Wednesday, September 3, 2014

FUN-MAZA-MASTI जिस्म की प्यास --2

FUN-MAZA-MASTI

 जिस्म की प्यास  --2
 राम्या नीचे गई और मा के पास किचन में चली गई.
‘मा मैं कुछ मदद करूँ’
‘नही बेटा तुम टेबल पर बैठो- मैं बस अभी आइी, सब तयार हो चक्का है’
राम्या टेबल पर जेया के बैठी ही थी की उसका सेल बजता है. कॉल रिसीव करती है तो
‘ववओूऊऊऊओवव्वव सिमिरन कितने दीनो बाद फोन कर रही है’
सिमिरन : और तू जैसे मुझे फोन करती रहती है. अक्चा सुन मैं परसों आ रही हूँ, तेरे ही इन्स्टिट्यूट में अड्मिशन लेने. बाकी लोग भी कुछ दीनो में आ जाएँगे. पापा का ट्रान्स्फर देल्ही हो रहा है.
राम्या : अरे वा , फिर तो मज़ा आ जाएगा, अकेले बोर हो जाती हूँ मैं,तेरी कंपनी मिल जाएगी तो सच में बहुत मज़ा आएगा.
सिमिरन : अच्छा मैं रख रही हूँ, टुजे फ्लाइट डीटेल्स स्मस कर दूँगी, एरपोर्ट पर मिलना. बाइ त/सी
राम्या : त/सी
राम्या : मा ! मा!
मा : अरे क्यूँ चिल्ला रही है, आ रही हूँ बस
मा कने की प्लेट्स ले के टेबल तक आती है, राम्या प्लेट्स ले कर टेबल पे रखती है.
‘हन बोल क्यूँ चिल्ला रही थी’
‘सिमिरन आ रही है मा, मज़ा आ जाएगा’
मा : हन पता है तेरे मामा का देल्ही ट्रान्स्फर हो गया है. पहले सिमिरन आ रही है फिर कुछ दीनो में बाकी सब भी आ जाएँगे.
राम्या : कयययययययाआआअ आपको मालूम है और मुझे बताया भी नही.
मा : अरे बेटी कल रात ही तो फोन आया था तेरे मामा का. सारा दिन तू मुझे घूमती रही तो दिमाग़ से निकल गया.
दोनो खाना ख़तम कर के किचन संभालती हैं और सोने की तायारी करती हैं.
राम्या : मा आज मैं आपके पास सो जौन.
मा : जा कपड़े बदल के आजा.
राम्या भागती हुई जाती है और उसका ये अल्हाड़पन देख मा हास पड़ती है और अपने कमरे में जेया कर अपनी नाइट ड्रेस निकल के पह्न लेती है.
नाइट ड्रेस ज़यादा तो नही पर कुछ ट्रॅन्स्परेंट थी और मा का खूबसूरत जिस्म उसमे से झलक रहा था.
राम्या भी अपनी निघट्य पह्न के आ जाती है. और दोनो बिस्तर पे लेती हुई राम्या के मामा और उसके परिवार के बारे में बातें करती रहती हैं. राम्या की नींद तो कोसो दूर थी. बातें करते करते वो अपनी मा से चिपक जाती है और जब दोनो के उरोज़ आपस में टकराते हैं तो दोनो के जिस्म में एक लेहायर दोध जाती है.
राम्या अपने उरोज़ अपनी मा के उरज़ोन से रगड़ने लगती है और मा चाहते हुए भी उसे रोक नही पाती.
मा की बाँहें भी राम्या के इर्द गिर्द कस जाती हैं और वो राम्या की पीठ सहलाने लगती है. राम्या अपनी मा की गर्दन चूमे लगी और धीरे धीरे गॅलन को चूमने लगी.
दोनो के होंठ कब आपस में मिले पता ही ना चला और मा ने राम्या के होंठ चूसने शुरू कर दिए. राम्या के जिस्म में आग भड़क उठी और वो अपनी मा से अमरबेल की तरहा चिपक गई.
मा को जैसे कुछ होश आया और वो राम्या से अलग हो गई और सीधी हो कर लेट गई.
पर राम्या अब कहाँ रुकने वाली थी. राम्या अपनी मा के उप्पर आ गई और अपनी मा के चेहरे को हाथों में पकड़ उसके होंठों को अपने होंठों में जाकड़ लिया.
मा ने हिलने की ओशिश करी पर राम्या ने हिलने नही दिया और मा के होंठ चुस्ती रही. धीरे धीरे मा भी रंग में आने लगी और राम्या का साथ देने लगी.




राम्या अपनी मा के निपल ऐसे चूस रही थी जैसे बहुत दीनो के भूके बच्चे को मा का दूध नसीब हुआ हो. मा की आँखों में में राम्या का बचपन घूमने लगा ऐसे ही ज़ोर ज़ोर से उसके निपल चूसा करती थी.
अहह मा की सिसकी निकल जाती है और वो राम्या के सर को अपने उरोज़ पर दबा देती है. वो अपने देवरानी के साथ कई बार लेस्बियान कर चुकी थी पर आज बेटी का असर कुछ और ही पद रहा था, उसके जिस्म का पोर पोर मज़े की इंतेहा से खिल उठा था और उसकी उत्तेजना अपनी सारी सीमाएँ लंग रही थी.
राम्या अपनी मा के दोनो उरोज़ एक के बाद एक चुस्ती रहती है और साथ साथ हल्के हल्के दाँत भी लगा देती थी.
जब भी राम्या के दाँत निपल पे गाडते मा की चूत में साथ साथ खलबली मचना शुरू हो जाती और उसकी जोरदार सिसकी निकल पड़ती उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़
अपने मा के उरोज़ अच्छी तरहा लाल सुर्ख कर राम्या अपनी मा के नेवेल को चूमने लगी और अपनी जीब बीच में दल कर गोल गोल घूमने लगी.
नेवेल शायद मा का सबसे वीक हिस्सा था, और उसे भी खुद आज ही पता चला क्यूंकी पहले किसी ने भी उसके नेवेल के साथ छेड़ खानी नही की थी. इधर राम्या की जीब्नावेल में घूमती उधर मा की चूत अपना रस छ्चोड़ने लगती. मा ने राम्या के सर को ज़ोर से दबा दिया ताकि उसकी हरकतें रुक जाएँ, पर राम्या लगी रही और मा उत्तेजना में अपनी टाँगें पताकने लगी.
राम्या धीरिरे चूमते चाहते हुए नीचे बदती है और अपनी मा की छूट पे अपनी ज़ुबान फेरने लगती है.
जैसे ही राम्या की ज़ुबान मा की चूत को छूटी है एक ट्रंग दोनो के जिस्म में दोध जाती है. राम्या आज पहली बार किसी छूट पे अपनी ज़ुबान चला रही थी वो भी अपने मा की और मा पहली बार अपनी बेटी की ज़ुबान का असर अपनी छूट पे महसूस कर रही थी.
मा राम्या को उप्पर खींचती है और दोनो 69 में आ जाती हैं. अब मा राम्या की चूत पे फिर से अपनी ज़ुबान का कहर बरसाने लगती है और उधर राम्या अपनी मा की छूट को पूरा मुँह में भर लेती है.
दोनो एक दूसरे के जिस्म को आपस में रगड़ते हुए एक दूसरे को अपनी टाँगों से बीच लेती है और ज़ोर ज़ोर से एक दूसरे की छूट चूसने लगती हैं.
राम्या की पूरी ज़ुबान मा की चूत में घुस्स जाती है जबकि राम्या की चूत टाइट थी तो मा की ज़ुबान तोड़ा ही अंदर घुस पाती है. दोनो एक दूसरे की चूत को चूस्ते हुए अपनी ज़ुबान से छोड़ने लग गई. दोनो की सिसकियाँ अंदर ही अंदर दम तोड़ने लगी. रूम में एक ज़लज़ला आ गया, एक ऐसा तूफान जो थमने का ना ही नही ले रहा था.
साँसे लेना दूभर होता जेया रहा था पर ज़ुबानो का चलना नही . ये मंज़र कोई आदमी देख लेता तो बस एक ही दुआ माँगता, एक और लंड , ताकि वो दोनो को एक साथ चोद सके.
दोनो एक दूसरे को ज़ुबान से चोद रही थी, बीच बीच में अपने दाँत भी गड़ रही थी, एक अपने दाँत गडती तो बदला लेने के लिए दूसरी भी अपने दाँत गड़ देती.
दोनो की चूत रस बहा रही थी और दोनो ही उसे पीते हुए रुकने का नाम नही ले रही थी.
अपनी मा की छूट को चूस्ते हुए राम्या सोच रही थी की जब एक औरत के साथ इतना मज़ा आता है तो एक मर्द के साथ कितना आएगा. उसकी आँखों के सामने उसके भाई का चेहरा घूमने लगा और उसकी पकड़ अपनी मा की चूत पे और भी सकत हो गई है.
आधे घंटे से दोनो एक दूसरे पे कहर ढा रही थी. और संवेदना सहती हुई दोनो छूट अपने चर्म पे पहुँच गई और दो बंद एक साथ टूट पड़े. अफ मा का ज़यादा बुरा हाल था इतना रस तो अपनी पूरी जिंदगी में नही बहाया था जितना आज बहा रही थी.
जिस्म से जान निकलती जेया रही थी और वो सातवें आसमान पे कहीं उड़ने लगी . राम्या भी पीछे नही रही और अपनी मा के साथ ताल में ताल मिलती हुई आनंद की गहराइयों में सराबोर हो गई.
दोनो ने एक बूँद भी बर्बाद नही होने दी. और दोनो का पेट इतना भर गया की सुबह नाश्ता करने की नौबत नही आने वाली.
हाँफती हुई दोनो अलग हुई और अपनी साँसे संभालने लगी.



रात भर दोनो एक दूसरे को नोचती ख़ास्टोती रही . मुस्किल से एक घंटा ही सोई होंगी. राम्या के नींद जैसे खुली वो फिर अपनी मा पे चाड गई. नज़ारा कुछ इस तरहा था
जिस्म की प्यसस फिर भड़क गई और दोनो 69 पोज़ में आकर एक दूसरे की चूत चूसने लगी
आधे घंटे तक मा बेटी एक दूसरे की चूत चुस्ती रहती है आंड दोनो एक साथ झाड़ जाती हैं. राम्या आज फुल मस्ती के मूड में आ चुकी थी, वो अपनी मा को बातरूम में खींच के ले जाती है और दोनो बात्ट्च्ब में घुस्स एक एक दूसरे के जिस्म पर साबुन रगड़ने लगती हैं.
एक घंटे तक मा बेटी एक दूसरे को रग़ाद रग़ाद कर नहलाती हैं. ऐसे लग रहता जैसे जिंदगी में पहली बार नहा रही हों.
नहाने के बाद दोनो टायरर होती हैं और मा किचन में लग जाती है. नाश्ता करने के बाद राम्या थोड़ी देर के लिए बाहर जाती है और जब वापस आइी तो उसने अपनी नाक चिड़वा कर एक नोस रिंग पहनी हुई थी. इस रूप में राम्या और भी कातिलाना लग रही थी.
राम्या जब अपने नये रूप में घर पहुँची तो मा उसे देखती ही रह गयी. आस पास रहने वेल लड़कों और मर्दों की तो जान आफ़त में पड़ने वाली थी.
राम्या तब अपने कमरे में चली गई और अपने लिए नया डिज़ाइन तयार किया जो इस प्रकार का था . जिस्म की प्यसस जब बदती है तो इंसान क्या क्या रूप नही धारण करता.


अपनी ड्रेस का नया कलेक्षन करने के बाद राम्या अपने कमरे में वोही डVड लगा के बैठ गई जिसमें उसके मम्मी पापा और चाचा चाची थे. आवाज़ उसने बहुत धीमे रखी ताकि नीचे मा तक आवाज़ ना पहुँचे. चाची की दमदार चुदाई के बाद चारों ने कुछ देर आराम किया और फिर मम्मी ने चाचा का लंड चूस चूस कर खड़ा किया और चाचा के उप्पर आकर उनके लंड को अपनी चूत में डाल लिया.
चाची भी पापा के लंड को चूसने लग गई. पापा का लंड जब खड़ा हो गया तो पापा ने चाची के होंठों पे अपने होंठ सता दिए और दोनो एक दूसरे को चूमने लगे. पापा ने चाची की तंग को उप्पर उठाया और अपने लंड उनकी चूत में पेल दिया.
चाची दो बार झाड़ चुकी थी और उनमे हिम्मत नही बची थी और छुड़वाने की. पापा ने चाची की चूत से लंड निकल लिया और मम्मी के पीछे जेया कर उनकी गॅंड में एक ही झटके से अपना लंड घुस्सा दिया. मम्मी की चीखें निकालने लगी. अब चाचा और पापा मिलके मम्मी की जोरदार चुदाई करने लगे.
इनकी चुदाई देख कर राम्या की चूत भी रोने लग गई.
उससे और आयेज देखा नही गया.
लॅपटॉप बंद किया और बातरूम में घुस्स गई.
बात टब में लेती राम्या काफ़ी देर तक अपनी चूत में उंगली करती रहती है जब तक वो झाड़ नही जाती.
फिर नहा कर बाहर आती है और अपने सेल फोन से अपनी नग्न तस्वीरें खींचती है. सिरफ्स अपने बूब्स की अलग अलग आंगल्स से, सिर्फ़ अपनी चूत की और और अपना चेहरा छुपाते हुए बाकी जिस्म की . कुल 15 -20 फोटो अपनी खींच लेती है.
फिर कपड़े पह्न कर तयार होती है और अपने लॅप टॉप खोल कर अपनी एक फेम मैल ईद बनती है जिस्म की प्याससी (जकप).
और अपने बूब्स की एक फोटो अपने भाई विमल को मैल कर देती है.
साथ में एक रिमार्क डाल देती है
‘क्या तुम इन्हें चूसना चाहते हो? अगर हन तो जवाब देना.’
फिर राम्या नीचे आती है और अपनी मा को फिर खींच कर बाहर घूमने निकल पड़ती है.
राम्या मा को फिर मौर्या शेरेटन ले जाती है, दोनो फिर एक एक बियर पीते हैं, बैठ कर इधर उधर की बातें करतें हैं. राम्या की अभी हिम्मत नही पद रही थी की वो मा से फॅमिली चुदाई के बारे में पूछ ले.
बियर पीने के बाद दोनो दिली हाट चली जाती हैं, जहाँ राम्या कुछ शॉपिंग करती है. उसे सिमिरन के लिए कुछ गिफ्ट खरीदना था.
मौज मस्ती करते हुए दोनो सारा दिन निकल देती हैं और वापस घर आ जाती हैं.
शॉपिंग वगेरह के बाद राम्या और उसकी मा जैसे ही घर पहुँचते हैं. राम्या अपनी मा को बाँहों में भर लेती है और दोनो के होंठ फिर जुड़ जाते हैं. अब मा को भी राम्या के साथ मज़ा आने लगा था. पर लंड की कमी राम्या कहाँ पूरा कर पाती, वो तो खुद लंड की तलाश में थी और सारे राज जानने के लिए ही तो अपनी मा से चिपक रही थी. दोनो 10 मीं तक स्मूच करते हैं फिर दोनो मा के कमरे में चली जाती हैं
वहाँ विमल जैसे ही अपने हॉस्टिल में पहुँचता है और अपना लपटोपन ओं कर के अपनी मेल्स चेक करता है. एक मैल जकप से आइी हुई थी. विमल उसे खोलता है तो डांग रह जाता है. उसमें जकप ने अपने बूब्स की फोटो भेजी हुई थी. विमल की आँखें लॅप टॉप की स्क्रीन पे जाम जाती हैं.
सामने स्क्रीन पर जकप(राम्या) के बूब्स देख कर विमल के जिस्म का तापमान बादने लगता है. उसे गर्मी लगने लगती है और सारे कपड़े एक एक कर जिस्म का साथ छ्चोड़ देते हैं. जकप के बूब्स देख कर वो मूठ मरने लगता है. आधे घंटे तक अपने लंड की ऐसी तैसी करता है और लॅप टॉप पर जकप के बूब्स पर अपना माल गिरा कर ज़मीन पे लूड़क जाता है. उसकी साँसे ढोक्नी की तरहा चल रही थी.
दोनो मा बेटी एक दूसरे को छूटे हुए एक दूसरे के कपड़े उत्तर देती हैं और चूमते हुए ही मा के कमरे की तरफ बाद जाती हैं. आज मा जायद आक्रामक रूप ले रही थी. वो राम्या के पीछे आ कर उसके उरज़ोन का मर्दन करती हुई अपने उरोज़ उसकी पीठ से रगड़ने लगती है और उसके होंठ कुसने लगती है.
शायद मा आज खुल के मज़े लेना चाहती थी और देना चाहती थी.
थोड़ी देर बाद दोनो मा बेटी 69 पोज़ में आ जाती हैं और एक दूसरे की चूत को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगती हैं. मा कुछ ज़यादा मज़े से राम्या के चूत को चूस रही थी. और राम्या भी अपना पूरा ज़ोर लगा रही थी मा को पूरा मज़ा देने के लिए.
राम्या अपनी मा की चूत को चूस्ते हुए अपनी दो उंगल छूट में डाल देती है और तेज़ी से अंदर बाहर करने लगती है. मस्ती के मारे मा राम्या की चूत को काट केटी है और अपनी ज़ुबान उसकी चूत में डाल देती है. आधे घाटे तक दोनो मा बेटी लगी रहती हैं और एक दूसरे का पानी निकल कर पी जाती हैं. दोनो ही हाँफ रही थी और एक दूसरे की बगल में लेट कर अपनी साँसे संभालने लगती हैं.
राम्या की जब साँसे संभालती हैं तो वो अपनी मा के उरोज़ चूसने लगती है. मा भी अपनी पोज़िशन बदलती है और राम्या के उरोज़ चूसने लग जाती है. सारी रात दोनो एक दूसरे के साथ मस्ती करती रहती हैं.
उधर विमल को जब अपने ओर्गसम से होश आता है तो बातरूम जेया कर खुद को सॉफ करता है और फिर अपने लॅप टॉप को सॉफ करता है. जकप(राम्या के बूब्स को स्क्रीन पर चूमता है और एक मैल उसे भेज देता है.
अगले दिन सुबह जब विमल सो के उठा तो उसे जकप की वो मैल याद आइी, उसने फिर अपना लॅपटॉप खोला और देखा की जकप की कोई और मैल नही आइी. वो फिर उसके बूब्स वाली फोटो खोल के बैठ गया और हसरत भारी नज़रों से उसे देखने लगा.
आह!!!! काश ये बूब्स इस वक़्त उसके हाथों में होते.
काश वो इन प्यारे से निपल्स को चूस पता.
कौन है ये जकप? उसे कैसे जानती है? उसने ये मैल क्यूँ भेजी? बहुत से सवाल उसके दिमाग़ में घूम रहे थे पर लंड महषाई का तो अपना ही दिमाग़ था वो सर उठा के खड़ा हो गया.
विमल को फिर गर्मी ने घेर लिया और वो सारे कड़े उत्तर कर जकप के बूब्स को अपने हाथों में अपने होंठों में महसूस करते हुए मूठ मरने लगा.
उसकी तड़प हर लम्हा बदती जेया रही थी. जकप ने उसके दिल-ओ-दिमाग़ को अपने क़ब्ज़े में कर लिया था.
उसकी उत्तेजना इतनी जायद बाद गई थी की 5 मीं में ही वो धराशाही हो गया और अपना पानी निकल बैठा.
उसे बेसब्री से जकप के जवाब का इंतेज़ार था. अपने लंड को ठंडा करने के बाद वो फ्रेश हो कर तयार हुआ और अपनी क्लासस के लिए चला गया. पर आज उसका दिल क्लासस में बिल्कुल नही लग रहा था.
वो जल्द से जल्द वापस हॉस्टिल जाना चाहता था जकप की मैल चेक करने.
इधर राम्या और उसकी मा जब सुबह उठते हैं तो दोनो का ही जिस्म टूट रहा था पर चेहरों पर रौनाक़ थी. राम्या तयार हो कर नाश्ता करती है और फिर अपने इन्स्टिट्यूट चली जाती है.
दोपहर में वो इन्स्टिट्यूट से वापस आती है और अपना लॅप टॉप खोल के देखती है, अपनी मैल चेक करती है, विमल की मैल आइी हुई थी, बड़ी बेसब्री से उसके बारे में पूछ रहा था.
राम्या फिर उसे जकप की ईद से एक मैल करती है. ‘ पहले अपने लंड की फोटो भेजो, मेरे काबिल भी हो या नही, फिर आयेज बात करूँगी’
और नीचे अपनी मा के पास चली जाती है. राम्या कब से ये सोच रही थी की मा से पूछे की क्या अभी वो सामूहिक चुदाई करती है चाचा चाची के साथ. पर उसकी हिम्मत नही पद रही थी. शायद अभी दोनो इतना आपस में नही खुली थी. अब भी एक गॅप था दोनो के बीच.
शाम को राम्या और उसकी मा तयार हो कर सिमिरन को लेने एरपोर्ट चले जाते हैं.
राम्या और उसकी मा सिमिरन को एरपोर्ट से पिक करती हैं और सीधे अपने घर आती हैं. राम्या सिमिरन का समान अपने कमरे में रख लेती है और उसका इंतेज़ाम उसने अपने साथ ही किया हुआ था. मा किचन में काम करने चली जाती है और दोनो एक दूसरे के गले लग जाती हैं.
राम्या : कितने टाइम बाद मिल रही है. याद नही आती थी क्या मेरी?
सिमिरन : तुझे कैसे भूल सकती हूँ मेरी जान, क्या करूँ अकेले आ नही सकती थी और पापा काम में बिज़ी होते थे. खैर अब सारी दूरियाँ ख़तम, अब तो हम यहीं रहेंगे मिलना जुलना तो अब होता ही रहेगा. ये बता तू इतनी बदल कैसे गई?
राम्या : क्यूँ क्या बदलाव नज़र आ रहा है तुझे?
सिमिरन : नाक में ये सेक्सी रिंग, कपड़ों का रंग धुंग सब कुछ तो बदला हुआ है. कोई पटा लिया क्या? या किसी से पाट गई?
राम्या : अरे नही यार. बाहर में मुँह मार्टी नही. बस कोशिश कर रही हूँ किसी को पाटने की. ये निगोडी जिस्म की प्यसस बदती ही जेया रही है. तू बता तूने क्या गुल खिलाए हैं वहाँ.
सिमिरन : यार बहुत तक गई हूँ. पहले नहा कर फ्रेश हो जाती हूँ. ( बात का रुख़ पलट ती है)
राम्या सिमिरन के कपड़े उत्तरने लगती है.
सिमिरन : अरे क्या कर रही है.
राम्या : क्यूँ कोई लड़का हूँ क्या जो तुझे छोड़ डालूंगी , जो तेरे पास है वोही मेरे पास है.
सिमिरन भी उसके कपड़े उत्तरने लगती है.
सिमिरन और राम्या
राम्या और सिमिरन एक दूसरे को नहलते हुए
दोनो नंगी हो कर बात रूम में घुस्स जाती हैं और एक दूसरे पे साबुन रगड़ने लगती हैं. अच्छी तरहा एक दूसरे के जिस्म को साबुन के साथ माल माल कर अपने हाथ साथ में फेरती हैं. दोनो के जिस्म की प्यसस बादने लगती है .
नहाते हुए दोनो स्मूच करने लगती हैं
प्यसस इतनी भड़का जाती है की दोनो के होंठ आपस में जुड़ जाते हैं. राम्या उसका निचला होंठ चूसने लगती है और सिमिरन उसका उप्पर वाला. दोनो की ज़ुबाने आपस में लड़ने लगती हैं. और दोनो ही अपने उरोज़ एक दूसरे से अच्छी तरहा रगड़ती है. दोनो के हाथ एक दूसरे की छूट को सहलाने लगते हैं और उंगलियाँ एक दूसरे की छूट में घुस्स जाती हैं.
शवर का ठंडा पानी भी इन दोनो की तपिश को कम नही कर पाता और होंठों की चूसा के साथ साथ उंगलियाँ भी तेज़ गति से एक दूसरे को छोड़ने लगती हैं. राम्या की छूट टाइट थी पर सिमिरन की खुली हुई थी. राम्या भाँप जाती है के सिमिरन छुड़वा चुकी है.
उंगलियों से ही दोनो एक दूसरे को झाड़ा देती हैं और फिर साबुन उत्तर कर बातरूम से बाहर निकलती हैं और अपने कपड़े पह्न लेती हैं. राम्या सवालिया नज़रों से सिमिरन को देख रही थी. सिमिरन नज़रें चुराती है और आंटी को मिलने का कह कर नीचे चली जाती है.
सिमिरन के नीचे जाने के बाद राम्या अपना लॅपटॉप खोलती है. विमल की मैल आइी हुई उसने अपने लंड की फोटोस भेजी थी. राम्या गौर से उसके लंड की फोटो देखती है और एक मैल उसे भेज देती है.
‘जानदार लंड लगता है तुम्हारा चूसने में मज़ा आएगा’
इसके बाद राम्या अपना लॅपटॉप बंद करती है और नीचे चली जाती है. हाल में सिमिरन उसकी मा के पास बैठ कर बातें कर रही थी. राम्या भी भी उनके साथ लग जाती है.
रात को मा को अकेले ही सोना पड़ा. वो सिमिरन के सामने नही खुलना चाहती थी. राम्या सिमिरन को अपने बेड रूम में ले गई और दोनो बिस्तर पे लेट आपस में बातें करने लगी.
राम्या : किस से छुड़वा रही है तू ?
सिमिरन : चुप क्या बकवास कर रही है.
राम्या : बन्नो हम से चालाकी नही चलेगे, तेरी चूत ने तेरा राज़ खोल दिया है. बता ना. कसम से ये राज़ सिर्फ़ मेरे पास रहेगा.
सिमिरन : नही नही. कहीं ग़लती से भी तेरे मुँह से कुछ निकल गया तो लेने के देने पद जाएँगे और बदनामी अलग.
राम्या : बता ना यार, तू मुझे अपना राज बता मैं तुझे अपना बतावुँगी. अब नखरे छ्चोड़ जल्दी बता किसने तेरी सील तोड़ी.
सिमिरन कुछ देर सोचती है फिर बोल पड़ती है ‘विक्रांत ने’
राम्या : ‘कयय्य्ाआआअ विक्रांत भाई ने, कब? कैसे हुआ ये?’
सिमिरन : दो साल हो गये हैं इस बात को. जब भी मोका मिलता है हम चुदाई कर लेते हैं.
राम्या : बड़ी तेज़ निकली तू, बड़े भाई को ही पटा लिया.
सिमिरन : अरे मैने नही, भाई ने ही मुझे पटाया था.
राम्या : शुरू से बता ना कैसे हुआ था, कैसे शुरू किया था.
सिमिरन : अब तू पहले अपना राज बता.
राम्या : कोई खास राज नही है, बस विमल को पाटने की कोशिश कर रही हूँ. अब ये जिस्म की प्यसस सही नही जाती और घर के बाहर मैं कुछ करना नही चाहती. एक ही रास्ता बचता है वो है विमल.
सिमिरन : कैसे पता रही है, अभी कुछ हुआ क्या.
राम्या : अरे कहाँ यार, अभी दो दिन ही तो हुए हैं, कोशिश करते हुए, सब बतावुँगी पहले तो बता विक्रांत ने कैसे पहल करी और तू कब राज़ी हुई चूड़ने के लिए.
सिमिरन : आधी रात को भाई मेरे बिस्तर में आ जाता था और मेरे बूब्स सहलाने लगता था. एक आध दिन तो मुझे पता नही चला. एक दिन मेरी नींद कच्ची थी और भाई आ कर मेरे बूब्स सहलाने लगा. मैं दर गई और चुप छाप पड़ी रही. मेरी तरफ से कोई हरकत होते ना देख भाई की हिम्मत बाद गई, और वो रोज रात को मेरे बिस्तर पे आता और कुछ देर मेरे बूब्स सहलाता फिर अपने बिस्तर पे चला जाता. धीरे धीरे मुझे भी मज़ा आने लगा और मैं इंतेज़ार करती कब भाई आएगा और मेरे बूब्स सहलाएगा.
राम्या : आयेज बताना ना सीमी, चुदाई तक कैसे पहुँचे तुम दोनो.
सीमी : कुछ दिन तो विक्की सिर्फ़ मेरे बूब्स ही सहलाता रहा फिर एक दिन उसने मेरा टॉप उप्पर किया और मेरा पेट सहलाने लगा. मेरी तो जान ही निकलती जेया रही. छूट से नदियाँ बहने लगी. बड़ी मुस्किल से अपनी आवाज़ को रोका.
राम्या : पूरा उत्तर दिया था क्या?
सीमी : टॉप तो नही मेरा लोवर पूरा उत्तर दिया था. अफ उसके हाथ जब मेरी जांघों को सहला रहे थे दिल कर रहा था उसे से लिपट जौन.
राम्या : हाईईईईई विमल मेरा साथ ऐसा कब करेगा? फिर क्या हुआ? चोडा क्या उसने टुजे?
सीमी : कोई रेप थोड़ी ना कर रहा था मेरा. बस उस दिन तो काफ़ी देर तक मेरी जंघे सहलाई और फिर मेरे साथ चिपक के मेरे बूब्स सहलाने लगा और अपना लंड मेरी गंद के साथ चिपका दिया. उसका लंड मेरी गॅंड के अंदर घुस्स रहा था. अगर वो नंगा होता तो ज़रूर मेरी पनटी फाड़ देता.
राम्या : मज़ा आया क्या टुजे?
सीमी : क्या बातौन यार छूट में इतनी ज़ोर की खुजली मचने लगी थी की मुजसे और सहन नही हुआ. मैं हिल पड़ी और वो भाग के अपने बिस्तर पे चला गया. मैने तो सोचा था मेरी पनटी उत्तर देगा और आयेज बाडेगा. पर उसने कुछ नही किया. थोड़ी देर बाद आया मेरा लोवर उप्पर किया और फिर अपने बिस्तर पे चला गया.
राम्या : तू ही खींच लेती ना उसको अपने उप्पर.
सीमी : आइी बड़ी , खींच लेती उसको, रंडी हूँ क्या मैं? मेरी तो समझ में ही नही आ रहा था क्या करूँ. रोज रात को आ कर छेड़ता और चला जाता. ना मैं उसे रोक पाती और ना ही आयेज बाद पाती.
राम्या : अच्छा फिर आयेज कब किया उसने तेरे साथ.
सीमी : अगले दो दिन तो कुछ नही हुआ. बस मुझे घूरता रहता था और मैं नज़रें बचाती रहती थी.
राम्या : फिर
सीमी : फिर की बच्ची अब सो जेया, मेरी हालत खराब हो रही है, पता नही कैसे नींद आएगी.
राम्या : मैं तेरी हालत सुधार दूँगी, तू बस आयेज बता
और राम्या सीमी के उरोज़ सहलाने लगती है.
सीमी : क्यूँ मेरी प्यसस भड़का रही है. तेरे पास लंड कहाँ है जो मेरी प्यसस भुजा सके.
राम्या सीमी के होंठों पे होंठ रख देती है. और चूसने लग जाती है.
सीमी भी राम्या का साथ देने लगती है, दोनो एक दूसरे के होंठ चूसने लगती हैं और अपनी ज़ुबाने एक दूसरे से लड़ने लगती हैं. दोनो ही एक दूसरे के उरज़ोन को बहरहमी से मसालने लगती हैं. कपड़े जिस्म का साथ छ्चोड़ देते हैं.
दोनो के जिस्म की प्यसस बाद जाती है और दोनो 69 पोज़ में आ कर सीधा अटॅक एक दूसरे की चूत पे करती हैं. सीमी की छूट में राम्या की पूरी ज़ुबान घुस्स जाती है और वो लपलप उसे चाटने और जीब से छोड़ने लग गई.
सीमी राम्या की छूट को अच्छे से चट्टी है और फिर जितना हो सका अपनी ज़ुबान उसकी चूत में घुस्सा देती है. राम्या को तोड़ा दर्द होता है और वो सीमी की छूट में दाँत गाड़ा देती है. जिसकी वजह से सीमी भी उसकी छूट को पूरा मुँह में ले कर ज़ोर से अपने दाँतों में दबा कर चुस्ती है और अपनी ज़ुबान से उसकी तेज़ी से चुदाई शुरू कर देती है.
थोड़ी देर बाद दोनो पोज़िशन बदलती हैं. अब सीमी उप्पर होती है और राम्या नीचे और एक दूसरे की चूत को चाटना, चूसना लगा रहता है, दोनो की ज़ुबाने भी एक दूसरे की चूत के अंदर बाहर होती रहती हैं.
आधे घंटे की मेहनत के बाद दोनो का जिस्म अकड़ने लगता है और दोनो ही अपना बंद एक साथ छ्चोड़ देती हैं. लपलप दोनो एक दूसरे का पानी पी जाती हैं और हाँफती हुई अलग लेट जाती हैं.
सीमी ने आज पहली बार किसी लड़की के साथ सेक्स किया था और वो आँखें बंद कर उस अनुभव को अपने अंदर समेत्टी रहती है.
राम्या की साँसे जैसे ही संभालती हैं वो फिर सीमी के चेहरे को चॅट कर अपने रस का स्वाद चकती है, सीमी भी उसका चेरा चट कर सॉफ कर देती है.
जब दोनो के चेहरे सॉफ हो जाते हैं तो राम्या उसे फिर सवाल करने लगती है.
राम्या : चल भुज गई तेरी प्यसस, अब बता आयेज क्या हुआ?
सीमी : यार आज रहने दे बाकी कल बतावुँगी. मुझ से और सहा नही जाएगा मैं फिर से गरम हो जवँगी और कल बहुत काम करने हैं.
राम्या मान मसोस के रह जाती है और दोनो चिपक के सो जाती हैं.
रात को सोने से पहले राम्या ने सीमी के बूब्स की फोटो खींच ली और सुबह वो जल्दी उठ गौ. सीमी अभी सो रही थी. राम्या ने अपना लाटॉप खोला और विमल को सीमी के बूब्स की फोटो भेज दी.
एक रिमार्क के साथ. “पहलेवले बूब्स चूसना चाहते हो या इन्हें, जवाब जल्दी देना”
इसके बाद वो सीमी को उठती है. दोनो तयार होती हैं नाश्ता करती हैं और अपने अपने काम पे निकल जाती हैं. कल रात मा को नींद नही आइी एक आदत सी पद गई थी राम्या के जिस्म की. दो रातों से लगातार राम्या के बदन के साथ खेलना और अपने बदन से खिलवाना मा को अब अच्छा लग रहा था. मा ने काबी लेज़्बीयन नही किया था सिर्फ़ दो बार को छ्चोड़ कर जब उसने अपने पति के ज़ोर देने पर देवर और देवरानी के साथ सामूहिक चुदाई करी थी. उसके बाद उसने ये बंद कर दिया. देवर उसका दीवाना हो गया था.
मा का दिल काम में बिल्कुल नही लग रहा था वो इंतेज़ार कर रही थी राम्या के आने का.
उधर विमल को जकप की जब मैल मिलती है तो वो बोखला जाता है. इस बार किसी और लड़की के बूब्स की फोटो भेजी गई थी. आकीर ये लड़की कौन है क्या चाहती है?. क्या ग़मे खेल रही है ? वो मैल का कोई जवाब नही देता और सोच में डूबा रहता है. आख़िर ये जकप कौन है, उसके पास मेरी मैल आइड कैसे आइी?
यहाँ विमल जकप को लेकर परेशन था जो उसे लगातार टीज़ कर रही थी. उधर उसके पिता को काम में बहुत बड़ा झटका लगा. एक बिल्डिंग जो उन्होने तयार कराई थी उसकी छत में दरार आ गई.
किसी ने उन्हें एक नामी पंडित के पास जाने के लिए कहा तो पंडित महाशय ने बच्चों का दोष बताया जो शत्रु घर में बैठे थे उपपाए ये बट्‍टाया की सबके नाम बदल दो.ख़ासकर लड़कियों के. और एक खास हवन करना होगा जिसके लिए उसने 25000 माँगे. 25000 देना कोई बड़ी बात नही थी, वो राम्या के पिता ने दे दिए.
अंदर ही अंदर वो बहुत पारेहन थे, कैसे समझाएँगे सबको की नाम क्यूँ बदलना है. और कितने झंझटों से गुज़रना पड़ेगा.
खैर अभी तो उन्होने अपना ढयान उस बिल्डिंग को सुधारने में लगाया.
यहाँ शाम को जब राम्या घर पहुँची तो सीधा मा के गले लग गई. सीमी अभी तक नही आइी थी.
मा ने रात के खाने की कोई तायारी नही करी थी, तो राम्या ने कहा कोई बात नही इस बहाने हम सीमी को बाहर ट्रीट दे देंगे. अब दोनो सीमी का इंतेज़ार कर रही थी.









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