FUN-MAZA-MASTI
मैं देखा की मुस्त लौंडिया खड़ी थी जो हाथ मैं कुछ बुक लिए रखी थी | उसने एक सफ़ेद रंग की कमीज़ और नीचे काली रंग की छोटी सी स्कर्ट पहनी हुए थी जिससे मुझे उसकी चिकनी टांगें धिकायी दे रही थी | मैं अपने आप को बिलकुल रोक नहीं पा रहा था और मेरा लंड खड़ा होने लगा | वो मुझे अपनी किताबों को बेचने के बारे में बता ही रही थी की मेरा तौलिया खुला गया और उसने अपनी आँखों मुझे बिलकुल नंगा देख लिया और मेरा लंड भी बिलकुल खड़ा था |
मैं शर्म से बिलकुल गीला हो चूका था तभी उसने शर्माते हुए कहा की उसे अंदर आना है एक ग्लास पानी भी चाहिए | मैं एबा जल्दी से अपनी तौलिया लपेटे हुए उसे पानी दिया | मैं अभी उसके बदन को देख मस्त रो रहा था की उसने कहा की मैं नंगा ही ज्यादा ठीक दिखा रहा था | मैं भी जोश में आ गया और उसके सामने नंगा ही हो गया | वो कुछ देर तो मेरे लंड को देखती ही रही फिर अचानक से दोस्तों उसने मेरे लंड पर हमला बोल दिया और मस्त में अपने हाथों में मसलने लगी |
कुछ ही देर में वो मेरे लंड को भर – भर के पी रही थी और मैं उसे पागलों की तरह देखा रहा था और उसके होठों को भी अपनी ऊँगली में दबाते हुए मसल रहा था | कुछ देर बाद वो उठी और मुझसे लिपट गयी और मैं उसकी शर्ट को खोलते हुए उसके चुचों को पागलों की तरह पीने लगा | मैंने कुछ देर बाद उसकी पैंट को खोलते हुए उसकी पैंटी को भी उतार दिया मस्त में उसकी चूत में ऊँगली करने लगा | अब मैंने उसकी दोनों टांगों को चौड़ा दिया और अपने लंड को उसकी चूत में अपने लंड को उसकी चूत में देने लगा |
वो मस्त तरीके से सिसकियाँ ले रही थी और मैं उसे वहीँ खड़े – खड़े उसकी एक टांग को अपने हाथ में पकडे हुए पेले जा रहा था | मुझे अपनी इतनी मस्त – मौला चुदाई पर यकीन नहीं हो रहा था | कुछ देर बाद मैं कुछ ज्यादा ही थक गया और हार कर वहीँ पर उसकी चूत के उप्पर ही अपने वीर्य और छोड दिया और उसकी चूत की फांकों को रगड़ते हुए उसके होठों को चूसने लगा | वो मेरे लंड को रगड़ते हुए अपने संतुष्टि दिखा रही थी | उसके देर बाद वो जल्द – बाज़ी में अपने कपड़े पहन वहाँ से चली गयी और फिर कभी नहीं आई
अजनबी अप्सरा
आज मैं आपको एक अजनबी लड़की की अपने ही घर में चूत चुदाई के बारे में बताने जा रहा हूँ जिसे मैंने खुद पहली बार देखा और मिला था | दोस्तों मैं उसका नाम तो नहीं जानता पर यह ज़रूर जनता हूँ की उन दिनों मैं अपने घर पर अकेले ही रहा करता था और एक दिन अचानक मेरे घर पर एक लड़की आई उस वक्त मैं नहाने ही जाने वाला था इसीलिए मैं नंगा था और बस दरवाज़े को खोलने के लिए मैं तौलिया पहना हुआ था और मस्त में जाकर मैं दरवाज़ भी खोल दिया |मैं देखा की मुस्त लौंडिया खड़ी थी जो हाथ मैं कुछ बुक लिए रखी थी | उसने एक सफ़ेद रंग की कमीज़ और नीचे काली रंग की छोटी सी स्कर्ट पहनी हुए थी जिससे मुझे उसकी चिकनी टांगें धिकायी दे रही थी | मैं अपने आप को बिलकुल रोक नहीं पा रहा था और मेरा लंड खड़ा होने लगा | वो मुझे अपनी किताबों को बेचने के बारे में बता ही रही थी की मेरा तौलिया खुला गया और उसने अपनी आँखों मुझे बिलकुल नंगा देख लिया और मेरा लंड भी बिलकुल खड़ा था |
मैं शर्म से बिलकुल गीला हो चूका था तभी उसने शर्माते हुए कहा की उसे अंदर आना है एक ग्लास पानी भी चाहिए | मैं एबा जल्दी से अपनी तौलिया लपेटे हुए उसे पानी दिया | मैं अभी उसके बदन को देख मस्त रो रहा था की उसने कहा की मैं नंगा ही ज्यादा ठीक दिखा रहा था | मैं भी जोश में आ गया और उसके सामने नंगा ही हो गया | वो कुछ देर तो मेरे लंड को देखती ही रही फिर अचानक से दोस्तों उसने मेरे लंड पर हमला बोल दिया और मस्त में अपने हाथों में मसलने लगी |
कुछ ही देर में वो मेरे लंड को भर – भर के पी रही थी और मैं उसे पागलों की तरह देखा रहा था और उसके होठों को भी अपनी ऊँगली में दबाते हुए मसल रहा था | कुछ देर बाद वो उठी और मुझसे लिपट गयी और मैं उसकी शर्ट को खोलते हुए उसके चुचों को पागलों की तरह पीने लगा | मैंने कुछ देर बाद उसकी पैंट को खोलते हुए उसकी पैंटी को भी उतार दिया मस्त में उसकी चूत में ऊँगली करने लगा | अब मैंने उसकी दोनों टांगों को चौड़ा दिया और अपने लंड को उसकी चूत में अपने लंड को उसकी चूत में देने लगा |
वो मस्त तरीके से सिसकियाँ ले रही थी और मैं उसे वहीँ खड़े – खड़े उसकी एक टांग को अपने हाथ में पकडे हुए पेले जा रहा था | मुझे अपनी इतनी मस्त – मौला चुदाई पर यकीन नहीं हो रहा था | कुछ देर बाद मैं कुछ ज्यादा ही थक गया और हार कर वहीँ पर उसकी चूत के उप्पर ही अपने वीर्य और छोड दिया और उसकी चूत की फांकों को रगड़ते हुए उसके होठों को चूसने लगा | वो मेरे लंड को रगड़ते हुए अपने संतुष्टि दिखा रही थी | उसके देर बाद वो जल्द – बाज़ी में अपने कपड़े पहन वहाँ से चली गयी और फिर कभी नहीं आई
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