FUN-MAZA-MASTI
फागुन के दिन चार--65
गतांक से आगे ...........
हाल बनारस का
पहला मेसेज डी बी का था..
चुम्मन वापस लौट आया था, बनारस की पुलिस के कब्जे में.
डी बी ने सबसे पहले ये खुश खबरी बताई.
उन्होंने मेरा शुक्रिया अदा किया..लिखा था की तुम्हारी मैना खूब अच्छा गा रही है.
आगे बात साफ हुयी. उनका इशारा शुक्ला की और था जिसे सेठजी की दूकान पे मैंने पकड़वाया था.
सिद्दीकी के सामने बहूत सी बातें बतायीं. ये तो मालूम था की तिहार जेल में बंद विकास ठाकुर से उसके सम्बन्ध है लेकिन वो इतने कारगर साबित होंगे. ( विकास ठाकुर , शुकल के बॉस के साथ काम करता था और वे दोनों एक जमाने में मुम्बई की मशहूर ' कंपनी' के लिए काम करते थे...हास्पिटल शूट आउट में उनका हाथ था...) इसका अंदाज नहीं था.
शुक्ला ने विकास ठाकुर को तिहार जेल में कान्टेक्ट किया. ठाकुर उसी जिले का था जहाँ के गृह राज्य मंत्री हैं और एक ज़माने में ठाकुर ने उनको बहोत हेल्प की थी. विकास ठाकुर ने सीधे मंत्री जी से कान्टेक्ट किया और ना चाहते हुए भी उन्होंने आखिर एस टी एफ को मेसेज दिया. उधर डी बी ने होम सेक्रेटरी से भी काफी प्रेसर डलवाया था.
स्पेशल प्लेन से रात ३ बजे चुम्मन को वापस बनारस भेज दिया गया.
सिद्दकी ने चुम्मन से पूछताछ की. उससे बहोत काम की बातें पता चलीं.
काशी करवट के पास एक जगह उसे बाम्ब हैंडल करने की ट्रेनिंग दी गयी. जिस आदमी ने उसे ये ट्रेनिंग दी उसने नकाब पहन रखी थी ..लेकिन जो आवाज और हुलिया चुम्मन ने बताया, उसके हिसाब से ये हुजी का एक एक्सपर्ट आपरेटिव लगता है...जिसके बारे में आई बी को ये अंदाजा था की वो बंगला देश में है...
चुम्मन को उसने ये सिखाया था की बम्ब में डिटोनेटर, टाइमर और शार्पनेल कैसे लगाते हैं...बाद में बाम्ब से टाइमर, डिटोनेटर और शर्पेनेल निकाल के एक बाम्ब उसे दिया गया था की वो गंगा के किनारे कहीं सूनसान जगह पे उसे एक्स्प्लोड़ कर के टेस्ट करें...उसी बम्ब को वो ले आया था...
चुम्मन को ले के स्निफर डाग्स के साथ वो लोग काशी करवट की उस जगह पे भी गए...
स्निफर डाग्स ने उस जगह आर डी एक्स को भी स्निफ किया और डिटोनेटर्स को भी.
ये साफ लग रहा था की बाम्ब वहीँ असेम्बल हुए हैं और ये हुजी के उस आपरेटिव के अलावा किसी के बस की बात नहीं. डाग्स ने उस को ट्रेस करने की भी कोशिश की ...लेकिन सारी सेंट गंगा के पास जा के ख़तम हो गयी थी.
इसका मतलब की नदी के रस्ते ट्रांसपोर्ट किया गया है. ये भी अंदाज लग रहा है की वो बाम्ब मेकर कम से कम ३६ घंटे वहां था. चुम्मन ने उस के पास एक काठमांडू जाने काएयर टिकट भी देखा था.
दूसरी इम्पार्टेंट बात जो पता चली की अब ये अंदाजा लग गया है की आर डी एक्स कैसे आया.
कई बार स्मगलर्स जान बूझ के कुछ सामान कस्टम्स को पकड़वा देते हैं जिससे कुछ दिन तक हीट कम हो जाय...लेकिन ये हाल बहोत बड़ा नहीं होता...
अभी लेकिन कुछ दिन पहले कस्टम्स को एक अब्नार्मल हाल का अंदाज लगा और उन्होंने काफी पुलिस की भी सहायता ले के सुनौली बार्डर पे हिरोइन की एक रिकार्ड खेप पकड़ी...शुक्ला ने गोरखपुर के एक गैंग, से बात करके पता किया की वो शायद कैमफ्लाज था.
सारी की सारी पुलिस १५-२० किलोमीटर में लग गयी थी और वहां से ४० की.मी दूर एक नाले के रास्ते से दो -चार बोरे कोई सामान स्मगल हुआ...जो एक भरी हुयी गारबेज ट्रक में रख के बनारस आया.
गार्बेज ट्रक के दो एडवांटेज थे...एक तो उसे कोई अन्दर तक चेक नहीं करता और दूसरे उसकी बदबू में आर डी एक्स की महक दब जाती है...वो ट्रक १५ दिन पहले आजमगढ़ म्युनिस्पिलीटी से चोरी हुआ था. लेकिन टाल के सी सी टी वी से उसका डिटेल मिल गया है और दोपहर तक वो और उसके लोग ट्रेस हो जायेंगे.
डी बी ने तीसरी बात ये बतायी थी की आज उसने डिटेल्स हेड क्वार्टर को नहीं बताये हैं, लेकिन आज १२ बजे होम सेक्रेटरी और ज्वाइंट डायरेक्टर आई बी आ रहे हैं और साढ़े १२ बजे नदेसर कोठी में मीटिंग है.
वो रीत को भी ले जाएगा. उसने मुझसे ये कहा था की मैंने साढ़े ११ बजे तक जितने फैक्ट मिलें उसे समरायिज कर एक रिपोर्ट बना के रीत के थ्रू उसको मेल कर दूँ.
मैंने घडी देखी ८.१५ हो गए थे.
होम सेक्रेटरी और आई बी के सामने पूरा थ्रेट असेसमेंट और उसके रामिफिकेशन बना के रखने होंगे.
रीत
रीत की रिपोर्ट सिर्फ एक लाइन की थी ...गुड्डी के साथ कित्ती बार...और वो चैटियाने के मूड में है.
जब मैंने चैट रूम खोला तो जैसे गुड के आसपास चींटियाँ होती हैं ना...बस उसी तरह...रीत के चारो ओर चैट करने वाले ...लेकिन रीत तो रीत दो मिनट में उसने सबको चलता कर दिया और हम एक प्राइवेट चैट रूम में शिफ्ट कर गए.
और रीत चालू हो गयी.
कल रात डी बी के साथ टार्गेट प्रैक्टिस के लिए गयी थी..दो घंटे ..और उन्होंने उसको दो पिस्टल दीं एक ग्लोक है छोटी सी और एक बड़ी...उन्हों दोनों से उसने प्रैक्टिस भी की, आज भी दो घंटे रात में जाना होगा.उसको वो एस. पी ओ वाला कार्ड भी मिल गया है.
;लेकिन मैं सुबह वाली बात जानने के लिए बेचैन था...जेड की नाव के बारे में ...
वो खीज गयी बोली..अरे यार बताती हूँ...अपने तो रात भर हैट ट्रिक की और ...
" हे तुझे कैसे मालूम हुआ..." मैंने पुछा.
" मेरे आदमी चारों ओर फैले हैं...मैंने स्पेशल पोलिस आफिसर रीत हूँ." वो गम्भीर अंदाज में बोली,
फिर मुस्कराते हुए कहा ...और कौन बताएगा ...गुड्डी ने बताया...अच्छा चलो घाट के बारे में बताती हूँ.
फिर वो चालू हो गयी.
कार्लोस के साथ वो सुबह ही घाट पे पहुँच गयी थी. कार्लोस ने रास्ते में उसे ट्रांसमीटर ( जो कल रात उसने क्रास बो से मार कर नाव में चिपका दिया था और जो वहां से होने वाले ट्रांसमिशन को रिपोर्ट कर रहा था) की रिपोर्टों के बारे में बताया...ये तो पक्का पता चल गया था..की यही नाव है..
और ट्रांसमीटर से लोकेशन भी मालूम हो गयी थी की वो चेतसिंह घाट पे ही है...हम लोग जब घाट पे पहुंचे तो उस नाव का मल्लाह वहीँ पे था...कार्लोस ने उससे बात की.
ये नाव वाले, घाट वाले सब फिरंगियों को देख के फिसल जाते हैं..और रेट दूना कर देते हैं...कार्लोस के साथ भी यही हुआ.
कार्लोस ने उसे बोला की वो एक हफ्ते के लिए इंडिया आया है उसे शाम या रात को तीन चार घंटे के लिए नाव चाहिए..एकाध हफ्ते के लिए...उसकी इण्डिया में मुझसे दोस्ती हो गयी है और होटल में गेस्ट रुकने नहीं देता...इसलिए ...
" डोंट वरी साहब आल अरेंजमेंट हियर...अन्दर डबल बेड..बहोत कम्फर्टेबल ...वेरी साफ्ट मिस्ट्रेस सर ...बहोत इंजॉय .." वो जोश में आ गया.
" तुम्हारा मतलब मैट्रेस ..."रीत ने हल्के से उसे समझाया...
" अरे उह्हे बात ...मैट्रेस... मिस्ट्रेस..."नाव वाला बोला..
कार्लोस ने जब नाव में कोई ख़ास दिलचस्पी नहीं दिखाई और हम लोग चलने लगे तो रोक के खुद नाव वाले ने बोला
" साहब ...मजा पानी के लिए इ बहूत बढ़िया हाउ...एक साहेब तो हफ्ता भर के लिए बुक करेले हैं...रोज एक ठो के लीयात हैं और २-३ घंटा नाव में ...और फिर उ अपने घरे.. और उ अपने घरे.."
मैं समझ गयी की ये जेड के बारे में बात कर रहा है ...लेकिन कार्लोस ने कोई इंटरेस्ट नहीं दिखाया मैंने जब उसकी ओर देखा तो उसने मुझे आँख से इशारा किया...कूल डाउन..
कार्लोस वापस घाट पे चढ़ने लगा तो नाव वाला पीछे...पीछे...कार्लोस ने बहोत बेतकल्लुफी से हाथ मेरे कंधे पे रखा था और मैंने भी उसका हाथ पकड़ रखा था.
" सर ट्राई प्लीज ....वेरी इन्जोय बोट सर बेस्ट इन बनारस..." नाव वाला बोला.
कार्लोस मुड लिए ..ओके जस्ट सी ..मुझसे बोले...
आगे नाव वाला पीछे पीछे मैं और कार्लोस...नाव बड़ी थी वेल मेंटेंड...लेकिन कवर्ड एरया लाक्ड था...
इसको दिखाओ...मैंने नाव वाले से बोला.
वो थोडा हिचकिचाया और बोला..." वो असल में वो अभी...साहब ईट इस गुड ..वो वो अभी मैं ..."
" ओके चलो वी विल लुक फॉर सम ओदर ..." कार्लोस मुड लिए लेकिन मैंने रोका..." लेट मी टाक विद हिम..." और मैंने उसके कंधे पे हाथ रख के दूसरे कोने पे ले गयी..वो परेसान लग रहा था...
" तुम पैसे को लात मार रहे हो...ये डालर में पे करेगा..." मैंने धीमे से उसे समझाया.
" डालर में..."
उसके आँख में चमक आ गयी. लेकिन वो फिर बुझ गयी. वो बोला...
" उ जो साहब लिए हैं ना सख्तमना किये हैं ....की केहू और को नाव पे घुसाने मत देना...और कल तक का पैसा एडवांस दिए हैं...ता इसीलिए..."
" अरे बेवकूप्फ़...वो यहाँ तो हैं नहीं और कौन देख रहे हैं साफ सफाई के लिए तो तुम अन्दर जाते होगे ना..."
मैंने समझाया.
" और फिर खाली इ सवाल इनका नहीं है..१० दिन का इनसे डील है...मैं खाली फिरंगियों के पास जाती हूँ...अगर मुझे पसंद आ गयी ना तुम्हारी तो... लेकिन ५% मेरा... महीने में १५ से २० दिन की बुकिंग पक्की और फिर अभी एक फ़िल्म की सूटिंग होनी है वो भी इसी में करा दूंगी...बोलो..."
उधर से कार्लोस की आवाज आई...डार्लिंग चलो..
रीत बोली ..." यार दिखा दो जल्दी इस को पसंद आ गया तो वरना...वैसे उस आदमी ने नाव कब तक बुक किया है..."
" कल शाम तक "
और नाव वाले ने अपना कार्ड रीत को पकड़ा दिया और बोला की आप ले आइयेगा कस्टमर ..आपका ५% पक्का.
फिर उस ने ताला खोला.
एक बढ़िया बेड था, चौड़ा...दो साइड में खिडकियाँ, एक छोटी सी वार्ड रोब...एक ड्रेसिंग टेबल और दो स्टूल. दीवाल पे वाल पेपर लगे थे और तीन ताखे थे. बेड पे दो पिलोस थी और कुछ कुशन
" हे हम थोडा ट्राई मांगता जस्ट ५ मिनट्स..कार्लोस ने नाव वाले से बोला.
नाव वाला थोडा हिचकिचाया लेकिन मैंने कार्लोस को इशारा कर दिया..और उन्होंने अपना नोटों से भरा पर्स खोल के १० डालर का एक नोट उसे पकड़ा दिया.
नाव वाला बाहर चला गया.
कार्लोस ने रीत को बांहों में भरने की कोशिश की लेकिन रीत बोली...डार्लिंग जस्ट वेट...
नाव वाला बाहर से देख रहा था
रीत ने दरवाजा बंद किया, खिडकियाँ चेक की.
तब तक कार्लोस जेब से एक मिनी कैमरा निकाल के अन्दर के कमरे की फोटो ले रहे थे. रीत पलंग पे चेक करने ही वाली थी की की कार्लोस ने रोक दिया..
" वन मिनट...लुक एट पिलो ...मार्क इट...आफ्टर सर्च रूम शुड रिमेन सेम..." और उसके बाद पूरे पलंग को हम लोगों ने छान मारा लेकिन कुछ नहीं मिला.
रूम में कुछ था ही नहीं.
सिर्फ ताखे में एक बोतल रम की रखी थी, १/३ खाली.
कार्लोस ने उसे भी चेक किया. कुछ नहीं मिला. कार्लोस ने उसे भी चेक किया लेकिन कुछ नहीं. कार्लोस टायलेट में गए और रीत दरवाजा खोल के बाहर.
नाव वाला दूसरे कोने में था.
रीत ने उसके सामने उसे दिखाते हुए अपने बाल और मेकप ठीक किया और बोली
" बहोत अच्छा है मैं अपने सब कस्टमर यही ले आउंगी...बस एक सजेशन है...तुम इम्पोर्टेड कंडोम रखो...फ्लेवर्ड वाले..मिनरल वाटर ...और उस का पैसा अलग से चार्ज करना ...वो साहेब जरा टायलेट गए हैं अभी आते हैं...
नाव वाल मुस्कराया ..." ठीक है..."
रीत ने पुछा और वो जो साहेब...जिन्होंने १० दिन के लिए बोट बुक कराई है वो तो पैसे वाले होंगे..."
" हाँ सब पैसा एडवांस दिए हैं और वो जो औरतिया आती है ओहू को डेली के डेली के हिसाब से देते हैं , लेकिन आप काहें पूछ रही हैं ..आप का तो इ फिरंगियाँ.."
नाव वाला बोला.
" बात तो उ ठीक कह रहे हो...और मैं भी महीने में ६-७ कस्टमर से ज्यादा नहीं और सब बिदेशी लेकिन...अब ये भी तो सीजन का बात है ना...गर्मी में नदी के साथ साथ इ टूरिस्टों ता झुरा जाते हैं...टी उ तीन चार महीने में कभी कभी ...अगर मालदार असामी हो तो क्या बुरा है..."
रीत बोली ...ता उ आपन नाम फोन ओन तो दियो होंगे ना...सौदा हो गया तो १० % तुम्हारा."
"नाहीं... बिचित्र मनई है...अकसर तो उ मोटरसाइकल वाला हैमलेट पहिरे रहता है, रात में आता है और एक बात और ऐसे खड़े होगा की अन्धियारावे में...बाकी ..." नाव वाला बोल के चुप हो गया.
रीत के मन में आशा की किरण जगी. वो बोली " बाकी का..."
" उ औरत अपना नाम एक दिन बताई थी...बोली थी मैं चम्पा बाई के यहाँ गाना सीखे हूँ...खाली गाने का धंधा करती हूँ और कुछ नहीं... ..हाँ अपना नाम बताई थी..सोनल...भारी बदन की है...
थोडा बाकि एकाध बार नाव पे भी अन्दर कमरा में गा रही थी लेकिन साहेब हमक बोले हैं की जब तक उ लोग रहे नाव पे हम दूसरे कोना में रही. हम ता दूरियें रहते हैं ..अन्दर उ का करते हैं हमसे का मतलब..."
नाव वाला हंस के बोला.
रीत भी साथ साथ मुस्करायी लेकिन बोली
"और उ सोनल रहती कहाँ है..."
" का मालूम और देखिये हम तो आप से भी नहीं पूछे की आप कहाँ रहती हैं...हाँ लेकिन आप तो छोकरी टाइप हैं स्टुडेंट टाइप...वो तो एकदम्मे दालमंडी छाप थी उहीं की होगी."
नाव वाला बोला.
रीत थोड़ी देर खड़ी रही फिर बोली...
" मैं उसको बुला के लाती हूँ..." और अन्दर चली गयी.
कार्लोस टायलेट से बाहर खड़े थे और बिना रीत के पूछे निराश हो के सर हिलाया.
रीत ने घाट साइड वाली खिड़की खोली तो खांचे में एक कागज सा दिखा...
रीत ने अपनी बाल में से चिमटी निकाल के खुरेद के कागज़ के कुछ टुकडे निकाले मुड़े तुडे. लग रहा था की किसी ने वो कागज़ फाड़ के नदी में डालने के लिए फेंका होगा लेकिन वो यहीं गिर गए होंगे.
कार्लोस ने उसे सम्हाल के रख लिए...और रीत और कार्लोस दोनों बाहर निकल आये.
चलते हुए कार्लोस ने बोट वाले को १० डालर और दिए और बोला...की उन्हें नाव पसंद आई है...होली के दिन रात को आयेंगे और रीत उस नाव वाले के टच में रहेगी.
रीत की कहानी ख़तम होने पे मैंने सम अप किया...
' देखो ..दो बातें साफ हो गयी...जेड ही उस नाव को कोस्तेमाल कर रहा है क्मुनिकेट करने केलिए और वो औरत सिर्फ एक कैमोफ्लाज है.
दूसरी भले जेड के बारे में सीधे न पता चल पाया हो लेकिन उस औरत से तो उसने अपना चेहरा नहीं छुपाया...होगा. इसलिए अगर हम उस औरत को ट्रेस कर लेंगे तो उससे उसके बारे में पता चल जायगा. और उस कागज के टुकड़ों से भी हो सकता है कार्लोस कुछ काम की बता पता कर ले..."
" यही तो उस का नाम सोनल है, किसी चम्पा बाई की चेली है, थोड़ी भारी बदन की है...बस और अगर वहां जा के हमने पूछ ताछ की और वो एलर्ट हो गयी तो..."
रीत ने बोला.
" मैं रास्ता बताता हूँ, तुम हो कहाँ..."
मैंने पुछा...
" घर पर क्यों..." रीत बोली.
" अरे दूबे भाभी ...उन से हेल्प लो ना...याद है वो बार बार मुझे मेरी कजिन का नाम ले के छेड़ रही थीं ना की आने दो उसे दालमंडी में बैठाऔंगी रात भर..."
रीत तुरंत फार्म पर आ गयी...
" अरे हाँ गुड्डी बोल रही थी..तुम जाने वाले हो ना उसके यहाँ आज...ले जरूर आना अपने साथ..."
उसकी बात अन सुनी कर मैंने अपनी बात जारी रखी, तो मैंने मजाक मेंदूबे भाभी पुछा की उन्हें दालमंडी के बारे में कैसे जानकारी है तो वो बोलीं की,
उन्होंने प्रसिद्ध गायिका राजेश्वरी देवी की लड़की से वहीँ ठुमरी और कजरी सीखी थी.
फिर उनके मामा की एक दूकान भी थी वहां..इसलिए वो आती जाती थी और अब भी उन का वहां कान्टेक्ट है. तो तुम उनसे पूछो...वो किसी जानने वाले का नाम देंगी तो बस ...कार्लोस को ले जाना
और हाँ डी बी से बात कर लेना वो पोलिस आर्टिस्ट दे देंगे...वो सोनल से बात कर के उस का स्केच बना देगा.
आजकल पुलिस कंप्यूटर भी यूज करती है यहाँ शायद एवो फिट साफ्ट वेयर यूज करते हैं...वो भी ले आएगा. एक बार आई डी फोटो बन गया तो सी सी टी वि , बैंक, पैन कार्ड...इन्फोर्मेशन मिल जायेगी. तुरंत स्टार्ट करो...और जैसे फोटो बन जाये मुझे बताना मैं घर पर ही रहूँगा.'
" ओके " रीत ने चैट से लाग आफ किया और दूबे भाभी के पास गयी.
Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | मराठी जोक्स | ट्रैनिंग | kali | rani ki | kali | boor | सच | | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | छातियाँ | sexi kutiya | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bharat | india | japan |funny animal video , funny video clips , extreme video , funny video , youtube funy video , funy cats video , funny stuff , funny commercial , funny games ebaums , hot videos ,Yahoo! Video , Very funy video , Bollywood Video ,
Free Funny Videos Online , Most funy video ,funny beby,funny man,funy women
bhatt_ank, xossip, exbii, कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ हिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया ,रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की सेक्सी कहानियाँ , मराठी सेक्स स्टोरीज , चूत की कहानिया , सेक्स स्लेव्स , Tags = कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ stories , kaamuk kahaaniya , हिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स | सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स | vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा | सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई | एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein | चुटकले चुदाई के | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain | चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा | सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai | payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ | हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi,choot,chudai,nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories,chudai,chudai ki,hindi stories,urdu stories,bhabi,choot,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi chudai,desi story,story bhabhi,choot ki,chudai hindi,chudai kahani,chudai stories,bhabhi stories,chudai story,maa chudai,desi bhabhi,desi chudai,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story,choot lund,chudai kahaniyan,aunty chudai,bahan chudai,behan chudai,bhabhi ko,hindi story chudai,sali chudai,urdu chudai,bhabhi ke,chudai ladki,chut chudai,desi kahani,beti chudai,bhabhi choda,bhai chudai,chachi chudai,desi choot,hindi kahani chudai,bhabhi ka,bhabi chudai,choot chudai,didi chudai,meri chudai,bhabhi choot,bhabhi kahani,biwi chudai,choot stories, desi chut,mast chudai,pehli chudai,bahen chudai,bhabhi boobs,bhabhi chut,bhabhi ke sath,desi ladki,hindi aunty,ma chudai,mummy chudai,nangi bhabhi,teacher chudai, bhabhi ne,bur chudai,choot kahani,desi bhabi,desi randi,lund chudai,lund stories, bhabhi bra,bhabhi doodh,choot story,chut stories,desi gaand,land choot,meri choot,nangi desi,randi chudai,bhabhi chudai stories,desi mast,hindi choot,mast stories,meri bhabhi,nangi chudai,suhagraat chudai,behan choot,kutte chudai,mast
bhabhi,nangi aunty,nangi choot,papa chudai,desi phudi,gaand chudai,sali stories, aunty choot,bhabhi gaand,bhabhi lund,chachi stories,chudai ka maza,mummy stories, aunty doodh,aunty gaand,bhabhi ke saath,choda stories,choot urdu,choti stories,desi aurat,desi doodh,desi maa,phudi stories,desi mami,doodh stories,garam bhabhi,garam chudai,nangi stories,pyasi bhabhi,randi bhabhi,bhai bhabhi,desi bhai,desi lun,gaand choot,garam aunty,aunty ke sath,bhabhi chod,desi larki,desi mummy,gaand stories,apni stories,bhabhi maa,choti bhabhi,desi chachi,desi choda,meri aunty,randi choot,aunty ke saath,desi biwi,desi sali,randi stories,chod stories,desi phuddi,pyasi aunty,desi chod,choti,randi,bahan,indiansexstories,kahani,mujhe,chachi,garam,desipapa,doodhwali,jawani,ladki,pehli,suhagraat,choda,nangi,behan,doodh,gaand,suhaag raat, aurat,chudi, phudi,larki,pyasi,bahen,saali,chodai,chodo,ke saath,nangi ladki,behen,desipapa stories,phuddi,desifantasy,teacher aunty,mami stories,mast aunty,choots,choti choot, garam choot,mari choot,pakistani choot,pyasi choot,mast choot,saali stories,choot ka maza,garam stories ,हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी ,kamuk kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी ,घुसेड दिया ,garam stories.blogspot.com ,कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन ,kamuk-kahaniyan.blogspot.com,लड़कियां आपस , blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी ,चूत ,जीजू ,kamuk kahaniyan ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,hindisexistori.blogspot.com ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी
फागुन के दिन चार--65
गतांक से आगे ...........
हाल बनारस का
पहला मेसेज डी बी का था..
चुम्मन वापस लौट आया था, बनारस की पुलिस के कब्जे में.
डी बी ने सबसे पहले ये खुश खबरी बताई.
उन्होंने मेरा शुक्रिया अदा किया..लिखा था की तुम्हारी मैना खूब अच्छा गा रही है.
आगे बात साफ हुयी. उनका इशारा शुक्ला की और था जिसे सेठजी की दूकान पे मैंने पकड़वाया था.
सिद्दीकी के सामने बहूत सी बातें बतायीं. ये तो मालूम था की तिहार जेल में बंद विकास ठाकुर से उसके सम्बन्ध है लेकिन वो इतने कारगर साबित होंगे. ( विकास ठाकुर , शुकल के बॉस के साथ काम करता था और वे दोनों एक जमाने में मुम्बई की मशहूर ' कंपनी' के लिए काम करते थे...हास्पिटल शूट आउट में उनका हाथ था...) इसका अंदाज नहीं था.
शुक्ला ने विकास ठाकुर को तिहार जेल में कान्टेक्ट किया. ठाकुर उसी जिले का था जहाँ के गृह राज्य मंत्री हैं और एक ज़माने में ठाकुर ने उनको बहोत हेल्प की थी. विकास ठाकुर ने सीधे मंत्री जी से कान्टेक्ट किया और ना चाहते हुए भी उन्होंने आखिर एस टी एफ को मेसेज दिया. उधर डी बी ने होम सेक्रेटरी से भी काफी प्रेसर डलवाया था.
स्पेशल प्लेन से रात ३ बजे चुम्मन को वापस बनारस भेज दिया गया.
सिद्दकी ने चुम्मन से पूछताछ की. उससे बहोत काम की बातें पता चलीं.
काशी करवट के पास एक जगह उसे बाम्ब हैंडल करने की ट्रेनिंग दी गयी. जिस आदमी ने उसे ये ट्रेनिंग दी उसने नकाब पहन रखी थी ..लेकिन जो आवाज और हुलिया चुम्मन ने बताया, उसके हिसाब से ये हुजी का एक एक्सपर्ट आपरेटिव लगता है...जिसके बारे में आई बी को ये अंदाजा था की वो बंगला देश में है...
चुम्मन को उसने ये सिखाया था की बम्ब में डिटोनेटर, टाइमर और शार्पनेल कैसे लगाते हैं...बाद में बाम्ब से टाइमर, डिटोनेटर और शर्पेनेल निकाल के एक बाम्ब उसे दिया गया था की वो गंगा के किनारे कहीं सूनसान जगह पे उसे एक्स्प्लोड़ कर के टेस्ट करें...उसी बम्ब को वो ले आया था...
चुम्मन को ले के स्निफर डाग्स के साथ वो लोग काशी करवट की उस जगह पे भी गए...
स्निफर डाग्स ने उस जगह आर डी एक्स को भी स्निफ किया और डिटोनेटर्स को भी.
ये साफ लग रहा था की बाम्ब वहीँ असेम्बल हुए हैं और ये हुजी के उस आपरेटिव के अलावा किसी के बस की बात नहीं. डाग्स ने उस को ट्रेस करने की भी कोशिश की ...लेकिन सारी सेंट गंगा के पास जा के ख़तम हो गयी थी.
इसका मतलब की नदी के रस्ते ट्रांसपोर्ट किया गया है. ये भी अंदाज लग रहा है की वो बाम्ब मेकर कम से कम ३६ घंटे वहां था. चुम्मन ने उस के पास एक काठमांडू जाने काएयर टिकट भी देखा था.
दूसरी इम्पार्टेंट बात जो पता चली की अब ये अंदाजा लग गया है की आर डी एक्स कैसे आया.
कई बार स्मगलर्स जान बूझ के कुछ सामान कस्टम्स को पकड़वा देते हैं जिससे कुछ दिन तक हीट कम हो जाय...लेकिन ये हाल बहोत बड़ा नहीं होता...
अभी लेकिन कुछ दिन पहले कस्टम्स को एक अब्नार्मल हाल का अंदाज लगा और उन्होंने काफी पुलिस की भी सहायता ले के सुनौली बार्डर पे हिरोइन की एक रिकार्ड खेप पकड़ी...शुक्ला ने गोरखपुर के एक गैंग, से बात करके पता किया की वो शायद कैमफ्लाज था.
सारी की सारी पुलिस १५-२० किलोमीटर में लग गयी थी और वहां से ४० की.मी दूर एक नाले के रास्ते से दो -चार बोरे कोई सामान स्मगल हुआ...जो एक भरी हुयी गारबेज ट्रक में रख के बनारस आया.
गार्बेज ट्रक के दो एडवांटेज थे...एक तो उसे कोई अन्दर तक चेक नहीं करता और दूसरे उसकी बदबू में आर डी एक्स की महक दब जाती है...वो ट्रक १५ दिन पहले आजमगढ़ म्युनिस्पिलीटी से चोरी हुआ था. लेकिन टाल के सी सी टी वी से उसका डिटेल मिल गया है और दोपहर तक वो और उसके लोग ट्रेस हो जायेंगे.
डी बी ने तीसरी बात ये बतायी थी की आज उसने डिटेल्स हेड क्वार्टर को नहीं बताये हैं, लेकिन आज १२ बजे होम सेक्रेटरी और ज्वाइंट डायरेक्टर आई बी आ रहे हैं और साढ़े १२ बजे नदेसर कोठी में मीटिंग है.
वो रीत को भी ले जाएगा. उसने मुझसे ये कहा था की मैंने साढ़े ११ बजे तक जितने फैक्ट मिलें उसे समरायिज कर एक रिपोर्ट बना के रीत के थ्रू उसको मेल कर दूँ.
मैंने घडी देखी ८.१५ हो गए थे.
होम सेक्रेटरी और आई बी के सामने पूरा थ्रेट असेसमेंट और उसके रामिफिकेशन बना के रखने होंगे.
रीत
रीत की रिपोर्ट सिर्फ एक लाइन की थी ...गुड्डी के साथ कित्ती बार...और वो चैटियाने के मूड में है.
जब मैंने चैट रूम खोला तो जैसे गुड के आसपास चींटियाँ होती हैं ना...बस उसी तरह...रीत के चारो ओर चैट करने वाले ...लेकिन रीत तो रीत दो मिनट में उसने सबको चलता कर दिया और हम एक प्राइवेट चैट रूम में शिफ्ट कर गए.
और रीत चालू हो गयी.
कल रात डी बी के साथ टार्गेट प्रैक्टिस के लिए गयी थी..दो घंटे ..और उन्होंने उसको दो पिस्टल दीं एक ग्लोक है छोटी सी और एक बड़ी...उन्हों दोनों से उसने प्रैक्टिस भी की, आज भी दो घंटे रात में जाना होगा.उसको वो एस. पी ओ वाला कार्ड भी मिल गया है.
;लेकिन मैं सुबह वाली बात जानने के लिए बेचैन था...जेड की नाव के बारे में ...
वो खीज गयी बोली..अरे यार बताती हूँ...अपने तो रात भर हैट ट्रिक की और ...
" हे तुझे कैसे मालूम हुआ..." मैंने पुछा.
" मेरे आदमी चारों ओर फैले हैं...मैंने स्पेशल पोलिस आफिसर रीत हूँ." वो गम्भीर अंदाज में बोली,
फिर मुस्कराते हुए कहा ...और कौन बताएगा ...गुड्डी ने बताया...अच्छा चलो घाट के बारे में बताती हूँ.
फिर वो चालू हो गयी.
कार्लोस के साथ वो सुबह ही घाट पे पहुँच गयी थी. कार्लोस ने रास्ते में उसे ट्रांसमीटर ( जो कल रात उसने क्रास बो से मार कर नाव में चिपका दिया था और जो वहां से होने वाले ट्रांसमिशन को रिपोर्ट कर रहा था) की रिपोर्टों के बारे में बताया...ये तो पक्का पता चल गया था..की यही नाव है..
और ट्रांसमीटर से लोकेशन भी मालूम हो गयी थी की वो चेतसिंह घाट पे ही है...हम लोग जब घाट पे पहुंचे तो उस नाव का मल्लाह वहीँ पे था...कार्लोस ने उससे बात की.
ये नाव वाले, घाट वाले सब फिरंगियों को देख के फिसल जाते हैं..और रेट दूना कर देते हैं...कार्लोस के साथ भी यही हुआ.
कार्लोस ने उसे बोला की वो एक हफ्ते के लिए इंडिया आया है उसे शाम या रात को तीन चार घंटे के लिए नाव चाहिए..एकाध हफ्ते के लिए...उसकी इण्डिया में मुझसे दोस्ती हो गयी है और होटल में गेस्ट रुकने नहीं देता...इसलिए ...
" डोंट वरी साहब आल अरेंजमेंट हियर...अन्दर डबल बेड..बहोत कम्फर्टेबल ...वेरी साफ्ट मिस्ट्रेस सर ...बहोत इंजॉय .." वो जोश में आ गया.
" तुम्हारा मतलब मैट्रेस ..."रीत ने हल्के से उसे समझाया...
" अरे उह्हे बात ...मैट्रेस... मिस्ट्रेस..."नाव वाला बोला..
कार्लोस ने जब नाव में कोई ख़ास दिलचस्पी नहीं दिखाई और हम लोग चलने लगे तो रोक के खुद नाव वाले ने बोला
" साहब ...मजा पानी के लिए इ बहूत बढ़िया हाउ...एक साहेब तो हफ्ता भर के लिए बुक करेले हैं...रोज एक ठो के लीयात हैं और २-३ घंटा नाव में ...और फिर उ अपने घरे.. और उ अपने घरे.."
मैं समझ गयी की ये जेड के बारे में बात कर रहा है ...लेकिन कार्लोस ने कोई इंटरेस्ट नहीं दिखाया मैंने जब उसकी ओर देखा तो उसने मुझे आँख से इशारा किया...कूल डाउन..
कार्लोस वापस घाट पे चढ़ने लगा तो नाव वाला पीछे...पीछे...कार्लोस ने बहोत बेतकल्लुफी से हाथ मेरे कंधे पे रखा था और मैंने भी उसका हाथ पकड़ रखा था.
" सर ट्राई प्लीज ....वेरी इन्जोय बोट सर बेस्ट इन बनारस..." नाव वाला बोला.
कार्लोस मुड लिए ..ओके जस्ट सी ..मुझसे बोले...
आगे नाव वाला पीछे पीछे मैं और कार्लोस...नाव बड़ी थी वेल मेंटेंड...लेकिन कवर्ड एरया लाक्ड था...
इसको दिखाओ...मैंने नाव वाले से बोला.
वो थोडा हिचकिचाया और बोला..." वो असल में वो अभी...साहब ईट इस गुड ..वो वो अभी मैं ..."
" ओके चलो वी विल लुक फॉर सम ओदर ..." कार्लोस मुड लिए लेकिन मैंने रोका..." लेट मी टाक विद हिम..." और मैंने उसके कंधे पे हाथ रख के दूसरे कोने पे ले गयी..वो परेसान लग रहा था...
" तुम पैसे को लात मार रहे हो...ये डालर में पे करेगा..." मैंने धीमे से उसे समझाया.
" डालर में..."
उसके आँख में चमक आ गयी. लेकिन वो फिर बुझ गयी. वो बोला...
" उ जो साहब लिए हैं ना सख्तमना किये हैं ....की केहू और को नाव पे घुसाने मत देना...और कल तक का पैसा एडवांस दिए हैं...ता इसीलिए..."
" अरे बेवकूप्फ़...वो यहाँ तो हैं नहीं और कौन देख रहे हैं साफ सफाई के लिए तो तुम अन्दर जाते होगे ना..."
मैंने समझाया.
" और फिर खाली इ सवाल इनका नहीं है..१० दिन का इनसे डील है...मैं खाली फिरंगियों के पास जाती हूँ...अगर मुझे पसंद आ गयी ना तुम्हारी तो... लेकिन ५% मेरा... महीने में १५ से २० दिन की बुकिंग पक्की और फिर अभी एक फ़िल्म की सूटिंग होनी है वो भी इसी में करा दूंगी...बोलो..."
उधर से कार्लोस की आवाज आई...डार्लिंग चलो..
रीत बोली ..." यार दिखा दो जल्दी इस को पसंद आ गया तो वरना...वैसे उस आदमी ने नाव कब तक बुक किया है..."
" कल शाम तक "
और नाव वाले ने अपना कार्ड रीत को पकड़ा दिया और बोला की आप ले आइयेगा कस्टमर ..आपका ५% पक्का.
फिर उस ने ताला खोला.
एक बढ़िया बेड था, चौड़ा...दो साइड में खिडकियाँ, एक छोटी सी वार्ड रोब...एक ड्रेसिंग टेबल और दो स्टूल. दीवाल पे वाल पेपर लगे थे और तीन ताखे थे. बेड पे दो पिलोस थी और कुछ कुशन
" हे हम थोडा ट्राई मांगता जस्ट ५ मिनट्स..कार्लोस ने नाव वाले से बोला.
नाव वाला थोडा हिचकिचाया लेकिन मैंने कार्लोस को इशारा कर दिया..और उन्होंने अपना नोटों से भरा पर्स खोल के १० डालर का एक नोट उसे पकड़ा दिया.
नाव वाला बाहर चला गया.
कार्लोस ने रीत को बांहों में भरने की कोशिश की लेकिन रीत बोली...डार्लिंग जस्ट वेट...
नाव वाला बाहर से देख रहा था
रीत ने दरवाजा बंद किया, खिडकियाँ चेक की.
तब तक कार्लोस जेब से एक मिनी कैमरा निकाल के अन्दर के कमरे की फोटो ले रहे थे. रीत पलंग पे चेक करने ही वाली थी की की कार्लोस ने रोक दिया..
" वन मिनट...लुक एट पिलो ...मार्क इट...आफ्टर सर्च रूम शुड रिमेन सेम..." और उसके बाद पूरे पलंग को हम लोगों ने छान मारा लेकिन कुछ नहीं मिला.
रूम में कुछ था ही नहीं.
सिर्फ ताखे में एक बोतल रम की रखी थी, १/३ खाली.
कार्लोस ने उसे भी चेक किया. कुछ नहीं मिला. कार्लोस ने उसे भी चेक किया लेकिन कुछ नहीं. कार्लोस टायलेट में गए और रीत दरवाजा खोल के बाहर.
नाव वाला दूसरे कोने में था.
रीत ने उसके सामने उसे दिखाते हुए अपने बाल और मेकप ठीक किया और बोली
" बहोत अच्छा है मैं अपने सब कस्टमर यही ले आउंगी...बस एक सजेशन है...तुम इम्पोर्टेड कंडोम रखो...फ्लेवर्ड वाले..मिनरल वाटर ...और उस का पैसा अलग से चार्ज करना ...वो साहेब जरा टायलेट गए हैं अभी आते हैं...
नाव वाल मुस्कराया ..." ठीक है..."
रीत ने पुछा और वो जो साहेब...जिन्होंने १० दिन के लिए बोट बुक कराई है वो तो पैसे वाले होंगे..."
" हाँ सब पैसा एडवांस दिए हैं और वो जो औरतिया आती है ओहू को डेली के डेली के हिसाब से देते हैं , लेकिन आप काहें पूछ रही हैं ..आप का तो इ फिरंगियाँ.."
नाव वाला बोला.
" बात तो उ ठीक कह रहे हो...और मैं भी महीने में ६-७ कस्टमर से ज्यादा नहीं और सब बिदेशी लेकिन...अब ये भी तो सीजन का बात है ना...गर्मी में नदी के साथ साथ इ टूरिस्टों ता झुरा जाते हैं...टी उ तीन चार महीने में कभी कभी ...अगर मालदार असामी हो तो क्या बुरा है..."
रीत बोली ...ता उ आपन नाम फोन ओन तो दियो होंगे ना...सौदा हो गया तो १० % तुम्हारा."
"नाहीं... बिचित्र मनई है...अकसर तो उ मोटरसाइकल वाला हैमलेट पहिरे रहता है, रात में आता है और एक बात और ऐसे खड़े होगा की अन्धियारावे में...बाकी ..." नाव वाला बोल के चुप हो गया.
रीत के मन में आशा की किरण जगी. वो बोली " बाकी का..."
" उ औरत अपना नाम एक दिन बताई थी...बोली थी मैं चम्पा बाई के यहाँ गाना सीखे हूँ...खाली गाने का धंधा करती हूँ और कुछ नहीं... ..हाँ अपना नाम बताई थी..सोनल...भारी बदन की है...
थोडा बाकि एकाध बार नाव पे भी अन्दर कमरा में गा रही थी लेकिन साहेब हमक बोले हैं की जब तक उ लोग रहे नाव पे हम दूसरे कोना में रही. हम ता दूरियें रहते हैं ..अन्दर उ का करते हैं हमसे का मतलब..."
नाव वाला हंस के बोला.
रीत भी साथ साथ मुस्करायी लेकिन बोली
"और उ सोनल रहती कहाँ है..."
" का मालूम और देखिये हम तो आप से भी नहीं पूछे की आप कहाँ रहती हैं...हाँ लेकिन आप तो छोकरी टाइप हैं स्टुडेंट टाइप...वो तो एकदम्मे दालमंडी छाप थी उहीं की होगी."
नाव वाला बोला.
रीत थोड़ी देर खड़ी रही फिर बोली...
" मैं उसको बुला के लाती हूँ..." और अन्दर चली गयी.
कार्लोस टायलेट से बाहर खड़े थे और बिना रीत के पूछे निराश हो के सर हिलाया.
रीत ने घाट साइड वाली खिड़की खोली तो खांचे में एक कागज सा दिखा...
रीत ने अपनी बाल में से चिमटी निकाल के खुरेद के कागज़ के कुछ टुकडे निकाले मुड़े तुडे. लग रहा था की किसी ने वो कागज़ फाड़ के नदी में डालने के लिए फेंका होगा लेकिन वो यहीं गिर गए होंगे.
कार्लोस ने उसे सम्हाल के रख लिए...और रीत और कार्लोस दोनों बाहर निकल आये.
चलते हुए कार्लोस ने बोट वाले को १० डालर और दिए और बोला...की उन्हें नाव पसंद आई है...होली के दिन रात को आयेंगे और रीत उस नाव वाले के टच में रहेगी.
रीत की कहानी ख़तम होने पे मैंने सम अप किया...
' देखो ..दो बातें साफ हो गयी...जेड ही उस नाव को कोस्तेमाल कर रहा है क्मुनिकेट करने केलिए और वो औरत सिर्फ एक कैमोफ्लाज है.
दूसरी भले जेड के बारे में सीधे न पता चल पाया हो लेकिन उस औरत से तो उसने अपना चेहरा नहीं छुपाया...होगा. इसलिए अगर हम उस औरत को ट्रेस कर लेंगे तो उससे उसके बारे में पता चल जायगा. और उस कागज के टुकड़ों से भी हो सकता है कार्लोस कुछ काम की बता पता कर ले..."
" यही तो उस का नाम सोनल है, किसी चम्पा बाई की चेली है, थोड़ी भारी बदन की है...बस और अगर वहां जा के हमने पूछ ताछ की और वो एलर्ट हो गयी तो..."
रीत ने बोला.
" मैं रास्ता बताता हूँ, तुम हो कहाँ..."
मैंने पुछा...
" घर पर क्यों..." रीत बोली.
" अरे दूबे भाभी ...उन से हेल्प लो ना...याद है वो बार बार मुझे मेरी कजिन का नाम ले के छेड़ रही थीं ना की आने दो उसे दालमंडी में बैठाऔंगी रात भर..."
रीत तुरंत फार्म पर आ गयी...
" अरे हाँ गुड्डी बोल रही थी..तुम जाने वाले हो ना उसके यहाँ आज...ले जरूर आना अपने साथ..."
उसकी बात अन सुनी कर मैंने अपनी बात जारी रखी, तो मैंने मजाक मेंदूबे भाभी पुछा की उन्हें दालमंडी के बारे में कैसे जानकारी है तो वो बोलीं की,
उन्होंने प्रसिद्ध गायिका राजेश्वरी देवी की लड़की से वहीँ ठुमरी और कजरी सीखी थी.
फिर उनके मामा की एक दूकान भी थी वहां..इसलिए वो आती जाती थी और अब भी उन का वहां कान्टेक्ट है. तो तुम उनसे पूछो...वो किसी जानने वाले का नाम देंगी तो बस ...कार्लोस को ले जाना
और हाँ डी बी से बात कर लेना वो पोलिस आर्टिस्ट दे देंगे...वो सोनल से बात कर के उस का स्केच बना देगा.
आजकल पुलिस कंप्यूटर भी यूज करती है यहाँ शायद एवो फिट साफ्ट वेयर यूज करते हैं...वो भी ले आएगा. एक बार आई डी फोटो बन गया तो सी सी टी वि , बैंक, पैन कार्ड...इन्फोर्मेशन मिल जायेगी. तुरंत स्टार्ट करो...और जैसे फोटो बन जाये मुझे बताना मैं घर पर ही रहूँगा.'
" ओके " रीत ने चैट से लाग आफ किया और दूबे भाभी के पास गयी.
कार्लोस
मैंने अगली रिपोर्ट्स खोली ...कार्लोस की...सेट लाईट ट्रेकिंग की रिपोर्ट्स थीं.
बहोत टेक्नीकल डिटेल्स थे.
रीत के आइडिया का फायदा हुआ था.
रीत ने सजेस्ट किया था की जेड के साथ जहाँ से सेट फोन से बात कर रहा है उसके भी काल ट्रेस किये जायं.
जेड के कंट्रोलर ने जेड के अलावा एक साऊथ इन्डियन स्टेट और दो पश्चिमी भारत के राज्यों में बात की थी. डिटेल्ड लोकेशन ट्रेस हो रही थी.
काल का डिटेल मिल गया था लेकिन डी कोड नहीं हो पा रही थीं. क्योंकि एक बहूत पुराने सिस्टम का इस्तेमाल किया गया था बुक कोड का.
उसमें जासूस और सन्देश पाने वाला दोनों के पास एक ही किताब होती थी जो कोड बुक की तरह इस्तेमाल होती थी.
अब मेसेज भेजने वाले को जिस शब्द का इस्तेमाल करना है, उसको वो उस किताब से चुन लेगा और उसकी लोकेशन का नंबर ...पेज नंबर, पाराग्राफ नम्बर , लाइन नम्बर और लाईन में उस शब्द का क्या नम्बर है उसका नंबर लिख देगा. जैसे १२३४ का मतलब होगा...पहले पेज के दूसरे पैराग्राफ की तीसरी लाइन का चौथा शब्द...
सारे मेसेज को इस तरह नंबर में कन्वर्ट कर के भेजा जाता था. हाँ अगर किताब या जिस के भी बेस से ये मेसेज बनाए गए थे वो मिल जाए तो डी साइफर करना आसन होता.
एक बात कन्फर्म हो गयी थी की घाटों की फोटोग्राफ और घाट पे गंगा आरती के फोटो भेजे गए थे.
नेक्स्ट रिपोर्ट मार्लो की थी...जो हमरे सिक्योर फ़ोनों की सिक्योरिटी और नान सिक्योर फोन्स के जो मेसेज ट्रेस हो रहे थे उन्हें ट्रेस कर रहा था.
हमारे सिक्योर फोन अभी तक सिक्यूर थे.
नान सिक्योर फोन की जो काल ट्रेस हो रही थीं, इन्हें पिगिबैक कर के ...वो उस सर्वर तक पहुँच गए थे...लेकिन उसे क्रैक करने में टाइम लग रहा था. एक सर्वर मुंबई के आस पास लोकेटेड था और दूसरा किसी पडोसी देश में.
सर्वर क्रैक होने पे बहोत काम की इन्फो मिलती.
लंदन से स्मिथ ने रिपोर्ट दी थी उन दो मोबाइल नंबरों से जो जेड यूज करता था..६-७ दिन पहले गोरखपुर और नेपाल भी बात हुयी थी.
डी क्यु एम ( डीप क्वेरी मैनेजर ) पे जो लाजिस्टिक्स और ट्रेड की इन्फ़ो मांगी थी. वो सब आ गयी थी.
बनारसी साडी के ट्रेड, मार्केट और ट्रान्स्पोर्ट के बारे में...टाप ५ कम्पनियां, वो बनारस के बाहर कहां माल भेजती थीं, कितना रोड कितना रेल सब कुछ.
तब तक कार्लोस का मेसेज आया, उस कागज को जोड के उन्होने पढ लिया था, बूब्स आन फायर , लिट ईरोटिका लग रहा था. उन्होने चेक कर लिया था .
.वो एक ईरोटिक स्टोरी करीब १२ दिन पहले लिट इरोटिक स्टोरी के साईट पे पोस्ट हुयी थी.
मैं उछल पडा. ये स्टोरी ही कोड बूक हो सकती है.
कार्लोस ने बोला कि उसने भी ये गेस कर के सेट फोन ट्रेसिन्ग कम्पनी को बता दिया है. लेकिन उस पेपर पे एक नम्बर भी लिखा था २७,२९,३१. मैने बोला कि हो सकता है ये स्टोरी के पेज नम्बर हों.
तब तक कार्लोस ने मेसेज फिर दिया कि रीत ने उसे दाल मंडी चौराहे पे पांच मिनट में बुलाया है और वो निकल रहा है.
चैट बाक्स में रीत का मेसेज थ उसकि तीन फेवरिट स्माइली के साथ...किस्सि, लव, और लोट्पोट..
.उसने दूबे भाभी की बात वर्बेटिम कोट की थी...सोनल के बारे में...
" वो बुर चोदी...कोयी गाने वाने वाली नहीं है, बचपन की रन्डी, दो चार फिल्मी, गजल और कजरी सीख ली...वो पान वाला साला उसका भन्डुआ है..."
उन्होने पान वाले से भी बात कर ली है. मैं निकल रही हुं.डी बी से बात हो गयी है वो फेस आर्टिस्ट को भी भेज रहे हैं. उस चन्द्र्मुखी से मिल के तुम्हे बताउंगी.
तब तक लिट ईरोटिका मे वो स्टोरी खुल चुकी थी. मैने तुरन्त उस का डिटेल लन्दन में स्मिथ के पास मेल किया कि वो पता करे कि किस आई पी ऐड्रेस से ये स्टोरी पोस्ट की गयी थी और उस की लोकेशन क्या है.
लेकिन एक बात मेरी समझ में नही आयी, स्टोरी सिर्फ २४ पेज की थी, उसमें २७, २९, या ३१ पेज होने का सवाल ही नहीं था.
मैने चैट साइट, मेसेज के फोल्डर सब बन्द किये तब तक मैने देखा कि गुड्डी मेरे पीछे खडी है.
उसकी अंगुलियां मेरे कुर्ते के पहले तो बटन खोल रही थीं, तब तक मैने कम्प्युटर बन्द कर दिया.
मैंने अगली रिपोर्ट्स खोली ...कार्लोस की...सेट लाईट ट्रेकिंग की रिपोर्ट्स थीं.
बहोत टेक्नीकल डिटेल्स थे.
रीत के आइडिया का फायदा हुआ था.
रीत ने सजेस्ट किया था की जेड के साथ जहाँ से सेट फोन से बात कर रहा है उसके भी काल ट्रेस किये जायं.
जेड के कंट्रोलर ने जेड के अलावा एक साऊथ इन्डियन स्टेट और दो पश्चिमी भारत के राज्यों में बात की थी. डिटेल्ड लोकेशन ट्रेस हो रही थी.
काल का डिटेल मिल गया था लेकिन डी कोड नहीं हो पा रही थीं. क्योंकि एक बहूत पुराने सिस्टम का इस्तेमाल किया गया था बुक कोड का.
उसमें जासूस और सन्देश पाने वाला दोनों के पास एक ही किताब होती थी जो कोड बुक की तरह इस्तेमाल होती थी.
अब मेसेज भेजने वाले को जिस शब्द का इस्तेमाल करना है, उसको वो उस किताब से चुन लेगा और उसकी लोकेशन का नंबर ...पेज नंबर, पाराग्राफ नम्बर , लाइन नम्बर और लाईन में उस शब्द का क्या नम्बर है उसका नंबर लिख देगा. जैसे १२३४ का मतलब होगा...पहले पेज के दूसरे पैराग्राफ की तीसरी लाइन का चौथा शब्द...
सारे मेसेज को इस तरह नंबर में कन्वर्ट कर के भेजा जाता था. हाँ अगर किताब या जिस के भी बेस से ये मेसेज बनाए गए थे वो मिल जाए तो डी साइफर करना आसन होता.
एक बात कन्फर्म हो गयी थी की घाटों की फोटोग्राफ और घाट पे गंगा आरती के फोटो भेजे गए थे.
नेक्स्ट रिपोर्ट मार्लो की थी...जो हमरे सिक्योर फ़ोनों की सिक्योरिटी और नान सिक्योर फोन्स के जो मेसेज ट्रेस हो रहे थे उन्हें ट्रेस कर रहा था.
हमारे सिक्योर फोन अभी तक सिक्यूर थे.
नान सिक्योर फोन की जो काल ट्रेस हो रही थीं, इन्हें पिगिबैक कर के ...वो उस सर्वर तक पहुँच गए थे...लेकिन उसे क्रैक करने में टाइम लग रहा था. एक सर्वर मुंबई के आस पास लोकेटेड था और दूसरा किसी पडोसी देश में.
सर्वर क्रैक होने पे बहोत काम की इन्फो मिलती.
लंदन से स्मिथ ने रिपोर्ट दी थी उन दो मोबाइल नंबरों से जो जेड यूज करता था..६-७ दिन पहले गोरखपुर और नेपाल भी बात हुयी थी.
डी क्यु एम ( डीप क्वेरी मैनेजर ) पे जो लाजिस्टिक्स और ट्रेड की इन्फ़ो मांगी थी. वो सब आ गयी थी.
बनारसी साडी के ट्रेड, मार्केट और ट्रान्स्पोर्ट के बारे में...टाप ५ कम्पनियां, वो बनारस के बाहर कहां माल भेजती थीं, कितना रोड कितना रेल सब कुछ.
तब तक कार्लोस का मेसेज आया, उस कागज को जोड के उन्होने पढ लिया था, बूब्स आन फायर , लिट ईरोटिका लग रहा था. उन्होने चेक कर लिया था .
.वो एक ईरोटिक स्टोरी करीब १२ दिन पहले लिट इरोटिक स्टोरी के साईट पे पोस्ट हुयी थी.
मैं उछल पडा. ये स्टोरी ही कोड बूक हो सकती है.
कार्लोस ने बोला कि उसने भी ये गेस कर के सेट फोन ट्रेसिन्ग कम्पनी को बता दिया है. लेकिन उस पेपर पे एक नम्बर भी लिखा था २७,२९,३१. मैने बोला कि हो सकता है ये स्टोरी के पेज नम्बर हों.
तब तक कार्लोस ने मेसेज फिर दिया कि रीत ने उसे दाल मंडी चौराहे पे पांच मिनट में बुलाया है और वो निकल रहा है.
चैट बाक्स में रीत का मेसेज थ उसकि तीन फेवरिट स्माइली के साथ...किस्सि, लव, और लोट्पोट..
.उसने दूबे भाभी की बात वर्बेटिम कोट की थी...सोनल के बारे में...
" वो बुर चोदी...कोयी गाने वाने वाली नहीं है, बचपन की रन्डी, दो चार फिल्मी, गजल और कजरी सीख ली...वो पान वाला साला उसका भन्डुआ है..."
उन्होने पान वाले से भी बात कर ली है. मैं निकल रही हुं.डी बी से बात हो गयी है वो फेस आर्टिस्ट को भी भेज रहे हैं. उस चन्द्र्मुखी से मिल के तुम्हे बताउंगी.
तब तक लिट ईरोटिका मे वो स्टोरी खुल चुकी थी. मैने तुरन्त उस का डिटेल लन्दन में स्मिथ के पास मेल किया कि वो पता करे कि किस आई पी ऐड्रेस से ये स्टोरी पोस्ट की गयी थी और उस की लोकेशन क्या है.
लेकिन एक बात मेरी समझ में नही आयी, स्टोरी सिर्फ २४ पेज की थी, उसमें २७, २९, या ३१ पेज होने का सवाल ही नहीं था.
मैने चैट साइट, मेसेज के फोल्डर सब बन्द किये तब तक मैने देखा कि गुड्डी मेरे पीछे खडी है.
उसकी अंगुलियां मेरे कुर्ते के पहले तो बटन खोल रही थीं, तब तक मैने कम्प्युटर बन्द कर दिया.
गुड्डी
सहयोगी भूमिका में मंजू
गुड्डी की उंगलियां मेरे सीने पे पहुंच चुकी थीं और मेरे टिट्स को अपने लम्बे नाखुनों से छेड रही थी.
" ठरकी नम्बर १ जी कपडे उतारिये." वो आंख नचा के बोल रही थी.
" क्यों ...क्या रात में मन नहीं भरा..." मैं कुर्सी पे बैठे बैठे बोला.
" ना ...थोडी सी पेट पूजा कहीं भी कभी भी...अरे लोग तो चलती बस में, खडी बस में, बैंक में कहीं भी मौके का फायदा उठा लेते हैं..कल हो ना हो....तो मैं तो घर में हूं..."
और उसने दोनो हाथों से खींच के कुर्ता निकाल दिया.
तब तक मैं उसकी ओर मुड के खडा हो गया था.
" बिस्तर पे या ऐसे खडे खडे...." मैने मुस्करा कर पूछा.
" बहोत ट्रैनिंग की है, किसने ये ८४ आसन सिखाये..फिर तुरन्त मूड बदल कर बोली, ऐसा कुछ नहीं है ज्यादा खुश ना होइये...मन्जू वाशिन्ग मशीन में कपडे डालने वाली है...और आप नहा लिजीये हो सकता है १ घन्टे में पानी चला जाय..."
और उसने बनैयान भी उतार दी अब मैं सिर्फ पाजामें में...और वो आगे आगे मैं पीछे. कामन बाथ रूम के बगल में ही बरामदे में वाशिंग मशीन लगी थी और मन्जू वहीं ३८++ साइज के हिप्स पे हाथ रख के खडी थी.
गुड्डी ने मेरा कुर्ता और बनियान उसे दे दी और वो वाशिंग मशीन में..
" पजामा..." मन्जू ने पूछा.
तब तक कही से एक छोटी सी तौलिया, ले के गुड्डी आयी और मुझे पकडा दिया.
" छोटी है..." मैने देखते हुये कहा.
"अरे खाली पहन के नहाने जाना है कोयी बाजार घूमने थोडी जाना है, जल्दी करिये बहोत काम है ..."
गुड्डी ने हडकाया और मैने किसी तरह तौलिया बान्ध के पजामा उतारा और वो भी वाशिंग मशीन में....
घर में एक्दम सन्नाटा लग रहा था.
" भाभी कहां है..." चारो ओर देखते हुये मैने पूछा...
" क्यों छोटा बेबी उनसे नहायेगा क्या....: गुड्डी ने हंस कर चिढाया.
" अरे तो इसमें का बात है हम है ना बस कपडा डाल दिये हैं, चल के नहला देते हैं अच्छी तरह...आगे से पीछे से..रगड रगड कर...अन्दर तक उंगली डाल डाल कर साफ कर दुंगी." मंजू बोली
मन्जू भी अब जोश में आ गयी थी और पिछली होली का मेरा एक्स्पिरियेन्स था...वो बोलने में कम करने में ज्यादा यकीन रखती थी.
पता ये चला की भाभी, शीला भाभी के साथ साथ मन्दिर गयी हैं अभी अभी...और आधे घंटे में आयेंगी.
और आधे घंटे तक हम दोनो का राज है..." गुड्डी और मन्जू साथ साथ बोलीं.
गुड्डी बाथ रूम के दरवाजे की ओर खडी थी, और मन्जू वाशिंग मशीन के पास.
" आप सही कह रहे थे ..ये तौलिया भी तो कितना गन्दा हो गया है...मन्जू यार इसको भी धुल ही देते हैं..."गुड्डीबोली
मैं मन्जू की ओर मुडा.. नही नहीं करते...तब तक तौलिये की गान्ठ खुल के मन्जू के हाथ में और वो भी वाशिंग मशीन को समर्पित...
मै...ये ये...क्या करती हो....मैं बोलता रहा...तब तक मेरा ध्यान नीचे गया..जन्ग बहादुर ४५ डिग्री पे और मन्जू कि निगाह...वहीं...मैने दोनो हाथ से छिपा लिया और मन्जू खिलखिला के हंस पडी...बोली...
"अब क्या छिपा रहे हो लाला देख तो लिया..मूसर एक्दम जबर दंग है..."
गुड्डी हंस के बोली अरे मन्जू पहले नहीं देखी थी का...
देखे थे आधा तीहा...लेकिन इत्ता बडा नही था..."
मंजू मुस्कराते हुये बोली...और जिस तरह से मैं दोनो हाथ से छिपा रहा था वो दोनो और ...जोर जोर से खिलखिला रही थीं.
मै किसी तरह से बाथ रूम के अंदर घुसा, गुड्डी को हटाते...
उपर से गुड्डी बाहर से बोली. देखा एक मिनट के लिये...अब ये टावेल भी धुल गयी ना...
मैने नहाना शुरु कर दिया था कि मेरी बत्ती जली.
" हे मै बाहर कैसे निकलुंगा.." मैने गुहार लगायी.
" जैसे अन्दर गये थे...नंगे नंगे...एक बार तो मैने और मन्जू ने देख ही लिया है..अगली बार कोयी बदल थोडी जायेगा..."
गुड्डी हंस के बोली
उसने मेरे कमरे से ही जवाब दिया. बहोत मान मन्नौवल के बाद...जा के...उसने टावेल दी.
मै जम के नहाया.
आज भी रंग निकल रहा था.
मेरे जगह जगह रीत, गुड्डी और सन्ध्या भाभी ने जो लिख रखा था मेरा चरित्र वर्णन...वो भी
बहोत रगड घिस्स करने के बाद भी पूरा नहीं साफ हुआ.
जब मै बाहर निकला तो गुड्डी मेरे कमरे में ही थी और मेरा लैप टाप और जो टैबलेट मेहक ने दिया था वो खुला था और वो कुछ इधर का उधर कर रही थी.
कपडे बिस्तर पे रखे थे...और उन्हे देख के मैं चीख गया.
एक छोटा सा बाक्सर शार्ट और एक स्लिव लेस टी शर्ट...वो भी फ्लोरल...
सहयोगी भूमिका में मंजू
गुड्डी की उंगलियां मेरे सीने पे पहुंच चुकी थीं और मेरे टिट्स को अपने लम्बे नाखुनों से छेड रही थी.
" ठरकी नम्बर १ जी कपडे उतारिये." वो आंख नचा के बोल रही थी.
" क्यों ...क्या रात में मन नहीं भरा..." मैं कुर्सी पे बैठे बैठे बोला.
" ना ...थोडी सी पेट पूजा कहीं भी कभी भी...अरे लोग तो चलती बस में, खडी बस में, बैंक में कहीं भी मौके का फायदा उठा लेते हैं..कल हो ना हो....तो मैं तो घर में हूं..."
और उसने दोनो हाथों से खींच के कुर्ता निकाल दिया.
तब तक मैं उसकी ओर मुड के खडा हो गया था.
" बिस्तर पे या ऐसे खडे खडे...." मैने मुस्करा कर पूछा.
" बहोत ट्रैनिंग की है, किसने ये ८४ आसन सिखाये..फिर तुरन्त मूड बदल कर बोली, ऐसा कुछ नहीं है ज्यादा खुश ना होइये...मन्जू वाशिन्ग मशीन में कपडे डालने वाली है...और आप नहा लिजीये हो सकता है १ घन्टे में पानी चला जाय..."
और उसने बनैयान भी उतार दी अब मैं सिर्फ पाजामें में...और वो आगे आगे मैं पीछे. कामन बाथ रूम के बगल में ही बरामदे में वाशिंग मशीन लगी थी और मन्जू वहीं ३८++ साइज के हिप्स पे हाथ रख के खडी थी.
गुड्डी ने मेरा कुर्ता और बनियान उसे दे दी और वो वाशिंग मशीन में..
" पजामा..." मन्जू ने पूछा.
तब तक कही से एक छोटी सी तौलिया, ले के गुड्डी आयी और मुझे पकडा दिया.
" छोटी है..." मैने देखते हुये कहा.
"अरे खाली पहन के नहाने जाना है कोयी बाजार घूमने थोडी जाना है, जल्दी करिये बहोत काम है ..."
गुड्डी ने हडकाया और मैने किसी तरह तौलिया बान्ध के पजामा उतारा और वो भी वाशिंग मशीन में....
घर में एक्दम सन्नाटा लग रहा था.
" भाभी कहां है..." चारो ओर देखते हुये मैने पूछा...
" क्यों छोटा बेबी उनसे नहायेगा क्या....: गुड्डी ने हंस कर चिढाया.
" अरे तो इसमें का बात है हम है ना बस कपडा डाल दिये हैं, चल के नहला देते हैं अच्छी तरह...आगे से पीछे से..रगड रगड कर...अन्दर तक उंगली डाल डाल कर साफ कर दुंगी." मंजू बोली
मन्जू भी अब जोश में आ गयी थी और पिछली होली का मेरा एक्स्पिरियेन्स था...वो बोलने में कम करने में ज्यादा यकीन रखती थी.
पता ये चला की भाभी, शीला भाभी के साथ साथ मन्दिर गयी हैं अभी अभी...और आधे घंटे में आयेंगी.
और आधे घंटे तक हम दोनो का राज है..." गुड्डी और मन्जू साथ साथ बोलीं.
गुड्डी बाथ रूम के दरवाजे की ओर खडी थी, और मन्जू वाशिंग मशीन के पास.
" आप सही कह रहे थे ..ये तौलिया भी तो कितना गन्दा हो गया है...मन्जू यार इसको भी धुल ही देते हैं..."गुड्डीबोली
मैं मन्जू की ओर मुडा.. नही नहीं करते...तब तक तौलिये की गान्ठ खुल के मन्जू के हाथ में और वो भी वाशिंग मशीन को समर्पित...
मै...ये ये...क्या करती हो....मैं बोलता रहा...तब तक मेरा ध्यान नीचे गया..जन्ग बहादुर ४५ डिग्री पे और मन्जू कि निगाह...वहीं...मैने दोनो हाथ से छिपा लिया और मन्जू खिलखिला के हंस पडी...बोली...
"अब क्या छिपा रहे हो लाला देख तो लिया..मूसर एक्दम जबर दंग है..."
गुड्डी हंस के बोली अरे मन्जू पहले नहीं देखी थी का...
देखे थे आधा तीहा...लेकिन इत्ता बडा नही था..."
मंजू मुस्कराते हुये बोली...और जिस तरह से मैं दोनो हाथ से छिपा रहा था वो दोनो और ...जोर जोर से खिलखिला रही थीं.
मै किसी तरह से बाथ रूम के अंदर घुसा, गुड्डी को हटाते...
उपर से गुड्डी बाहर से बोली. देखा एक मिनट के लिये...अब ये टावेल भी धुल गयी ना...
मैने नहाना शुरु कर दिया था कि मेरी बत्ती जली.
" हे मै बाहर कैसे निकलुंगा.." मैने गुहार लगायी.
" जैसे अन्दर गये थे...नंगे नंगे...एक बार तो मैने और मन्जू ने देख ही लिया है..अगली बार कोयी बदल थोडी जायेगा..."
गुड्डी हंस के बोली
उसने मेरे कमरे से ही जवाब दिया. बहोत मान मन्नौवल के बाद...जा के...उसने टावेल दी.
मै जम के नहाया.
आज भी रंग निकल रहा था.
मेरे जगह जगह रीत, गुड्डी और सन्ध्या भाभी ने जो लिख रखा था मेरा चरित्र वर्णन...वो भी
बहोत रगड घिस्स करने के बाद भी पूरा नहीं साफ हुआ.
जब मै बाहर निकला तो गुड्डी मेरे कमरे में ही थी और मेरा लैप टाप और जो टैबलेट मेहक ने दिया था वो खुला था और वो कुछ इधर का उधर कर रही थी.
कपडे बिस्तर पे रखे थे...और उन्हे देख के मैं चीख गया.
एक छोटा सा बाक्सर शार्ट और एक स्लिव लेस टी शर्ट...वो भी फ्लोरल...
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
No comments:
Post a Comment