Wednesday, June 10, 2015

FUN-MAZA-MASTI खरबूजे से चूचे तरबूज से चूतड़

FUN-MAZA-MASTI

खरबूजे से चूचे तरबूज से चूतड़


मेरा नाम समीर है और मैं एक कॉल-ब्वॉय हूँ। अकेली और कामपिपासु महिलाओं और लड़कियों की चुदाई करना मेरा काम है। मेरा लण्ड 8 इंच का है। मैं एक अच्छे सुडौल और कसरती जिस्म का मालिक हूँ।
अब मैं अपनी कहानी पर आता हूँ। यह एक सच्ची घटना है.. जो अभी 2 महीने पहले की ही है, मुझे कॉल आया.. उधर से एक महिला बोल रही थी.. उसने अपना नाम रूपाली (बदला हुआ नाम) बताया और उसने मेरी सर्विस लेने की बात कही।
मैंने पूछा- आपको मेरे बारे में कैसे पता चला?
तो उसने बताया- मुझे आपके बारे में आपकी कस्टमर नैना ने बताया है.. वो मेरी फ्रेंड है..
यहाँ मैं आपको बता दूँ कि नैना मेरी एक साल पुरानी ग्राहक है जो कि लगभग 30 वर्षीया महिला है.. उसकी मैंने अभी तक 20 बार चुदाई की है।
मैंने रूपाली से बातचीत फाइनल की और 2 दिन बाद मिलने की हमारी डील पक्की हुई। मुझे उससे मिलने के लिए उसके घर पर जाना था.. क्योंकि उस समय घर पर कोई नहीं था।
मैं उस दिन बताए पते पर पहुँचा.. मैंने दरवाजे पर जाकर घन्टी बजाई।
कुछ ही देर में दरवाजा खुला.. मैंने देखा तो वो एक 28 साल की महिला थी जिसका फिगर 34-28-34 का था.. उसने काले रंग की साड़ी और गहरे गले का ब्लाउज पहना हुआ था।
मैं उसे देखता ही रह गया.. उसने मुस्कुराते हुए मुझे अन्दर आने को कहा.. मैं अन्दर जाकर सोफ़े पर बैठ गया।
उसने मुझसे ठंडा गरम के लिए पूछा और मैंने चाय के लिए कहा.. वो मेरे लिए चाय बनाने अन्दर चली गई।
मैं उसके बड़े चूतड़ों को मटकते हुए देख रहा था.. जो मुझे चोदने के लिए निमंत्रित कर रहे थे।
मैं जब अन्दर आया था.. उस समय मैं उसकी बड़ी-बड़ी चूचियाँ देख रहा था.. क्योंकि मुझे बड़े चूचे ज्यादा पसंद हैं।
मैं बड़े चूचों वाली महिलाओं की चोदने से पहले खूब थन-चुसाई करता हूँ।
वो अन्दर से चाय लेकर आई और मैंने चाय लेकर पीना शुरू की.. वो इस दौरान मेरे पास आकर बैठ गई और उसने पूछा- आने में कोई दिक्कत तो नहीं हुई?
मैंने बताया- नहीं.. कोई दिक्कत नहीं हुई।
मैं उसे देखे ही जा रहा था.. तभी मेरा एक हाथ उसकी जाँघों पर गया.. वो चौंक पड़ी।
उसने कहा- जल्दी क्या है.. चाय पी लीजिए.. फिर बेडरूम में चलते हैं।
मैंने जल्दी से चाय खत्म की और वो मुझे बेडरूम में ले जाने के लिए उठी। मैं उसके पीछे-पीछे चल दिया.. जैसे ही मैं बेडरूम में पहुँचा.. उसने मुझसे कहा- शुरू हो जाओ…
मैंने तुरंत उसे उठाकर बिस्तर पर लिटा दिया और उसके होंठों को चूसने लगा। उसने मेरा साथ देना शुरू किया.. मैंने उसके होंठों को चूमते-चूमते उसके सारे कपड़े खोल दिए। अब वो सिर्फ़ एक काली ब्रा और पैन्टी में थी।
मैंने उसके ब्रा को एक झटके में निकाल फेंका और उसके भूरे निप्पलों को अपने होंठों से निचोड़कर उनका रस पीने लगा।
वो गरम होने लगी.. उसने मेरे अंडरवियर के ऊपर से ही मेरा लण्ड मसलना शुरू कर दिया। फिर मैंने उसकी ब्रा-पैन्टी और अपना अंडरवियर निकाल दिया। वो मेरे लण्ड को मुँह में भरकर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। कुछ मिनट लण्ड चुसवाने से मेरा माल निकल गया, वो एक झटके में सारा पानी पी गई।
अब बारी मेरी थी.. मैंने अपना मुँह ले जाकर उसकी गुलाबी चूत पर रखा और चाटने लगा। मैं अपनी जीभ को चूत की फाकों में अन्दर-बाहर करने लगा।
‘आहह.. एसस्स.. उहह.. फाड़ डालो इस चूत को मेरे राजा.. अब मैं तुम्हीं से ही चुदवाऊँगी..’
वो ये सब सिसिया कर कहने लगी। फिर अंत उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया.. जो नमकीन न होकर खट्टा टाइप का था।
कुछ देर तक हम दोनों ने लेट कर एक-दूसरे के कामांगों को छेड़ा तो हम दोनों चुदाई के लिए तैयार हो उठे। उसने मुझसे जल्दी से लण्ड को चूत के अन्दर डालने को कहा। मैंने लण्ड को चूत के मुहाने पर रखा और हल्का सा एक झटका दिया।
क्योंकि मैं पेशेवर होने के कारण चोदने के तरीके जानता हूँ.. उसकी चूत में लौड़ा घुसते ही उसके मुँह से हल्की ‘आह..’ निकल गई। दूसरे झटके में पूरा लण्ड अन्दर डालकर धकापेल चुदाई करने लगा।
वो भी चूतड़ों को हिलाकर मेरा साथ दे रही थी- और तेज.. और तेज.. आहा.. आअहह.. आह.. मजा आ गया.. चोद मेरे चोदू..
वो मादक आवाजें निकाल रही थी। कुछ ही देर में वो झड़ चुकी थी।
इस देर तक चली चुदाई में मैं झड़ने वाला हुआ और वो इस बीच 2 बार झड़ चुकी थी। मैंने अपना लण्ड उसकी चूत से निकालकर उसके मुँह में झड़ गया।
उस रात मैंने उसकी 3 बार चुदाई की और वो भी मेरे साथ चुदाई में कई बार झड़ कर खूब संतुष्ट हो चुकी थी। मैं सुबह अपने पैसे लेकर चला गया। चूंकि मेरा व्यवसाय ही चुदाई का है इसलिए मैं अपने धंधे में पूरी गोपनीयता रखता हूँ।
आपको मेरी यह सच्ची घटना कैसी लगी.. ज़रूर बताना..

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