Friday, June 19, 2015

FUN-MAZA-MASTI बेटी की जगह माँ

FUN-MAZA-MASTI

बेटी की जगह माँ 
 
 
 
 
 
हैल्लो दोस्तों..  सभी रीडर्स को रोकी का प्यार.. में एक बार फिर हाज़िर हूँ अपनी लाईफ में घटी एक अनोखी घटना को लेकर.. लेकिन में उससे पहले उन सभी का बहुत बहुत धन्यवाद करना चाहता हूँ जिन्होंने मेरी पिछली सभी कहानियों को इतना प्यार दिया और मुझे आगे बड़ने का मौका दिया और में आज फिर से अपनी एक सच्ची घटना लेकर आप सभी के सामने आया हूँ। वैसे आप सभी मुझे पहले से ही जानते है.. मेरा नाम रोकी है और मेरी उम्र 23 साल है और में इस साईट का दिवाना हूँ। दोस्तों मेरी आज की कहानी में मैंने बेटी की जगह गलती से उसकी माँ को चोद दिया। अब में सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ और थोड़ा विस्तार से बताता हूँ। मेरे घर के पड़ोस में एक घर में एक परिवार रहता है और उस परिवार में पांच लोग है.. जिसमें तीन बेटियाँ और पति पत्नी रहते है। उस घर में जो पति है वो 50 साल का है और उनका नाम हरिप्रसाद है.. उनकी पत्नी 47-48 साल की है और उनका नाम राधा है और में इन दोनों को दादा, दादी बुलाता हूँ और इनकी तीनों बेटियों को बुआजी बुलाता हूँ। उनमे सबसे छोटी बेटी का नाम मंजू है उसकी उम्र 26-27 साल है.. मंजू बुआ थोड़ी मोटी है क्योंकि वो रोज़ गर्भनिरोधक गोलियां खाती है और उसका रंग सावंला है।
आज से एक साल पहले मैंने उनको और उनकी एक सहेली छाया को चोदना शुरू किया था.. तब इन दोनों को मैंने लेस्बियन सेक्स करते पकड़ा था.. यह दोनों पूरी नंगी होकर एक दूसरे की चूत चाट रही थी और चूत में उंगली डालकर चोद रही थी। में जैसे ही कमरे में घुसा तो यह सब देखकर बहुत डर गया.. लेकिन यह दोनों सेक्स के नशे में चूर थे और इस कारण दोनों ने मिलकर मुझे ज़बरदस्ती नंगा किया और मेरे लंड को चूसकर खड़ा करके बारी बारी से मुझसे चुदवाया और उस दिन के बाद से में आज तक इन दोनों को चोदता आ रहा हूँ.. लेकिन 8 महीने बाद छाया बुआ की शादी हो गई और वो अपनी ससुराल चली गयी.. लेकिन वो जब भी अपने घर आती है तो में उन दोनों को एक साथ मिलकर चोदता हूँ।
फिर छाया बुआ की शादी के बाद में सिर्फ़ मंजू बुआ को चोदता हूँ और हर रोज़ रात को उनके घर में जाकर उनकी चुदाई करता हूँ और कभी कभी दिन में भी उन्हें घर पर अकेले देखकर चोदता हूँ और ऐसा पिछले एक साल से हो रहा है। इस बारे में उनकी माँ (राधा) को भी पता है.. लेकिन वो किसी से कुछ नहीं कहती.. क्योंकि में जब एक दिन रात को मंजू बुआ को चोदकर जा रहा था तो मैंने राधा दादी को उनकी मझली बेटी और दामाद को कमरे में चुदाई करते देखते हुए पकड़ा था.. वो उनके कमरे की खिड़की से अंदर झाँक रही थी। दादी ने जैसे ही मुझे देखा वो एकदम से डर गयी। फिर मैंने उनसे कहा कि में इस बारे में किसी को नहीं बताऊंगा.. लेकिन फिर भी वो मुझसे बहुत डरती है कि कहीं में यह बात किसी को ना बता दूँ। उनके पति हर वक़्त खेत पर होते है वहां पर एक छोटा सा मकान है और वो दादी को छोड़कर बाकी सब औरतों की चुदाई करते है। उनके खेत में जितनी भी मज़दूर औरतें काम करती है वो उन सभी को चोदते है और इस कारण हरी दादाजी ने पिछले 12-15 सालों से अपनी पत्नी को चोदना तो दूर ठीक से देखा भी नहीं है। तो इस तरह में रोज़ मंजू बुआ को चोदता था। उनके कमरे में टीवी और डीवीडी है जिसमे हम लोग ब्लूफिल्म देख देखकर चुदाई करते है। हम एक अनोखी स्टाईल में चुदाई करते है.. पहले बुआजी मेरे लंड को चूस चूसकर लोहे के सरीए की तरह कर देती है और फिर उसके बाद एक बड़े से बर्तन में ढेर सारा तेल लाती है और उसमे वो मेरे लंड को डुबो देती है और फिर दोनों हाथों से मेरे लंड को उस तेल के अंदर मालिश करती है। जिससे मेरा लंड और भी चोदने के लिए मस्त हो जाता है। ऐसा 10 से 15 मिनट तक करती है और फिर में उनको बेड पर सुला देता और उनकी चूत का मुहं खोलकर उसमे तेल डाल देता हूँ और उसके बाद में फिर से अपने लंड को उस तेल में डुबाकर चूत में घुसाता। चूत तो पहले से ही तेल से लपालप भरी होती है और मेरा लंड तेल में डूबने के कारण वो भी तेल से पूरा भीग जाता है। फिर जब में तेल से भरी चूत में लंड डालता हूँ तो लंड के घुसते ही चूत में से फच की आवाज़ निकलती और मेरा लंड एक बार में ही पूरा जड़ तक चूत में घुस जाता है और उसके बाद में चोदने लगता और तेल के कारण चुदाई के टाईम चूत में से ऐसी ऐसी आवाज़ें निकलती है कि हम दोनों उसे सुनकर मदहोश हो जाते है।
फिर उसी तरह जब में गांड में लंड घुसाता तो उससे पहले गांड के छेद में उंगली डालकर तेल से लपालप भर लेटा और फिर लंड डालकर चोदता.. गांड मारते टाईम भी ऐसी ही आवाजें गांड से भी निकलती है और में बीच बीच में अपना लंड निकालकर तेल में डुबाकर फिर से अंदर डाल देता। में आप लोगों को बता नहीं सकता कि ऐसे चोदने में कितना मज़ा आता। उस वक्त मुझे चुदाई का इतना अनुभव नहीं था तो उस टाईम में ऐसे चोदने का मतलब समझ नहीं पाता था.. लेकिन ऐसे चोदने में बहुत मज़ा आता था। यह आईडिया मेरा नहीं था.. वो बुआजी का था.. लेकिन पता नहीं उनको ऐसी चुदाई के बारे में किसने बताया था.. लेकिन आज में उस बात को समझ गया हूँ कि ऐसे चोदने में मज़ा दुगना हो जाता है और में आप सबसे भी यही कहता हूँ कि ऐसे ही चुदकर या चुदवाकर देखिए कितना मज़ा आता है।
फिर एक दिन की बात है जब में बुआजी को रात में चोदने के बाद घर जाने लगा तो मंजू बुआ ने कहा कि कल दोपहर को घर में कोई भी नहीं होगा.. तो तुम छुपकर चले आना हम दोनों बहुत मस्ती करेंगे। तो मैंने उनकी बात मान ली और दिन के दो बजे उनके घर पहुँच गया और घर पर सच में कोई भी नहीं था.. इस कारण हम दोनों ने आराम से टीवी पर ब्लूफिल्म देखी और उसी स्टाईल में बहुत देर तक चुदाई का मज़ा लिया। फिर मंजू बुआ ने मुझे रात को भी आने को कहा और फिर में वहां से चला गया। तो मेरे जाने के बाद उनके मामाजी आए और मंजू बुआ को लेकर अपने साथ चले गये और यह सब इतना जल्दी हुआ कि वो मुझे बता भी नहीं सकी.. इसीलिए मुझे पता नहीं था कि वो घर पर है या नहीं और में रात को रोज़ की तरह उनके कमरे में चुपचाप घुस गया। 

मंजू बुआ दिन में हमेशा सलवार कमीज़ पहनती है और रात को मेक्सी पहन कर सोती है और फिर उस दिन शाम को अचानक से बहुत तेज बारिश होने लगी जिसकी वजह से लाईट भी चली गयी थी और इस कारण उनके कमरे में बहुत ही अंधेरा था। फिर मैंने अंदर जाते ही दरवाजा अंदर से बंद कर दिया और मंजू बुआ की साईड में जाकर लेट गया और उनको ज़ोर से अपनी बाहों में जकड़ लिया.. लेकिन बाहों में लेते ही मुझे लगा कि वो थोड़ी ज़्यादा मोटी लग रही है। तो मैंने पूछा कि क्या हुआ बुआजी अचानक इतनी मोटी कैसे हो गई? तो उन्होंने कुछ नहीं कहा और मैंने भी उस बात पर ज्यादा ध्यान ही नहीं दिया और फिर में उनकी मेक्सी के ऊपर से ही बूब्स को दबाने लगा। तो आज बूब्स भी मुझे थोड़े ढीले लगे और छोटे लगे.. क्योंकि मंजू बुआ के बूब्स बहुत बड़े बड़े और टाईट है.. लेकिन मेरा ध्यान उस टाईम सिर्फ़ चोदने पर था तो इन सब बातों को मैंने अनदेखा कर दिया और फिर मुझे थोड़ा अजीब लगा कि आज में ही सब कुछ कर रहा हूँ.. बुआजी तो चुपचाप पड़ी हुई है। फिर मैंने उनकी मेक्सी को उतार दिया और उनको सीधा लेटा दिया.. उसके बाद में उनके ऊपर चढ़ गया और बूब्स को चूसने लगा। तो उन्होंने मुझे कसकर पकड़ लिया और आज बुआ ने ब्रा नहीं पहनी थी और ना ही पेंटी। तो मैंने पूछा कि क्या हुआ बुआजी आज आप पहले से ही चुदवाने के लिए तैयार है और क्या इसलिए ब्रा और पेंटी खोल दी? फिर बूब्स चूसते चूसते मैंने हाथ चूत की तरफ बढ़ाया और जैसे ही मैंने चूत पर हाथ रखा तो मुझे बालों का एहसास हुआ और मैंने एक बार फिर से हाथ लगाया तो देखा कि चूत पर बहुत सारे बाल है और में बहुत चकित हो गया.. क्योंकि आज दोपहर जब मैंने उनको चोदा था तब तो चूत बिल्कुल साफ थी.. फिर अचानक इतने सारे बाल चूत पर कहाँ से आ गये? में बहुत डर गया कि यह कौन है? और इस कारण मेरा लंड भी सिकुड़ गया। तो में तुरंत उनके ऊपर से उतर गया और पूछा कि कौन हो आप? लेकिन कोई जबाब नहीं मिला तो मैंने जाकर झरोका खोल दिया। बाहर बहुत बारिश के साथ साथ तेज़ बिजली भी चमक रही थी उस बिजली की चमक से मैंने उनका मुहं देखा तो में देखता ही रह गया।
मैंने देखा कि अब तक मैंने मंजू बुआ समझकर जिसे नंगा कर दिया.. वो मंजू बुआ नहीं उनकी माँ राधा दादी है। में बहुत डर गया और वहां से जाने लगा। तो दादी ने मुझे आवाज़ दी और कहा कि रुक जाओ.. में रुक गया तो उन्होंने मेरा हाथ पकड़कर मुझे बेड पर बैठाया.. लेकिन मुझे इतना पता था कि वो इस बारे में किसी को नहीं कहेंगी.. लेकिन मैंने कभी उन्हे चोदने का सोचा भी नहीं था। दादी ने कहा कि ऐसे काम अधूरा छोड़कर कहाँ जा रहे हो? तो मैंने कहा कि में आपको कैसे चोद सकता हूँ? आप तो मुझसे बहुत बड़ी है। इस पर उन्होंने कहा कि बड़ी हुई तो क्या हुआ? में भी तो एक औरत हूँ मेरी भी एक चूत है जिसमे तुम आराम से अपना लंड घुसाकर चोद सकते हो। तो यह बात सुनकर मेरे तो होश ही उड़ गये क्योंकि इससे पहले मैंने कभी 47-48 साल की औरत को चोदने के बारे में सोचा भी नहीं था.. चोदना तो बहुत दूर की बात है.. लेकिन वो कोई और होती तो में कभी पीछे नहीं हटता.. क्योंकि मुझे लड़कियों से ज़्यादा औरतों को चोदने में मज़ा आता है.. लेकिन वो साल 30 की हुई तो अच्छा है और 40 साल की हुई तो बहुत अच्छा है और यह सब मेरे उन दोस्तों को पता होगा जिन्होंने ऐसा सेक्स किया होगा।
अब कहानी पर आता हूँ.. दादी की बात सुनकर मैंने कहा कि यह आप क्या कह रही हो? यह सब ठीक नहीं है आप तो शादीशुदा हो.. जाकर अपने पति से चुदवाईए ना और इतना कहकर में वहाँ से जाने लगा तो वो मेरे पैरों पर गिर गयी और गिड़गिड़ाने लगी कि बिना मुझे चोदे ऐसे मत जाओ और उन्होंने मुझे अपनी सारी दुख भरी कहानी सुनाई। राधा दादी ने कहा कि जब उनकी शादी हरी दादा के साथ हुई थी तो हरी दादा उन्हे बहुत चोदते थे। दिन भर में 5-6 बार और रात को 3-4 बार रोज़ चोदते थे और कभी दो बार तो 24 घंटे में 14-15 बार भी चोदते थे। किचन में आकर साड़ी को ऊपर उठाकर घोड़ी बनाकर पीछे से चूत में लंड डालकर चोद लेते थे और जब भी लंड खड़ा होता तो वो दादी के पास जाकर उनको चोदते थे। रात को सोते टाईम अगर लंड खड़ा हो गया तो उसी वक़्त साड़ी को ऊपर करके लंड चूत में घुसा देते थे और सुबह जब उठते थे तब उठने से पहले रोज़ चोदते थे। वो हमारी शादी के 15 दिन में ही मुझे 150-200 बार चोद चुके थे.. जिस कारण मेरी हालत बहुत खराब हो गई थी और में 15 दिनों में ही प्रेग्नेंट हो गयी थी और उसके बाद भी 4 महीने तक तेरे दादाजी मुझे ऐसे ही चोदते रहे। जब भी वो खेत पर जाते थे तो मुझे अपने साथ लेकर जाते थे और वहाँ एक चारपाई थी.. उसके ऊपर लेटाकर चोदते थे.. जिस कारण वो चार पाई चार दिनों में ही टूट गयी थी। फिर एक बार हम दोनों मेरी बहन की शादी में गये थे और फिर वहाँ भी यह मुझे एक कमरे में ले जाकर चोदने लगे और उस वक़्त बाहर शादी चल रही थी.. लेकिन हम लोग अंदर कमरे में चुदाई कर रहे थे। इस बीच मेरे पिताजी हमे बुलाने आ गए तो अंदर से ही मैंने जबाब दिया के आप जाइए हम अभी थोड़ी में आते है.. क्योंकि तेरे दादाजी ज़्यादा देर तक नहीं चोद सकते थे.. बस 12-15 मिनट चोदने के बाद ही उनका लंड पानी छोड़ देता था। फिर जब बड़ी बेटी पैदा हुई उसके 10 दिन के बाद ही वो मुझे चोदने लगे थे.. में नीचे लेटकर बच्ची को दूध पिलाती थी और यह पीछे से आकर मेरी साड़ी को ऊपर करके मेरी चूत में लंड डालकर चोदते थे। उनका हाल तो ऐसा था कि रात को जब भी इनका लंड खड़ा होता था.. उसी वक़्त चोदने लगते थे और जब में गहरी नींद में होती थी तो चुपचाप मेरे दोनों पैर उठाकर चोदने लगते थे और जब मेरी नींद खुलती थी तो मेरी चूत में लंड होता था। इस तरह बहुत जल्द ही में फिर से प्रेग्नेंट हो गई थी और मेरी बड़ी बेटी 8 महीने में ही पैदा हो गयी थी। तो जब हमारी शादी को एक साल पूरा हुआ तो में दूसरी बार प्रेग्नेंट थी। तो इस बार जब मैंने दूसरी बेटी को जन्म दिया तो डॉक्टर ने कहा कि इसके बाद कम से कम दो साल तक कोई बच्चा नहीं होना चाहिए.. नहीं तो मेरी जान को ख़तरा हो सकता है और यह बात सुनते ही तेरे दादाजी बहुत दुखी हो गये।
फिर उसके बाद उन्होंने मुझे चोदना कम कर दिया था.. इस कारण वो बाहर की औरतों को चोदने लगे और कभी कभी अगर मन किया तो मुझे चोद देते थे और इस तरह मंजू पैदा हुई और उसके बाद तो वो महीने में एक बार मुझे चोद ले तो वो भी बहुत था.. लेकिन पिछले 15 सालों से उन्होंने मुझे छुआ तक नहीं और इस कारण में रोज़ चुदवाने के लिए तरस गयी हूँ। फिर जब दोनों बड़ी बेटियों की शादी हुई तो जब भी वो अपने पति के साथ आती थी तो रात को चुदाई करते हुए में उनको देखकर अपने आपको शांत कर लेती हूँ.. लेकिन अब तो वो भी देखने को नहीं मिलता। इसलिए में तुम्हे मंजू को चोदते हुए कभी कभी देखती थी और आज जब मंजू ने मुझे कहा कि में तुझे उसके जाने के बारे में बता दूँ तो मेरे मन में ख़याल आया कि क्यों ना इस बात का फायदा उठाकर में तुम से चुदवा लूँ और 15 सालों से प्यासी अपनी चूत की आग को बुझा लूँ? इसलिए में तुम्हारे पैर पड़ती हूँ मुझे आज चोदकर मेरी प्यास बुझा दो तुम जो कहोगे में वो सब करूँगी और इसके लिए में तुम्हे रोज़ 100 रुपये दूँगी.. लेकिन मुझे ऐसे तड़पती हुई छोड़कर मत जाओ..
 
 
तो दोस्तों फिर उनकी यह बात सुनकर मेरी आँखों में पानी आ गया और मैंने उनसे कहा कि ऐसा मत बोलिए मुझे कोई पैसे वैसे नहीं चाहिए और अब में मंजू बुआ के साथ साथ आपको भी चोदूंगा.. लेकिन बुआजी गयी कहाँ है? तो दादी ने बताया कि उनको देखने कोई लड़का आने वाला है उनके भाई के घर पर इसलिए वो अपने मामाजी के घर गयी है और दो दिन के बाद आ जाएँगी। तो यह सुनकर में थोड़ा उदास हो गया.. क्योंकि अगर बुआजी की शादी हो गयी तो में किसे चोदूंगा.. लेकिन फिर मुझे याद आया कि अरे उस के लिए दादी है ना.. मुझे जब तक कोई और नहीं मिलती में इनको चोद लिया करूँगा। फिर मैंने दादीजी को बेड पर लेटा दिया और उनके बूब्स को चूसने लगा और अंधेरे में कुछ दिखाई नहीं दे रहा था.. लेकिन मैंने चूत पर हाथ लगाया तो मैंने महसूस किया कि दादीजी की चूत बालों से बिल्कुल ढकी हुआ है। तो मैंने बालों को हटाते हुए चूत के अंदर उंगली डाल दी तो दादी के मुहं से अह्ह्ह अहह की आवाज़ें निकलने लगी और उन्होंने कहा कि यह क्या कर रहे हो? तो मैंने कहा कि आप देखती जाईए में क्या क्या करता हूँ। फिर में उनकी चूत के दाने को ज़ोर ज़ोर से रगड़ने लगा तो दादी के मुहं से तेज़ तेज़ आवाज़ निकलने लगी अहह ओह माँ और दस मिनट ऐसे करने के बाद वो ज़ोर से चिल्लाने लगी और मेरे हाथ को चूत से दूर कर दिया और बेड पर तड़पने लगी। तो में बहुत डर गया और पूछा कि क्या हुआ? इस पर दादी के मुहं से सिसकियाँ निकालते निकलते जबाब दिया कि मेरी चूत बहुत जल रही है और उसमे से कुछ निकल रहा है आईईईई अहह पता नहीं तुमने क्या किया है ओह्ह। फिर मैंने चूत को हाथ से छुआ तो पता चला कि दादी झड़ गयी है तो इस कारण चूत का मुहं अपने आप खुल और बंद हो रहा था और चूत से ढेर सारा गाढ़ा पानी निकल रहा है।
तो मैंने दादी से कहा कि कुछ नहीं हुआ तुम झड़ गयी हो इसलिए तुम्हारी चूत में से यह पानी निकल रहा है और उसके बाद दादी ने कहा कि लेकिन ऐसा तो पहले कभी नहीं हुआ था फिर आज क्यों? तो मैंने कहा कि लगता है आज से पहले कभी आप झड़ी नहीं है और शायद दादाजी जब आपको चोदते थे तो कभी आपकी चूत को ऐसे नहीं मसलते थे। फिर दादी ने कहा कि तू चूत मसलने की बात कर रहा है आज तक तेरे दादाजी ने मुझे कभी पूरा नंगा करके नहीं चोदा और यहाँ तक कि उन्होंने कभी मेरे बूब्स को छुआ तक नहीं और मैंने आज तक कभी उनका लंड देखा भी नहीं और उन्होंने भी मेरी चूत कभी देखी ही नहीं है। तो यह बात सुनकर आप लोगों को शायद अजीब लग रहा होगा.. लेकिन यह बात आज से 15-16 साल पहले की है उस वक़्त गावं में सभी मर्द धोती पहनते थे और जब भी वो किसी को चोदना चाहे तो धोती को ऊपर उठाकर ऐसे ही चोद देते थे। तो इस कारण दादी ने भी कभी चुदाई का असली मज़ा लिया ही नहीं था।
फिर जब दादी की चूत से सारा पानी निकल गया तो वो थोड़ी शांत हो गयी.. फिर मैंने कहा कि अब आप बैठ जाओ और मेरे लंड को मुहं में डालकर चूसो.. पहले तो उन्होंने लंड को चूसने से मना किया। फिर जब मैंने कहा कि एक बार चूसकर तो देखो अगर अच्छा नहीं लगा तो फिर कभी नहीं कहूँगा। तो उसके बाद डरकर दादी ने मेरे लंड को हाथ में लिया और उसे अपने मुहं में डालने लगी और पहली बार लंड को मुहं में लिया तो उल्टी करने लगी। फिर बार बार ऐसा करते करते उन्होंने मेरे लंड को चूसना शुरू किया। उनको पता ही नहीं था कि लंड कैसे चूसते है? तो मैंने कहा कि आप एक काम करो लंड को मुहं में रखो और आइस्क्रीम की तरह चूसो। फिर दादी ने वैसा ही किया उन्होंने सिर्फ़ लंड के गुलाबी हिस्से को मुहं में लिया और चूसने लगी और जब वो लंड को चूस रही थी तो मुहं से आवाज़ निकालती थी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। जब मेरा लंड चोदने के लिए पूरी तरह से तैयार हो गया तो मैंने उनको बेड पर लेटा दिया और पैरों के बीच जाकर बैठ गया। फिर मैंने अंधेरे में चूत के छेद को हाथ से ढूंढकर लंड को उसके मुहं पर रख दिया और उसके बाद में दादी के ऊपर सो गया और धीरे से लंड को चूत में डालने लगा। दादाजी ने जितने दिन भी दादी को चोदा था उतने में ही चूत की धज्जियां उड़ा दी थी और उस कारण दादी की चूत फेल गयी थी.. लेकिन पिछले 15-16 सालों से नहीं चुदवाने के कारण चूत का छेद थोड़ा सा सिकुड गया था और मैंने ज़ोर ज़ोर से धक्के मारकर लंड को चूत में पूरा डाल दिया और जब मेरा लंड चूत में जड़ तक पहुंच गया तो में तेज़ झटके मारने लगा। तो दादी बोली कि अहह बहुत अच्छा लग रहा है इतने दिनों के बाद लंड को चूत में लेकर ओहहह मज़ा ही आ गया.. अरे वाह बेटा तू तो बड़े अच्छे से चोदता है बिल्कुल मर्दों की तरह।
दादी की चूत बहुत गरम थी इसलिए में 25-30 मिनट में ही झड़ गया और मैंने सारा वीर्य उनकी चूत में ही निकाल दिया और उसके बाद दादी ने मुझे अपनी बाहों में लेकर मेरे माथे को चूमा और कहा कि तू नहीं जानता कि तूने आज मेरी कितने सालों की तमन्ना पूरी की है? क्यों अब तू मुझे रोज़ चोदेगा ना? तो मैंने कहा कि मुझे भी आपको चोदकर बहुत अच्छा लगा अब.. लेकिन मंजू बुआ की शादी हो गई तो भी कोई टेंशन नहीं में आपको रोज़ चोदूंगा और इतना कहकर में उनकी छाती पर लग गया। फिर दादी ने मुझसे कहा कि कल दोपहर को तू आ जाना में चुदवाने के लिए तैयार रहूंगी। तो मैंने कहा कि ठीक है में कल आ जाऊंगा।

फिर में अगले दिन दोपहर को उनके घर गया तो दादी पहले से ही बुआ के कमरे में तैयार थी और अंदर जाते ही में उनके गले लग गया.. उस दिन उन्होंने साड़ी पहनी थी और वो अंदर कुछ नहीं पहनती थी। तो मैंने उनकी साड़ी को पूरा निकाल दिया और जैसे ही मैंने उनको नंगा देखा तो में देखता ही रह गया उनके शरीर का रंग काला था और उनकी चूत में इतने बाल थे कि काले शरीर के काले बालों ने बिल्कुल चूत को ढक दिया था और बाल नाभि के नीचे से ही निकले हुए थे और ऐसे बाल चूत में देखकर मुझे बहुत अजीब लगा। तो मैंने कहा कि दादी क्या आप अपनी चूत के बालों को साफ नहीं करती? तो उन्होंने कहा कि मुझे क्या पता कैसे करते है? मैंने कहा कि चलो आज में आपकी चूत के बालों के साफ करता हूँ एक बार मैंने देखा था.. मंजू बुआ और छाया बुआ कैसे एक दूसरे की चूत को साफ करती थी?
फिर मैंने मंजू बुआ का शेविंग सेट लिया और साथ में थोड़ा पानी भी.. पहले मैंने केंची से बालों को काटा.. फिर मैंने चूत में अच्छे से साबुन लगाया और ब्लेड से साफ करने लगा और शेविंग करते वक़्त दादी हँसने लगी.. क्योंकि उनको बहुत गुदगुदी हो रही थी। तो मैंने धीरे धीरे उनकी चूत को पूरा साफ कर दिया और पानी से अच्छे से धो दिया और उसके बाद हम दोनों बेड पर गये और मैंने दादी की चूत का मुहं खोला तो अंदर लाल लाल दिख रहा था.. पिछली रात को अंधेरे के कारण मैंने उनकी चूत को ठीक तरह से देखा नहीं देखा था। तो मैंने कहा कि आपकी चूत तो मंजू बुआ से भी बहुत अच्छी दिखती है। तो दादी शरमा गयी और मुझे अपनी बाहों में भर लिया और में उनके बूब्स को चूसने और दबाने लगा तो वो शह्ह सीईईईई करने लगी। फिर मैंने उनकी चूत का मुहं खोला और उंगली डालकर चोदने लगा.. तभी कुछ देर बाद वो चीख चीखकर झड़ने लगी और उनकी चूत से सफेद गाढ़ा पानी निकल रहा था और उसके बाद मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए दादी को लंड चूसने के लिए कहा।
तो उन्होंने कहा कि तेरा लंड तो बहुत बड़ा है और यह कहकर वो मेरे लंड को मुहं में डालकर चूसने लगी.. में उनकी गांड के छेद को सहलाने लगा और मेरा लंड जब तैयार हो गया तो मैंने उनको बेड के साईड पर लेटा दिया और मैंने उनके पैरों को अपने कंधे पर रखा और लंड को चूत के मुहं पर टिका दिया और मैंने दोनों बूब्स को पकड़कर एक ज़ोर का धक्का मारा तो पूरा लंड चूत में घुस गया और दादी चीख पड़ी अहह अह्ह्ह बहुत दर्द हो रहा है ईईईई थोड़ा धीरे ऊई माँ आआआअ में और ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा और कुछ देर बाद मैंने कहा कि अब आप उल्टी हो जाओ में आपकी गांड में लंड डालकर चोदूंगा। इस पर दादी ने कहा कि नहीं गांड में भी क्या कोई चोदता है? इतना बड़ा मूसल अगर मेरी गांड में घुसेगा तो मेरी गांड फट जाएगी। तो मैंने कहा कि आप चिंता मत कीजिए में आराम से चोदूंगा और मैंने उनको घोड़ी बनाया और पीछे गांड के छेद में लंड घुसाने लगा तो वो फिसल जाता.. क्योंकि उन्होंने कभी गांड नहीं मरवाई थी तो वो बहुत टाईट था। तो मैंने थोड़ा तेल लिया और गांड में अच्छे से उसे लगाया और थोड़ा सा मेरे लंड पर भी लगाया और उसके बाद मैंने उनको गांड को खोलने के लिए कहा और लंड को छेद के मुहं पर रख दिया फिर ज़ोर से धक्का मारा तो तेल के कारण आधे से ज़्यादा लंड गांड के अंदर घुस गया। दादी चिल्लाने लगी ओहहह निकालो ऊऊऊऊ बहुत दर्द हो रहा आआआआआ है ईईईई और में उनकी बात सुने बिना एक और धक्का मारकर पूरा लंड गांड में डाल दिया और चोदने लगा। वो चिल्लाती रही ऊई माँ में ईईई मर गई मेरी तो गांड फट गई अहह। तो में उनकी बात को अनसुना करके चोदने लगा और बड़ा मज़ा आ रहा था कसी हुई गांड मारने में.. मैंने अपनी रफ़्तार बड़ा दी तो वो और तेज़ चिल्लाने लगी। फिर मैंने उनको सीधा किया और चूत में लंड डालकर चोदने लगा और इस बीच दादी झड़ गयी थी और अब में भी झड़ने वाला था तो में और ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा.. में उनके ऊपर लेटकर चोद रहा था और साथ ही साथ बूब्स को चूस रहा था और दबा रहा था और कुछ देर बाद में भी झड़ गया और मैंने उनको कसकर पकड़ लिया और तेज़ झटके मार मारकर झड़ने लगा और मैंने सारा लंड का पानी चूत में निकाल दिया।
फिर उसके बाद दादी ने कहा कि कल तो मंजू आ जाएगी और तू उसे चोदने लगेगा और फिर मेरा क्या होगा? तो मैंने कहा कि आप चिंता मत कीजिए.. में सब कुछ सम्भाल लूँगा। फिर अगले दिन जब मंजू बुआ आई तो में उनको चोदने के लिए रात को गया और मैंने उनको जमकर चोदा। फिर उन्हे बताया कि कैसे मैंने उनकी गैरहाज़री में दादी को चोदा.. लेकिन पहले तो वो विश्वास नहीं कर रही थी। फिर जब मैंने दादी को कमरे में बुलाकर उनके सामने कहा तो वो मान गयी और हम दोनों ने उनको सब कुछ बताया तो वो मान गयी और उस दिन के बाद में माँ बेटी दोनों को मिलकर चोदने लगा और हम तीनों टीवी पर ब्लूफिल्म देखकर चुदाई करते थे। फिर में जब एक को चोदता था तो वो दूसरी की चूत को सहलाती थी और ऐसे ही हम तीनो रोज़ चुदाई करने लगे। फिर तीन महीने बाद मंजू बुआ की शादी हो गयी और में सिर्फ़ उनकी माँ को चोदने लगा.. लेकिन जब भी मंजू बुआ अपने घर आती थी तो में उन दोनों को चोदता था और यह सिलसिला करीब दो सालों तक चला।
फिर में कॉलेज की पढ़ाई के लिए शहर आ गया। शहर आने के बाद मैंने फिर कभी उन दोनों में से किसी को नहीं चोदा.. लेकिन यह मेरी लाईफ का एक ऐसा अनुभव है कि जिसे में कभी भी भुला नहीं सकता। आज मंजू बुआ के दो बच्चे हो गये है और में जब भी गाँव जाता हूँ तो अगर वो अपने घर आई होती है फिर में उनसे मिलने जाता हूँ। अब उनकी माँ बूढ़ी हो गयी है और उनके पिताजी की म्रत्यु हो गई है.. लेकिन फिर भी हम तीनों बैठकर सारी पुरानी यादें ताज़ा करते है ।।
 
 
 
 

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