FUN-MAZA-MASTI
उसने अपने हाथों से लण्ड पकड़ कर मुँह में चूसना शुरू कर दिया।मुझे तो लग रहा था में जन्नत की शैर कर रहा हु | करीब 5 मिनट तक मेरे लण्ड से वो खेलती , चुस्ती रही, मुझे लग रहा था मेरा पानी निकल जायेगा | कुछ ही देर बाद मेरे लंड से पानी निकलने लगा जिसे शीला पीने लगी उसने लंड पर लगे आखिरी बूंद तक चाट कर साफ कर दिया |कुछ देर तक वो वैसे ही लेटी रही फिर उठ कर बाथरूम की ओर चली गई |कुछ देर बाद वो बाथरूम से आई और बेड पर आके सो गई , शायद मुतने या चूत साफ़ करने गई थी|मेरी आँखों से तो नींद ही गायब हो गई थी मै बेकार में सोच सोच कर डरता था अब तो लग रहा था ये साली तो मुझसे खुद ही चुदना चाहती है में काफी देर तक यही सब सोचता रहा फिर मुझे जोरों की पेसाब लगी में उठ कर बाथरूम की ओर चला गया | मुतने के लिए लंड निकला तो लंड चिपचिप कर रहा था |
में बाथरूम से मूत कर वापस सोने के लिए आया तो देखा चाची सोई हुई है और नयती उसके गांड पर चड़ी हुई है | चाची को ऐसे सोता हुआ देख कर मेरे दिमाग मे चुदाई का कीड़ा कुलबुलाने लगा | शीला सोई है या नहीं चेक करने के लिए मैंने उसको आवाज़ दी, उसकी तरफ से कोई रिप्लाई नहीं मिला तो मैंने उसको एक, दो बार हिलाया पर वो नहीं जगी | मैंने सोचा या तो साली गहरी नींद में सोई हुई है या भेन्चोद सोने का नाटक कर रही है जो भी हो अब में तो चाची की गद्देदार गांड और चूत को नजदीक से देखने और दबाने का मन बना लिया था |मैंने सोचा अगर उठ भी गई तो क्या बोल दूंगा अभी तो मेरा लंड चूस रही थी और मेरे लंड का सारा पानी भी पी गई
चाची की मखमली और गदेदार -2
आँख खुली तो देखा चाची अपने कोमल हाथों से मेरा लंड सहला रही थी और दुसरे हाथ से अपने चूत को मसल रही थी | कमरे में नाईट बल्ब जल रहा था ,बल्ब की रौशनी में मै देखने की कोशिश कर रहा था | डर भी लग रहा था कही चाची मुझे जगा हुआ न देख ले|मैं अपने हाथ को आँख पर ले आया और देखने लगा|चाची मेरे बगल मैं लेटी हुई थी उसका एक पैर मेरे टांगो के उपर था और उसका हाथ मेरे लंड को बरमूडा के उपर से सहला रहा था ,मुझे मज़ा आ रहा था |तभी चाची बरमूडा को नीचे सरका कर मेरा लंड अपने हाथों में थाम लिया और हाथ को उपर नीचे कर मुठ मारने लगी|वो अपने बूब्स को मेरे सीने से रगड़ रही थी ,दुसरे हाथ से अपने चूत को नायती के उपर से सहला रही थी |लण्ड धीरे धीरे टनक रहा था तभी चाची ने उसे मुँह में ले लिया और 5-6 बार चूसने के बाद सुपाड़ा चाटने लगी।फिर शीला ने अपने मुह से लण्ड निकाला और उँगलियाँ सुपाड़े पर चलाने लगी ,दूसरी तरफ वो अपनी नायती को ऊपर उठा कर चूत मे ऊँगली कर रही थी उसके मुंह से सिसकियाँ निकल रही थी |
उसने अपने हाथों से लण्ड पकड़ कर मुँह में चूसना शुरू कर दिया।मुझे तो लग रहा था में जन्नत की शैर कर रहा हु | करीब 5 मिनट तक मेरे लण्ड से वो खेलती , चुस्ती रही, मुझे लग रहा था मेरा पानी निकल जायेगा | कुछ ही देर बाद मेरे लंड से पानी निकलने लगा जिसे शीला पीने लगी उसने लंड पर लगे आखिरी बूंद तक चाट कर साफ कर दिया |कुछ देर तक वो वैसे ही लेटी रही फिर उठ कर बाथरूम की ओर चली गई |कुछ देर बाद वो बाथरूम से आई और बेड पर आके सो गई , शायद मुतने या चूत साफ़ करने गई थी|मेरी आँखों से तो नींद ही गायब हो गई थी मै बेकार में सोच सोच कर डरता था अब तो लग रहा था ये साली तो मुझसे खुद ही चुदना चाहती है में काफी देर तक यही सब सोचता रहा फिर मुझे जोरों की पेसाब लगी में उठ कर बाथरूम की ओर चला गया | मुतने के लिए लंड निकला तो लंड चिपचिप कर रहा था |
में बाथरूम से मूत कर वापस सोने के लिए आया तो देखा चाची सोई हुई है और नयती उसके गांड पर चड़ी हुई है | चाची को ऐसे सोता हुआ देख कर मेरे दिमाग मे चुदाई का कीड़ा कुलबुलाने लगा | शीला सोई है या नहीं चेक करने के लिए मैंने उसको आवाज़ दी, उसकी तरफ से कोई रिप्लाई नहीं मिला तो मैंने उसको एक, दो बार हिलाया पर वो नहीं जगी | मैंने सोचा या तो साली गहरी नींद में सोई हुई है या भेन्चोद सोने का नाटक कर रही है जो भी हो अब में तो चाची की गद्देदार गांड और चूत को नजदीक से देखने और दबाने का मन बना लिया था |मैंने सोचा अगर उठ भी गई तो क्या बोल दूंगा अभी तो मेरा लंड चूस रही थी और मेरे लंड का सारा पानी भी पी गई
ये सोच कर मैं चाची की गांड की तरफ बढ़ा ,देखा तो साली ने पैंटी भी
नहीं पहनी थी | नाईट लैंप की रौशनी में चाची की गद्देदार गांड मस्त लग रही
थी जिसको देख कर मेरे मुंह में पानी आने लगा |मैंने धीरे से चाची के गांड
पर हाथ रखा,क्या मुलायम स्पर्श था |मैं धीरे- धीरे उसकी गांड को सहलाने
लगा उसकी नायटी को भी थोरा उपर कर दिया जिससे मुझे चाची की गांड पूरी तरह
से दिखने लगी| मैं उसकी गांड दबा रहा था और सहला भी रहा था|
अब मैं हाथ की ऊँगली को उसकी गांड की दरार मैं डाल कर आगे पीछे कर रहा था तभी मुझे चाची के गांड का भूरा छेद जो बिलकुल गेंदे के फूल की तरह दिखाई दिया मैं उसे भी अपनी एक ऊँगली से कुरेदने लगा |तभी चाची थोरी सी हिली मुझे लगा वो जग गई मैं वहां से हट गया मुझे लगा वो जग गई है जब वो फिर आराम से सो गई तो मैं अपने काम में लग गया |अब मैं उसकी गांड की दरार से होते हुए नीचे जा रहा था चूत की तरफ मेरी उतेजना बढ़ने लगी, मेरी ऊँगली चूत के कुछ हिस्से को छु रही थी क्योकि नीचे से नायटी फसी हुई थी | मैं नायटी को उपर करने लगा जिससे मुझे पूरी चूत छुने को मिल जाये शायद चाची इस बात को समझ रही थी वो थोरी ही देर में करबट बदल कर सोने का नाटक कर रही थी |मैं समझ चूका था साली सोई नहीं है ऐडा बन कर पैदा खाना चाहती है पर मैंने सोच लिया था अब कुछ भी हो जाये मैं पूरा मज़ा ले कर रहूँगा |
जैसे ही उसने करबट बदली मैं चाची की नायटी को उपर किया की उसका उसका टमाटर जैसा लाल चूत जो बिलकुल चिकना था सामने आ गया, लग रहा था एक दो दिन पहले ही शेव की है |उस चिकनी चमेली को देख कर मुंह में पानी आ गया ,मुझसे रहा नहीं गया और बिना किसी परवाह के मैं उसकी चूत को अपनी हथेली से रगड़ने लगा इधर मेरा लंड भी तन कर उचल कूद मचा रहा था | मैंने अपना बरमूडा खोल लिया अब मेरा ८ इंच का लंड आजाद होकर नंगा लहरा रहा था |मैं चाची की चूत मसल रहा था उसके दाने को भी रगड़ रहा था और दुसरे हाथ से चाची के गांड को भी दबा रहा था | चाची के मुंह से दबी दबी सिसकियाँ निकल रही थी लेकिन वो उठ नहीं रही थी तभी मैंने चाची की चूत में एक ऊँगली डाल दी और आगे पीछे करने लगा कुछ देर आगे पीछे करने के बाद दूसरी ऊँगली फिर तीसरी ऊँगली डाल कर चाची की चूत चोदने लगा |
चाची की चूत पनिया गई थी उससे एक मदहोश करने वाली गंध आ रही थी जो मुझे अपनी ओर खिंच रही थी |मैं धीरे -धीरे अपनी नाक को चूत के पास ले कर गया और चाची की चूत को सूंघने लगा, क्या मस्त स्मेल आ रही थी मैं काफी देर तक चाची की चूत सूँघता रहा और गांड दबाता रहा |
अब मैं हाथ की ऊँगली को उसकी गांड की दरार मैं डाल कर आगे पीछे कर रहा था तभी मुझे चाची के गांड का भूरा छेद जो बिलकुल गेंदे के फूल की तरह दिखाई दिया मैं उसे भी अपनी एक ऊँगली से कुरेदने लगा |तभी चाची थोरी सी हिली मुझे लगा वो जग गई मैं वहां से हट गया मुझे लगा वो जग गई है जब वो फिर आराम से सो गई तो मैं अपने काम में लग गया |अब मैं उसकी गांड की दरार से होते हुए नीचे जा रहा था चूत की तरफ मेरी उतेजना बढ़ने लगी, मेरी ऊँगली चूत के कुछ हिस्से को छु रही थी क्योकि नीचे से नायटी फसी हुई थी | मैं नायटी को उपर करने लगा जिससे मुझे पूरी चूत छुने को मिल जाये शायद चाची इस बात को समझ रही थी वो थोरी ही देर में करबट बदल कर सोने का नाटक कर रही थी |मैं समझ चूका था साली सोई नहीं है ऐडा बन कर पैदा खाना चाहती है पर मैंने सोच लिया था अब कुछ भी हो जाये मैं पूरा मज़ा ले कर रहूँगा |
जैसे ही उसने करबट बदली मैं चाची की नायटी को उपर किया की उसका उसका टमाटर जैसा लाल चूत जो बिलकुल चिकना था सामने आ गया, लग रहा था एक दो दिन पहले ही शेव की है |उस चिकनी चमेली को देख कर मुंह में पानी आ गया ,मुझसे रहा नहीं गया और बिना किसी परवाह के मैं उसकी चूत को अपनी हथेली से रगड़ने लगा इधर मेरा लंड भी तन कर उचल कूद मचा रहा था | मैंने अपना बरमूडा खोल लिया अब मेरा ८ इंच का लंड आजाद होकर नंगा लहरा रहा था |मैं चाची की चूत मसल रहा था उसके दाने को भी रगड़ रहा था और दुसरे हाथ से चाची के गांड को भी दबा रहा था | चाची के मुंह से दबी दबी सिसकियाँ निकल रही थी लेकिन वो उठ नहीं रही थी तभी मैंने चाची की चूत में एक ऊँगली डाल दी और आगे पीछे करने लगा कुछ देर आगे पीछे करने के बाद दूसरी ऊँगली फिर तीसरी ऊँगली डाल कर चाची की चूत चोदने लगा |
चाची की चूत पनिया गई थी उससे एक मदहोश करने वाली गंध आ रही थी जो मुझे अपनी ओर खिंच रही थी |मैं धीरे -धीरे अपनी नाक को चूत के पास ले कर गया और चाची की चूत को सूंघने लगा, क्या मस्त स्मेल आ रही थी मैं काफी देर तक चाची की चूत सूँघता रहा और गांड दबाता रहा |
नजदीक से चाची के टमाटर जैसे लाल चूत देख कर उसे खाने का मन करने
लगा |बस फिर क्या था मैंने अपनी जीभ चूत पर लगा दी और चाची की चूत को चाटने
लगा | दुसरे हाथ से अपने लंड को भी सहला रहा था जो टमाटर जैसे चूत को
देखकर फटने को हो रहा था| बीच बीच मैं चाची के गांड को भी दबा रहा था |
इधर चाची भी सोए सोए मज़ा ले रही थी लेकिन जाग नहीं रही थी |मैं बीच -बीच में चाची के बड़े-बड़े चुचे भी दबा रहा था जब में चुचे दबा रहा था तो मैंने चाची के होठों को नजदीक से देखा जो गुलाब की पंखुड़ियों के सामान लग रहे थे उसको देख कर चूसने का मन करने लगा पर मैंने सोचा कही साली जाग न जाये | उसको बाद में देखा जायेगा अभी चूत और गांड का मज़ा लेता हु ऐसा सोच कर में नीचे चूत की तरफ आ गया |
मैंने अपने लंड को देखा जिसका सुपाडा फूल कर किसी बड़े आलू की तरह लग रहा था को पकड़ कर चूत के उपर रख दिया और रगरने लगा |रगरते-रगरते मेरा लंड कभी कभी चाची की चूत में भी घुस जाता था | इतना मज़ा आ रहा था की क्या बताऊ ऐसा लग रहा था की मैं जन्नत में हूँ ,चाची की भी दबी दबी सिसकियाँ निकल रही थी |पहली बार लंड चूत पर रगड़ने के कारन मैं इतना उतेजित हो गया था की ५ मिनट बाद ही मेरे लंड से जोर के बौछार करते हुए वीर्य निकला जो काफी सारा था |सारा वीर्य चाची के चूत पर और पेट पर भी फ़ैल गया कुछ शायद चूत के अंदर भी चला गया |मैं कुछ देर उसी स्थिति में रहा और उठ कर बाथरूम चला गया अपने लंड को साफ किया और बहार निकल गया |बहार आ कर देखा तो चाची वैसे ही लेती हुई है मैं थोरा घबराया पता चल गया तो ,फिर सोचा भेन्चोद खुद तो मेरा लंड चुस्ती है कुछ बोली तो देख लूँगा और जाके बेड पर सो गया | पता ही नहीं चला कब नींद आ गई |
सुबह जब नींद खुली तो चाची बेड पर नहीं थी बाथरूम से उसके नहाने की आवाज़ आ रही थी |मैंने घडी में टाइम देखा तो ८.३० बज रहे थे | मैं सोच रहा था चाची पता नहीं क्या बोलेगी तभी चाची नहा के बाथरूम से बाहर निकली ,मुझे देख के एक सेक्सी स्माइल दी और कहा क्या बात है बड़ी देर तक सो रहा है तबियत तो ठीक है तेरी|ठीक हु बोलते हुए मैं बाथरूम में घुस गया फ्रेश होने के लिए|
फ्रेश होकर बाथरूम से बाहर निकला तो देखता ही रह गया चाची किसी काम देवी की तरह तैयार हो कर बैठी थी |उसने पिंक कलर की साड़ी पहनी थी जो नाभि के नीचे बंधी थी क्या मस्त लग रही थी उसपर लो कट ब्लाउज पहना था ,आँखों में काजल लगा हुआ था |साड़ी में उसकी कसी हुई गांड बाहर की तरफ उभरी हुई मस्त लग रही थी |क्या बात है चाची किस पर बिजली गिराने का इरादा है मैंने चाची की मस्त उभरी हुई गांड और चूत को महशुश करते हुए कहा |
इधर चाची भी सोए सोए मज़ा ले रही थी लेकिन जाग नहीं रही थी |मैं बीच -बीच में चाची के बड़े-बड़े चुचे भी दबा रहा था जब में चुचे दबा रहा था तो मैंने चाची के होठों को नजदीक से देखा जो गुलाब की पंखुड़ियों के सामान लग रहे थे उसको देख कर चूसने का मन करने लगा पर मैंने सोचा कही साली जाग न जाये | उसको बाद में देखा जायेगा अभी चूत और गांड का मज़ा लेता हु ऐसा सोच कर में नीचे चूत की तरफ आ गया |
मैंने अपने लंड को देखा जिसका सुपाडा फूल कर किसी बड़े आलू की तरह लग रहा था को पकड़ कर चूत के उपर रख दिया और रगरने लगा |रगरते-रगरते मेरा लंड कभी कभी चाची की चूत में भी घुस जाता था | इतना मज़ा आ रहा था की क्या बताऊ ऐसा लग रहा था की मैं जन्नत में हूँ ,चाची की भी दबी दबी सिसकियाँ निकल रही थी |पहली बार लंड चूत पर रगड़ने के कारन मैं इतना उतेजित हो गया था की ५ मिनट बाद ही मेरे लंड से जोर के बौछार करते हुए वीर्य निकला जो काफी सारा था |सारा वीर्य चाची के चूत पर और पेट पर भी फ़ैल गया कुछ शायद चूत के अंदर भी चला गया |मैं कुछ देर उसी स्थिति में रहा और उठ कर बाथरूम चला गया अपने लंड को साफ किया और बहार निकल गया |बहार आ कर देखा तो चाची वैसे ही लेती हुई है मैं थोरा घबराया पता चल गया तो ,फिर सोचा भेन्चोद खुद तो मेरा लंड चुस्ती है कुछ बोली तो देख लूँगा और जाके बेड पर सो गया | पता ही नहीं चला कब नींद आ गई |
सुबह जब नींद खुली तो चाची बेड पर नहीं थी बाथरूम से उसके नहाने की आवाज़ आ रही थी |मैंने घडी में टाइम देखा तो ८.३० बज रहे थे | मैं सोच रहा था चाची पता नहीं क्या बोलेगी तभी चाची नहा के बाथरूम से बाहर निकली ,मुझे देख के एक सेक्सी स्माइल दी और कहा क्या बात है बड़ी देर तक सो रहा है तबियत तो ठीक है तेरी|ठीक हु बोलते हुए मैं बाथरूम में घुस गया फ्रेश होने के लिए|
फ्रेश होकर बाथरूम से बाहर निकला तो देखता ही रह गया चाची किसी काम देवी की तरह तैयार हो कर बैठी थी |उसने पिंक कलर की साड़ी पहनी थी जो नाभि के नीचे बंधी थी क्या मस्त लग रही थी उसपर लो कट ब्लाउज पहना था ,आँखों में काजल लगा हुआ था |साड़ी में उसकी कसी हुई गांड बाहर की तरफ उभरी हुई मस्त लग रही थी |क्या बात है चाची किस पर बिजली गिराने का इरादा है मैंने चाची की मस्त उभरी हुई गांड और चूत को महशुश करते हुए कहा |
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