FUN-MAZA-MASTI
उन दोनों के दिल में था कि आज नंगी होकर मस्ती करेंगे, पर ऐसा कुछ ना हो पाया।
दूसरे दिन राधा वापस विमला से मिली और कुछ जरूरी बातें उनसे पूछी।
राधा- मगर जवान लड़की को इस तरह अकेले वहाँ छोड़ देना ठीक नहीं लगता.. आपका कैसे मन किया वहाँ शारदा को अकेली रखने का !
विमला- अरे अब इतना भरोसा तो करना ही पड़ता है बहन… शारदा की जिंदगी का सवाल था !
राधा- मगर मेरे वो नहीं मानेंगे, अब कभी उनका बाहर जाना हुआ तभी यह हो पाएगा।
राधा वहाँ से आ जाती है और उसी शाम जीतेंद्र को किसी काम के सिलसिले में चार दिन के लिए शहर से बाहर जाना था, तो वो जाने की तैयारी कर रहे थे और रात को नौ बजे के करीब वो निकल गए। राधा को ये मौका अच्छा लगा, तो उसने रीना से बात की।
राधा- रीना बेटी, एक बात सुनो.. तुम मेरी एक ही बेटी हो और अगर तुम ऐसे ही रहोगी तो कैसे चलेगा, एक बाबा जी हैं जो तुमको ठीक कर सकते हैं। अगर तुम कहो तो कल हम उनके पास चलें !
रीना- कैसा बाबा और क्या करेगा वो ! मुझे नहीं जाना इन बाबा-आबा के पास !
राधा- अरे वो तेरे दिमाग़ की नसें खोल देगा.. तू पढ़ाई में तेज़ हो जाएगी बेटी.. तेरी लाइफ बन जाएगी !
रीना- अच्छा… आप कहती हो तो ठीक है, कब जाना है और कहाँ !
राधा- बेटी पहले पूरी बात सुन ले, यहाँ से एक गाँव जाना हैं, वहाँ तुमको तीन दिन बाबा के पास रहना है, वो तेरे दिमाग़ के साथ-साथ तेरे बदन की भी मालिश करेंगे ताकि सारी नसें खुल जायें और तू अच्छी हो जाए !
रीना- मॉम छी:छी:… आप पागल हो गई हो क्या ! यह क्या बोल रही हो वो मेरे जिस्म की मालिश छी:छी:… सोच कर ही घिन आ रही है और तीन दिन तक मैं उसके पास रहूँ ! ना बाबा ना, कहीं कुछ हो गया तो आप भी ना !
राधा- अरे तेरी सहेली शारदा भी वहाँ रह कर आई है, उसको कुछ हुआ क्या ! अब देख उसका दिमाग़ कैसे तेज हो गया है !
रीना- ओह माँ… तभी शारदा के नंबर अच्छे आने लगे हैं.. अब समझी बात को और बड़ी खुश-खुश भी रहती है.. ठीक है माँ, कल चलेंगे !
राधा- अच्छा अब सो जा, रात बहुत हो गई है !
माँ के जाने के बाद रीना ने नेट पर सेक्सी स्टोरी साइट खोली और ऐसे ही किसी बाबा की स्टोरी सर्च करके पढ़ने लगी। उसको पढ़ते-पढ़ते ही उसने अपने कपड़े निकाल दिए और चूचे दबाने लगी, उसको बहुत मज़ा आ रहा था।
रीना- उफ्फ आ..ह्ह्ह.. काश ये स्टोरी वाले बाबा का लौड़ा मेरे सामने आ जाए.. उफ्फ नौ इंच का कितना मोटा…आह.. मेरी बुर का हाल बिगाड़ दे.. ये तो आ..हह !
रीना अपनी चूत को ज़ोर-ज़ोर से रगड़ रही थी और मज़ा ले रही थी।
रीना- आ आ..हह.. काश कल जिस बाबा के पास जा रही हूँ आ..आ.हह.. उसका भी ऐसा ही मस्त लौड़ा हो और वो मेरा ऐसे ही फायदा उठाए उईई..आअह्ह्ह.. आआ.!
रीना झड़ गई और नंगी ही सो गई।
सुबह सात बजे राधा ने उसको उठाया और कहा- तेरे स्कूल की फ्रेंड को मैंने तेरी तीन दिन की छुट्टी की अर्जी दे दी है, अब चल जल्दी से रेडी हो जा, वहाँ जाना भी है, देर मत कर !
रीना नहाने बाथरूम चली गई और बॉडी पर हेयर-रिमूवर क्रीम लगा लिया ताकि एकदम चिकनी हो जाए.. बुर को भी अच्छे से साफ किया और मन ही मन बोलने लगी ‘बाबा जी मैं आ रही हूँ अपनी बुर को आपके लिए चमका कर… प्लीज़ भगवान वो बाबा सेक्सी हो और उनका लौड़ा बड़ा हो प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़ !’
नहाते हुए भी रीना ने चूत को ठंडा किया और नहा कर तैयार हो गई। नाश्ता वगैरह करके दोनों बस से सोनीपुर के लिए निकल गईं। आज रीना ने पिंकटॉप और ब्लू स्कर्ट पहना हुआ था, वो बड़ी मस्त लग रही थी।
करीब साढ़े दस बजे वो वहाँ पहुँच गए। उधर छोटा सा एक घर था और एक-दो आदमी वहाँ बाहर बैठे हुए थे।
राधा ने उनसे बाबा जी के बारे में बात की और रीना को लेकर अन्दर चली गई।
वहाँ सामने एक 6 फुट का हट्टा-कट्टा कोई पचास साल का आदमी बैठा हुआ था जिसने भगवा पहना था यानि यही वो बाबा है उसकी बड़ी-बड़ी मूछें और दाढ़ी थीं। उसके आस-पास हवन का सामान रखा हुआ था।
राधा- नमस्ते बाबा जी।
बाबा- नमस्ते बेटा, बैठो.. कैसे आना हुआ, क्या समस्या है ! तुम भी बैठो बालिका !
राधा- बाबा वो ये !
बाबा- कुछ मत कहो, हम सब जानते हैं इस बालिका के नक्षत्र खराब चल रहे हैं शुद्धिकरण करना होगा। इसके दिमाग़ में एक बात ने घर कर लिया है, उसको निकलना होगा। तभी ये सही से अपने दिमाग़ को चला पाएगी।
राधा- हाँ बाबा जी आपने सही कहा.. अब आप ही कुछ करो !
बाबा- तुमको पता है ना.. हम कैसे इलाज करते हैं… बेटा हम किसी को धोखे में नहीं रखते, अगर इच्छा हो तो बालिका को यहा छोड़ जाओ अन्यथा साथ ले जाओ !
राधा- नहीं बाबा जी, मैं इसको यहाँ लेकर इसी लिए आई हूँ… आप इसको ठीक कर दो बस !
बाबा- ठीक है बेटी, तुम जाओ और तीन दिन बाद इसी समय आ जाना, भगवान ने चाहा तो सब ठीक होगा !
उधर राधा ने अपने जाने की तैयारी की और इधर रीना ने बाबा जी के लौड़े की तरफ देखना शुरू किया। राधा ने रीना से विदाई ली और वो बाबा जी को नमस्कार करके चली गई चली गई।
रीना ने राधा के जाते ही एक मदमस्त अंगड़ाई ली जिससे उसके पिंक टॉप के ऊपर के दो बटन चट-चट की आवाज के साथ खुल गए और उसके भरे पूरे संतरे का लगभग आधा हिस्सा नुमाया होने लगा।
रीना ने बाबा जी तरफ देखा, बाबाजी की निगाहें उसके वक्षस्थल पर ही थीं।
‘बाबाजी ठीक हैं या !’ रीना ने एक मादक निगाह भर कर बाबा जी से पूछा।
बाबा जी- क्य..क्या…कह रही हो बालिके !
रीना- बाबा जी… मैं तो ये कह रही थी कि आपका वो ठीक है या नहीं?
बाबाजी- क्या ठीक है? तुम क्या कहना चाहती हो?
रीना अपने मम्मे खुजाते हुए- कुछ नहीं बाबा जी मेरा तो दिमाग खराब है मुझे खुद ही समझ में नहीं आता कि क्या करूँ !
बाबा जी ने उसकी तरफ देखा तो रीना ने अपना एक बटन और खोल दिया और टॉप के अन्दर हाथ डाल कर खुजाने लगी।
बाबा जी- क्या हुआ बालिके.. बहुत खुजली हो रही है क्या?
रीना- हाँ बाबा जी बहुत खुजली है इसका भी इलाज कर दीजिएगा.. देखिए न मेरी छातियों में क्या हो गया !
इतना कहते हुए रीना ने अपने टॉप के पूरे बटन खोल दिए और अन्दर जरा जी ब्रा में कैद उसके मस्त उरोज अपनी मादक छटा बिखरे लगे !
बाबा जी का लौड़ा खड़ा हो गया।
बाबाजी- अरे यह लाल-लाल क्या हो गया?
यह कहते हुए बाबा जी ने अपना हाथ उसके मम्मों पर लगा दिया और रीना की ब्रा में हाथ डाल कर उसके निप्पल के पास टटोलने लगे।
रीना मुदित हो उठी उसको समझ आ गया कि बाबा जी का लौड़ा खड़ा हो चुका है और अब चुदने में देर नहीं है।
रीना- बाबा जी आप मालिश कब करोगे !
बाबा जी- शाम को जब एकांत होगा उसी समय मालिश की जाएगी तब किसी भी किस्म का व्यवधान की आशंका नहीं रहती है।
रीना मन ही मन खुश हो रही थी कि यह बाबा तो शक्ल से ही सेक्सी लगता है जरूर उसकी चिकनी बुर को देख कर अपना लौड़ा डाल देगा।
तभी बाहर से किसी के आने की आहट हुई रीना ने अपने टॉप को व्यवस्थित किया।
बाबा जी ने उससे कहा- अब बालिके, तुम इस कुटिया के अन्दर चली जाओ और विश्राम करो, मैं शाम को तुम्हारा इलाज करूँगा।
रीना उठ कर अन्दर चली गई और शाम का इन्तजार करने लगी। शाम तक समय बिताने के लिए उसने अपने बैग में से एक सेक्सी कहानी की किताब निकाली और अपनी बुर में उंगली डाल कर कहानी पढ़ने लगी।
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रीना की हवस-2
दोनों कहानी पढ़ने में मग्न हो गईं और दोनों ही गर्म हो गईं मगर राधा ने आकर उनकी मस्ती करने को मिट्टी में मिला दिया।उन दोनों के दिल में था कि आज नंगी होकर मस्ती करेंगे, पर ऐसा कुछ ना हो पाया।
दूसरे दिन राधा वापस विमला से मिली और कुछ जरूरी बातें उनसे पूछी।
राधा- मगर जवान लड़की को इस तरह अकेले वहाँ छोड़ देना ठीक नहीं लगता.. आपका कैसे मन किया वहाँ शारदा को अकेली रखने का !
विमला- अरे अब इतना भरोसा तो करना ही पड़ता है बहन… शारदा की जिंदगी का सवाल था !
राधा- मगर मेरे वो नहीं मानेंगे, अब कभी उनका बाहर जाना हुआ तभी यह हो पाएगा।
राधा वहाँ से आ जाती है और उसी शाम जीतेंद्र को किसी काम के सिलसिले में चार दिन के लिए शहर से बाहर जाना था, तो वो जाने की तैयारी कर रहे थे और रात को नौ बजे के करीब वो निकल गए। राधा को ये मौका अच्छा लगा, तो उसने रीना से बात की।
राधा- रीना बेटी, एक बात सुनो.. तुम मेरी एक ही बेटी हो और अगर तुम ऐसे ही रहोगी तो कैसे चलेगा, एक बाबा जी हैं जो तुमको ठीक कर सकते हैं। अगर तुम कहो तो कल हम उनके पास चलें !
रीना- कैसा बाबा और क्या करेगा वो ! मुझे नहीं जाना इन बाबा-आबा के पास !
राधा- अरे वो तेरे दिमाग़ की नसें खोल देगा.. तू पढ़ाई में तेज़ हो जाएगी बेटी.. तेरी लाइफ बन जाएगी !
रीना- अच्छा… आप कहती हो तो ठीक है, कब जाना है और कहाँ !
राधा- बेटी पहले पूरी बात सुन ले, यहाँ से एक गाँव जाना हैं, वहाँ तुमको तीन दिन बाबा के पास रहना है, वो तेरे दिमाग़ के साथ-साथ तेरे बदन की भी मालिश करेंगे ताकि सारी नसें खुल जायें और तू अच्छी हो जाए !
रीना- मॉम छी:छी:… आप पागल हो गई हो क्या ! यह क्या बोल रही हो वो मेरे जिस्म की मालिश छी:छी:… सोच कर ही घिन आ रही है और तीन दिन तक मैं उसके पास रहूँ ! ना बाबा ना, कहीं कुछ हो गया तो आप भी ना !
राधा- अरे तेरी सहेली शारदा भी वहाँ रह कर आई है, उसको कुछ हुआ क्या ! अब देख उसका दिमाग़ कैसे तेज हो गया है !
रीना- ओह माँ… तभी शारदा के नंबर अच्छे आने लगे हैं.. अब समझी बात को और बड़ी खुश-खुश भी रहती है.. ठीक है माँ, कल चलेंगे !
राधा- अच्छा अब सो जा, रात बहुत हो गई है !
माँ के जाने के बाद रीना ने नेट पर सेक्सी स्टोरी साइट खोली और ऐसे ही किसी बाबा की स्टोरी सर्च करके पढ़ने लगी। उसको पढ़ते-पढ़ते ही उसने अपने कपड़े निकाल दिए और चूचे दबाने लगी, उसको बहुत मज़ा आ रहा था।
रीना- उफ्फ आ..ह्ह्ह.. काश ये स्टोरी वाले बाबा का लौड़ा मेरे सामने आ जाए.. उफ्फ नौ इंच का कितना मोटा…आह.. मेरी बुर का हाल बिगाड़ दे.. ये तो आ..हह !
रीना अपनी चूत को ज़ोर-ज़ोर से रगड़ रही थी और मज़ा ले रही थी।
रीना- आ आ..हह.. काश कल जिस बाबा के पास जा रही हूँ आ..आ.हह.. उसका भी ऐसा ही मस्त लौड़ा हो और वो मेरा ऐसे ही फायदा उठाए उईई..आअह्ह्ह.. आआ.!
रीना झड़ गई और नंगी ही सो गई।
सुबह सात बजे राधा ने उसको उठाया और कहा- तेरे स्कूल की फ्रेंड को मैंने तेरी तीन दिन की छुट्टी की अर्जी दे दी है, अब चल जल्दी से रेडी हो जा, वहाँ जाना भी है, देर मत कर !
रीना नहाने बाथरूम चली गई और बॉडी पर हेयर-रिमूवर क्रीम लगा लिया ताकि एकदम चिकनी हो जाए.. बुर को भी अच्छे से साफ किया और मन ही मन बोलने लगी ‘बाबा जी मैं आ रही हूँ अपनी बुर को आपके लिए चमका कर… प्लीज़ भगवान वो बाबा सेक्सी हो और उनका लौड़ा बड़ा हो प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़ !’
नहाते हुए भी रीना ने चूत को ठंडा किया और नहा कर तैयार हो गई। नाश्ता वगैरह करके दोनों बस से सोनीपुर के लिए निकल गईं। आज रीना ने पिंकटॉप और ब्लू स्कर्ट पहना हुआ था, वो बड़ी मस्त लग रही थी।
करीब साढ़े दस बजे वो वहाँ पहुँच गए। उधर छोटा सा एक घर था और एक-दो आदमी वहाँ बाहर बैठे हुए थे।
राधा ने उनसे बाबा जी के बारे में बात की और रीना को लेकर अन्दर चली गई।
वहाँ सामने एक 6 फुट का हट्टा-कट्टा कोई पचास साल का आदमी बैठा हुआ था जिसने भगवा पहना था यानि यही वो बाबा है उसकी बड़ी-बड़ी मूछें और दाढ़ी थीं। उसके आस-पास हवन का सामान रखा हुआ था।
राधा- नमस्ते बाबा जी।
बाबा- नमस्ते बेटा, बैठो.. कैसे आना हुआ, क्या समस्या है ! तुम भी बैठो बालिका !
राधा- बाबा वो ये !
बाबा- कुछ मत कहो, हम सब जानते हैं इस बालिका के नक्षत्र खराब चल रहे हैं शुद्धिकरण करना होगा। इसके दिमाग़ में एक बात ने घर कर लिया है, उसको निकलना होगा। तभी ये सही से अपने दिमाग़ को चला पाएगी।
राधा- हाँ बाबा जी आपने सही कहा.. अब आप ही कुछ करो !
बाबा- तुमको पता है ना.. हम कैसे इलाज करते हैं… बेटा हम किसी को धोखे में नहीं रखते, अगर इच्छा हो तो बालिका को यहा छोड़ जाओ अन्यथा साथ ले जाओ !
राधा- नहीं बाबा जी, मैं इसको यहाँ लेकर इसी लिए आई हूँ… आप इसको ठीक कर दो बस !
बाबा- ठीक है बेटी, तुम जाओ और तीन दिन बाद इसी समय आ जाना, भगवान ने चाहा तो सब ठीक होगा !
उधर राधा ने अपने जाने की तैयारी की और इधर रीना ने बाबा जी के लौड़े की तरफ देखना शुरू किया। राधा ने रीना से विदाई ली और वो बाबा जी को नमस्कार करके चली गई चली गई।
रीना ने राधा के जाते ही एक मदमस्त अंगड़ाई ली जिससे उसके पिंक टॉप के ऊपर के दो बटन चट-चट की आवाज के साथ खुल गए और उसके भरे पूरे संतरे का लगभग आधा हिस्सा नुमाया होने लगा।
रीना ने बाबा जी तरफ देखा, बाबाजी की निगाहें उसके वक्षस्थल पर ही थीं।
‘बाबाजी ठीक हैं या !’ रीना ने एक मादक निगाह भर कर बाबा जी से पूछा।
बाबा जी- क्य..क्या…कह रही हो बालिके !
रीना- बाबा जी… मैं तो ये कह रही थी कि आपका वो ठीक है या नहीं?
बाबाजी- क्या ठीक है? तुम क्या कहना चाहती हो?
रीना अपने मम्मे खुजाते हुए- कुछ नहीं बाबा जी मेरा तो दिमाग खराब है मुझे खुद ही समझ में नहीं आता कि क्या करूँ !
बाबा जी ने उसकी तरफ देखा तो रीना ने अपना एक बटन और खोल दिया और टॉप के अन्दर हाथ डाल कर खुजाने लगी।
बाबा जी- क्या हुआ बालिके.. बहुत खुजली हो रही है क्या?
रीना- हाँ बाबा जी बहुत खुजली है इसका भी इलाज कर दीजिएगा.. देखिए न मेरी छातियों में क्या हो गया !
इतना कहते हुए रीना ने अपने टॉप के पूरे बटन खोल दिए और अन्दर जरा जी ब्रा में कैद उसके मस्त उरोज अपनी मादक छटा बिखरे लगे !
बाबा जी का लौड़ा खड़ा हो गया।
बाबाजी- अरे यह लाल-लाल क्या हो गया?
यह कहते हुए बाबा जी ने अपना हाथ उसके मम्मों पर लगा दिया और रीना की ब्रा में हाथ डाल कर उसके निप्पल के पास टटोलने लगे।
रीना मुदित हो उठी उसको समझ आ गया कि बाबा जी का लौड़ा खड़ा हो चुका है और अब चुदने में देर नहीं है।
रीना- बाबा जी आप मालिश कब करोगे !
बाबा जी- शाम को जब एकांत होगा उसी समय मालिश की जाएगी तब किसी भी किस्म का व्यवधान की आशंका नहीं रहती है।
रीना मन ही मन खुश हो रही थी कि यह बाबा तो शक्ल से ही सेक्सी लगता है जरूर उसकी चिकनी बुर को देख कर अपना लौड़ा डाल देगा।
तभी बाहर से किसी के आने की आहट हुई रीना ने अपने टॉप को व्यवस्थित किया।
बाबा जी ने उससे कहा- अब बालिके, तुम इस कुटिया के अन्दर चली जाओ और विश्राम करो, मैं शाम को तुम्हारा इलाज करूँगा।
रीना उठ कर अन्दर चली गई और शाम का इन्तजार करने लगी। शाम तक समय बिताने के लिए उसने अपने बैग में से एक सेक्सी कहानी की किताब निकाली और अपनी बुर में उंगली डाल कर कहानी पढ़ने लगी।
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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