पर में लगा रहा चाटने में तो वो हसने लगी बोली गुदगुदी हो रहा हे | मेने फिर उनके मुह में अपना लंड दे दिया और वो मस्त में चूसने लग गयी | में तो उस वक़्त जो मजा उठा रहा था वो मुझे ही पता हे | करीब पांच मिनट में मैं उनके मुह में झड़ गया और फिर वो मेरे लंड को एक दम चूस चूस के और चाट के साफ़ कर दी और मेरा सारा मुठ पि गई | में फिर वहा से हटा और उनकी चूत को फिर से चाटने लगा और फिर अपनी दो ऊँगली उनकी चूत में दल के आगे पीछे करने लगा तो वो साप की तरह बिस्तर पे हिलने लगी |
मेने फिर ऊँगली निकाल दी और अपना लंड सटा के अंदर धक्का दे दिया और फिर कस कस के आगे पीछे करने लगा तो वो जोर जोर से कराहने लगी अह्ह्ह्ह उईईईई माआआ अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह वो किये जा रही थी और में शोट दिए जा रहा था, करीब दस मिनट में मैं उनकी चूत में झड़ गया पर वो नही झड़ी | में कुछ देर उनके चुच्चे चूसा और फिर उन्हें घोड़ी बना के उनकी बड़ी गांड पे लंड टिका दिया और धक्का देने लगा, मेने थोडा थूक भी लगाया और फिर कस के अंदर धकेल दिया वो एक दम से चीख पड़ी और बोली तुम्हारा लंड थोडा मोटा हे उनके लंड से |
मेने कहा अब चिंता मत करो इसकी आदत पद जाएगी फिर वो खुद ही आगे पीछे करने लगी और में एक हाथ से उनकी चूत मसल रहा था | बिच बिच में मैं धक्के लगता तो वो खुद अपना चूत मसलती | पन्द्रह मिनट यही चला और फिर में उनके बड़ी गांड में ही झड़ गया और वो भी झड़ गई | में फिर उनके उपर ही सो गया और आधे घंटे के बाद उनकी चूत को फिरसे रगडा और अब ये तो हर हफ्ते की बात हो गई |
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