FUN-MAZA-MASTI
अब काफी दिन हो चुके थे । एक दिन हमारी कॉलोनी में कुछ फंक्शन था और हम दोनों के घर वाले ही घर पर नहीं थे और इंडियन किशोरी ने मुझे अपने कमरे में बुला लिया । हम दोनों अभी तक मिले नहीं थे और मैने तो कमरे में गुसते ही उसको पकड़ लिया और मस्ती में उसे चूमने लगा । उसने बोला, रुको तो सही …मैने और नहीं, बहुत तड़पाया है आज और नहीं और मैने उसकी टीशर्ट में साथ डाल दिया और उसके गोल-गोल लाल चूचो को दबाने लगा । उसके मुह से कसके अह्ह्ह निकलने लगी और उसका शरीर मस्ती में मचलने लगा । उसने अब मुझे भी कसकर पकड़ लिया और और मेरे सारे कपड़े उतार दिए । मैने भी उसको नंगा कर दिया और अब हम दोनों के शरीर लिपटे हुए थे । मै उसके चुचे दबा रहा था और हम दोनों के होठ एक दुसरे से चिपके हुए, मस्ती में चूम रहे थे । वो मेरा लंड अपने हाथ में लेकर उसको मस्ती मसल रही थी ।
हम दोनों से अब रुका नहीं जा रहा था, मैने इंडियन किशोरी को अपनी गोदी में उठाया और उसको बिस्तर पर पटक दिया और उसके उसके ऊपर चढ़ बैठा और उसके चूचो के बीच अपने लंड को रगड़ने लगा । मेरे लंड की खल निकल चुकी थी और उसका सुपाडा लाल हो चूका था । वो भी मस्ती में आहे भर रही थी आआ ह्ह्ह्हह ….ओऊ ….वाह्ह …. तुम बहुत गरम हो ….वहा ….और नहीं …बस अब डाल भी दो न और उसकी टाँगे खुली हुई थी । मै अपने घुटनों पर आया और अपने लंड को उसकी गुलाबी चूत पर रगड़कर धीरे से अन्दर डालने लगा और एक ही बार में मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया । मेरे लंड के घुसते वो चीख पड़ी और उसकी चूत में से खून की पिचकारी छूट पड़ी । मुझे वासना का भुत सवार था, मैने बिना किसी परवाह किये और बिना रुके जोर से धक्के मार रहा था, उसका पूरा शरीर थप – थप -थप की आवाज़ के साथ हिल रहा था और उसके मुह से आ ह्ह्ह्ह मस्ती भरी आवाज़े निकल रही थी । कुछ ही देर में अहसास हुआ, कि मै झड़ने वाला हु, मैने अपना लंड बाहर निकल लिया और मेरा सारा वीर्य उसकी चूत बाहर फैल गया । कुछ देर लेटे रहने ले बाद, हमने कमरा साफ़ किया और मै अपने घर वापस आ गया । उसके बाद तो हमने जब भी मौका मिलता, मस्ती करते ।
बदनाम कहानी
किशोरी की बदनाम कहानी हर वो लड़का जानता है, जो अपने लंड को चूत के लिए फद्काता है । ये इंडियन किशोरी कोई और नहीं मेरी पड़ोसन थी, जो नई-नई 18 साल की हुई थी और उसके गाल किसी अनार की तरह लाल थी और उसका गोरा बदन बहुत ही सुंदर था । मै हमेशा ही सोचता था, कि कपडे के ऊपर से इतनी सुंदर और मस्त लगती है, तो बिना कपड़े के कितनी मस्त और गरम होगी । कई बार तो मैने उसको सोच-सोचकर बाथरूम में जाकर मुठ मारा होगा । मेरा कमरा छत पर था और मै उसको बालकनी में घूमते हुए देखता था और उसकी तरफ खिचता चला जाता । मुझे नहीं पता था, कि वो भी मुझे नोटिस कर रही है और शायद मुझे पसंद करने लगी थी । जब मुझे पता लगा, कि उसका कमरा भी बालकनी वाला है, तो मै एक दूरबीन ले आया और उसकी खिड़की में से झाकने लगा ।
वैसे, तो उसकी खिड़की का पर्दा लगा होता था, हमेशा ही; लेकिन उस दिन उसकी खिड़की का पर्दा खुला हुआ था, वो वो ब्रश कर रही थी, उसकी कमर पर कुछ नहीं था । उसकी कमर इतनी गोरी थी, कि हाथ रखने पर मैली हो जाए । उसने नीचे पयजामा पहना हुआ था और आगे भी ढका हुआ था;अचानक से वो खिड़की के के पास आई और मुझे हाथ हिलाया और मुझे एक किस देकर चली गयी । मुझे पता चल गया, कि वो भी मुझे पसंद करने लगी है और हम दोनों में अब इशारो में बातें होने लगी थी, और मुझे बातो ही बातो में पता चला, कि वो बहुत ठरकी है और उसे ब्लूफिल्म देखना पसंद है और वो अपनी चूत में ऊँगली भी करती थी । हम दोनों अब दूरबीन से एक दुसरे को देखते हुए, मुठ मारते और वो ऊँगली करते और मज़े लेते थे ।अब काफी दिन हो चुके थे । एक दिन हमारी कॉलोनी में कुछ फंक्शन था और हम दोनों के घर वाले ही घर पर नहीं थे और इंडियन किशोरी ने मुझे अपने कमरे में बुला लिया । हम दोनों अभी तक मिले नहीं थे और मैने तो कमरे में गुसते ही उसको पकड़ लिया और मस्ती में उसे चूमने लगा । उसने बोला, रुको तो सही …मैने और नहीं, बहुत तड़पाया है आज और नहीं और मैने उसकी टीशर्ट में साथ डाल दिया और उसके गोल-गोल लाल चूचो को दबाने लगा । उसके मुह से कसके अह्ह्ह निकलने लगी और उसका शरीर मस्ती में मचलने लगा । उसने अब मुझे भी कसकर पकड़ लिया और और मेरे सारे कपड़े उतार दिए । मैने भी उसको नंगा कर दिया और अब हम दोनों के शरीर लिपटे हुए थे । मै उसके चुचे दबा रहा था और हम दोनों के होठ एक दुसरे से चिपके हुए, मस्ती में चूम रहे थे । वो मेरा लंड अपने हाथ में लेकर उसको मस्ती मसल रही थी ।
हम दोनों से अब रुका नहीं जा रहा था, मैने इंडियन किशोरी को अपनी गोदी में उठाया और उसको बिस्तर पर पटक दिया और उसके उसके ऊपर चढ़ बैठा और उसके चूचो के बीच अपने लंड को रगड़ने लगा । मेरे लंड की खल निकल चुकी थी और उसका सुपाडा लाल हो चूका था । वो भी मस्ती में आहे भर रही थी आआ ह्ह्ह्हह ….ओऊ ….वाह्ह …. तुम बहुत गरम हो ….वहा ….और नहीं …बस अब डाल भी दो न और उसकी टाँगे खुली हुई थी । मै अपने घुटनों पर आया और अपने लंड को उसकी गुलाबी चूत पर रगड़कर धीरे से अन्दर डालने लगा और एक ही बार में मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया । मेरे लंड के घुसते वो चीख पड़ी और उसकी चूत में से खून की पिचकारी छूट पड़ी । मुझे वासना का भुत सवार था, मैने बिना किसी परवाह किये और बिना रुके जोर से धक्के मार रहा था, उसका पूरा शरीर थप – थप -थप की आवाज़ के साथ हिल रहा था और उसके मुह से आ ह्ह्ह्ह मस्ती भरी आवाज़े निकल रही थी । कुछ ही देर में अहसास हुआ, कि मै झड़ने वाला हु, मैने अपना लंड बाहर निकल लिया और मेरा सारा वीर्य उसकी चूत बाहर फैल गया । कुछ देर लेटे रहने ले बाद, हमने कमरा साफ़ किया और मै अपने घर वापस आ गया । उसके बाद तो हमने जब भी मौका मिलता, मस्ती करते ।
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