FUN-MAZA-MASTI
मजबूर बाप की मजबूर बेटी
दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा एक और नई कहानी लेकर आपके सामने हाजिर हूँ
महेंद्र बड़ी समस्या मे घिर गये. एक केस मे उन्हे सस्पेंड कर दिया गया और उनके खिलाफ जाँच भी बैठा दी गयी. स्प साहब खुद जाँच कर रहे थे. स्प भी बड़ा कमीना था, महेंद्र को फँसाने की पूरी कोशिश कर रहा था. महेंद्र की गांद फट गयी थी, नौकरी दाँव पर लगी थी. स्प साहब शैलेन्द्र के पड़ोस मे ही रहते थे. काफ़ी समय से उनकी गंदी नज़र निक्की पर थी. ये बात शैलेंद्रा भी जानता था, पर उसकी नौकरी अब स्प के ही हाथो मे थी. इसलिए वो बहुत मजबूर हो गया था.
होली एक दिन पहले शैलेंद्रा ने स्प को विश किया,
शैलेंद्रा : हॅपी होली साहब !
स्प : दारोगा जी, खाली मुँह से ही हॅपी होली विश करोगे, होली पर साथ मे रंग नही खेलोगे ? तुम तो कभी आओगे नही, कहो तो हम ही तुम्हारे घर आ जायें होली खेलने ?
शैलेंद्रा : अरे क्यों नही साहब, आप कल हमारे घर आमंत्रित हैं !
शैलेंद्रा के सामने और कोई चारा भी नही था, घर आने से मना करके वो अपनी नौकरी ख़तरे मे नही डाल सकता था क्योंकि उसकी नौकरी इस वक़्त पूरी तरह स्प के हाथो मे थी.
स्प : तुम्हारी बेटी निक्की इस होली पे कही गयी तो नही है ?
शैलेंद्रा : नही साहब.
स्प : ठीक है, तो अपनी बेटी से बोल देना कि स्प अंकल ख़ास निक्की के साथ ही होली खेलने आ रहे हैं.
शैलेंद्र चुप-चाप वहाँ से चला गया. और निक्की को शाम को समझाया
शैलेंद्रा : निक्की बेटा, कल स्प साहब होली खेलने के लिए घर आ रहे हैं, तुम्हे ही उनके मेहमान नवाज़ी करनी है, ध्यान रखान कि वो किसी भी बात पे नाराज़ ना हो जाए, वरना मेरी और तुम्हारे होने वाले ससुर जी, दोनो की नौकरी चली जाएगी !
निक्की : आप चिंता ना करिए पापा, मैं स्प अंकल को शिकायत का एक भी मौका नही दूँगी.
महेंद्र अपने घर दूसरे शहर गये हुए थे, होली के दिन स्प शैलेंद्रा के घर आ धमका. घर के मेंबर्ज़ ने उसे विश किया पर उसकी निगाहें तो बस निक्की को ही ढूँढ रही थी, आख़िरकार निक्की उसके सामने आ ही गयी.
निक्की : हॅपी होली अंकल !
स्प ने तुरंत निक्की के गालो पर गुलाल लगा दिया.
स्प : निक्की, तुम्हारी ये ड्रेस तो एक दम नयी लग रही है, जाओ कोई पुरानी टी-शर्ट पहन लो, ये खराब हो जाएगी.
निक्की अंदर गयी और चेंज करके बाहर आई.
स्प तुरंत निक्की पर झपट पड़ा, आज वो होली के बहाने निक्की को च्छुना चाहता था. पहला हमला उसने निक्की के बालो पर किया, उसने ढेर सारे रंग निक्की के बालो मे डाल दिया, फिर उसने निक्की के गालो पर रंग लगाना शुरू किया. निक्की कोई विरोध नही कर रही थी, आज तक स्प की हिम्मत नही हुई थी निक्की को हाथ लगाने की, पर आज वो किंग था, धीरे-धीरे उसकी हिम्मत बढ़ रही थी.
स्प ने निक्की को उठा कर रंग से भरे टब मे डाल दिया, जिससे निक्की पूरी तरह गीली हो गयी. उसके निप्पल टी-शर्ट के उपर उभर आए, जिन्हे देख कर स्प पागल होने लगा.
स्प : निक्की, अपने अंकल को गले लगा कर एक बार ठीक से होली तो विश कर दो !
स्प ने बाहें फैला कर निक्की को पास बुलाया, निक्की आगे बढ़ी और स्प की बाहो मे आ गयी. स्प ने निक्की को पकड़ कर झटके से अपनी ओर खींचा, निक्की की बड़ी-बड़ी चूंचियाँ स्प के सीने से जा टकराई. स्प ने निक्की को कस कर पकड़ लिया, कि कही निक्की उससे अलग ना हो जाए. निक्की की चूंची का स्पर्श स्प के शरीर मे करेंट दौड़ा गया, उसका लंड खड़ा हो गया. स्प के हाथ बहकने लगे थे, उसके हाथ पीठ पर घूम रहे थे, फिर धीरे-धीरे उसके हाथ सरकते-सरकते निक्की के बम्स पे आ गये. किसी तरह का कोई विरोध ना पाकर उसने हिम्मत करके एक बार बम्स को स्क्वीज़ कर दिया. निक्की उसी तरह स्प की बाहों मे खड़ी रही. स्प ने रंग लगाने के बहाने निक्की के पाजामे मे हाथ घुसा ही दिया. निक्की ने अंदर पॅंटी पहनी नही थी, उसके नरम-मुलायम बम्स स्प के हाथो मे आ गये. वो बड़े मज़े से उन्हे दबाने लगा. फिर स्प घूम कर निक्की के पीछे आ गया और उसके हाथ निक्की के गले मे सरकते हुए उसके गिरहबान मे जाने लगे.
स्प : होली है !!!
नारे लगाते हुए स्प के हाथ निक्की की चूंची पर पहुँच गये. उसने फ़ौरन अपनी हथेलियों मे भर लिया और भॉम्पू की तरह दबाने लगा.
स्प : निक्की, जब मैं अल्लहाबाद मे स्टूडेंट था, वहाँ पर कपड़ा फाड़ होली का बड़ा चलन था.
निक्की : ये क्या होती है अंकल ?
स्प : इस होली मे लोग एक दूसरे के कपड़े फाफ-फाड़ कर होली खेलते हैं.
कहते-कहते ही स्प ने निक्की का टॉप फाड़ डाला.
निक्की अब केवल बनियान मे थी. स्प ने उसका भी गिरहबान पकड़ कर फाड़ दिया, वो पूरी तरह ना फट के झूल गया. एक साइड से झाँकति उसके ब्रा ने स्प को और उत्तेजित कर दिया. उसने निक्की की चूंची पर रंग उदेलना शुरू कर दिया.
निक्की के घरवाले ये सब देख रहे थे, निक्की की मा से रहा ना गया तो उसने निक्की को एक टी-शर्ट ला कर दे दी, जिसे निक्की ने कमरे मे जा कर फटाफट पहन लिया.
पर स्प अब आपे से बाहर हो चुका था. उसने हाथो मे खूब गाढ़ा रंग लगाया और निक्की के मम्मो पे रख कर अपने हाथो की छाप बना दी. फिर टी-शर्ट मे नीचे से हाथ घुसा कर टी-शर्ट को उपर उठा दिया, जिससे रंग सने निक्की के मम्मे सबके सामने आ गये.
ये सब हरकते स्प निक्की के घरवालो के सामने ही कर रहा था. लेकिन क्या मज़ाल की कोई भी स्प को रोक ले.
स्प की मनमानी बढ़ती ही जा रही थी. उसने निक्की की टी-शर्ट को फाड़ कर निक्की की मा की ओर उच्छाल दिया. निक्की के बाप के ऑर्डर के आगे निक्की की मा भी कुछ नही कर सकती थी.
स्प : निक्की, अभी भी तुम्हारे उपर रंग ठीक से चढ़ा नही है, लाओ थोड़ा और रंग लगाता हूँ.
स्प ने गुलाल लेकर निक्की के बूबो पर लगाना शुरू कर दिया.
फिर स्प ने निक्की का को पाजामा भी फाड़ दिया, और अपने कपड़े भी उतार दिए, फिर निक्की के बाप से पुछा,
स्प : और दारोगा, आओ तुम भी निक्की के साथ होली खेल लो !
शैलेंद्रा : अरे नही-नही साहब ! मैं ऐसे ही ठीक हूँ, आप खेलिए होली !
स्प : ठीक है, मैं निक्की के साथ बाथरूम नहाने जा रहा हूँ.
स्प निक्की को लेकर बाथरूम मे घुस गया. निक्की अपना रंग छुड़ाने का प्रयास करने लगी.
पर कुछ ख़ास सफलता नही मिल रही थी क्योंकि स्प ने बहुत पक्का रंग लगाया था.
स्प : निक्की, तुमसे नही छूटेगा, लाओ मैं हेल्प करता हूँ
स्प ने निक्की के पूरे बदन पर साबुन लगाया और इसी बहाने निक्की के पूरे बदन को मसल्ने लगा. पूरे बदन मे साबुन लगाने के बाद उसने निक्की को साबुन दिया और अपने लंड की ओर इशारा करके बोला,
स्प : निक्की, ज़रा इस पर साबुन लगा दो.
निक्की ने साबुन लगा दिया, फिर स्प ने निक्की को घुमा दिया,
स्प : निक्की, थोड़ा आगे झुको, आज तुम्हारे अंदर तक सफाई कर देता हूँ !
निक्की को पता था, क्या होने वाला है, वो चुप-चाप आगे की झुक गयी. स्प ने अपना लंड निक्की की चूत पर टीकाया और धक्का लगा दिया. साबुन से चिकना हुआ लंड बिना किसी रुकावट के जड़ तक निक्की की चूत मे समा गया. निक्की चीख उठी, क्योंकि स्प का लंड उसके ससुर जी के लंड से ज़्यादा लंबा और मोटा था, जो उसकी चूत के गहराइयाँ नाप रहा था.
निक्की के कसी हुई चूत ने स्प के लंड को चारो तरफ से जाकड़ लिया था. स्प ने कमर चलना शुरू कर दिया था, उसका लंड तेज़ी से निक्की की चूत के अंदर-बाहर फिसलने लगा.
निक्की को चोद्ने मे स्प को बहुत मज़ा आ रहा था, वो ना जाने कब से निक्की को लूटने की फिराक मे था, आज हालात ऐसे बन गये थे, की निक्की के बाप ने निक्की को खुद ही उसके हवाले कर दिया था. अपनी पोज़िशन का फ़ायडा उठाते हुए वो निक्की को जमकर यूज़ कर रहा था, और निक्की बेचारी यूज़ हो रही थी. स्प के मोटे लंड के कारण निक्की के मुँह से लगातार कराहें और सिसकियाँ उबल रही थी. निक्की की आवाज़ें सुनकर निक्की का बाप भी उसी बाथरूम के बाहर आ गया था. निक्की की चीखें बता रही थी कि अंदर कितनी घमासान चुदाई चल रही थी. स्प अब झड़ने के करीब था,
स्प : आआआः ! अयाया ! वाआह ! ऊऊ वाउ !! मज़ा आ गया. निक्की, मेरी जान, तूने तो खुश कर दिया रे ! बहुत टाइट है. हे, मज़ा आ गया !!!
स्प ने निक्की की चूत मे पिचकारी छ्चोड़ दी और उसकी चूत को अपने गरम-गरम वीर्य से लबालब भर दिया. बाथरूम का दरवाज़ा खोल कर स्प बाहर निकला तो निक्की के बाप को देख कर बोला,
स्प : क्या बेटी पैदा की है यार तुमने ! मज़ा आ गया !!
शैलेंद्रा : साहब, मेरी रिपोर्ट ?
स्प : उसकी चिंता क्यों करते हो यार ! अभी तो मैं यही हूँ, अभी मंन कहाँ भरा है. जाओ ज़रा अपनी बेटी को टवल दे दो.
निक्की बाथरूम मे पॅंटी पहनने जा रही थी, स्प ने देखा तो बोला.
स्प : निक्की, अब अपने पापा से क्या शरमाना, ऐसे हो बाहर आ जाओ !
निक्की बाहर आई तो स्प ने निक्की की चूंची की इशारा करके कहा,
स्प : देखो, रगड़-रगड़ कर नहलाया है तुम्हारी लाडली बेटी को, चूंची पर ज़रा सा भी रंग नही बचा है !
फिर निक्की को बेड पर लेटने को बोला और निक्की के बाप से बातें करने लगा,
स्प : अच्छा, अभी तो मैं निक्की के साथ एक राउंड और होली खेलूँगा, तुम भी यहीं बैठो, साथ ही अपने केस के बारे मे बताते रहना.
स्प : निक्की, तुम ज़रा अपनी कमर उपर उठाओ और टांगे फैलाओ.
निक्की घोड़ी बन गयी तो स्प बेड पे चढ़ गया और निक्की की चूत से लंड सटा कर सड़ाक से पूरा लंड जड़ तक निक्की की चूत मे पेल दिया.
स्प ताबड़तोड़ निक्की की चूत मे धक्के लगाने लगा.
स्प : ज़रा अपनी बीवी को बुला, एक बात पूछनी है.
शैलेंद्रा जाकर अपनी बीवी सविता को बुला लाया,
सविता : जी साहब, आप क्या पूछना चाहते थे ?
स्प : सविता, तूने क्या खाकर पैदा किया था अपनी बेटी को ? कितनी टाइट चूत है इसकी ! इतनी मस्ती भरी है इसकी चूत मे ! मंन करता है, चोद्ता ही रहू, चोद्ता ही रहूं. कसम से, इतनी टाइट और चिकनी है तेरी बेटी की चूत, कि मुझे तो स्वर्ग का नज़ारा दिखाई दे रहा है !
सविता बेचारी इन बातो का क्या जवाब देती, स्प अब खुले-आम पूरे परिवार को शर्मिंदा करने पर तुल गया था. निक्की के मा-बाप के सामने ही निक्की की चूत मे धक्के लगा रहा था, और साथ ही उसकी चूत की तारीफ भी किए जा रहा था.
ठप-ठप-ठप-ठप की आवाज़ो के साथ स्प की कमर निक्की की कमर से टकरा रही थी. अब वो झड़ने के करीब था, इसलिए बातें बंद कर निक्की की कमर पकड़ कर दाँत भींचे धक्के पर धक्के लगा रहा था. उसके धक्को के साथ-साथ निक्की के मुँह से कराहें भी निकल रही थी.
स्प : हाई ! निक्की, मेरी जान ! ये ले, मेरी पिचकारी अपनी चूत मे ! होली है !!
स्प ने पूरा लंड जड़ तक चूत मे घुसा दिया, और अपना गरम लावा निक्की की चूत मे भरने लगा. पूरा लंड खाली होने के बाद स्प ने लंड बाहर निकाला,
पक की आवाज़ आई, जैसे किसी ने बोतल का ढक्कन खोला हो. निक्की चुदाई से बहाल होकर बेड पर पीठ के बल लेट गयी. उसकी चूत से बहता स्प का लावा इस बात की गवाही दे रहा था, की स्प ने बिना कोई रहम किए उसे बाजे की तरह बजाया है.
स्प : तुम दोनो जाओ अब, मेरा मंन अभी भरा नही है, जब तक मैं खुद कमरे से बाहर ना निकलु, कोई मुझे डिस्टर्ब मत करना ! बहुत दिनो से मेरी नज़र थी निक्की पे, आज सारा दिन, सारी रात जम कर चोदुन्गा इसे.
इस बीच स्प ने देखा कि सामने मेज़ पर कॉंडम का पॅकेट रखा है, शायद निक्की के बाप ने चुपके से रखा था, पर शरम के मारे उसकी कुछ बोलने की हिम्मत नही थी.
स्प : और सुनो ! ये कॉंडम का पॅकेट लेते जाओ, इसकी कोई ज़रूरत नही है. साले कॉंडम पहन कर थोड़े ही चोदुन्गा तेरी बेटी को !
शैलेंद्रा और सविता के रूम से निकलते ही स्प ने दरवाज़ा अंदर से बंद कर लिया. कुछ ही देर मे निक्की की सिसकारियाँ और कराहों की आवाज़ें आने लगी. पूरा दिन और पूरी रात भर स्प निक्की को चोद्ता रहा. और निक्की के मा-बाप करवटें बदलते रहे, क्योंकि उन्हे पता था, कि उस बंद दरवाज़े के पीछे उनकी बेटी स्प से चुद रही है. और स्प लगातार अपना वीर्य उनकी बेटी को चूत मे उडेल रहा है.
सुबह निक्की के कमरे का दरवाज़ा खोला, शैलेंद्रा और सविता की निगाहें दरवाज़े पर ही लगी थी. निक्की की चूत से स्प का वीर्य टपक रहा था. उसकी सूजी हुई आखें बता रही थी, कि स्प ने उसे रात भर सोने नही दिया है.
निक्की के पीछे से स्प भी बाहर आया और निक्की की चूंची सहलाते हुए बोला,
स्प : वाह ! आज की रात तो जन्नत की सैर हो गयी मेरी ! कसम से, तेरी बेटी चोद कर मज़ा आ गया !! कितनी टाइट चूत है इसकी ! चोद-चोद कर मेरी हिम्मत जवाब दे गयी, पर मंन अभी भी कह रहा है कि इसकी चिकनी चूत मे धक्के लगाता ही रहूं. निक्की, जाओ अभी तुम आराम कर लो, 3 दिन बाद मेरे घर पे ही आ जाना. मेरी बीवी बच्चो समेत मायके जाने वाली है 1 हफ्ते के लिए. तुम पूरा हफ़्ता मेरे घर पे ही रहोगी.
3 दिन बाद शैलेंद्रा पूरी फॅमिली सहित स्प के घर आ गया, स्प तो पहले से नंगा होकर तैय्यार बैठा था. घर मे घुसते ही भूखे कुत्ते की तरह निक्की की चूंचियो पर टूट पड़ा.
आज स्प फ़ुर्सत से निक्की के अंग-अंग से खेलने के मूड मे था, पिछले 3 दिन से स्प मर्दानगी बढ़ाने के लिए दवाइयाँ खा रहा था, और आज से लेकर अगले 7 दिनो तक निक्की को दिन-रात चोद्ना चाहता था.
स्प : चल निक्की यहाँ बिस्तर पे आ जा और घोड़ी बन जा.
निक्की ने चुप-चाप वही किया.
स्प पे निक्की की पीछे चुदाई की पोज़ मे आ गया.
अपना लंड चूत के मुहाने पर रखा और धक्का लगा दिया.
स्प का लंड गर्म मक्खन मे च्छुरी की तरह निक्की की चूत मे समाता चला गया.
स्प ने निक्की की कमर को पकड़ के ताबाद-तोड़ धक्के पेलना चालू कर दिया.
स्प : जितनी बार तेरी बेटी को चोद्ता हूँ, दिल से तारीफ ही निकलती है. क्या मस्त चूत है इसकी. बहुत लौडिया चोदि, पर इतना मज़ा किसी और मे नही मिला. एक दम टाइट चूत है, और कितना भी चोदो नखरे भी नही करती.
आज वियाग्रा खा के स्प बहुत जोश मे था, हपक-हपक के चोद रहा था. उसके जबरदस्त धक्के आज निक्की के लिए झेलना मुश्किल हो रहा था. निक्की अपना वेट अपने हाथ-पैरो पे संभाल नही पा रही थी. आख़िरकार वो पेट के बल बेड पर गिर पड़ी. स्प के धक्को की रफ़्तार बढ़ती ही जा रही थी.
स्प की घमासान चुदाई के कारण निक्की चरमसुख तक पहुँच गयी. उसके मुँह से आनंद भरी किल्कारियाँ फूटने लगी.
स्प : देख बे ! तेरी बेटी से खाली मज़े ले ही नही रहा हूँ, उसको पूरा मज़ा दे भी रहा हूँ. देख, तेरी बेटी को मुझसे चुद्ने मे कितना मज़ा आ रहा है. इसने 2-3 साल पहले ही मुझे खुश करने भेज दिया होता तो, आज तुझ पर ये मुसीबत आती ही नही.
शैलेंद्रा और उसका परिवार ये सब सुन कर नज़रें झुकाए बैठा था, छोटे भाई-बहन के सामने उनकी दीदी आज उनके सामने एक ही बेड पर चुद रही थी. निक्की अभी तक तो शर्मा रही थी, पर स्प की चुदाई से उसका भी ऑर्गॅज़म हो गया था, तो अब वो भी थोड़ा-थोड़ा खुलने लगी थी. निक्की के रस से भरी उसकी चूत "फकच-फकच" की आवाज़ें कर रही थी. चूत और भी चिकनी हो गयी थी, जिससे लंड और आसानी से एंजिन के पिस्टन की तरह चूत के अंदर-बाहर हो रहा था.
स्प पिच्छले 15 मिनिट से लगातार निक्की की चूत मे धक्के लगा रहा था, उसकी साँस फूल गयी थी. वियाग्रा की वजह से वो अभी तक झाड़ा नही था, पर शरीर थक गया था. जब उसके शरीर मे और धक्के लगाने का दम नही बचा तो उसने निक्की से कहा : चल, अब तू उपर आ जा.
निक्की की चूत से लंड निकाल कर पीठ के बल लेट गया. और निक्की अब स्प के उपर आ कर उसका लंड अपनी चूत मे लेने लगी.
निक्की ने स्प का लंड हाथो मे पकड़ा,
अपनी कमर को एक झटका दिया और सड़ाक से आधा लंड चूत के अंदर समा गया.
अगले झटके मे निक्की की चूत ने स्प का पूरा लंड लील लिया.
उसके स्प को कुछ नही करना पड़ा, निक्की भी अब पूरे मूड मे आ गयी थी. जब उसकी क़िस्मत मे यूँ चुदना ही लिखा था, जो क्यों ना वो भी चुद्ने का पूरा आनद ले. स्प ने उसे चोद कर जो सुख दिया था, उसका बदला चुकाने का समय आ गया था.
अब निक्की स्प पर पूरी तरह च्छा गयी और अपनी कमर उच्छालने लगी. स्प का लंड सटा-सॅट उसकी चूत के अंदर-बाहर हो रहा था.
स्प झड़ने का नाम नही ले रहा था, और निक्की ने भी कसम खा ली थी कि स्प को तो झाड़ा के रहेगी. स्प भी उसका ये रूप देख कर हैरान था.
अब स्प तो आराम से लेटा हुआ था, और निक्की अपनी चूत उसके लंड पे पटक-पटक के चुद रही थी. उसकी कसी हुई चूत स्प को जन्नत की सैर करा रही थी.
स्प : वाह ! तेरी बेटी तो एक दम भूखी शेरनी बन गयी है. आज तो ये मुझे खुश करके ही देगी !
स्प ने उसकी चूंचियाँ पकड़ ली और अपनी कमर भी उछालने लगा. दोनो के बीच घमासान चुदाई प्रारंभ हो गयी थी. "ठप्प-ठप्प" की आवाज़ के साथ दोनो की कमर आपस मे टकरा रही थी. बेड बुरी तरह हिल रहा था.
20 मिनिट की मैराथन चुदाई के बाद आख़िरकार निक्की स्प को झदाने मे कामयाब हो गयी. स्प निक्की को नीचे करके उसपर चढ़ गया और हच-हच-हच-हच 4 धक्के मारे और अपना गरम-गरम गाढ़ा वीर्य निक्की की चूत मे उदेलने लगा.
घमासान राउंड के बाद स्प बुरी तरह थक चुका था, इसलिए उसे फ़ौरन ही नींद आ गयी. सौबह जब उठा तो सभी सोए पड़े थे, स्प उठ कर बाथरूम मे घुस गया. नहा-धो के जब बाहर निकला तो देखा की निक्की अपने बाप से कुछ बातें कर रही थी, बाप के सामने नन्गपन धापने के लिए निक्की अपने नंगे शरीर पर एक चादर डाल रखी थी. स्प को देखते ही निक्की ने बिना कुछ कहे चादर एक तरफ फेंकी और टांगे फैला दी.
स्प : वाह, शैलेंद्रा, वाह ! बेटी हो तो ऐसी !!
स्प ने सीधे निक्की की टाँगो के बीच छलाँग लगाई और अपना लंड उसकी चूत मे उतार दिया. उसके भयंकर धक्को की कारण पैदा हुई बेड की चरमरने की आवाज़ो ने जल्द ही पूरे परिवार की नींद तोड़ दी.
परिवार के बाकी लोग एक-एक कर उठ कर चले गये, पर निक्की का बाप जाने क्या सोच कर वही बैठा रहा. निक्की फिर पूरे मूड मे आ गयी थी. उसने स्प के कुल्हो पे हाथ रखे और खुद ही उसकी कमर को अपनी ओर खींचने लगी. साथ ही नीचे कमर उछालना शुरू कर दिया. यानी अब जितना जोश से स्प चोद रहा था, निक्की भी उतने ही जोश से चुद रही थी.
निक्की पूरे जी-जान से अपनी चूत की प्यास बुझाने मे लगी हुई थी. उसने स्प को पूरी तरह अपनी बाहो मे दबोच रखा था और गपा-गॅप उसका लंड अपनी चूत मे लील रही थी. वो स्प के मोटे लंड को अपनी चूत मे निचोड़ डालना चाह रही थी.
इसके बाद स्प ने अपनी कुहनियाँ बिस्तर पर टिकाई और फुल स्पीड मे निक्की की चूत मे धक्के मारने स्टार्ट कर दिए. स्प की वियाग्रा और निक्की की प्यासी जवानी की जंग ने बिस्तर पर भूचाल ला दिया था. उनके धक्को से भारी-भरकम ट्रिपल बेड भी चरमरा रहा था.
10 मिनिट की पलंग-तोड़ चुदाई के बाद आख़िरकार वो पल आ ही गया. निक्की की चूत की भट्टी में तपते स्प के लंड ने उल्तियाँ शुरू कर दी.
निक्की ने स्प को दबोच कर उसकी कमर से टाँगें लपेट ली और उससे बुरी तरह चिपेट गयी. जैसे स्प के लंड को हमेशा के लिए अपनी चूत मे भर लेना चाहती हो.
अपनी चुड़क्कड़ बेटी की प्यास देखकर उसका बाप भी हैरान था. स्प मे अब हिलने-डुलने की ताक़त भी नही बची थी. वो निक्की की चूंचियो मे मुँह डाले पड़ा था.
स्प ने अपने वायदे के अनुसार निक्की के बाप और ससुर को केस से बरी कर दिया लेकिन जब भी उसका मन करता है वो निक्की को चोद लेता है
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महेंद्र बड़ी समस्या मे घिर गये. एक केस मे उन्हे सस्पेंड कर दिया गया और उनके खिलाफ जाँच भी बैठा दी गयी. स्प साहब खुद जाँच कर रहे थे. स्प भी बड़ा कमीना था, महेंद्र को फँसाने की पूरी कोशिश कर रहा था. महेंद्र की गांद फट गयी थी, नौकरी दाँव पर लगी थी. स्प साहब शैलेन्द्र के पड़ोस मे ही रहते थे. काफ़ी समय से उनकी गंदी नज़र निक्की पर थी. ये बात शैलेंद्रा भी जानता था, पर उसकी नौकरी अब स्प के ही हाथो मे थी. इसलिए वो बहुत मजबूर हो गया था.
होली एक दिन पहले शैलेंद्रा ने स्प को विश किया,
शैलेंद्रा : हॅपी होली साहब !
स्प : दारोगा जी, खाली मुँह से ही हॅपी होली विश करोगे, होली पर साथ मे रंग नही खेलोगे ? तुम तो कभी आओगे नही, कहो तो हम ही तुम्हारे घर आ जायें होली खेलने ?
शैलेंद्रा : अरे क्यों नही साहब, आप कल हमारे घर आमंत्रित हैं !
शैलेंद्रा के सामने और कोई चारा भी नही था, घर आने से मना करके वो अपनी नौकरी ख़तरे मे नही डाल सकता था क्योंकि उसकी नौकरी इस वक़्त पूरी तरह स्प के हाथो मे थी.
स्प : तुम्हारी बेटी निक्की इस होली पे कही गयी तो नही है ?
शैलेंद्रा : नही साहब.
स्प : ठीक है, तो अपनी बेटी से बोल देना कि स्प अंकल ख़ास निक्की के साथ ही होली खेलने आ रहे हैं.
शैलेंद्र चुप-चाप वहाँ से चला गया. और निक्की को शाम को समझाया
शैलेंद्रा : निक्की बेटा, कल स्प साहब होली खेलने के लिए घर आ रहे हैं, तुम्हे ही उनके मेहमान नवाज़ी करनी है, ध्यान रखान कि वो किसी भी बात पे नाराज़ ना हो जाए, वरना मेरी और तुम्हारे होने वाले ससुर जी, दोनो की नौकरी चली जाएगी !
निक्की : आप चिंता ना करिए पापा, मैं स्प अंकल को शिकायत का एक भी मौका नही दूँगी.
महेंद्र अपने घर दूसरे शहर गये हुए थे, होली के दिन स्प शैलेंद्रा के घर आ धमका. घर के मेंबर्ज़ ने उसे विश किया पर उसकी निगाहें तो बस निक्की को ही ढूँढ रही थी, आख़िरकार निक्की उसके सामने आ ही गयी.
निक्की : हॅपी होली अंकल !
स्प ने तुरंत निक्की के गालो पर गुलाल लगा दिया.
स्प : निक्की, तुम्हारी ये ड्रेस तो एक दम नयी लग रही है, जाओ कोई पुरानी टी-शर्ट पहन लो, ये खराब हो जाएगी.
निक्की अंदर गयी और चेंज करके बाहर आई.
स्प तुरंत निक्की पर झपट पड़ा, आज वो होली के बहाने निक्की को च्छुना चाहता था. पहला हमला उसने निक्की के बालो पर किया, उसने ढेर सारे रंग निक्की के बालो मे डाल दिया, फिर उसने निक्की के गालो पर रंग लगाना शुरू किया. निक्की कोई विरोध नही कर रही थी, आज तक स्प की हिम्मत नही हुई थी निक्की को हाथ लगाने की, पर आज वो किंग था, धीरे-धीरे उसकी हिम्मत बढ़ रही थी.
स्प ने निक्की को उठा कर रंग से भरे टब मे डाल दिया, जिससे निक्की पूरी तरह गीली हो गयी. उसके निप्पल टी-शर्ट के उपर उभर आए, जिन्हे देख कर स्प पागल होने लगा.
स्प : निक्की, अपने अंकल को गले लगा कर एक बार ठीक से होली तो विश कर दो !
स्प ने बाहें फैला कर निक्की को पास बुलाया, निक्की आगे बढ़ी और स्प की बाहो मे आ गयी. स्प ने निक्की को पकड़ कर झटके से अपनी ओर खींचा, निक्की की बड़ी-बड़ी चूंचियाँ स्प के सीने से जा टकराई. स्प ने निक्की को कस कर पकड़ लिया, कि कही निक्की उससे अलग ना हो जाए. निक्की की चूंची का स्पर्श स्प के शरीर मे करेंट दौड़ा गया, उसका लंड खड़ा हो गया. स्प के हाथ बहकने लगे थे, उसके हाथ पीठ पर घूम रहे थे, फिर धीरे-धीरे उसके हाथ सरकते-सरकते निक्की के बम्स पे आ गये. किसी तरह का कोई विरोध ना पाकर उसने हिम्मत करके एक बार बम्स को स्क्वीज़ कर दिया. निक्की उसी तरह स्प की बाहों मे खड़ी रही. स्प ने रंग लगाने के बहाने निक्की के पाजामे मे हाथ घुसा ही दिया. निक्की ने अंदर पॅंटी पहनी नही थी, उसके नरम-मुलायम बम्स स्प के हाथो मे आ गये. वो बड़े मज़े से उन्हे दबाने लगा. फिर स्प घूम कर निक्की के पीछे आ गया और उसके हाथ निक्की के गले मे सरकते हुए उसके गिरहबान मे जाने लगे.
स्प : होली है !!!
नारे लगाते हुए स्प के हाथ निक्की की चूंची पर पहुँच गये. उसने फ़ौरन अपनी हथेलियों मे भर लिया और भॉम्पू की तरह दबाने लगा.
स्प : निक्की, जब मैं अल्लहाबाद मे स्टूडेंट था, वहाँ पर कपड़ा फाड़ होली का बड़ा चलन था.
निक्की : ये क्या होती है अंकल ?
स्प : इस होली मे लोग एक दूसरे के कपड़े फाफ-फाड़ कर होली खेलते हैं.
कहते-कहते ही स्प ने निक्की का टॉप फाड़ डाला.
निक्की अब केवल बनियान मे थी. स्प ने उसका भी गिरहबान पकड़ कर फाड़ दिया, वो पूरी तरह ना फट के झूल गया. एक साइड से झाँकति उसके ब्रा ने स्प को और उत्तेजित कर दिया. उसने निक्की की चूंची पर रंग उदेलना शुरू कर दिया.
निक्की के घरवाले ये सब देख रहे थे, निक्की की मा से रहा ना गया तो उसने निक्की को एक टी-शर्ट ला कर दे दी, जिसे निक्की ने कमरे मे जा कर फटाफट पहन लिया.
पर स्प अब आपे से बाहर हो चुका था. उसने हाथो मे खूब गाढ़ा रंग लगाया और निक्की के मम्मो पे रख कर अपने हाथो की छाप बना दी. फिर टी-शर्ट मे नीचे से हाथ घुसा कर टी-शर्ट को उपर उठा दिया, जिससे रंग सने निक्की के मम्मे सबके सामने आ गये.
ये सब हरकते स्प निक्की के घरवालो के सामने ही कर रहा था. लेकिन क्या मज़ाल की कोई भी स्प को रोक ले.
स्प की मनमानी बढ़ती ही जा रही थी. उसने निक्की की टी-शर्ट को फाड़ कर निक्की की मा की ओर उच्छाल दिया. निक्की के बाप के ऑर्डर के आगे निक्की की मा भी कुछ नही कर सकती थी.
स्प : निक्की, अभी भी तुम्हारे उपर रंग ठीक से चढ़ा नही है, लाओ थोड़ा और रंग लगाता हूँ.
स्प ने गुलाल लेकर निक्की के बूबो पर लगाना शुरू कर दिया.
फिर स्प ने निक्की का को पाजामा भी फाड़ दिया, और अपने कपड़े भी उतार दिए, फिर निक्की के बाप से पुछा,
स्प : और दारोगा, आओ तुम भी निक्की के साथ होली खेल लो !
शैलेंद्रा : अरे नही-नही साहब ! मैं ऐसे ही ठीक हूँ, आप खेलिए होली !
स्प : ठीक है, मैं निक्की के साथ बाथरूम नहाने जा रहा हूँ.
स्प निक्की को लेकर बाथरूम मे घुस गया. निक्की अपना रंग छुड़ाने का प्रयास करने लगी.
पर कुछ ख़ास सफलता नही मिल रही थी क्योंकि स्प ने बहुत पक्का रंग लगाया था.
स्प : निक्की, तुमसे नही छूटेगा, लाओ मैं हेल्प करता हूँ
स्प ने निक्की के पूरे बदन पर साबुन लगाया और इसी बहाने निक्की के पूरे बदन को मसल्ने लगा. पूरे बदन मे साबुन लगाने के बाद उसने निक्की को साबुन दिया और अपने लंड की ओर इशारा करके बोला,
स्प : निक्की, ज़रा इस पर साबुन लगा दो.
निक्की ने साबुन लगा दिया, फिर स्प ने निक्की को घुमा दिया,
स्प : निक्की, थोड़ा आगे झुको, आज तुम्हारे अंदर तक सफाई कर देता हूँ !
निक्की को पता था, क्या होने वाला है, वो चुप-चाप आगे की झुक गयी. स्प ने अपना लंड निक्की की चूत पर टीकाया और धक्का लगा दिया. साबुन से चिकना हुआ लंड बिना किसी रुकावट के जड़ तक निक्की की चूत मे समा गया. निक्की चीख उठी, क्योंकि स्प का लंड उसके ससुर जी के लंड से ज़्यादा लंबा और मोटा था, जो उसकी चूत के गहराइयाँ नाप रहा था.
निक्की के कसी हुई चूत ने स्प के लंड को चारो तरफ से जाकड़ लिया था. स्प ने कमर चलना शुरू कर दिया था, उसका लंड तेज़ी से निक्की की चूत के अंदर-बाहर फिसलने लगा.
निक्की को चोद्ने मे स्प को बहुत मज़ा आ रहा था, वो ना जाने कब से निक्की को लूटने की फिराक मे था, आज हालात ऐसे बन गये थे, की निक्की के बाप ने निक्की को खुद ही उसके हवाले कर दिया था. अपनी पोज़िशन का फ़ायडा उठाते हुए वो निक्की को जमकर यूज़ कर रहा था, और निक्की बेचारी यूज़ हो रही थी. स्प के मोटे लंड के कारण निक्की के मुँह से लगातार कराहें और सिसकियाँ उबल रही थी. निक्की की आवाज़ें सुनकर निक्की का बाप भी उसी बाथरूम के बाहर आ गया था. निक्की की चीखें बता रही थी कि अंदर कितनी घमासान चुदाई चल रही थी. स्प अब झड़ने के करीब था,
स्प : आआआः ! अयाया ! वाआह ! ऊऊ वाउ !! मज़ा आ गया. निक्की, मेरी जान, तूने तो खुश कर दिया रे ! बहुत टाइट है. हे, मज़ा आ गया !!!
स्प ने निक्की की चूत मे पिचकारी छ्चोड़ दी और उसकी चूत को अपने गरम-गरम वीर्य से लबालब भर दिया. बाथरूम का दरवाज़ा खोल कर स्प बाहर निकला तो निक्की के बाप को देख कर बोला,
स्प : क्या बेटी पैदा की है यार तुमने ! मज़ा आ गया !!
शैलेंद्रा : साहब, मेरी रिपोर्ट ?
स्प : उसकी चिंता क्यों करते हो यार ! अभी तो मैं यही हूँ, अभी मंन कहाँ भरा है. जाओ ज़रा अपनी बेटी को टवल दे दो.
निक्की बाथरूम मे पॅंटी पहनने जा रही थी, स्प ने देखा तो बोला.
स्प : निक्की, अब अपने पापा से क्या शरमाना, ऐसे हो बाहर आ जाओ !
निक्की बाहर आई तो स्प ने निक्की की चूंची की इशारा करके कहा,
स्प : देखो, रगड़-रगड़ कर नहलाया है तुम्हारी लाडली बेटी को, चूंची पर ज़रा सा भी रंग नही बचा है !
फिर निक्की को बेड पर लेटने को बोला और निक्की के बाप से बातें करने लगा,
स्प : अच्छा, अभी तो मैं निक्की के साथ एक राउंड और होली खेलूँगा, तुम भी यहीं बैठो, साथ ही अपने केस के बारे मे बताते रहना.
स्प : निक्की, तुम ज़रा अपनी कमर उपर उठाओ और टांगे फैलाओ.
निक्की घोड़ी बन गयी तो स्प बेड पे चढ़ गया और निक्की की चूत से लंड सटा कर सड़ाक से पूरा लंड जड़ तक निक्की की चूत मे पेल दिया.
स्प ताबड़तोड़ निक्की की चूत मे धक्के लगाने लगा.
स्प : ज़रा अपनी बीवी को बुला, एक बात पूछनी है.
शैलेंद्रा जाकर अपनी बीवी सविता को बुला लाया,
सविता : जी साहब, आप क्या पूछना चाहते थे ?
स्प : सविता, तूने क्या खाकर पैदा किया था अपनी बेटी को ? कितनी टाइट चूत है इसकी ! इतनी मस्ती भरी है इसकी चूत मे ! मंन करता है, चोद्ता ही रहू, चोद्ता ही रहूं. कसम से, इतनी टाइट और चिकनी है तेरी बेटी की चूत, कि मुझे तो स्वर्ग का नज़ारा दिखाई दे रहा है !
सविता बेचारी इन बातो का क्या जवाब देती, स्प अब खुले-आम पूरे परिवार को शर्मिंदा करने पर तुल गया था. निक्की के मा-बाप के सामने ही निक्की की चूत मे धक्के लगा रहा था, और साथ ही उसकी चूत की तारीफ भी किए जा रहा था.
ठप-ठप-ठप-ठप की आवाज़ो के साथ स्प की कमर निक्की की कमर से टकरा रही थी. अब वो झड़ने के करीब था, इसलिए बातें बंद कर निक्की की कमर पकड़ कर दाँत भींचे धक्के पर धक्के लगा रहा था. उसके धक्को के साथ-साथ निक्की के मुँह से कराहें भी निकल रही थी.
स्प : हाई ! निक्की, मेरी जान ! ये ले, मेरी पिचकारी अपनी चूत मे ! होली है !!
स्प ने पूरा लंड जड़ तक चूत मे घुसा दिया, और अपना गरम लावा निक्की की चूत मे भरने लगा. पूरा लंड खाली होने के बाद स्प ने लंड बाहर निकाला,
पक की आवाज़ आई, जैसे किसी ने बोतल का ढक्कन खोला हो. निक्की चुदाई से बहाल होकर बेड पर पीठ के बल लेट गयी. उसकी चूत से बहता स्प का लावा इस बात की गवाही दे रहा था, की स्प ने बिना कोई रहम किए उसे बाजे की तरह बजाया है.
स्प : तुम दोनो जाओ अब, मेरा मंन अभी भरा नही है, जब तक मैं खुद कमरे से बाहर ना निकलु, कोई मुझे डिस्टर्ब मत करना ! बहुत दिनो से मेरी नज़र थी निक्की पे, आज सारा दिन, सारी रात जम कर चोदुन्गा इसे.
इस बीच स्प ने देखा कि सामने मेज़ पर कॉंडम का पॅकेट रखा है, शायद निक्की के बाप ने चुपके से रखा था, पर शरम के मारे उसकी कुछ बोलने की हिम्मत नही थी.
स्प : और सुनो ! ये कॉंडम का पॅकेट लेते जाओ, इसकी कोई ज़रूरत नही है. साले कॉंडम पहन कर थोड़े ही चोदुन्गा तेरी बेटी को !
शैलेंद्रा और सविता के रूम से निकलते ही स्प ने दरवाज़ा अंदर से बंद कर लिया. कुछ ही देर मे निक्की की सिसकारियाँ और कराहों की आवाज़ें आने लगी. पूरा दिन और पूरी रात भर स्प निक्की को चोद्ता रहा. और निक्की के मा-बाप करवटें बदलते रहे, क्योंकि उन्हे पता था, कि उस बंद दरवाज़े के पीछे उनकी बेटी स्प से चुद रही है. और स्प लगातार अपना वीर्य उनकी बेटी को चूत मे उडेल रहा है.
सुबह निक्की के कमरे का दरवाज़ा खोला, शैलेंद्रा और सविता की निगाहें दरवाज़े पर ही लगी थी. निक्की की चूत से स्प का वीर्य टपक रहा था. उसकी सूजी हुई आखें बता रही थी, कि स्प ने उसे रात भर सोने नही दिया है.
निक्की के पीछे से स्प भी बाहर आया और निक्की की चूंची सहलाते हुए बोला,
स्प : वाह ! आज की रात तो जन्नत की सैर हो गयी मेरी ! कसम से, तेरी बेटी चोद कर मज़ा आ गया !! कितनी टाइट चूत है इसकी ! चोद-चोद कर मेरी हिम्मत जवाब दे गयी, पर मंन अभी भी कह रहा है कि इसकी चिकनी चूत मे धक्के लगाता ही रहूं. निक्की, जाओ अभी तुम आराम कर लो, 3 दिन बाद मेरे घर पे ही आ जाना. मेरी बीवी बच्चो समेत मायके जाने वाली है 1 हफ्ते के लिए. तुम पूरा हफ़्ता मेरे घर पे ही रहोगी.
3 दिन बाद शैलेंद्रा पूरी फॅमिली सहित स्प के घर आ गया, स्प तो पहले से नंगा होकर तैय्यार बैठा था. घर मे घुसते ही भूखे कुत्ते की तरह निक्की की चूंचियो पर टूट पड़ा.
आज स्प फ़ुर्सत से निक्की के अंग-अंग से खेलने के मूड मे था, पिछले 3 दिन से स्प मर्दानगी बढ़ाने के लिए दवाइयाँ खा रहा था, और आज से लेकर अगले 7 दिनो तक निक्की को दिन-रात चोद्ना चाहता था.
स्प : चल निक्की यहाँ बिस्तर पे आ जा और घोड़ी बन जा.
निक्की ने चुप-चाप वही किया.
स्प पे निक्की की पीछे चुदाई की पोज़ मे आ गया.
अपना लंड चूत के मुहाने पर रखा और धक्का लगा दिया.
स्प का लंड गर्म मक्खन मे च्छुरी की तरह निक्की की चूत मे समाता चला गया.
स्प ने निक्की की कमर को पकड़ के ताबाद-तोड़ धक्के पेलना चालू कर दिया.
स्प : जितनी बार तेरी बेटी को चोद्ता हूँ, दिल से तारीफ ही निकलती है. क्या मस्त चूत है इसकी. बहुत लौडिया चोदि, पर इतना मज़ा किसी और मे नही मिला. एक दम टाइट चूत है, और कितना भी चोदो नखरे भी नही करती.
आज वियाग्रा खा के स्प बहुत जोश मे था, हपक-हपक के चोद रहा था. उसके जबरदस्त धक्के आज निक्की के लिए झेलना मुश्किल हो रहा था. निक्की अपना वेट अपने हाथ-पैरो पे संभाल नही पा रही थी. आख़िरकार वो पेट के बल बेड पर गिर पड़ी. स्प के धक्को की रफ़्तार बढ़ती ही जा रही थी.
स्प की घमासान चुदाई के कारण निक्की चरमसुख तक पहुँच गयी. उसके मुँह से आनंद भरी किल्कारियाँ फूटने लगी.
स्प : देख बे ! तेरी बेटी से खाली मज़े ले ही नही रहा हूँ, उसको पूरा मज़ा दे भी रहा हूँ. देख, तेरी बेटी को मुझसे चुद्ने मे कितना मज़ा आ रहा है. इसने 2-3 साल पहले ही मुझे खुश करने भेज दिया होता तो, आज तुझ पर ये मुसीबत आती ही नही.
शैलेंद्रा और उसका परिवार ये सब सुन कर नज़रें झुकाए बैठा था, छोटे भाई-बहन के सामने उनकी दीदी आज उनके सामने एक ही बेड पर चुद रही थी. निक्की अभी तक तो शर्मा रही थी, पर स्प की चुदाई से उसका भी ऑर्गॅज़म हो गया था, तो अब वो भी थोड़ा-थोड़ा खुलने लगी थी. निक्की के रस से भरी उसकी चूत "फकच-फकच" की आवाज़ें कर रही थी. चूत और भी चिकनी हो गयी थी, जिससे लंड और आसानी से एंजिन के पिस्टन की तरह चूत के अंदर-बाहर हो रहा था.
स्प पिच्छले 15 मिनिट से लगातार निक्की की चूत मे धक्के लगा रहा था, उसकी साँस फूल गयी थी. वियाग्रा की वजह से वो अभी तक झाड़ा नही था, पर शरीर थक गया था. जब उसके शरीर मे और धक्के लगाने का दम नही बचा तो उसने निक्की से कहा : चल, अब तू उपर आ जा.
निक्की की चूत से लंड निकाल कर पीठ के बल लेट गया. और निक्की अब स्प के उपर आ कर उसका लंड अपनी चूत मे लेने लगी.
निक्की ने स्प का लंड हाथो मे पकड़ा,
अपनी कमर को एक झटका दिया और सड़ाक से आधा लंड चूत के अंदर समा गया.
अगले झटके मे निक्की की चूत ने स्प का पूरा लंड लील लिया.
उसके स्प को कुछ नही करना पड़ा, निक्की भी अब पूरे मूड मे आ गयी थी. जब उसकी क़िस्मत मे यूँ चुदना ही लिखा था, जो क्यों ना वो भी चुद्ने का पूरा आनद ले. स्प ने उसे चोद कर जो सुख दिया था, उसका बदला चुकाने का समय आ गया था.
अब निक्की स्प पर पूरी तरह च्छा गयी और अपनी कमर उच्छालने लगी. स्प का लंड सटा-सॅट उसकी चूत के अंदर-बाहर हो रहा था.
स्प झड़ने का नाम नही ले रहा था, और निक्की ने भी कसम खा ली थी कि स्प को तो झाड़ा के रहेगी. स्प भी उसका ये रूप देख कर हैरान था.
अब स्प तो आराम से लेटा हुआ था, और निक्की अपनी चूत उसके लंड पे पटक-पटक के चुद रही थी. उसकी कसी हुई चूत स्प को जन्नत की सैर करा रही थी.
स्प : वाह ! तेरी बेटी तो एक दम भूखी शेरनी बन गयी है. आज तो ये मुझे खुश करके ही देगी !
स्प ने उसकी चूंचियाँ पकड़ ली और अपनी कमर भी उछालने लगा. दोनो के बीच घमासान चुदाई प्रारंभ हो गयी थी. "ठप्प-ठप्प" की आवाज़ के साथ दोनो की कमर आपस मे टकरा रही थी. बेड बुरी तरह हिल रहा था.
20 मिनिट की मैराथन चुदाई के बाद आख़िरकार निक्की स्प को झदाने मे कामयाब हो गयी. स्प निक्की को नीचे करके उसपर चढ़ गया और हच-हच-हच-हच 4 धक्के मारे और अपना गरम-गरम गाढ़ा वीर्य निक्की की चूत मे उदेलने लगा.
घमासान राउंड के बाद स्प बुरी तरह थक चुका था, इसलिए उसे फ़ौरन ही नींद आ गयी. सौबह जब उठा तो सभी सोए पड़े थे, स्प उठ कर बाथरूम मे घुस गया. नहा-धो के जब बाहर निकला तो देखा की निक्की अपने बाप से कुछ बातें कर रही थी, बाप के सामने नन्गपन धापने के लिए निक्की अपने नंगे शरीर पर एक चादर डाल रखी थी. स्प को देखते ही निक्की ने बिना कुछ कहे चादर एक तरफ फेंकी और टांगे फैला दी.
स्प : वाह, शैलेंद्रा, वाह ! बेटी हो तो ऐसी !!
स्प ने सीधे निक्की की टाँगो के बीच छलाँग लगाई और अपना लंड उसकी चूत मे उतार दिया. उसके भयंकर धक्को की कारण पैदा हुई बेड की चरमरने की आवाज़ो ने जल्द ही पूरे परिवार की नींद तोड़ दी.
परिवार के बाकी लोग एक-एक कर उठ कर चले गये, पर निक्की का बाप जाने क्या सोच कर वही बैठा रहा. निक्की फिर पूरे मूड मे आ गयी थी. उसने स्प के कुल्हो पे हाथ रखे और खुद ही उसकी कमर को अपनी ओर खींचने लगी. साथ ही नीचे कमर उछालना शुरू कर दिया. यानी अब जितना जोश से स्प चोद रहा था, निक्की भी उतने ही जोश से चुद रही थी.
निक्की पूरे जी-जान से अपनी चूत की प्यास बुझाने मे लगी हुई थी. उसने स्प को पूरी तरह अपनी बाहो मे दबोच रखा था और गपा-गॅप उसका लंड अपनी चूत मे लील रही थी. वो स्प के मोटे लंड को अपनी चूत मे निचोड़ डालना चाह रही थी.
इसके बाद स्प ने अपनी कुहनियाँ बिस्तर पर टिकाई और फुल स्पीड मे निक्की की चूत मे धक्के मारने स्टार्ट कर दिए. स्प की वियाग्रा और निक्की की प्यासी जवानी की जंग ने बिस्तर पर भूचाल ला दिया था. उनके धक्को से भारी-भरकम ट्रिपल बेड भी चरमरा रहा था.
10 मिनिट की पलंग-तोड़ चुदाई के बाद आख़िरकार वो पल आ ही गया. निक्की की चूत की भट्टी में तपते स्प के लंड ने उल्तियाँ शुरू कर दी.
निक्की ने स्प को दबोच कर उसकी कमर से टाँगें लपेट ली और उससे बुरी तरह चिपेट गयी. जैसे स्प के लंड को हमेशा के लिए अपनी चूत मे भर लेना चाहती हो.
अपनी चुड़क्कड़ बेटी की प्यास देखकर उसका बाप भी हैरान था. स्प मे अब हिलने-डुलने की ताक़त भी नही बची थी. वो निक्की की चूंचियो मे मुँह डाले पड़ा था.
स्प ने अपने वायदे के अनुसार निक्की के बाप और ससुर को केस से बरी कर दिया लेकिन जब भी उसका मन करता है वो निक्की को चोद लेता है
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