Monday, December 16, 2013

FUN-MAZA-MASTI मामी की प्यास

FUN-MAZA-MASTI

मामी की प्यास 

मेरी ट्रांसफर मुंबई हो गई थी. कम तनख्वाह और महंगा शहर. मैं घबरा रहा था कि किस तरह गुज़रा होगा. मेरी बीवी की मामी मुंबई में ही रहती है. वो अकेली है क्यूंकि उनके पति विदेश में नौकरी करते हैं. मुझे मेरी पत्नी नेहा ने कहा कि मामी ने हमें अपने घर में ही रहने को कहा है. मैं खुश हो गया कि चलो सबसे बड़ा खर्च बच गया. हम मुंबई आ गए. मामी के घर पहुंचे. सिर्फ एक कमरे का मकान था. एक रसोई और एक कमरा और उसी कमरे में बाथरूम . हम दोनों चौंक गए कि इतने छोटे घर में सभी कैसे रहेंगे? मामी ने कहा " तुम दोनों इस कमरे में सो जाना और मैं कमरे के बालकनी में सो जाऊंगी ." बालकनी भी काफी बड़ी थी. कमरे के बालकनी का दरवाजा कमरे में भी था और रसोई की तरफ भी था. 
शुरू शुरू में सब सामान्य चलता रहा. एक रात को हम दोनों आपस में सेक्स कर रहे थे. उस दिन गलती से बालकनी का रसोई वाला दरवाजा बंद रह गया. मामी ने हमारे कमरे का दरवाजा खोला बाथरूम जाने के लिए. हमें कुछ पता नहीं चला क्यूंकि हम दोनों आपस में गुत्थम-गुत्था थे. इससे हम दोनों को मामी ने पूरी तरह से नंग्न-हालत में एक दूजे से सेक्स करते देख लिया और कुछ देर देखने के बाद बाथरूम से वापस बालकनी में लौट गई. मामी ने यह तरीका लगातार अपनाना शुरू कर दिया और हमें इस बात का पता चार दिन बाद चला. नेहा ने मुझे बताया कि मामा सात सालों से विदेश में रह रहे हैं. बहुत ही कम भारत आते हैं. मामी भी अब मामा में कोई रूचि नहीं लेती क्यूंकि दोनों एक तरह से अलग हो चुके हैं. इसका मतलब यह था कि अमी ने सैट साल से सेक्स नहीं किया.
इसी तरह मामी अब हर रात को हमें देखती और हम भी पता होते हुए भी अनजान रहते क्यूंकि मामी को यह सुकून देता था. एक दिन नेहा किः बाज़ार गई हुई थी और मैं उस दिन जल्दी ऑफिस से लौट आया. मामी सो रही थी. मैं जैसे ही कमरे में दाखिल हुआ मामी को देककर चौंक गया. मामी की साडी का पल्लू नीचे गिरा हुआ था और मामी की गरम छाती नज़र आ रही थी. मुझे मामी अचानक जवान लगने लगी. मैं बहार बालकनी में आ गया. मम उठी तो मुझे बालकनी में खडा देखकर मुस्कुराई. 
दो दिन बाद ऐसा हुआ कि हम दोनों कुछ ज्यादा ही नशे में सेक्स कर रहे थे. मैंने नेहा को पूरी तरह से जकड रखा था और मेरा गुप्तांग उसके जननांग में  
बहुत बेहतर तक घुसा हुआ था. नेहा हर तरह से मजा ले रही थी और मैं भी अपना पूरा जोर लगा रहा था. अचानक बरसात शुरू हो गई. मामी को अन्दर आना पडा. मामी ने हम दोनों को इस अवस्था में देखा और खड़े खड़े देखने लगी. हम दोनों जमीन पर सेक्स कर रहे थे. मामी पलंग पर लेट गई और हमने देखने लगी. कुछ देर बाद मामी से रहा नहीं गया और वो लेटे लेटे तड़पने लगी. नेहा ने मुझे ईशारा किया. मामी ने धीरे से अपने ब्लाउज के बटन खोल दिए और तकिये को सीने से चिपटा लिया और उल्टा लेट गई. हम दोनों से मामी कि ये हालत नहीं देखि गई. हम दोनों ने सेक्स रोक दिया और कपडे पहनकर सो गए.
एक दिन हम तीनो एक फिल्म देखने गए. मैं दोनों के बीच में बैठा था. अचानक एक दृश्य को देखने के बाद नेहा ने झुककर मुझे चूम लिया. उसी वक्त मामी का हाथ मुझ से टकराया. मैंने मामी का हाथ नशे में होने के वजह से दबा दिया. मामी मुस्कुरा उठी.
अब अगले दिन से ही मामी मुझे अलग नज़र से देखने लगी. कुछ दिन यह सिलसिला चला और एक दिन जब मैं ऑफिस के लिए तैयार हो रहा था तो मुझे अकेला देखकर मामी मेरे पास आई और बोली " मुझे तुमसे कुछ बात करनी है अकेले में. शाम को करुँगी."   मैं  समझ गया कि ये गलतफहमी खतरनाक मोड़ पर है.
शाम को जब मैं घर लौटा तो नेहा कुछ सामान लेने बाज़ार गई हुई थी. मामी ने मौका देखकर मुझसे कहा " देव, मैं सात सालों से अकेली हूँ. जिंदगी एक सूखी नदी की तरह है. तुम इसमें पानी भर दो. मैं तैयार हूँ. नेहा को कुछ नहीं बताएँगे." मैं कुछ ना बोल सका; कारण थी घबराहट लेकिन मेरी चुप्पी को मामी ने हाँ समझ लिया. 
एक दिन सवेरे नेहा जब नहा रही थी तो मामी मेरे पास आई और मेरा हाथ पकड़ लिया. मैं हबराया. मामी ने धीरे से मुझे अपनी बाहों में पकड़ लिया और कहा " मुझे चूमो देव, मैं बहुत प्यासी हूँ. मेरा सारा जिस्म सूख चुका है उसे गीला करो देव." मैं अपने को छुड़ाने की कोशिश करने लगा लेकिन मामी मुझ से कसकर लिपट चुकी थी. उसने अपना मुंह मेरे बिलकुल सामने कर दिया औए गल मेरे होंठों के सता दिए. ना चाहते हुए भी मेरे होंठ मामी के गालों से लग गए. मामी सिहर गई. मामी ने अब मुझे और कसकर जकड़ा और मेरे गालों को चूम लिया. मामी के सीने का दबाव मुझे महसूस होने लगा. अचानक मामी ने मेरे होंठों को अपने होंठों से सी दिया. एक मेथी रस की नदी दोनों तरफ बहने लगी. मैंने अपनी तमाम मजबोरेयों को समझा और यही उचित समझा कि मामी की इच्छा पूरी करने में ही समझदारी है. मैंने मामी के गालों , होंठों और सीने के खुले हिस्सों को चूमना शुरू कर दिया. मामी निहाल हो गई और वापसी में मेरे ऊपर चुम्बनों की बौछार कर दी. हम दोनों कुछ ही देर यह कर पाए को दरवाजा खुलने कि आवाज आई और हम दोनों अलग हो गए. अगले कुछ दिन तक मैं और मामी जब भी थोड़ा सा भी समय मिलता इसी तरह लिपट जाते औए चुमते. रात को मैंने नेहा को कभी अहसास नहीं होने दिया औए उसके साथ सेक्स करता रहा अपुरे जोश से आखिर वो जवान है और बहुत खुबसूरत तथा सेक्सी भी.
एक दिन नेहा कि कोई सहेली मुबई आई हुई थी और वो दोनों कहीं बहार चली गई. मामी ने दोपहर में नेहा के जाते ही फोन कर दिया. मैं बहाना बनाकर ऑफिस से घर चला या. आते ही मामी मुझसे लिपट गई. मैं इसके पहले कुछ संभालता मामी मुझे लेकर पलंग पट घिर पड़ी. मामी ने फटाफट खुद इ कपडे उतारने शुरू कर दिए. मैं मामी का जिस्म देखने लगा. मामी की उम्र थी करीब पैन्तालेस साल लेकिन उनका जिस्म अनछुआ लग रहा था. मुझे नेहा कि बात अचानक याद आ गई. नेहा ने एक दिन कहा था कि मामी मामा से अलग होने के बाद अपने को खूब संवर कर रखती है तकिकोई मिले तो वो उसके साथ शादी कर सके, लेकिन आज तक कोई नहीं मिला था. इसी से मामी इतनी जवान नज़र आ रही थी. पुरे जिस्म पर कहीं कोई बल नजर नहीं आया. एकदम चिकना बदन, फिसलन से भरा हुआ. मैंने अपने कपडे उतारे औ पलंग पर चला गया. मामी ने अपने स्तन दिखाए; मैंने उन्हें चूम लिया. लगातार चूमकर उन्हें गीला कर दिया. मामी ने अपने  गालों को आगे किया. मैंने दोनों गालों को चूमकर गीला किया. अब मामी ने अपना सर पीछे किया और सुराहीदार गर्दन आगे का दी. इसी तरह मामी ने अपनी बाहन, पीठ, कमर के सभी हिस्से, जांघें, पिंडलीयां ; जिस्म का एक एक हिस्सा मुझसे चुमवाया. बाद में मामी ने ही मेरे साथ यही किया. नशा पुरे यौवन पर था. मामी ने अपनी दोनों टांगें फैला दी. मैंने मामी के उस हिस्से को देखा; एकदम साग सुथरी जगह थी, मामी ने कहा " नेहा के बाहर जाते ही मैंने सेविंग की है यहाँ कि, सिर्फ तुम्हारे लिए." मैंने मामी के गुप्तांग और जनानाग को पहले हाथों से सहलाया काफी देर तक और फिर बाद में चूमना शुरू कर दिया. बदले में मामी ने भी मेरे गुप्तांग को खूब चूमा. मामी के चूमने से मेरा गुप्तांग गीला हो गया. मैंने अब अमी के जननांग को अपने थूक से गीला किया और बाद में खडा होकर मामी के जनानाग में मेरे गुप्तांग को डालने लगा.
अब मामी स्वर्ग में थी. उसकी बरसों कि प्यास मेरे लिंग से बुझ रही थी. जब मुझे लगा कि कंडोम नहीं होने से कोई गड़बड़ ना हो जाये तो लिंग को बाहर निकलने लगा. मामी ने मुझे जकड लिया और बोली " जो होगा देखा जायेगा, लेकिन अब तुम मुझे अधुरा मत रखो. " मैंने बहुत कोशिश की लेकिन मामी ने मुझे आज़ाद नहीं किया. आखिर में मेरे लिंग से जो धार निकली उस धार ने मामी के सात बरसों की प्यास को बुझा दिया.
इस सेक्स के बाद आज पूरा एक साल बेत चुका है. मैं और मामी इसी तरह से सेक्स कर रहे हैं. नेहा को आज तक मालोम नहीं पद सका है. हम तीनों ही खुश हैं और रहेंगे.



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