Saturday, June 20, 2015

FUN-MAZA-MASTI किरन की चुदाई

FUN-MAZA-MASTI


किरन की चुदाई


मैं एक बी एस सी दूसरे वर्ष का छात्र हूँ। पहले मैं अपने बारे में बता दूँ कि मैं 6 फुट लम्बा हूँ, एक्साइज करने से मैं तगडा हो चुका हूँ और मेरा रंग साफ है। ये तो रही मेरी बात, अब आता हूँ अपनी कहानी पर।
बात उन दिनों की है जब मैंने पहली बार स्नातक कालेज में एडमिशन लिया था और कालेज में मेरा कोई दोस्त नहीं था।
मैं क्लास में जब गया तो वहाँ सबसे पहले मेरी नज़र एक बहुत सुन्दर सी लड़की पर गयी। उसने मुझे देखा और सब कुछ ठहर सा गया। लगा कि जैसे वक्त रूक गया है फिर मैं उस लड़की की बाराबर वाली बेंच पर जाकर बैठ गया और रूक-रूक कर उसी को देखता रहा।
पता नहीं कब सर क्लास में आ गये और मुझे खड़ा कर दिया और कहा – मेरे आने के बाद भी लडकियों को देख रहा है, अब जब तक मैं नहीं जाता ऐसे ही खड़े रहे।
मुझे बहुत शर्म आ रही थी कि पहले ही दिन सर ने मुझे खड़ा कर दिया।
क्लास के बाद मैंने उस लड़की को रोका और उसका नाम पुछा, उसने बताया उसका नाम किरन है।
किरन – आप मेरी वजह से सबके सामने शर्मिंदा हो गये, मुझे माफ कर देना।
मैं – आप की वजह से? मैं कुछ समझा नहीं।
किरन – वो मेरे पिता जी थे जिसने तुमको खड़ा कर दिया, क्योकि तुम मुझे कब से घूरे जा रहे थे। ये पिता जी ने देख लिया और आपको खड़ा कर दिया।
मैं – ओह!!!! तभी तो।
किरन – तभी तो क्या?
मैं – नहीं कुछ नहीं। किरन, क्या तुम मेरे साथ काफी पीने चलोगी?
किरन – ओ, आई एम सो सारी। मुझे घर जाना है, फिर कभी चलेंगें।
मैं – ओके, बाय।
किरन – रूको, आपना नाम तो बताते जाओ।
मैं – मेरा नाम राहुल गुप्ता है।
किरन – अच्छा राहुल, कल मिलेंगें और जरूर काफी पीने जायेगें।
फिर वो बाय कह कर चली गयी।
मैं किरन के बारे में बता दूँ कि वो बहुत ही सेक्सी और कामुक है, वो लम्बी है और उसका फिगर 36-26-36 है और जब वो चलती है तो ना चाहते हुए भी नज़र उसकी गाण्ड पर आकर रूक जाती है।
अगले दिन जब मैं तैयार होकर कालेज आया तो उसने अपने बिल्कुल पास वाली सीट पर बैठने का इशारा किया। मैं तुरन्त जाकर बैठ गया और हाय बोल कर हाथ मिलाया। क्लास खत्म होने के बाद हम एक रेस्टोरेन्ट में गये।
मैं – क्या लोगी?
किरन – तुम शायद मुझे यहाँ काफी पीलाने लाये हो, ना।
मैं – काफी का तो आर्डर दे ही रहा हूँ पर और कुछ नहीं लोगी?
किरन – नहीं, मैं डाईटिंग पर हूँ और कुछ भी नहीं ले सकती हूँ।
मैं – ओ रेयली, पर आपको इसकी क्या जरूरत है?
किरन – अरे नहीं यार, मेरा वेट काफी बढ़ गया है। पता है मेरा वेट 53 किलो है।
मैं – अरे, ये कोई ज्यादा नहीं है। ये तो नार्मल वेट है।
फिर हमने काफी पी और काफी सारी बातें की। बातों-बातों में मैंने उसका हाथ पकड़कर उसके हाथों को किस किया। उसने कोई विरोध नहीं किया।
फिर मैंने उसका मोबाइल नम्बर माँग लिया। उसने बडे आराम से बता दिया। मैंने उसको मिस्ड-काल करके अपना नम्बर दे दिया।
फिर हम वहाँ से निकल लिए। मैंने उसको उसके घर से कुछ पहले छोड़ा और बाय करके चला गया।
फिर उसी दिन मैंने रात को उसको फोन किया और खूब सारी बातें की और उसके बारे में सब कुछ पूछा, उसने भी सब बताया।
अब मैंने हिम्मत करके उसको कल कालेज बंग करके पार्क चलने को कहा। पहले तो उसने खूब मना किया पर मेरे बार-बार कहने पर उसने हाँ कह दी।
अगले दिन मैं कालेज जाकर उसको पिक करके पार्क ले गया। फिर उससे बातें की उसके बाद उसका हाथ पकड़ कर उसको आई लव यू बोल दिया। वो कुछ नहीं बोली।
मैं – किरन, प्लीज कुछ तो बोलो वरना मैं तो जीते जी मर जाऊँगा।
किरन – मरे, तुम्हारे दुश्मन। आई लव यू टू, राहुल।
इतना सुनकर मैंने उसको अपनी बाहों में भर लिया। थोड़ी देर ऐसे ही रहने के बाद फिर मैंने उसको किस करने के लिए उसकी गर्दन को दोनों हाथ से पकड़ कर किस करना चाहा पर उसने विरोध किया।
किरन – राहुल, ये जगह सही नहीं है ये सब करने के लिए।
मैं – ठीक है, कहीं और चलते हैं।
किरन – पर कहाँ?
मैं – अरे चलो, तो मेरी जान।
मैं उसको एक 3 स्टार होटल में ले गया। होटल के पार्किग में पहुँच कर गाडी खड़ी ही की थी कि वो मुझ पर बिगडने लगी।
किरन – मैं जानती हूँ तुम मुझे यहाँ क्यों लाये हो। ये सब सही नहीं हैं।
मैं – अरे, मेरी जान तुम तो सब जानती हो पर घबराओ मत हम वो नहीं करेंगे जो तुम सोच रही हो। अब अन्दर चलो।
मैं उसको मना कर कमरे में ले गया।
कमरे में जाकर तुरन्त उसको पकड़कर जोर-जोर से किस करने लगा। वो भी मेरा साथ दे रही थी।
मैंने उसके होंठ चूस-चूस कर लाल कर दिये थे।
उसके बाद किस करते-करते मैंने उसके टॉप के अन्दर हाथ डाल दिया और उसके बूब्स सहलाने लगा। फिर मैंने उसके टॉप को उतार दिया। लाल ब्रा में उसके बूब्स कमाल के लग रहे थे।
अब उसकी नाभी चूमता हुए उसके ब्रा का हुक खोल दिया और उसकी ब्रा को उससे अलग कर दिया।
उसने शर्मा के अपने हाथों से अपने बूब्स को ढक लिया। मैं फिर दोबारा उसके होंठ चूसने लगा। फिर उसने अपने हाथ अपने आप ही हटा लिए।
उसके बूब्स देखकर मैं मदहोश हो गया और उसके बूब्स बेतहाशा चूसने लगा।
वो सिसकने लगी आह… उफ़… आ… आ… ओ गोड…
धीरे से मैंने उसकी जीन्स उतार दी। उसकी फूलों वाली पैन्टी क्या कमाल लग रही थी।
उस पर भी मदहोशी अब पूरी तरह चढ़ चुकी थी पर फिर भी वो कहने लगी – राहुल, प्लीज ये सब बंद करो और चलो यहाँ से।
मैं – किरन, मुझे मत रोको… और इतना कह कर मैंने उसकी पैन्टी भी उतार दी। चूत पर थोडे से ही बाल थे।
पर ये क्या, उसकी आँखों से आँसू बह निकले। ये देख कर मैं थोड़ा रूका और उसको समझाया…
मैं – किरन, आई लव यू सो मच। मैं तुमको छोड कर कहीं नहीं जाऊँगा, आई प्रोमिस।
फिर उसको किस करने लगा और एक हाथ से उसकी चूत को सहलाने लगा। अपनी एक उंगली उसकी चूत में धीरे-धीरे से अन्दर-बाहर करने लगा।
फिर जब उसको थोड़ा मजा आने लगा तब मैं उसके होंठ छोडकर उसकी चूत पर आ गया।
उसकी चूत को अपनी चीभ से चाटने लगा।
किरन की सिसकारियाँ निकलने लगी और वो आ… आह… ओ… राहुललललल… ओ… गोड… अहा…
मैं अपनी जीभ से उसकी चूत को सहलाने लगा, वो मस्त होकर आवाज़ निकाल रही थी।
किरन – मुझे अपना बना लो राहुल, प्लीज मुझे अपना बना लो। मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकती हूँ।
मैं – तुम मेरी हो किरन, सिर्फ मेरी और आज मैं तुमको अपना बना लूँगा।
किरन – आज से अभी से तुम्हारी बीबी हूँ। मुझे अपनी बीवी की तरह चोद दो राहुल, प्लीज।
मैं – मेरी बीवी जो कहेगी मैं वहीं करूँगा और आज अपनी बीवी की पहली हसरथ पूरी करूँगा।
ये कह कर मैंने अपने कपड़े फटाफट उतार फेंके और अपना 7 इंच लम्बा मोटा खड़ा लंड उसके हाथ में दे दिया। मेरा लंड देख कर वो थोड़ा सहम सी गयी।
किरन – राहुल, तुम्हारा काफी मोटा और लम्बा है मैं ये नहीं ले पाऊँगी।
मैं – अरे, मेरी जान ये तुम्हारा है और इसको तुम्हारी चूत में फिट करने की जिम्मेदारी मेरी है, तुम्हारी इस प्यारी सी बड़ी चूत में बडे आराम से फिट हो जायेगा और तुमको इतना मजा आयेगा कि तुम मेरा लंड हमेशा याद रखोगी।
किरन – तो फिर जल्दी से इसे मेरे अन्दर डाल दो।
मैं – तुम्हारे अन्दर किस में डाल दूँ।
मैं उसके मुँह से सुनना चाहता था।
किरन – ओ हो… अब जल्दी से मेरी चूत में डाल दो।
मैं – तम्हारी चूत में क्या डालूँ?
किरन – अबे, अपना लण्ड डाल दे मेरी चूत में और क्या डालेगा?
उसकी चूत की आग ने उसे और भडका दिया था।
मैं – अभी लो मेरी जान, अभी तुम्हारी चूत का भोसडा बनाता हूँ।
फिर क्या था, मैंने उसकी टांग फैला कर उसकी गाण्ड के नीचे तकिया लगा दिया और उसकी चूत पर खूब सारा थूक लगाया और अपना लण्ड पकड़ उसकी चूत पर फिट कर दिया।
मैं – तैयार हो ना मेरी जान? डाल दूँ अन्दर?
किरन की हाँ सुनकर मैंने अपने लण्ड का सुपाड़ा एक जोरदार झटके के साथ अन्दर कर दिया।
किरन – उफ़… मम्मी… मर गई… बाहर निकालो… प्लीज… राहुल, इसे बाहर निकालो।
उसके आँसू देखकर मैं थोड़ा रूका, मैंने देखा वो बुरी तरह कराह रही थी। मैंने अपने लण्ड को ऐसे ही रहने दिया और उसके बूब्स को और उसकी निप्पल को सहलाने लगा।
जब वो थोड़ा शांत हुई मैंने एक गहरी सांस भरी और एक और झटका दिया।
वो इस झटके के लिए तैयार नहीं थी बहुत तेज चीख़ उठी। पूरा कमरा उसकी चीख़ से गूंज उठा।
किरन – आह… मम्मी… आ… आ… हहहहह…
मैं दोबारा रूका और फिर उसके निप्पलों को चूसने लगा।
कुछ मिनट बाद जब वो थोड़ी चुप हुई तब मैंने कहा – किरन, बस थोड़ा सा रह गया हैं थोड़ा और सब्र कर लो।
उसने सिसकते हुये कहा – मैंने कहा था ना मैं नहीं ले पाऊँगी, तेरा लण्ड बहुत बड़ा है।
मैं – अरे, मेरी जान बस 1।5 इंच रह गया।
किरन ने अपना हाथ लगा कर ये जानने की कोशिश की कि कितना रह गया और जब उसने टटोला तो उसे पता चला कि अभी तो आधा रह गया हैं।

वो जब तक कुछ कहती मैंने पूरी ताकत लगा के अपना आधा लण्ड भी अन्दर कर दिया।
किरन – आह… मम्मी…। मरी मैं तो… मर गई… मेरी चूत फट गई।
और वाकई उसकी चूत फट चुकी थी और उसमें से खून की धारा बह निकली। ये देख कर मेरी हवा खराब हुई और मैंने उसको पुचकारा।
मैं – बस, मेरी जान हो गया, तुमने कर दिखाया। अब चाहो तो हाथ लगा के भी देख लो।
किरन – अब क्या देखूँ मैं तो मर गई, मुझे बहुत दर्द हो रहा हैं राहुल, प्लीज इसे बाहर निकाल लो।
मुझे पता था कि अगर मैंने अपना लण्ड बाहर खींच लिया तो किरन फिर नहीं डालने देगी। इसलिए मैं कुछ देर ऐसे ही पड़ा रहा और जब वो थोड़ी हल्की हुई तो फिर मैंने धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया।
किरन को भी अब दर्द कम हो रहा था।
मैं – जान, अब कैसा लग रहा है?
किरन – मुझसे बात मत करो, बस अपना काम पूरा करो।
मैं – अरे, मेरी जान सेक्स के दौरान बातें करने से और ज्यादा मजा आता हैं।
यह कह कर मैंने अपना लण्ड को सुपाड़े तक बाहर खींचा और एक झटके के साथ पूरा जड तक गाड दिया।
किरन – आ… उ… उ… उ… ओ… नो… प्लीज… नो… आ…
उसकी आवाज़ पूरे कमरे में फैल रही थी।
इसके बाद मैं धक्के पे धक्के लगाता रहा और किरन सिसकती रही। फिर एक वक्त ऐसा आया कि किरन का पूरा शरीर कांपने लगा, मैंने जैसे ही अपना लण्ड बाहर खींचा उसकी चूत में से फूव्वारा छूट पडा और वो झड़ गयी।
उसने मुझे अपने ऊपर खींचा लिया और कस के अपनी बाहों में जकड लिया।
इसके बाद मैं उसके होठों को चूसता रहा। थोड़ी देर बाद वो फिर गर्म होने लगी।
मैं – किरन, हो जाये एक और बार?
किरन ने अपनी दबी हुयी मुस्कुराहट के साथ हामी भर दी।
पहले मैंने उसकी चूत को चादर से पोंछा फिर उसको घोडी बना के पीछे से अपना लण्ड उसकी चूत में फिट कर दिया।
मेरा लण्ड फटाक से चूत में अन्दर तक घुस गया।
किरन को थोड़ा दर्द हुआ पर वो सहन कर रही थी और अब हल्के-हल्के कराह कर चुदाई का पूरा मजा ले और दे रही थी।
मैं – क्यों, मेरी जान मजा आ रहा है ना? मैंने जोर से धक्का मार कर किरन से पूछा।
किरन सिसकते-कराहते हुये बोली – हाँ, मेरे राजा… बहुत मजा आ रहा है… और जोर से मारो… चोदो मेरी चूत… और अन्दर तक धकेल के मारो… हाँ ऐसे ही… ओ यस… आ… ओ… ओ… आ… हम्मममम… आ… यस… यस… फक मी… फक मी हार्ड… यस… ओ… यस… आ… आउ… हहहह… हम्मम…
उसकी सिसकारियों से और उसके कराहने से मैं और जोर से अन्दर-बाहर करने लगा।
उसको घोडी बना के चोदने से उसके बूब्स जोर-जोर से झूल रहे थे। मैंने उसके बूब्स को दोनों हाथो से पकड़ कर ज़ोर से धक्के मारने लगा और वो कराहती रही – चोद आ… आउ… यस… फक मी… यस… कमोन राहुल… फक मी हार्ड… आ… हम्ममम… फक मी…
अब मैं रूका और लेट गया फिर उसको अपने ऊपर आने का इशारा किया।
वो फ़ौरन मेरे ऊपर आ गयी और खुद ही मेरा लण्ड पकड़ के अपनी चूत में फिट कर लिया और कूदने लगी।
ये देख कर मैं बहुत खुश था। उसके बूब्स फिर जोर-जोर से हिलने लगे।
उसने खुद ही अपने हिलते हुए बूब्स को पकड़ लिया और आवाज़ कर करके कूदती रही…
ओ… यस राहुल… यस… फक मी हार्ड… ओ राहुहुहुलललल… ओ… यस… आउ… चोद ना हरामी… चोद डाल… बना दे इस चूत का भोसड़ा… बना ले मुझे अपनी रडी… तेरी चिनाल रोज़ तेरा लंड लेगी अपने भोसड़े में… देगा ना… बोल ना कुत्ते…
उफ़, क्या मज़ा आ रहा था उसकी ऐसी बातें सुनने में।
अब मैंने अपने लण्ड को बाहर निकाले बगैर उसको नीचे लिटा दिया और पूरी ताकत के साथ चोदता रहा और वो वैसे ही चिल्लाती रही।
ओ… मम्मी… आउ… ओ… आ… उफ़… यस… फक मी… यस फक… चोद डाल… चोद और चोद…
दोस्तो, जिस तरह से वो बोल रही थी सच में ऐसा लग रहा था कि मैं किसी कोठे की रंडी को चोद रहा हूँ, बस फायदा यह था कि पैसे खर्च नहीं करे थे।
मुझे लगा कि मैं अब झडने वाला हूँ, मैंने उसको नहीं बताया बस अपनी स्पीड और तेज कर दी फिर थोड़ी देर में मैं और वो साथ ही झड गए।
मैंने अपना सारा माल उसकी चूत के अन्दर ही निकाल दिया और बिना लण्ड निकाले ऐसे ही पडा रहा।
फिर कुछ ही देर में मेरा लण्ड अपने आप ही सिकुड के बाहर निकल आया।
हम दोनों जोर-जोर से हाँफ रहे थे और दोनों के शरीर पूरी तरह से पसीने से भीगे हुए थे।
फिर मैं उसको बहुत देर किस करता रहा, कभी उसकी जीभ को चूस रहा था कभी उसके होंठ और वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी।
इसके बाद मैंने उसको एक और बार चोदा और फिर मैंने और उसने कपडे पहने और वहाँ से चलने की तैयारी करने लगे।
मैंने देखा किरन थोड़ा सा लंगड़ा रही थी।
मैंने मजाक में कहा…
मैं – किरन, लंगड़ा क्यों रही हो?
किरन – यहाँ मरते-मरते बची हूँ और तम्हे मजाक सूझ रहा है। चलो अब बहुत देर हो चुकी है।
बाहर आकर जब देखा तो रात हो चुकी थी। मैंने उसको उसके घर से कुछ पहले उतारा और उससे कहाँ कि अपने घर पर कह देना कि बाइक से टक्कर हो गई थी पर अब ठीक है क्यूंकी वो अब भी लंगड़ा रही थी।
फिर उसने मुझे सड़क पर ही जल्दी से एक जोरदार किस दी और चली गई।

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