FUN-MAZA-MASTI
मेरा नाम अविनाश है और आज मैं आपको अपनी एक सच्ची कहानी सुनने जा रहा हूँ…
मैं दिखने में ज़्यादा सुंदर तो नहीं हूँ पर क्यूट लगता हूँ., ऐसा मेरे दोस्त कहते हैं!!! मेरा रंग गोरा और हाइट 5.6 है।
मैं 22 साल का हूँ और दिल्ली का रहने वाला हूँ., लण्ड का साइज़ लगभग आठ इंच है…
यह मेरी पहली कहानी है, एम एस एस पर जो कि बिल्कुल सच्ची है।
तो दोस्तो., बात उस समय की है जब मैं उन्नीस साल का था और बारहवीं की परीक्षा पास कर के छुट्टी मानने के लिए अपने चाचा चाची के घर गया था, घूमने के लिए।
मेरे चाचा मध्य-प्रदेश में रहते थे और वहाँ कांट्रेक्टर थे।
जहाँ तक मेरी चाची की बात है., मेरी चाची बहुत ही मस्त माल है!!! उनकी एक बेटी और एक बेटा है., वो क्रमशः नौ और बारह साल के हैं।
दोस्तो, चाची बिल्कुल दूध जैसी गोरी हैं और उनका फिगर ३६-२६-३८ का है, क्या कहूँ कमाल लगती थीं वो, मैं तो हमेशा से ही उन्हें भोगना चाहता था… पर क्या करता., कभी मौका ही नहीं मिला और सच कहूँ तो हिम्मत ही नहीं हो पाई।
चलो खैर., मैं बहुत खुश था कि मैं चाची के पास छुट्टियाँ बिताने जा रहा था तो मैं चाची के घर पहुँचा और सबसे मिला।
चाची मुझे देख कर बहुत खुश हुईं और कहने लगीं – अरे!! क्या बात है., आप तो जवान हो गये हैं…
मैं बोला – अरे!! नहीं चाची., अभी तो मैं बच्चा हूँ…
इतने में ही चाचा आ गये और उन्होंने मुझे बड़े प्यार से गले लगाया और कहा – बेटा., आने मे कोई तकलीफ़ तो नहीं हुई…
मैंने कहा – बिल्कुल नहीं चाचा., बड़े आराम से पहुँच गया…
फिर चाची ने कहा – अच्छा तो अब आप जाओ और फ्रेश हो जाओ., फिर मैं खाना ले कर आती हूँ… और वो मुझे एक कमरे में ले गईं और कहा – कोई भी चीज़ चाहिए हो तो माँग लेना और इसे अपना ही घर समझना…
मैंने कहा – ठीक है., चाची… और मैं नहाने चला गया।
नहाने के बाद मैंने कपड़े पहने और नीचे चला गया और चाची को आवाज़ लगाई। मैंने गौर किया कि चाची ने भी अपनी साड़ी चेंज कर ली है और ना जाने क्यूँ। मुझे देख के वो हँस रही हैं।
खैर, फिर मैंने पूछा – चाची., बाबू लोग दिख नहीं रहे? मैं उनके बेटे बेटी को बाबू ही कहता था।
वोह बोलीं – वो नानी के घर गये हुए हैं…
फिर मैंने पूछा – चाचा कहाँ हैं? तो चाची बोलीं – वो काम पर चले गये., अब रात को ही आएँगे…
यह सुनकर मैं बहुत खुश हुआ और सोचने लगा कि आज तो मैं चाची को बोल ही दूँगा कि मैं उन्हें प्यार करता हूँ., वो भी बहुत…
पर दोस्तो., हमेशा की तरह हिम्मत नहीं हो पा रही थी। चाची ने मुझे खाना खिलाया और वहीं बैठ गई मेरे पास और घर के समाचार पूछने लगीं।
मैं बोला – सब कुछ एकदम ठीक है और आप बताओ आप कैसी हो?
उन्होंने कहा – मैं तो बहुत अच्छी हूँ…
मैंने खाना ख़त्म किया और चाची ने बोला – चलो., मेरे रूम में चलो… वहीं बैठ के टीवी देखना और हम बातें भी करेंगे।
सो, मैं और चाची ऊपर चले गये उनके रूम में…
बात करते-करते चाची ने पूछ दिया – क्या, तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? मैंने कहा – नहीं…
फिर उन्होंने पूछा – क्यूँ भाई? इस पर मैं बोला – मैं जिससे प्यार करता हूँ, वो मुझसे बड़ी है और सबसे बड़ी बात वो शादीशुदा भी है…
यह सुन कर उन्होंने चौंकते हुए कहा – क्या?
मैंने कहा – क्या करूँ, प्यार तो किसी से भी हो सकता है…
फिर मैं चुप हो कर टीवी देखने लगा।
थोड़ी देर वो भी चुपचाप बैठीं रहीं., फिर कुछ देर बाद वो बोलीं – क्या तुम पागल हो? इतनी सी उम्र में शादीशुदा औरंतों से प्यार… मुझे तो लगता है तुम पागल हो गये हो!!! लगता है तुम्हारी मम्मी से कहना पड़ेगा कि उनका बेटा पागल हो गया है…
अब मैं थोड़ा सा घबरा गया मैंने कहा – प्लीज़!!! मम्मी को मत बताइएगा., नहीं तो पक्का लात-घुसे खाने पड़ेंगें…
यह सुन कर चाची हंस पड़ी और बोलीं – चलो ठीक है, नहीं बताऊँगी… पर यह तो बताओ कि वो कहाँ हैं, तुम्हारी मैडम जी…
मैंने कुछ नहीं बोला पर उन्होंने फिर पूछा – बताओ ना प्लीज़, मैं किसी को नहीं बताऊँगी…
मैं बोला – वादा करिए, आप मुझे मारेंगी नहीं…
वो बोलीं – ठीक है, अब तो बता दो…
मैं बोला – आपको मैं बहुत प्यार करता हूँ, जब भी आपको देखता हूँ तो मेरे मन में अजीब सी खुशी होने लगता है., जी करता है आपको बहुत प्यार करूँ… किस करूँ…
यह सुनते ही वो बोलीं – क्या तुम्हारा दिमाग़ तो खराब नहीं हुआ., सच मे तुम पागल हो गये हो। मैं तुम्हारी चाची हूँ और तुम मुझे ही प्यार करना चाहते हो… ओह!!! क्या बोलूं तुम्हें… और यह कहकर वो चुप हो गईं और सर पर हाथ रख लिया।
कुछ देर की खामोशी के बाद फिर मैंने कहा – सॉरी चाची., मैंने आपको कहा था ना कि मत पूछो, मैडम जी का नाम… और कह कर चुप हो गया, और फिर टीवी देखने लगा…
आधे घंटे तक चाची ने मुझसे बात नहीं कि और फिर बोलीं – देखो, यह प्यार नहीं है अविनाश… यह सिर्फ़ लगाव है., तुम इसे प्यार का नाम मत दो समझे…
मैंने कहा – यह प्यार नहीं तो क्या है चाची, मैं जब भी आपको देखता हूँ तो क्यूँ मेरा दिल धक-धक करने लगता है और जब आप मुझे छूती हो तो मेरे अंदर करेंट लगने लगता है… आप ही बताओ? आई लव यू सो मच., चाची!!!
वो बोलीं – तुम पागल हो, जाओ अपने रूम में और मुझे अकेला रहने दो, कुछ देर के लिए… और फिर मैं वहाँ से चला आया, अपने रूम में और सोचने लगा कि मुझे चाची को ऐसा नहीं कहना था, वो मेरी चाची है और मैं ऐसा गंदा सोच रहा हूँ, उनके बारे में…
करीब एक घंटा बीत गया और मैं चुपचाप लेटा हुए था, तभी अचानक चाची ने आवाज़ लगाई – अविनाश, इधर आओ…
यह सुनते ही मैं दौड़ के उनके रूम में गया और पूछा – हाँ., क्या हुआ चाची? चाची बोलीं – आओ बैठो मेरे पास…
मैं तुरंत उनके पास बैठ गया… इतने में चाची ने बिना और कुछ कहे मुझसे सीधे बोला – हग मी टाइट्ली!!!
मैं तो एकदम चौक गया और बिना कुछ सोचे उन्हें कस के हग कर लिया और आई लव यू… आई लव यू… कहने लगा और बिना कुछ बोले उन्हें किस कर लिया!!!
लेकिन इसके बाद चाची ने तुरंत मेरा हाथ पकड़ कर नीचे कर दिया और कहा – देखो, मैं तुमसे प्यार नहीं कर सकती और ना ही दे सकती हूँ… यह सरासर ग़लत होगा और प्लीज़ तुम भी ऐसे गंदे ख्याल अपने दिल से निकाल दो… वैसे भी तुम अभी बच्चे हो., तुम्हें क्या पता प्यार क्या होता है और प्यार में क्या करते हैं? पहले बड़े हो जाओ., फिर किसी लड़की से प्यार करो… ना की मेरे से., समझे… पागल कहीं के…
इतना सुनते ही मैंने उन्हें बाहों में भर कर कहा – मुझे सब पता है कि प्यार होता क्या है और इसमे करते क्या हैं!!!
चाची ने मेरे हाथ को हटा कर पूछा – ठीक है तो बताओ क्या करतें हैं? तो मैंने कहा – यह तो कर के बताना होगा…
अब चाची ने बोला – लगता है तुमने बहुत पिक्चर देखीं हैं, गंदी वाली…
मैंने बिना सोचे एकदम से बोला – हाँ वो भी सिर्फ़ आपको खुश करने के लिए…
चाची बोलीं – तुम बिल्कुल ही पागल हो चुके हो., मेरी बात मानो, यह सब तुमसे नहीं होगा और यह सब करना भी बहुत ज़्यादा ग़लत होगा…
मैंने कहा – इसमें ग़लत क्या है, मैं आपको प्यार करता हूँ… इतना तो हक बनता है। और फिर एकदम से चाची को मैं किस करने लगा वो भी उनके होंठों पर…
मुझे थोड़ा अचरज हुआ कि इसका उन्होंने ज़रा भी विरोध नहीं किया… मैं उनको किस करते करते उनके चूची पर ऊपर से ही हाथ फिराने लगा और चाची भी मदहोश होने लगीं।
यह सब करते करते मैंने उन्हें बेड पर गिरा दिया और अब ज़म के बेतहाशा किस करने लगा और ज़ोर ज़ोर से उनकी चुचियाँ दबा रहा था…
दोस्तो, वो भी मेरा पूरा साथ दे रहीं थीं!!!
फिर अब मैंने उनकी साड़ी निकाल फेंकी., इसके बाद उनका ब्लाउज और आख़िर में पेटीकोट… अब वो सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में थीं और बहुत मस्त लग रहीं थीं…
मैंने उन्हें इस रूप में पहले कभी नहीं देखा था., उफ़!!! कसम से क्या गजब लग रहीं थीं वो… मैं तो जैसे पागल हो चुका था और मैं उन्हें पागलों जैसे ही चूमने चाटने लगा…
अब उन्होंने भी मेरा पैंट उतरा और शर्ट भी… और अब मैं भी सिर्फ़ चड्डी में था!!!
मैं उनके ऊपर लेटा हुआ था और मेरा लण्ड एकदम तना हुआ था…
अब उन्होंने आँख मरते हुए कहा – मेरी नंगी चूची नहीं देखोगे? मैंने कहा – क्यूँ नहीं!!! अभी आपकी ब्रा उतरता हूँ और आपकी नंगी चुचियों को निहारता हूँ…
दोस्तो, सच तो ये है कि मुझे उस समय कुछ सूझ नहीं रहा था!!! क्या करूँ या क्या नहीं?? फर्स्ट टाइम मैं किसी लड़की के साथ नंगा था., वो भी अपनी खुद की सग़ी चाची… बहुत टेंशन हो रहा था और लण्ड एकदम तना हुआ था…
दिल भले ही किसी अप्सरा को भी चोदने के सपने देख ले पर दोस्तो दिमाग तो हमेशा जनता ही है कि हमारी असलियत क्या है., ठीक इसी तरह दोस्तो अपनी चाची की चूत चोदना कहीं से भी नैतिक तो नहीं है…
मेरा दिमाग भी इस सत्य से पूरी तरह वाकिफ था और न जाने कितने तरह के डर मेरे दिलो दिमाग में आ जा रहे थे., जैसे कहीं चाचा आ गए तो? कोई और आ गया तो? कहीं मुझे कोई यौन रोग हो गया था?
और न जाने क्या क्या???
सच तो यह है कि उस वक़्त की मेरी परिस्थिति समझना आप के लिए आसान नहीं है, दोस्तो…
खैर, हर किसी को मुकमल जन्हा नहीं मिलता, किसी को जमीन तो किसी को आसमान नहीं मिलता,
दोस्तो, सच तो ये है कि मुझे उस समय कुछ सूझ नहीं रहा था!!! क्या करूँ या क्या नहीं?? फर्स्ट टाइम मैं किसी लड़की के साथ नंगा था., वो भी अपनी खुद की सग़ी चाची… बहुत टेंशन हो रहा था और लण्ड एकदम तना हुआ था…
खैर, अब मैंने उनकी ब्रा उतार फेंकी और उनकी एकदम गोल गोल और तनी हुई नरम चुचियों को चूसना चालू किया… दोस्तो मैंने पहली बार नंगी चुचियाँ देखीं थीं और उत्तेजना में उन्हें काटने लगा!!!
वो बोलीं – अरे!!! काट नहीं., सिर्फ़ चूस समझा…
मैं बोला – ठीक है…
ना जाने कितनी देर तक उनकी चुचियाँ चूसने-चाटने के बाद मैं उनकी चूत में हाथ फेरने लगा…
अब तक वो पागल होने लगीं थीं और आ आ आ आ आ आ उफ़ अम की आवाज़ निकाल रहीं थीं। करीब १० मिनट तक उनकी चूची चूसने और चूत पर हाथ फेरने के बाद मुझसे रहा नहीं गया और मैंने कहा – चाची., मेरा लण्ड चूसो ना जैसा पिक्चर में लड़कियाँ चुस्ती हैं!!!
चाची ने तुरंत मेरी चड्डी उतार फेंकी और मेरा आठ इंच लंबा लण्ड हाथ में ले कर बोलीं – मादार चोद मैं तो तुझे बच्चा समझी थी पर तू एक नंबर का रंडीबाज़ निकला… और यह कह कर वो मेरा लण्ड गापागप चूसने लगीं।
अब मैं वहीं बेड पर लेट गया और लण्ड चुसवाने लगा!!!
ऐसा लगा मानो जैसे मैं जन्नत की सैर कर रहा हूँ… ५-१० मिनट चूसने के बाद ही मेरा उनके मुँह में ही माल छूट गया और मैं सुस्त पड़ गया…
मेरी नंगी चाची ने मेरा पूरा माल पी लिया और बोला – देखा बहन के लौड़े., इतनी जल्दी हो गया… तो मैं बोला – मालूम नहीं क्यूँ मेरे से कंट्रोल नहीं हुआ…
चाची ने कहा – चल कोई बात नहीं, शुरू शुरू में ऐसा ही होता है…
फिर हम दोनों नंगे ही लेट गये और मैं लेट कर उनकी चुचियाँ दबा रहा था और कभी उनकी नंगी, गोरी और चिकनी पीठ चूम रहा था…
वो अब मस्त हो रहीं थीं और शायद इंतेज़ार में थीं कि कब मैं उनकी प्यास बुझाऊँ…
आख़िरकार १५ मिनट के बाद मेरा लण्ड फिर खड़ा हो गया और मैं चाची से बोला – एक बार हो जाए??
तो उन्होंने तुरंत मेरे लण्ड को पकड़ा और अपने नरम नरम हाथों से कई बार हिला कर और कड़क कर दिया और फिर लेट गईं और बोलीं – कैसे करना है, आता है या मैं ही बताऊँ??
मैं बोला – आप बिल्कुल चिंता मत करो चाची., अब देखो मेरा कमाल!!! और यह कह कर मैंने उनके दोनों पैर को उठा दिया और अपने कंधे पर रख दिया और अपना लण्ड उनकी चूत पर रख दिया और धीरे से अंदर डालने की कोशिश करने लगा…
चाची की गोरी चूत अंदर से पानी छोड़ रही थी, जिससे मेरा लण्ड फिसल रहा था और ठीक से अंदर नहीं जा पा रहा था तब चाची ने मेरे लण्ड को पकड़ा और छेद पर टीका कर बोलीं – मादार चोद कस के धक्का दे…
मैंने एक आज्ञाकारी शिष्य की तरह वैसे ही किया और मेरा लण्ड फट से अंदर चला गया., अब मैं पागल होने लगा और चाची भी चिल्ला उठीं… फिर मैं धीरे धीरे अंदर बाहर अंदर बाहर कर रहा था…
कुछ देर बाद चाची ने बोला – ऐसा ही हिलाता रहेगा क्या? अब जल्दी से कस कस के अंदर बाहर कर., मैं अब नहीं रह सकती…
अब क्या था मैं उनके उपर लेट कर कस के अंदर बाहर करने लगा…
करीब आधे घंटे के बाद मैं और मेरी चाची दोनों साथ में ही झड़ गये और मैं वहीं पर लेट गया…
१० मिनट के बाद हम दोनों उठ कर बाथरूम गये और साथ में नहाने लगे। चाची ने कहा – बेटा, प्लीज़ किसी को भूल से भी यह सब मत बताना कि हम दोनों ने यहाँ नंगा नाच किया और तूने एक अच्छी ख़ासी पतिव्रता शादीशुदा औरत को रंडी बना दिया!!!
मैंने कहा – नहीं चाची., ऐसा मत बोलो… आप बिल्कुल चिंता मत करो मैं किसी से नहीं बोलूँगा… और फिर कस के उन्हें बाथरूम में ही चूमने लगा और आई लव यू कहा…
आख़िरकार वो भी मुझे बोलीं – आई लव यू… कुछ भी कहो, तुम बहुत प्यारे हो!!! और यह कह कर मुझे ज़ोर से किस करने लगीं।
इतने मे मेरा लण्ड फिर खड़ा हो गया और मैंने चाची से कहा – चाची, मेरा लण्ड फिर से चूसो ना प्लीज़!!!
चाची भी एकदम रंडी थीं और कहाँ पीछे रहने वाली थीं, वो तुरंत नीचे बैठ कर खूब मज़े से लण्ड चूसने लगीं और मेरा सारा पानी भी पी गटा गट पी गईं।
यह नंगा नाच घंटों चलता रहा और सब करते करते रात होने को आ गई…
चाची बोलीं – चल रे अब मैं जाती हूँ खाना बनाने, तेरे चाचा अब आने को हैं, तब तक तू बैठ के टीवी देख…
फिर मैं बोला – अब कब आप मुझे प्यार करोगी??
तो चाची ने कहा – हर रोज़!!!
और यह कह कर किचन में चलीं गईं…
ऐसे ही चुदाई मचाते मचाते १५ दिन बीत गये, हम रोज़ सुबह से शाम तक चुदाई करते रहते थे… इन्ही दिनों एक दिन हमने दिन में आठ बार चुदाई की!!!
चाची ने मुझसे गाण्ड भी मरवाई जो उन्होंने चाचा से कभी नहीं मरवाई थी और अंत में मैं दिल्ली आ गया…
आज भी मैं उनसे फोन पर घंटों बातें करता हूँ… सच कहूँ तो रियली मुझे उनसे प्यार है!!!
उनका शरीर मुझे बहुत पसंद है। अब तो मेरी एक गर्लफ्रेंड भी है और उसे भी मैं बहुत प्यार करता हूँ…
कभी चाची के पास जाता हूँ तो कभी गर्लफ्रेंड की चूत लेता हूँ. सेक्स एक ऐसी चीज़ है कि जितना मिले उतना ही कम!!!
चाची की चटनी
मेरा नाम अविनाश है और आज मैं आपको अपनी एक सच्ची कहानी सुनने जा रहा हूँ…
मैं दिखने में ज़्यादा सुंदर तो नहीं हूँ पर क्यूट लगता हूँ., ऐसा मेरे दोस्त कहते हैं!!! मेरा रंग गोरा और हाइट 5.6 है।
मैं 22 साल का हूँ और दिल्ली का रहने वाला हूँ., लण्ड का साइज़ लगभग आठ इंच है…
यह मेरी पहली कहानी है, एम एस एस पर जो कि बिल्कुल सच्ची है।
तो दोस्तो., बात उस समय की है जब मैं उन्नीस साल का था और बारहवीं की परीक्षा पास कर के छुट्टी मानने के लिए अपने चाचा चाची के घर गया था, घूमने के लिए।
मेरे चाचा मध्य-प्रदेश में रहते थे और वहाँ कांट्रेक्टर थे।
जहाँ तक मेरी चाची की बात है., मेरी चाची बहुत ही मस्त माल है!!! उनकी एक बेटी और एक बेटा है., वो क्रमशः नौ और बारह साल के हैं।
दोस्तो, चाची बिल्कुल दूध जैसी गोरी हैं और उनका फिगर ३६-२६-३८ का है, क्या कहूँ कमाल लगती थीं वो, मैं तो हमेशा से ही उन्हें भोगना चाहता था… पर क्या करता., कभी मौका ही नहीं मिला और सच कहूँ तो हिम्मत ही नहीं हो पाई।
चलो खैर., मैं बहुत खुश था कि मैं चाची के पास छुट्टियाँ बिताने जा रहा था तो मैं चाची के घर पहुँचा और सबसे मिला।
चाची मुझे देख कर बहुत खुश हुईं और कहने लगीं – अरे!! क्या बात है., आप तो जवान हो गये हैं…
मैं बोला – अरे!! नहीं चाची., अभी तो मैं बच्चा हूँ…
इतने में ही चाचा आ गये और उन्होंने मुझे बड़े प्यार से गले लगाया और कहा – बेटा., आने मे कोई तकलीफ़ तो नहीं हुई…
मैंने कहा – बिल्कुल नहीं चाचा., बड़े आराम से पहुँच गया…
फिर चाची ने कहा – अच्छा तो अब आप जाओ और फ्रेश हो जाओ., फिर मैं खाना ले कर आती हूँ… और वो मुझे एक कमरे में ले गईं और कहा – कोई भी चीज़ चाहिए हो तो माँग लेना और इसे अपना ही घर समझना…
मैंने कहा – ठीक है., चाची… और मैं नहाने चला गया।
नहाने के बाद मैंने कपड़े पहने और नीचे चला गया और चाची को आवाज़ लगाई। मैंने गौर किया कि चाची ने भी अपनी साड़ी चेंज कर ली है और ना जाने क्यूँ। मुझे देख के वो हँस रही हैं।
खैर, फिर मैंने पूछा – चाची., बाबू लोग दिख नहीं रहे? मैं उनके बेटे बेटी को बाबू ही कहता था।
वोह बोलीं – वो नानी के घर गये हुए हैं…
फिर मैंने पूछा – चाचा कहाँ हैं? तो चाची बोलीं – वो काम पर चले गये., अब रात को ही आएँगे…
यह सुनकर मैं बहुत खुश हुआ और सोचने लगा कि आज तो मैं चाची को बोल ही दूँगा कि मैं उन्हें प्यार करता हूँ., वो भी बहुत…
पर दोस्तो., हमेशा की तरह हिम्मत नहीं हो पा रही थी। चाची ने मुझे खाना खिलाया और वहीं बैठ गई मेरे पास और घर के समाचार पूछने लगीं।
मैं बोला – सब कुछ एकदम ठीक है और आप बताओ आप कैसी हो?
उन्होंने कहा – मैं तो बहुत अच्छी हूँ…
मैंने खाना ख़त्म किया और चाची ने बोला – चलो., मेरे रूम में चलो… वहीं बैठ के टीवी देखना और हम बातें भी करेंगे।
सो, मैं और चाची ऊपर चले गये उनके रूम में…
बात करते-करते चाची ने पूछ दिया – क्या, तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? मैंने कहा – नहीं…
फिर उन्होंने पूछा – क्यूँ भाई? इस पर मैं बोला – मैं जिससे प्यार करता हूँ, वो मुझसे बड़ी है और सबसे बड़ी बात वो शादीशुदा भी है…
यह सुन कर उन्होंने चौंकते हुए कहा – क्या?
मैंने कहा – क्या करूँ, प्यार तो किसी से भी हो सकता है…
फिर मैं चुप हो कर टीवी देखने लगा।
थोड़ी देर वो भी चुपचाप बैठीं रहीं., फिर कुछ देर बाद वो बोलीं – क्या तुम पागल हो? इतनी सी उम्र में शादीशुदा औरंतों से प्यार… मुझे तो लगता है तुम पागल हो गये हो!!! लगता है तुम्हारी मम्मी से कहना पड़ेगा कि उनका बेटा पागल हो गया है…
अब मैं थोड़ा सा घबरा गया मैंने कहा – प्लीज़!!! मम्मी को मत बताइएगा., नहीं तो पक्का लात-घुसे खाने पड़ेंगें…
यह सुन कर चाची हंस पड़ी और बोलीं – चलो ठीक है, नहीं बताऊँगी… पर यह तो बताओ कि वो कहाँ हैं, तुम्हारी मैडम जी…
मैंने कुछ नहीं बोला पर उन्होंने फिर पूछा – बताओ ना प्लीज़, मैं किसी को नहीं बताऊँगी…
मैं बोला – वादा करिए, आप मुझे मारेंगी नहीं…
वो बोलीं – ठीक है, अब तो बता दो…
मैं बोला – आपको मैं बहुत प्यार करता हूँ, जब भी आपको देखता हूँ तो मेरे मन में अजीब सी खुशी होने लगता है., जी करता है आपको बहुत प्यार करूँ… किस करूँ…
यह सुनते ही वो बोलीं – क्या तुम्हारा दिमाग़ तो खराब नहीं हुआ., सच मे तुम पागल हो गये हो। मैं तुम्हारी चाची हूँ और तुम मुझे ही प्यार करना चाहते हो… ओह!!! क्या बोलूं तुम्हें… और यह कहकर वो चुप हो गईं और सर पर हाथ रख लिया।
कुछ देर की खामोशी के बाद फिर मैंने कहा – सॉरी चाची., मैंने आपको कहा था ना कि मत पूछो, मैडम जी का नाम… और कह कर चुप हो गया, और फिर टीवी देखने लगा…
आधे घंटे तक चाची ने मुझसे बात नहीं कि और फिर बोलीं – देखो, यह प्यार नहीं है अविनाश… यह सिर्फ़ लगाव है., तुम इसे प्यार का नाम मत दो समझे…
मैंने कहा – यह प्यार नहीं तो क्या है चाची, मैं जब भी आपको देखता हूँ तो क्यूँ मेरा दिल धक-धक करने लगता है और जब आप मुझे छूती हो तो मेरे अंदर करेंट लगने लगता है… आप ही बताओ? आई लव यू सो मच., चाची!!!
वो बोलीं – तुम पागल हो, जाओ अपने रूम में और मुझे अकेला रहने दो, कुछ देर के लिए… और फिर मैं वहाँ से चला आया, अपने रूम में और सोचने लगा कि मुझे चाची को ऐसा नहीं कहना था, वो मेरी चाची है और मैं ऐसा गंदा सोच रहा हूँ, उनके बारे में…
करीब एक घंटा बीत गया और मैं चुपचाप लेटा हुए था, तभी अचानक चाची ने आवाज़ लगाई – अविनाश, इधर आओ…
यह सुनते ही मैं दौड़ के उनके रूम में गया और पूछा – हाँ., क्या हुआ चाची? चाची बोलीं – आओ बैठो मेरे पास…
मैं तुरंत उनके पास बैठ गया… इतने में चाची ने बिना और कुछ कहे मुझसे सीधे बोला – हग मी टाइट्ली!!!
मैं तो एकदम चौक गया और बिना कुछ सोचे उन्हें कस के हग कर लिया और आई लव यू… आई लव यू… कहने लगा और बिना कुछ बोले उन्हें किस कर लिया!!!
लेकिन इसके बाद चाची ने तुरंत मेरा हाथ पकड़ कर नीचे कर दिया और कहा – देखो, मैं तुमसे प्यार नहीं कर सकती और ना ही दे सकती हूँ… यह सरासर ग़लत होगा और प्लीज़ तुम भी ऐसे गंदे ख्याल अपने दिल से निकाल दो… वैसे भी तुम अभी बच्चे हो., तुम्हें क्या पता प्यार क्या होता है और प्यार में क्या करते हैं? पहले बड़े हो जाओ., फिर किसी लड़की से प्यार करो… ना की मेरे से., समझे… पागल कहीं के…
इतना सुनते ही मैंने उन्हें बाहों में भर कर कहा – मुझे सब पता है कि प्यार होता क्या है और इसमे करते क्या हैं!!!
चाची ने मेरे हाथ को हटा कर पूछा – ठीक है तो बताओ क्या करतें हैं? तो मैंने कहा – यह तो कर के बताना होगा…
अब चाची ने बोला – लगता है तुमने बहुत पिक्चर देखीं हैं, गंदी वाली…
मैंने बिना सोचे एकदम से बोला – हाँ वो भी सिर्फ़ आपको खुश करने के लिए…
चाची बोलीं – तुम बिल्कुल ही पागल हो चुके हो., मेरी बात मानो, यह सब तुमसे नहीं होगा और यह सब करना भी बहुत ज़्यादा ग़लत होगा…
मैंने कहा – इसमें ग़लत क्या है, मैं आपको प्यार करता हूँ… इतना तो हक बनता है। और फिर एकदम से चाची को मैं किस करने लगा वो भी उनके होंठों पर…
मुझे थोड़ा अचरज हुआ कि इसका उन्होंने ज़रा भी विरोध नहीं किया… मैं उनको किस करते करते उनके चूची पर ऊपर से ही हाथ फिराने लगा और चाची भी मदहोश होने लगीं।
यह सब करते करते मैंने उन्हें बेड पर गिरा दिया और अब ज़म के बेतहाशा किस करने लगा और ज़ोर ज़ोर से उनकी चुचियाँ दबा रहा था…
दोस्तो, वो भी मेरा पूरा साथ दे रहीं थीं!!!
फिर अब मैंने उनकी साड़ी निकाल फेंकी., इसके बाद उनका ब्लाउज और आख़िर में पेटीकोट… अब वो सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में थीं और बहुत मस्त लग रहीं थीं…
मैंने उन्हें इस रूप में पहले कभी नहीं देखा था., उफ़!!! कसम से क्या गजब लग रहीं थीं वो… मैं तो जैसे पागल हो चुका था और मैं उन्हें पागलों जैसे ही चूमने चाटने लगा…
अब उन्होंने भी मेरा पैंट उतरा और शर्ट भी… और अब मैं भी सिर्फ़ चड्डी में था!!!
मैं उनके ऊपर लेटा हुआ था और मेरा लण्ड एकदम तना हुआ था…
अब उन्होंने आँख मरते हुए कहा – मेरी नंगी चूची नहीं देखोगे? मैंने कहा – क्यूँ नहीं!!! अभी आपकी ब्रा उतरता हूँ और आपकी नंगी चुचियों को निहारता हूँ…
दोस्तो, सच तो ये है कि मुझे उस समय कुछ सूझ नहीं रहा था!!! क्या करूँ या क्या नहीं?? फर्स्ट टाइम मैं किसी लड़की के साथ नंगा था., वो भी अपनी खुद की सग़ी चाची… बहुत टेंशन हो रहा था और लण्ड एकदम तना हुआ था…
दिल भले ही किसी अप्सरा को भी चोदने के सपने देख ले पर दोस्तो दिमाग तो हमेशा जनता ही है कि हमारी असलियत क्या है., ठीक इसी तरह दोस्तो अपनी चाची की चूत चोदना कहीं से भी नैतिक तो नहीं है…
मेरा दिमाग भी इस सत्य से पूरी तरह वाकिफ था और न जाने कितने तरह के डर मेरे दिलो दिमाग में आ जा रहे थे., जैसे कहीं चाचा आ गए तो? कोई और आ गया तो? कहीं मुझे कोई यौन रोग हो गया था?
और न जाने क्या क्या???
सच तो यह है कि उस वक़्त की मेरी परिस्थिति समझना आप के लिए आसान नहीं है, दोस्तो…
खैर, हर किसी को मुकमल जन्हा नहीं मिलता, किसी को जमीन तो किसी को आसमान नहीं मिलता,
दोस्तो, सच तो ये है कि मुझे उस समय कुछ सूझ नहीं रहा था!!! क्या करूँ या क्या नहीं?? फर्स्ट टाइम मैं किसी लड़की के साथ नंगा था., वो भी अपनी खुद की सग़ी चाची… बहुत टेंशन हो रहा था और लण्ड एकदम तना हुआ था…
खैर, अब मैंने उनकी ब्रा उतार फेंकी और उनकी एकदम गोल गोल और तनी हुई नरम चुचियों को चूसना चालू किया… दोस्तो मैंने पहली बार नंगी चुचियाँ देखीं थीं और उत्तेजना में उन्हें काटने लगा!!!
वो बोलीं – अरे!!! काट नहीं., सिर्फ़ चूस समझा…
मैं बोला – ठीक है…
ना जाने कितनी देर तक उनकी चुचियाँ चूसने-चाटने के बाद मैं उनकी चूत में हाथ फेरने लगा…
अब तक वो पागल होने लगीं थीं और आ आ आ आ आ आ उफ़ अम की आवाज़ निकाल रहीं थीं। करीब १० मिनट तक उनकी चूची चूसने और चूत पर हाथ फेरने के बाद मुझसे रहा नहीं गया और मैंने कहा – चाची., मेरा लण्ड चूसो ना जैसा पिक्चर में लड़कियाँ चुस्ती हैं!!!
चाची ने तुरंत मेरी चड्डी उतार फेंकी और मेरा आठ इंच लंबा लण्ड हाथ में ले कर बोलीं – मादार चोद मैं तो तुझे बच्चा समझी थी पर तू एक नंबर का रंडीबाज़ निकला… और यह कह कर वो मेरा लण्ड गापागप चूसने लगीं।
अब मैं वहीं बेड पर लेट गया और लण्ड चुसवाने लगा!!!
ऐसा लगा मानो जैसे मैं जन्नत की सैर कर रहा हूँ… ५-१० मिनट चूसने के बाद ही मेरा उनके मुँह में ही माल छूट गया और मैं सुस्त पड़ गया…
मेरी नंगी चाची ने मेरा पूरा माल पी लिया और बोला – देखा बहन के लौड़े., इतनी जल्दी हो गया… तो मैं बोला – मालूम नहीं क्यूँ मेरे से कंट्रोल नहीं हुआ…
चाची ने कहा – चल कोई बात नहीं, शुरू शुरू में ऐसा ही होता है…
फिर हम दोनों नंगे ही लेट गये और मैं लेट कर उनकी चुचियाँ दबा रहा था और कभी उनकी नंगी, गोरी और चिकनी पीठ चूम रहा था…
वो अब मस्त हो रहीं थीं और शायद इंतेज़ार में थीं कि कब मैं उनकी प्यास बुझाऊँ…
आख़िरकार १५ मिनट के बाद मेरा लण्ड फिर खड़ा हो गया और मैं चाची से बोला – एक बार हो जाए??
तो उन्होंने तुरंत मेरे लण्ड को पकड़ा और अपने नरम नरम हाथों से कई बार हिला कर और कड़क कर दिया और फिर लेट गईं और बोलीं – कैसे करना है, आता है या मैं ही बताऊँ??
मैं बोला – आप बिल्कुल चिंता मत करो चाची., अब देखो मेरा कमाल!!! और यह कह कर मैंने उनके दोनों पैर को उठा दिया और अपने कंधे पर रख दिया और अपना लण्ड उनकी चूत पर रख दिया और धीरे से अंदर डालने की कोशिश करने लगा…
चाची की गोरी चूत अंदर से पानी छोड़ रही थी, जिससे मेरा लण्ड फिसल रहा था और ठीक से अंदर नहीं जा पा रहा था तब चाची ने मेरे लण्ड को पकड़ा और छेद पर टीका कर बोलीं – मादार चोद कस के धक्का दे…
मैंने एक आज्ञाकारी शिष्य की तरह वैसे ही किया और मेरा लण्ड फट से अंदर चला गया., अब मैं पागल होने लगा और चाची भी चिल्ला उठीं… फिर मैं धीरे धीरे अंदर बाहर अंदर बाहर कर रहा था…
कुछ देर बाद चाची ने बोला – ऐसा ही हिलाता रहेगा क्या? अब जल्दी से कस कस के अंदर बाहर कर., मैं अब नहीं रह सकती…
अब क्या था मैं उनके उपर लेट कर कस के अंदर बाहर करने लगा…
करीब आधे घंटे के बाद मैं और मेरी चाची दोनों साथ में ही झड़ गये और मैं वहीं पर लेट गया…
१० मिनट के बाद हम दोनों उठ कर बाथरूम गये और साथ में नहाने लगे। चाची ने कहा – बेटा, प्लीज़ किसी को भूल से भी यह सब मत बताना कि हम दोनों ने यहाँ नंगा नाच किया और तूने एक अच्छी ख़ासी पतिव्रता शादीशुदा औरत को रंडी बना दिया!!!
मैंने कहा – नहीं चाची., ऐसा मत बोलो… आप बिल्कुल चिंता मत करो मैं किसी से नहीं बोलूँगा… और फिर कस के उन्हें बाथरूम में ही चूमने लगा और आई लव यू कहा…
आख़िरकार वो भी मुझे बोलीं – आई लव यू… कुछ भी कहो, तुम बहुत प्यारे हो!!! और यह कह कर मुझे ज़ोर से किस करने लगीं।
इतने मे मेरा लण्ड फिर खड़ा हो गया और मैंने चाची से कहा – चाची, मेरा लण्ड फिर से चूसो ना प्लीज़!!!
चाची भी एकदम रंडी थीं और कहाँ पीछे रहने वाली थीं, वो तुरंत नीचे बैठ कर खूब मज़े से लण्ड चूसने लगीं और मेरा सारा पानी भी पी गटा गट पी गईं।
यह नंगा नाच घंटों चलता रहा और सब करते करते रात होने को आ गई…
चाची बोलीं – चल रे अब मैं जाती हूँ खाना बनाने, तेरे चाचा अब आने को हैं, तब तक तू बैठ के टीवी देख…
फिर मैं बोला – अब कब आप मुझे प्यार करोगी??
तो चाची ने कहा – हर रोज़!!!
और यह कह कर किचन में चलीं गईं…
ऐसे ही चुदाई मचाते मचाते १५ दिन बीत गये, हम रोज़ सुबह से शाम तक चुदाई करते रहते थे… इन्ही दिनों एक दिन हमने दिन में आठ बार चुदाई की!!!
चाची ने मुझसे गाण्ड भी मरवाई जो उन्होंने चाचा से कभी नहीं मरवाई थी और अंत में मैं दिल्ली आ गया…
आज भी मैं उनसे फोन पर घंटों बातें करता हूँ… सच कहूँ तो रियली मुझे उनसे प्यार है!!!
उनका शरीर मुझे बहुत पसंद है। अब तो मेरी एक गर्लफ्रेंड भी है और उसे भी मैं बहुत प्यार करता हूँ…
कभी चाची के पास जाता हूँ तो कभी गर्लफ्रेंड की चूत लेता हूँ. सेक्स एक ऐसी चीज़ है कि जितना मिले उतना ही कम!!!
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