FUN-MAZA-MASTI
हेलो फ्रेंड, मेरा नाम चेतन वर्मा है. मैंने अपना सरनेम चेंज कर दिया है. मैं इंदौर एम्पी से हु. मैंने १८ साल का और दिखने में हैण्डसम और स्मार्ट हु. मेरा लंड ७ इंच लम्बा और ३ इंच मोटा है. आज जो स्टोरी मैं आप लोगो को सुनाने वाला हु, ये मेरी पहली स्टोरी है. अगर कोई गलती हो, तो सॉरी है. ये स्टोरी मेरी कजिन और मेरी भांजी की है. उसका नाम आयुष है और भांजी का नाम ईशा है. ईशा का फिगर ३४ – ३० – ३६ है. इस स्टोरी में, जो मेरी भांजी है. वो मेरी मेरी रियल भांजी नहीं है. बल्कि मेरी बड़ी बुआ जी की नातिन है. वैसे तो मैं शुरू से ही ईशा का लाइक करता था. मैं हमेशा उसको देख कर खुश होता था. तो वो दिखने में काफी सुंदर थी. उसका रंग थोड़ा सांवला था, बट वो काफी स्मार्ट थी और उसकी गांड भी बहुत बड़ी थी. जिस देख कर मेरी हमेशा ही लार टपकती रहती थी.
लेकिन वो मुझे कभी भाव नहीं देती थी. वो मुझसे ३-४ साल छोटी थी, लेकिन फिर भी मैं उसे ताड़ता रहता था. वो एक अच्छे घर से बिलोंग करती थी. लेकिन वो बहुत चालू थी. मैं उसे लाइक करता था, पर वो मेरी दूसरी बुआ के लड़के यानि मेरे कजिन आयूष को लाइक करती थी. ये बात मैं जानता नहीं था. मैंने कभी ऐसा सोचा नहीं था, बट वो आयुष से बचपन से ही सेक्स करती थी, ये बात मुझे काफी समय बाद पता चली, जब आयुष ने मजाक मस्ती में ईशा की बात निकलने पर मुझे बता दिया. उसने बताया, कि कैसे ईशा उस से अपना लंड दिखाने को कहती थी और अपनी चूत भी दिखाती. फिर सालो बाद, उसने मौका देख कर ईशा को चोद दिया. मैं तो ये बात जान कर हिल ही गया. बट मैंने आयुष को कुछ भी नहीं कहा और इस बात को अपनी किस्मत मान कर सोचा, कि ईशा आयुष को लाइक करती है. तो ठीक है. मैंने उसको भूलने को बहुत कोशिश की, पर मैं उसको भूल नहीं पा रहा था.
कुछ सालो बाद, आयुष का अट्रैक्शन एक लड़की नेहा पर आया बट उसने आयुष के प्रोपोज करने पर उसको ये कह कर मना कर दिया, कि वो किसी के साथ कमिटेड है. लेकिन आयुष ने हार नहीं मानी और उस लड़के का पता लगा लिया, जिसे नेहा लाइक करती थी. उसे पता चला, कि नेहा किसी लड़के को लाइक नहीं करती है. बल्कि डरती है. बचपन में उसने किसी युवराज नाम के लड़के को अपना बॉयफ्रेंड बनाया था और उसके साथ सेक्स भी किया था. सेक्स के बाद, वो लड़का नेहा को डराने लगा और धमकाने लगा. आयुष को इस बात का पता चला. पर वो कुछ नहीं कर पाया, कि युवराज मौहल्ले के एक बड़े घर का बेटा था. आयुष को डर था, कि उसे कुछ कहने पर वो आयुष के साथ लड़ाई भी कर सकता था. जब ये बात आयुष ने मुझे बताई. तो मैंने पहले तो कुछ भी नहीं कहा. फिर मैंने सोचा, कि जिस लड़की को मैं बचपन से लाइक करता हु, उसको चोदने का ये सही मौका है.
मैंने आयुष से कहा, कि मैं उसकी सेटिंग नेहा से करवा दूंगा. क्योंकि युवराज मेरा बहुत अच्छा दोस्त था और जब मैंने युवराज से बात करी, तो पहले तो नहीं माना और फिर मेरे मनाने पर, उसने कहा, कि वो आयुष की सेटिंग नेहा से करवा देगा. वो ये सिर्फ मेरे कहने पर कर रहा था. फिर मैंने आयुष से बात करी और कहा – कि मैं उसकी सेटिंग नेहा से करवा दूंगा बट मुझे ईशा को चोदना है. फिर उसने कहा, कि मैं ऐसा कैसे कर सकता हु? वो नहीं मानेगी. फिर मैंने उस से कहा, टू ईशा को कमरे में चोदने के लिए ले आना. जब तू उसे चोद रहा होगा, तब मैं वहां पहुच जाऊँगा. तो उसने मना कर दिया. फिर मैंने थोड़े बनावती गुस्से से कहा – फिर मैं तुम्हारी सेटिंग नेहा से नहीं करवाता. जा तू खुद ही बात कर ले. ये सुनकर वो सकपका गया और बाद में मान गया. फिर उसने कुछ दिनों बाद, प्लान बनाकर मुझे कॉल कर के उसके दोस्त के रूम पर बुलाया.
उसने कहा कि वो ईशा को स्कूल से बंक करवा कर अपने दोस्त के रूम पर ले जा रहा है और उसने मुझे अपने दोस्त के रूम का एड्रेस समस कर दिया. मैंने उसके बताये हुए टाइम पर उसके दोस्त के रूम पर पहुच गया. उसने सुबह ईशा को ७ बजे उसके बस स्टॉप से लिया और ८:३० बजे तक वो उसको लेकर अपने दोस्त के रूम पर पहुच गया था. ईशा को हमारे इस प्लान के बारे में पता नहीं था. मैंने ठीक ९ बजे उसके दोस्त के रूम में एंट्री मारी. रूम का गेट पूरी तरह से बंद ना होकर थोड़ा सा खुला था. मैंने झांककर देखा, तो पाया कि दोनों पुरे नंगे थे और किसिंग कर रहे थे. तो मैं एकदम से अन्दर चले गया. मुझे देख कर ईशा चौक गयी और उसने अपने आप को ढकने की कोशिश की और मैंने कहा – तुम ये क्या कर रहे हो? तो आयुष ने एक्टिंग करते हुए कहा, मैं यहाँ क्या कर रहा हु? मैंने कहा – ये मेरे दोस्त का रूम है. मैं तो उस से मिलने आया था. मैंने ईशा को डराते हुए कहा – कि मैं ये बात उसके घर वालो बताता हु. तो वो रोने लगी और कहने लगी, कि मैं ये बात किसी को ना बताऊ. यहीं मौका था और मैंने कहा – मैं तुम्हे चोदना चाहता हु. वरना मैं ये बात सभी को बता दूंगा. उसने मुझे मना कर दिया.
फिर आयुष ने उसे समझाया, कि वो मान जाए. इसी में सबकी भलाई है. और उसे भी एक की बजाय दो लंड के मजे मिल जायेंगे. काफी देर समझाने के बाद, वो मान गयी. वो बहुत डर रही थी. मैंने जल्दी करते हुए, उसने चूमना शुरू कर दिया और अपने कपड़े उतार दिए. पहले तो उसने मुझे कोई रेस्पोंस नहीं किया, बट धीरे – धीरे वो रेस्पोंस देने लगी. फिर मैंने उसके बूब्स को चाटा और उसकी चूत में एक ऊँगली डाल दी. वो सिस्कारिया ले रही थी अहहाह अहहाह अहहाह ओअओअओअओअ अओअओअओअओअ फक मी अहहाह अहहाह यू फक मी … ओह गॉड चेतन… यू अरे सो स्ट्रोंग… अहहाह आआअ ऊउईईईइ माँ माँ आउऔऔअ ईईईइ फिर मैंने एक साथ दो उंगलिया डाल दी और फिर अपनी तीसरी ऊँगली भी घुसा दी. वो एकदम से बहुत जोर से चिल्लाई.. माँ आआआआआ मर गयी मैं.. फिर मैंने उसकी चूत चाटी और वो अपने हाथो से मेरे सिर को अपनी चूत में दबा रही थी. फिर हम दोनों ६९ की पोजीशन में आ गए और वो मेरा लंड किसी प्रोफेशनल की तरह चाट रही थी और चूस रही थी. फिर मैंने उसकी दोनों टांगो को कंधे पर रख लिया उसकी चूत पर लंड रखा. वो बोलने लगी.. फक मी…फक मी… फक मी हार्ड… जोर से करो… यू अरे सो स्ट्रोंग.. फिर मैंने लंड पर एक धक्का दिया. उसके पहले चुदे होने की वजह से मुझे ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी बट मेरा लंड आयुष के लंड से बड़ा और मोटा था.. तो वो चिल्लाने लगी.
फिर मैं ने बिलकुल भी रहम नहीं किया और उसे तुरंत ही चोदना शुरू कर दिया. वो दर्द से रोने लगी थी बट मैंने उसको इग्नोर कर दिया और धक्को की बरसात कर दी. कुछ समय बाद.. उसे भी मज़ा आने लगा और वो फिर से चिल्लाने लगी अहहाह अहहः अहहाह अहहः.. मेरी चूत फाड़ दी उईईई माँ आआआआआआआ फक मी हार्ड.. फक मी… मुझे जोर से चोद हरामी… मैंने उसको करीब २० मिनट तक चोदा और फिर मैं झड़ गया. इस बीच वो भी ३ बार झड़ चुकी थी. मेरा लंड पस्त पड़ गया और फिर मैंने उसके बूब्स को चुसना शुरू कर दिया. मेरा लंड में फिर से जोश आने लगा और वो फिर पूरा कड़क होकर तन्न गया था. अब मैंने उसे डोग्गी स्टाइल में लिया और लंड उसकी गांड पर रख दिया. वो मना करने लगी और कहने लगी – उसने कभी गांड नहीं मरवाई है. बट नहीं माना और मैंने लंड को उसकी गांड में डाल दिया. वो बहुत जोर से चिल्लाई. मैंने अपने आप को रोका और कुछ देर इंतज़ार किया, कि उसको कुछ आराम मिल सके. कुछ देर बाद, मैंने उसको फिर से धक्के मारना शुरू कर दिया और मेरा बचपन से उसकी गांड मारने का सपना पूरा हो गया था. फिर कुछ देर बाद, मैं उसकी गांड में झड़ गया और उसकी गांड का छेद मेरे वीर्य से पूरी भर गयी थी.
फिर मैं उठा और मैंने अपने कपड़े पहने और फिर मैंने आयुष को बुलाया. मैंने ईशा को चोदने से पहले आयुष को कमरे से बाहर भेज दिया था. फिर मैंने उन दोनों से कहा, कि मैं तुम दोनों के बीच की बात किसी को नहीं बताऊंगा. फिर मैंने ईशा को किस किया और उसके दूध दबा दिए. फिर मैंने उसको थैंक्स बोला. फिर मैंने उसको अपने साथ लिया और उसके बस स्टॉप पर उसको ड्राप कर दिया. उसके बाद तो ईशा को मेरे लंड भा गया और हम दोनों ने कई बार अलग – अलग तरीके से चुदाई का मज़ा लिया. वो कहानी अगली बार. तो दोस्तों, कैसी लगी.. आपको मेरे चुदाई की कहानी.. मुझे प्लीज अपने कमेंट में बताना…
भा गया लंड भांजी को
हेलो फ्रेंड, मेरा नाम चेतन वर्मा है. मैंने अपना सरनेम चेंज कर दिया है. मैं इंदौर एम्पी से हु. मैंने १८ साल का और दिखने में हैण्डसम और स्मार्ट हु. मेरा लंड ७ इंच लम्बा और ३ इंच मोटा है. आज जो स्टोरी मैं आप लोगो को सुनाने वाला हु, ये मेरी पहली स्टोरी है. अगर कोई गलती हो, तो सॉरी है. ये स्टोरी मेरी कजिन और मेरी भांजी की है. उसका नाम आयुष है और भांजी का नाम ईशा है. ईशा का फिगर ३४ – ३० – ३६ है. इस स्टोरी में, जो मेरी भांजी है. वो मेरी मेरी रियल भांजी नहीं है. बल्कि मेरी बड़ी बुआ जी की नातिन है. वैसे तो मैं शुरू से ही ईशा का लाइक करता था. मैं हमेशा उसको देख कर खुश होता था. तो वो दिखने में काफी सुंदर थी. उसका रंग थोड़ा सांवला था, बट वो काफी स्मार्ट थी और उसकी गांड भी बहुत बड़ी थी. जिस देख कर मेरी हमेशा ही लार टपकती रहती थी.
लेकिन वो मुझे कभी भाव नहीं देती थी. वो मुझसे ३-४ साल छोटी थी, लेकिन फिर भी मैं उसे ताड़ता रहता था. वो एक अच्छे घर से बिलोंग करती थी. लेकिन वो बहुत चालू थी. मैं उसे लाइक करता था, पर वो मेरी दूसरी बुआ के लड़के यानि मेरे कजिन आयूष को लाइक करती थी. ये बात मैं जानता नहीं था. मैंने कभी ऐसा सोचा नहीं था, बट वो आयुष से बचपन से ही सेक्स करती थी, ये बात मुझे काफी समय बाद पता चली, जब आयुष ने मजाक मस्ती में ईशा की बात निकलने पर मुझे बता दिया. उसने बताया, कि कैसे ईशा उस से अपना लंड दिखाने को कहती थी और अपनी चूत भी दिखाती. फिर सालो बाद, उसने मौका देख कर ईशा को चोद दिया. मैं तो ये बात जान कर हिल ही गया. बट मैंने आयुष को कुछ भी नहीं कहा और इस बात को अपनी किस्मत मान कर सोचा, कि ईशा आयुष को लाइक करती है. तो ठीक है. मैंने उसको भूलने को बहुत कोशिश की, पर मैं उसको भूल नहीं पा रहा था.
कुछ सालो बाद, आयुष का अट्रैक्शन एक लड़की नेहा पर आया बट उसने आयुष के प्रोपोज करने पर उसको ये कह कर मना कर दिया, कि वो किसी के साथ कमिटेड है. लेकिन आयुष ने हार नहीं मानी और उस लड़के का पता लगा लिया, जिसे नेहा लाइक करती थी. उसे पता चला, कि नेहा किसी लड़के को लाइक नहीं करती है. बल्कि डरती है. बचपन में उसने किसी युवराज नाम के लड़के को अपना बॉयफ्रेंड बनाया था और उसके साथ सेक्स भी किया था. सेक्स के बाद, वो लड़का नेहा को डराने लगा और धमकाने लगा. आयुष को इस बात का पता चला. पर वो कुछ नहीं कर पाया, कि युवराज मौहल्ले के एक बड़े घर का बेटा था. आयुष को डर था, कि उसे कुछ कहने पर वो आयुष के साथ लड़ाई भी कर सकता था. जब ये बात आयुष ने मुझे बताई. तो मैंने पहले तो कुछ भी नहीं कहा. फिर मैंने सोचा, कि जिस लड़की को मैं बचपन से लाइक करता हु, उसको चोदने का ये सही मौका है.
मैंने आयुष से कहा, कि मैं उसकी सेटिंग नेहा से करवा दूंगा. क्योंकि युवराज मेरा बहुत अच्छा दोस्त था और जब मैंने युवराज से बात करी, तो पहले तो नहीं माना और फिर मेरे मनाने पर, उसने कहा, कि वो आयुष की सेटिंग नेहा से करवा देगा. वो ये सिर्फ मेरे कहने पर कर रहा था. फिर मैंने आयुष से बात करी और कहा – कि मैं उसकी सेटिंग नेहा से करवा दूंगा बट मुझे ईशा को चोदना है. फिर उसने कहा, कि मैं ऐसा कैसे कर सकता हु? वो नहीं मानेगी. फिर मैंने उस से कहा, टू ईशा को कमरे में चोदने के लिए ले आना. जब तू उसे चोद रहा होगा, तब मैं वहां पहुच जाऊँगा. तो उसने मना कर दिया. फिर मैंने थोड़े बनावती गुस्से से कहा – फिर मैं तुम्हारी सेटिंग नेहा से नहीं करवाता. जा तू खुद ही बात कर ले. ये सुनकर वो सकपका गया और बाद में मान गया. फिर उसने कुछ दिनों बाद, प्लान बनाकर मुझे कॉल कर के उसके दोस्त के रूम पर बुलाया.
उसने कहा कि वो ईशा को स्कूल से बंक करवा कर अपने दोस्त के रूम पर ले जा रहा है और उसने मुझे अपने दोस्त के रूम का एड्रेस समस कर दिया. मैंने उसके बताये हुए टाइम पर उसके दोस्त के रूम पर पहुच गया. उसने सुबह ईशा को ७ बजे उसके बस स्टॉप से लिया और ८:३० बजे तक वो उसको लेकर अपने दोस्त के रूम पर पहुच गया था. ईशा को हमारे इस प्लान के बारे में पता नहीं था. मैंने ठीक ९ बजे उसके दोस्त के रूम में एंट्री मारी. रूम का गेट पूरी तरह से बंद ना होकर थोड़ा सा खुला था. मैंने झांककर देखा, तो पाया कि दोनों पुरे नंगे थे और किसिंग कर रहे थे. तो मैं एकदम से अन्दर चले गया. मुझे देख कर ईशा चौक गयी और उसने अपने आप को ढकने की कोशिश की और मैंने कहा – तुम ये क्या कर रहे हो? तो आयुष ने एक्टिंग करते हुए कहा, मैं यहाँ क्या कर रहा हु? मैंने कहा – ये मेरे दोस्त का रूम है. मैं तो उस से मिलने आया था. मैंने ईशा को डराते हुए कहा – कि मैं ये बात उसके घर वालो बताता हु. तो वो रोने लगी और कहने लगी, कि मैं ये बात किसी को ना बताऊ. यहीं मौका था और मैंने कहा – मैं तुम्हे चोदना चाहता हु. वरना मैं ये बात सभी को बता दूंगा. उसने मुझे मना कर दिया.
फिर आयुष ने उसे समझाया, कि वो मान जाए. इसी में सबकी भलाई है. और उसे भी एक की बजाय दो लंड के मजे मिल जायेंगे. काफी देर समझाने के बाद, वो मान गयी. वो बहुत डर रही थी. मैंने जल्दी करते हुए, उसने चूमना शुरू कर दिया और अपने कपड़े उतार दिए. पहले तो उसने मुझे कोई रेस्पोंस नहीं किया, बट धीरे – धीरे वो रेस्पोंस देने लगी. फिर मैंने उसके बूब्स को चाटा और उसकी चूत में एक ऊँगली डाल दी. वो सिस्कारिया ले रही थी अहहाह अहहाह अहहाह ओअओअओअओअ अओअओअओअओअ फक मी अहहाह अहहाह यू फक मी … ओह गॉड चेतन… यू अरे सो स्ट्रोंग… अहहाह आआअ ऊउईईईइ माँ माँ आउऔऔअ ईईईइ फिर मैंने एक साथ दो उंगलिया डाल दी और फिर अपनी तीसरी ऊँगली भी घुसा दी. वो एकदम से बहुत जोर से चिल्लाई.. माँ आआआआआ मर गयी मैं.. फिर मैंने उसकी चूत चाटी और वो अपने हाथो से मेरे सिर को अपनी चूत में दबा रही थी. फिर हम दोनों ६९ की पोजीशन में आ गए और वो मेरा लंड किसी प्रोफेशनल की तरह चाट रही थी और चूस रही थी. फिर मैंने उसकी दोनों टांगो को कंधे पर रख लिया उसकी चूत पर लंड रखा. वो बोलने लगी.. फक मी…फक मी… फक मी हार्ड… जोर से करो… यू अरे सो स्ट्रोंग.. फिर मैंने लंड पर एक धक्का दिया. उसके पहले चुदे होने की वजह से मुझे ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी बट मेरा लंड आयुष के लंड से बड़ा और मोटा था.. तो वो चिल्लाने लगी.
फिर मैं ने बिलकुल भी रहम नहीं किया और उसे तुरंत ही चोदना शुरू कर दिया. वो दर्द से रोने लगी थी बट मैंने उसको इग्नोर कर दिया और धक्को की बरसात कर दी. कुछ समय बाद.. उसे भी मज़ा आने लगा और वो फिर से चिल्लाने लगी अहहाह अहहः अहहाह अहहः.. मेरी चूत फाड़ दी उईईई माँ आआआआआआआ फक मी हार्ड.. फक मी… मुझे जोर से चोद हरामी… मैंने उसको करीब २० मिनट तक चोदा और फिर मैं झड़ गया. इस बीच वो भी ३ बार झड़ चुकी थी. मेरा लंड पस्त पड़ गया और फिर मैंने उसके बूब्स को चुसना शुरू कर दिया. मेरा लंड में फिर से जोश आने लगा और वो फिर पूरा कड़क होकर तन्न गया था. अब मैंने उसे डोग्गी स्टाइल में लिया और लंड उसकी गांड पर रख दिया. वो मना करने लगी और कहने लगी – उसने कभी गांड नहीं मरवाई है. बट नहीं माना और मैंने लंड को उसकी गांड में डाल दिया. वो बहुत जोर से चिल्लाई. मैंने अपने आप को रोका और कुछ देर इंतज़ार किया, कि उसको कुछ आराम मिल सके. कुछ देर बाद, मैंने उसको फिर से धक्के मारना शुरू कर दिया और मेरा बचपन से उसकी गांड मारने का सपना पूरा हो गया था. फिर कुछ देर बाद, मैं उसकी गांड में झड़ गया और उसकी गांड का छेद मेरे वीर्य से पूरी भर गयी थी.
फिर मैं उठा और मैंने अपने कपड़े पहने और फिर मैंने आयुष को बुलाया. मैंने ईशा को चोदने से पहले आयुष को कमरे से बाहर भेज दिया था. फिर मैंने उन दोनों से कहा, कि मैं तुम दोनों के बीच की बात किसी को नहीं बताऊंगा. फिर मैंने ईशा को किस किया और उसके दूध दबा दिए. फिर मैंने उसको थैंक्स बोला. फिर मैंने उसको अपने साथ लिया और उसके बस स्टॉप पर उसको ड्राप कर दिया. उसके बाद तो ईशा को मेरे लंड भा गया और हम दोनों ने कई बार अलग – अलग तरीके से चुदाई का मज़ा लिया. वो कहानी अगली बार. तो दोस्तों, कैसी लगी.. आपको मेरे चुदाई की कहानी.. मुझे प्लीज अपने कमेंट में बताना…
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