FUN-MAZA-MASTI
फागुन के दिन चार--77
गतांक से आगे ...........
रीत ने समझाया और उसने और कार्लोस ने कपडे पहन लिए।
" हाँ एक बात और ...रास्ते में किसी पी सी ओ से , वो जो होम डिलीवरी वाला होटल है ना उन से उस बाइक के बारे में पूछ लीजिएगा। वहीँ से होटल के इस कमरे में मुझे कोडेड लैंगवेज में बता दीजिएगा।" रीत ने जोड़ा।
ओ के कार्लोस ने बोला लेकिन चलते हुए रुक गया। हाँ एक बात तुम्हे और बतानी थी उसे बाहों में भर के कार्लोस ने बोला ..
" क्या ..मचलते हुए रीत बोली।
" ये मेरी ताकत ...इन्डियन ज्यादा है फ्रेंच कम ...."
कैसे ..रीत के कुछ समझ में नहीं आया।
" आज से 10 साल पहले मैं बनारस आया था , तब एक साधू के आश्रम में ...मैंने उनकी गांजे भांग हर तरह से सेवा की तो प्रसन्न होकर उन्होंने मुझे स्तम्भन मन्त्र बताया। इसकी सीधी के लिए किसी ऐसी कुँवारी कन्या की आवश्यकता पड़ती है, जिसका यौनछद्द यानी हायमन सेफ हो। उसके साथ रति करते हुए इस मन्त्र का 5 बार उच्चारण करना होता है ...और उसके बाद वो पुरुष ...जब तक उसकी इच्छा ना हो, सस्खलित नहीं होगा ."
कार्लोस ने अपनी स्तम्भन का रहस्य उजागर किया।
" हे मुझे बताओ ना ..." रीत बोली।
" तू क्या करेगी ..."
कार्लोस ने बोला फिर मुस्कराकर कुछ समझते हुए कहा चलो बता देता हूँ लेकिन प्रामिस करो ...मुझे मिलेगा .."
समझते हुए भी आँख नचा कर रीत बोली , क्या, ?
" ये लड़की और साथ में बोनस के तौर पे वो रंजी .." कार्लोस बोला और रीत के होंठों पे एक किस ले ली।
" चल यार मिल जाएगा और रंजी की भी दिला दूंगी आगे की भी और ...पीछे की भी ....तू भी क्या याद करेगा किसी बनारसी कन्या से मुलाक़ात हुयी है।बता ना,..."
कार्लोस ने रीत के कान में वो मन्त्र बताया।
" हाँ एक बात और निकलने के पहले कार्लोस को रीत ने रोका। रेहन को बोल देना रूम में आने के पहले नाक करेगा और जो कोड मैंने बोला था वो बोलेगा। "
एकदम निकलते हुए कार्लोस ने बोला।
“बस एक मिनट , रीत ने कार्लोस को फिर रोका।
वो अपना बैग खोल रही थी।
बैग से उसने कुछ मोबाइल निकाले।
" ये वन टाइम सिक्योर मोबाइल हैं . इनसे 1-2 बार बात कर सकते है। उसके बाद ये अपने आप सेल्फ डिस्ट्रक्ट हो जाते हैं , इसलिए इन्हें ट्रेस करना लगभग इम्पॉसिबल है। इसमें 3-4 नम्बर प्री फेड है , हाट बटन के साथ। नम्बर 1 दबाओगे तो मुझसे बात होगी। ये आप दो रख लो . इस का एक पास वर्ड भी है। लेकिन बहोत जरूर होने के बाद ही इसका इस्तेमाल करना
। जेड के यहाँ से कोई हरकत होने पर मुझे तुरंत खबर करना। और बाइक के बार में पता चले मुझे तुरंत बताना।"
" ओ के " कार्लोस ने बोला और निकल गया।
नीचे काउंटर पर उसने आँख मारकर रिसेप्शनिस्ट से कहा, मैं थोड़ी देर में आउंगा। हाँ मेरा एक फ्रेंड आयेगा रूम में , वो ऊपर ही है . ये रेंट ..." और उसने किराए के रेट से दूना काउंटर पर रख दिया साथ में 100 रुपये की टिप भी।
" कोई बात नहीं, मैं रात भर रहूंगा ...और वैसे भी वो बहोत गरम पटाखा है, सिर्फ एक से उसका कुछ नहीं होनेवाला।" काउंटर वाले ने जवाब् दिया।
जिस पर उसे शक था , वो बगल के पी सी ओ में किसी को फोन कर रहा था .
कार्लोस उस की नजर बचाकर बगल की गली से निकल गया।
……
और उधर रीत ने अपना बैग फिर से खोल के कागज़ निकाल के मेज पर रख लिया।
आज शाम को सेल्स टैक्स और एक्साइज़ डिपार्टमेंट ने जो छापे मारे थे, और उनसे जेड के जिन वेयर हाउस का पता चला था ये उनकी लिस्ट थी।
हमारा हीरो भी ....ये उसी की दिमाग की उपज थी।
जेड का असली नाम मुन्ना बाबू है और वो काशी साडी भंडार का असली करता धरता है। उसी ने सजेस्ट किया की उस के सारे वेयर हाउस पर छापा मारा जाय सेल्स टैक्स के नाम से ...
और अब रीत के सामने उन सारे वेयर हाउस की लिस्ट और उन की लोकेशन थी। उस ने एक डिटेल्ड मैप खोल कर , उन सब को अपने दिमाग के जी पी एस में उतार लिया।
जहाँ वो थी उसके 3 किमी के दायरे में चार वेयर हाउस थे, जहाँ उस का रा मटिरियल या साड़ियाँ रहती थीं। रीत को पूरा शक था की उसका जखीरा आस पास ही होगा। जहाँ होटल से ये आपरेटिव रात में जल्द से जल्द पहुँच जाएँ।
अब वो उन गलियों को याद करने की कोशिस कर रही थी , जिन का जाल पूरे बनारस में था और जिनसे ये वेयर हाउस कनेक्ट होम। रीत बनारस की बाला थी और उन्ही गलियों में खेल कूद कर जवान हुयी थी, इसलिए उसे यहाँ का चप्पा चप्पा मालूम था।
उस की निगाह बीच बीच में लाइव फीड पर जाती थी। दोनों में कुछ ख़ास नहीं चल रहा था।
तब तक कार्लोस का फोन आया होटल के लैंड लाइन पे . उस का फोन सुन के पहले तो रीत सीरियस हो गयी , लेकिन फिर मुस्कराई।
उस ने बाइक के बारे में जो 'काम' कार्लोस से कहने को कहा था वो उसने 'कर दिया' था .
और उस ने जो कहा वो रीत के वर्स्ट सस्पिशन को पूरा करता था . होम डिलीवरी वाल एहोटेल ने बताया की उनकी एक डिलीवरी बाइक शाम 6 बजे चोरी होगयी है और उन्होंने ना कोई आर्डर रिसीव किया ना सप्लाई किया उस होटल को जहां वो बन्दे टिके हुए थे।
इसका मतलब साफ था। उन बाक्सेज में खाने के साथ जरूर कोई मेसेज था।
और वि डिलीवरी बाइक जो होटल के पीछे झाडीयों में थी, वो गेट अवे वेहिकल थी।
कार्लोस की एनिलिसिस सही थी।
उन्होंने भी कमुनिकेशन शट डाउन कर रखा था और उनका बाम्ब के जखीरे की लोकेशन कम्युनिकेट करने का एक तरीका था।
और अब फोन ट्रेस कर लोकेशन पता नहीं किया जा सकता था।
सिर्फ एक रास्ता था, इन जमूरों का पीछा करना और बाम्बस तक पहुँचना ...
सिर्फ एक रास्ता था, इन जमूरों का पीछा करना और बाम्बस तक पहुँचना ...
कोई ये कह सकता था की इन्हें जब बाम्ब्स का पता लग गया था, तो इन्हें पकड़कर पीट पाटकर पुलिस उस का पता कर लेती।
तो दो खतरे थे।
पहला की अगर वो ना बताते और दुशमन के पास कोई टीम बी होती जिसे वो बाम्ब तक पहुंचा देते तो?
ज्यादा बड़ा सवाल ये था की ये तय था की डिटोनेटर तो इन्हें बाद में ही मिलना था। और आइडियल टाइम ये होता जब इन्हें डिटोनेटर मिल जाता तो इन्हें बाम्ब के साथ पकड़ा जाता,
लेकिन इस के लिया इन का पीछा करना, इन्हें बाम्ब के साथ पकड़ना जर्रोरी था।
और ये काम रीत को करना था।
रीत को मालूम था इसमें बहूत रिस्क था, बहोत एलर्ट नेस चाहिए और मंजिल के इताने नजदीक पहुँच कर वो गेम खराब नहीं होने देंगे। खून करना उनके लिए मामूली बात थी।
लेकिन रीत ...रीत थी।
वह बहोत साल पीछे चली गयी,
वो गमजदा थी, बहूत गुस्से में थी तब किसी ने उससे कहां था ,
रिवेंज इज अ डिश बेस्ट सरवड ...कोल्ड।
वो मंजर उस के साइन में खंजर की तरह गडा हुआ है,
संकट मोचन पर हुआ बम्ब ब्लास्ट , बनारस कैंट स्टेशन पर हुआ बम ब्लास्ट ...
जो उसके बहोत नजदीक थे वो कुछ लोग,...चले गए थे।
दो मिनट पहले तो वो भी थी वहां पर ...
बस उसे यही लगता था क्यों गयी वो,...क्यों गयी,...
अगर वो ना जाती तो वो भी मांस का एक लोथड़ा, एक पोस्ट मार्टम रिपोर्ट, अखबार में छपा एक नाम बन कर रह जाती।
जाने वाले चले गए लेकिन वो,...वो पल पल मरती थी।
बस उसे ये लगता थी की वो गंगा मैया की गोद में समा जाय ....
लेकिन दूबे भाभी ...उन्होंने ने फिर उसे जीना सिखाया। जिंदगी के रंग रिश्तों की गरमी अहसासों की मुलायमियत ...
फूलों के महक , खिलखिलाती मुस्कान , इन्द्रधनुष के रंग ये सब उसकी जिन्दगी में लौटे ...और उसकी हंसी के पीछे छिपा दर्द सिफ उन्हें मालूम था।
वो एक झटके से वर्त्तमान में लौट आई, कुछ भी हो उस इन दहशतगर्दों का प्लान सफल नहीं होने देना था।
कुछ भी चाहे उसे कुछ भी करना पड़े ...
आज जो कुछ भी हुआ ...
रीत बाथ रूम गयी, उसने अपना पहले तो चेहरा रगड़ रगड़ कर धोया , और फिर दो बार जम कर ब्रश किया,
कार्लोस के बारे में वो सोच रही थी ..ब्रश करते हुए ...
पहले उसने कभी हाथ भी नहीं लगाया था और आज, कितनी बार वो अकेले रहे , नाव पर जेड की तलाश में , और भी लेकिन आज,...
बात शुरू हुयी थी उस छेद से ...की बाहर से कोई देख रहा था, और वो भी आई जब काल गर्ल बन के थी तो ...
अचानक रीत की चमकी ...
अब उसे समझ में आया ...
कमरे में जरूर कोई हिडेन कैमरा था।
जब वो घुसी तो बात रूम के नल से पानी की आवाज आरही थी,
कमरे का टीवी भी हाई वाल्यूम पर चल रहा था ....
कार्लोस फ्रेंच सिक्योरिटी सरविस का माना हुआ जासूस था और उसने एक से एक आतंकीयों को पकड़वाया था। ये उस का कन्या प्रेम और भारत प्रेम था जिसने उसे बीच में नौकरी छोड़ने और भारत आने पर मजबूर किया।
और जिस एंगेल पर उसने लैप टाप रखा था ....
जिस तरह धीमी आवाज में वो बोलता था जब प्लान के बारे में बात कर रहा था ...
खुला नल , तेज आवाज का टीवी इस बात को इनश्योर कर रहा था की उन की बातें खा तौर से प्लान के बारे में उन्हें पता ना लगे।
और जिस तरह से लैप टाप रखा था फीड किसी तरह कैमरा कैप्चर नहीं कर सकता था .
लेकिन उसने मुझे क्यों नहीं बताया ...रीत ने सोचा। शायद इसलिए की मैं फिर असहज लगती, मुझे लगता की कैमरा है तो या तो ओवर एक्टिंग करती और, ...मानिटर करने वाला कोई एक्सपर्ट होता तो ...निश्चित उसे पता चल जाता ..फिर तो ...
सारा बना बनाया काम बिगड़ जाता। वो लोग आखिरी दीवाल की तरह थे।
रीत ने सोचा की ...जिस तरह से पोलिस में लीक है ...कोतवाली का सी ओ ही मिला निकला , ये तो कहिये की टाइम पे अंदाजा लग गया ..और अभी भी कुछ साफ नहीं है, इसलिए उन्हॊने किस्सी से भी इन्फो शेयर नहीं की थी, जिस कामरे से वो फीड मानिटर कर रहे थे उसक इबार में सिरफ रीत , कार्लोस और रेहन को मालूम था। उसने 'हीरो' से बताया जरूर था , लेकिन ना तो होटल का नाम ना स्पेसिफिक लोकेशन ...और पोलिस को तो कुछ भी नहीं ...हाँ आई बी वालों की लोकेशन जर्रोर उसे मालूम थी और उन लोगों को रीत की फोटो पहचानवा दी गयी थी। और एक कोड वरड भी बताया गया था ...
रीत मुस्कराई , लेकिन जिस तरह से वो हाई क्लास काल गर्ल के ड्रेस में निकली थी, उनका भी उसे पहचानना मुश्किल था।
इसलिए शायद ये बहूत जर्रोरी था की किसी भी हालत में दुशमन को उनके बारे वैसे भी वो ये नहीं मानती थी की किसी लड़की नैतिकता सिर्फ उसकी देह से जुडी है, उसे याद आया ..किसी ने उसे दो मांक्स की कहानी बतायी थी, दोनों एक नदी पार कर रहे थे। वहां एक लड़की पड़ी थी षोडस यौवना , निर्वस्त्र ....एक ने उसे अपनी गोद में उठाया और उसे नदी पार करा दी। फिर दोनों अपनी यात्रा पर चल निकले ...कुछ देर बाद दूसरे मांक ने पूछा , " हे हम लोगों को तो लडकियों से दूर रहना चाहिए लेकिन तुमने उस लड़की को क्यों उठाया। पहला वाला मुस्कराया और बोला,
" अरे मैंने तो उसे नदी के तीर पर ही छोड़ दिया था, और तुम तो उसे अभी तक उठा कर चल रहे हो ."
रीत मुस्कराई और शावर खोल कर नीचे खड़ी हो गयी।
उसे सिरफ इस समय चिड़िया की आँख देखनी चाहिये, क्सिसी भी हालत में वो दहशत गर्द कामयाब ना हों।
देह पोंछते वो फिर मुस्कार्यी , एक फायदा तो हो गया।।।कार्लोस ने जो मन्त्र बताया , वो कल ही गुड्डी को बताएगी अपने हीरो को बताने के लिए अब जब रंजी का नम्बर लगेगा तो वो उसे जगा सकता है,
तभी कमरे के दरवाजे पे नाक हुआ ..
रीत तौलिया लपेट कर बाहर आई
दरवाजे पे जोर जोर से नाक हुआ ...
रीत ने घडी की ओर देखा 10 बज रहे थे।
कौन अन्दर से उसने पूछा
"रंजी का यार ..." बाहर से आवाज आई .
दरवाजे पर फिर नाक हुआ .
रीत ने ध्यान से सूना, ये कोड के हिसाब से ही था,..
नाक . फिर नाक ..फिर पासवर्ड और एक बार फिर ...नाक ...
लेकिन रीत रिस्क नहीं ले सकती थी। वो दरवाजे के ठीक पीछे खड़ी हो गयी , उसके हाथ में पीपर स्प्रे का का कैन था। दरवाजे के पास मुंह लगा के फिर रीत ने बोला ..
" रंजी का यार नम्बर ..."
उधर से आवाज आई .." रंजी का यार नंबर 2."
रीत की जान में जान आई।
लेकिन वो अभी भी अलर्ट थी। दरवाजे दरवाजे के ठीक पीछे खड़ी , दाये हाथ में पेपर स्प्रे कैन और बायाँ हाथ कराते की मुद्रा में सन्नद्ध ...
धीरे धीरे उसने दरवाजा खोला,
उसे मालूम था वो कौन है लेकिन कहीं किसी ने उसके पीछे पिस्तौल लगा कर उससे जबर्द्स्ती पासवर्ड बुलवाकर एंट्री की कोशीश ना की हो ...
वही था ..अकेले ..और उसके घुसते ही रीत ने झटाक दरवाजा बंद कर दिया।
और उसे पीछे से दबोच दिया ..
उसके कानों के पास मुंह लगा कर वो जोर से बोली ,
" हैप्पी बर्थ डे ..."
और मेरी गिफ्ट, मेरा केक ....उसने छुड़ाने की बनावटी कोशिश करते हुए बोला।
" साल्ले, 5 फिट 6 इंच का केक पीछे खडा है ...और तुम केक ढूंढ रहे हो ..इ दुनिया का अकेला केक है , जितना भी खाओ ख़तम नहीं होगा यू कैन किप आईटी एंड हैव इट टू।" रीत उसक इयर लोबस पर किस करते बोली। लेकिन केक काटने का चाकू कहाँ है रीत ने पूछा ...
" यहाँ ..." रेहन ने रीत का हाथ पकड़ कर अपने जींस फाडू तन्नाये लिंग पर रख दिया।
रेहन और रीत की रिश्ता बहोत पुराना था ...एकदम तोता मैना की कहानी की तरह ...
रेहन पैदायशी ठरकी था। तो बात घूरने से शुरू हुआ और बस में जो अक्सर एक जवान लड़का , जवान होती लड़की के साथ करता है , वहां तक पहुँच गयी। पहले तो रीत ने नजर अंदाज किया, फिर उसे बुरा लगा और फिर अच्छा ...
लेकिन लड़की की मजबूरी और लडके की किस्मत ...लेकिन एक दिन बस में रेहन अपनी आदत से बेबस था और रीत अपनी शरम से ..पहले तो वो सिर्फ पीछे खड़ा रहा , फिर सड़क के गड्ढे की कृपा से ( जो शायद जवान लडकों की दुआओं से कभी नहीं ठीक होते ) सरक कर उससे सट गया ..और कुछ देर में उसके हाथ रीत की आगे पीछे की गोलाईया नापने लगे। रीत को शायद रेहन की ज्यामेट्री और बायोलाजी के प्रति ये दिलचस्पी बुरी नहीं लगती ,
लेकिन उसने देख लिया की कुछ अधेड़ और वृद्ध होते लोग उसकी हरकते देख रहे है और अगर उसने कुछ न बोला , तो वो जान जायेंगे की उसकी भी इसमें मंजूरी है ..
और घर जाकर उसके पता नही क्या कहें ..बस इसलिए वो चिल्लायी।
उसके बाद तो वो सारे लोग जो कन्या दर्शन से एक्सन तक कभी नहीं उतर पाते ...हिम्मत और इन्शियेटिव के अभाव में ...वो सब रेहन के दैहिक समीक्षा में जुट गए।
रीत को बुरा तो बहोत लगा , उसका एकलौता (तब तक का ) चाहने वाला ...लेकिन वो क्या करती . अपने बस स्टाप पर उतर गयी . खैर जैसा की अंग्रेजी में कहते है ..
.टू कट अ लांग स्टोरी शार्ट, ...कुछ दिनों बाद रीत ने खुद उससे बात चीत शुरू की , और उस इक मशहूर चाकलेट भी खिलाई , जो शुभ काम शुरू करते समय खिलाई जाती है।
और दोनों की दोस्ती फिर चल निकली।
वो भरतपुर के चक्कर काटता रहा लेकिन जैसा की किसी विद्वान लेखक ने कहा है ' वो ' चीज और लाटरी कब , किसके लिए खुलेगी कोई नहीं जानता ...तो वो अपने हीरो के लिए खुल गयी,
रेहन को अभी भी उम्मीद थी ...कोई जरुरी नहीं की हर आदमी फर्स्ट डे , फर्स्ट शो पिक्चर देखे ...पिक्चर तो वही रहती है।
और जेड के मामले में रेअहन और उसकी ठरकी सेना ने रीत का बहोत साथ दिया था।
हाँ तो हम कहाँ थे,
ओके ..रीत ने रेहन को पीछे से पकड़ रखा था और उसे हैप्पी बर्थ डे बोल रही थी। और उसने रीत के कोमल हाथों को पकड़ के अपने तन्नाये हथियार पर रख दिया था।
रीत ने कमरे की लाईट जलायी और रेहान को जोर का झटका जोर से लगा।
रीत तौलिये में थी और कास्ट कटिंग के चक्कर में होटल वाले थोड़ी छोटी बाथ टावेल रखते थे।
और रीत के उभार भी थोड़े ज्यादा ही उभरे थे। तो जो होना था वाही हुआ, ना सिर्फ उस के आधे से ज्यादा उभार , बल्कि स्तनाग्र भी साफ दिखाई दे रहे थे।
यही हालत उसकी चिकनी जांघो की थी , केले के तने सी ....और जहाँ टावेल ख़तम होती थी , सुधि रसिकों के लिए दिखाई देना वाल एक बोर्ड भी लगा था , भरतपुर 10 इंच उत्तर की ओर,....
हालत थोड़ी और खराब हो उसके पहले रीत उसे धकेल कर बाथरूम की ओर ले गयी ..लेट उस हैव शावर टू गेदर और अन्दर घुस कर पैर से धकेल कर बाथ रूम का दरवाजा बंद कर दिया और शावर फूल स्पीड पर खोल दिया।
Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | मराठी जोक्स | ट्रैनिंग | kali | rani ki | kali | boor | सच | | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | छातियाँ | sexi kutiya | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bharat | india | japan |funny animal video , funny video clips , extreme video , funny video , youtube funy video , funy cats video , funny stuff , funny commercial , funny games ebaums , hot videos ,Yahoo! Video , Very funy video , Bollywood Video ,
Free Funny Videos Online , Most funy video ,funny beby,funny man,funy women
bhatt_ank, xossip, exbii, कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ हिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया ,रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की सेक्सी कहानियाँ , मराठी सेक्स स्टोरीज , चूत की कहानिया , सेक्स स्लेव्स , Tags = कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ stories , kaamuk kahaaniya , हिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स | सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स | vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा | सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई | एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein | चुटकले चुदाई के | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain | चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा | सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai | payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ | हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi,choot,chudai,nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories,chudai,chudai ki,hindi stories,urdu stories,bhabi,choot,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi chudai,desi story,story bhabhi,choot ki,chudai hindi,chudai kahani,chudai stories,bhabhi stories,chudai story,maa chudai,desi bhabhi,desi chudai,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story,choot lund,chudai kahaniyan,aunty chudai,bahan chudai,behan chudai,bhabhi ko,hindi story chudai,sali chudai,urdu chudai,bhabhi ke,chudai ladki,chut chudai,desi kahani,beti chudai,bhabhi choda,bhai chudai,chachi chudai,desi choot,hindi kahani chudai,bhabhi ka,bhabi chudai,choot chudai,didi chudai,meri chudai,bhabhi choot,bhabhi kahani,biwi chudai,choot stories, desi chut,mast chudai,pehli chudai,bahen chudai,bhabhi boobs,bhabhi chut,bhabhi ke sath,desi ladki,hindi aunty,ma chudai,mummy chudai,nangi bhabhi,teacher chudai, bhabhi ne,bur chudai,choot kahani,desi bhabi,desi randi,lund chudai,lund stories, bhabhi bra,bhabhi doodh,choot story,chut stories,desi gaand,land choot,meri choot,nangi desi,randi chudai,bhabhi chudai stories,desi mast,hindi choot,mast stories,meri bhabhi,nangi chudai,suhagraat chudai,behan choot,kutte chudai,mast
bhabhi,nangi aunty,nangi choot,papa chudai,desi phudi,gaand chudai,sali stories, aunty choot,bhabhi gaand,bhabhi lund,chachi stories,chudai ka maza,mummy stories, aunty doodh,aunty gaand,bhabhi ke saath,choda stories,choot urdu,choti stories,desi aurat,desi doodh,desi maa,phudi stories,desi mami,doodh stories,garam bhabhi,garam chudai,nangi stories,pyasi bhabhi,randi bhabhi,bhai bhabhi,desi bhai,desi lun,gaand choot,garam aunty,aunty ke sath,bhabhi chod,desi larki,desi mummy,gaand stories,apni stories,bhabhi maa,choti bhabhi,desi chachi,desi choda,meri aunty,randi choot,aunty ke saath,desi biwi,desi sali,randi stories,chod stories,desi phuddi,pyasi aunty,desi chod,choti,randi,bahan,indiansexstories,kahani,mujhe,chachi,garam,desipapa,doodhwali,jawani,ladki,pehli,suhagraat,choda,nangi,behan,doodh,gaand,suhaag raat, aurat,chudi, phudi,larki,pyasi,bahen,saali,chodai,chodo,ke saath,nangi ladki,behen,desipapa stories,phuddi,desifantasy,teacher aunty,mami stories,mast aunty,choots,choti choot, garam choot,mari choot,pakistani choot,pyasi choot,mast choot,saali stories,choot ka maza,garam stories ,हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी ,kamuk kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी ,घुसेड दिया ,garam stories.blogspot.com ,कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन ,kamuk-kahaniyan.blogspot.com,लड़कियां आपस , blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी ,चूत ,जीजू ,kamuk kahaniyan ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,hindisexistori.blogspot.com ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी
फागुन के दिन चार--77
गतांक से आगे ...........
रीत ने समझाया और उसने और कार्लोस ने कपडे पहन लिए।
" हाँ एक बात और ...रास्ते में किसी पी सी ओ से , वो जो होम डिलीवरी वाला होटल है ना उन से उस बाइक के बारे में पूछ लीजिएगा। वहीँ से होटल के इस कमरे में मुझे कोडेड लैंगवेज में बता दीजिएगा।" रीत ने जोड़ा।
ओ के कार्लोस ने बोला लेकिन चलते हुए रुक गया। हाँ एक बात तुम्हे और बतानी थी उसे बाहों में भर के कार्लोस ने बोला ..
" क्या ..मचलते हुए रीत बोली।
" ये मेरी ताकत ...इन्डियन ज्यादा है फ्रेंच कम ...."
कैसे ..रीत के कुछ समझ में नहीं आया।
" आज से 10 साल पहले मैं बनारस आया था , तब एक साधू के आश्रम में ...मैंने उनकी गांजे भांग हर तरह से सेवा की तो प्रसन्न होकर उन्होंने मुझे स्तम्भन मन्त्र बताया। इसकी सीधी के लिए किसी ऐसी कुँवारी कन्या की आवश्यकता पड़ती है, जिसका यौनछद्द यानी हायमन सेफ हो। उसके साथ रति करते हुए इस मन्त्र का 5 बार उच्चारण करना होता है ...और उसके बाद वो पुरुष ...जब तक उसकी इच्छा ना हो, सस्खलित नहीं होगा ."
कार्लोस ने अपनी स्तम्भन का रहस्य उजागर किया।
" हे मुझे बताओ ना ..." रीत बोली।
" तू क्या करेगी ..."
कार्लोस ने बोला फिर मुस्कराकर कुछ समझते हुए कहा चलो बता देता हूँ लेकिन प्रामिस करो ...मुझे मिलेगा .."
समझते हुए भी आँख नचा कर रीत बोली , क्या, ?
" ये लड़की और साथ में बोनस के तौर पे वो रंजी .." कार्लोस बोला और रीत के होंठों पे एक किस ले ली।
" चल यार मिल जाएगा और रंजी की भी दिला दूंगी आगे की भी और ...पीछे की भी ....तू भी क्या याद करेगा किसी बनारसी कन्या से मुलाक़ात हुयी है।बता ना,..."
कार्लोस ने रीत के कान में वो मन्त्र बताया।
" हाँ एक बात और निकलने के पहले कार्लोस को रीत ने रोका। रेहन को बोल देना रूम में आने के पहले नाक करेगा और जो कोड मैंने बोला था वो बोलेगा। "
एकदम निकलते हुए कार्लोस ने बोला।
“बस एक मिनट , रीत ने कार्लोस को फिर रोका।
वो अपना बैग खोल रही थी।
बैग से उसने कुछ मोबाइल निकाले।
" ये वन टाइम सिक्योर मोबाइल हैं . इनसे 1-2 बार बात कर सकते है। उसके बाद ये अपने आप सेल्फ डिस्ट्रक्ट हो जाते हैं , इसलिए इन्हें ट्रेस करना लगभग इम्पॉसिबल है। इसमें 3-4 नम्बर प्री फेड है , हाट बटन के साथ। नम्बर 1 दबाओगे तो मुझसे बात होगी। ये आप दो रख लो . इस का एक पास वर्ड भी है। लेकिन बहोत जरूर होने के बाद ही इसका इस्तेमाल करना
। जेड के यहाँ से कोई हरकत होने पर मुझे तुरंत खबर करना। और बाइक के बार में पता चले मुझे तुरंत बताना।"
" ओ के " कार्लोस ने बोला और निकल गया।
नीचे काउंटर पर उसने आँख मारकर रिसेप्शनिस्ट से कहा, मैं थोड़ी देर में आउंगा। हाँ मेरा एक फ्रेंड आयेगा रूम में , वो ऊपर ही है . ये रेंट ..." और उसने किराए के रेट से दूना काउंटर पर रख दिया साथ में 100 रुपये की टिप भी।
" कोई बात नहीं, मैं रात भर रहूंगा ...और वैसे भी वो बहोत गरम पटाखा है, सिर्फ एक से उसका कुछ नहीं होनेवाला।" काउंटर वाले ने जवाब् दिया।
जिस पर उसे शक था , वो बगल के पी सी ओ में किसी को फोन कर रहा था .
कार्लोस उस की नजर बचाकर बगल की गली से निकल गया।
……
और उधर रीत ने अपना बैग फिर से खोल के कागज़ निकाल के मेज पर रख लिया।
आज शाम को सेल्स टैक्स और एक्साइज़ डिपार्टमेंट ने जो छापे मारे थे, और उनसे जेड के जिन वेयर हाउस का पता चला था ये उनकी लिस्ट थी।
हमारा हीरो भी ....ये उसी की दिमाग की उपज थी।
जेड का असली नाम मुन्ना बाबू है और वो काशी साडी भंडार का असली करता धरता है। उसी ने सजेस्ट किया की उस के सारे वेयर हाउस पर छापा मारा जाय सेल्स टैक्स के नाम से ...
और अब रीत के सामने उन सारे वेयर हाउस की लिस्ट और उन की लोकेशन थी। उस ने एक डिटेल्ड मैप खोल कर , उन सब को अपने दिमाग के जी पी एस में उतार लिया।
जहाँ वो थी उसके 3 किमी के दायरे में चार वेयर हाउस थे, जहाँ उस का रा मटिरियल या साड़ियाँ रहती थीं। रीत को पूरा शक था की उसका जखीरा आस पास ही होगा। जहाँ होटल से ये आपरेटिव रात में जल्द से जल्द पहुँच जाएँ।
अब वो उन गलियों को याद करने की कोशिस कर रही थी , जिन का जाल पूरे बनारस में था और जिनसे ये वेयर हाउस कनेक्ट होम। रीत बनारस की बाला थी और उन्ही गलियों में खेल कूद कर जवान हुयी थी, इसलिए उसे यहाँ का चप्पा चप्पा मालूम था।
उस की निगाह बीच बीच में लाइव फीड पर जाती थी। दोनों में कुछ ख़ास नहीं चल रहा था।
तब तक कार्लोस का फोन आया होटल के लैंड लाइन पे . उस का फोन सुन के पहले तो रीत सीरियस हो गयी , लेकिन फिर मुस्कराई।
उस ने बाइक के बारे में जो 'काम' कार्लोस से कहने को कहा था वो उसने 'कर दिया' था .
और उस ने जो कहा वो रीत के वर्स्ट सस्पिशन को पूरा करता था . होम डिलीवरी वाल एहोटेल ने बताया की उनकी एक डिलीवरी बाइक शाम 6 बजे चोरी होगयी है और उन्होंने ना कोई आर्डर रिसीव किया ना सप्लाई किया उस होटल को जहां वो बन्दे टिके हुए थे।
इसका मतलब साफ था। उन बाक्सेज में खाने के साथ जरूर कोई मेसेज था।
और वि डिलीवरी बाइक जो होटल के पीछे झाडीयों में थी, वो गेट अवे वेहिकल थी।
कार्लोस की एनिलिसिस सही थी।
उन्होंने भी कमुनिकेशन शट डाउन कर रखा था और उनका बाम्ब के जखीरे की लोकेशन कम्युनिकेट करने का एक तरीका था।
और अब फोन ट्रेस कर लोकेशन पता नहीं किया जा सकता था।
सिर्फ एक रास्ता था, इन जमूरों का पीछा करना और बाम्बस तक पहुँचना ...
सिर्फ एक रास्ता था, इन जमूरों का पीछा करना और बाम्बस तक पहुँचना ...
कोई ये कह सकता था की इन्हें जब बाम्ब्स का पता लग गया था, तो इन्हें पकड़कर पीट पाटकर पुलिस उस का पता कर लेती।
तो दो खतरे थे।
पहला की अगर वो ना बताते और दुशमन के पास कोई टीम बी होती जिसे वो बाम्ब तक पहुंचा देते तो?
ज्यादा बड़ा सवाल ये था की ये तय था की डिटोनेटर तो इन्हें बाद में ही मिलना था। और आइडियल टाइम ये होता जब इन्हें डिटोनेटर मिल जाता तो इन्हें बाम्ब के साथ पकड़ा जाता,
लेकिन इस के लिया इन का पीछा करना, इन्हें बाम्ब के साथ पकड़ना जर्रोरी था।
और ये काम रीत को करना था।
रीत को मालूम था इसमें बहूत रिस्क था, बहोत एलर्ट नेस चाहिए और मंजिल के इताने नजदीक पहुँच कर वो गेम खराब नहीं होने देंगे। खून करना उनके लिए मामूली बात थी।
लेकिन रीत ...रीत थी।
वह बहोत साल पीछे चली गयी,
वो गमजदा थी, बहूत गुस्से में थी तब किसी ने उससे कहां था ,
रिवेंज इज अ डिश बेस्ट सरवड ...कोल्ड।
वो मंजर उस के साइन में खंजर की तरह गडा हुआ है,
संकट मोचन पर हुआ बम्ब ब्लास्ट , बनारस कैंट स्टेशन पर हुआ बम ब्लास्ट ...
जो उसके बहोत नजदीक थे वो कुछ लोग,...चले गए थे।
दो मिनट पहले तो वो भी थी वहां पर ...
बस उसे यही लगता था क्यों गयी वो,...क्यों गयी,...
अगर वो ना जाती तो वो भी मांस का एक लोथड़ा, एक पोस्ट मार्टम रिपोर्ट, अखबार में छपा एक नाम बन कर रह जाती।
जाने वाले चले गए लेकिन वो,...वो पल पल मरती थी।
बस उसे ये लगता थी की वो गंगा मैया की गोद में समा जाय ....
लेकिन दूबे भाभी ...उन्होंने ने फिर उसे जीना सिखाया। जिंदगी के रंग रिश्तों की गरमी अहसासों की मुलायमियत ...
फूलों के महक , खिलखिलाती मुस्कान , इन्द्रधनुष के रंग ये सब उसकी जिन्दगी में लौटे ...और उसकी हंसी के पीछे छिपा दर्द सिफ उन्हें मालूम था।
वो एक झटके से वर्त्तमान में लौट आई, कुछ भी हो उस इन दहशतगर्दों का प्लान सफल नहीं होने देना था।
कुछ भी चाहे उसे कुछ भी करना पड़े ...
आज जो कुछ भी हुआ ...
रीत बाथ रूम गयी, उसने अपना पहले तो चेहरा रगड़ रगड़ कर धोया , और फिर दो बार जम कर ब्रश किया,
कार्लोस के बारे में वो सोच रही थी ..ब्रश करते हुए ...
पहले उसने कभी हाथ भी नहीं लगाया था और आज, कितनी बार वो अकेले रहे , नाव पर जेड की तलाश में , और भी लेकिन आज,...
बात शुरू हुयी थी उस छेद से ...की बाहर से कोई देख रहा था, और वो भी आई जब काल गर्ल बन के थी तो ...
अचानक रीत की चमकी ...
अब उसे समझ में आया ...
कमरे में जरूर कोई हिडेन कैमरा था।
जब वो घुसी तो बात रूम के नल से पानी की आवाज आरही थी,
कमरे का टीवी भी हाई वाल्यूम पर चल रहा था ....
कार्लोस फ्रेंच सिक्योरिटी सरविस का माना हुआ जासूस था और उसने एक से एक आतंकीयों को पकड़वाया था। ये उस का कन्या प्रेम और भारत प्रेम था जिसने उसे बीच में नौकरी छोड़ने और भारत आने पर मजबूर किया।
और जिस एंगेल पर उसने लैप टाप रखा था ....
जिस तरह धीमी आवाज में वो बोलता था जब प्लान के बारे में बात कर रहा था ...
खुला नल , तेज आवाज का टीवी इस बात को इनश्योर कर रहा था की उन की बातें खा तौर से प्लान के बारे में उन्हें पता ना लगे।
और जिस तरह से लैप टाप रखा था फीड किसी तरह कैमरा कैप्चर नहीं कर सकता था .
लेकिन उसने मुझे क्यों नहीं बताया ...रीत ने सोचा। शायद इसलिए की मैं फिर असहज लगती, मुझे लगता की कैमरा है तो या तो ओवर एक्टिंग करती और, ...मानिटर करने वाला कोई एक्सपर्ट होता तो ...निश्चित उसे पता चल जाता ..फिर तो ...
सारा बना बनाया काम बिगड़ जाता। वो लोग आखिरी दीवाल की तरह थे।
रीत ने सोचा की ...जिस तरह से पोलिस में लीक है ...कोतवाली का सी ओ ही मिला निकला , ये तो कहिये की टाइम पे अंदाजा लग गया ..और अभी भी कुछ साफ नहीं है, इसलिए उन्हॊने किस्सी से भी इन्फो शेयर नहीं की थी, जिस कामरे से वो फीड मानिटर कर रहे थे उसक इबार में सिरफ रीत , कार्लोस और रेहन को मालूम था। उसने 'हीरो' से बताया जरूर था , लेकिन ना तो होटल का नाम ना स्पेसिफिक लोकेशन ...और पोलिस को तो कुछ भी नहीं ...हाँ आई बी वालों की लोकेशन जर्रोर उसे मालूम थी और उन लोगों को रीत की फोटो पहचानवा दी गयी थी। और एक कोड वरड भी बताया गया था ...
रीत मुस्कराई , लेकिन जिस तरह से वो हाई क्लास काल गर्ल के ड्रेस में निकली थी, उनका भी उसे पहचानना मुश्किल था।
इसलिए शायद ये बहूत जर्रोरी था की किसी भी हालत में दुशमन को उनके बारे वैसे भी वो ये नहीं मानती थी की किसी लड़की नैतिकता सिर्फ उसकी देह से जुडी है, उसे याद आया ..किसी ने उसे दो मांक्स की कहानी बतायी थी, दोनों एक नदी पार कर रहे थे। वहां एक लड़की पड़ी थी षोडस यौवना , निर्वस्त्र ....एक ने उसे अपनी गोद में उठाया और उसे नदी पार करा दी। फिर दोनों अपनी यात्रा पर चल निकले ...कुछ देर बाद दूसरे मांक ने पूछा , " हे हम लोगों को तो लडकियों से दूर रहना चाहिए लेकिन तुमने उस लड़की को क्यों उठाया। पहला वाला मुस्कराया और बोला,
" अरे मैंने तो उसे नदी के तीर पर ही छोड़ दिया था, और तुम तो उसे अभी तक उठा कर चल रहे हो ."
रीत मुस्कराई और शावर खोल कर नीचे खड़ी हो गयी।
उसे सिरफ इस समय चिड़िया की आँख देखनी चाहिये, क्सिसी भी हालत में वो दहशत गर्द कामयाब ना हों।
देह पोंछते वो फिर मुस्कार्यी , एक फायदा तो हो गया।।।कार्लोस ने जो मन्त्र बताया , वो कल ही गुड्डी को बताएगी अपने हीरो को बताने के लिए अब जब रंजी का नम्बर लगेगा तो वो उसे जगा सकता है,
तभी कमरे के दरवाजे पे नाक हुआ ..
रीत तौलिया लपेट कर बाहर आई
दरवाजे पे जोर जोर से नाक हुआ ...
रीत ने घडी की ओर देखा 10 बज रहे थे।
कौन अन्दर से उसने पूछा
"रंजी का यार ..." बाहर से आवाज आई .
दरवाजे पर फिर नाक हुआ .
रीत ने ध्यान से सूना, ये कोड के हिसाब से ही था,..
नाक . फिर नाक ..फिर पासवर्ड और एक बार फिर ...नाक ...
लेकिन रीत रिस्क नहीं ले सकती थी। वो दरवाजे के ठीक पीछे खड़ी हो गयी , उसके हाथ में पीपर स्प्रे का का कैन था। दरवाजे के पास मुंह लगा के फिर रीत ने बोला ..
" रंजी का यार नम्बर ..."
उधर से आवाज आई .." रंजी का यार नंबर 2."
रीत की जान में जान आई।
लेकिन वो अभी भी अलर्ट थी। दरवाजे दरवाजे के ठीक पीछे खड़ी , दाये हाथ में पेपर स्प्रे कैन और बायाँ हाथ कराते की मुद्रा में सन्नद्ध ...
धीरे धीरे उसने दरवाजा खोला,
उसे मालूम था वो कौन है लेकिन कहीं किसी ने उसके पीछे पिस्तौल लगा कर उससे जबर्द्स्ती पासवर्ड बुलवाकर एंट्री की कोशीश ना की हो ...
वही था ..अकेले ..और उसके घुसते ही रीत ने झटाक दरवाजा बंद कर दिया।
और उसे पीछे से दबोच दिया ..
उसके कानों के पास मुंह लगा कर वो जोर से बोली ,
" हैप्पी बर्थ डे ..."
और मेरी गिफ्ट, मेरा केक ....उसने छुड़ाने की बनावटी कोशिश करते हुए बोला।
" साल्ले, 5 फिट 6 इंच का केक पीछे खडा है ...और तुम केक ढूंढ रहे हो ..इ दुनिया का अकेला केक है , जितना भी खाओ ख़तम नहीं होगा यू कैन किप आईटी एंड हैव इट टू।" रीत उसक इयर लोबस पर किस करते बोली। लेकिन केक काटने का चाकू कहाँ है रीत ने पूछा ...
" यहाँ ..." रेहन ने रीत का हाथ पकड़ कर अपने जींस फाडू तन्नाये लिंग पर रख दिया।
रेहन और रीत की रिश्ता बहोत पुराना था ...एकदम तोता मैना की कहानी की तरह ...
रेहन पैदायशी ठरकी था। तो बात घूरने से शुरू हुआ और बस में जो अक्सर एक जवान लड़का , जवान होती लड़की के साथ करता है , वहां तक पहुँच गयी। पहले तो रीत ने नजर अंदाज किया, फिर उसे बुरा लगा और फिर अच्छा ...
लेकिन लड़की की मजबूरी और लडके की किस्मत ...लेकिन एक दिन बस में रेहन अपनी आदत से बेबस था और रीत अपनी शरम से ..पहले तो वो सिर्फ पीछे खड़ा रहा , फिर सड़क के गड्ढे की कृपा से ( जो शायद जवान लडकों की दुआओं से कभी नहीं ठीक होते ) सरक कर उससे सट गया ..और कुछ देर में उसके हाथ रीत की आगे पीछे की गोलाईया नापने लगे। रीत को शायद रेहन की ज्यामेट्री और बायोलाजी के प्रति ये दिलचस्पी बुरी नहीं लगती ,
लेकिन उसने देख लिया की कुछ अधेड़ और वृद्ध होते लोग उसकी हरकते देख रहे है और अगर उसने कुछ न बोला , तो वो जान जायेंगे की उसकी भी इसमें मंजूरी है ..
और घर जाकर उसके पता नही क्या कहें ..बस इसलिए वो चिल्लायी।
उसके बाद तो वो सारे लोग जो कन्या दर्शन से एक्सन तक कभी नहीं उतर पाते ...हिम्मत और इन्शियेटिव के अभाव में ...वो सब रेहन के दैहिक समीक्षा में जुट गए।
रीत को बुरा तो बहोत लगा , उसका एकलौता (तब तक का ) चाहने वाला ...लेकिन वो क्या करती . अपने बस स्टाप पर उतर गयी . खैर जैसा की अंग्रेजी में कहते है ..
.टू कट अ लांग स्टोरी शार्ट, ...कुछ दिनों बाद रीत ने खुद उससे बात चीत शुरू की , और उस इक मशहूर चाकलेट भी खिलाई , जो शुभ काम शुरू करते समय खिलाई जाती है।
और दोनों की दोस्ती फिर चल निकली।
वो भरतपुर के चक्कर काटता रहा लेकिन जैसा की किसी विद्वान लेखक ने कहा है ' वो ' चीज और लाटरी कब , किसके लिए खुलेगी कोई नहीं जानता ...तो वो अपने हीरो के लिए खुल गयी,
रेहन को अभी भी उम्मीद थी ...कोई जरुरी नहीं की हर आदमी फर्स्ट डे , फर्स्ट शो पिक्चर देखे ...पिक्चर तो वही रहती है।
और जेड के मामले में रेअहन और उसकी ठरकी सेना ने रीत का बहोत साथ दिया था।
हाँ तो हम कहाँ थे,
ओके ..रीत ने रेहन को पीछे से पकड़ रखा था और उसे हैप्पी बर्थ डे बोल रही थी। और उसने रीत के कोमल हाथों को पकड़ के अपने तन्नाये हथियार पर रख दिया था।
रीत ने कमरे की लाईट जलायी और रेहान को जोर का झटका जोर से लगा।
रीत तौलिये में थी और कास्ट कटिंग के चक्कर में होटल वाले थोड़ी छोटी बाथ टावेल रखते थे।
और रीत के उभार भी थोड़े ज्यादा ही उभरे थे। तो जो होना था वाही हुआ, ना सिर्फ उस के आधे से ज्यादा उभार , बल्कि स्तनाग्र भी साफ दिखाई दे रहे थे।
यही हालत उसकी चिकनी जांघो की थी , केले के तने सी ....और जहाँ टावेल ख़तम होती थी , सुधि रसिकों के लिए दिखाई देना वाल एक बोर्ड भी लगा था , भरतपुर 10 इंच उत्तर की ओर,....
हालत थोड़ी और खराब हो उसके पहले रीत उसे धकेल कर बाथरूम की ओर ले गयी ..लेट उस हैव शावर टू गेदर और अन्दर घुस कर पैर से धकेल कर बाथ रूम का दरवाजा बंद कर दिया और शावर फूल स्पीड पर खोल दिया।
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
No comments:
Post a Comment