Thursday, June 18, 2015

FUN-MAZA-MASTI बेशरम चूत ...1

FUN-MAZA-MASTI

 बेशरम चूत ...1


 कहानी ठाकुर परिवार की है. चार लोगों के इस परिवार मे बाहरसे देखने पर सब कुछ सामानया ही था लेकिन इसके अंदर कितने गहरे राज छुपे हुए थे यह कोई नही जनता था. परिवार का मुखिया ठाकुर सोमराज सिंह. उँची कद काठी का आदमी था. पढ़ने लिखने मे कुछ बहुत तेज नही था वो इसलिए उसने नौकरी नही बल्कि अपना खुद का बिसनेस शुरू कर दिया था बहुत पहले ही.

आज के समय मे अपने शहर के सबसे राईस लोगों मे शुमार था ठाकुर सोमराज सिंह. उसकी पत्नी नीलू सिंह. देखने मे बहुत सुंदर नही थी लेकिन फिर भी आकर्षक थी. उसमे कुछ ऐसा था जो नज़र खीच लेता था. नीलू सिर्फ़ हाउसवाइफ थी. उन दोनो के जुड़वा बच्चे थे. एक लड़का एक लड़की. लड़के का नाम भानुप्रताप और लड़की का नाम नंदिनी था.

नंदिनी को सभी प्यार से रानी कहते थे. भानु को हमेशा इस बात की शिकायत रहती थी की उसका नाम पुराने जमाने का है लेकिन बेचारा इस बारे मे कुछ कह नही सकता था. सोमराज बहुत ही कड़क आदमी था और उससे बात करना हर एक के लिए बहुत मुश्किल होता था. यह रहा परिवार का फॉर्मल इंट्रो. यह लोग उत्तरप्रदेश के कानपुर मे रहते थे. भानु और रानी दोनो ही शुरू से ही बोरडिंग स्कूल मे डाल दिए गये थे. उन्हें सिर्फ़ छुट्टियों मे ही अपने घर आने का मौका मिलता था. लेकिन दोनो माता पिता उनसे मिलने के लिए साल मे काई बार उनके बोरडिंग स्कूल ज़रूर जाते थे.

दोनो बच्चे पढ़ने मे बहुत अच्छे थे. और दोनो ने हमेशा ही अपने परिवार से बहुत प्यार पाया था. नीलू अपने बच्चों पर जान छिडकती थी और उनकी हर तमन्ना पूरी करती थी. सोमराज कुछ ४७ साल के थे. नीलू ४५ की थी. दोनो बच्चों की उम्र २१ साल की थी. अब शुरू करते हैं इनकी कहानी........आज रानी और भानु अपने कॉलेज से अपना कोर्स ख़त्म कर के अपने घर लौट रहे हैं. दोनो ने बी कॉम किया है. दोनो अलग अलग शहर के कॉलेज मे थे. दोनो की छुट्टियाँ एक साथ ही शुरू ही थी. आगे का उन्होने अभी कोई प्लान नही किया था. वो कुछ लंबे समय के लिए अपने घर पर ही रहना चाहते थे. आज दोनो के आने का इंतजार नीलू को बहुत ज़्यादा था. लेकिन सोमराज कुछ ज़्यादा खुश नही था. सोम भी अपने बच्चों से बहुत प्यार करता था. लेकिन उनके घर पर रहने का मतलब यह था की सोम के कुछ काम बंद होने वाले थे. सोम अपने घर मे जिस तरीके से रहता था वो उसे बदलना पड़ता था. जब भी बच्चे घर आते थे. लेकिन पिता के रूप मे वो खुश भी था की उसके बच्चे इतने सालों के बाद अपने घर आ रहे हैं और इस बार उनके पास रहने के लिए बहुत टाइम है......नीलू समझ रही थी की सोम के मान मे क्या चल रहा है. उसे भी काफ़ी सारे बदलाव करने थे खुद मे. बच्चों के प्यार मे बहुत ताक़त होती है. दोनो ने सोच लिया था की कुछ समय के लिए यह नये तरीके की जिंदगी भी जी के देख ली जाए.......


भानु और रानी आज दोपहर की फ्लाइट से आने वाले हैं. उनकी फ्लाइट का टाइम ३ बजे का है. अभी दिन के नौ बाज रहे हैं. सोम और नीलू अपने लौन मे बैठे हुए हैं. ठंडी का समय है. अंदर घर का स्टाफ घर की सफाई कर रहा है.

सोम - नौकरों को सब समझा दिया है ?

नीलू - हाँ. समझा तो सब दिया है. पता नही कैसे कर पाएँगे. कहीं कुछ बिगड़ ना दें.

सोम- बिगाड़ देंगे तो इनकी मा चोद दूँगा मैं.

नीलू - सबसे पहले तो आप ही बिगाड़ेंगे सारा खेल. अब बंद कीजिए ऐसे गली देना. बच्चे आ रहे हैं और आप अभी तक मा बहन एक कर रहे हैं सब की.

सोम - सॉरी. गुस्से मे निकल गया.

नीलू - आपके इसी गुस्से की वजह से हमारी पोल खुल जाएगी बच्चों के सामने.

सोम - अब नही बकुँगा गाली. बस यह लास्ट थी. क्या क्या कह दिया है स्टाफ को.

नीलू - कुछ नही बस इतना कह दिया है की अब तुम लोग कभी घर मे आ जा सकते हो. जब भी भानु और रानी आवाज़ दें तो उनकी बात सुनना और काम करना.

सोम - ओके. देखना यह है की इनमे से कोई अपनी ज़ुबान न खोले बच्चों के सामने.

नीलू - अगर किसी ने कुछ कह दिया तब तो ज़रूर उसकी मा चोद देना.

सोम - मुझे तो बड़ा ज्ञान दे रही थी. अब खुद की ज़ुबान को क्या हुआ?

नीलू - सॉरी . लेकिन सच मे मुझे बहुत डर लग रहा है. कितने ऐश मे जीते थे हम लोग. लेकिन अब सब बंद हो जाएगा. लेकिन क्या कर सकते हैं बच्चे भी तो हमारे हैं. उन्हें भी तो हमारे प्यार की ज़रूरत है. वैसे भी हमने कभी अपने बच्चों को अपने पास नही रहने दिया. देखो ना दोनो २१ साल के हो गये लेकिन कभी एक महीने भी नही रहे होंगे घर पर. हमेशा या तो हम उनके स्कूल चले जाते थे या उन्हें कहीं और घूमने ले जाते थे.

सोम- हाँ सही कह रही हो. लेकिन फिर भी मुझे लगता है की हमारे बच्चे हमारे बहुत क्लोज़ हैं. नही तो देखो ना दूसरों केबच्चे अपने मा बाप से सब छुपा लेते हैं. हम तो फिर भी लकी हैं इस मामले मे.

नीलू - हन.रोज बात होती रहती थी हमारी बच्चों से इसीलिए ऐसा हैंअहि तो हमारे बच्चे भी हमसे दूर हो जाते.

सोम - इसीलिए कहता हूँ तुम बेकार मे परेशन मत हो. सब कुछ ठीक ही होगा. देखना हम कोई ना कोई तरीका खोज ही लेंगे. और फिर वैसे भी बच्चे जवान हैं. वो लोग सारा दिन घर पेर तो रहेंगे नहि.कहिन बाहर जाएँगे ही. तो हमारे लिए वो एक मौका तो है ही.

नीलू - ऐसे तो कई मौके मिलेंगे लेकिन उसमे वो बात कहाँ...

सोम - आएगी. वो बात भी आएगी और वो मज़ा भी आएगा. तुम देखती जाओ बस. जल्दी जल्दी मे चुदाई करने का मज़ा ही कुछ और है.......अर्रे देखो यह नौकरों ने अभी तक हमारा कमरा सॉफ नही किया क्या.......ज़रा देख के आओ. अगर सॉफ हो गया हो तो कमरे मे चलते हैं. अंदर से बंद कर लेंगे और एक चुदाई कर लेंगे जल्दी से.

नीलू - हाँ मैं भी यही सोच रही थी. रूको मैं देख के आती हूँ.......

नीलू ने बारी बारी से सभी कमरे देखे..उसे बहुत जल्दी भी थी क्योंकि बच्चों को लेने के लिए एयरपोर्ट जाने में भी अब ज्यादा समय नहीं रह गया था.....वो जिस जिस भी कमरे में जाती वहां उसे कुछ न कुछ कमी दिख जाती थी.....उसने नौकरों को बुलाने के बजाय खुद ही काम करना शुरू कर दिया....उधेर नीचे सोम बैठा नीलू की आवाज का वेट कर रहा था की कितनी जल्दी नीलू इशारा कर दे और वो तुरंत जा के उसके उपर चढ़ाई कर दे.......जब बहुत देर तक उसे नीलू की आवाज नहीं आई तो उसने ही आवाज दी..........जवाब आया की यहाँ तो बहुत काम बाकी बचा है...आओ जरा मदद कर दो फिर हमें एयरपोर्ट भी जाना है.......इतना तो सोम को नाराज करने के लिए काफी था...वो उसी समय नौकरों पर चिल्लाने लगा की हरामखोर हैं सब कोई काम ठीक से नहीं करते.......लेकिन फिर उसे ही ख्याल आया की अभी चिल्लाने के चक्कर में जो एक मौका है चुदाई करने का कहीं वो न हाथ से निकल जाये...तो वो भी तुरंत भाग के उपर गया और नीलू के साथ काम करवाने लगा.....दरअसल यह दोनों ही पति पत्नी दिन रात चुदाई करते थे तो उनके पुरे घर में चुदाई से जुडी हुई चीजें ही फैली हुई थीं....नौकरों को तो यह बात मालूम थी की उनके मालिक मालकिन कैसे हैं लेकिन बच्चों के सामने यह सब जाहिर नहीं होने देना चाहते थे...बहुत सफाई करने के बाद भी नौकरों ने कुछ चीजें मिस कर दी थीं....जैसे खुद उन्ही के बेडरूम में टीवी की टेबल के नीचे ही बहुत सारी पोर्न फिल्म और पोर्न वाली पत्रिकाएं रखी हुई थी.....नीलू के कुछ चुदाई वाले स्पेशल कपडे भी बहार रह गए थे....इसी तरह की छोटी छोटी चीजें अभी भी घर में बिखरी हुई थी....

सबसे बड़ी दिक्कत की बात तो यह थी की दोनों घर में अकेले ही रहते थे इसलिए वो कब कहाँ किस जगह पर चुदाई करना शुरू कर देंगे इसका भी कुछ हिसाब नहीं था....भानु और रानी दोनों के ही नाम से घर में कमरे तो थे लेकिन वो लोग कभी घर में रहे नहीं इसलिए उन कमरों का उपयोग भी इन्ही पति पत्नी की चोद्लीला के लिए ही होता था...और वहां भी इसी तरह के सामान बिखरे हुए थे अभी भी......इसीलिए सोम इतना नाराज हो रहा था नौकरों पर की इतने दिनों से सफाई के लिए कहा हुआ है लेकिन घर साफ़ नहीं हुआ....घर के यह वफादार नौकर आपसे बाद में मिलेंगे...अभी सोम और नीलू का हाल सुनिए.......जैसे ही सोम कमरे के अन्दर आया तो देखा की नीलू ने हाथ में बहुत साडी पत्रिकाएं उठाई हुई हैं और कुछ उठा रही रही है...

सोम - यह अभी बाहर ही रह गयी हैं..???

नीलू- हाँ वही तो. पुरे घर में इतने दिनों से सफाई चल रही है लेकिन यह सामान है की ख़त्म ही नहीं होता.

सोम- यह हरामजादे नौकर भी न...कोई काम ठीक से नहीं करते.

नीलू - उन्हें गाली बाद में दे लेना अभी काम करवाओ हमें फिर जाना भी है न..

सोम- अरे तो क्या उसी में सारा समय निकल जायेगा....एक बार चोद लेते हैं न जल्दी से फिर पता नहीं कब मौका मिले...

नीलू- बिलकुल नहीं. पहले यह सब काम करवाओ फिर मार लेना....

सोम- लेकिन इतना टाइम ही कहाँ है हमारे पास...

नीलू- तो जल्दी जल्दी हाथ चलाओ न जब से मुंह चला रहे हो...आओ जल्दी से काम करवाओ...

सोम चिढ के मुंह बना तो लेता है लेकिन जनता है की नीलू सही कह रही है......दोनों जल्दी जल्दी से चीजें समेटने में लग जाते हैं.......भानु और रानी दोनों ही २१ साल के हो चुके हैं...खुद सोम और नीलू के बीच सिर्फ दो साल का ही अंतर है...हालांकि सोम दो साल छोटा है नीलू से.....नीलू की उम्र लगभग ४७ साल और सोम की उम्र ४५ साल की है......इनकी शादी कब कैसे किन हालातों में हुई इस पर बाद में रौशनी डाली जाएगी...अभी तो गौर करने वाली बात यह है की दुनिया में शायद यह एकलौते ऐसे माँ बाप होंगे जो अपने बच्चों के आ जाने से अपनी चुदाई में पड़ने वाली बाधा से चिंतित थे और वो भी इतने ज्यादा चिंता में थे........दोनों काम के साथ साथ बातें भी कर रहे थे...

सोम - इतने दिनों से हमें पता है की बच्चे आने वाले है लेकिन फिर भी यह सब काम ख़त्म क्यों नहीं हुआ...

नीलू - पता तो तुम्हें भी था न लेकिन तुमने भी ध्यान नहीं दिया की समय नजदीक आ रहा है तो फिर मुझे क्यों दोष दे रहे हो ?

सोम - तुम्हें दोष नहीं दे रहा हूँ बल्कि हैरान हूँ की हमने इतनी बड़ी लापरवाही कैसे कर दी?

नीलू - तुम्हें हैरानी होती होगी मुझे तो नहीं हो रही...यह सब तुम्हारे हलब्बी लंड का नतीजा है. जब देखो खड़ा रहता है. न खुद कुछ करते हो न मुझे काम करने देते हो...जब देखो तुम्हें बस चुदाई चाहिए होती है...उसी का नतीजा है यह सब...

सोम- लेकिन हम तो इतनी बड़ी पार्टीज मैनेज कर लेते हैं फिर यह इतनी सी बात कैसे नहीं मैनेज हुई हमसे...

नीलू - मैंने सोचा था की एक रात पहले सब ठीक कर लूंगी...

सोम - तो फिर किया क्यों नहीं? क्या करती रही कल रात?

नीलू - मैं करती रही या तुम करते रहे? मैंने तो कहा था कल ही की रात में सरला को मत बुलाना. वो छिनाल एक बार चुद के कभी नहीं सोती. एक बार शुरू होती है तो पुरे मोहल्ले से चुदने के बाद ही सोती है. फिर भी तुमने नहीं मानी बात और बुला लिया उसे भी.......

सोम - मैंने तो यह सोच के बुलाया था की तुम इस काम में बिजी रहोगी तो मैं उसे चोद लूँगा तब तक..

नीलू - हाँ वो तो जैसे इतनी सीधी है.....रात भर तुमसे लंड लेती रही और मेरी भोसड़ी में मुंह डाल के बैठी रही...आज सुबह आँख भी देर से खुली उसके कारन....

सोम - हाँ लेकिन मजा तो आया न....कुछ भी कहो सरला है बड़ी नमकीन..

नीलू - हाँ वो तो है लेकिन उसके नमक के चक्कर में अब जो हमारी आफत हो रही है उसका क्या....सोमू मैं तो खुद बड़ी परेशां हूँ की अब कैसे यह सब रंग रेलियाँ किया करेंगे हम लोग....

सोम - चिंता न करो..कुछ न कुछ रास्ता निकाल लेंगे...और फिर हमारे फार्म हाउस तो है ही इसी काम के लिए...वहां जा जा के बुझाएंगे अपनी ठरक....

नीलू - हाँ ऐसा ही कुछ करना पड़ेगा..


इतनी देर में उन्होंने अपना कमरा लगभग सेट कर लिया था और फिर भानु का कमरा भी सेट हो गया था...वो लोग अब रानी के कमरे में थे...इस कमरे में वो लोग अक्सर बाहर के लोगों के साथ मजे करते थे.....तो यहाँ तो और भी ज्यादा सामन पड़ा हुआ था......अब एयरपोर्ट के लिए निकलने में सिर्फ एक घंटा रह गया था....दोनों ने जल्दी जल्दी हाथ चलाना शुरू किया.....काफी चीजें वहां से हटा देने के बाद जब नीलू कमरे के एक कोने में कड़ी कमरे का मुआयना कर रही थी तब सोम ने सोचा की अभी सही समय है राउंड लगाने का...........नीलू ने सलवार कुरता पहना हुआ था....और जाने के पहले वो कपडे चेज करने वाली थी..यह बात सोम भी जनता था......यह दोनों ही चुदाई के समय खूब शोर करते थे..एक दुसरे को गाली देते थे...एक दुसरे को जोर से करने के लिए उकसाते थे और इनके बीच सेक्स में कुछ भी गन्दा नहीं था...यह सब कुछ करने के शौक़ीन थे...सब कुछ..........सोम जैसे ही नीलू के पीछे आ के खड़ा हुआ...नीलू भी समझ गयी की सोम का क्या मूड है......उसने बिना किसी देरी के अपनी सलवार का नाडा खोल दिया और सलवार सर्र से नीचे सरक गयी...कुरते के बड़े बड़े कट उसकी जाँघों से ले के कमर तक थे.....सोम ने भी अपनी ज़िप खोल ली थी...अभी इनके पास ज्यादा रस ले के चुदाई करने का समय नहीं था..इसलिए सीधे ही चुदाई करने के सिवा कोई रास्ता नहीं था......नीलू ने अभी भी कमरे को ताकना जारी रखा था...हाँ वो अब नीलू के पलंग पर अपनी एक टांग चढ़ा चुकी थी...इससे उसकी चूत खुल गयी थी....सोम पीछे आया...उसने न थूक लगाया न कुछ..बस नीलू के पीछे आ के उसने चूत के मुंह पर अपना लंड सेट किया.......और एक पल के लिए थम गया....नीलू ने अपना बैलेंस बनाया और फिर सर को हलके से हिलाया जैसे सोम को इशारा कर रही हो की डाल दो अन्दर और सोम ने इस एक इशारे के बाद एक पल भी नहीं गंवाया और अपना पूरा ९ इन्च का लम्बा लंड नीलू की चूत में एक झटके से घुसेड दिया...........सरसराता हुआ लंड बिना किसी बाधा के पूरा जड़ तक नीलू की चूत में समां चुका था........और नीलू के मुंह से आह निकली.......यस डैडी...........इसके पहले भी यह दोनों एक दुसरे के साथ बहुत सरे रोल प्ले कर चुके थे...लेकिन आज इसी मौके पैर नीलू के मुंह यस डैडी निकलना किसी बड़े संजोग से कम नहीं था........या यह किस्मत का तरीका था कुछ संकेत करने का......पता नहीं क्या था...दोनों का ध्यान इस समय इस बात पर नहीं था....सोम ने शुरू से ही धक्कों की गति तेज रखी थी....दोनों को जल्दी से झड़ना जो था.....नीलू हर धक्के पर थोडा और झुक जाती थी सामने की तरफ और सोम हर धक्के पर उसके उपर झुकता जा रहा था.......जैसे जैसे सोम के धक्के तेज होते रहे वैसे वैसे ही नीलू की आवाज भी तेज होती रही....यस डैडी गिव इट टू मी.......यस डैडी फक मी......यस डैडी....आआआआआ.......और सोम और तेज धक्के देता जा रहा था.....और फिर नीलू ने कहा स्लैप मी....और सोम ने बिना किसी देरी के एक जोरदार थप्पड़ नीलू की गांड पर जमा दिया.....यह कोई प्यार से सहलाने वाला थप्पड़ नहीं था...बल्कि गुस्से में मारा गया थप्पड़ था...नीलू को ऐसे ही चपत पसंद थी अपनी गांड पर...और उस एक चपत ने उसका मजा दुगना कर दिया...नीलू ने फिर से हुंकार भरी ...यस डैडी हिट मी हार्ड...और उसके बाद तो सोम ने एक झड़ी लगा दी थप्पड़ों की.....नीलू की गांड दो मिनट में ही लाल हो गयी..और लंड और चूत का खेल भी पुरे जोर पर था.....नीलू बार बार उसे यस डैडी कह रही थी और सोम भी उसी जोश में उसे बुरी तरह से पेल रहा था.....और फिर दोनों ही अपनी चरम पर पहुचने वाले थे.....सोम ने नीलू की छोटी को पीछे से पकड़ लिया और जोर से खीच दिया...नीलू का सर और पीठ एक आर्क शेप में मुद गयी और सोम ने एक गहरे धक्के के साथ अपना पानी नीलू की बुर में निकाल दिया जहाँ उससे मिलने के लिए नीलू की बुर ने पहले ही अपने पानी का झरना बहा दिया था.............इतनी तेज चुदाई और जोरदार मारपीट के बाद भी दोनों थके नहीं थे......दोनों इस उम्र में भी बहुत जोश वाले थे.......लेकिन इसके पहले की दोनों कुछ कहते या सोचते पीछे से सुधा की आवाज आई....

सुधा - बेटा अब आप दोनों को निकलना चाहिए...रस्ते में अगर कहीं जाम लग गया तो मुश्किल हो जाएगी...
नीलू - हाँ हम बस जाने ही वाले थे.....
सुधा - यह लो तुम्हारे कपडे मैं ले आई हूँ.....सोमू बेटा तुम भी चेंज कर लो...लाओ यह सलवार कुरता मुझे दे दो नीलू और यह पेंटी भी उतर दो....
नीलू - पेंटी तो ठीक है रहने दो इतना टाइम कहाँ है.
सुधा - नहीं नहीं. उतार के जाओ.....यह दूसरी वाली पहन लो....वैसे भी तुम्हारी यह थोंग वाली पेंटी मुझे बड़ी अजीब लगाती हैं...यह तो एकदम दरार में घुस जाती हैं और फिर मन हो चाहे न हो रगड़ती रहती हैं अन्दर ही अन्दर...बेकार में तूफ़ान मचा देती हैं....अभी तुम लोग अच्छे काम के लिए जा रहे हो. इसलिए यह थोंग पेंटी न पहनो तुम....यह नार्मल टाइप वाली ले आई हूँ तुम्हारि अलमारी से यह पहन लो....
सोम - तुम कहाँ रह गयी थी सुधा काकी...हम लोग कितने परेशां थे....देखो न...कितना सामन फैला हुआ था...अभी तक उसी में लगे थे...
सुधा - तुम लोग मेरी बात तो सुनते नहीं हो. वरना अब तक तो सब हो गया होता....चलो कोई बात नहीं...तुम जाओ...मैं यहाँ देख लूंगी और क्या क्या करना है....लाओ सोम तुम्हारा लंड पोंछ दूं.....नीलू की बुर इतना पानी लगा देती है इस पर की टपकने लगता है...
नीलू - हाँ हाँ यह कहो न काकी की तुम्हें भी चूसने का मन कर गया है....
सुधा - तो क्या हुआ? सोम मेरा भी तो कुछ लगता है न?
नीलू - हाँ सुधा काकी..मैंने कब मना किया है...सोम तुम्हारा भी लगता है...हम सब का लगता है सोम...इस पर मेरा अकेले का हक नहीं है...हम सब का है......तुम चूस के जल्दी से साफ़ कर लो तब तक मैं रेडी हो जाती हूँ और फिर हम सीधे चले जायेंगे.......

सुधा काकी कौन है और इन दोनों से उसका क्या रिश्ता है...यह सब आगे पता चलेगा...इतनी भी क्या जल्दी है......????

घर से निकल के दोनों कार में आ गए और एयरपोर्ट की तरफ चल पड़े....उम्मीद के विपरीत दोनों ने सभी काम समय रहते निपटा लिए थे और उनके पास अभी भी काफी टाइम था की वो आराम से चल के एयरपोर्ट पहुच जायेंगे....सोम को वैसे भी तेज गाड़ी चलाना पसंद नहीं था.....दोनों बातें करते हुए एयरपोर्ट की तरफ जा रहे थे....
नीलू - जिस दिन सुबह से एक राउंड न लग जाये मेरा बदन खुलता ही नहीं है....लगता है जैसे पुरे शरीर में अकड़न सी हो...
सोम - हाँ मेरा भी वही हाल है...सुबह उठ के नाश्ता मिले या न मिले लेकिन एक बार चुदाई तो मिलनी ही चाहिए...
नीलू - सुनो वो काकी के लिए भी कुछ सामान लेना था तो मैं सोच रही थी की तुम भी साथ चलते.
सोम - ऐसा क्या सामान लेना है जो मैं भी साथ चलूँ?
नीलू - काकी ने ही कहा था की तुम्हें कह दूं बाकी तुम खुद ही समझ जाओगे...
सोम - मैं नहीं समझा...पूरी बात बताओ...
नीलू - वो दोनों बच्चे आ रहे हैं न....तो काकी ने कहा की दोनों की जांच कर लेनी चाहिए...अभी दोनों काफी दिनों तक घर में ही रहेंगे...या हो सकता है की अब वो हमेशा ही हमारे साथ रहें...तो हमारे पास काफी समय है उन्हें सब कुछ समझा के उनकी जांच करवा लेने का.....
सोम - हाँ हाँ...काकी ने एक दिन कहा तो मुझसे भी था लेकिन मैं ध्यान नहीं दे पाया...हाँ ठीक कहती हो....अभी ही सही समय है...अभी दोनों को समझा देंगे तो जांच के लिए शायद मान जाएँ...लेकिन बाद में तो उन्हें यह कहने में खुद हमें ही शर्म आने लगेगी...
नीलू - हाँ काकी भी यही कह रही थी की जितनी जल्दी जांच हो जाये उतना ही अच्चा है......

इससे पहले की यह बात आगे बढ़ पाती नीलू के सेल पर एक कॉल आ गया...यह उसकी ही एक सहेली का कॉल था...
नीलू - हेल्लो शालू कैसी हो...
शालू - एकदम मस्त हूँ यार...तू सुना कैसी है...
नीलू - मैं भी एकदम अच्छी हूँ..और बड़े दिनों बाद मेरी याद आई तुझे...
शालू - नहीं याद...कई दिनों से बाहर थी इसलिए बात नहीं हो पाई....तू सुना क्या चल रहा है...कहाँ हो अभी तुम...?
नीलू - अभी तो एयरपोर्ट जा रही हूँ....
शालू - कोई गेस्ट आ रहे हैं क्या? नयी पार्टी ओर्गेनायिज़ कर रही हो क्या? मुझे भी बताना....बहुत दिन हो गए याद अय्याशी नहीं की...
नीलू - अरे नहीं रे पगली.....मेरे बच्चे दोनों घर आ रहे हैं...उन्हें लेने जा रही हूँ...
शालू - ओह्ह ....अरे वाह यह तो बड़ी ख़ुशी की बात है....
नीलू - हाँ हम लोग भी बहुत खुश हैं.....
शालू - लेकिन यार इससे तो तुम दोनों की लाइफ एकदम बदल जाएगी...
नीलू - हाँ वो तो है...लेकिन बच्चों के साथ रहने का सुख भी तो है...
शालू - हाँ सही कह रही हो.......लेकिन बेचारे सोम भाईसाहब का क्या होगा....
नीलू - यह तुम उन्ही से पूछ लो... ( नीलू ने सेल स्पीकर पर कर दिया )
सोम - नमस्ते भाभी जी..
शालू - नमस्ते भाईसाहब कैसे हैं आप....
सोम- हम तो अच्छे हैं लेकिन आप तो हमें बिलकुल भूल ही गयी हैं...
शालू - अरे नहीं भाईसाहब ऐसा नहीं है....वो बस इधेर उधेर थोडा बिजी थी....और कोई बात नहीं...
सोम - ठीक है...मुझे लगा कहीं हमसे तो कोई खता नहीं हो गयी जो आपने इस तरह हमसे मुंह मोड़ लिया है...
शालू - अरे नहीं ऐसा कुछ नहीं है...और फिर कोई औरत आपके नीचे आने के बाद भला आपसे कैसे मुंह मोड़ सकती है...
नीलू - ओये मैं सब सुन रही हूँ..मेरे पति को लाइन मत मार तू...
शालू - हाँ तो कौन सा तेरे पीठ पीछे करती हूँ...तू खुद ही तेल लगा के उनका लंड डलवाती है मेरी चूत में मेरी सौतन.....
नीलू - सौतन मैं नहीं तू है मेरी......
सोम - हाँ हाँ दोनों एक दुसरे की सौतन ही बनी बैठी रहना....लेकिन अब जरा दोनों खुद पर कण्ट्रोल रखना...अब घर का माहौल बदलने वाला है.....भाभी जी आप भी थोडा ध्यान रखना.....
शालू - हाँ हाँ जरुर...आप चिंता न करें भाईसाहब...कोई परेशानी नहीं होगी मेरी वजह से..मैं धयन रखूँगा...
नीलू - अच्छा शालू हम बाद में बात करते हैं....... ( नीलू ने कॉल काट दिया )
सोम - शालू ने ठीक ही किया उस आदमी से डाइवोर्स ले के...वो तो साला किसी काम का नहीं था...
नीलू - हाँ हाँ काम के तो तुम हो...शालू का नाम सुना नहीं की लार टपकाने लगे.....
सोम - तो तुम क्यों जल रही हो...तुम्हें कौन सी कमी है....
नीलू -.मैं क्यों जलूँगी....जले मेरी जूती...मेरे सामने तो सौ शालू भी कुछ नहीं हैं....
सोम - अरे तुम्हारे सामने तो कोई भी कुछ नहीं है.....यार बड़ा मन कर रहा है एक राउंड और लगाने का...लेकिन हम लोग पार्किंग लोट में पहुच गए हैं...अब तो कुछ संभव नहीं है....
नीलू - संभव कैसे नहीं है......अभी फ्लाइट आने में कुछ देर होगी...और एयरपोर्ट पर बाथरूम तो हमेशा ही बहुत अच्छे होते हैं...आओ आज सरकार की दी गयी सेवाओं का लाभ उठायें.....हम भी तो टैक्स देते हैं...
सोम - हाँ हाँ...सही कह रही हो...अभी इतना टाइम तो है ही.....मैं जल्दी से पार्क करता हूँ.....
 

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