FUN-MAZA-MASTI
मेरी सहपाठी स्वाती
हैल्लो फ्रेंड्स.. मेरा नाम साहिल और में अमृतसर का रहने वाला हूँ और यह स्टोरी मेरी जिंदगी में घटी एक सच्ची घटना है मेरी उम्र 21 साल है और मेरी हाईट 5 फुट 9 इंच है। दोस्तों यह कहानी तब की है जब में बीकॉम के दूसरे साल में था और दो साल से पहले मैंने कभी किसी लड़की को प्रपोज नहीं किया था.. क्योंकि में बहुत शरम महसूस करता था और इन दो साल में मैंने अपनी क्लास की 5-6 लड़कियों को प्रपोज किया था.. लेकिन उन सभी ने मुझे ना कर दी और में भी कभी सीरीयस नहीं था.. लेकिन फिर भी सब लड़कीयों से बातचीत कर लेता था और सभी मेरी अच्छी फ्रेंड्स थी और में अपने फ्रेंड्स के साथ हंसी मज़ाक के माहोल में रहता था।
मेरा एक फ्रेंड है राहुल.. मेरी उससे बहुत अच्छी बनती थी.. एक बार हमारे कॉलेज में परीक्षा के लिए एक्सट्रा क्लास लग रही थी। तो मैंने और मेरे फ्रेंड ने सोचा कि चलो यार क्लास में भी चलकर देख लेते है और वैसे भी घर पर जाकर तो बोर ही होना है और हमारे साथ हमारी क्लास की 3-4 लड़कीयां भी क्लास में आ गई। उसमे एक लड़की थी स्वाती.. वो देखने में इतनी सुंदर तो नहीं थी.. लेकिन उसका फिगर देखकर कोई भी लड़का उसको चोदना चाहेगा। फिर जिस क्लास रूम में हमारी क्लास लगनी थी.. उसमे सारी टेबल एक लाईन में थी मतलब जैसे एक के पीछे एक होती है। तो स्वाती और उसकी एक फ्रेंड हमारी टेबल के आगे वाली टेबल पर बैठी हुई थी और मैंने अपने दोनों हाथ टेबल के आगे लटका रखे थे और उसने वी आकार का सूट पहना हुआ था और उसकी कमर पर भी वी आकार का गला था जो बहुत खुला हुआ था।
फिर जैसे ही वो टेबल के साथ सटकर बैठने लगी तो मेरा हाथ उसके और टेबल के बीच आ गया और मेरा हाथ उसकी पीठ पर लग गया.. लेकिन उसने कोई भी विरोध नहीं किया और वैसे ही बैठी रही.. उल्टा मेरी तरफ मेरे हाथ पर थोड़ा और दबाव बना दिया.. में तो जैसे खुशी से फूला ना समाया.. लेकिन मैंने अभी कोई और हरकत नहीं की.. वो कुछ देर तो ऐसे ही बैठी रही और फिर आगे हो गई। तो मैंने अपने हाथ पीछे खींच लिए और सोचा शायद उसे पता ना लग गया हो और मैंने दोबारा अंजान बनते हुए अपना हाथ फिर वैसे ही रख दिया.. लेकिन इस बार मेरी हिम्मत बढ़ गई और वो फिर से पीछे हुई तो इस बार मेरा हाथ उसके सूट के अंदर चला गया.. क्योंकि उसका सूट पीछे से भी वी आकार का था और बहुत खुला हुआ था और में ऐसे ही बैठा रहा और वो भी। मेरी यह सारी हरकतें मेरा फ्रेंड राहुल भी देख रहा था और हम आपस में बातचीत करने लगे। तो उसने मुझे कहा कि हाथ थोड़ा और अंदर डाल दे.. फिर मैंने ऐसे ही किया और मेरा हाथ उसकी ब्रा की डोरी तक पहुंच गया था और इधर मेरा लंड कुछ ज़्यादा ही गरम हो गया था। फिर क्लास खत्म हो गई और जैसे वो थोड़ा आगे हुई तो मैंने अपना हाथ खींच लिया जब हम क्लास से बाहर निकलकर घर जाने लगे तो में स्वाती से बातें करने लगा। फिर जब वो जाने लगी तो दोस्तों उसने जाने से पहले ही मेरा फोन नंबर माँग लिया और मैंने भी खुशी से उसे नंबर दे दिया और फिर हमने नंबर एक दूसरे को दे दिया। फिर घर पर जाकर मैंने उसे जनरल मैसेज भेज दिया तो उसने भी एक मैसेज मुझे भेज दिया और इस तरह हमारी चेटिंग शुरू हो गई। फिर दिन बस ऐसे ही चलते रहे। कॉलेज में हम चारों बहुत अच्छे फ्रेंड्स बन गये थे.. में, स्वाती उसकी फ्रेंड और मेरा फ्रेंड राहुल। फिर एक दिन उसने मुझे चेटिंग के दौरान एक नॉनवेज मैसेज भेज दिया और फिर मैंने भी भेज दिया और फिर धीरे धीरे हमारी नॉनवेज बातें शुरू हो गई.. लेकिन अभी तक हम सिर्फ़ फ्रेंड ही थे। फिर जब वेलेंटाईन डे वाला सप्ताह आया तो मैंने प्रपोज वाले दिन उसे बहुत ही रोमॅंटिक तरीके से उसे प्रपोज कर दिया.. लेकिन उसने मुझे ना कर दी।
फिर अगले दिन मैंने उसे कॉल किया और मैंने बातों ही बातों में उसे यह जताना शुरू कर दिया कि में उससे बहुत नाराज़ हूँ और जब शाम हुई तो उसका एक मैसेज आया.. में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ साहिल। में तो जैसे खुशी से पागल ही हो गया.. लेकिन उसने कहा कि क्लास में किसी और को हमारे रिश्ते के बारे में पता नहीं चलना चाहिए। तो मैंने हाँ कर दी और फिर हम रोज फोन पर बातें करने लगे.. क्या करूं दोस्तो कॉलेज में उससे बातें हो नहीं पाती थी.. क्योंकि वो अपनी फ्रेंड के साथ होती थी। फिर ऐसे ही दिन बीतते गये और हम रोज रात को बातें करने लगे और फोन सेक्स भी करने लगे और अब हमारे फाईनल पेपर नज़दीक आ गये और हमारे कॉलेज में जब पेपर से पहले एक महीना रह जाता है तो वो हमे फ्री कर देते है ताकि हम घर बैठकर पढ़ाई कर सके.. लेकिन में और मेरा फ्रेंड एक ग्रूप बनाकर पड़ते थे और में उन्हे बताता था क्योंकि में पड़ाई में बहुत अच्छा हूँ और हमारी क्लास भी खाली होती थी और कोई कुछ कहता भी नहीं था। फिर मैंने स्वाती से भी कहा कि वो भी हमारे साथ आ जाया करे और फिर वो भी हमारे साथ पढ़ने लगी और अब तक तो फोन पर बातें करते करते हम बहुत खुल चुके थे और मौका ही ढूंड रहे थे।
तभी एक दिन मैंने जब सबको पढ़ा दिया तो सभी फ्रेंड अपने अपने घर पर जाने लगे तो स्वाती ने कहा कि मुझे कुछ समस्या है तुम प्लीज मुझे पढ़ा दो और अब तक सभी लोग जा चुके थे और में, स्वाती और राहुल ही रह गये थे। तो मैंने राहुल को आँख मार दी और जाने के लिए कह दिया.. वो हमारे बारे में सब जानता था तो वो भी चला गया और अब वो मौका आ गया था जिसका में बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहा था और मैंने आख़िरकार इतने दिन इंतजार किया था। फिर कुछ देर तो में स्वाती को पढ़ाता रहा और फिर अचानक मैंने उसका हाथ पकड़कर उससे कहा कि स्वाती में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ तो उसने भी जवाब दिया कि तुम मुझे बहुत अच्छे लगते हो और में भी तुमसे बहुत प्यार करती हूँ। तो मैंने उसको हग कर लिया और 5 मिनट हग किया और हम वैसे ही खडे रहे.. मुझे एक शांति मिली.. कितने दिनों से इसी का इंतजार था। फिर मैंने उसके हाथ पर किस किया और वो भी बहुत खुश हुई.. मैंने फिर उसके सर को पकड़कर उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए और हम स्मूच करने लगे और वो मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी और हम ऐसे ही 10 मिनट तक किस करते रहे। फिर में उसके बूब्स को दबाने लगा और वो बहुत ही खुशी से अहह अह्ह्ह करने लगी। फिर में उसके बूब्स को कपड़ो के ऊपर से ही चूमने लगा उसकी तो जैसे जान में जान आई और वो मेरा सर पकड़कर अपने बूब्स पर दबाने लगी.. लेकिन मुझे बहुत डर भी लग रहा था कि कहीं कोई क्लास के बाहर से ना निकले या क्लास में ना आ जाए। फिर मैंने उससे कहा कि थोड़ा रुको जानू में अभी आया और में क्लास के बाहर आया और बाहर से दरवाजा बंद कर दिया और खिड़की से अंदर आ गया और अंदर आकर खिड़की को भी बंद कर दिया। फिर में उसकी तरफ बड़ा और उसे दोबारा किस करने लगा। दोस्तों यह मेरी जिंदगी का पहला ऐसा दिन था जब में किसी लड़की को किस कर रहा था आप लोग समझ ही सकते है मेरा जोश और फिर मैंने देर ना करते हुए उसके बूब्स को दोबारा दबाने लगा और उसे भी मज़ा आने लगा.. मैंने उसके टॉप के अंदर हाथ डाला और उसकी ब्रा मेरे हाथ में आई। फिर मैंने अपना हाथ उसकी ब्रा में डाल दिया और उसके निप्पल को दबाने लगा। वो भी अब तक बहुत गरम हो चुकी थी और सिसकियां ले रही थी और मैंने उसका टॉप निकाल दिया और वो मेरा सामने ब्रा में थी। में तो उसे ऐसी हालत में देखकर पागल ही हो गया.. उसने हल्की गुलाबी कलर की ब्रा पहनी हुई थी.. वो एक परी से कम नहीं लग रही थी। तो मैंने उसे दोबारा अपनी बाहों में लिया और किस करने लगा.. फिर में अपने हाथ उसकी ब्रा के हुक पर ले गया और उसकी ब्रा को निकाल दिया.. उसके दो बड़े बड़े सुंदर बूब्स मेरे सामने थे.. वो तो मानो काम की देवी लग रही थी और में उसके बूब्स को मसलने लगा।
फिर मैंने उसके एक बूब्स को मुहं में डाल लिया और वो मदहोश हुए जा रही थी.. फिर उसने अपना हाथ पेंट के ऊपर मेरे लंड पर रख दिया और लंड को सहलाने लगी और उसने मुझसे कहा कि मुझे आपका देखना है। तो मैंने कहा कि तुम खुद ही मेरी पेंट उतार दो.. तो उसने मेरी बेल्ट खोली और फिर पेंट खोल दी और मेरे घुटनों तक आ गई और अब तक मेरा लंड दर्द से फटा जा रहा था और अंडरवियर में टेंट बन चुका था और उसने मेरा अंडरवियर भी उतार दिया। अब मेरा 6 इंच का लंड उसके सामने था.. वो उसे हाथ से सहलाने लगी और हाथ से आगे पीछे करने लगी.. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। फिर वो घुटनों के बल बैठ गई और मेरे लंड महाराज को किस करने लगी और मेरे लंड को धीरे धीरे मुहं में लेकर चूसने लगी और 2 मिनट तक उसने चूसा और फिर मुझसे रहा नहीं गया तो में उसके सर को पकड़कर अपने लंड को धीरे धीरे उसके मुहं में धकेलने लगा और कुछ देर के बाद मेरा माल उसके मुहं के अंदर निकलने लगा और उसने भी बड़े मज़े से सारा माल पी लिया।
तो अब मेरी बारी थी और फिर मैंने उसे ज़मीन से अपनी बाहों में उठाया और बड़े प्यार से एक टेबल पर लेटा दिया और उसे किस करने लगा और बूब्स को मसलने लगा और अब मैंने उसकी जीन्स उतार दी और उसने काली कलर की पेंटी पहनी हुई थी। फिर में उसकी जांघो पर किस करने लगा और अब हमारे बीच सिर्फ़ एक छोटा सा कपड़ा था उसकी पेंटी.. मैंने उसकी पेंटी को भी उतार दिया और उसे सूंघा.. उसमे कमाल की खुश्बू आ रही थी। फिर में उसको टेबल पर रखकर उसकी चूत के मुहं पर अपनी उंगली घुमाने लगा और वो तो मानो आनंद से सिहर उठी। मैंने देर ना करते हुए अपने होंठो को उसके चूत के होंठो पर लगा दिया और बड़े प्यार से उसकी चूत चाटने लगा। मुझे चूत का टेस्ट बहुत अच्छा लगा। में तो उसे अब अपनी जीभ से चोदने लगा और वो मेरा सर पकड़कर अपनी चूत पर दबाने लगी.. उसको बहुत मज़ा आ रहा था.. लेकिन मेरा लंड भी अब फिर से खड़ा होने लगा था और में भी चाहता था कि वो मेरा लंड चूसे। में थोड़ी देर रुक गया और अपनी पेंट से ज़मीन को साफ करने लगा और फिर उसे उठाकर जमीन पर लेटा दिया। अब हम 69 की पोज़िशन में आ चुके थे और वो मेरा लंड चूस रही थी और में उसकी चूत। तभी कुछ ही देर में उसका शरीर अकड़ने लगा और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया.. तो मैंने उसका सारा पानी पीकर साफ कर दिया और अब उससे रहा नहीं जा रहा था। तो उसने मुझसे कहा कि प्लीज साहिल चोदो मुझे.. में और नहीं रुक सकती। तो में देर ना करते हुए उसकी चूत की तरफ आ गया।
मैंने उसके और अपने कपड़ो को घुमाकर उनका तकिया बनाते हुए उसकी कमर के नीचे रख दिया जिससे उसको सहारा मिल गया और अब में अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर रखकर रगड़ने लगा.. वो पागल हुई जा रही थी.. तभी उसने मुझसे कहा कि प्लीज मुझे और मत तड़पाओ और मेरी सील तोड़ दो। तो मुझे उस पर तरस आ गया और मैंने अपने लंड पर ढेर सारा थूक लगा लिया और वो कुछ तो स्वाती के थूक से पहले ही गीला था और फिर मैंने अपने लंड को चूत पर सेट करते हुए एक ज़ोर का धक्का लगाया.. उसकी तो मानो जान ही निकल गई.. वो ज़ोर से चिल्लाई अह्ह्ह में मर गई अह्ह्ह बहुत दर्द हो रहा है प्लीज बाहर निकालो। तो में बहुत डर गया और उसके मुहं पर हाथ रख दिया और अब तक मेरा टोपा उसकी चूत के अंदर गया था.. में उसे किस करने लगा और उसके बूब्स को सहलाने लगा जिससे उसे थोड़ा अच्छा लगने लगा और उसका थोड़ा दर्द कम हुआ। फिर मैंने एक और ज़ोर का धक्का दिया और मेरा आधा लंड उसकी चूत में समा गया। वो तो अपनी गांड उठा उठाकर चिल्लाने लगी.. लेकिन चिल्ला नहीं पाई क्योंकि मैंने उसके होंठो को अपने होंठो से दबाया हुआ था।
फिर वो रोने लगी प्लीज साहिल मुझे जाने दो मुझे नहीं करना यह सब.. में मर जाउंगी.. लेकिन मैंने उसकी परवाह ना करते हुए एक और ज़ोर का धक्का दिया और पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया। वो तो मर ही गई थी.. वो पसीने से लथपथ हो चुकी थी.. उसके चेहरे का रंग बदल गया था। में कुछ देर रुक गया और उसे किस करने लगा और 10 मिनट तक कुछ नहीं किया.. बस लंड उसकी चूत में ऐसे ही पड़ा रहा और उसे में किस करने लगा। फिर जब उसका दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए और कुछ देर बाद उसको भी अच्छा लगने लगा और वो मुझसे क़हने लगी फाड़ दो मेरी चूत को.. चोदो मुझे और ज़ोर से चोदो मुझे। में तो उसकी यह बात सुनकर पागल ही हो गया और ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा और वो भी गांड उछाल उछाल कर मेरा साथ देने लगी। फिर करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद में झड़ने वाला था.. तो मैंने उससे कहा कि में झड़ने वाला हूँ.. वीर्य को कहाँ पर निकालूँ? तो उसने कहा कि प्लीज अंदर मत डालना नहीं तो समस्या हो जाएगी।
तो मैंने अपने लंड को जल्दी से उसकी चूत से बाहर निकाला और उसके बूब्स के बीच अपना लंड रखकर उसके बूब्स को चोदने लगा और फिर में ज़ोर ज़ोर से धक्को के साथ उसके बूब्स पर झड़ने लगा और मेरा वीर्य उसके गले और कुछ उसके मुहं पर गिरा। फिर उसने अपने हाथ से मेरा वीर्य इकट्टा किया और सारा चाट चाटकर खत्म कर गई और मेरे लंड को चूस चूसकर साफ कर दिया। फिर जब हम एक दूसरे को साफ करने लगे तो मैंने अपनी अंडरवियर से उसकी चूत को साफ किया जो कि खून से सनी हुई थी। मैंने उसकी मदद की और उसे कपड़े पहनाए वो घर नहीं जाना चाहती थी। फिर उसने मुझे कसकर हग किया और बोला कि में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ साहिल। तो मैंने भी उसे चूम लिया और मैंने अंडरवियर को छोड़कर अपने सारे कपड़े पहने.. मैंने बिना अंडरवियर पेंट को पहन लिया और अंडरवियर को बेग में डाल लिया क्योंकि वो गंदी थी। फिर हम खिड़की से ही बाहर निकले और वो घर चली गई.. उसके बाद हमारे पेपर आ गये और हमारी बातचीत कम होने लगी। फिर एक दिन में उससे फोन पर बात कर रहा था कि उसकी मम्मी ने उसे पकड़ लिया और उससे सब कुछ उगलवा लिया और उसने अपनी मम्मी से कहा कि में साहिल को पसंद करती हूँ। तो उसकी मम्मी ने उसे मुझे मिलने से मना कर दिया और इस तरह मेरा और उसका ब्रेकअप हो गया। जब हम तीसरे साल में आ गये तो वो मुझसे बात भी नहीं करती थी.. फिर मुझे दो महीने के बाद पता चला कि उसकी किसी और लड़के के साथ फ्रेंडशिप हो गई है.. मुझे बहुत बुरा लगा क्योंकि वो उसका जो बॉयफ्रेंड था वो मुझे धोका दे गया था। मेरी और उसकी कई बार बहुत लड़ाई भी हुई.. लेकिन मुझे इतनी खुशी है कि उसकी सील तो मैंने ही तोड़ी.. लेकिन आज इस बात को 2 साल हो गये है.. लेकिन में उसे भुला नहीं पाया हूँ ।।
मेरी सहपाठी स्वाती
हैल्लो फ्रेंड्स.. मेरा नाम साहिल और में अमृतसर का रहने वाला हूँ और यह स्टोरी मेरी जिंदगी में घटी एक सच्ची घटना है मेरी उम्र 21 साल है और मेरी हाईट 5 फुट 9 इंच है। दोस्तों यह कहानी तब की है जब में बीकॉम के दूसरे साल में था और दो साल से पहले मैंने कभी किसी लड़की को प्रपोज नहीं किया था.. क्योंकि में बहुत शरम महसूस करता था और इन दो साल में मैंने अपनी क्लास की 5-6 लड़कियों को प्रपोज किया था.. लेकिन उन सभी ने मुझे ना कर दी और में भी कभी सीरीयस नहीं था.. लेकिन फिर भी सब लड़कीयों से बातचीत कर लेता था और सभी मेरी अच्छी फ्रेंड्स थी और में अपने फ्रेंड्स के साथ हंसी मज़ाक के माहोल में रहता था।
मेरा एक फ्रेंड है राहुल.. मेरी उससे बहुत अच्छी बनती थी.. एक बार हमारे कॉलेज में परीक्षा के लिए एक्सट्रा क्लास लग रही थी। तो मैंने और मेरे फ्रेंड ने सोचा कि चलो यार क्लास में भी चलकर देख लेते है और वैसे भी घर पर जाकर तो बोर ही होना है और हमारे साथ हमारी क्लास की 3-4 लड़कीयां भी क्लास में आ गई। उसमे एक लड़की थी स्वाती.. वो देखने में इतनी सुंदर तो नहीं थी.. लेकिन उसका फिगर देखकर कोई भी लड़का उसको चोदना चाहेगा। फिर जिस क्लास रूम में हमारी क्लास लगनी थी.. उसमे सारी टेबल एक लाईन में थी मतलब जैसे एक के पीछे एक होती है। तो स्वाती और उसकी एक फ्रेंड हमारी टेबल के आगे वाली टेबल पर बैठी हुई थी और मैंने अपने दोनों हाथ टेबल के आगे लटका रखे थे और उसने वी आकार का सूट पहना हुआ था और उसकी कमर पर भी वी आकार का गला था जो बहुत खुला हुआ था।
फिर जैसे ही वो टेबल के साथ सटकर बैठने लगी तो मेरा हाथ उसके और टेबल के बीच आ गया और मेरा हाथ उसकी पीठ पर लग गया.. लेकिन उसने कोई भी विरोध नहीं किया और वैसे ही बैठी रही.. उल्टा मेरी तरफ मेरे हाथ पर थोड़ा और दबाव बना दिया.. में तो जैसे खुशी से फूला ना समाया.. लेकिन मैंने अभी कोई और हरकत नहीं की.. वो कुछ देर तो ऐसे ही बैठी रही और फिर आगे हो गई। तो मैंने अपने हाथ पीछे खींच लिए और सोचा शायद उसे पता ना लग गया हो और मैंने दोबारा अंजान बनते हुए अपना हाथ फिर वैसे ही रख दिया.. लेकिन इस बार मेरी हिम्मत बढ़ गई और वो फिर से पीछे हुई तो इस बार मेरा हाथ उसके सूट के अंदर चला गया.. क्योंकि उसका सूट पीछे से भी वी आकार का था और बहुत खुला हुआ था और में ऐसे ही बैठा रहा और वो भी। मेरी यह सारी हरकतें मेरा फ्रेंड राहुल भी देख रहा था और हम आपस में बातचीत करने लगे। तो उसने मुझे कहा कि हाथ थोड़ा और अंदर डाल दे.. फिर मैंने ऐसे ही किया और मेरा हाथ उसकी ब्रा की डोरी तक पहुंच गया था और इधर मेरा लंड कुछ ज़्यादा ही गरम हो गया था। फिर क्लास खत्म हो गई और जैसे वो थोड़ा आगे हुई तो मैंने अपना हाथ खींच लिया जब हम क्लास से बाहर निकलकर घर जाने लगे तो में स्वाती से बातें करने लगा। फिर जब वो जाने लगी तो दोस्तों उसने जाने से पहले ही मेरा फोन नंबर माँग लिया और मैंने भी खुशी से उसे नंबर दे दिया और फिर हमने नंबर एक दूसरे को दे दिया। फिर घर पर जाकर मैंने उसे जनरल मैसेज भेज दिया तो उसने भी एक मैसेज मुझे भेज दिया और इस तरह हमारी चेटिंग शुरू हो गई। फिर दिन बस ऐसे ही चलते रहे। कॉलेज में हम चारों बहुत अच्छे फ्रेंड्स बन गये थे.. में, स्वाती उसकी फ्रेंड और मेरा फ्रेंड राहुल। फिर एक दिन उसने मुझे चेटिंग के दौरान एक नॉनवेज मैसेज भेज दिया और फिर मैंने भी भेज दिया और फिर धीरे धीरे हमारी नॉनवेज बातें शुरू हो गई.. लेकिन अभी तक हम सिर्फ़ फ्रेंड ही थे। फिर जब वेलेंटाईन डे वाला सप्ताह आया तो मैंने प्रपोज वाले दिन उसे बहुत ही रोमॅंटिक तरीके से उसे प्रपोज कर दिया.. लेकिन उसने मुझे ना कर दी।
फिर अगले दिन मैंने उसे कॉल किया और मैंने बातों ही बातों में उसे यह जताना शुरू कर दिया कि में उससे बहुत नाराज़ हूँ और जब शाम हुई तो उसका एक मैसेज आया.. में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ साहिल। में तो जैसे खुशी से पागल ही हो गया.. लेकिन उसने कहा कि क्लास में किसी और को हमारे रिश्ते के बारे में पता नहीं चलना चाहिए। तो मैंने हाँ कर दी और फिर हम रोज फोन पर बातें करने लगे.. क्या करूं दोस्तो कॉलेज में उससे बातें हो नहीं पाती थी.. क्योंकि वो अपनी फ्रेंड के साथ होती थी। फिर ऐसे ही दिन बीतते गये और हम रोज रात को बातें करने लगे और फोन सेक्स भी करने लगे और अब हमारे फाईनल पेपर नज़दीक आ गये और हमारे कॉलेज में जब पेपर से पहले एक महीना रह जाता है तो वो हमे फ्री कर देते है ताकि हम घर बैठकर पढ़ाई कर सके.. लेकिन में और मेरा फ्रेंड एक ग्रूप बनाकर पड़ते थे और में उन्हे बताता था क्योंकि में पड़ाई में बहुत अच्छा हूँ और हमारी क्लास भी खाली होती थी और कोई कुछ कहता भी नहीं था। फिर मैंने स्वाती से भी कहा कि वो भी हमारे साथ आ जाया करे और फिर वो भी हमारे साथ पढ़ने लगी और अब तक तो फोन पर बातें करते करते हम बहुत खुल चुके थे और मौका ही ढूंड रहे थे।
तभी एक दिन मैंने जब सबको पढ़ा दिया तो सभी फ्रेंड अपने अपने घर पर जाने लगे तो स्वाती ने कहा कि मुझे कुछ समस्या है तुम प्लीज मुझे पढ़ा दो और अब तक सभी लोग जा चुके थे और में, स्वाती और राहुल ही रह गये थे। तो मैंने राहुल को आँख मार दी और जाने के लिए कह दिया.. वो हमारे बारे में सब जानता था तो वो भी चला गया और अब वो मौका आ गया था जिसका में बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहा था और मैंने आख़िरकार इतने दिन इंतजार किया था। फिर कुछ देर तो में स्वाती को पढ़ाता रहा और फिर अचानक मैंने उसका हाथ पकड़कर उससे कहा कि स्वाती में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ तो उसने भी जवाब दिया कि तुम मुझे बहुत अच्छे लगते हो और में भी तुमसे बहुत प्यार करती हूँ। तो मैंने उसको हग कर लिया और 5 मिनट हग किया और हम वैसे ही खडे रहे.. मुझे एक शांति मिली.. कितने दिनों से इसी का इंतजार था। फिर मैंने उसके हाथ पर किस किया और वो भी बहुत खुश हुई.. मैंने फिर उसके सर को पकड़कर उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए और हम स्मूच करने लगे और वो मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी और हम ऐसे ही 10 मिनट तक किस करते रहे। फिर में उसके बूब्स को दबाने लगा और वो बहुत ही खुशी से अहह अह्ह्ह करने लगी। फिर में उसके बूब्स को कपड़ो के ऊपर से ही चूमने लगा उसकी तो जैसे जान में जान आई और वो मेरा सर पकड़कर अपने बूब्स पर दबाने लगी.. लेकिन मुझे बहुत डर भी लग रहा था कि कहीं कोई क्लास के बाहर से ना निकले या क्लास में ना आ जाए। फिर मैंने उससे कहा कि थोड़ा रुको जानू में अभी आया और में क्लास के बाहर आया और बाहर से दरवाजा बंद कर दिया और खिड़की से अंदर आ गया और अंदर आकर खिड़की को भी बंद कर दिया। फिर में उसकी तरफ बड़ा और उसे दोबारा किस करने लगा। दोस्तों यह मेरी जिंदगी का पहला ऐसा दिन था जब में किसी लड़की को किस कर रहा था आप लोग समझ ही सकते है मेरा जोश और फिर मैंने देर ना करते हुए उसके बूब्स को दोबारा दबाने लगा और उसे भी मज़ा आने लगा.. मैंने उसके टॉप के अंदर हाथ डाला और उसकी ब्रा मेरे हाथ में आई। फिर मैंने अपना हाथ उसकी ब्रा में डाल दिया और उसके निप्पल को दबाने लगा। वो भी अब तक बहुत गरम हो चुकी थी और सिसकियां ले रही थी और मैंने उसका टॉप निकाल दिया और वो मेरा सामने ब्रा में थी। में तो उसे ऐसी हालत में देखकर पागल ही हो गया.. उसने हल्की गुलाबी कलर की ब्रा पहनी हुई थी.. वो एक परी से कम नहीं लग रही थी। तो मैंने उसे दोबारा अपनी बाहों में लिया और किस करने लगा.. फिर में अपने हाथ उसकी ब्रा के हुक पर ले गया और उसकी ब्रा को निकाल दिया.. उसके दो बड़े बड़े सुंदर बूब्स मेरे सामने थे.. वो तो मानो काम की देवी लग रही थी और में उसके बूब्स को मसलने लगा।
फिर मैंने उसके एक बूब्स को मुहं में डाल लिया और वो मदहोश हुए जा रही थी.. फिर उसने अपना हाथ पेंट के ऊपर मेरे लंड पर रख दिया और लंड को सहलाने लगी और उसने मुझसे कहा कि मुझे आपका देखना है। तो मैंने कहा कि तुम खुद ही मेरी पेंट उतार दो.. तो उसने मेरी बेल्ट खोली और फिर पेंट खोल दी और मेरे घुटनों तक आ गई और अब तक मेरा लंड दर्द से फटा जा रहा था और अंडरवियर में टेंट बन चुका था और उसने मेरा अंडरवियर भी उतार दिया। अब मेरा 6 इंच का लंड उसके सामने था.. वो उसे हाथ से सहलाने लगी और हाथ से आगे पीछे करने लगी.. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। फिर वो घुटनों के बल बैठ गई और मेरे लंड महाराज को किस करने लगी और मेरे लंड को धीरे धीरे मुहं में लेकर चूसने लगी और 2 मिनट तक उसने चूसा और फिर मुझसे रहा नहीं गया तो में उसके सर को पकड़कर अपने लंड को धीरे धीरे उसके मुहं में धकेलने लगा और कुछ देर के बाद मेरा माल उसके मुहं के अंदर निकलने लगा और उसने भी बड़े मज़े से सारा माल पी लिया।
तो अब मेरी बारी थी और फिर मैंने उसे ज़मीन से अपनी बाहों में उठाया और बड़े प्यार से एक टेबल पर लेटा दिया और उसे किस करने लगा और बूब्स को मसलने लगा और अब मैंने उसकी जीन्स उतार दी और उसने काली कलर की पेंटी पहनी हुई थी। फिर में उसकी जांघो पर किस करने लगा और अब हमारे बीच सिर्फ़ एक छोटा सा कपड़ा था उसकी पेंटी.. मैंने उसकी पेंटी को भी उतार दिया और उसे सूंघा.. उसमे कमाल की खुश्बू आ रही थी। फिर में उसको टेबल पर रखकर उसकी चूत के मुहं पर अपनी उंगली घुमाने लगा और वो तो मानो आनंद से सिहर उठी। मैंने देर ना करते हुए अपने होंठो को उसके चूत के होंठो पर लगा दिया और बड़े प्यार से उसकी चूत चाटने लगा। मुझे चूत का टेस्ट बहुत अच्छा लगा। में तो उसे अब अपनी जीभ से चोदने लगा और वो मेरा सर पकड़कर अपनी चूत पर दबाने लगी.. उसको बहुत मज़ा आ रहा था.. लेकिन मेरा लंड भी अब फिर से खड़ा होने लगा था और में भी चाहता था कि वो मेरा लंड चूसे। में थोड़ी देर रुक गया और अपनी पेंट से ज़मीन को साफ करने लगा और फिर उसे उठाकर जमीन पर लेटा दिया। अब हम 69 की पोज़िशन में आ चुके थे और वो मेरा लंड चूस रही थी और में उसकी चूत। तभी कुछ ही देर में उसका शरीर अकड़ने लगा और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया.. तो मैंने उसका सारा पानी पीकर साफ कर दिया और अब उससे रहा नहीं जा रहा था। तो उसने मुझसे कहा कि प्लीज साहिल चोदो मुझे.. में और नहीं रुक सकती। तो में देर ना करते हुए उसकी चूत की तरफ आ गया।
मैंने उसके और अपने कपड़ो को घुमाकर उनका तकिया बनाते हुए उसकी कमर के नीचे रख दिया जिससे उसको सहारा मिल गया और अब में अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर रखकर रगड़ने लगा.. वो पागल हुई जा रही थी.. तभी उसने मुझसे कहा कि प्लीज मुझे और मत तड़पाओ और मेरी सील तोड़ दो। तो मुझे उस पर तरस आ गया और मैंने अपने लंड पर ढेर सारा थूक लगा लिया और वो कुछ तो स्वाती के थूक से पहले ही गीला था और फिर मैंने अपने लंड को चूत पर सेट करते हुए एक ज़ोर का धक्का लगाया.. उसकी तो मानो जान ही निकल गई.. वो ज़ोर से चिल्लाई अह्ह्ह में मर गई अह्ह्ह बहुत दर्द हो रहा है प्लीज बाहर निकालो। तो में बहुत डर गया और उसके मुहं पर हाथ रख दिया और अब तक मेरा टोपा उसकी चूत के अंदर गया था.. में उसे किस करने लगा और उसके बूब्स को सहलाने लगा जिससे उसे थोड़ा अच्छा लगने लगा और उसका थोड़ा दर्द कम हुआ। फिर मैंने एक और ज़ोर का धक्का दिया और मेरा आधा लंड उसकी चूत में समा गया। वो तो अपनी गांड उठा उठाकर चिल्लाने लगी.. लेकिन चिल्ला नहीं पाई क्योंकि मैंने उसके होंठो को अपने होंठो से दबाया हुआ था।
फिर वो रोने लगी प्लीज साहिल मुझे जाने दो मुझे नहीं करना यह सब.. में मर जाउंगी.. लेकिन मैंने उसकी परवाह ना करते हुए एक और ज़ोर का धक्का दिया और पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया। वो तो मर ही गई थी.. वो पसीने से लथपथ हो चुकी थी.. उसके चेहरे का रंग बदल गया था। में कुछ देर रुक गया और उसे किस करने लगा और 10 मिनट तक कुछ नहीं किया.. बस लंड उसकी चूत में ऐसे ही पड़ा रहा और उसे में किस करने लगा। फिर जब उसका दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए और कुछ देर बाद उसको भी अच्छा लगने लगा और वो मुझसे क़हने लगी फाड़ दो मेरी चूत को.. चोदो मुझे और ज़ोर से चोदो मुझे। में तो उसकी यह बात सुनकर पागल ही हो गया और ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा और वो भी गांड उछाल उछाल कर मेरा साथ देने लगी। फिर करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद में झड़ने वाला था.. तो मैंने उससे कहा कि में झड़ने वाला हूँ.. वीर्य को कहाँ पर निकालूँ? तो उसने कहा कि प्लीज अंदर मत डालना नहीं तो समस्या हो जाएगी।
तो मैंने अपने लंड को जल्दी से उसकी चूत से बाहर निकाला और उसके बूब्स के बीच अपना लंड रखकर उसके बूब्स को चोदने लगा और फिर में ज़ोर ज़ोर से धक्को के साथ उसके बूब्स पर झड़ने लगा और मेरा वीर्य उसके गले और कुछ उसके मुहं पर गिरा। फिर उसने अपने हाथ से मेरा वीर्य इकट्टा किया और सारा चाट चाटकर खत्म कर गई और मेरे लंड को चूस चूसकर साफ कर दिया। फिर जब हम एक दूसरे को साफ करने लगे तो मैंने अपनी अंडरवियर से उसकी चूत को साफ किया जो कि खून से सनी हुई थी। मैंने उसकी मदद की और उसे कपड़े पहनाए वो घर नहीं जाना चाहती थी। फिर उसने मुझे कसकर हग किया और बोला कि में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ साहिल। तो मैंने भी उसे चूम लिया और मैंने अंडरवियर को छोड़कर अपने सारे कपड़े पहने.. मैंने बिना अंडरवियर पेंट को पहन लिया और अंडरवियर को बेग में डाल लिया क्योंकि वो गंदी थी। फिर हम खिड़की से ही बाहर निकले और वो घर चली गई.. उसके बाद हमारे पेपर आ गये और हमारी बातचीत कम होने लगी। फिर एक दिन में उससे फोन पर बात कर रहा था कि उसकी मम्मी ने उसे पकड़ लिया और उससे सब कुछ उगलवा लिया और उसने अपनी मम्मी से कहा कि में साहिल को पसंद करती हूँ। तो उसकी मम्मी ने उसे मुझे मिलने से मना कर दिया और इस तरह मेरा और उसका ब्रेकअप हो गया। जब हम तीसरे साल में आ गये तो वो मुझसे बात भी नहीं करती थी.. फिर मुझे दो महीने के बाद पता चला कि उसकी किसी और लड़के के साथ फ्रेंडशिप हो गई है.. मुझे बहुत बुरा लगा क्योंकि वो उसका जो बॉयफ्रेंड था वो मुझे धोका दे गया था। मेरी और उसकी कई बार बहुत लड़ाई भी हुई.. लेकिन मुझे इतनी खुशी है कि उसकी सील तो मैंने ही तोड़ी.. लेकिन आज इस बात को 2 साल हो गये है.. लेकिन में उसे भुला नहीं पाया हूँ ।।
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