FUN-MAZA-MASTI
मेरे एक अय्याश साथी योगेश की नई गर्लफ्रेंड है निम्मी आहूजा, वो नाशिक से यहाँ आकर बी टेक कर रही है। एक दिन वह निम्मी को लेकर मेरे आफ़िस पर आया तो मैं उसकी गर्लफ्रेंड को देखता ही रह गया।
30-26-30 का गजब का फिगर था उसका ! उम्र मात्र 20-21 साल होगी और जितनी देर वो बेठा वो भी मुझे देखती रही।
शायद हम दोनों का दिल एक दूसरे पर आ गया था।
फिर वो दोनों चले गए।
कुछ ही दिनों बाद मेरा मित्र योगेश किसी दुश्मन की साजिश का शिकार हो गया, पुलिस ने उसे एक बार में ड्रग्स के साथ पकड़ा था। मैंने और दूसरे दोस्तों ने भी प्रयास किया की पुलिस ले देकर उसे केस से निकाल दे लेकिन मामला एन डी पी एस का था, एक ईमानदार अफसर ने उसे जेल भिजवा दिया।
एन डी पी एस के मामले अब महीनों तो क्या सालों जमानत नहीं होना थी। इधर मकान मालिक ने निम्मी से फ्लैट खाली करवा लिया। निम्मी ने मुझसे सात आठ दिन कहीं रहने का इंतजाम करने को कहा क्योंकि मुम्बई में होटल काफी महंगे और सुरक्षित नहीं है।
मैंने उसे अपने साथ ही रहने को कह दिया, वो अपनी एक सहेली के साथ सामान लेकर मेरे फ्लैट पर पहुँच गई।
मैंने मल्टी के वाचमैन को फोन कर सामान अपने दो कमरे के फ़्लैट के एक कमरे में रखवा दिया।
रात 10 बजे में शूटिंग से लौटा तो वो जाग रही थी, उसने एक पतला सा गाउन पहना था।
यह भगवान की मर्जी थी कि उस दिन के बाद आखिर हमारी आमने-सामने दूसरी मुलाकात हो ही गई और इतने दिनों की दूरी मिट ही गई।
फिर हम दोनों के बीच बातें होने लगी, वो योगेश को लेकर दुखी नहीं थी बल्कि मुंबई में रहने की समस्या से ज्यादा परेशान लगी।
मैंने उसे दिलासा दी कि वो जब तक चाहे यहाँ रह कर पढ़ सकती है।
वो थेंक्स बोलते हुए मेरे सीने से लग गई।
मैंने अब उसे बाहों में भर लिया और उसके माथे पर प्यार भरा चुम्बन लेते हुए कहा- आज से तुम मेरी जिम्मदारी हो, योगेश के जेल से बाहर आने तक तुम मेरे साथ ही रहोगी।
अब वो मुझसे बुरी तरह लिमट गई और रो पड़ी।
मैंने उसे चुप कराने के लिए उसका चेहरा ऊपर उठाया और अबकी बार उसके होठों पर प्यार भरा चुम्बन ले लिया।
अब वो आश्वत दिख रही थी।
मैंने किचन में खाना गरम करने के लिया माईक्रोवेव में रखा और उसे आवाज दी तो बोली- आप नहा लो, मैंने गीजर ऑन कर दिया है। मैं खाना लगाती हूँ।
खाना खा कर मैंने वियाग्रा की टेबलेट खाई और हम मेरे बेड रूम में आ गए। बिस्तर पर बात करते करते मैंने अपना सर उसकी गोद में रख दिया, वो मेरे बालों से खेलने लगी।
उसने बताया कि किसी बार गर्ल के चक्कर में योगेश ने बार के मालिक से पंगा ले लिया था वो उसकी फीस के पैसे भी बार गर्ल को दे आया था।
अब मुझे समझ में आ गया कि वो योगेश के लिए क्यों दुखी नहीं थी। मैं उसकी जांघों पर हाथ फेर रहा था।
अचानक उसने मेरी टी शर्ट उतारी और मुझे साइड में धक्का दे दिया। मैं सीधा लेट गया फिर उसने मेरी छाती को चूमना शुरु कर दिया। उसकी चूचियाँ मेरी छाती को छूती तो मुझे करन्ट सा लगता। मेरा लण्ड लोअर में परेशान हो रहा था, मैंने अपनी लोअर उतार दी लण्ड को कुछ आराम मिला।
मैंने उसका गाउन खोल दिया था। अब वो केवल लाल रंग की ब्रा पैन्टी में थी।
मैंने निम्मी को लिटा दिया और ब्रा पैन्टी उतार दी। उसने शर्म से दोनों पैर भींच लिए और अपना मुँह हाथों से ढक लिया। मैंने उसकी जाघों को सहलाया और पैरों को अलग कर दिया। उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था। उसकी चूत बिल्कुल गुलाब की कली की तरह लग रही थी।
मैंने उसकी चूत को छुआ वो गीली हो चुकी थी। निम्मी के मुँह से लगातार सिसकारियाँ निकल रही थी।
मैंने उसकी चिपकी हुई दोनों पन्खुड़ियाँ को अलग किया। उसकी चूत के छेद पर उंगली रखकर अन्दर की तो निम्मी अपना सिर इधर-उधर करने लगी, अपने होंठ चबाने लगी।
मैं उंगली अन्दर-बाहर करने लगा, वो सिसकार रही थी- आहा हा ई ई सी सि इ ई..
मैंने अपने हाथ की रफ़्तार बढ़ा दी।
उसकी चूत से पानी सा निकलने लगा, वो शरमा गई और बोली बोली- बस मेरा काम हो गया।
मैंने उसका हाथ पकड़ा और लण्ड पर रख दिया, उसने शरमाते हुए पकड़ लिया। उसके कोमल हाथ से छुआ और हँसते हुए लण्ड सहलाने लगी, मैं उसे चूमने लगा, चूचियाँ दबाने लगा। वो फिर गर्म हो गई।
मैंने लण्ड उसके होठों पर लगाया, निम्मी मना करने लगी।
मैं बोला- प्लीज लो न ! तुम्हें मजा आयेगा।
दवा अब असर करने लगी थी, मेरा लण्ड अब स्टील की रॉड जैसा कड़ा हो गया था, उसने कुछ सोचा और होंठ लण्ड के अग्र-भाग से लगा दिये, फिर थोड़ा अन्दर ले लिया और बोली- बस !
मैं बोला- जान मजा आ रहा है ! थोड़ी और मुंह में लो ना ! योगेश ने नहीं चुसाया था क्या?
वो मुस्कराई और पूरा लण्ड मुँह में ले लिया। फिर वो लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। मुझे मजा आने लगा, मैंने उसका सिर पकड़ा और आगे-पीछे करने लगा। 5 मिनट तक वो मेरा लण्ड चूसती रही।
मुझसे अब रुका नहीं जा रहा था, मैंने उसे लिटाया और पैरों के बीच बैठकर लण्ड चूत पर लगा दिया।
निम्मी बोली- मेरा छेद तो उंगली के बराबर है और तुम्हारा तो बहुत मोटा है, यह कैसे अन्दर जायेगा?
मैं- तुम्हें पता भी नहीं चलेगा।
मैंने उसकी टांग ऊपर की और लण्ड चूत पर रखा। मेरे सुपारे से उसकी चूत की फाकें अलग अलग हो गई, मैंने थोड़ा जोर लगाया। लेकिन चूत ज्यादा तंग थी। में लण्ड चूत पर रगड़ने लगा। मैं उसे तड़पाने के लिए ऐसा कर रहा था।
वो सिसकारियाँ ले रही थी, थोड़ी देर बाद बोली- क्यों तड़पा रहे हो? अरिन्दम डाल दो अन्दर !
मैं बोला- तुमने भी तो मुझे तड़पाया है !
टांगें फैलाते हुए बोली- प्लीज अरिन्दम, अब डाल भी दो।
मैं बोला- तैयार हो?
हाँ ! जरा धीरे करना, तुम्हारा ज्यादा मोटा है।
मैं बोला- चिन्ता मत करो।
मैंने लण्ड उसकी चूत के छेद पर लगाया और झुक कर दोनों बाजुओं को पकड़ लिया, वो साँस रोक कर चुप लेटी थी।
मैंने उसके होटों पर चूमा और एक झटका मारा, मेरा 3 इन्च लण्ड उसकी चूत के अन्दर चला गया।
एक बार तो निम्मी की साँस सी रुक गई, एकदम चीखी- ऊई मैयाँ मर गई।
मैं रुका नहीं एक और झटका मारा। अब मेरा आधे से ज्यादा लण्ड अन्दर घुस गया और तीसरे झटके में पूरा सात इंच का लण्ड अन्दर घुस गया।
वो अब चिल्ला रही थी- मर गई आह और छुटने की कोशिश करने लगी। पर मेरी पकड़ के कारण वो बस थोड़ा ही हिल पा रही थी, मैं बोला- जानू, बस हो गया।
उसके ऊपर लेट गया और होठों को चूमते हुए और चूचियाँ दबाते हुए लण्ड धीरे-धीरे थोड़ा आगे-पीछे करने लगा।
उसकी चीख सिसकारियों में बदलने लगी, मैं समझ गया कि उसे मजा आने लगा है और मैंने झटकों की स्पीड बढ़ा दी। वो अब आहें भर रही थी।
मैंने उसके कन्धों को पकड़ा और तेज-तेज धक्के मारने लगा। वो भी चूतड़ उछाल उछाल के मेरा साथ देने लगी।
गीली हो जाने से लण्ड आसानी से अन्दर-बाहर हो रहा था। मैं लगातार धक्के मार रहा था। वो भी पूरा साथ दे रही थी।
अचानक उसने मुझे बाहों में पकड़ लिया और बोली- अरिन्दम बस मेरा होने वाला है !
मैं बोला- मेरा भी !
वो बोली- हो गया !
और मुझे कस कर पकड़ लिया। मेरा भी निकलने वाला था, मैं बोला- निम्मी अन्दर छोड़ूं?
उसने कहा- हाँ ! मैंने उसे अलग किया, कन्धें पकड़ कर तेज धक्के मारने लगा। अब उससे सहन नहीं हो रहा था। मैंने 8-10 झटके मारे और निम्मी के ऊपर लेट गया। मेरा वीर्य उसकी चूत में गिर रहा था।
थोड़ी देर हम ऐसे ही पड़े रहे।
मैं बोला- आई लव यू निम्मी !
उसने शरमा कर नजर झुका ली।
मैं बोला- अब भी शरमा रही हो?
मैंने भी उसे चूमा और अलग हो गया। लण्ड खुद चूत से बाहर आ गया। निम्मी की चूत से वीर्य निकल रहा था ।
मैंने एक नेपकिन लिया और अपने लण्ड को पौंछा फिर मैंने उसकी टांगों को फैलाकर चूत साफ की। अब निम्मी की चूत की फांकें कुछ खुली थी, उसकी चूत में दर्द था।
फिर उसने पैन्टी और ब्रा पहनी और बाथरूम में चली गई।
मैंने अण्डर वीयर पहना और रजाई में बैठ गया। निम्मी आई रजाई हटा कर मेरे बगल में लेट गई।
निम्मी बोली- दर्द हो रहा है !
मैंने एक हाथ उसकी चूचियों पर रखा और दूसरा चूत पर रखकर सहलाने लगा, वो मुझसे चिपट गई।
दोस्त की गर्लफ़्रेण्ड
मेरे एक अय्याश साथी योगेश की नई गर्लफ्रेंड है निम्मी आहूजा, वो नाशिक से यहाँ आकर बी टेक कर रही है। एक दिन वह निम्मी को लेकर मेरे आफ़िस पर आया तो मैं उसकी गर्लफ्रेंड को देखता ही रह गया।
30-26-30 का गजब का फिगर था उसका ! उम्र मात्र 20-21 साल होगी और जितनी देर वो बेठा वो भी मुझे देखती रही।
शायद हम दोनों का दिल एक दूसरे पर आ गया था।
फिर वो दोनों चले गए।
कुछ ही दिनों बाद मेरा मित्र योगेश किसी दुश्मन की साजिश का शिकार हो गया, पुलिस ने उसे एक बार में ड्रग्स के साथ पकड़ा था। मैंने और दूसरे दोस्तों ने भी प्रयास किया की पुलिस ले देकर उसे केस से निकाल दे लेकिन मामला एन डी पी एस का था, एक ईमानदार अफसर ने उसे जेल भिजवा दिया।
एन डी पी एस के मामले अब महीनों तो क्या सालों जमानत नहीं होना थी। इधर मकान मालिक ने निम्मी से फ्लैट खाली करवा लिया। निम्मी ने मुझसे सात आठ दिन कहीं रहने का इंतजाम करने को कहा क्योंकि मुम्बई में होटल काफी महंगे और सुरक्षित नहीं है।
मैंने उसे अपने साथ ही रहने को कह दिया, वो अपनी एक सहेली के साथ सामान लेकर मेरे फ्लैट पर पहुँच गई।
मैंने मल्टी के वाचमैन को फोन कर सामान अपने दो कमरे के फ़्लैट के एक कमरे में रखवा दिया।
रात 10 बजे में शूटिंग से लौटा तो वो जाग रही थी, उसने एक पतला सा गाउन पहना था।
यह भगवान की मर्जी थी कि उस दिन के बाद आखिर हमारी आमने-सामने दूसरी मुलाकात हो ही गई और इतने दिनों की दूरी मिट ही गई।
फिर हम दोनों के बीच बातें होने लगी, वो योगेश को लेकर दुखी नहीं थी बल्कि मुंबई में रहने की समस्या से ज्यादा परेशान लगी।
मैंने उसे दिलासा दी कि वो जब तक चाहे यहाँ रह कर पढ़ सकती है।
वो थेंक्स बोलते हुए मेरे सीने से लग गई।
मैंने अब उसे बाहों में भर लिया और उसके माथे पर प्यार भरा चुम्बन लेते हुए कहा- आज से तुम मेरी जिम्मदारी हो, योगेश के जेल से बाहर आने तक तुम मेरे साथ ही रहोगी।
अब वो मुझसे बुरी तरह लिमट गई और रो पड़ी।
मैंने उसे चुप कराने के लिए उसका चेहरा ऊपर उठाया और अबकी बार उसके होठों पर प्यार भरा चुम्बन ले लिया।
अब वो आश्वत दिख रही थी।
मैंने किचन में खाना गरम करने के लिया माईक्रोवेव में रखा और उसे आवाज दी तो बोली- आप नहा लो, मैंने गीजर ऑन कर दिया है। मैं खाना लगाती हूँ।
खाना खा कर मैंने वियाग्रा की टेबलेट खाई और हम मेरे बेड रूम में आ गए। बिस्तर पर बात करते करते मैंने अपना सर उसकी गोद में रख दिया, वो मेरे बालों से खेलने लगी।
उसने बताया कि किसी बार गर्ल के चक्कर में योगेश ने बार के मालिक से पंगा ले लिया था वो उसकी फीस के पैसे भी बार गर्ल को दे आया था।
अब मुझे समझ में आ गया कि वो योगेश के लिए क्यों दुखी नहीं थी। मैं उसकी जांघों पर हाथ फेर रहा था।
अचानक उसने मेरी टी शर्ट उतारी और मुझे साइड में धक्का दे दिया। मैं सीधा लेट गया फिर उसने मेरी छाती को चूमना शुरु कर दिया। उसकी चूचियाँ मेरी छाती को छूती तो मुझे करन्ट सा लगता। मेरा लण्ड लोअर में परेशान हो रहा था, मैंने अपनी लोअर उतार दी लण्ड को कुछ आराम मिला।
मैंने उसका गाउन खोल दिया था। अब वो केवल लाल रंग की ब्रा पैन्टी में थी।
मैंने निम्मी को लिटा दिया और ब्रा पैन्टी उतार दी। उसने शर्म से दोनों पैर भींच लिए और अपना मुँह हाथों से ढक लिया। मैंने उसकी जाघों को सहलाया और पैरों को अलग कर दिया। उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था। उसकी चूत बिल्कुल गुलाब की कली की तरह लग रही थी।
मैंने उसकी चूत को छुआ वो गीली हो चुकी थी। निम्मी के मुँह से लगातार सिसकारियाँ निकल रही थी।
मैंने उसकी चिपकी हुई दोनों पन्खुड़ियाँ को अलग किया। उसकी चूत के छेद पर उंगली रखकर अन्दर की तो निम्मी अपना सिर इधर-उधर करने लगी, अपने होंठ चबाने लगी।
मैं उंगली अन्दर-बाहर करने लगा, वो सिसकार रही थी- आहा हा ई ई सी सि इ ई..
मैंने अपने हाथ की रफ़्तार बढ़ा दी।
उसकी चूत से पानी सा निकलने लगा, वो शरमा गई और बोली बोली- बस मेरा काम हो गया।
मैंने उसका हाथ पकड़ा और लण्ड पर रख दिया, उसने शरमाते हुए पकड़ लिया। उसके कोमल हाथ से छुआ और हँसते हुए लण्ड सहलाने लगी, मैं उसे चूमने लगा, चूचियाँ दबाने लगा। वो फिर गर्म हो गई।
मैंने लण्ड उसके होठों पर लगाया, निम्मी मना करने लगी।
मैं बोला- प्लीज लो न ! तुम्हें मजा आयेगा।
दवा अब असर करने लगी थी, मेरा लण्ड अब स्टील की रॉड जैसा कड़ा हो गया था, उसने कुछ सोचा और होंठ लण्ड के अग्र-भाग से लगा दिये, फिर थोड़ा अन्दर ले लिया और बोली- बस !
मैं बोला- जान मजा आ रहा है ! थोड़ी और मुंह में लो ना ! योगेश ने नहीं चुसाया था क्या?
वो मुस्कराई और पूरा लण्ड मुँह में ले लिया। फिर वो लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। मुझे मजा आने लगा, मैंने उसका सिर पकड़ा और आगे-पीछे करने लगा। 5 मिनट तक वो मेरा लण्ड चूसती रही।
मुझसे अब रुका नहीं जा रहा था, मैंने उसे लिटाया और पैरों के बीच बैठकर लण्ड चूत पर लगा दिया।
निम्मी बोली- मेरा छेद तो उंगली के बराबर है और तुम्हारा तो बहुत मोटा है, यह कैसे अन्दर जायेगा?
मैं- तुम्हें पता भी नहीं चलेगा।
मैंने उसकी टांग ऊपर की और लण्ड चूत पर रखा। मेरे सुपारे से उसकी चूत की फाकें अलग अलग हो गई, मैंने थोड़ा जोर लगाया। लेकिन चूत ज्यादा तंग थी। में लण्ड चूत पर रगड़ने लगा। मैं उसे तड़पाने के लिए ऐसा कर रहा था।
वो सिसकारियाँ ले रही थी, थोड़ी देर बाद बोली- क्यों तड़पा रहे हो? अरिन्दम डाल दो अन्दर !
मैं बोला- तुमने भी तो मुझे तड़पाया है !
टांगें फैलाते हुए बोली- प्लीज अरिन्दम, अब डाल भी दो।
मैं बोला- तैयार हो?
हाँ ! जरा धीरे करना, तुम्हारा ज्यादा मोटा है।
मैं बोला- चिन्ता मत करो।
मैंने लण्ड उसकी चूत के छेद पर लगाया और झुक कर दोनों बाजुओं को पकड़ लिया, वो साँस रोक कर चुप लेटी थी।
मैंने उसके होटों पर चूमा और एक झटका मारा, मेरा 3 इन्च लण्ड उसकी चूत के अन्दर चला गया।
एक बार तो निम्मी की साँस सी रुक गई, एकदम चीखी- ऊई मैयाँ मर गई।
मैं रुका नहीं एक और झटका मारा। अब मेरा आधे से ज्यादा लण्ड अन्दर घुस गया और तीसरे झटके में पूरा सात इंच का लण्ड अन्दर घुस गया।
वो अब चिल्ला रही थी- मर गई आह और छुटने की कोशिश करने लगी। पर मेरी पकड़ के कारण वो बस थोड़ा ही हिल पा रही थी, मैं बोला- जानू, बस हो गया।
उसके ऊपर लेट गया और होठों को चूमते हुए और चूचियाँ दबाते हुए लण्ड धीरे-धीरे थोड़ा आगे-पीछे करने लगा।
उसकी चीख सिसकारियों में बदलने लगी, मैं समझ गया कि उसे मजा आने लगा है और मैंने झटकों की स्पीड बढ़ा दी। वो अब आहें भर रही थी।
मैंने उसके कन्धों को पकड़ा और तेज-तेज धक्के मारने लगा। वो भी चूतड़ उछाल उछाल के मेरा साथ देने लगी।
गीली हो जाने से लण्ड आसानी से अन्दर-बाहर हो रहा था। मैं लगातार धक्के मार रहा था। वो भी पूरा साथ दे रही थी।
अचानक उसने मुझे बाहों में पकड़ लिया और बोली- अरिन्दम बस मेरा होने वाला है !
मैं बोला- मेरा भी !
वो बोली- हो गया !
और मुझे कस कर पकड़ लिया। मेरा भी निकलने वाला था, मैं बोला- निम्मी अन्दर छोड़ूं?
उसने कहा- हाँ ! मैंने उसे अलग किया, कन्धें पकड़ कर तेज धक्के मारने लगा। अब उससे सहन नहीं हो रहा था। मैंने 8-10 झटके मारे और निम्मी के ऊपर लेट गया। मेरा वीर्य उसकी चूत में गिर रहा था।
थोड़ी देर हम ऐसे ही पड़े रहे।
मैं बोला- आई लव यू निम्मी !
उसने शरमा कर नजर झुका ली।
मैं बोला- अब भी शरमा रही हो?
मैंने भी उसे चूमा और अलग हो गया। लण्ड खुद चूत से बाहर आ गया। निम्मी की चूत से वीर्य निकल रहा था ।
मैंने एक नेपकिन लिया और अपने लण्ड को पौंछा फिर मैंने उसकी टांगों को फैलाकर चूत साफ की। अब निम्मी की चूत की फांकें कुछ खुली थी, उसकी चूत में दर्द था।
फिर उसने पैन्टी और ब्रा पहनी और बाथरूम में चली गई।
मैंने अण्डर वीयर पहना और रजाई में बैठ गया। निम्मी आई रजाई हटा कर मेरे बगल में लेट गई।
निम्मी बोली- दर्द हो रहा है !
मैंने एक हाथ उसकी चूचियों पर रखा और दूसरा चूत पर रखकर सहलाने लगा, वो मुझसे चिपट गई।
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