FUN-MAZA-MASTI
बड़ी माँ के साथ
प्रेषक : शिव
मेरा
नाम शिव है और मेरी उम्र 20 है में सीकर में रहता हूँ. हमारी जॉइंट फेमिली
है और बड़ा घर है. मेरी बड़ी माँ की उम्र 29 है वो बहुत ही खूबसूरत हुस्न
की मलिका है उनको देखते ही मेरा मन सेक्स करने का हो जाता है… बात आज से 2
साल पहले की है में हमेशा उन्हे नंगा देखा करता था
जब वो स्नान करती थी।
क्या बताऊँ दोस्तो उनके बारे में उनके वो बड़े बड़े बोबे वो मस्त मोटी गांड देख के में आज भी मस्त हो जाता हूँ, हर
बार की तरह सुबह जब वो स्नान करने गयी तो में उनके पीछे पीछे बाथरूम तक
चला गया और उनके दरवाजा बंद करने के कुछ देर बाद दरवाजे की जाली से अंदर का
नज़ारा लेने लगा वो अपने कपड़े खोल चुकी थी और नंगी खड़ी थी उन्होने शावर
ऑन किया और जिस्म पर साबुन लगाने लगी. में उनके हुस्न के मज़े ले रहा था
अचानक उन्होने मुझे देख लिया और आवाज़ लगाने लगी कौन है ?
में
कुछ नही बोला और वहाँ से चला गया. फिर लंच के टाइम हमारी मुलाक़ात हुई वो
शक़ भरी नज़रो से मेरी तरफ देख रही थी में समझ गया इन्हे मुझ पर शक़ हो गया
है साथ में डर भी लग रहा था कही यह किसी को कह ना दे. 2 दिन बाद घर वाले
सभी किसी काम से बाहर गये थे और अगले 2 दिन हम घर में अकेले थे. उस दिन
बड़ी माँ ने मुझे अपने कमरे में बुलाया में डरते डरते उनके रूम में गया
उन्होने मस्त सेक्सी ड्रेस पहनी हुई थी।
उन्होने
मुझे अपने पास बैठाया और बात करने लगी पहले तो इधर उधर की बाते कर रहे थी
पढ़ाई कैसी चल रही है…. अचानक उन्होने पूछा उस दिन बाथरूम के बाहर तुम्ही
थे ना में डर गया और नज़रे चुराने लगा उन्होने फिर पूछा मेंने कहा किस दिन
बड़ी माँ उन्होने कहा ज़्यादा बनो मत मुझे सब पता है उस दिन तुम ही थे..
मेने कहा नही बड़ी माँ मुझे नही पता किस दिन की बात कर रही है आप….
तब
वो गुस्से में बोली सीधे सीधे बताओ वरना में तुम्हारी मम्मी को बता दूँगी…
मेने डर के मारे उनके पाव पकड़ लिए और कहा ऐसी ग़लती कभी नही करूँगा मुझे
इस बार माफ़ कर दीजिए… घर में किसी को मत बताना वरना मेरी बहुत पिटाई होगी…
वो बोली ठीक है लेकिन तुम्हे में जो पूंछू सच सच बताना होगा…
मेने
कहा ठीक है फिर उन्होने पूछा यह सब कब से चल रहा था… मेने कहा काफ़ी टाइम
से बड़ी माँ… फिर उन्होने कहा में तेरी बड़ी माँ हूँ तू मेरे बारे में यह
सब कैसै सोच सकता है में थोड़ी देर चुप रहा तो वो बोली चुप क्यू है जवाब
दे… मेने उनसे कहा में क्या करू बड़ी माँ आप हो ही इतनी खूबसूरत में
कंट्रोल ही नही कर पाता जब भी आपको देखता हूँ तो कुछ कुछ होता है…… वो बोली
क्या कुछ कुछ होता है.. बोल.. मेने कहा वो बड़ी माँ….. उन्होने कहा अच्छा
कुछ ज़्यादा ही कुछ कुछ होता है… में समझ गया आज चान्स लग सकता है… फिर
उन्होने मुझसे पूछा तेरी कोई गर्लफ्रेंड है… मेने कहा नही है वो बोली क्यू
मेने कहा आप जैसी कोई मिली ही नही… वो बोली चल हट बदमाश..
फिर
मेने उनसे हिम्मत करके कहा बड़ी माँ में आपको नग्न देखना चाहता हूँ… वो
बोली क्या.. मेने कहा हां बड़ी माँ वो नही मानी लेकिन मेरे बार बार कहने पर
वो मान गयी और कहा दूर से देखेगा कुछ करेगा तो नही… मेने कहा हां बड़ी माँ
दूर से ही देखूँगा.. फिर उन्होने एक एक करके सारे कपड़े उतार दिए अब वो
एकदम नंगी मेरे सामने खड़ी थी वो थोड़ा शरमा रही थी इसीलिए चूत को हाथो से
छुपा रही थी क्या मस्त माल था एक दम गोरा चिकना उन्होने चूत के बाल अभी
काटे थे उनको इतना करीब से नंगा पहली बार देखा था. इतनी जवान खूबसूरत औरत
को देख मेरा लंड हिचकोले मारने लगा और मेरा पेन्ट तंबू की तरह तन गया। वो
चोरी चोरी मेरे लंड को निहार रही थी।
मेने
कहा बड़ी माँ आपके गुब्बारे तो बहुत अच्छे है एक दम तरबूज की तरह वो शरमा
गयी मेने कहा क्या में इन्हे छु कर देख लू… उन्होने मना कर दिया नही… मेने
कहा बड़ी माँ सिर्फ़ हाथ लगा कर देखूंगा… मेने कभी इनको नही छुआ… फिर वो
मान गयी और में उनके गुब्बारो को हाथ में लेकर सहलाने लगा. मेने स्माइल
की.. मेने सोचा अब चान्स लेना चाइये और मेने ज़ोर से उनके बोबे को दबा दिया
उन्होने मुझे ज़ोर दार थप्पड़ रसीद कर दिया और कहा मेने मना किया था ना
तुझे यह सब करने के लिए…
मेने
सॉरी कहा और फिर से उनके बोबे पकड़ लिए लेकिन अब उन्होने मुझे दूर कर दिया
और कपड़े पहनने लगी. लेकिन में कहा मानने वाला था मेने झट से उनको बेड पर
धक्का दिया और एकदम नंगा कर दिया।
वो
मुझे हटने को कह रही थी लेकिन में अपने काम में लगा था मेने अपने लिप्स
उनके लिप्स पर रख लिए और उन्हे कस के पकड़ लिया और उन्हे चूमना स्टार्ट कर
दिया वो अब भी मुझसे छूटने की कोशिश कर रही थी लेकिन सब बेकार था। में
उन्हे कंटिन्यू किस कर रहा था और एक हाथ से उनके बोबे को मसल रहा था अब वो
धीरे धीरे हो रही थी साथ में गर्म भी अब उन्होने दोनो हाथ मेरे उपर रख दिए
और अपनी और खींचने लगी साथ ही किस में साथ दे रही थी. हम दोनो लिप किस में
मशगूल थे. उनके नरम नरम गुलाब की पंखुरियो जैसै होंठो को चूसने में जो मज़ा
आ रहा था वो तो किसी शराब की बॉतल में भी नही आता।
इसके
बाद उन्होने अपने हाथो से मुझे नंगा किया मेरा 8 इंच लंबा मोटा ताज़ा लंड
देख कर वो हैरान रह गयी कहने लगी. शिव यह क्या है इतना बड़ा में तो मर ही
जाउंगी कैसै जाएगा यह इतना बड़ा मेरे अंदर में तो झेल ही नही पाउंगी… मेने
कहा डरो मत बड़ी माँ सब हो जाएगा आराम से यह अंदर चला जाएगा और आपको पता
भी नही चलेगा… मेने कहा इसे मुहं में लेकर चूसो वो उसे मुहं में लेकर चूसने
लगी. दोस्तो उन्होने मेरा लंड चाट चाट के लाल कर दिया कभी वो मेरे बॉल्स
से खेलती तो कभी लंड से. फिर मेने उन्हे बिस्तर पर लिटा दिया और उनके पूरे
जिस्म को अपनी ज़ुबान से चाटा वो पूरी तरह मदहोश हो गयी थी उन्होने मेरा
सिर अपनी चूत में घुसा दिया और चाटने को कहा. मेने अपनी जीभ बड़ी माँ की
चूत में उतार दी और ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगा वो सिसकारिया भर रही थी ओह शिव
!
इसे
और ज़ोर से चाटो आ… याया.. कम ऑन शिव पूरे कमरे में आ…या..या.. की आवाज़े
हो रही थी. मेने अचानक उनकी चूत में अपनी 2 अँगुलिया घुसा दी तो वो चमक
उठी यह क्या कर हो मुझे दर्द होता है… उनकी चूत बहुत टाइट थी एक दम मस्त
कुवारी चूत की तरह फिर में आराम से करने लगा वो पागलो की तरह हाथ पैर मार
रही थी। उन्होने ज़ोर से मेरा सिर अपनी चूत में घुसा दिया और एक झटके के
साथ झड़ गयी में उनका सारा अमृत रस पी गया किसी औरत का रस इतना मज़ेदार
होता है मुझे उस दिन पता चला।
वो कह रही थी अब मुझे मत तड़पाओ मेरे राजा यह चूत अपने मालिक के लिए तड़प रही है इसे अपना लंड डाल कर कृतार्थ करो …
मेने
अपना लंड उनकी चूत के मुहं पर रखा और हिलाने लगा तो वो गुस्सा हो गयी और
कहने लगी कुत्ते हरामजादे अंदर डालने के लिए क्या तुझे बुलावा भेजू उन्होने
लंड पकड़ के अंदर डालना स्टार्ट कर दिया लेकिन उनकी चूत कसी हुई थी तो
मेने तोड़ा ज़ोर लगाया तो वो तड़प उठी और लंड निकाल दिया बोली मुझे नही
चुदवाना…
मेने
उन्हे कहा डरो मत कुछ नही होगा आपकी चूत टाइट है इसलिए तोड़ा दर्द हो रहा
है में आराम से डालूँगा मुझे करने दीजिए… मेरे मनाने पर वो मान गयी और बेड
पर लेट गयी मेने इस बार अपनी पकड़ मज़बूत बनाई और लंड को चूत के मुहं पर
रखा और एक जोरदार झटका मारा जिस से आधा लंड अंदर चला गया। वो चीखना चाहती
थी लेकिन मेने अपने होंठ उनके होंठो से लगा दिए और चूमने लगा. उनके आँख से
आँसू आ रहे थे. मेने एक और झटका मारा तो 6 इंच अंदर जा चुका था वो अब बुरी
तरह तड़प उठी थी वो ज़ोर ज़ोर से हाथ पाव चला रही थी. इस बार मेने परवाह ना
करते हुए एक और कस के धक्का मारा इस बार पूरा लंड अंदर चला गया में कुछ
देर ऐसे ही रुक गया और होंठो को चूमने लगा में एक हाथ से उनके बोबे को भी
मसल रहा था. 15 मिनट बाद बड़ी माँ ने हरक़त की वो अपनी गांड को हिला रही
थी. मेने भी अब धीरे धीरे धक्के देना स्टार्ट कर दिए।
वो
बड़े मज़े से गांड उछाल रही थी ताकी लंड अच्छे से चुदाई करे और पूरा अंदर
जाए थोड़ी देर चोदने के बाद मेने उन्हे कुत्तिया बना दिया और खुद उनके पीछे
आ गया इस पोज़िशन में हमने चुदाई स्टार्ट कर दी वो बड़े मज़े लेकर चुदवा
रही थी और मुहं से ज़ोर ज़ोर से आवाज़ कर रही थी. अहहहह… ओह.. आ… शिव फाड़
दो मेरी चूत को मसल डालो इसे बहुत खुजली होती है इसमे मिटा दो इसकी सारी
खुज़ली आज़ कई दिनों से प्यासी थी… इस लंड के लिए तुम्हारे बड़े पापा तो
कुछ भी नही करते अपना पानी निकाल कर सो जाते है.. में तो सारी रात तड़पती
रहती हूँ… चोदो और चोदो आ..हहः ऊहह.. ह.. ह.. ह.. बहुत मज़ा आ रहा है शिव
तुम सच में कितना अच्छा चोदते हो…
30
मिनट की चुदाई के बाद वो झड़ने वाली थी। मेने उसे फिर से लिटा दिया और
सारा रस पी गया लेकिन में अभी भी नही झरा था इस बार मेने उन्हे अपने उपर
बैठा लिया और लंड घुसा दिया वो बड़े मज़े से उछल उछल के अपने अंदर ले रही
थी. में चुदाई के साथ साथ उनके मोटे मोटे बोबों के भी मज़े ले रहा था. उनकी
चूत के रस की तरह वो भी बड़े रसीले थे वो मदहोश होकर चुदवा रही थी. हम
दोनो चुदाई का मजा ले रहे थे. 20 मिनट चली चुदाई से हम दोनो झड़ने वाले थे.
मेने पूछा में आने वाला हूँ.. कहा निकालूं माल… वो बोली अंदर ही मेने
टॅबलेट ले रखी है… फिर हम दोनो एक साथ फ्री हो गये सारी रात हम ऐसे ही पड़े
रहे एक दूसरे की बाहो में।
तो दोस्तो यह थी मेरी ज़िंदगी की सबसे हसीन रात जो मेने मेरी बड़ी माँ के साथ बिताई उनकी जवानी के मज़े लेते हुए।
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