FUN-MAZA-MASTI
कुतिया बनाया
आज मैं विशाल आपके सामने अपनी इंडियन कामुकता भरी दुकान में की
चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हूँ जिसमें मैं और मेरी चुदक्कड काम किया
करते थे | दोस्तों मैंने काम दूंधने के लिए एक बड़ी से कपड़ों की दुकान में
कुछ महीने काम करने का फैसला कर लिया जहाँ पहले से ही मोटों चुचों वाली और
बड़ी से कार की डिक्की के समान गांड की हकदार भी काम किया करती थी जिसका
नाम मोहिनी था | यूँ तो हर कोई मर्द वहाँ पर उसकी गांड को पीछे मुड़कर
देखता था तो मैंने कौन सा पीछे रह जाने वाला था | मैं यूँ समझ लो दिन रात
उसकी गांड के ही सपने देखकर मुठी मारा करता था | मैंने उससे अब बातों –
बातों में भी अच्छी जान – पहचान बढ़ा ली और जाननुझ कर अपने आप को उसके गॉंव
वाला ही बताया जिसपर वो मेरे और करीब आपने में नहीं हीचकीचायी |
दोस्तों अब मोहिनी तो कभी मजाक – मजाक में हस्ते उए मेरी छाती पर भी अपने हाथ से धक्का दे दिया करती तो कभी यूँही हौले से अपने हाथ को लहर जाती | मैं भी मौके पर उसकी गांड को हलके से छू लिया करता | अब हमारे बीच में बेहूदा मजाकों की इतनी हद्द पार हो गयी की मैंने भीड़ – भीड़ में उसके चूतडों भी निचोडना चालू कर दिया जिसकी प्रतिक्रिया में वो भी मेरे लंड को दबोच लिया करती और मेरा मुंह खुला ही रह जाता | एक दिन दोस्तों हमारे मालिक ने हमें रविवार के दिन भी काम पर बुलाया | हुआ यूँ की हम दोनों ही सबसे देरी से पहुंचे जब तक सभी सहयोगी जा चुके थे | वही पर तभी मालिक को कुछ नया काम दिखाई दिया और उसने भी हमें दूकान में अकेले ही छोड़ कुछ नया काम दे देकर |
आज हम दोनों को पहली बार दूकान में अकेले होने का अवसर प्राप्त हुआ था | मैंने उसी मस्ती – मस्ती में मोहिनी की शर्ट के बटनों को खोल दिया और उसके पुरी शर्ट को उतरा उसे अपने लपेट लिया और और साथ ही उसे एक कामुक मस्ती भरी मुस्कान दे दी जिसपर वो बस मुझे देखती रह गयी | मैंने कुछ ही पल में मोहिनी के इंडियन ब्रा को खोल दिया जिससे उसके नंगे मोटे चुचे मेरे सामने ही आ गए और मैं उन्हें अपने मुंह में दबाकर पीने लगा | मैंने अब उसके होठों को कसके अपने होठों से चूसने लगा जिससे वो भी अब गरम होकर अच्छे – खासे मुड में आ गयी और चुदाई के लिए तैयार हो चली | मैंने मोहिनी की काली स्कर्ट का हुक भी खोल नीचे गिरा दिया और उसकी मस्तानी पैंटी को भी उतार दिया और अपनी हथेली उसकी चुत पर रख लिया |
अब जैसे ही उसने भी मेरी पैंट को खोल मेरे इंडियन लंड को मसलते हुए देखा तो वो इतना मोटा लंड देखकर पागल हो आगयी और फ़ौरन ही नीचे पाने घुटनों के बल झुककर लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी | कुछ देर बाद मैंने अब उसे अपनी गौद में उठा और लकड़ी के बने लंबे टेबल पर लिटा दिया | मैंने भी अब उसकी चुत को उप्पर से अपनी उँगलियों से मसलते हुए लंड को उसकी चुत में दे डाला | अब मैंने जैसे ही मोहिनी की इंडियन चुत में अपने लंड की तेज़ी उसकी सीत्कारें निकलती हुई आसमान पहुँचने लगी | वो अब भी अपनी चुत को उप्पर से तेज़ी तेज़ी रगड रगड कर मसल रही थी | मैंने अगली मुद्रा के लिए मोहिनी को कुतिया बनाया और उसकी गांड में ऊँगली डालते हुए उसकी चुत को पीछे से कुत्ते की तरह आधे घंटे तक पेला | उसके दोनों चुतड जैसे अब अलग – अलग भगा में बाँट चुके थे और यही सब करते हुए मेरा मुठ भी उसकी गांड को गीली कर चला |
दोस्तों अब मोहिनी तो कभी मजाक – मजाक में हस्ते उए मेरी छाती पर भी अपने हाथ से धक्का दे दिया करती तो कभी यूँही हौले से अपने हाथ को लहर जाती | मैं भी मौके पर उसकी गांड को हलके से छू लिया करता | अब हमारे बीच में बेहूदा मजाकों की इतनी हद्द पार हो गयी की मैंने भीड़ – भीड़ में उसके चूतडों भी निचोडना चालू कर दिया जिसकी प्रतिक्रिया में वो भी मेरे लंड को दबोच लिया करती और मेरा मुंह खुला ही रह जाता | एक दिन दोस्तों हमारे मालिक ने हमें रविवार के दिन भी काम पर बुलाया | हुआ यूँ की हम दोनों ही सबसे देरी से पहुंचे जब तक सभी सहयोगी जा चुके थे | वही पर तभी मालिक को कुछ नया काम दिखाई दिया और उसने भी हमें दूकान में अकेले ही छोड़ कुछ नया काम दे देकर |
आज हम दोनों को पहली बार दूकान में अकेले होने का अवसर प्राप्त हुआ था | मैंने उसी मस्ती – मस्ती में मोहिनी की शर्ट के बटनों को खोल दिया और उसके पुरी शर्ट को उतरा उसे अपने लपेट लिया और और साथ ही उसे एक कामुक मस्ती भरी मुस्कान दे दी जिसपर वो बस मुझे देखती रह गयी | मैंने कुछ ही पल में मोहिनी के इंडियन ब्रा को खोल दिया जिससे उसके नंगे मोटे चुचे मेरे सामने ही आ गए और मैं उन्हें अपने मुंह में दबाकर पीने लगा | मैंने अब उसके होठों को कसके अपने होठों से चूसने लगा जिससे वो भी अब गरम होकर अच्छे – खासे मुड में आ गयी और चुदाई के लिए तैयार हो चली | मैंने मोहिनी की काली स्कर्ट का हुक भी खोल नीचे गिरा दिया और उसकी मस्तानी पैंटी को भी उतार दिया और अपनी हथेली उसकी चुत पर रख लिया |
अब जैसे ही उसने भी मेरी पैंट को खोल मेरे इंडियन लंड को मसलते हुए देखा तो वो इतना मोटा लंड देखकर पागल हो आगयी और फ़ौरन ही नीचे पाने घुटनों के बल झुककर लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी | कुछ देर बाद मैंने अब उसे अपनी गौद में उठा और लकड़ी के बने लंबे टेबल पर लिटा दिया | मैंने भी अब उसकी चुत को उप्पर से अपनी उँगलियों से मसलते हुए लंड को उसकी चुत में दे डाला | अब मैंने जैसे ही मोहिनी की इंडियन चुत में अपने लंड की तेज़ी उसकी सीत्कारें निकलती हुई आसमान पहुँचने लगी | वो अब भी अपनी चुत को उप्पर से तेज़ी तेज़ी रगड रगड कर मसल रही थी | मैंने अगली मुद्रा के लिए मोहिनी को कुतिया बनाया और उसकी गांड में ऊँगली डालते हुए उसकी चुत को पीछे से कुत्ते की तरह आधे घंटे तक पेला | उसके दोनों चुतड जैसे अब अलग – अलग भगा में बाँट चुके थे और यही सब करते हुए मेरा मुठ भी उसकी गांड को गीली कर चला |
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