Thursday, June 18, 2015

FUN-MAZA-MASTI बेशरम चूत ...3

FUN-MAZA-MASTI

 बेशरम चूत ...3



 भानु – हाँ...मैं क्या पुरे पड़ोस वाले भी सुनते होंगे तेरी चीखों को तो..इतना जोर जोर से चीखता है क्या कोई?
रानी – तो मुझे मना करना चाहिए था न.कोई क्या सोचेगा मेरे बारे में?
भानु – मैंने क्या कह के मना करता ? मुझे भी लगा की तुझे बेकार में परेशानी होगी इसलिए नहीं कुछ कहा...
रानी – हाँ ठीक किया. लेकिन फिर भी लोग क्या सोचते होंगे? उन्हें तो यही पता था की फ्लैट में सिर्फ हम दोनों रहते हैं. तो उन्हें तो यह लगता होगा की वो चीखें हमारी हैं?
भानु – यह बात मुझे भी कई बार फील हुई की कहीं लोग ऐसा न सोचते हों...फिर मुझे लगा की अगर सोचते भी होंगे तो क्या करना हमें..दुनिया का दिमाग है. जो चाहे सोचे.हम किस किस को समझाते फिरेंगे की क्या बात है और क्या बात नहीं है...
रानी – लेकिन यार सच में सोचने वाली बात है......मुझे तो उन दिनों कभी इस बात का ख्याल ही नहीं आया...अब क्या करें?
भानु- अरे करना क्या है?अब तो हम यहाँ रहने वाले हैं. वहां के लोग हमारे बारे में क्या सोचते थे इस बात का क्या ख्याल करना...जाने दे.यह सब सोच के टेंसन न ले.....
रानी – हाँ यह भी ठीक है.......और तू सुना क्या प्लान है तेरा.....
भानु – किस बारे में?
रानी – अरे अब तक तो तूने अपना अगला शिकार खोज लिया होगा....बता तो दे की किसका नंबर लगने वाला है?
भानु – नहीं यार. अभी तो कोई नहीं खोजा...लेकिन तूने एक बात नोटिस की घर में..
रानी – कौन सी बात? बता?
भानु – घर इतना बड़ा है फिर भी इतना साफ सुथरा है लेकिन हमारे सामने घर का कोई भी स्टाफ अन्दर काम नहीं करता है. सब बस बहार के काम करते हैं...कुछ समझ नहीं आया की माजरा क्या है...
रानी – हर जगह तुझे कुछ काला ही दीखता है. माँ का मैनेजमेंट है.वो करवाती होंगी सबसे काम....लेकिन तू यह भी तो देख की घर कितना अच्छे से मेन्टेन किया हुआ हैं उन्होंने....
भानु – हाँ बात तो सही है. घर भी मेन्टेन है और खुद वो भी कितनी फिट हैं. मैं तो सोच रहा था की काकी कितनी फिट हैं याद..उनकी उम्र किनती होगी?
रानी – मेरे ख्याल से तो ६० की होंगी..क्यों?
भानु – यार तूने कहा देखा है किसी ६० साल की औरत को इतना फिट?
रानी – तू उनकी फिटनेस को देख रहा है? कमीने.
भानु – नहीं यार. मैं तो ऐसे ही कह रहा था....तू तो बेकार में नाराज हो रह है...
रानी – नाराज नहीं हो रही. बस तेरी टांग खीच रही थी...कह तो तू सच रहा है...दोनों औरतें हमारे घर की बहुत फिट हैं..यह तो दोनों मुझे भी मात दे देंगी फिटनेस के मामले में.....ओये यार कुछ कर न यार...ऐसे तो हम बोर हो जायेंगे.
भानु – तुझे कब से इतनी खुजली होने लगी?
रानी – क्यों मुझे क्यों न हो?
भानु – नहीं. पहले कभी इतना बेचैन देखा नहीं तुझे. तू तो हमेशा ही कण्ट्रोल में रहती है...
रानी – यार वहां इतने सरे आप्शन रहते हैं की उन्हें तद्पाने में मजा आता है..यहाँ तो कोई साला मुझे देखने वाला भी नहीं है..किसका कण्ट्रोल ख़राब कर के अपना कण्ट्रोल बनाये रखूं......कोई तो चाहिए न...
भानु – भगवन का शुक्र है...
रानी – मतलब?

भानु – मैं तो समझता था की तू इस सबसे बाहर हो गयी है और अब तुझे सेक्स वेक्स में कोई इंटरेस्ट नहीं है और तू साधू बन्ने वाली है.......अब जान के सांस आई की तू भी कम नहीं है. बस लोगों को जला जला के मजे लेती है...
रानी – हाँ तो तेरे जैसा हिसाब नहीं है मेरा की जहाँ भी मौका मिले वही मुंह मार दो......मैं तो खूब टाइम लगाती हूँ.....खैर..मुझे यह तो पता है की तुन्ने किसी न किसी को तो चुन ही लिया होगा...तू इतने दिन बिना प्लान बनाये रह ही नहीं सकता...
भानु – हा हा हा हा..मजाक बना रही है मेरा? मैं क्या वहशी हूँ?
रानी – इस मामले में तो तू है.....भूल गया इसके लिए क्या क्या पापड़ बेले हैं तूने और फिर तुझे बचाने के लिए क्या क्या पापड बेले हैं मैंने......चल अब बता भी दे..किसपे निशाना लगाने वाला है तू....
भानु – हाँ हाँ सब याद है.और सच में अभी तक किसी का नंबर नहीं लगाया है मैंने लेकिन कल से शुरू करने वाला हूँ...
रानी – क्या शुरू करने वाला है?
भानु – घर में हर जगह कैमरा लगा हुआ है..मैंने सर्वर खोज लिया है उसका और उसे अपने लैपटॉप से जोड़ लिया है..कल से घर की निगरानी करूँगा....घर की नौकरानियों पर नजर रखूँगा कल से...
रानी – हा हा हा हा मुझे पता था की तूने कुछ न कुछ तो इन्तेजाम कर ही लिया होगा अपने लिए.....चल कुछ अच्चा मिले तो मुझे भी दिखाना.....अब चलो नीचे....तू भी सो जा और मैं भी सो जाती हूँ....

दोनों उतर के नीचे आ गए...इस दौरान रानी के मन में एक बात चल रही थी..वो सोच रही थी की कहूँ या न कहूँ..और उसकी इस कह्मोशी को भानु ने
भानु – क्या बात है? कुछ कहना है?
रानी – हाँ..नहीं कुछ नहीं..
भानु – अरे बोल न क्या हुआ?
रानी – कोई मूवी है क्या?
भानु – मेरे टाइप वाली मूवी????
रानी – (हिचकते हुए) हाँ...
भानु – तो तू इतना सोच क्यों रही थी इसके लिए??? शर्म आ रही है??? ( भानु अब रानी के मजे ले रहा था.)
रानी –मत दे. रहने दे. नहीं चाहिए.
भानु – अरे अरे अरे...तू तो सच में शर्मा गयी..यार क्या हुआ तुझे??? हमारे बीच यह शर्म अच्छी नहीं लगती.चल कमरे में.देता हूँ. बहुत हैं मेरे पास....( वो रानी को हाथ से पकड़ के अपने कमरे में ले गया और रानी के मन में यह बात चल रही थी की शायद उसे भानु से मूवी के लिए नहीं कहना चाहिए था....)
भानु – आज तुझे भी जरुरत आ गयी न.मुझे तो बड़ा कहती थी की यह सब बेकार चीज है. उसमे असली मजा नहीं है.आज देखना यही नकली चीजें असली का मजा देंगी....
रानी – रहने दे मुझे नहीं देखनी.
भानु – ऐसे नखरे तो मत कर जैसे पहले कभी तूने देखि नहीं हो ये मूवी.....ओके मैं नहीं लेता और मजे तेरे...तू ये मेरा लैपटॉप ही ले जा...जो मन करे देख लेना..इस वाले फोल्डर में रखा है सब कुछ....
रानी उसके रूम से लैपटॉप ले के आ गयी....क्या करती उसे भी जोर की खुजली मची हुई थी............

दूसरी तरफ

कमरे का दरवाजा खोल के काकी अन्दर आई....सोम और नीलू अन्दर पहले ही नंगे बैठे हुए थे बिस्टर पर...
काकी - एक राउंड हो गया क्या??
सोम - नहीं .नीलू कह रही थी की काकी आ जाएँ फिर शुरू करते हैं. बड़ी देर कर दी आने में?
काकी - हाँ बच्चों के कमरे की लाइट चालू थी. अभी थोड़ी देर पहले बंद हुई है.
सोम - क्या कर रहे थे इतनी देर तक दोनों?
काकी - पता नहीं. कुछ देर दोनों छत पर थे.फिर वहां से आये तो दोनों भानु के रूम में थे और उसके बाद अपने अपने रूम में गए.
नीलू - और तुम उन पर नजर रख रही थी?
काकी - हाँ और क्या...मैं भी वेट कर रही थी की कब इनकी लाइट बंद हो और मैं आ जाती यहाँ...इसीलिए तो लेट हो गयी. लेकिन तुम लोग इतना लापरवाह मत रहा करो अब.
सोम - क्यों हमने क्या कर दिया अब?
काकी- अरे दोनों कमरे में नंगे और कमरा अन्दर से बंद भी नहीं किया है. अभी अगर उनमे से कोई आ जाता तो क्या देखता और क्या सोचता?
नीलू - देखता की हम नंगे हैं और सोचता की हम बड़े चुदासे हैं.....हा हा हा हा हा...
काकी- हंस ले तू....जिस दिन सच में ऐसा होगा उस दिन गांड फट जाएगी...
सोम - हाँ काकी. मैं इसे कह रहा था की दरवाजा बंद कर लेते हैं.
काकी - भोसड़ी के इसे ये कह की अब ऐसे नंगा नंगी रहना ठीक नहीं.
सोम - वो तो नहीं हो सकता. और फिर बच्चे भी इतने बड़े तो हो गए हैं की उन्हें पता है की आदमी और औरत रात में ऐसे ही रहते हैं.....
काकी - बड़ी मस्ती में हो दोनों...ठीक है. मुझे क्या. मैं तो समझा के थक गयी. तुम लोग कुछ सुनते ही नहीं तो फिर मैं क्यों परेशां रहूँ...
सोम - नहीं काकी. ऐसा नहीं है. हम भी बहुत चिंता करते हैं की कोई गड़बड़ न हो. देखो न जब से यह लोग आये हैं मैं ऑफिस से सीधे शाम को ही आता हूँ. नहीं तो पहले थोड़ी थोड़ी देर में आ जाता था ऑफिस से चुदाई करने को....
नीलू - - हाँ काकी. और मैं भी तो घर में सलीके से रहती हूँ..अब रात में तो नहीं सबर होता न.इसलिए रात में थोडा रंडी पन तो किया जा सकता है न.
काकी -अच्चा बाबा तुम जीते मैं हारी. मैं तो बस इसलिए कह रही थी की हमारी इतने समय की मेहनत से यह सब सेट हुआ है तो कहीं कुछ गड़बड़ न हो जाये.
सोम - कुछ नहीं होगा काकी. तुम बेकार में इतना ज्यादा परेशान न रहा करो. हमें भी अच्चा नहीं लगता तुम्हें इतना परेशान देखना.
काकी - अच्चा? तो क्या देखना अच्चा लगता है?
सोम- मुझे तो तुम्हारी भोस में नीलू का मुंह देखना अच्चा लगता है और तुम्हारे मुंह में अपना लौड़ा देखना अच्चा लगता है...
काकी - लेकिन मुझे तो नीलू की भोस में तेरा लौड़ा और अपने मुंह में तेरी आंड देखना अच्चा लगता है.
नीलू - और मुझे तुम दोनों को इस तरह की चुदासी बातें करते देखना अच्चा लगता है....

अब तीनो के लिए और वेट करना मुश्किल था...अब तक काकी की सारी भी खुल चुकी थी और वो भी उन दोनों की ही तरह एकदम नंगी हो गयी थी......काकी का बदन अब भी काफी टाइट था..इतनी उम्र के बाद भी इतना टाइट बदन होना अपने आप में बड़े कमाल की बात थी.....नीलू सोम और काकी अक्सर साथ साथ चुदाई करते थे....लेकिन काकी सिर्फ रात में ही चुदती थी. दिन के समय में वो बस थोडा बहुत चूस लेती थी या चुसवा लेती थी लेकिन चुदाई नहीं करवाती थी....काकी का कहना था की अब इस उम्र में उसे अपनी भोस थोडा सोच समझ के खर्च करनी चाहिए नहीं तो उसकी टाइटनेस अब ख़त्म हुई तो हमेशा के लिए ही वो फटा भोसड़ा बन जाएगी....दिन के समय में अक्सर सोम और नीलू ही चुदाई करते थे...नीलू भी इससे खुश थी क्योंकि कभी कभी उसकी भी यही चाहत होती थी की सिर्फ वो और सोम रहें....वैसे तो सोम और नीलू दूसरों के साथ भी खुल्लम खुल्ला चुदाई करते थे लेकिन आखिरकार मिया बीवी होने से दोनों का एक दुसरे पर कुछ तो हक था ही अकेलेपन में चुदाई करने का........
काकी उठ के बिस्टर पर आ गयी और वो सोम के उपर झुक गयी.,...सोम बिस्टर पर टिक कर बैठा हुआ था....काकी उसके लंड पर झुक गयी और लंड को मुंह में ले लिया.....सोम का लंड पहले से ही तना हुआ था तो उसमे गीलापन बहुत था..काकी वो सारा चाट गयी और उसने साथ ही अपनी कमर पीछे की तरफ से उठा दी...नीलू उठी और अब वो काकी के ठीक पीछे आ गयी और उसने अपने हाथों से काकी की बुर की दोनों फांकों को अलग किया..काकी का भोसड़ा खुल गया था..उसका छेद जो की एकदम पिंक था वो अपना मुंह खोले नीलू की जीभ का वेट कर रहा था...नीलू ने उन फांकों को थोडा और खोला और काकी की भोस पर अपनी जीभ टिका दी.....एक तरफ से नीलू काकी को चूस रही थी और आगे से काकी सोम का लौड़ा पी रही थी....
कुछ ही देर में लंड और चूत एक दुसरे में घुस जाने के लिए तैयार थे.....काकी नीचे आ गयी....पीठ के बल लेट गयी और सोम उसके सामने आ गया..उसने काकी की कमर के नीचे दो तकिया लगा दी और खुद पोजीशन में आ गया....इधेर नीलू उठ ने काकी के चेहरे के दोनों तरफ टांगें कर के कड़ी हो गयी....सोम धीरे धीरे काकी की भोस में अपना लंड डाल रहा था और नीलू धीरे धीरे काकी के मुंह पैर बैठ गयी थी....काकी नीचे से चुद रही थी और नीलू की चूत अब उसके मुंह के ठीक उपर थी तो वो जीभ निकाल के नीचे से नीलू की चूत भी चाट रही थी....नीलू उपर से अपनी कमर को जोर जोर से हिला रही थी और अपनी चूत को काकी के मुंह पर रगड़ रही थी..उधेर सोम ने शुरू से ही तूफानी धक्के देना शुरू केर दिया था....चूत भले ही कितनी भी टाइट हो लेकिन जब ९ इन्च का लंड इतनी तेजी से अन्दर बहार होता है तो हालत बिगड़ ही देता है...यही कारन था की काकी जैसी चुदासी औरत भी बहुत जल्दी ही झड़ने की कगार पर पहुच गयी थी....सोम को अपने लंड पर काकी की टाइट होती चूत का पता चल गया....चूत खुद ही लंड को निचोड़ रही थी...सोम ने जल्दी नहीं की..पहले उसने रफ़्तार धीमी की और फिर लंड को पूरा ही बहार निकल लिया.....नीलू को भी समझ में आ गया था की क्या हो रहा है....यह तीनो इतने सालों से एक साथ चुदाई कर रहे थे की इन्हें अब कुछ कहने की जरुरत नहीं पड़ती थी..बस इशारों इशारों में ही साडी बात हो जाती थी....इसलिए जैसे ही सोम ने लंड बाहर निकला वैसे ही नीलू ने पूरी ताकत से अपनी चूत काकी के मुंह पर घिसनी शुरू कर दी क्योंकि वो जानती थी की लंड बाहर अ अजाने से काकी सोम को गाली देने वाली है...लेकिन उसने कुछ बोलने का मौका ही नहीं दिया.........दोनों की इस मिली भगत ने काकी को बहुत गुस्सा दिला दिया...उसने नीचे से ही अपने मुंह पर रगडती हुई नीलु की चूत को दांतों के बीच दबाया और जोर से काट दिया....नीलू को इसका अंदाजा नहीं था..काकी के ऐसा काटने से नीलू की चीख निकल गयी.......एक जमाना था जब यह तीनो इसी तरह एक दुसरे काट के मार के चिल्ला के पूरी रात चुदाई करते थे लेकिन अब वो समय बदल गया था..इसीलिए जैसे ही नीलू के मुंह से चीख निकली वैसे ही पीछे से सोम ने उसके मुंह पर हाथ रखा और उसे काकी के उपर से धकेल के बिस्तर पर गिरा दिया...काकी भी हडबडा के उठी....तीनो ने एक दुसरे को देखा और इशारों में थोड़ी देर शांत वैसे ही बैठे रहे और ध्यान से सुनते रहे की क्या बाहर कोई हलचल हो रही है....शंका इस बात की थी की कहीं बच्चों ने यह चीख न सुन ली हो और कहीं वो कमरे में न आ जाये.......तीनो उसी स्थिति में बैठे रहे जैसे उन्हें सांप सूंघ गया हो.....और फिर करीब पांच मिनट तक इन्तेजार करने के बाद जब कुछ नहीं हुआ तो तीनो नार्मल हो गए.....काकी ने नीलू को देखा तो नीलू हंस दी....काकी भी थोडा सा हंसी..उसे भी अपनी शरारत खुद ही पसंद आई थी....तीनो फिर शुरू हो गए...लेकिन इस बार तीनो बहुत सावधान थे और बहुत ही सिंपल सेक्स कर रहे थे....


कुछ देर बाद जब चुदाई ख़त्म हुई तो काकी ने अपने कपडे समेटे और सोम के रूम से लगभग भागती हुई अपने कमरे में आ गयी....अब काकी सोने वाली थी और सोम और नीलू भी कुछ देर चुम्मा चाटी करने के बाद सोने वाले थे.........
सोम - आज तो काकी ने मस्त मूव किया न तुम्हारी चूत काटने का.
नीलू- हाँ मजा आ गया...कुछ ज्यादा ही तेज से काट दी...अभी तक दुःख रही है....
सोम - अच्चा सुनो इंदु का बार बार कॉल आ रहा है...क्या करें उसका?
नीलू - हाँ. बाकी लोग भी कॉल कर रहे हैं. करीब दो हफ्ते हो गए उन सब को गोली दे रहे हैं हम लोग. और कितने दिन तक ऐसा चलेगा.
सोम - हाँ. कहीं वो लोग नाराज न हो जाएँ..कुछ तो करना पड़ेगा न...
नीलू - हमने तो सबसे पैसे भी ले लिए हैं. और इस बार अगर नहीं की पार्टी तो अगली बार कोई शामिल नहीं होगा.
सोम - अच्चा खासा धंधा चौपट हो जायेगा. लेकिन बच्चों का क्या करें...
नीलू- एक काम करते हैं. बच्चों से कहते हैं की हमारी बिज़नस ट्रिप है इसलिए हम दो दिन के लिए बहार जा रहे हैं.और फिर हम लोग फार्म हाउस में पार्टी कर लेंगे और बच्चे यहीं रहेंगे.
सोम - और अगर उन दो दिनों में बच्चों ने फार्म हाउस जाने का प्लान बना लिया तो...हम तो वहीँ रहेंगे तो फिर क्या बताएँगे उन्हें?
नीलू - तो फिर काकी को बच्चों के पास छोड़ देंगे वो बच्चों को यहीं पर रोके रखेंगी.
सोम - लेकिन हमने कभी काकी के बिना पार्टी नहीं की है. कैसे मैनेज कर पाएंगे हम लोग. सबा कुछ तो वही मैनेज करती हैं.
नीलू - तो फिर तुम ही कोई आईडिया दो न? हर आईडिया को ख़ारिज मत करो. कुछ सोचो भी. मैं ही अकेले सोच रही हूँ.
सोम - नाराज मत हो यार . मैं भी तो परेशां हूँ.
नीलू - एक काम करते हैं..इस बार पार्टी इंदु के यहाँ कर लेते हैं....लेकिन वो भी ठीक नहीं रहगे. एक बार उसके यहाँ हम करेब तीन चार लोग थे रत की पार्टी में तो उसके पड़ोसियों ने थाणे फोन कर दिया था.पुलिस ने हालत ख़राब कर दी थी हमारी. उसके यहाँ का पड़ोस अच्चा नहीं है.
सोम - हाँ. हमारे यहाँ ही इतनी बड़ी खुली और शांत जगह है.इसीलिए सबको हमारा ही घर पसंद है. हमने कोई रंडी खाना थोड़ी न खोला हुआ है. मैं तो कहता हूँ की एक मीटिंग में इन लोगों को बता देते हैं की हमने अब यह काम बंद कर दिया है.अगर तुम लोग अरेंज करो और हमें भी बुलाओ तो हम आयेंगे जरुर लेकिन अब हम अरेंज नहीं कर पाएंगे. हमारे बच्चे आ गए हैं.
नीलू - हाँ मेरे ख्याल से ये ठीक रहेगा.....कल काकी से भी बात कर लेंगे और फिर इंदु को बुला लेंगे. अगर इंदु समझ गयी तो बाकी के सब लोग भी समझ जायेंगे. और फिर देखो न...बच्चों का भी तो ख्याल रखना है न हमें. हम तो उन्हें ऐसे ट्रीट कर रहे हैं जैसे उनके आने से हमें किनती परेशानी हो रही है.उन्हें अगर ऐसा फील हो गया तो कितना बुरा लगेगा उन्हें....सुनो यही करते हैं. इंदु को समझा देते हैं की हम लोग नहीं कर पाएंगे मेनेज......
सोम - हाँ यही ठीक रहेगा. कम से कम खुले मन से बच्चों के साथ तो रह पाएंगे. नहीं तो यहाँ तो सारा दिन ही चुदास छड़ी रहती है.देखो न हमारी उम्र के बाकी लोग तो अब तक पूजा पाठ में मन लगाने लगते हैं. एक हम ही हैं जो इतने अय्याश हैं....अब यह अय्याशी बंद...अब बस हम तीन आपस में कभी कभी कर लेंगे. बाकी लोगों का आना जाना बंद अब....

दोनों ने सोच तो लिया लेकिन जो सोचा है वही हो जाये ऐसा जिंदगी में कम ही होता है.....


अगले दिन सोम ने इंदु को कॉल किया और कहा की वो और नीलू उसके घर आ रहे हैं कुछ बात करनी है...दोपहर में दोनों इंदु के घर पहुचे...दोनों रस्ते में यह सोच के आये थे की इंदु को सब बात समझा देंगे और कह देंगे की अब वो यह काम नहीं कर सकते.....इंदु के घर पहुचने पर......

इंदु - आईये आईये आप लोग तो ईद का चाँद हो गए हैं...बल्कि वो भी साल में दो तीन बार आ जाता है आप तो उससे भी कम दीखते हैं अब...
नीलू - मजे मत लो यार. हम बहुत सीरियस मूड में हैं.
इंदु - सीरियस मूड में हो तो यहाँ क्यों आये हो? यह तो रंडीबाजी का अड्डा है जी..यहाँ तो अय्याशी होती है.सीरियस मूड नहीं चलता यहाँ...
सोम - इंदु तुम समझ नहीं रही हो. हम सच में बहुत सीरियस हैं...
इंदु - अरे ऐसी भी क्या बात है..मुझे तो लगा की आप लोग मुझे झटका दे रहे हैं...बताओ क्या हुआ...
नीलू - तुम तो जानती ही हो की हमारी अगली पार्टी ड्यू है.....
इंदु - हाँ. उसी का तो वेट है.
नीलू - लेकिन तुम ही सोचो की अब घर में बच्चे भी हैं. ऐसे में हम वो सब कैसे कर सकते हैं जैसा अपनी पार्टीस में होता है...
इंदु - हाँ थोड़ी मुश्किल तो जाएगी लेकिन कुछ मेनेज कर लोना आप लोग...
नीलू- अरे कैसे मेनेज कर लो. घर में जवान बच्चे हैं. क्या वो कुछ समझते नहीं हैं? उनसे क्या कहेंगे? की हमें पार्टी करनी है तुम लोग बाहर चले दो दिन के लिए?
इंदु- हाँ तो उन्हें भी कर लो न शामिल.
सोम - कैसी बात कर रही हो इंदु. उन्हें कैसे शामिल कर लें? पार्टी में तुम सब औरतें नंगी फिरती हो.ऐसी पार्टी में हम अपने बच्चों को कैसे शामिल कर लें. कोई माँ बाप ऐसा कर सकते हैं क्या...
इंदु - मुझे क्या पता. मैं तो इतना जानती हूँ की पूरा ग्रुप पार्टी का वेट कर रहा है.
सोम - उसी के लिए तो तुमसे बात करने आये हैं. तुम सब को बता दो की अब हमारे यहाँ वैसी पार्टी नहीं हो सकती. कोई और मेनेज कर ले अब आगे से.
इंदु- यह तो पॉसिबल नहीं है. किसी के पास इतनी बड़ी जगह नहीं है. और सोम भाईसाब आप कब से इतनी निराशा वाली बात करने लगे. सब औरतें आपका वेट कर रही हैं और आप सबको मना करने की सोच रहे हैं...
सोम - इंदु बात को समझो. हम कैसे कर पाएंगे यह सब अब...
इंदु - सुनो...तुम लोग मेरी बात ध्यान से सुनो.......अगर हमने इसी समय हार मान ली तो फिर कभी हम अपनी लाइफ एन्जॉय नहीं कर पाएंगे..जरा सोचो इस उम्र में आ के वैसे भी हमरे पास कितने कम आप्शन बचे हैं. कोई नया लौंडा तो फंसता नहीं है. सब अपनी उम्र की चूत खोजते हैं. ऐसे में हम सब खुले भोस वाली औरतें कहाँ जाएँगी अपनी चूत मरवाने के लिए? और सोम भाईसाब आपने ही सबकी आदत बिगड़ी है. सबको इतना चोदा है की आपसे चुदना हम सब की जिंदगी का एक हिस्सा बन चुका है. अब आप कहते हैं की आप चोदेंगे नहीं...
सोम - अरे मैंने कब कहा की मैं नहीं चोदुंगा....मैं तो खुद तुम सबको अपनी रखैल बना के रखना चाहता हूँ. और रखता भी तो हूँ. लेकिन अब हालत बदल गयी है न.
इंदु- ऐसी सिचुएशन तो आती रहती है. बच्चे हमेशा के लिए यहाँ थोड़ी न रहेंगे. उन्हें भी बड़े शहर की हवा लग गयी है. देखना कुछ समय बाद वो लोग खुद ही बाहर सेटल होने का सोचेंगे. लेकिन अगर आज से हमने यह बंद कर दिया तो ग्रुप बिखर जायेगा और फिर अगर आप लोगों के बच्चे बाहर सेटल हो गए तो फिर यह ग्रुप दोबारा नहीं बनेगा. इसलिए हिम्मत न हार जाओ.....जरा सोचो लॉन्ग टर्म का....और फिर फैसला करो..इतनी जल्दी न करो...
नीलू - यार तुम ठीक कह रही हो लेकिन हमें तो कोई रास्ता नहीं दीखता...तुम्हें कोई आईडिया हो तो बताओ...
इंदु - मैं इतना कर सकती हूँ की पुरे ग्रुप को बता दूँगी की इस बार की पार्टी कुछ दिन बाद होगी और उसके बाद हम अगली पार्टी में थोडा और टाइम ले लेंगे..पहले हम हर हफ्ते पार्टी करते थे. अब ऐसा नहीं करेंगे. अब महीने में एक दो बार ही करेंगे. और अगर एक दो बार भी हो गया न तो ग्रुप बना रहेगा.....और फिर हम ऐसा कर देंगे की पार्टी का चार्ज बढ़ा देंगे...तो उससे इनकम भी ज्यादा होगी और लोग खुद ही हफ्ते के हफ्ते इतनी महंगी पार्टी करने के लिए नहीं कहेंगे. खुद ही वो लोग महीने में एक दो बार के लिए मान जायेंगे...
सोम - मुझे तो नहीं समझ आ रहा....
इंदु- मुझे समझ आ रहा है...मेरी बात मानो..ज्यादा मत सोचो. जो मैं कह रही हूँ उसी पर यह बात रोक दो...आगे का फिर टाइम आने पर सोचेंगे..मैं अपने ग्रुप को कह दूँगी की अगली पार्टी अपनी दस दिन बाद होगी...दस दिन में देखना कोई न कोई रास्ता तो निकल ही आएगा....
सोम - ठीक है. तुम्हारी बात ही मान लेते हैं. चलो नीलू चले अब.
इंदु - नीलो को मैं ड्राप कर दूंगी बाद में. और मैं तो कहती हूँ बहुत दिनों बाद मिले हैं आप भी आ जाईये भाईसाब एक राउंड चुदाई का हो ही जाये.
सोम - नहीं इंदु. अभी तो जाने दो. चुदाई तो फिर कभी कर लेंगे.
इंदु - अच्चा तो लौड़ा ही चुसवा दीजिये.कितने दिन हो गए आपकी मलाई नहीं मिली खाने को. मैं तो तरस गयी आपके हलब्बी लंड की मलाई के लिए.
नीलू - तुझे तो हर समय बस यही दीखता है. अभी इन्हें जाने दे. इन्हें और भी काम हैं. मैं रूकती हूँ तेरे पास लेकिन तू मुझे जल्दी ड्राप कर देना घर.
इंदु - चल ठीक है. भाईसाब के हिस्से का भी आज तुझी से ले लूंगी...

सोम वहां से वापस आ गया. उसे बाहर का भी कुछ काम था और फिर घर जा के काकी को भी बताना था की इंदु से क्या बात हुई...सुबह जब उन दोनों ने काकी को बताया था की वो इंदु से आज यह बात करने वाले हैं तभी काकी ने कह दिया था की इंदु नहीं मानेगी और किसी न किसी बहाने से वो इन दोनों को भी अपनी बात में फंसा लेगी.....बाहर जाते समय सोम यही सोच रहा था की काकी सच ही कह रही थी...इंदु ने खुद तो बात मानी नहीं बल्कि इन दोनों को भी फंसा लिया....जिस समय यह दोनों यहाँ थे उधेर बच्चे घर में जाग गए थे और वो काकी के साथ बैठे हुए थे...कुछ देर बाद भानु तो अपने कमरे में चला गया लेकिन रानी और काकी साथ बैठे रहे...

रानी - काकी यहाँ कुछ करने को ही नहीं है.मैं तो घर में रह रह के बोर हो गयी.
काकी - तो किसने तुझे मना किया है. घर में इतनी गाड़ियाँ हैं. तू कहीं भी चली जाया कर.
रानी - मैं अकेले कहाँ जाउंगी. मैं तो यहाँ का कुछ जानती ही नहीं.
काकी - तो मुझसे पूछ लिया कर न. बता क्या देखना है तुझे मैं बता देती हूँ तो ड्राईवर को साथ ले जाना.
रानी - नहीं. अभी तो कहीं नहीं जाना. मैं तो बस ऐसे ही कह रही थी. अच्चा काकी तुम क्या करती हो दिन भर घर में.
काकी - मैं क्या करुँगी रे....दिन भर घर का ही इतना काम रहता है. वही सब देखना होता है. उसी में दिन निकल जाता है.
रानी - माँ भी तो घर का ही काम देखती होंगी...इतना क्या काम होता है की तुम दोनों का टाइम उसी में निकला जाता है ?
काकी- तेरी माँ को तो घर के काम में जरा भी मन नहीं लगता. वो कुछ नहीं करती. सब मुझे ही देखना होता है.
रानी - यह तो गलत बात है. इस उम्र में भी तुमको इतना काम करना पड़ता है.
काकी- अरे नहीं. मैं ही उसे मना करती हूँ.यह कोई उसकी उम्र है घर का काम करने की. मैं हूँ न घर का काम देखने के लिए...
रानी - तो और क्या करने की उम्र है माँ की? वो भी तो लगभग ५० की हो गयी होंगी न? इस उम्र में और क्या कर सकता है कोई?
काकी - क्यों नहीं? उसके इतने सरे दोस्त हैं.इतनी सारी सहेलियां हैं. उन सब के साथ आउटिंग पर जाना. पार्टी में जाना. पार्टी करना. शौपिंग करना. यही सब उसके मन का काम है. वो इसी में बिजी रहती है.
रानी - तो तुम भी जाया करो न उनके साथ.
काकी - अच्चा?? मुझे कौन अपने साथ ले के जायेगा. मैं तो बुधिया लगती हूँ..
रानी - नहीं काकी. तुम्हें और माँ को कोई साथ देखे तो यही कहेगा की दोनों सगी बहने हैं. तुम दोनों को देखने में उम्र का ज्यादा फर्क नहीं मालूम पड़ता.
काकी - तू तो बड़ा अच्चा झूट बोल लेती है.
रानी - नहीं काकी. सच में. उस दिन मैं और भानु सोच ही रहे थे की तुम दोनों ने अपना फिगर कितना अच्चा मेन्टेन किया हुआ है.
काकी - चुप कर बदमाश. हमारा फिगर मत देखा कर. तेरी उम्र लड़कों को देखने की है.औरतों को देखने की नहीं.
रानी - हा हा हा हा हा...हाँ हाँ काकी मैं लड़कियों को नहीं देखती. तुम चिंता मत करो.
काकी - अरे तुम इस जमाने के लड़के लड़कियों का कुछ भरोसा नहीं है. तुम लोग तो कुछ भी कर सकते हो. चिंता तो हो ही जाती है.
रानी - अच्चा काकी यह बताओ माँ इतनी पार्टी करती हैं लेकिन हमने तो कभी उन्हें घर में पार्टी करते नहीं देखा...अभी क्या वो लोग पार्टी करने ही गए हैं..
काकी - नहीं. इनकी एक दोस्त है इंदु. उसके यहाँ गए हैं. कुछ बिज़नस की डील करनी है उससे आज.
रानी - मैं तो यह भी नहीं जानती की हमारा घर का बिज़नस क्या है..लेकिन जिस तरह का अपना घर है और जिस तरह से साज सज्जा होती है उससे तो यही लगता है की पापा बहुत बड़े बिज़नस में हैं.
काकी - यह तो तू उसी से पूछना. मुझे भी नहीं पता की सोम क्या बिज़नस करता है..मुझे कहाँ यह सब समझ में आएगा.
रानी - मैं तो पापा से ही पूछ लेती लेकिन उनके पास भी कहाँ टाइम है हमारे लिए...देखो न हमें आये इतने दिन हो गए लकिन वो हमारे साथ कभी ठीक से बैठे भी नहीं.
काकी - ठीक है. मैं आज ही सोम की खबर लेती हूँ.भला बिज़नस भी कभी बच्चों से बड़ा होता है क्या..मैं सोम को कहूँगी की वो टाइम निकल के घर पर ज्यादा रहा करे...
रानी - अच्चा काकी मैं नहाने जाती हूँ...फिर दोपहर के खाने के लिए निचे आउंगी..
काकी - तुम लोग उपर करते क्या रहते हो दिन दिन भर?
रानी - कुछ नहीं काकी बस इन्टरनेट पर कुछ करते रहते हैं. उसी में टाइम पास होता है......

रानी उपर आ गयी...काकी वहीँ बाहर लॉन में बैठी अख़बार पढ़ रही थी लेकिन उसका मन तो इसमें लगा हुआ था की इंदु के यहाँ क्या हुआ है.....उसे सोम के लौटने का वेट था...रानी उपर आई तो उसे भानु की आवाज सुनाई दी..वो उसे अपने कमरे में आने को कह रहा था..रानी एक पल को ठिठक सी गयी...उसे याद आ गया की कल रात को वो भानु का लैपटॉप ले के आई थी और अब भानु जरुर उसके मजे लेगा की कोई पोर्न पसंद आई की नहीं.....वैसे मन तो उसका भी था सेक्स की बात करने का लेकिन वो हमेशा से ही भानु को सेक्स के बारे में ऐसे ज्ञान देती आई थी जैसे वो खुद कितनी बड़ी मस्त है...और ऐसे में अगर वो भी भानु के सामने अपनी चुदास की बात करेगी तो इससे उसकी पूरी इमेज धुल जाएगी....लेकिन फिर भी भानु बुला रहा था तो उसे तो जाना ही था.....वो भानु के कमरे में पहुची तो अन्दर भानु अपने नए सिस्टम पर कुछ काम कर रहा था....



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