FUN-MAZA-MASTI
वो मुझ से काफी छोटी थी
हेलो दोस्तों, मेरा नाम मुकेश है और मैं पंजाब का रहने वाला हु. मेरे घर में मेरे माँ डेड और मैं हु. अभी तो मैं जॉब करता हु, बट ये जो कहानी है वो २०१० की है, जब मैं स्कूल में था. मेरी जून की छुट्टिय आने वाली थी और मेरे विलेज में शादी थी. मेरे माँ डेड नहीं जा रहे थे, तो मैं अकेला ही यूपी निकल गया. पहले बार अकेले ट्रेन में सफ़र कर रहा था. मुझे उन दिनों सेक्स करने का बहुत शौक था.. मेरा दिल बहुत करता था. मेरे सभी दोस्तों की गर्लफ्रेंड थी, सब मजे लेते थे. लेकिन मैं अभी तक सिंगल ही था. इस बार मैंने सोच रखा था, कि कोई ना कोई लड़की को पटाना है. मैं अपने मामा के यहाँ गया और वहां मेरे एक दूर के मामा की शादी थी, शादी में सब लोग आये हुए थे. और एक – एक माल लड़की भी आई हुई थी.
शादी का फंशन चल रहा था, मैंने बहुत ट्राई किया वहां आई लडकियों पर. मैं इस लाइन में नया था. इसलिए मुझे लडकियों को पटाने का सही तरीका नहीं आता था. ऐसे शादी बीत गयी और एक भी लड़की को मैं पटा नहीं पाया. अब मैं बोर होने लगा था, तो मामा ने कहा, कि गाँव वाले घर में चले जा, नाना – नानी के पास. वो लोग वहां अकेले ही रहते है. मैंने कहा – मैं अकेले क्या करूँगा वहां? तभी मेरी मौसी वहां आई और उन्होंने कहा, कि तेरी छोटी बहन यहीं मौसी की लड़की जो हॉस्टल में थी आ रही है ५ -६ दिनों के लिए. तू उसे भी अपने साथ गाँव ले जा. मौसी की लड़की का नाम कुकी है और हम दोनों गाँव आ गये. वहां पर मैं सब से मिला और १ दिन गुजर गया. मैं उदास था, क्योंकि इस बार भी मैं एक भी लड़की को नहीं पटा पाया और अभी तक कुछ भी नहीं कर पाया था. कुकी हर वक्त मेरे साथ ही रहती थी और खेलती रहती थी. वो मुझ से काफी छोटी थी.
अगले दिन मैं बाहर बैठा हुआ था, तभी मेरा ध्यान कुकी की तरफ गया. उसने ब्लैक कलर की टॉप और रेड कलर की शॉर्ट्स पहनी हुई थी. वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी. मैंने उसके छोटे – छोटे बूब्स देखे, जो टॉप्स के ऊपर से साफ़ दिख रहे थे. उसकी गांड और टाँगे भी मस्त दिख रही थी. मैंने सोचा, कि कुकी भी तो लड़की है.. चाहे छोटी है, लेकिन है तो लड़की ही. कुकी बहुत सुंदर थी और एकदम गोरी. बस मैंने उस वक्त प्लं बनाया, कि ये ही सही मौका है. क्योंकि हमारा गाँव का घर बहुत बड़ा है और सिर्फ नाना – नानी ही वहां रहते है. अब मैंने कुकी की चुदाई करने का मन बना लिया था. अगले दिन जब कुकी नहा रही थी, तो मैं उसको चुपके से देख रहा था. वो एकदम नंगी थी और उसकी गांड बहुत ही सेक्सी थी.. चूत बहुत छोटी सी थी एकदम सील बंद और बूब्स छोटे – छोटे थे.
वो तैयार होकर आई और मेरे साथ बैठ गयी. मैंने प्लानिंग की हुई थी पहले से ही, कि मुझे क्या करना है और कुकी को कैसे गरम करना है? मेरे मोबाइल में उस वक्त सेक्स क्लिप पड़ी हुई थी. उस वक्त नोकिया के कैमरे वाले मोबाइल चले ही थे. वो मेरे मोबाइल पर रोज़ गाने सुनती थी और आज मैंने जान कर उसको विडियो का फोल्डर करके दे दिया. उसने वो क्लिप प्ले कर दी और देखने लगी. वो शरमा रही थी. मैंने कहा – क्या हुआ? उसने कहा – ये सब क्या है? मैंने कहा – ये सब सेक्स का खेल होता है. जोकि एक लड़का और लड़की मिलकर खेलते है. इस मैं बहुत मज़ा आता है. वो चुप रही और फिर मैंने कहा, कि बड़े लोग खेलते है इसे सिर्फ. लेकिन बच्चे भी इसको चुपचाप छुप – छुप कर खेल सकते है. मैं उसको एक कमरे में लेकर गया और अपना लंड निकाल कर दिखाया. वो देख रही थी और शरमा भी रही थी. मैंने कहा – इसको लंड कहते है. अब चलो तुम दिखाओ.. तो वो हसने लगी और मैंने कहा – तुम्हारे पास लंड नहीं है. जो तुम्हारे पास है उसको चूत कहते है.
मैंने उसकी पेंट उतारी और उसको बेड पर लिटा दिया और फिर उसकी कच्छी उतार दी. मेरे सामने एक छोटी बच्ची की चूत थी. मैं उसको चूसने लगा और वो डर रही थी. तभी किसी के आने की आवाज़ आई और मैंने उसको कपड़े पहनाये और चला गया. मैं बाज़ार गया और कंडोम ले आया. रात हो गयी थी और हम रोज़ रात को नीचे सोते है और आज मैंने नाना – नानी से कहा, कि आज रात हम दोनों ऊपर वाले कमरे में सोने वाले है और फिर मैं कुकी को लेकर ऊपर वाले कमरे में चले गया. रात होने का इंतज़ार किया. उसको भी नीद नहीं आ रही थी. मैंने कहा – चल चुदाई वाला खेल खेलते है. उसने भी हाँ में सिर को हिला दिया. रात हो गयी थी. मैंने बेडरूम का दरवाजा बंद किया और पूरा नंगा हो गया. अब मैंने उसके कपड़े भी उतारने चालू कर दिए और वो कुछ भी नहीं बोल रही थी. उसने वाइट कलर की कच्छी पहनी हुई थी. मैंने उसका टॉप उतारा और कुकी के बूब्स को अब मैं चूसने लगा. कुकी भी आँखे बंद करके मजे ले रही थी.
अब मैं उसकी चूत को चाट रहा था और उसकी चूत में से पानी निकल रहा था. कुकी के साथ किस्सिंग स्टार्ट की और मैं उसके होठो को चूस रहा था. मैंने उसको अपना लंड चूसने को बोला, तो वो डरने लगी. फिर उसने थोड़ा सा लंड चूसा और हम दोनों अब एकदम पति – पत्नी की तरह सेक्स कर रहे थे. मानो की किसी का डर ना हो. फिर मैंने अपने लंड पर कंडोम चड़ाया और उसकी चूत पर तेल लगाया. और फिर मैंने उसकी चूत में अपना लंड डालना शुरू किया. कुकी की चूत बहुत ही छोटी सी थी और बहुत ज्यादा टाइट थी. मैंने बड़े आराम से धीरे – धीरे अपना लंड कुकी की चूत में डाला. उसको पहले ही बोला दिया था, कि दर्द होगा. तू चीखना मत. उसको दर्द हो रहा था. मेरा आधा लंड उसकी चूत में जा चूका था और वो बोल रही थी. भैया बस करो.. और नहीं… मैंने कहा – अभी तो चुदाई शुरू भी नहीं हुई है. अब मैंने और थोड़ा जोर से धक्के मार कर कुकी की चुदाई शुरू की. मैंने अब अपने लंड को अन्दर बाहर करना शुरू किया. क्या बताऊ दोस्तों, कितना मज़ा आ रहा था.
साथ – साथ में, मैं अपनी छोटी बहन के बूब्स भी चूस रहा था. फिर मैं ने पोजीशन चेंज की बट हम दोनों को ही सेक्स कोई एक्सपीरियंस नहीं था. इसलिए एक ही पोजीशन में सेक्स कर रहे थे. मैं झड़ गया था और फिर उसको किस करता रहा. मैंने कंडोम निकाल दिया और फिर सेक्स करने लगा. कुकी की गांड भी मारने की कोशिश की. पर नहीं कर पाया. फिर मैंने कुकी को टेबल पर लिटा दिया और खूब चोदा. मेरा लंड बिलकुल अन्दर तक जा चूका था और मुझे लग रहा था, कि मेरा लंड उसकी चूत में फस चूका है. लेकिन मैंने अपनी गांड का पूरा जोर लगा दिया और अपने लंड को मस्ती में अन्दर बाहर कर रहा था. अब वो भी शांत कर अपनी गांड हिला रही थी और मस्ती में मेरे धक्को का जवाब अपनी गांड को हिलाकर दे रही थी. उसकी आवाज़े और सिस्कारिया पुरे कमरे में गूंज रही थी और मस्ती में उसका मचलता हुआ शरीर मेरा जोश बड़ा रहा था. मैंने उसको मस्ती में पकड़ा हुआ था और मैं उसके कामुक गरम अंगो को मसल रहा था और उसको चोद रहा था. मैंने उसकी गांड पर भी अपना लंड रखा और एक धक्का मारा. लेकिन उसकी गांड उसकी चूत से भी ज्यादा टाइट थी और १० मिनट की कोशिश के बाद भी जब मैं अपना लंड अन्दर नहीं घुसा पाया, तो उसकी गांड मारने का विचार त्याग दिया और उसकी चूत पर ही टूट पड़ा.
मैंने पूरी रात जमकर उसकी चुदाई की और फिर हम ऐसे हो सो गए. सुबह जब उठे, तो हमारी पहली सुहाग रात पूरी हो चुकी थी. हमने कपड़े पहने और मैं वहां ४ दिन रहा और मैंने कुकी की रोजाना चुदाई की. फिर हमने एक दुसरे को अलविदा कहा और उसकी समझा दिया, कि हम दोनों के बीच जो भी हुआ, वो किसी को मत बताना. फिर लास्ट इयर २०१४ में फेसबुक पर मुझे मिली और मैंने उसकी फोटो देखी. वो और भी सेक्सी हो गयी थी. मैंने उसको फ़ोन किया और उससे मुझे लगा, कि वो सब कुछ भूल गयी है. लेकिन उसे सब कुछ याद था और अब उसका बॉयफ्रेंड भी है और वो उसके मजे लेता है और उसकी चुदाई भी करता है. उसने मुझे कहा, कि मैं ही उसका पहला सेक्स टीचर हु और उसे मेरे साथ किया सेक्स का हर लम्हा याद है और वो उस लम्हे को फिर से जीने के लिए तड़प रही है. अब वो दिल्ली में स्टडी कर रही है और इस साल मैं उस से फिर से मिलने जा रहा हु. वो फिर से मेरे साथ सेक्स करने के लिए तैयार है. दोस्तों, वो कहानी मैं आपको फिर कभी जरुर बताऊंगा. अगर मैं उसको चोद पाया तो. थैंक्स.. कहानी पढ़ने के बाद.. मुझे अपने विचार जरुर बताये अपने कमेंट्स में.
वो मुझ से काफी छोटी थी
हेलो दोस्तों, मेरा नाम मुकेश है और मैं पंजाब का रहने वाला हु. मेरे घर में मेरे माँ डेड और मैं हु. अभी तो मैं जॉब करता हु, बट ये जो कहानी है वो २०१० की है, जब मैं स्कूल में था. मेरी जून की छुट्टिय आने वाली थी और मेरे विलेज में शादी थी. मेरे माँ डेड नहीं जा रहे थे, तो मैं अकेला ही यूपी निकल गया. पहले बार अकेले ट्रेन में सफ़र कर रहा था. मुझे उन दिनों सेक्स करने का बहुत शौक था.. मेरा दिल बहुत करता था. मेरे सभी दोस्तों की गर्लफ्रेंड थी, सब मजे लेते थे. लेकिन मैं अभी तक सिंगल ही था. इस बार मैंने सोच रखा था, कि कोई ना कोई लड़की को पटाना है. मैं अपने मामा के यहाँ गया और वहां मेरे एक दूर के मामा की शादी थी, शादी में सब लोग आये हुए थे. और एक – एक माल लड़की भी आई हुई थी.
शादी का फंशन चल रहा था, मैंने बहुत ट्राई किया वहां आई लडकियों पर. मैं इस लाइन में नया था. इसलिए मुझे लडकियों को पटाने का सही तरीका नहीं आता था. ऐसे शादी बीत गयी और एक भी लड़की को मैं पटा नहीं पाया. अब मैं बोर होने लगा था, तो मामा ने कहा, कि गाँव वाले घर में चले जा, नाना – नानी के पास. वो लोग वहां अकेले ही रहते है. मैंने कहा – मैं अकेले क्या करूँगा वहां? तभी मेरी मौसी वहां आई और उन्होंने कहा, कि तेरी छोटी बहन यहीं मौसी की लड़की जो हॉस्टल में थी आ रही है ५ -६ दिनों के लिए. तू उसे भी अपने साथ गाँव ले जा. मौसी की लड़की का नाम कुकी है और हम दोनों गाँव आ गये. वहां पर मैं सब से मिला और १ दिन गुजर गया. मैं उदास था, क्योंकि इस बार भी मैं एक भी लड़की को नहीं पटा पाया और अभी तक कुछ भी नहीं कर पाया था. कुकी हर वक्त मेरे साथ ही रहती थी और खेलती रहती थी. वो मुझ से काफी छोटी थी.
अगले दिन मैं बाहर बैठा हुआ था, तभी मेरा ध्यान कुकी की तरफ गया. उसने ब्लैक कलर की टॉप और रेड कलर की शॉर्ट्स पहनी हुई थी. वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी. मैंने उसके छोटे – छोटे बूब्स देखे, जो टॉप्स के ऊपर से साफ़ दिख रहे थे. उसकी गांड और टाँगे भी मस्त दिख रही थी. मैंने सोचा, कि कुकी भी तो लड़की है.. चाहे छोटी है, लेकिन है तो लड़की ही. कुकी बहुत सुंदर थी और एकदम गोरी. बस मैंने उस वक्त प्लं बनाया, कि ये ही सही मौका है. क्योंकि हमारा गाँव का घर बहुत बड़ा है और सिर्फ नाना – नानी ही वहां रहते है. अब मैंने कुकी की चुदाई करने का मन बना लिया था. अगले दिन जब कुकी नहा रही थी, तो मैं उसको चुपके से देख रहा था. वो एकदम नंगी थी और उसकी गांड बहुत ही सेक्सी थी.. चूत बहुत छोटी सी थी एकदम सील बंद और बूब्स छोटे – छोटे थे.
वो तैयार होकर आई और मेरे साथ बैठ गयी. मैंने प्लानिंग की हुई थी पहले से ही, कि मुझे क्या करना है और कुकी को कैसे गरम करना है? मेरे मोबाइल में उस वक्त सेक्स क्लिप पड़ी हुई थी. उस वक्त नोकिया के कैमरे वाले मोबाइल चले ही थे. वो मेरे मोबाइल पर रोज़ गाने सुनती थी और आज मैंने जान कर उसको विडियो का फोल्डर करके दे दिया. उसने वो क्लिप प्ले कर दी और देखने लगी. वो शरमा रही थी. मैंने कहा – क्या हुआ? उसने कहा – ये सब क्या है? मैंने कहा – ये सब सेक्स का खेल होता है. जोकि एक लड़का और लड़की मिलकर खेलते है. इस मैं बहुत मज़ा आता है. वो चुप रही और फिर मैंने कहा, कि बड़े लोग खेलते है इसे सिर्फ. लेकिन बच्चे भी इसको चुपचाप छुप – छुप कर खेल सकते है. मैं उसको एक कमरे में लेकर गया और अपना लंड निकाल कर दिखाया. वो देख रही थी और शरमा भी रही थी. मैंने कहा – इसको लंड कहते है. अब चलो तुम दिखाओ.. तो वो हसने लगी और मैंने कहा – तुम्हारे पास लंड नहीं है. जो तुम्हारे पास है उसको चूत कहते है.
मैंने उसकी पेंट उतारी और उसको बेड पर लिटा दिया और फिर उसकी कच्छी उतार दी. मेरे सामने एक छोटी बच्ची की चूत थी. मैं उसको चूसने लगा और वो डर रही थी. तभी किसी के आने की आवाज़ आई और मैंने उसको कपड़े पहनाये और चला गया. मैं बाज़ार गया और कंडोम ले आया. रात हो गयी थी और हम रोज़ रात को नीचे सोते है और आज मैंने नाना – नानी से कहा, कि आज रात हम दोनों ऊपर वाले कमरे में सोने वाले है और फिर मैं कुकी को लेकर ऊपर वाले कमरे में चले गया. रात होने का इंतज़ार किया. उसको भी नीद नहीं आ रही थी. मैंने कहा – चल चुदाई वाला खेल खेलते है. उसने भी हाँ में सिर को हिला दिया. रात हो गयी थी. मैंने बेडरूम का दरवाजा बंद किया और पूरा नंगा हो गया. अब मैंने उसके कपड़े भी उतारने चालू कर दिए और वो कुछ भी नहीं बोल रही थी. उसने वाइट कलर की कच्छी पहनी हुई थी. मैंने उसका टॉप उतारा और कुकी के बूब्स को अब मैं चूसने लगा. कुकी भी आँखे बंद करके मजे ले रही थी.
अब मैं उसकी चूत को चाट रहा था और उसकी चूत में से पानी निकल रहा था. कुकी के साथ किस्सिंग स्टार्ट की और मैं उसके होठो को चूस रहा था. मैंने उसको अपना लंड चूसने को बोला, तो वो डरने लगी. फिर उसने थोड़ा सा लंड चूसा और हम दोनों अब एकदम पति – पत्नी की तरह सेक्स कर रहे थे. मानो की किसी का डर ना हो. फिर मैंने अपने लंड पर कंडोम चड़ाया और उसकी चूत पर तेल लगाया. और फिर मैंने उसकी चूत में अपना लंड डालना शुरू किया. कुकी की चूत बहुत ही छोटी सी थी और बहुत ज्यादा टाइट थी. मैंने बड़े आराम से धीरे – धीरे अपना लंड कुकी की चूत में डाला. उसको पहले ही बोला दिया था, कि दर्द होगा. तू चीखना मत. उसको दर्द हो रहा था. मेरा आधा लंड उसकी चूत में जा चूका था और वो बोल रही थी. भैया बस करो.. और नहीं… मैंने कहा – अभी तो चुदाई शुरू भी नहीं हुई है. अब मैंने और थोड़ा जोर से धक्के मार कर कुकी की चुदाई शुरू की. मैंने अब अपने लंड को अन्दर बाहर करना शुरू किया. क्या बताऊ दोस्तों, कितना मज़ा आ रहा था.
साथ – साथ में, मैं अपनी छोटी बहन के बूब्स भी चूस रहा था. फिर मैं ने पोजीशन चेंज की बट हम दोनों को ही सेक्स कोई एक्सपीरियंस नहीं था. इसलिए एक ही पोजीशन में सेक्स कर रहे थे. मैं झड़ गया था और फिर उसको किस करता रहा. मैंने कंडोम निकाल दिया और फिर सेक्स करने लगा. कुकी की गांड भी मारने की कोशिश की. पर नहीं कर पाया. फिर मैंने कुकी को टेबल पर लिटा दिया और खूब चोदा. मेरा लंड बिलकुल अन्दर तक जा चूका था और मुझे लग रहा था, कि मेरा लंड उसकी चूत में फस चूका है. लेकिन मैंने अपनी गांड का पूरा जोर लगा दिया और अपने लंड को मस्ती में अन्दर बाहर कर रहा था. अब वो भी शांत कर अपनी गांड हिला रही थी और मस्ती में मेरे धक्को का जवाब अपनी गांड को हिलाकर दे रही थी. उसकी आवाज़े और सिस्कारिया पुरे कमरे में गूंज रही थी और मस्ती में उसका मचलता हुआ शरीर मेरा जोश बड़ा रहा था. मैंने उसको मस्ती में पकड़ा हुआ था और मैं उसके कामुक गरम अंगो को मसल रहा था और उसको चोद रहा था. मैंने उसकी गांड पर भी अपना लंड रखा और एक धक्का मारा. लेकिन उसकी गांड उसकी चूत से भी ज्यादा टाइट थी और १० मिनट की कोशिश के बाद भी जब मैं अपना लंड अन्दर नहीं घुसा पाया, तो उसकी गांड मारने का विचार त्याग दिया और उसकी चूत पर ही टूट पड़ा.
मैंने पूरी रात जमकर उसकी चुदाई की और फिर हम ऐसे हो सो गए. सुबह जब उठे, तो हमारी पहली सुहाग रात पूरी हो चुकी थी. हमने कपड़े पहने और मैं वहां ४ दिन रहा और मैंने कुकी की रोजाना चुदाई की. फिर हमने एक दुसरे को अलविदा कहा और उसकी समझा दिया, कि हम दोनों के बीच जो भी हुआ, वो किसी को मत बताना. फिर लास्ट इयर २०१४ में फेसबुक पर मुझे मिली और मैंने उसकी फोटो देखी. वो और भी सेक्सी हो गयी थी. मैंने उसको फ़ोन किया और उससे मुझे लगा, कि वो सब कुछ भूल गयी है. लेकिन उसे सब कुछ याद था और अब उसका बॉयफ्रेंड भी है और वो उसके मजे लेता है और उसकी चुदाई भी करता है. उसने मुझे कहा, कि मैं ही उसका पहला सेक्स टीचर हु और उसे मेरे साथ किया सेक्स का हर लम्हा याद है और वो उस लम्हे को फिर से जीने के लिए तड़प रही है. अब वो दिल्ली में स्टडी कर रही है और इस साल मैं उस से फिर से मिलने जा रहा हु. वो फिर से मेरे साथ सेक्स करने के लिए तैयार है. दोस्तों, वो कहानी मैं आपको फिर कभी जरुर बताऊंगा. अगर मैं उसको चोद पाया तो. थैंक्स.. कहानी पढ़ने के बाद.. मुझे अपने विचार जरुर बताये अपने कमेंट्स में.
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