FUN-MAZA-MASTI
क्या कयामत थी
दोस्तो, मेरा नाम सोना आर्यन है, उम्र 30 साल, लम्बाई 5’10”, रंग गेहुँआ, शरीर स्वस्थ, लंड की लम्बाई 7 इंच, मोटाई 2.5 इंच.. मैं छत्तीसगढ़ से हूँ… मेरी यह पहली कहानी है.. मुझे यह विश्वास है कि यह कहानी आप सभी को बहुत पसन्द आयेगी.. पहली बार लिख रहा हूँ इसीलिये कुछ गलतियाँ होंगी.. तो उसमें सुधार करने का सुझाव जरूर देने की कोशिश कीजियेगा।
मैं अपने बारे में सिर्फ इतना कहना चाहता हूँ कि जो मुझसे एक बार मिलता है, फिर बार-बार मिलना चाहता है।
यह कहानी मेरी जिंदगी की पहली सेक्स कहानी है, यह घटना करीब 5 साल पहले की है जब मैंने एक अपने से 5 साल बड़ी महिला से सेक्स संबंध बनाया था.. हम दोनों एक दोस्त की शादी में मिले थे, उसका नाम सोनिया था।
सोनिया अपने नाम के मुताबिक वाकयी खूबसूरत थी, उसका शरीर भगवान ने तराश कर बनाया था।
पहली मुलाकात में ही हमारी आँखें चार हो गई, वो शादीशुदा थी लेकिन उसकी निगाहें कुछ तलाश रही थी, उसकी आँखों में कुछ चाहत थी जिसकी तलाश में उसकी आँखें मटक रही थी।
जब मेरी निगाहें सोनिया से मिली तो मेरे तन-बदन में आग लग गई, मुझे महसूस हुआ.. यह आग सोनिया में भी लगी थी।
लाल रंग की साड़ी में वह क्या कयामत लग रही थी!
पहली मुलाकात में सिर्फ नयनों से हमारी बातें हुई लेकिन भगवान ने अगले ही दिन हमें फिर से मिलवाया!
हुआ यूं कि वो पास के एक पार्क में घूमने गई, मैं भी किस्मत से उस पार्क में पहले से मौजूद था।
पार्क में हम वहाँ मिले जहाँ दो जिस्मों के मिलने का जन्नत था, हम दोनों एक बेंच पर साथ ही बैठे थे, पहले नजरों से शुरू हुई बात जुबान तक पहुँची।
मैंने बीती रात दोस्त की शादी में मिलने की बात कही, उसने हाँ में अपना सर हिलाया।
मैंने बात को आगे बढ़ाते हुए उसकी जमकर तारीफ की। मेरी तारीफ और आस-पास के माहौल ने हमारे बीच की दूरियों को कम कर दिया, वो मेरे काफी करीब आ गई, हमारी सांसें तेज चलने लगी, मैंने पहल करते हुए उसके बालों से खेलने शुरू किया, उसके लंबे बालों में हाथ फेरने लगा, फिर गर्दन पर उँगलियाँ घुमानी शुरू की।
जब सोनिया की तरफ से कोई ना-नुकुर नहीं हुई तो मेरी हिम्मत बढ़ी और मैंने अपने कांपते होंठ उसके लाल होंठों पर रख दिए।
जैसे ही मैंने ऐसा किया.. मुझे लगा जैसे उसकी इसी पहल की तलाश थी, उसने मेरे बालों को पकड़ लिया और मेरे चुम्मे का जवाब देने लगी..
अब हम दोनों पर सेक्स का भूत सवार हो चुका था, मैं सोनिया को लेकर अपने फार्म हाउस पर पहुँचा।
फार्म हाउस पहुँचते ही सोनिया मेरे बदन से ऐसी लिपटी जैसे वो जन्म-जन्म से प्यासी हो।
मैंने उसे अपनी मजबूत बाहों में कसने में देरी नहीं की। मेरा 7 इंच का लंड पैंट फाड़कर बाहर निकलने के लिए आतुर था।
आग दोनों ही तरफ लगी थी, सब्र का बाध टूट चुका था।
मैंने तुरंत उसके नाजुक होंठों को चूमना शुरू कर दिया, फिर मैंने उसकी साड़ी उतारी, ब्रा भी उतारी और उसके सफेद बड़े से बोबे देखकर मैं पागल हो गया.. बूब्स पर गुलाबी रंग के चुचूक को मैंने अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू किया।
मैं उन्हें पागलों की तरह चूसने लगा..
वो अपने होंटों को चबा रही थी और मुँह से सिसकारियाँ निकाल रही थी।
मैंने अपने दांत उसके चुचूक पर गड़ा दिए तो वो ‘आ-आई’ करके चिल्लाई।
फिर मैंने अपनी शर्ट उतारी, पैंट भी उतारी, उसने अपनी साया को खोला.. अब हम दोनों सिर्फ चड्डी में थे..
मैं पेंटी पर से ही उसकी चूत को मसलने लगा। उसकी हालत खराब होती जा रही थी, वो सिर्फ अपने मुँह से ‘फक मी… फक मी’ कहे जा रही थी।
इसी दौरान उसने एकाएक मेरी चड्डी उतार दी और मेरे 7 इंच के लंड को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया।
मैं सोनिया के इस कदम से दोगुने जोश में आ गया और मैंने उसकी पेंटी को उतार कर अपनी जीभ उसकी चूत में उतार दी।
मैंने उसे 69 की पोजीशन में किया, अब हम दोनों एक दूसरे के जिस्म को चूमने और चाटने लगे, वो मेरे लंड को बार-बार मुंह में लेकर चूसती, मुझे लगा अब सोनिया को नहीं रोका तो उसके मुँह में झड़ जाऊँगा, मैंने उसे मिशनरी पोजीशन में किया और 7 इंच के लंड को उसकी चूत में उतार दिया।
उसकी सीत्कारें बढ़ने लगी, मैंने उसका मुँह पूरा जीभ से भर कर जोर से एक धक्का मारा और मेरा लंड उसकी चूत का मर्दन करने लगा..
चोदने के दौरान मैंने उसके बोबे बहुत सहलाए, चुदाई के दौरान वो कमर उठाकर मेरा पूरा सहयोग करने लगी। मैं उसे दनादन चोदने लगा और वो मुँह से आह ! अहा ! ओर जोर से ! ओर जोर से ! कर रही थी।
दस मिनट की चुदाई के बाद मेरा छुटने वाला था, वो भी मुझे कसकर पकड़ने लगी, धप-धप की आवाजें गूंजने लगी, हम दोनों झड़ने लगे और उस स्वर्ग से एहसास के धीरे-धीरे कम होते हुए हम निढाल होकर कुछ देर उसी अवस्था में पड़े रहे।
उसने मेरे बालों भरी छाती पर चूम लिया और कहा- मेरे पति से सेक्स का कभी सुख नहीं मिला… आज तक वो मुझे तृप्त नहीं कर सके, तुमने मुझे नारीत्व का सुख दिया है, मैं आज से तुम्हारी दासी हो गई हूँ।
फिर उसने अपनी आँखों से शरारती इशारा किया जैसे पूछ रही हो कि अब दूसरा राउंड हो जाए..
मैंने उसे अपने बाहों में कस लिया.. फिर एक दौर शुरू हो गया।
हम लोगों ने 3 बार चुदाई की, कभी घोड़ी बना कर तो कभी किसी और पोज में!
हर बार उसे सेक्स का अलग अनुभव दिया।
क्या कयामत थी
दोस्तो, मेरा नाम सोना आर्यन है, उम्र 30 साल, लम्बाई 5’10”, रंग गेहुँआ, शरीर स्वस्थ, लंड की लम्बाई 7 इंच, मोटाई 2.5 इंच.. मैं छत्तीसगढ़ से हूँ… मेरी यह पहली कहानी है.. मुझे यह विश्वास है कि यह कहानी आप सभी को बहुत पसन्द आयेगी.. पहली बार लिख रहा हूँ इसीलिये कुछ गलतियाँ होंगी.. तो उसमें सुधार करने का सुझाव जरूर देने की कोशिश कीजियेगा।
मैं अपने बारे में सिर्फ इतना कहना चाहता हूँ कि जो मुझसे एक बार मिलता है, फिर बार-बार मिलना चाहता है।
यह कहानी मेरी जिंदगी की पहली सेक्स कहानी है, यह घटना करीब 5 साल पहले की है जब मैंने एक अपने से 5 साल बड़ी महिला से सेक्स संबंध बनाया था.. हम दोनों एक दोस्त की शादी में मिले थे, उसका नाम सोनिया था।
सोनिया अपने नाम के मुताबिक वाकयी खूबसूरत थी, उसका शरीर भगवान ने तराश कर बनाया था।
पहली मुलाकात में ही हमारी आँखें चार हो गई, वो शादीशुदा थी लेकिन उसकी निगाहें कुछ तलाश रही थी, उसकी आँखों में कुछ चाहत थी जिसकी तलाश में उसकी आँखें मटक रही थी।
जब मेरी निगाहें सोनिया से मिली तो मेरे तन-बदन में आग लग गई, मुझे महसूस हुआ.. यह आग सोनिया में भी लगी थी।
लाल रंग की साड़ी में वह क्या कयामत लग रही थी!
पहली मुलाकात में सिर्फ नयनों से हमारी बातें हुई लेकिन भगवान ने अगले ही दिन हमें फिर से मिलवाया!
हुआ यूं कि वो पास के एक पार्क में घूमने गई, मैं भी किस्मत से उस पार्क में पहले से मौजूद था।
पार्क में हम वहाँ मिले जहाँ दो जिस्मों के मिलने का जन्नत था, हम दोनों एक बेंच पर साथ ही बैठे थे, पहले नजरों से शुरू हुई बात जुबान तक पहुँची।
मैंने बीती रात दोस्त की शादी में मिलने की बात कही, उसने हाँ में अपना सर हिलाया।
मैंने बात को आगे बढ़ाते हुए उसकी जमकर तारीफ की। मेरी तारीफ और आस-पास के माहौल ने हमारे बीच की दूरियों को कम कर दिया, वो मेरे काफी करीब आ गई, हमारी सांसें तेज चलने लगी, मैंने पहल करते हुए उसके बालों से खेलने शुरू किया, उसके लंबे बालों में हाथ फेरने लगा, फिर गर्दन पर उँगलियाँ घुमानी शुरू की।
जब सोनिया की तरफ से कोई ना-नुकुर नहीं हुई तो मेरी हिम्मत बढ़ी और मैंने अपने कांपते होंठ उसके लाल होंठों पर रख दिए।
जैसे ही मैंने ऐसा किया.. मुझे लगा जैसे उसकी इसी पहल की तलाश थी, उसने मेरे बालों को पकड़ लिया और मेरे चुम्मे का जवाब देने लगी..
अब हम दोनों पर सेक्स का भूत सवार हो चुका था, मैं सोनिया को लेकर अपने फार्म हाउस पर पहुँचा।
फार्म हाउस पहुँचते ही सोनिया मेरे बदन से ऐसी लिपटी जैसे वो जन्म-जन्म से प्यासी हो।
मैंने उसे अपनी मजबूत बाहों में कसने में देरी नहीं की। मेरा 7 इंच का लंड पैंट फाड़कर बाहर निकलने के लिए आतुर था।
आग दोनों ही तरफ लगी थी, सब्र का बाध टूट चुका था।
मैंने तुरंत उसके नाजुक होंठों को चूमना शुरू कर दिया, फिर मैंने उसकी साड़ी उतारी, ब्रा भी उतारी और उसके सफेद बड़े से बोबे देखकर मैं पागल हो गया.. बूब्स पर गुलाबी रंग के चुचूक को मैंने अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू किया।
मैं उन्हें पागलों की तरह चूसने लगा..
वो अपने होंटों को चबा रही थी और मुँह से सिसकारियाँ निकाल रही थी।
मैंने अपने दांत उसके चुचूक पर गड़ा दिए तो वो ‘आ-आई’ करके चिल्लाई।
फिर मैंने अपनी शर्ट उतारी, पैंट भी उतारी, उसने अपनी साया को खोला.. अब हम दोनों सिर्फ चड्डी में थे..
मैं पेंटी पर से ही उसकी चूत को मसलने लगा। उसकी हालत खराब होती जा रही थी, वो सिर्फ अपने मुँह से ‘फक मी… फक मी’ कहे जा रही थी।
इसी दौरान उसने एकाएक मेरी चड्डी उतार दी और मेरे 7 इंच के लंड को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया।
मैं सोनिया के इस कदम से दोगुने जोश में आ गया और मैंने उसकी पेंटी को उतार कर अपनी जीभ उसकी चूत में उतार दी।
मैंने उसे 69 की पोजीशन में किया, अब हम दोनों एक दूसरे के जिस्म को चूमने और चाटने लगे, वो मेरे लंड को बार-बार मुंह में लेकर चूसती, मुझे लगा अब सोनिया को नहीं रोका तो उसके मुँह में झड़ जाऊँगा, मैंने उसे मिशनरी पोजीशन में किया और 7 इंच के लंड को उसकी चूत में उतार दिया।
उसकी सीत्कारें बढ़ने लगी, मैंने उसका मुँह पूरा जीभ से भर कर जोर से एक धक्का मारा और मेरा लंड उसकी चूत का मर्दन करने लगा..
चोदने के दौरान मैंने उसके बोबे बहुत सहलाए, चुदाई के दौरान वो कमर उठाकर मेरा पूरा सहयोग करने लगी। मैं उसे दनादन चोदने लगा और वो मुँह से आह ! अहा ! ओर जोर से ! ओर जोर से ! कर रही थी।
दस मिनट की चुदाई के बाद मेरा छुटने वाला था, वो भी मुझे कसकर पकड़ने लगी, धप-धप की आवाजें गूंजने लगी, हम दोनों झड़ने लगे और उस स्वर्ग से एहसास के धीरे-धीरे कम होते हुए हम निढाल होकर कुछ देर उसी अवस्था में पड़े रहे।
उसने मेरे बालों भरी छाती पर चूम लिया और कहा- मेरे पति से सेक्स का कभी सुख नहीं मिला… आज तक वो मुझे तृप्त नहीं कर सके, तुमने मुझे नारीत्व का सुख दिया है, मैं आज से तुम्हारी दासी हो गई हूँ।
फिर उसने अपनी आँखों से शरारती इशारा किया जैसे पूछ रही हो कि अब दूसरा राउंड हो जाए..
मैंने उसे अपने बाहों में कस लिया.. फिर एक दौर शुरू हो गया।
हम लोगों ने 3 बार चुदाई की, कभी घोड़ी बना कर तो कभी किसी और पोज में!
हर बार उसे सेक्स का अलग अनुभव दिया।
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