FUN-MAZA-MASTI
फिर एक दिन हम बातें कर रहे थे और थोड़ी ही देर के बाद भाभी बोली कि में नहा लेती हूँ.. मुझे बहुत गरमी लगने लगी है। तो मैंने कहा कि हाँ नहा लो.. तो वो बहार बरामदे में दरवाजा बंद करके नहाने लगी। तो मैंने मजाक में कहा कि दरवाजा थोड़ा अच्छे से बंद करना वरना में तुम्हे नहाते हुए देख लूँगा। तो वो कहने लगी कि नहीं तुम अंदर ही रहना। फिर वो थोड़ी देर के बाद नहाकर आ गई और बोली कि में बिल्कुल नंगी होकर नहाती हूँ और पेटिकोट भी नहीं पहनती.. क्योंकि वो गीला होकर चिपक जाता है और नहाने में बहुत दिक्कत होती है इसलिए में हमेशा ऐसे ही नहाती हूँ और फिर मैंने उनका हाथ पकड़ लिया और चूमने लगा.. तो वो कहने लगी कि चल दूर हट वरना कोई आ जाएगा। तो मैंने कहा कि कोई नहीं आएगा.. प्लीज एक बार करने दो ना और मैंने उनके होंठ को अपने होंठो से चूस लिया.. तो वो कह रही थी कि बस करो समझा करो कोई आ जाएगा। फिर मैंने भाभी को छोड़ दिया और उसके अगले दिन वो कपड़े बदल रही थी.. तो मैंने कहा कि आ जाऊं.. तो वो कहने लगी कि सब तुम्हारा ही तो है आ जाओ। फिर भाभी बिल्कुल नंगी हो गई और उसने अपने पेटिकोट का नाड़ा खोल दिया तो वो नीचे गिर गया और में भाभी से लिपट गया और मैंने कहा कि में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और उसे चूमने लगा और बूब्स चूसने लगा। तो वो कहने लगी कि उफफफफफ्फ़ आहह वासु आराम से पियो दूध और थोड़ा सा बचा देना बच्चे को भी पिलाना है। फिर मैंने एक बूब्स पिया और फिर थोड़ी देर के बाद दूसरे वाले से भी पिया.. फिर मैंने कहा कि में नीचे की जगह भी चूस लूँ.. लेकिन उसने कोई भी जवाब नहीं दिया.. बस सिसकियाँ लेती रही। तो मैंने देर ना करते हुए झट से अपना मुहं उसकी चूत पर लगा दिया और उसको बोला कि में दूध की जगह जूस तो सारा पी सकता हूँ ना। तो वो कहने लगी कि वासु इसमे से जितना जूस पिया जाये पी लो उफफफ्फ़ अहह माँ मर गयी उफफफफफ्फ़ और वो मेरे सर को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगी और फिर कहने लगी और ज़ोर से चूस और कुछ देर के बाद कहने लगी कि मुझे अपना वो दिखाओ। तो मैंने कहा कि आपका ही है निकाल लो ना.. तो उसने मेरी पेंट को खोलकर लंड को बाहर निकाला और कहने लगी कि यह तो बहुत लम्बा है और मेरी उम्मीद से कहीं बड़ा है और मैंने इतना बड़ा लंड कभी भी नहीं देखा और यह कहकर लंड को मुहं में लिया और चूसने लगी। तो में कहने लगा कि हाँ भाभी और लो पूरा डालो मुहं में.. हाँ और आगे पीछे करो.. भाभी हाँ बहुत अच्छे.. हाँ ऐसे ही करो। तो बोली कि हाँ वासु में कर रही हूँ और फिर थोड़ी देर बाद कहने लगी कि अब रहा नहीं जा रहा.. तो वो कहने लगी कि एक मिनट रूको.. में मेक्सी पहन लूँ फिर नीचे से नंगी रहूंगी तो तुम आराम से कर लेना और कपड़े पहने में भी ज्यादा देर नहीं लगेगी और फिर उन्होंने मेक्सी पहनी और उन्होंने अपनी मेक्सी को चूत से ऊपर अपने बूब्स तक उठा लिया।
फिर मैंने उनको नीचे लेटा दिया और लंड को एक ही धक्के के साथ चूत के अंदर डाल दिया तो वो बहुत ज़ोर से चिल्ला पड़ी अहह उईईई माँ मरी.. धीरे करो। तो मैंने कहा कि क्या हुआ? क्या ज्यादा दर्द हो रहा है? तो वो कहने लगी कि हाँ तुम्हारा लंड बड़ा है ना.. तुम एक काम करो थोड़ा मक्खन लगा लो.. तो मैंने अपने लंड पर मक्खन लगाया और लंड को एकदम ज़ोर से धक्का देकर अंदर डाल दिया। तो वो उफफफफ्फ़ अहह माँ मर गई और फिर उसने मेरी कमर में अपने दोनों पैर फंसा दिए और मुझे गंदे तरीके से चूमने लगी। फिर में नीचे से पूरा दम लगाकर धक्के मारता रहा और फिर वो भी अपने चूतड़ उछाल कर मरवाने लगी और कहने लगी कि अब तुम थक गए होंगे में तुम्हारे ऊपर आती हूँ और फिर वो मेरे ऊपर आकर चूतड़ो को घुमाने लगी और बूब्स मेरे मुहं में डाल दिया। फिर मैंने उसे कुतिया बनाया.. वो कुतिया बनी हुई क्या लग रही थी? पेरों में पायल और हाथों में चूड़ियाँ और बूब्स पर लटकता हुआ मंगलसुत्र.. बस मैंने और तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए और फिर कहने लगी कि में झड़ गयी हूँ और फिर थोड़ी देर के बाद में भी झड़ने लगा तो उन्होंने मेरा सारा वीर्य अंदर ही गिरा दिया और कहने लगी कि तुमने आज मुझे बहुत खुश कर दिया और फिर मेक्सी को नीचे किया और फिर हम किस करने लगे।
फिर हमने साथ में बैठकर खाना खाया और फिर हम एक हफ्ते तक लगातार ऐसे ही चुदाई करते रहे। फिर कुछ दिनों के बाद मुझे मम्मी ने घर बुला लिया.. तो मेरे जाते वक्त भाभी रोने लगी और में भी रोने लगा। तो मैंने कहा कि में तुम्हारे बिना कैसे रहूँगा और अब में घर में अकेला क्या करूँगा.. मुझे आपकी बहुत याद आएगी और कहा कि आपके पास तो आपके पति का लंड है और में किसकी चूत से मजे लूँगा और मेरी तो अभी शादी भी नहीं हुई है.. पापा, मम्मी को चोदते है.. में उन्हें देख देख कर भी थक चुका हूँ और माँ के अलावा घर पर कोई औरत नहीं है में क्या करूं? कैसे अपने लंड को शांत करूं और मम्मी को नंगी देखकर तो मुझे आपकी और याद आएगी और में उन्हे रोज़ नंगी नहाते हुए देखता हूँ। फिर भाभी बोली कि तुम अपनी माँ को पटा लो और हर रोज़ तुम्हे मज़े आ जाएगे और तुम्हारा लंड भी शांत हो जाएगा। तो मैंने कहा कि माँ नहीं मानेगी और वो बोली कि तुम्हारा लंड देखकर तो हर औरत मान जाएगी और वो भी लंड की बहुत भूखी है और साड़ी के नीचे बिल्कुल नंगी रहती है.. वो साली तुम्हारे पापा से चुदने के अलावा और किसी से अभी तक नहीं चुदी है.. लेकिन में तुम्हारी मदद करूँगी और फिर वो मान जाएगी और फिर तुम माँ को बहुत खुश रखना।
फिर भाभी ने कहा कि तुम बाथरूम से नहाकर बाहर निकलना और अपना तोलिया उसके सामने गिरा देना और उसे अपना लंड दिखा देना। फिर में घर आ गया और मैंने ऐसा ही किया.. नहाते हुए बिल्कुल नंगा हो कर नहाने लगा और जानबूझ कर तोलिया और अंडरवियर बाथरूम में नहीं लेकर आया और माँ को आवाज़ दी और मुहं पर साबुन लगा लिया और आंख बंद करके हाथ बाहर निकल कर तोलिया लेने लगा और दरवाजा ज्यादा खोल दिया और मेरी माँ तोलिया देते हुए और मेरे लंड को देखती रह गयी और चली गयी। तो मैंने भाभी को फोन पर सब कुछ बताया.. फिर उसने मुझे दूसरा प्लान बताया और वो कहने लगी अपनी चैन में अपना लंड फंसाना पड़ेगा और फिर चिल्लाना पड़ेगा। तो मैंने कहा कि भाभी में माँ के लिए कुछ भी करूंगा और मैंने ऐसा ही किया और हल्का सा पेंट की चैन में लंड फंसाकर चिल्लाया तो माँ मेरी आवाज सुनकर आ गई और बहुत डर गयी। फिर मेरे लंड की तरफ देखने लगी और हाथ लगाते हुए डरने लगी और एकदम से लंड पकड़कर चैन पर तेल डाला और लंड पेंट की चैन से निकल गया और मेरा लंड एकदम से माँ के मुहं की तरफ खड़ा हो गया। तो माँ उसके सुपाड़े की खाल उतारकर देखने लगी और कहने लगी कि अंडरवियर क्यों नहीं पहनते हो?
तो मैंने कहा कि माँ तुम भी तो नहीं पहनती हो। तो वो कहने लगी कि हमारी बात कुछ और है.. तो मैंने कहा कि क्या बात है? वो कहने लगी कि हमारा इतना मोटा केले जैसा नहीं होता है तो मैंने कहा कि माँ फिर कैसा होता है? माँ ने कहा कि बस थोड़ा छोटा सा छेद होता है। तो मैंने कहा कि माँ आप भी आपका वो दिखाओ ना कैसा होता है? तो माँ ने मेरे लंड हाथ से छोड़ दिया और फिर मैंने माँ से कहा कि आपने भी मेरा देखा है ना.. आप भी दिखा दो ना। फिर माँ ने कहा कि नहीं में नहीं दिखा सकती हूँ और फिर मैंने कहा कि माँ प्लीज आपको मेरी कसम। तो माँ ने कहा कि इसमे कसम देने की क्या ज़रूरत थी? तो मैंने कहा कि माँ क्या आप मेरी कसम तोड़ोगी? तो माँ ने अपनी साड़ी को ऊपर करके मुझे दिखाने लगी.. उनकी चूत पर हल्के हल्के बाल थे और में नीचे बैठकर बड़े ध्यान से देखने लगा और मैंने कहा कि माँ साड़ी को ऊपर करके पकड़े रहो और दोनों पैर खोलकर दिखाओ ना और माँ ने अपने दोनों पैर खोल दिए और मुझे अपनी चूत दिखाने लगी।
तो मैंने एकदम से माँ की चूत के दाने को मुहं से कसकर चूसा और माँ चिल्लाई उफफफफ्फ़ आईई क्या कर रहा है.. छीईई.. मुहं हटा वहाँ से वो गंदी चीज़ है बेटा। तो में कहने लगा कि नहीं माँ मुझे अच्छी लगती है और माँ उफफफ्फ़ अहह कर रही थी.. फिर मुझे जोश चड़ने लगा तो में और चूत पर मुहं से झटके लगाने लगा माँ उफफफफफ्फ़ अहह और मेरा सर चूत में दबाने लगी। फिर माँ ने कहा कि चल बस हो गया अब छोड़ दे। तो मैंने कहा कि अभी तो इसकी प्यास बुझाऊंगा माँ यह सुनते ही बोली कि तू समझदार है और सब जनता है.. फिर भी मुझे तड़पा रहा है। इतना प्यारा लंड है तेरा.. कितना मज़ा देगा यह आह उफ़फफफफ और फिर शरमाने लगी और वो पूरे जोश में थी.. फिर कहने लगी कि बेटा मेरी साड़ी खोल दो ना। तो मैंने माँ की साड़ी खोली और माँ का ब्लाउज, ब्रा और अब माँ के विशाल बूब्स मेरे मुहं में थे और माँ ने सिसकियाँ भरना शुरू कर दिया और दूसरा बूब्स मेरे मुहं में डाल दिया। तो मैंने माँ का नाड़ा खोल दिया और माँ का पेटिकोट खुल गया और नीचे गिर गया.. माँ पूरी नंगी थी। अब माँ क्या लग रही थी.. सर पर बिंदी बूब्स पर लटकता मंगलसूत्र और हाथों में चूड़ियां और पेरों में पायल और बिल्कुल नंगी.. दोस्तों आज मेरा सपना सच होने जा रहा था.. मैंने कहा कि माँ में आपकी चुदाई के पहले चूत में सिंदूर भरूँगा.. तुम्हे पहले अपना बनाऊँगा फिर चोदूंगा.. तो माँ कहने लगी कि तुझे जो करना है कर.. लेकिन मेरी प्यास बुझा दे.. में बहुत बहुत दिनों से भूखी हूँ.. तेरे पापा भी यहाँ पर नहीं रहते है। फिर मैंने सिंदूर का लाल तिलक झांटो के ऊपर लगा दिया और माँ की चूत के होंठो पर लिस्टिक लगाई और फिर उसे किस करने लगा माँ उफफफफफ्फ़ कितना अच्छा बेटा है तू.. थोड़ा लंड पर शहद लगा ले.. में भी तेरा लोलीपोप चूसूंगी.. तो माँ और में 69 पोज़िशन में एक दूसरे के लिंग और योनि को चूसने लगे उफफफफ्फ़ हफफफ्फ़ बेटा बहुत मज़ा आ रहा है। तुम्हारे लंड से शादी करके अच्छा लग रहा है और में माँ के ऊपर ही लेट गया तो मैंने माँ की चूत पर मेरा लंड लगाया। वो एकदम चिल्ला गई.. लेकिन चूत गीली होने के कारण माँ ज्यादा ज़ोर से नहीं चिल्लाई और कहने लगी कि उफफफ्फ़ कितना मोटा है.. मेरी चूत को इसे लेने के लिए पूरा मुहं खोलना पड़ रहा है। फिर मैंने धक्के और तेज़ कर दिए और माँ ने भी चूतड़ को उछालना शुरू कर दिया।
फिर वो कहने लगी कि उफ़फ्फ़ अह्ह्ह बेटा और तेज़ करो.. माँ को चोद और चोद उउफफफफ्फ़.. बुझा दे इसकी प्यास.. तो में माँ के दोनों पैर अपने हाथ से पकड़कर चोदने लगा और चूमने चाटने लगा। तो माँ कहने लगी कि तू मुझसे कितना प्यार करता है? तो मैंने माँ को अपनी गोद में ले लिया और हम एक दूसरे से चिपक कर चूमने लगे.. माँ उफफफफफ्फ़ आअहह बेटा बहुत मज़ा आ रहा और माँ ने कहा कि तू थक गया होगा और माँ मेरे ऊपर आ गयी और मेरे लंड पर बैठ गयी और उचकने लगी और फिर लंड पर चूतड़ को गोल गोल घुमाने लगी.. माँ उफफफ्फ़ आह बेटा में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ और माँ कहने लगी कि में झड़ने वाली हूँ और फिर मैंने माँ को गोद में ले लिया और माँ को लेकर खड़ा होकर चोदने लगा। माँ की चूत और चूतड़ को खड़े खड़े उछाल रहा था और माँ मेरे गले में हाथ डालकर किस कर रही थी और मेरे निप्पल चूस रही थी। फिर स्मूच करते ही माँ झड़ गयी और फिर मैंने भी झड़ गया और फिर में और माँ नंगे ही सो गये। फिर माँ और मैंने खाना खाया और हम दोनों पूरे दिन नंगे रहे और हमने 4 बार और चुदाई की और फिर हम सो गये ।।
भाभी ने माँ को चुदवाया
हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम वासु है दोस्तों यह स्टोरी मेरी भाभी और मेरी माँ के साथ मेरे गलत सम्बन्ध के ऊपर आधारित है। मेरी माँ और भाभी के बूब्स बहुत मोटे है और गांड दोनों की एक जैसी ही है। मेरी माँ की उम्र 42 साल है और मेरी भाभी की उम्र 34 साल है और में 18 साल का हूँ। दोस्तों यह बात तब की है जब में एक बार माँ को नंगी देखकर पागल हो गया था.. माँ बिल्कुल नंगी होकर नहा रही थी और तब से में माँ के जैसे फिगर वाली औरतों में ज़्यादा रूचि लेने लगा और मेरी बहुत तमन्ना थी कि में भी चुदाई करूं.. माँ की नंगी चूत को चाटूं और माँ की गांड भी मारुँ और फिर लगता था कि सब यूँ ही रह जाएगा.. लेकिन फिर में बुआ के यहाँ गया और वहाँ पर मेरी भाभी भी थी.. भाभी हमेशा साड़ी के अंदर कभी भी पेंटी नहीं पहनती थी और यह बात मैंने भाभी के मुहं से सुनी थी वो एक दिन माँ से कह रही थी कि आप भी तो पेंटी नहीं पहनती और फिर मैंने भाभी को फंसाने की सोची और फिर एक दिन मेरी भाभी अपने बच्चे को दूध पिला रही थी और मैंने उसके मोटे मोटे बूब्स देखे और में उनको घूरकर देखने लगा.. लेकिन भाभी ने मुझे इस तरह उनके बूब्स को देखने पर भी कुछ नहीं कहा और ब्लाउज को थोड़ा नीचे कर लिया। फिर में धीरे धीरे भाभी से बहुत मज़ाक करने लगा और खुलकर बातें करने लगा.. तो वो भी थोड़ा बहुत समझ जाती थी और फिर धीरे धीरे भाभी का भी मेरे साथ मन लग गया और उन्हें भी मेरे से बात करना अब बहुत अच्छा लगता था।फिर एक दिन हम बातें कर रहे थे और थोड़ी ही देर के बाद भाभी बोली कि में नहा लेती हूँ.. मुझे बहुत गरमी लगने लगी है। तो मैंने कहा कि हाँ नहा लो.. तो वो बहार बरामदे में दरवाजा बंद करके नहाने लगी। तो मैंने मजाक में कहा कि दरवाजा थोड़ा अच्छे से बंद करना वरना में तुम्हे नहाते हुए देख लूँगा। तो वो कहने लगी कि नहीं तुम अंदर ही रहना। फिर वो थोड़ी देर के बाद नहाकर आ गई और बोली कि में बिल्कुल नंगी होकर नहाती हूँ और पेटिकोट भी नहीं पहनती.. क्योंकि वो गीला होकर चिपक जाता है और नहाने में बहुत दिक्कत होती है इसलिए में हमेशा ऐसे ही नहाती हूँ और फिर मैंने उनका हाथ पकड़ लिया और चूमने लगा.. तो वो कहने लगी कि चल दूर हट वरना कोई आ जाएगा। तो मैंने कहा कि कोई नहीं आएगा.. प्लीज एक बार करने दो ना और मैंने उनके होंठ को अपने होंठो से चूस लिया.. तो वो कह रही थी कि बस करो समझा करो कोई आ जाएगा। फिर मैंने भाभी को छोड़ दिया और उसके अगले दिन वो कपड़े बदल रही थी.. तो मैंने कहा कि आ जाऊं.. तो वो कहने लगी कि सब तुम्हारा ही तो है आ जाओ। फिर भाभी बिल्कुल नंगी हो गई और उसने अपने पेटिकोट का नाड़ा खोल दिया तो वो नीचे गिर गया और में भाभी से लिपट गया और मैंने कहा कि में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और उसे चूमने लगा और बूब्स चूसने लगा। तो वो कहने लगी कि उफफफफफ्फ़ आहह वासु आराम से पियो दूध और थोड़ा सा बचा देना बच्चे को भी पिलाना है। फिर मैंने एक बूब्स पिया और फिर थोड़ी देर के बाद दूसरे वाले से भी पिया.. फिर मैंने कहा कि में नीचे की जगह भी चूस लूँ.. लेकिन उसने कोई भी जवाब नहीं दिया.. बस सिसकियाँ लेती रही। तो मैंने देर ना करते हुए झट से अपना मुहं उसकी चूत पर लगा दिया और उसको बोला कि में दूध की जगह जूस तो सारा पी सकता हूँ ना। तो वो कहने लगी कि वासु इसमे से जितना जूस पिया जाये पी लो उफफफ्फ़ अहह माँ मर गयी उफफफफफ्फ़ और वो मेरे सर को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगी और फिर कहने लगी और ज़ोर से चूस और कुछ देर के बाद कहने लगी कि मुझे अपना वो दिखाओ। तो मैंने कहा कि आपका ही है निकाल लो ना.. तो उसने मेरी पेंट को खोलकर लंड को बाहर निकाला और कहने लगी कि यह तो बहुत लम्बा है और मेरी उम्मीद से कहीं बड़ा है और मैंने इतना बड़ा लंड कभी भी नहीं देखा और यह कहकर लंड को मुहं में लिया और चूसने लगी। तो में कहने लगा कि हाँ भाभी और लो पूरा डालो मुहं में.. हाँ और आगे पीछे करो.. भाभी हाँ बहुत अच्छे.. हाँ ऐसे ही करो। तो बोली कि हाँ वासु में कर रही हूँ और फिर थोड़ी देर बाद कहने लगी कि अब रहा नहीं जा रहा.. तो वो कहने लगी कि एक मिनट रूको.. में मेक्सी पहन लूँ फिर नीचे से नंगी रहूंगी तो तुम आराम से कर लेना और कपड़े पहने में भी ज्यादा देर नहीं लगेगी और फिर उन्होंने मेक्सी पहनी और उन्होंने अपनी मेक्सी को चूत से ऊपर अपने बूब्स तक उठा लिया।
फिर मैंने उनको नीचे लेटा दिया और लंड को एक ही धक्के के साथ चूत के अंदर डाल दिया तो वो बहुत ज़ोर से चिल्ला पड़ी अहह उईईई माँ मरी.. धीरे करो। तो मैंने कहा कि क्या हुआ? क्या ज्यादा दर्द हो रहा है? तो वो कहने लगी कि हाँ तुम्हारा लंड बड़ा है ना.. तुम एक काम करो थोड़ा मक्खन लगा लो.. तो मैंने अपने लंड पर मक्खन लगाया और लंड को एकदम ज़ोर से धक्का देकर अंदर डाल दिया। तो वो उफफफफ्फ़ अहह माँ मर गई और फिर उसने मेरी कमर में अपने दोनों पैर फंसा दिए और मुझे गंदे तरीके से चूमने लगी। फिर में नीचे से पूरा दम लगाकर धक्के मारता रहा और फिर वो भी अपने चूतड़ उछाल कर मरवाने लगी और कहने लगी कि अब तुम थक गए होंगे में तुम्हारे ऊपर आती हूँ और फिर वो मेरे ऊपर आकर चूतड़ो को घुमाने लगी और बूब्स मेरे मुहं में डाल दिया। फिर मैंने उसे कुतिया बनाया.. वो कुतिया बनी हुई क्या लग रही थी? पेरों में पायल और हाथों में चूड़ियाँ और बूब्स पर लटकता हुआ मंगलसुत्र.. बस मैंने और तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए और फिर कहने लगी कि में झड़ गयी हूँ और फिर थोड़ी देर के बाद में भी झड़ने लगा तो उन्होंने मेरा सारा वीर्य अंदर ही गिरा दिया और कहने लगी कि तुमने आज मुझे बहुत खुश कर दिया और फिर मेक्सी को नीचे किया और फिर हम किस करने लगे।
फिर हमने साथ में बैठकर खाना खाया और फिर हम एक हफ्ते तक लगातार ऐसे ही चुदाई करते रहे। फिर कुछ दिनों के बाद मुझे मम्मी ने घर बुला लिया.. तो मेरे जाते वक्त भाभी रोने लगी और में भी रोने लगा। तो मैंने कहा कि में तुम्हारे बिना कैसे रहूँगा और अब में घर में अकेला क्या करूँगा.. मुझे आपकी बहुत याद आएगी और कहा कि आपके पास तो आपके पति का लंड है और में किसकी चूत से मजे लूँगा और मेरी तो अभी शादी भी नहीं हुई है.. पापा, मम्मी को चोदते है.. में उन्हें देख देख कर भी थक चुका हूँ और माँ के अलावा घर पर कोई औरत नहीं है में क्या करूं? कैसे अपने लंड को शांत करूं और मम्मी को नंगी देखकर तो मुझे आपकी और याद आएगी और में उन्हे रोज़ नंगी नहाते हुए देखता हूँ। फिर भाभी बोली कि तुम अपनी माँ को पटा लो और हर रोज़ तुम्हे मज़े आ जाएगे और तुम्हारा लंड भी शांत हो जाएगा। तो मैंने कहा कि माँ नहीं मानेगी और वो बोली कि तुम्हारा लंड देखकर तो हर औरत मान जाएगी और वो भी लंड की बहुत भूखी है और साड़ी के नीचे बिल्कुल नंगी रहती है.. वो साली तुम्हारे पापा से चुदने के अलावा और किसी से अभी तक नहीं चुदी है.. लेकिन में तुम्हारी मदद करूँगी और फिर वो मान जाएगी और फिर तुम माँ को बहुत खुश रखना।
फिर भाभी ने कहा कि तुम बाथरूम से नहाकर बाहर निकलना और अपना तोलिया उसके सामने गिरा देना और उसे अपना लंड दिखा देना। फिर में घर आ गया और मैंने ऐसा ही किया.. नहाते हुए बिल्कुल नंगा हो कर नहाने लगा और जानबूझ कर तोलिया और अंडरवियर बाथरूम में नहीं लेकर आया और माँ को आवाज़ दी और मुहं पर साबुन लगा लिया और आंख बंद करके हाथ बाहर निकल कर तोलिया लेने लगा और दरवाजा ज्यादा खोल दिया और मेरी माँ तोलिया देते हुए और मेरे लंड को देखती रह गयी और चली गयी। तो मैंने भाभी को फोन पर सब कुछ बताया.. फिर उसने मुझे दूसरा प्लान बताया और वो कहने लगी अपनी चैन में अपना लंड फंसाना पड़ेगा और फिर चिल्लाना पड़ेगा। तो मैंने कहा कि भाभी में माँ के लिए कुछ भी करूंगा और मैंने ऐसा ही किया और हल्का सा पेंट की चैन में लंड फंसाकर चिल्लाया तो माँ मेरी आवाज सुनकर आ गई और बहुत डर गयी। फिर मेरे लंड की तरफ देखने लगी और हाथ लगाते हुए डरने लगी और एकदम से लंड पकड़कर चैन पर तेल डाला और लंड पेंट की चैन से निकल गया और मेरा लंड एकदम से माँ के मुहं की तरफ खड़ा हो गया। तो माँ उसके सुपाड़े की खाल उतारकर देखने लगी और कहने लगी कि अंडरवियर क्यों नहीं पहनते हो?
तो मैंने कहा कि माँ तुम भी तो नहीं पहनती हो। तो वो कहने लगी कि हमारी बात कुछ और है.. तो मैंने कहा कि क्या बात है? वो कहने लगी कि हमारा इतना मोटा केले जैसा नहीं होता है तो मैंने कहा कि माँ फिर कैसा होता है? माँ ने कहा कि बस थोड़ा छोटा सा छेद होता है। तो मैंने कहा कि माँ आप भी आपका वो दिखाओ ना कैसा होता है? तो माँ ने मेरे लंड हाथ से छोड़ दिया और फिर मैंने माँ से कहा कि आपने भी मेरा देखा है ना.. आप भी दिखा दो ना। फिर माँ ने कहा कि नहीं में नहीं दिखा सकती हूँ और फिर मैंने कहा कि माँ प्लीज आपको मेरी कसम। तो माँ ने कहा कि इसमे कसम देने की क्या ज़रूरत थी? तो मैंने कहा कि माँ क्या आप मेरी कसम तोड़ोगी? तो माँ ने अपनी साड़ी को ऊपर करके मुझे दिखाने लगी.. उनकी चूत पर हल्के हल्के बाल थे और में नीचे बैठकर बड़े ध्यान से देखने लगा और मैंने कहा कि माँ साड़ी को ऊपर करके पकड़े रहो और दोनों पैर खोलकर दिखाओ ना और माँ ने अपने दोनों पैर खोल दिए और मुझे अपनी चूत दिखाने लगी।
तो मैंने एकदम से माँ की चूत के दाने को मुहं से कसकर चूसा और माँ चिल्लाई उफफफफ्फ़ आईई क्या कर रहा है.. छीईई.. मुहं हटा वहाँ से वो गंदी चीज़ है बेटा। तो में कहने लगा कि नहीं माँ मुझे अच्छी लगती है और माँ उफफफ्फ़ अहह कर रही थी.. फिर मुझे जोश चड़ने लगा तो में और चूत पर मुहं से झटके लगाने लगा माँ उफफफफफ्फ़ अहह और मेरा सर चूत में दबाने लगी। फिर माँ ने कहा कि चल बस हो गया अब छोड़ दे। तो मैंने कहा कि अभी तो इसकी प्यास बुझाऊंगा माँ यह सुनते ही बोली कि तू समझदार है और सब जनता है.. फिर भी मुझे तड़पा रहा है। इतना प्यारा लंड है तेरा.. कितना मज़ा देगा यह आह उफ़फफफफ और फिर शरमाने लगी और वो पूरे जोश में थी.. फिर कहने लगी कि बेटा मेरी साड़ी खोल दो ना। तो मैंने माँ की साड़ी खोली और माँ का ब्लाउज, ब्रा और अब माँ के विशाल बूब्स मेरे मुहं में थे और माँ ने सिसकियाँ भरना शुरू कर दिया और दूसरा बूब्स मेरे मुहं में डाल दिया। तो मैंने माँ का नाड़ा खोल दिया और माँ का पेटिकोट खुल गया और नीचे गिर गया.. माँ पूरी नंगी थी। अब माँ क्या लग रही थी.. सर पर बिंदी बूब्स पर लटकता मंगलसूत्र और हाथों में चूड़ियां और पेरों में पायल और बिल्कुल नंगी.. दोस्तों आज मेरा सपना सच होने जा रहा था.. मैंने कहा कि माँ में आपकी चुदाई के पहले चूत में सिंदूर भरूँगा.. तुम्हे पहले अपना बनाऊँगा फिर चोदूंगा.. तो माँ कहने लगी कि तुझे जो करना है कर.. लेकिन मेरी प्यास बुझा दे.. में बहुत बहुत दिनों से भूखी हूँ.. तेरे पापा भी यहाँ पर नहीं रहते है। फिर मैंने सिंदूर का लाल तिलक झांटो के ऊपर लगा दिया और माँ की चूत के होंठो पर लिस्टिक लगाई और फिर उसे किस करने लगा माँ उफफफफफ्फ़ कितना अच्छा बेटा है तू.. थोड़ा लंड पर शहद लगा ले.. में भी तेरा लोलीपोप चूसूंगी.. तो माँ और में 69 पोज़िशन में एक दूसरे के लिंग और योनि को चूसने लगे उफफफफ्फ़ हफफफ्फ़ बेटा बहुत मज़ा आ रहा है। तुम्हारे लंड से शादी करके अच्छा लग रहा है और में माँ के ऊपर ही लेट गया तो मैंने माँ की चूत पर मेरा लंड लगाया। वो एकदम चिल्ला गई.. लेकिन चूत गीली होने के कारण माँ ज्यादा ज़ोर से नहीं चिल्लाई और कहने लगी कि उफफफ्फ़ कितना मोटा है.. मेरी चूत को इसे लेने के लिए पूरा मुहं खोलना पड़ रहा है। फिर मैंने धक्के और तेज़ कर दिए और माँ ने भी चूतड़ को उछालना शुरू कर दिया।
फिर वो कहने लगी कि उफ़फ्फ़ अह्ह्ह बेटा और तेज़ करो.. माँ को चोद और चोद उउफफफफ्फ़.. बुझा दे इसकी प्यास.. तो में माँ के दोनों पैर अपने हाथ से पकड़कर चोदने लगा और चूमने चाटने लगा। तो माँ कहने लगी कि तू मुझसे कितना प्यार करता है? तो मैंने माँ को अपनी गोद में ले लिया और हम एक दूसरे से चिपक कर चूमने लगे.. माँ उफफफफफ्फ़ आअहह बेटा बहुत मज़ा आ रहा और माँ ने कहा कि तू थक गया होगा और माँ मेरे ऊपर आ गयी और मेरे लंड पर बैठ गयी और उचकने लगी और फिर लंड पर चूतड़ को गोल गोल घुमाने लगी.. माँ उफफफ्फ़ आह बेटा में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ और माँ कहने लगी कि में झड़ने वाली हूँ और फिर मैंने माँ को गोद में ले लिया और माँ को लेकर खड़ा होकर चोदने लगा। माँ की चूत और चूतड़ को खड़े खड़े उछाल रहा था और माँ मेरे गले में हाथ डालकर किस कर रही थी और मेरे निप्पल चूस रही थी। फिर स्मूच करते ही माँ झड़ गयी और फिर मैंने भी झड़ गया और फिर में और माँ नंगे ही सो गये। फिर माँ और मैंने खाना खाया और हम दोनों पूरे दिन नंगे रहे और हमने 4 बार और चुदाई की और फिर हम सो गये ।।
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